दूसरे पर आरोप लगाना जितना आसान है उतना ही मुश्किल है अपनी गलती स्वीकार करना. बिजनेस में कोई डील न हो पाए तो हम धोखेबाजी का आरोप लगा देते हैं, शेयर मार्केट में पैसे डूब जाएं तो भाग्य को कसूरवार ठहरा देते हैं, पर क्या वाकई सच्चाई भी यही होती है.
विशेषज्ञों की मानें तो हर बार भाग्य को दोष देने या दूसरों पर आरोप लगाने से कहीं बेहतर होगा कि हम अपनी उन आदतों को बदलने पर ध्यान दें जिनके चलते ये नुकसान हो रहे हैं. क्या आप जानती हैं हमारी ही कुछ आदतें हमें उस शिखर पर पहुंचने से रोक देती हैं जहां हम पहुंचना चाहते हैं.
आज हम आपको कुछ एसे टिप्स के बारें में बताएंगे जो आपको शिखर पर ले जाने में आपकी सहायता करेंगे.
योजना बनाकर काम करें
सबसे पहले अपने निष्क्रिय अकाउंट बंद करें, म्यूचुअल फंड एक अच्छा औप्शन है इसीलिए पैसे की बचत कर सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में इन्वेस्ट करें. इन्हीं फैसलों को लेने में लोग काफी लंबा समय लगा देते हैं. ऐसे में काफी वक्त गुजर जाता है और फिर वे सालों बाद सोचते हैं कि अगर उस समय यह निवेश शुरू कर दिया होता तो आज अच्छा रिटर्न मिल रहा होता.
चीजों को नजरअंदाज करना
क्या आपको पता है कुछ मामलों में हमारा ये रवैया दूसरों के लिए बोनस का काम करता है. यानी जिन चीजों को हम नजरअंदाज कर देते हैं दूसरे उसी काम को करके फायदा उठा लेते हैं. इसीलिए काम बड़ा, लंबा या कठिन हो तो भी उसे करने की कोशिश जरूर करें.
हमेशा डरे रहना
कई बार लोग बिल्कुल भी जोखिम नहीं लेना चाहते हैं और अपने बचत किए गए पैसों को फिक्स डिपौजिट में लगाते हैं. इसका नतीजा ये होता है कि वे अपने रिटायरमेंट प्लान को भी बहुत मजबूती नहीं दे पाते हैं. हालांकि शेयर में निवेश न करना गलत फैसला नहीं है लेकिन कुछ ऐसे रिस्क होते हैं जो आप कम उम्र में ले सकते हैं. 45 की उम्र में भले ही आपको रिस्क लेने से पहले दो बार सोचना पड़े लेकिन 22 साल की उम्र में आप ये फैसले लेकर एक बार परिणाम देख सकती हैं.
अपनी क्षमतानुसार खर्च करें
कई बार हम देखते है कि बच्चों के लिए एजुकेशन फंड से ज्यादा वैल्यू लोग टैबलेट फोन खरीदने को देते हैं. हमारी इनकम और बचत का फैसला हमारे औफिस के साथी, रिश्तेदार और पड़ोसियों के फेसबुक पोस्ट पर निर्भर करने लगता है. किसने क्या खरीदा, क्या बेचा, कहां घूमने गए और न जाने क्या क्या. कम शब्दों में कहें को अपनी चादर देखकर ही पांव पसारना चाहिए.
हमेशा फ्री में चीजें हासिल करने की चाहत रखना
फ्री का सामान किसे पसंद नहीं आता. पर बात जब वित्तीय फायदे की हो तो इस तरह की सोच रखना गलत बात है. क्रेडिट कार्ड या इन्वेस्टमेंट प्लान के साथ फ्री में मिलने वाली इंश्योरेंस पौलिसी हमेशा काम नहीं आएगी. एक स्टौक ब्रोकर आपको ऐसे शेयर खरीदने का सुझाव दे सकता है जो उसने पहले कम कीमत पर खरीदे हों. लेकिन किसी बेहतर ब्रोकर या एक्सपर्ट से सलाह लेकर ही इन्वेस्ट करें.