Body Building: रोहित पायल के साथ फर्स्ट डेट पर गया था. डेट के शुरुआती पलों में ही वह इस कशमकश में पड़ गया कि डेट को जारी रखे या उठ कर चला जाए. उस की कशमकश की वजह थी पायल का चेहरा. एक तरफ तो रोहित पायल की फिट बौडी से अट्रैक्ट हो रहा था वहीं दूसरी ओर वह पायल के चेहरे पर नजर टिका नहीं पा रहा था. इसलिए नहीं कि पायल डस्की थी बल्कि इसलिए कि पायल का चेहरा उस के गले से कुछ अलग ही बयां कर रहा था. मतलब पायल के चेहरे की स्किन टोन उस के गले की स्किन टोन से अलग थी. यह आधाअधूरा मेकअप रोहित को बिलकुल नहीं भा रहा था. यों अधूरा मेकअप उसे एक बेढंगेपन का उदाहरण दिख रहा था.
डार्क, सांवली या डस्की स्किन वालों को हमेशा से अपने को ले कर एक संकोच रहा है. और वह संकोच है दूसरे से निम्न दिखने का. डस्की लड़कियां अपने रंग और बौडी को ले कर अकसर उल झन में पड़ी रहती हैं.
दरअसल, डस्की स्किन लड़कियों के सामने जो बहुत बड़ी समस्या होती है वह है एक तो मेकअप और दूसरा बौडी फिजिक.
मेकअप का डर: डस्की लड़कियां अपने रंग को ले कर इतनी उदासीन होती हैं कि मेकअप से दूर भागती हैं. डस्की होना उन्हें एक सैल्फ डाउट में डाले रहता है. उन्हें लगता है मेकअप उन के चेहरे पर खराब दिखेगा या मेकअप डार्क लड़कियों के लिए है ही नहीं. पहले जहां लोगों को डस्की होने पर छोटा या कम आंका जाता था आज उसी डस्की रंग का जोरशोर से प्रचार हो रहा है.
पहले जहां हर प्रचार में गोरी लड़कियां का बोलबाला था और उन्हीं के लिए मेकअप और ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाए जाते थे, वहीं आज दुनिया के सारे मेकअप और ब्यूटी ब्रैंड्स अब डस्की स्किन टोन के लिए भी कई सारे प्रोडक्ट्स बना रही हैं, साथ ही अपने प्रमोशनल शोज और विज्ञापनों में डस्की स्किन की मौडल्स को दिखा भी रही हैं. तो अब डस्की टोन चाहे गाढ़ी हो या फीकी, उसे निखारें. आज अपनी सांवली स्किन को निखारने के बहुत से रास्ते हैं और उन्हीं में एक है आप का मेकअप.
फिर भी बहुत सी सांवली या डस्की लड़कियां अपनी डस्की स्किन टोन की वजह से मेकअप करने में संकोच करती है या फिर करती भी हैं तो उसे प्रौपर लुक नहीं देतीं. सिर्फ चेहरे का मेकअप कर छोड़ देती हैं जो अधूरा मेकअप ही कहलाता है. उन्हें लगता है लोग तो सिर्फ चेहरे पर ही ध्यान देते हैं, जबकि ऐसा नहीं है. आप को हमेशा ही चाहे आप की स्किन टोन डार्क हो या फेयर अपना मेकअप कंप्लीट करना चाहिए.
अधूरा किया मेकअप एक तो आप के चेहरे से बाकी बौडी पार्ट की स्किन टोन से बेमेल रहेगा, ऊपर से देखने में भी अटपटा लगेगा. ऐसे में आप लोगों की अटैंशन तो पा लोगी लेकिन किसी सराहना के तौर पर नहीं बल्कि एक हासपरिहास के रूप में. इसलिए मेकअप करने से और उसे एक कंप्लीट लुक देने से पीछे न हटें. मेकअप तो बनाया ही आप की सुंदरता को और निखारने के लिए है. तो फिर खुद को और निखारने और आकर्षित रूप देने के लिए संकोच क्यों?
