‘‘सर,आज उस औनलाइन कंपनी में आप की मीटिंग है. उस के बाद दोपहर का खाना कंपनी के स्टाफ के साथ. हमारे गहनों को उन की वैबसाइट में डालने के सिलसिले में आज आप सौदा पक्का कर रहे हैं और दस्तखत भी करेंगे. यही आज का आप का प्रोग्राम है,’’ रामनाथ के निजी सचिव दया ने उन की डायरी को देख कर कहा और फिर संबंधित फाइल उन्हें दे दी.

रामनाथ ने उस फाइल को देख कर पूछा, ‘‘उस औनलाइन कंपनी की तरफ से कौन आ रहा है?’’ यह सवाल पूछते ही उन के मन में एक अजीब सा एहसास हुआ.

‘‘सर, पहले दिन से ही उस कंपनी की तरफ से हम से बातचीत करती आ रही वह लड़की प्रिया ही आएगी सौदा पक्का करने.’’

यह सुनते ही रामनाथ के मन में खुशी फैल गई. न जाने क्यों जब से प्रिया को पहली बार देखा या तब से रामनाथ का मन उस के प्रति आकर्षित हो गया था.

जब रामनाथ ने यह तय किया था कि वे एक अंतर्राष्ट्रीय औनलाइन कंपनी के साथ मिल कर अपने गहनों के व्यापार को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे तो 1 महीना पहले जब दया ने कहा था कि उस कंपनी की ओर से एक लड़की आई है तो रामनाथ ने उसे हलके में लिया था.

रामनाथ उस शहर के ही नहीं, बल्कि देश के सब से बड़े व्यवसायियों में से एक थे. उन की वार्षिक आय करोड़ों में थी. उन के कई सारे कारोबार हैं जैसे सैटेलाइट टीवी, दैनिक और मासिक पत्रिकाएं, सोने, हीरे और प्लैटिनम के गहने तैयार कर अपने ही शोरूम में बेचना, 3-4 फाइवस्टार होटल, रियल ऐस्टेट. खासकर उन के गहने ग्राहकों के बीच बहुत लोकप्रिय थे. यह देख कर रामनाथ ने अपने कारोबार को और आगे बढ़ाने के लिए औनलाइन व्यापार में दाखिल होने का निर्णय लिया. उसी सिलसिले में उस अंतर्राष्ट्रीय कंपनी की ओर से प्रिया को पहली बार देखा था.

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