chronic illnesses: लंबे समय से बौलीवुड फिल्मों की कहानियों में बीमारियों का इस्तेमाल भावुक मोड़ देने के लिए होता रहा है, जैसे कैंसर, टीबी, हैजा जैसी जानलेवा बीमारियों का इस्तेमाल कहानी में भावुक मोड़ देने के लिए और कहानी को पेचीदा बनाने के लिए किया जाता रहा है, क्योंकि उस दौरान कैंसर और टीबी जैसी बीमारियों का कोई इलाज नहीं था. इसलिए फिल्म में भावुक मोड़ पैदा करने के लिए फिल्म के मुख्य पात्र को ऐसे ही खतरनाक बीमारियों से ग्रस्त साबित किया जाता था.

आनंद

राजेश खन्ना अभिनीत ‘आनंद’ फिल्म में फिल्म के हीरो राजेश खन्ना को कैंसर होता है और डाक्टर के अनुसार उन्हें 6 महीने का मेहमान बताया जताता है.

राजेश खन्ना का डायलौग फिल्म के आखिर सीन में, ‘बाबूमोशाय, जिंदगी और मौत ऊपर वाले के हाथ में है…’ एक ऐसा इमोशनल सीन था, जिस में राजेश खन्ना को मरते हुए दिखाया गया है.

अगर वास्तविक जिंदगी की बात करें तो राजेश खन्ना की मौत कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से ही हुई थी. उन दिनों की बौलीवुड की सब से खूबसूरत हीरोइन कहलाने वाली मधुबाला की मौत टीबी जैसी जानलेवा बीमारी से हुई थी,

क्योंकि तब कैंसर और टीवी का कोई इलाज नहीं था. इसलिए पुरानी फिल्मों में भी ऐसी ही बीमारियों का जिक्र होता था.

दुश्मन

साल 1939 में केएल साहगल की फिल्म ‘दुश्मन’ में पहली बार टीबी की बीमारी को संवेदनशील तरीके से दर्शाया गया था. इस फिल्म को देखने मुंबई के गवर्नर पहुंचे थे. इस के बाद ‘देवदास’, ‘बंदिनी’ और ‘लुटेरा’ जैसी फिल्मों में टीबी के बीमारी का जिक्र किया गया.

लेकिन जैसेजैसे समय बदला लोग अपने स्वास्थ्य की तरफ जागरूक हुए. उस के बाद अन्य कई बीमारियों का पता चला जिस का नाम तक लेना मुश्किल होता है, जैसे पार्किसन, अल्जाइमर, सोरायसिस, आदि.

आज के समय में लोग अपने स्वास्थ्य को ले कर इतने ज्यादा जागरूक हैं कि शरीर में कोई भी बदलाव या तकलीफ होने पर न सिर्फ डाक्टर के पास जाते हैं, बल्कि टेस्ट वगैरह करा के बीमारी का पता लगा कर उस का इलाज भी करवा लेते हैं.

आज मैडिकल साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है कि तकरीबन हर बीमारी का इलाज है, भले ही खतरनाक बीमारियां पूरी तरह से खत्म न हो पाएं लेकिन उन को बेहतर इलाज के साथ रोका जरूर जा सकता है.

बदलते समय के साथ फिल्मों की कहानियों में भी बीमारी दर्शाने को ले कर बड़ा बदलाव आया और कई फिल्मों में कहानियों के जरीए कई सारी अतरंग बीमारियों का पता चला.

सैयारा

हाल ही में रिलीज और सुपरहिट हुई फिल्म ‘सैयारा’ में हीरोइन को अल्जाइमर बीमारी से ग्रस्त बताया गया, जिस में वह एक समय में अपनी सारी बातें भूल जाती है. वर्तमान की बातों के अलावा पुरानी कोई बात उसे याद नहीं रहती.

सितारे जमीं पर

इसी तरह आमिर खान की फिल्म ‘सितारे जमीं पर’ की कहानी डाउन सिंड्रोम बीमारी पर आधारित है, जो मानसिकतौर पर विकलांग बच्चों की कहानी है.

