Sumbul Touqeer: डस्की कलर, सुंदर कदकाठी, विनम्र स्वभाव की टीवी अभिनेत्री सुंबुल तौकीर खान ने कैरियर की शुरुआत बतौर चाइल्ड ऐक्ट्रैस से की थी. इस के बाद उन्होंने रियलिटी शो ‘लिटिल मास्टर्स’ और ‘चंद्रगुप्त मौर्य’, ‘जोधा अकबर’, ‘वारिस’ आदि कई शो में काम किया है. सुंबुल टीवी सीरियल ‘इमली’ से सुर्खियों में आईं और घरघर पहचानी गईं.
इस के अलावा उन्होंने हिंदी शौर्ट फिल्म ‘घर की ज्योति’, ‘आर्टिकल 15’ में भी अभिनय किया है, जिस में आलोचकों ने उन के काम की बहुत तारीफ की.
मध्य प्रदेश के कटनी में जन्मीं सुंबुल के पिता तौकीर हसन खान एक टीवी कोरियोग्राफर हैं, यही वजह थी कि सुंबुल को बचपन से ही कला का माहौल मिला. 5 साल की उम्र से ही उन्होंने कई प्रकार के डांस सीखना शुरू कर दिया था. जब वह केवल 6 साल की थीं, उन के पेरैंट्स का तलाक हो गया था. बाद में पिता ने ही दोनों बेटियों को संभाला.
ऐक्टिंग स्किल्स और वर्सटाइल रोल्स से वाहवाही बटोरने वाली सुंबुल कम उम्र में ही बेहद पौपुलर हो गईं और एक लंबा सफर तय कर लिया. उन के इस सफर में कई बाधाएं और उतारचढ़ाव उन्हें अपने सांवले रंग के लिए देखने पड़े, जहां कई बार औडिशन देने के बाद भी औफर नहीं मिला, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आगे बढ़ीं.
इन दिनों वे सोनी सब पर धारावाहिक ‘इत्ती सी खुशी’ में मुख्य भूमिका अनविता दीवेकर की निभा रही हैं, जो कम उम्र में अपने भाईबहन को उन के शिक्षा, परवरिश, सुरक्षा आदि को संभाल रही है. उन के लिए यह भूमिका काफी चैलेंजिंग है. उन्होंने अपनी जर्नी के बारें में बात की. पेश हैं, कुछ खास अंश :
इस शो को करने की खास वजह के बारे में अनविता कहती हैं कि इस में मैं एक जिम्मेदारी वाली भूमिका निभा रही हूं, जिस से मैं अधिक रिलेट नहीं कर सकती, लेकिन मेरी छोटी बहन है और मैं उसे काफी हद तक संभालती हूं, प्रोटेक्ट करती हूं. यह चरित्र बाकी किसी भी मेरी भूमिका से अलग है. इस में मैं अपने लिए नहीं अपने भाईबहनों के लिए बहुत कुछ कर रही हूं. उन्हें कामयाब देखना चाहती हूं, ऐसे में मुझे अपने बारे में सोचने का अवसर नहीं मिल रहा है. यह मेरे लिए एक खास भूमिका है, जिस में मुझे अभिनय के कई शेड्स देखने को मिल रहे हैं. यह सैड शो नहीं लाइट हार्ट वाली, मजेदार शो है. इस में 5 अलगअलग उम्र के भाईबहनों के साथ अभिनय कर रही हूं. इस के लिए मैं ने कई वर्कशौप अटेंड किए हैं, क्योंकि हर उम्र के साथ बात करने का तरीका अलग है और मुझे इस बच्चा पार्टी के साथ काम करने में बहुत मजा आ रहा है.
