Love Story in Hindi: अनुज और अनुजा एक ही दफ्तर में काम करते थे. साथसाथ काम करते हुए कब एकदूसरे की तरफ खिंचाव महसूस करने लगे, नहीं जान पाए. अब तो ऐसे लगता जैसे एकदूसरे को देखे बिना चैन नहीं आता. पूरा दिन औफिस में साथ रहने के बावजूद जब शाम को अपनेअपने घर जाते तो लगता मानो अभी तो मिले थे और अभी बिछड़ रहे हैं. आखिर एक दिन दोनों ने अपने प्यार का इजहार कर दिया. लगभग 1 साल तक उन के प्यार का पौधा फूलनेफलने लगा और प्यार में एक दिन वह सब कर बैठते हैं जो शादी के बिना करना गलत माना जाता है अर्थात अनुजा और अनुज केवल मन से ही नहीं तन से भी एकदूसरे के हो गए.
अनुजा अनुज के प्यार में इतनी पागल हो गई कि बिन शादी के ही अपनी अस्मत उस पर कुरबान कर दी. ‘‘अनुज मेरे मातापिता मुझ पर शादी के लिए ज़ोर दे रहे हैं. मुझे लगता है अब हमें भी इस बारे में सोचना चाहिए.’’ ‘‘अनुजा डियर, यह प्यार के बीच में शादी कहां से आ गई?’’ ‘‘लेकिन एक न एक दिन तो शादी करनी ही है न?’’ ‘‘मैं शादी में विश्वास नहीं करता. शादी तो बिना बात का झंझट है. एक ऐसा बंधन है जो इंसान को पूरी जिंदगी न चाहते हुए भी ढोना पड़ता है.’’ ‘‘तो क्या... तुम... तुम मुझ से शादी नहीं करोगे? क्या तुम मुझ से प्यार नहीं करते?’’ अनुजा ने आंखों में आंसू लाते हुए पूछा. ‘‘अनुजा... तुम ऐसा क्यों सोचती हो कि मैं तुम्हें प्यार नहीं करता. मैं तुम्हें अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता हूं.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
24 प्रिंट मैगजीन + डिजिटल फ्री

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- 24 प्रिंट मैगजीन के साथ मोबाइल पर फ्री
- डिजिटल के सभी फायदे