मार्केट में आज लगभग हर ब्रैंड चाहे वह छोटा हो या बड़ा, डस्की स्किन टोन के लिए हजारों प्रोडक्ट्स ले आए हैं जो हर डस्की टोन को ध्यान में रख कर बनाए गए हैं. डस्की स्किन के लिए वार्म टोन में कई सारे प्रोडक्ट्स मौजूद हैं. न्यूड शेड और ब्राउनिंश शेड में कई कलर्स आप को फाउंडेशन से ले कर कंसीलर, फेस पाउडर, ब्लश, लिपस्टिक हर प्रोडक्ट आसानी से मिल जाता है.
मेकअप प्रोडक्ट्स लेते समय हमेशा ध्यान रखें कि आप सही टोन और शेड ले रही हों. जैसे डार्क या सांवली स्किन टोन वालों को हमेशा वार्म टोन के शेड और न्यूट्रल टोन के कुछ शेड लेने चाहिए. अगर वे पिंक टोन के प्रोडक्ट्स यूज करेंगी तो उन की स्किन पर एक सफेद परत का मेकअप दिखेगा. इसलिए मेकअप प्रोडक्ट्स अपनी स्किन टोन को ध्यान में रख कर लें.
दूसरी समस्या बौडी फिजिक
बहुत सी डस्की लड़कियां अपनी स्किन टोन को ले कर ही इनती िझ झक में रहती हैं कि उन पर कौन सा रंग अच्छा लगेगा. कौन सा नहीं, कैसा दिखेगा, कैसा नहीं, कहीं कोई उलाहना न दे दे ऐसी बहुत बातों से उन्हें जू झना पड़ता है. मगर यह हर सांवली लड़की के लिए आम समस्या सी बन गई है. अधिक चिंता का विषय तो तब होता है जब यह रंग उन्हें अपने मन के किसी कैरियर का चुनाव करने से रोक रहा हो जैसेकि ऐक्टिंग और मौडलिंग. ऐक्टिंग, मौडलिंग में तो आज बहुत सी महिलाएं सांवले रंग के साथ ऊंचाइयां छू रही हैं. लेकिन बौडीबिल्डिंग. जी हां बौडीबिल्डिंग जहां लोगों का ध्यान आप की बौडी पर ही होता है.
एक तो बौडीबिल्डिंग को वैसे ही कैरियर के लिहाज से लड़कियों के लिए ठीक नहीं मानते. दूसरा अगर रंग सांवला हो तो जगहंसाई की और चिंता खाती है. बहुत सी डस्की लड़कियों का बौडीबिल्डिंग करने का मन होता है. लेकिन लोग क्या कहेंगे, के डर से कोशिश नहीं करतीं. उन्हें लगता है पहले तो उन का पक्का रंग और फिर उन की मस्कुलर बौडी उन्हें बौडी शेमिंग और जगहंसाई का पात्र न बना दे कि देखो एक तो लड़की और अब ऊपर से अपना काला जिस्म भी दुनिया को दिखा रही है, ऐसे भीमकाय शरीर से क्या ही जीत लेगी या अब तो यह और भी कुरूप दिखती है.
इन्हीं तानों के चलते वह इच्छा होते हुए भी अपनी बौडी पर वर्क नहीं करती, जबकि लड़कियों के लिए तो बौडीबिल्डिंग बहुत ही अच्छा चुनाव है. लेकिन कैसे? तो सब से पहले तो बौडीबिल्डिंग आप की बोंस और मसल को मजबूत तो करता ही है. साथ ही आप को एक फिट बौडी भी देता है. फैट जिस से आज लगभग हर महिला परेशान हो रही है वह आप की लाइफ से दूर हो जाएगा. जहां आज हर तीसरी लड़की वेट इशूज, पीसीओडी, हारमोनल प्रौब्लम्स से तकलीफ में है, बौडीबिल्डिंग आप को इन परेशानियों से बचा सकती है. आप की बौडी फिट ऐंड हैल्दी रहेगी. ये तो शारीरिक हैल्थ की बातें और फायदे हैं. मगर मानसिक या मैंटल हैल्थ का क्या?
