Festive Special: बजट में ब्यूटी शौपिंग टिप्स

त्योहारों का सीजन आ चुका है और मार्केट में ब्यूटी प्रोडक्ट्स की धूम मची हुई है. अलगअलग ब्रैंड्स लुभावने औफर्स से सब को आकर्षित कर रहे हैं क्योंकि त्योहारों के सीजन में हर महिला अपनेआप को खूबसूरत दिखाने के लिए मार्केट में आए हर ब्यूटी प्रोडक्ट को ट्राई करना चाहती है. ऐसे में आप के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि आप कौन से ब्यूटी प्रोडक्ट खरीदें, किन बातों का ध्यान रखें, कब खरीदें, कहां से खरीदना ज्यादा उपयुक्त है ताकि आप की सुंदरता में चार चांद भी लग जाएं और साथ ही आप का बजट भी कंट्रोल में रहे.

तो आइए, जानते हैं कुछ खास टिप्स के  बारे में:

लिपकेयर

लिप्स को फैस्टिवल के लिए तैयार करने की तरफ आप का कोई ध्यान ही नहीं है तो थोड़ा ध्यान इस ओर भी लगाएं क्योंकि पूरे चेहरे की जान होती है लिपस्टिक और चाहे आप कितने भी अच्छे आउटफिट्स पहन लें, लेकिन लिप्स को यों ही फीकाफीका छोड़ दिया तो न तो आप के आउटफिट्स पर किसी का ध्यान जाएगा और न आप में वह अट्रैक्शन नजर आएगा.

तो हम आप को बताते हैं टौप लिपस्टिक ब्रैंड्स के बारे में, जिन्हें आप स्मार्टली खरीद कर खुद को स्मार्ट लुक दे सकती हैं.

टौप 5 लिपस्टिक ब्रैंड्स इन ट्रैंड्स:

हम यहां बात कर रहे हैं मैट से ले कर हाई शाइन फिनिश लिपस्टिक की, जिन्हें आप अपनी पसंद के हिसाब से चूज करें और फिर उन्हें लगा कर फैस्टिवल पर दिखें सैक्सी. अरे भई, सैक्सी सिर्फ फिगर से नहीं बल्कि लिप्स से भी दिख सकती हैं. लैक्मे 9 टू 5 मैट लिप कलर, इस में हैं सैक्सी कलर्स चूज करने के औप्शंस. नायका सो मैट लिपस्टिक, जिस के रैड व क्रंची कलर आप के लिप्स पर क्रंच लाने के साथसाथ काफी पौकेट फ्रैंडली भी हैं.

लैक्मे एब्सोल्यूट मसाबा रेंज, जिस के  10 से ज्यादा शेड्स उपलब्ध होने के साथ  इंडियन स्किन के लिए परफैक्ट हैं. वहीं शुगर  की लिक्विड लिपस्टिक परफैक्ट भी है और  बजट में भी है, जिसे आप नायका की साइट से डिस्काउंट्स पर खरीद सकती हैं.

नेलकेयर

जब है ड्रैस रैडी तो नेल्स को ट्रैंडी नेलपौलिश या नेल आर्ट से दें स्टाइलिश लुक  वह भी घर बैठे.

नेलपौलिश इन ट्रैंड्स: जब नेलपौलिश खरीदें, तो सब से पहले अपने माइंड को सैट कर लें कि आप को मैट या फिर ग्लौसी नेलपौलिश कौन सी खरीदनी है क्योंकि दोनों ही आजकल ट्रैंड में चल रही हैं. रही बात कलर्स की तो उस में हम आप की हैल्प करेंगे टौप ट्रैंडी कलर्स बता कर जो हर ड्रैस व हर स्किन टोन पर सूट करेंगे, जिन्हें आप को अपनी फैवरिट साइट से चूज करने में आसानी होगी.

अगर आप ग्लिटर नेलपेंट लगाने की शौकीन हैं तो स्विस ब्यूटी हाई शाइन ग्लिटर नेलपौलिश खरीदने के औप्शन को चूज कर सकती हैं. जूसी रैड कलर, जो हर किसी की फैवरिट लिस्ट में शामिल होता है क्योंकि इस से हाथ खिल जो उठते हैं. इस के लिए आप नायका, रैवलोन व कलरबार जैसे ब्रैंड्स को चूज कर सकती हैं. रौयल डार्क टील कलर आप के हाथों को रौयल लुक देने का काम करेगा.

इस का लैक्मे 9 टू 5 में अच्छाखासा कलैक्शन है. वहीं मिल्क चौकलेट कलर, जो हाथों को और ब्राइट बनाने का काम करता है. इस के लिए फेसेस कनाडा, लैक्मे जैसे ब्रैंड को चूज कर के अमेजन, नायका से इसे स्मार्टली खरीद सकती हैं. इन दिनों बरगंडी कलर भी काफी डिमांड में है. आप औनलाइन 3डी नेल आर्ट स्टीकर से खुद घर बैठे नेल आर्ट का लुत्फ भी उठा सकती हैं.

