Tailoring Benefits : हाथों से सिलाई करना एक अच्छी स्किल है जिसे सीख कर आप भी इस कला में निपुण हो सकती हैं. वैसे भी कढ़ाई, बुनाई और सिलाई भारत की पारंपरिक कलाएं हैं, जिस में अधिकतर लड़कियां निपुण होती थीं. कुछ को तो बचपन से ही सिलाई, कढ़ाई व बुनाई की शिक्षा दी जाती थी, तो कुछ अपने शौक से सीखती थीं, जहां वे अपने कपड़ों को उस समय के फैशन व ट्रैंड को देखते हुए खुद से डिजाइन करती थीं.
हालांकि अब लोग रैडीमेड कपड़े ज्यादा खरीदने लगे हैं क्योंकि वे ज्यादा फैशनेबल होते हैं और उन की फिटिंग भी ज्यादा अच्छी होती है. लेकिन आजकल रील्स बनाने के इस दौर में लोग अपनी पुरानी साड़ी और लहंगों का मेकओवर खुद से कर एक नई ड्रैस तैयार कर लेते हैं, जिसे देख हर हाउसवाइफ का मन मचल जाता है कि काश, हमें भी सिलाई आती तो हम भी अपनी पुरानी ड्रैस से नई ड्रैस तैयार कर लेते.
सिलाई टाइमपास करने का भी एक अच्छा तरीका है. बस, सुई और धागे से आप कपड़े के 2 पीस को एकसाथ सिल सकती हैं, छेद को पैच कर सकती हैं और अलगअलग पैटर्न और यूनिक डिजाइंस भी तैयार कर सकती हैं. इसे सीखना बहुत आसान है और मजेदार भी. इसे हरकोई सीख सकता है.
इस के आलावा भी सिलाई करने के बहुत से फायदे हैं जैसेकि सिलाई करना एक ऐक्सरसाइज भी है. सिलाई के दौरान हाथों और उंगलियों की गति को नियंत्रित करना, धागे को खींचना और सुई को चलाना एक प्रकार की ऐक्सरसाइज है जो हाथों और कलाई की मसल्स को मजबूत बनाता है. इसलिए आइए, जानें सिलाई का काम और इस के फायदे :
सिलाई करने से कई लाभ हो सकते हैं
हाथों की मसल्स को मजबूत बनाना : सिलाई के दौरान हाथों और उंगलियों की गति को नियंत्रित करना एक प्रकार का ऐक्सरसाइज है जो हाथों और कलाई की मसल्स को मजबूत बनाता है.
उंगलियों की गतिशीलता में सुधार : सिलाई करने से उंगलियों की गतिशीलता में सुधार होता है, जिस से वे अधिक आसानी से और सटीक रूप से काम कर सकती हैं.
अध्ययनों से पता चला है कि जो लोग गठिया से पीड़ित हैं उन्हें भी सिलाई करने पर आराम मिलता है, क्योंकि बारबार उंगलियों से सिलाई करने पर जोड़ें नरम हो जाती हैं. जिस से जोड़ों के आसपास की मसल्स मजबूत होती हैं. इस से जोड़ों की सूजन और दर्द को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है.
हाथों और आंखों के कोऔर्डिनेशन को अच्छा बनाता है : सिलाई में सीधी और घुमावदार रेखाओं के साथ काटना और मशीन के काम करते समय कपड़े को संभालना शामिल है, इसलिए आप का फोकस भी अच्छा होता है. इस के अतिरिक्त यदि आप हाथ से कुछ सिलाई कर रही हैं, तो आप को अपने काम के साथ और भी अधिक तालमेल बैठाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, क्योंकि आप को इस बात की अतिरिक्त जानकारी होगी कि सुई को कहां रखना है और कपड़े के माध्यम से सुई को आगे बढ़ाने के लिए हाथों को एकसाथ काम करना होगा. जितना अधिक आप सिलाई करेंगी, उतना ही आप का हाथ और आंखों का समन्वय बेहतर हो सकेगा.
सिलाई के लिए जरूरी चीजें
सिलाई की चीजें : इंची टेप, कैंची टेलर, चौक, बुकरम सुई और धागे, स्केल, नोटबुक और पेन, प्रेस,
टेबल, कुरसी या स्टूल, रैक, कैंची, पिनकुशन और पिन, थिंबल, फैब्रिक, सिलाई मशीन वगैरह.
कैसे करें सिलाई
अगर आप चाहती हैं कि आप को कपड़े की कटिंग व सिलाई आनी चाहिए, तो आप कोर्स कर सकती हैं. कोर्स की अवधि 3 महीने से 6 महीने तक की है. किसीकिसी कालेज में 2 साल तक की अवधि का कोर्स भी है. आप पार्ट टाइम कोर्स भी कर सकती हैं या फिर चाहे तो आप औनलाइन भी सिलाई सीख सकती हैं. इस से आप को कपड़े की कटिंग, नपाई व सिलाई का अच्छा ज्ञान हो जाएगा. साथ ही आप कपड़ों में जो मैटीरियल लगा रही हैं उस के बारे में भी जानकारी मिल जाएगी. बस, आप को फैशन व ट्रैंड के प्रति अपडेट रहना आना चाहिए.
फटे कपड़े ऐसे सिलें
कटे या फटे भाग को सिलना ज्यादा मुश्किल नहीं है. बस, छेद के दोनों सिरों को एकसाथ अंदर की तरफ (उलटी साइड पर) दबाएं. एक सिलाई में किनारों को एकसाथ सिलें. छोटे टांके का इस्तेमाल करें (टांकों के बीच में कोई जगह न रखें) ताकि वे खुलें नहीं.