बौडीबिल्डिंग सिर्फ एक फिट और मस्कुलर बौडी ही नहीं देती बल्कि माइंड भी फिट ऐंड फाइन करने में मदद करती है. बौडीबिल्डिंग एक चैलेंजिंग स्पोर्ट्स है. तो इस की तैयारी और सफलता आप को बहुत ही मैंटली स्ट्रौंग और कौन्फिडैंट बनाएगी, साथ ही आप में सैल्फ ऐस्टीम को भी बूस्ट करेगी. इस से आप लोगों के तानेबाने को नजरअंदाज करने और अपने गोल्स को पाने के लिए और मजबूत होती जाएंगी. आप की मस्कुलर बौडी आप में एक अलग कौन्फिडैंस पैदा करेगी जो आप के खुद के मन में स्वयं के लिए पैदा हुई हीन भावना को खत्म करेगा. आप का स्ट्रैस, ऐंग्जाइटी और डिप्रैशन दूर होगा. आप की सैल्फ इमेज भी डैवलप होगी और आप ऐंपावरड होंगी.
डस्की स्किन के साथ बौडीबिल्डिंग का ऐडवांटेज भी है जहां इन स्पोर्ट्स में फेयर स्किन वालों को अपनी बौडी मसल, शेप और कंट्रास्ट को दिखाने के लिए क्रीम और बौडी पौलिशिंग से बौडी टैन करनी पड़ती है क्योंकि मस्कुलर बौडी डार्क स्किन टोन पर और अच्छे से निखर कर दिखती है. तो आप को तो आप की डस्की स्किन से एक अच्छा ऐडवांटेज मिल रहा है, जिस से आप लोगों का ध्यान आकर्षित करने में दूसरों से आगे रहेंगी. आज बौडीबिल्डिंग में ऐसी बहुत सी सफल महिलाएं हैं जो डार्क स्किन की हैं. इसलिए डार्क स्किन लड़कियों को बौडीबिल्डिंग से कतराना नहीं चाहिए.
मीडिया, फैशन, स्पोर्ट्स ऐसी इंडस्ट्रीज हैं, जहां सारी जनता की नजरें सिर्फ आप की बौडी और ऐक्टिविटी पर रहती हैं. वहां आज ऐसी बहुत सी कामयाब महिलाएं है जिन का रंग डार्क या कहें सांवला है. जिन्होंने लोगों की सोच, लोगों की बातों की परवाह न करते हुए अपने दिल की सुनी और केवल अपने लक्ष्य के बारे में सोचते हुए आगे बढ़ती रहीं.
डस्की होना कोई अवगुण या अयोग्य होने की बात नहीं. डस्की या सांवला रंग अगर इतना ही निम्न होता है तो उस की खूबसूरती को बयां करने लिए न तो हजारों गाने बनते और न गाए जाते. इसलिए मेकअप और बौडी वर्कसे न भागें.
आप को मेकअप करना है या नहीं. यह आप का निजी फैसला है लेकिन इच्छा होते हुए आप किसी डर से या हिचक के मेकअप न करें यह ठीक नहीं. किसी भी काम को पहली बार करने से पहले थोड़ी हिचक तो होती ही है, मगर हमेशा के लिए उस हिचक को अपना लेना खुद को कम करने जैसा ही है. ठीक वैसे ही बौडीबिल्डिंग या बौडी वर्क आप की अपनी चौइस है. लेकिन बौडी को फिट रखना आप की जिम्मेदारी. आप चाहे फेयर हों या डस्की, वर्किंग हो या गृहिणी. आप को अपनी बौडी फिजिक पर ध्यान देना चाहिए. अपने किसी संकोच के कारण अपनी भावनाओं या इच्छाओं को नकारना ठीक नहीं.
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