फेसकेयर

फेस पर कुछ ही घंटों में ग्लो लाने के लिए परफैक्ट हैं कुछ स्किन प्रोडक्ट्स, जिन्हें लगाएं और थोड़ी ही देर में देखें स्किन पर कमाल का असर.

ट्रैंड में हैं काफी: चारकोल फेस मास्क, जितना इस मास्क का इन दिनों नाम है, उतना ही यह स्किन पर अच्छा असर भी देता है खासकर  मामा एअर्थ का ष्३ फेस मास्क, जिस में है चारकोल, कौफी व क्ले, जो स्किन की सारी गंदगी को मिनटों में निकाल कर ग्लोइंग स्किन देने का काम करता है. वहीं आप इस का उबटन फेस स्क्रब भी खरीद सकती हैं.

यह चेहरे को क्लीन करने के साथसाथ ब्राइडल जैसा ग्लो मिनटों में देने का काम करता है. तभी तो है नाम उबटन फेस स्क्रब. और अगर आप फेस मास्क नहीं खरीदना चाहतीं तो आप सारा का डीटेन पैक खरीद लें क्योंकि यह आप के फेस को पार्टी, फैस्टिव के लिए  झट से क्लीन, स्मूद व ग्लोइंग बना देगा. इसे आप फैस्टिव सीजन में हैवी डिस्काउंट के साथ खरीद कर स्किन को ग्लोइंग बना सकती हैं.

मेकअप किट में ये हैं क्या

हो सकता है कि आप मेकअप की शौकीन हों भी या नहीं, लेकिन फैस्टिवल्स पर तो थोड़ाबहुत मेकअप अच्छा लगता ही है क्योंकि उस के बिना लुक फीकाफीका सा जो लगता है. और अलग दिखने के लिए त्योहारों पर थोड़ा अलग बनना भी जरूरी होता है और इस में कुछ मेकअप प्रोडक्ट्स का अहम रोल होता है जो तुरंत आप की स्किन पर ग्लो लाने के साथसाथ आप के पूरे फेस के लुक को ही बदलने का काम करेंगे.

फैशन में इन: प्राइमर और फाउंडेशन स्किन पर स्मूद बेस बनाने के साथसाथ कौंप्लैक्शन को ब्राइट बनाने का भी काम करते हैं. लेकिन स्मार्ट बाई करना है तो स्मार्ट बन कर आप अलगअलग इन्हें न खरीदें बल्कि लैक्मे का 9 टू 5 प्राइमर+मैट पाउडर फाउंडेशन कौंपैक्ट खरीदें जो दोनों का काम कर के आप के फेस को ओवर नहीं बनाता, बल्कि नैचुरल टचअप देने का काम करता है. आंखों को स्विस ब्यूटी की 9 कलर आईशैडो किट से संवारें.

ये काफी सस्ती है, जिसे आप ब्लशर के तौर पर भी इस्तेमाल कर के इस का मल्टीपर्पज इस्तेमाल कर सकती हैं. इन्हें आप औनलाइन ब्यूटी साइट्स से सस्ते में खरीद सकती हैं क्योंकि फैस्टिवल्स के आसपास औनलाइन साइट्स काफी डिस्काउंट देती हैं.

हेयरकेयर

फैस्टिवल्स पर बालों को और स्टाइलिश बनाएं इन ब्यूटी प्रोडक्ट्स से.

फौर नौर्मल हेयर: अगर आप फैस्टिवल्स पर स्ट्रेट और स्मूद बाल चाहती हैं तो ट्राई करें मामा अर्थ का राइस वंडर वाटर विद केराटिन. यह बालों की फ्रिजीनैस को कम कर उन्हें ज्यादा शाइनी बनाने का काम करता है और वह भी आप के बजट में.

ट्रैंडी लुक: अगर आप अपने बालों को कलर या फिर हाईलाइट करना चाहती हैं तो ट्राई करें ट्रैंड में चल रहे चौकलेट ऐंड कैरामेल बलायाग, लाइट ब्राउन हेयर, रैडिश ब्राउन हाईलाइट, पार्टिकल कैरामेल हाईलाइट, डार्क चौकलेट लोक्स, ब्रैंड हेयर कलर, ब्लीच हेयर, ब्राउन हेयर कलर, ब्लैक कलर विद डार्क कौपर हाईलाइट, शाइनी रोजवुड हाईलाइट्स, गोल्डन हाईलाइट्स इत्यादि.

  5 पौइंट्स

– आप अगर लिक्विड लिपस्टिक खरीद रही हैं तो उसे मल्टीपर्पज के तौर पर आईशैडो के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकती हैं.

– आईशैडो को ब्लशर की तरह और ब्लशर को आईशैडो की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है.

– जैल काजल से लाइनर, बिंदी भी लगा सकती हैं.

– लिपस्टिक को आप ब्लशर के लिए भी यूज कर सकती हैं.

– लिप बाम से भी आप चीक्स पर शाइन ला सकती हैं.

