जब भी कोई म्‍यूचुअल फंड्स के बारे में बात करता है तो आपके दिमाग में सबसे पहले एक ही ख्‍याल आता है, कि क्‍या म्‍यूचुअल फंड रिस्‍की है? जिस तरह से आप घर में पैसे अलग-अलग जगह पर रखती हैं. ठीक उसी तरह से म्‍यूचुअल फंड की किसी एक स्‍कीम में ही सारे पैसे नहीं लगाने चाहिए. आपको अलग-अलग स्‍कीम में निवेश करना चाहिए अगर आप ऐसा करती हैं तो रिस्‍क कम हो जाता है.

प्रोफेशनल फंड मैनेजर

आप सोचती होंगी कि कैसे पता चले कि किस म्‍यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए और किसमें नहीं निवेश करना चाहिए. इसके लिए आपको टेंशन लेने की आवश्‍यकता नहीं है क्‍योंकि यह सब कुछ देखने का काम प्रोफेशनल फंड मैनेजर का होता है. उसके अनुभव से आपका रिस्‍क और भी कम होता है.

डायर्विसिफिकेशन

डायवर्सिफिकेशन यानि कि विविधीकरण के अंतर्गत निवेश करने से रिस्‍क कम हो जाता है. अलग-अलग जगह पर पैसों को निवेश करने से डर कम रहता है और नुकसान भी कम होता है. निवेश करने में रिस्‍क तो है, पर इस रिस्‍क को कम करना आसान भी है. म्‍यूचुअल फंड आपके पैसे को एक सुरक्षित कवर में छुपा कर रखते हैं.

अपनी जरुरतों के हिसाब से चुनाव करें

निवेश करने से पहले आप यह जान लें कि आपके निवेश का उद्देश्‍य क्‍या है? यदि निवेश की समयावधि चुने गए फंड के अनुरूप है तो आप खुद को बहुत छोटी अवधि के उतार-चढ़ाव से सुरक्षित रखती हैं. मान लीजिए, आपने किसी इक्‍वटी फंड में निवेश किया है तो आप छोटी अवधि के उतार-चढ़ाव से प्रभावित हो सकती हैं, लेकिन लंबी अवधि में इस बात की काफी संभावना है कि आपको इक्‍वटी से जुड़े दीर्घकालीन प्रतिफल हासिल हों.

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