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कमबख्त, घंटी बजती जा रही थी और वौइस मैसेज पर जा कर थम जाती, तो वह  झल्ला कर फोन काट देती. पता नहीं, डेविड फोन क्यों नहीं उठा रहा है, कुछ सोच कर उस ने फोन रख दिया. अपने दफ्तर के बालकनी में वह इधरउधर घूमने लगी. फिर सोचा, क्यों न मम्मीपापा को फोन करूं? रिंग जाने लगी लेकिन वहां भी कोई फोन नहीं उठा रहा था.

वह मन में सोचने लगी. यह क्या बात है, मैं इतनी बड़ी खबर बताना चाहती हूं और कोई फोन उठा ही नहीं रहा है. जब कोई बात नहीं होती तो घंटों बिना मतलब की बातें करते हैं और बारबार कहते हैं, ‘‘और बताओ क्या चल रहा है?’’

आज जब बात है तो कोई सुनने वाला नहीं है.

तभी जैनेटर कूड़ा उठाने के लिए आई और एक मुसकान के साथ में बोली, ‘‘हाउ आर यू?’’ अब तो मौली के पेट में गुड़गुड़ होने लगी और पेट में दबी बात बाहर आने के लिए छटपटाने लगी. आखिर में उस ने अपने को रोका और सिर्फ इतना ही बोल पाई, ‘‘गुड, ऐंड यू?’’ उस ने जवाब में अंगूठे और तर्जनी को मिलाया और एक वी शेप बनाते हुए अपने ठीकठाक होने का संकेत देते हुए ‘हैव ए नाइस डे...’ का रटारटाया संवाद कह कर चलती बनी.

उस ने सोचा कि अच्छा ही हुआ जो उसे कुछ नहीं बताया. नहीं तो सारा मजा किरकिरा हो जाता. वह अपनी मशीनी मुसकान के साथ मुबारकबाद देती और चली जाती. अपनी खास बात वह सब से पहले उन लोगों को बताना चाहती थी जो इसे उसी की तरह महसूस कर सकें.

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