औनलाइन शौपिंग साइट पर आप लगभग हर चीज खरीद सकते हैं. त्योहारों के मौके पर तो फ्लीपकार्ट, स्नैपडील, अमेजन जैसी वैबसाइटों पर लोगों को ढेरों औफर मिल जाते हैं जैसे कुछ सामान खरीदने पर बोनस कूपन देना, सेल आउट लगाना, कैश देना आदि. इस के साथ ही रिप्लेसमैंट की वारंटी भी ग्राहकों को मिलती है. अगर कोई चीज खराब निकलती है, तो उसे वापस भी किया जा सकता है. यही कारण है कि लोग लोकल बाजारों की जगह औनलाइन शौपिंग को तरजीह दे रहे हैं. वैसे भी अब त्योहार शुरू हो गए हैं और उन के साथ औनलाइन सेल लगने का मौसम भी शुरू हो गया है. हाल ही में एसोचैम और ग्रांट थोरंटन के सहयोग से किए गए अध्ययन में भी पता चला है कि भारत में 2013 में जहां औनलाइन खरीदारी करने वालों की संख्या 2 करोड़ थी, वहीं 2016 तक इस संख्या के 4 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है, क्योंकि तब तक 2 करोड़ अतिरिक्त भारतीयों के पास इंटरनैट की सुविधा होगी. साथ ही भारतीय ई कौमर्स बाजार भी 2016 में बढ़ कर 8.5 बिलियन डौलर का हो जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में अभी तक 38 मिलियन यूजर्स ने औनलाइन खरीदारी की है.
मगर भारत में औनलाइन खरीदारी तो खूब की जा रही है, पर साथ ही औनलाइन चोरी भी खूब बढ़ी है. ट्रांजैक्शन से डिलिवरी तक लोग ठगे जाते हैं. इस की वजह यह है कि लोगों को औनलाइन शौपिंग करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इस की जानकारी कम है. इसलिए आइए जानें औनलाइन शौपिंग से जुड़ी महत्त्वपूर्ण जानकारी: प्राइज कंपेरिजन करें: औनलाइन शौपिंग में सभी साइटों पर कीमत कभी एकसमान नहीं होती. इसलिए जिस प्रोडक्ट को आप खरीदना चाहती हैं उसे लेने से पहले और कई वैबसाइट पर उस की कीमत की तुलना कर लें. हो सकता है कि दूसरी साइट पर वही चीज कम कीमत पर उपलब्ध हो. ब्राउजर ऐक्सटैंशन डाउनलोड करें: एकसाथ कई सारी औनलाइन शौपिंग साइटों को मैनुअल कंपेयर करना कठिन हो सकता है. लेकिन एक ब्राउजर ऐक्सटैंशन ऐसा है, जो सभी औनलाइन शौपिंग साइटों पर लाइव कंपेयर की सुविधा प्रदान करता है. इस का नाम है इस ऐक्सटैंशन को आप डाउनलोड कर सकती हैं. यह सभी ब्राउजरों के साथ काम करता है. यह औनलाइन शौपिंग करते समय सभी साइटों की डील को लाइव दिखाता है, साथ ही किस चीज का रेट कब कम था और कब ज्यादा, यह भी बताता है.
