दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके में रहने वाले प्रतीक (29) ने जब अपने घर  में सिया (25) के बारे में बताया तो मानो घर पर पहाड़ टूट पड़ा हो. सिया के बारे में सुनते ही प्रतीक के घरवाले खुद को दोतरफा चोट खाया महसूस करने लगे. सिया उन के अपने राज्य उत्तराखंड से नहीं थी, वह यूपी से तअल्लुक रखती थी. बड़ी बात यह कि वह जाति से भी अलग थी.

दरअसल, प्रतीक और सिया काफी समय से एकदूसरे से प्रेम कर रहे थे. साथ समय बिताते हुए दोनों के बीच आपसी अंडरस्टैंडिंग काफी अच्छी हो गई थी. दोनों ने शादी करने का फैसला किया. लेकिन उन दोनों के प्रेम संबंध और शादी के बंधन के बीच उन की जाति आड़े आ रही थी. जहां प्रतीक ऊंची जाति था वहीं सिया कथित नीची जाति की थी.

प्रतीक के घर में काफी हंगामा बरपा. शहरी रहनसहन होने के बावजूद जाति की खनक परिवार के कामों में शोर मचा रही थी. यह वही खनक थी, जिस में खुद की जातीय श्रेष्ठता का झठा गौरव ऊंचनीच के भेदभाव की नींव को सदियों से मजबूत कर रहा है. प्रतीक के घर में शादी के लिए नानुकुर हुई. ऐसे में सगेसंबंधी कहां पीछे रहने वाले थे. उन्होंने तो खासकर ताने मारने ही थे.

बात परिवार की इज्जत पर आ गई. लेदे कर परिवार की सहमति बनी कि यह शादी हरगिज नहीं होनी चाहिए. बारबार प्रतीक के समझने के बाद भी घर वाले नहीं माने तो अंत में दोनों ने सहमति बनाई और कोर्ट मैरिज कर ली.

फिलहाल वे परिवार से अलग अच्छी जिंदगी जी रहे हैं. लेकिन उम्मीद इसी बात की करते हैं कि एक दिन प्रतीक के मातापिता जरूर सिया को बहू के रूप में स्वीकार लेंगे.

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