तनवी द ग्रेट

हाल ही में रिलीज ‘तनवी द ग्रेट’ की कहानी औटिज्म बीमारी से ग्रस्त है.

तारे जमीं पर

इसी तरह आमिर खान की एक और फिल्म ‘तारे जमीं पर’ ऐसे बच्चों की कहानी थी जो डिस्लेक्सिया से पीड़ित होते हैं. ऐसे बच्चों को पढ़ाई करने में तकलीफ होती है, क्योंकि उन्हें पढ़ाई के दौरान अक्षर ठीक से समझ में नहीं आते.

पा

अमिताभ बच्चन अभिनित फिल्म ‘पा’ की कहानी एक ऐसे बच्चे की कहानी है जो प्रोजेरिया नाम की बीमारी से पीड़ित है. ऐसी बीमारी से पीड़ित बच्चा अपनी उम्र से 5 गुना ज्यादा नजर आता है और उस के सिर और कान जरूरत से ज्यादा बड़े होते हैं.

बर्फी

रणबीर कपूर और प्रियंका चोपड़ा अभिनीत फिल्म ‘बर्फी’ जो औस्कर के लिए भी भेजी गई थी, में प्रियंका चोपड़ा औटिज्म बीमारी से पीड़ित थी.

हिचकी

रानी मुखर्जी अभिनीत फिल्म ‘हिचकी’ में रानी मुखर्जी को टूरेट सिंड्रोम थी. इस बीमारी में ज्यादा हिचकियां आती हैं. यह एक न्यूरोलौजिकल कंडीशन होती है, जिस में बहुत ज्यादा पलकें झपकती हैं और लगातार हिचकियां आती हैं.

भूलभुलैया

अक्षय कुमार व विद्या बालन अभिनीत ‘भूलभुलैया’ जो एक हौरर कौमेडी फिल्म थी. इस फिल्म में विद्या बालन के किरदार को डिसोसिएटिव आइडेंटिटी डिसऔर्डर की मानसिक बीमारी से ग्रस्त बताया गया. विद्या बालन के किरदार को मल्टीपल्स पर्सनैलिटी डिसऔर्डर होता है, जो एक मानसिक बीमारी है.

मार्गेरीटा विद अस्ट्रा

इसी तरह फिल्म ‘मार्गेरीटा विद अस्ट्रा’ में कल्कि कोचलीन को  सेरेब्रल पाल्सी बीमारी होती है, जि में सामान्य गतिविधियों के साथ भी संघर्ष करना पड़ता है.

गुजारिश

रितिक रोशन और ऐश्वर्या राय बच्चन अभिनीत फिल्म ‘गुजारिश’ में रितिक रोशन चतुरंगघाती बीमारी से पीड़ित बताया है, जिस का शरीर बेजान होता है और वह दूसरों पर निर्भर रहता है.

माई नेम इस खान

शाहरुख खान अभिनीत ‘माई नेम इस खान में’ शाहरुख खान को एस्परगर सिंड्रोम का मरीज बताया गया है.

फिर मिलेंगे

सलमान खान और शिल्पा शेट्टी अभिनीत फिल्म ‘फिर मिलेंगे’ में शिल्पा शेट्टी को एड्स का मरीज बताया गया है.

गजनी

आमिर खान की फिल्म ‘गजनी’ जिस में आमिर को भूलने की बीमारी होती है, उन को एनट्रोग्रेड एमनेसिया से ग्रस्त बताया गया है.

गौरतलब है कि वास्तविक जिंदगी में और फिल्मों में कई सारी नई बीमारियों का इजाफा हुआ है. लेकिन खास बात यह है कि ज्यादातर बीमारियों का मैडिकल साइंस में इलाज है, जिस के चलते जहां पहले लोग कैंसर, टीबी जैसी बीमारियों में मर जाते थे, वैसा आज नहीं है. आज बड़ी से बड़ी बीमारी का इलाज है. फिल्मों में दिखाई गई बीमारियां दर्शकों को जागरूक करने के लिए अहम भूमिका भी निभाती हैं.

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