ऐप्स यूज करें: फ्लीप कार्ड, अमेजन जैसे कई बड़े वैब स्टोर के ऐप भी हैं, जो आप की अच्छी डील लेने में मदद करते हैं. कई बार उन के ऐप इंस्टौल करने पर वे कुछ प्रोडक्ट कम कीमत पर औफर करते हैं और साथ में और भी कई अच्छी डील देते हैं. कूपंस और प्राइज अपडेट: औनलाइन शौपिंग में बैस्ट डील सिर्फ प्रोडक्ट की अभी की कीमत पर निर्धारित नहीं होती, बल्कि घटनेबढ़ने वाली कीमत पर भी तय होती है. कूपंस, डिसकाउंट कोड्स को इस के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
प्रोम कोड और कूपन डिसकाउंट: अगर आप साइट्स पर सब से सस्ती डील ढूंढ़ना चाहती हैं, तो इस के लिए प्रोमो कोड और कूपन डिसकाउंट भी हैं. कई शौपिंग वैबसाइट ऐक्टिव कूपन कोड्स भी देती हैं. इस के अलावा वैबसाइटें अलगअलग शौपिंग वैबसाइटों द्वारा दिए जा रहे कैश बैक कूपन या फिर कूपन कोड की तुलनात्मक लिस्ट देती हैं. आप इन वैबसाइटों के साथ फ्री में रजिस्टर भी कर सकते हैं और वे नवीनतम डील के ईमेल आप को भेजती रहेंगी. इस से भी बैस्ट डील चुनी जा सकती है. कूपंस का फंडा भी समझिए: एक कूपन आप को कुछ वैबसाइटों पर कुछ प्रोडक्ट की खरीद पर पैसे बचाने में मदद कर सकते हैं, लेकिन अगर आप को अपनी पसंदीदा वैबसाइट पर कूपन नहीं मिल रहा तो इस के लिए गूगल में खोज करें. लेकिन कूपन तभी आप के पैसे बचाने में मदद कर सकता है जब आप को प्रोडक्ट खरीदने की जरूरत हो. लेकिन आप के पास एक कूपन है सिर्फ इसीलिए कोई भी चीज न खरीदें. कैशबैक लौयल्टी प्रोग्राम्स: अगर आप नियमित औनलाइन शौपिंग करते हैं, तो यह आप के लिए फायदे का सौदा भी हो सकता है. ‘कैश करो. इन’, ‘पेनी.इन’, ‘गो पैसा.कौम’ जैसी वैबसाइटें आप को इन पर हैल्थ और मैडिकल खर्च के फायदे भी देती हैं.
कैशबैक डिसकाउंट: जिस भी प्रोडक्ट को आप खरीद रही हैं उस में डिसकाउंट के अनुसार आप के पेड अमाउंट पर छूट मिलती है. इस के अलावा (क्कद्गठ्ठठ्ठ4द्घह्वद्य.द्बठ्ठ ड्डठ्ठस्र क्चड्डद्दद्दशह्वह्ल.ष्शद्व) जैसी कैशबैक के मैंबर वैबसाइट शौपिंग साइट पर चल रहे कैशबैक औफर्स का ब्योरा रखते हैं. इस से अच्छी डील चुनने में मदद मिलती है. औनलाइन शौपिंग साइटों की डिटेल लें: ग्राहकों को कम कीमत के लालच में किसी भी अनजान साइट से शौपिंग नहीं करनी चाहिए. जिस साइट से खरीदारी करनी है उस के बारे में सब कुछ पता कर के ही शौपिंग करें. साइट पर दिए गए अबाउट और एफएक्यू जैसे पेज पर भी जरूर विजिट करें. यहां पर साइट से जुड़ी जानकारी मिलेगी. इस के अलावा साइट पर या प्रोडक्ट पेज पर दिए गए रीडर्स कमेंट को भी अच्छी तरह पढ़ें. कमेंट से भी साइट की विश्वसनीयता का पता चलता है. साइट का सिक्योरिटी सिस्टम चैक करें: औनलाइन शौपिंग में सुरक्षा के लिहाज से देखें कि वैबसाइट का क्त्ररु द्धह्लह्लश्चह्य से शुरू हो. द्धह्लह्लश्चह्य में ह्य का मतलब सिक्योरिटी होता है. कौपीराइट मार्क देखें: वैबसाइट के होमपेज पर कौपीराइट मार्क भी जरूर देखें. कौपीराइट साल, मौजूद साल या 1 साल से ज्यादा पुराना न हो. वैबसाइट पर कस्टमर केयर का नंबर दिया है या नहीं, यह भी देखना जरूरी है.
