Minimalist Jewellery: रोजमर्रा की दौड़भाग अब पहले से कहीं अधिक है और इस में अच्छे दिखते रहना एक मुश्किल टास्क बन गया है. मगर स्टाइलिश दिखना तो हर कोई चाहता है खासकर के महिलाएं और इन्हीं महिलाएं के लिए मिनिमलिस्ट ज्वैलरी उन के स्टाइल का एक हिस्सा है.
मिनिमलिस्ट ज्वैलरी अपनेआप में एक स्टैटमैंट ज्वैलरी देखी, समझी जाती है. यह साइज में भले छोटी होती है लेकिन लुक हमेशा बोल्ड दिखता है. वर्किंग वूमन हो, कालेज की युवा लड़कियां हों या फिर हाउसवाइफ यह ज्वैलरी हर उम्र, हर वर्ग की महिला की खास पसंद बनती जा रही है. इस की मनमोहक डिजाइनें आंखों में बस जाती हैं. यह दिखने में जितनी सादी, सिंपल है इस का लुक उतनी ही आकर्षित. इस का यही आकर्षण इस की लोकप्रियता बढ़ाता जा रहा है.
अपनी किन खासीयतों से यह महिलाएं की पसंद बनती जा रही है, आइए जानते हैं:
फैशनेबल ऐंड ट्रेंडिंग: फैशन और ट्रेंड्स जितनी तेजी से बदल रहे हैं उतनी तेजी से तो मौसम भी नहीं बदलते. इसी फैशनेबल लाइफस्टाइल से ताल से ताल मिलाने में मिनिमलिस्ट ज्वैलरी एक साथी का काम करती है. इस का सिंपल रिच लुक हर ट्रेंड के साथ मैच कर जाता है और महिलाओं के स्टाइल को आउटडेटेड नहीं होने देता.
लाइट वैट: जब भी ज्वैलरी की बात करें तो दिमाग में भारीभरकम सैट ही ध्यान आते हैं. लेकिन मिनी ज्वैलरी ने इस भारीपन को हमारे दिमाग और बौडी से कम कर दिया है. यह ज्वैलरी कम धातु (सोना) में बनी होती है, जिस से इस का वेट बहुत हलका होता है. यह वेट में भले लाइट हो लेकिन इस का मशीन वर्क इसे ठोस बनाए रखता है.
पौकेट फ्रैंडली: सोनेचांदी के भाव जिस तरह आसमान छू रहे हैं, उसे देख तो ज्वैलरी लेना एक चुनौती ही बनती जा रही है. पहले बीते वर्षों में सोने की कोई भी ज्वैलरी जेब पर बहुत भारी पड़ती थी क्योंकि पहले हलके वेट वाली ज्वैलरी का मिलना बहुत मुश्किल होता था. लेकिन जब से मिनिमलिस्ट ज्वैलरी का चलन शुरू हुआ है यह समस्या काफी कम हो गई है. अब हर वर्ग की महिला अपनी जेब के अनुसार ज्वैलरी खरीद पाती है. कई बार तो युवा लड़कियां भी अपनी पौकेट मनी से कुछ पैसे बचाबचा कर इस ज्वैलरी को खरीदती देखी गई हैं, जोकि उन की आत्मनिर्भरता और बचत करने की समझ का अच्छा प्रतीक है.
क्वालिटी: इस ज्वैलरी को बनाने में भले ही धातु और कैरट कम हो लेकिन क्वालिटी अच्छी रहती है. समय के साथ इस का मोल सोने के और आभूषणों की तरह बढ़ता है.
गिफ्ट का बैस्ट औप्शन: मिमी ज्वैलरी गिफ्ट का एक बहुत अच्छा औप्शन बनती जा रही है. शादी, सगाई, जन्मदिन या अन्य मांगलिक कार्य हो भारत में तोहफे और आशीर्वाद के तौर पर ज्वैलरी देने का चलन पुराने समय से चलता आ रहा है. लेकिन यह चलन हर किसी की जेब में फिट हो जाए ऐसा जरूरी नहीं. तब इसी चलन को पूरा करने के लिए मिनिमलिस्ट ज्वैलरी एक बहुत अच्छा औप्शन है.
ईजी टू कैरी: यह ज्वैलरी जितनी पहनने में इजी है उतनी ही कैरी करने में भी. पहले किसी फंक्शन में दूर गांव जाना होता था तो ज्वैलरी को साथ ले जाना, रास्ते भर उसे संभालना बहुत आफत जान पड़ती थी लेकिन अब यह मिनी ज्वैलरी के साथ आसान है. इस के लिए कोई बड़ा बौक्स या पैकिंग की जरूरत नहीं पड़ती. छोटे से पाउच या पौकेट में फिट हो जाती है.
वर्किंग वूमन की पहली पसंद: पहले औफिस जाने वाली महिलाओं के लिए ज्वैलरी पहनना बहुत मुश्किल भरा था खासकर उन महिलाओं के लिए जो शादीशुदा होती थीं क्योंकि उस वक्त लाइट ज्वैलरी मिलती नहीं थी और औफिस में बड़े एवं चमकीले आभूषण पहन कर जाना फौर्मल नहीं दिखता था. इसी परेशानी का हल मिनिमलिस्ट ज्वैलरी ले आई है. इस का सिंपल ऐंड ऐलिगैंट लुक फौर्मल वियर के साथ बैस्ट फिट होता है और इसी वजह से वर्किंग वूमन की पहली पसंद बनती जा रही है.
न पहनने वालों के लिए भी: बहुत सी महिलाओं को ज्वैलरी पहनना भाता ही नहीं. फिर भी घर वालों के कहने पर या किसी इंपौर्टैंट फंक्शन पर उन्हें पहननी ही पड़ती है. उन महिलाओं के लिए यह बहुत ही अच्छा औप्शन है. इसे पहनना और कैरी करना उन के लिए बहुत आसान है.
मैच विद ऐव्री आउटफिट: मिनिमलिस्ट ज्वैलरी की डिजाइनें इतनी क्लीन और सुंदर होती हैं कि आप ने चाहे ऐथनिक पहना हो या कैजुअल अथवा पार्टी ड्रैस, यह ज्वैलरी हर आउटफिट के साथ मैच कर जाती है और आप की सुंदरता में चारचांद लगाती है. आप पार्टी अथवा फंक्शन या औफिस के किसी भी कोने में क्यों न खड़े हों इस की अनूठी डिजाइनें लोगों का ध्यान आप की ओर खींच ही लेती हैं.
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