हर शो है दिल के करीब
सुंबुल ने कई तरह की भूमिका निभाई है और हर शो को वे दिल के करीब मानती हैं. वे कहती हैं कि मैं पिछले 11 साल से अभिनय के क्षेत्र में काम कर रही हूं, लेकिन ‘इमली’ मेरी सब से अधिक दिल के करीब शो है, क्योंकि इस शो ने मुझे घरघर पहुंचाया और मेरा कैरियर भी इस शो के जरीए ही शुरू भी हुआ था. ‘इमली’ मेरे लिए एक स्पैशल शो है.
ऐक्टिंग नहीं था मेरा पैशन
सुंबुल कहती हैं कि मैं ने कभी अभिनय के क्षेत्र में आने के बारे में सोचा नहीं था, क्योंकि मैं एक डांसर थी और डांस में कैरियर बनाना चाहती थी, क्योंकि मैं ने 5 साल की उम्र से डांस सीखना शुरू किया था और कम उम्र से ही स्टेज परफौर्मेंस और रियलिटी शोज में भाग लेना शुरू कर दिया था. पिता मेरे इस हुनर को देख कर दिल्ली से मुंबई आ गए और मेरा पोर्टफोलियो बना कर सब जगह डाल दिया, क्योंकि वे चाहते थे कि उन की दोनों बेटियां कुछ बड़ा हासिल करें. 2 साल मैं ने जबरदस्ती ऐक्टिंग की, क्योंकि मुझे डांस करना था ऐक्टिंग नहीं. 2 साल बाद मुझे लगा कि अभिनय का क्षेत्र ऐसा है, जिस में यहां मैं सबकुछ कर सकती हूं और जिसे मैं नौर्मल लाइफ में कभी नहीं कर सकती. यहां आप को डांस, ऐक्शन, अलगअलग जिंदगियां जीने का मौका मिलता है. यह मेरे लिए एक गिफ्ट है और मुझे आगे इसे ही करना चाहिए.
हर व्यक्ति की पसंद अलग
टीवी शोज में परिवर्तन के बारे में सुंबुल का कहना है कि आज भी हर तरीके के शोज होते हैं और सभी को दर्शक कमोवेश मिल जाते हैं, क्योंकि यह पर्सन टू पर्सन निर्भर करता है. कुछ को किचन ड्रामा तो किसी को सासबहू वाली ड्रामा पसंद आती है. कुछ खास को रियल कहानियां अच्छी लगती हैं. मेरी शो रियल लाइफ से जुड़ी है, जिसे हम सब हर दिन फेस करते हैं, इसलिए सब को पसंद आ रही है.
रहती हूं काम पर फोकस्ड
आज की किसी भी शो का अचानक बंद होने को ले कर सुंबुल कहती हैं कि यह तो समस्या है, लेकिन मैं अपने काम पर पूरी तरह से फोकस्ड रहती हूं, क्योंकि मुझे पता है कि मेरे अधिक सोचने पर कुछ नहीं हो सकता. दर्शकों की पसंद इस में खास होती है.
समय मिलने पर
समय मिलने पर सुंबुल अपनी बिल्ली के साथ बैठी रहती हैं, क्योंकि उन्हें घर पर रहना अधिक पसंद है.
अपनी जर्नी के बारे में वे आगे कहती हैं कि मैं अभी तक अपनी जर्नी से बहुत खुश हूं, लेकिन आगे अभी बहुत काम करने हैं. हिंदी फिल्मों और वैब सीरीज में काम करने की कोशिश कर रही हूं, कुछ बड़ा काम मिलने पर अवश्य करना चाहूंगी, जो अभी तक मिला नहीं है.
इस प्रकार सुंबुल को यहां तक पहुंचने में काफी संघर्ष करना पङा, लेकिन वे अपने निर्णय पर अडिग रही हैं और आज यहां तक पहुंच पाई हैं.
उन के अनुसार, जिंदगी में मौके तभी मिलते हैं, जब आप उसे दिल से करना चाहते हैं और यह आज की नई पीढ़ी को भी समझना है, ताकि वे जीवन में उस काम को कर सकें, जिस के बारे में उन्होंने सोचा है.
Sumbul Touqeer