शिपिंग औफर: कई साइटें आप को प्रोडक्ट लेने पर फ्री शिपिंग चार्ज की सुविधा भी देती हैं, जिस से प्रोडक्ट की कीमत और भी कम हो जाती है. अगर फ्री शिपिंग नहीं है, तो हमेशा प्रोडक्ट की कीमत शिपिंग चार्ज को जोड़ कर ही देखें, क्योंकि शिपिंग का खर्च भी आप की जेब पर ही पड़ेगा. फेसबुक के जरीए जुड़ें: कई वैबसाइटें अपना पेज फेसबुक पर भी बनाए होती हैं और अगर आप उस पेज को लाइक करती हैं तो जब भी औनलाइन सेल चल रही हो या उन साइटों का कोई स्पैशल औफर हो तो वे अपनी डील की जानकारी आप के फेसबुक अकाउंट पर जरूर देती हैं, इसलिए अपने फेसबुक अकाउंट के जरीए आकर्षक औफर से जुड़ें. क्रैडिट कार्ड कराएगा बल्लेबल्ले: कई वैबसाइटें विशेष क्रैडिट कार्ड की खरीद पर अतिरिक्त छूट या कैशबैक का औफर देती हैं, इसलिए उस का फायदा उठाएं. औनलाइन ट्रांजैक्शन: अपनी शौपिंग हमेशा नए ब्राउजर विंडो में ही करें. इस तरह आप का औनलाइन ट्रांजैक्शन ज्यादा सुरक्षित रहता है. औनलाइन ट्रांजैक्शन करती हैं तो अपने क्रैडिट कार्ड और नेटबैंकिंग का पासवर्ड समयसमय पर बदलती रहें. नया ईमेल ऐड्रैस बनाएं: कई शौपिंग वैबसाइट आप को अपनी डेली डील औफर करती हैं. इस के लिए ईमेल के जरीए उन की सदस्यता लेनी पड़ती है. इस के बाद वे रोज आप को अपनी बैस्ट डील के साथ प्रमोशनल मैटीरियल भी भेजती हैं. इस से आप का ईमेल बौक्स पूरा भर जाता है, इसलिए जरूरी है कि सदस्यता अपनी किसी नई मेल पर लें ताकि आप के काम का मेल हर वक्त भरा न रहे.
डिलिवरी के वक्त सावधान रहें: हाल ही में कई घटनाएं घटी हैं कि लोगों ने औनलाइन लैपटौप और्डर किया और जब बाद में पैकेट खोला तो उस में 2 बड़ेबड़े पत्थर निकले. ऐसी ही एक खबर थी कि एक व्यक्ति ने जूते और्डर किए और जब पैकेट खोला तो जूतों में मिट्टी लगी थी यानी वे यूज किए थे. इसलिए जब डिलिवरी बौय सामान देने आए तो उसे तुरंत जाने न दें, बल्कि उस के सामने ही पैकेट खोलें और जांचें. अगर आप को कोई गड़बड़ी मालूम पड़ती है तो डिलिवरी बौय के सामने ही उस सामान का स्नैपशौट लें और वीडियो बना लें. ऐसे में जब आप सामान का क्लेम करेंगी तो आप के केस को मजबूती मिलेगी. औनलाइन रिव्यू पढ़ें: किसी भी औनलाइन शौपिंग वैबसाइट पर अपने क्रैडिट कार्ड की जानकारी देने से पहले उस के बारे में लोगों के रिव्यू जरूर पढ़ें. कंपनी की शर्तों पर भी ध्यान दें: शौपिंग वैबसाइट क्व500 से ज्यादा खरीदारी पर ज्यादातर डिलिवरी को फ्री रखती हैं जिसे कस्टमर एक बड़ी सुविधा के रूप में देखता है. लेकिन कभीकभार फ्री डिलिवरी के साथ शर्तें भी लिखी होती हैं, जिन्हें कस्टमर तवज्जो नहीं देता यानी देख कर भी नहीं पढ़ता, जिस के कारण उसे अनजाने में अतिरिक्त पैसे चुकाने पड़ते हैं. कस्टमर को लुभाने के लिए ये चार्जेज पहले नहीं बताए जाते. साथ ही यह भी देख लें कि कंपनी वारंटी दे रही है या नहीं.