जरूरी बात

स्किन टाइप की तरह स्किन टोन की सही जानकारी होना बहुत जरूरी है. स्किन टोन  3 तरह के होते हैं, कूल, वार्म व न्यूट्रल. अगर आप की कलाई की नसें ब्लू हों तो स्किन टोन कूल है, अगर नसें ग्रीन हों तो स्किन टोन वार्म है और अगर दोनों में से कुछ सम झ नहीं आ रहा तो इस का मतलब आप की स्किन टोन न्यूट्रल है. इसी के हिसाब से स्किन प्रोडक्ट्स को खरीदें.

 किन बातों का ध्यान रखें

– जब भी कोई ब्यूटी प्रोडक्ट खरीदें, तो अपनी स्किन टोन का ध्यान जरूर रखें.

– एक्सपायरी डेट चैक कर के ही ब्यूटी प्रोडक्ट खरीदें.

– चाहे बात हो औफलाइन की या औनलाइन की, जहां से प्रोडक्ट अच्छा व सस्ता मिले, वहीं से खरीदें.

– प्रोडक्ट्स के रिव्यु चैक करने के बाद  ही खरीदें.

– अगर कोई नया प्रोडक्ट इस्तेमाल करने की सोच रही हैं तो अगर संभव हो तो उस  का सैंपल या फिर उस का छोटा पैक ही पहले खरीदें.

– प्रोडक्ट की रिटर्न पौलिसी के बारे में  जरूर जानें.

– हमेशा मल्टीपर्पज कौस्मैटिक ही खरीदने पर जोर देना चाहिए.

– हमेशा सील पैक प्रोडक्ट ही खरीदें.

– ब्यूटी प्रोडक्ट्स विश्वसनीय दुकान या साइट से ही खरीदें.

जानें कितनी जुटाएं घर से जुड़ी सुख-सुविधाएं

अपने मकान के लिए सुविधाएं जुटाने से पहले ज्यादा सोचविचार की आवश्यकता नहीं होती, परंतु यदि किराए के मकान में रह रहे हैं, तो कोई भी सामान लेने से पहले माथापच्ची करना जरूरी होता है. किराए के मकान में यदि समझदारी के साथ सुविधाएं जुटाई जाएं, तो शिफ्ंिटग के समय आने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है. जरूरी नहीं कि हर मकान एक जैसा ही हो, इसलिए फर्नीचर से ले कर इलैक्ट्रौनिक सामान तक सब कुछ ऐसा होना चाहिए कि किसी भी मकान में फिट हो सके और शिफ्ंिटग के समय टूटफूट का खतरा भी कम रहे.

1. सजावटी सामान

झूमर, लाइट्स एवं कंदील आदि बहुत नाजुक होते हैं. घर को सजाने के लिए इस सामान से परहेज करें, क्योंकि शिफ्ंिटग के समय इस के टूटने का खतरा सब से ज्यादा रहता है. कांच या चीनीमिट्टी के गमलों के बजाय मिट्टी के गमले लेना उचित रहता है, क्योंकि ये जल्दी टूटते नहीं और अगर टूट भी जाएं तो ज्यादा नुकसान नहीं होता.

2. बिजली के उपकरण

फ्रिज, टीवी, कंप्यूटर, पंखा व कूलर जैसे बिजली के आवश्यक उपकरणों के अलावा अन्य सामान, जैसे ए.सी., माइक्रोवेव, गीजर इत्यादि बहुत आवश्यकता पड़ने पर ही खरीदें. शिफ्ंिटग के दौरान ये महंगे उपकरण जल्दी खराब होते हैं और इन को ठीक करवाने में पैसा भी ज्यादा खर्च करना पड़ता है. इस के अलावा बिजली का बिल बढ़ाने में भी इन उपकरणों का खासा योगदान होता है.

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3. वाहन

अपना मकान लेने तक यदि बहुत ज्यादा आवश्यकता न हो तो चौपहिया वाहन लेने से परहेज करें, क्योंकि अधिकतर किराए के मकानों में पार्किंग की सुविधा नहीं होती और पब्लिक पार्किंग पहले से ही बुक होती है. ऐसे में यदि आप वाहन गली में या सड़क के किनारे खड़ा करेंगे, तो वह गैरकानूनी होने के साथसाथ असुरक्षित भी रहेगा.

4. पालतू जानवर

किराए के मकान में पालतू जानवर रखने का शौक न ही पालें तो बेहतर होगा, क्योंकि अधिकतर मकानमालिक इस की इजाजत नहीं देते. इस के अलावा दूसरा सब से बड़ा कारण यह है कि यदि आप को मकान ग्राउंड फ्लोर के बजाय ऊपर की किसी मंजिल पर मिला है, तो पालतू जानवर को समयसमय पर बाहर ले जाना आप के लिए सिरदर्द बन सकता है.

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5 लिपस्टिक ब्रैंड्स जो हैं बजट फ्रैंडली 

लिपस्टिक के बिना परफेक्ट आउटफिट भी अधूराअधूरा सा लगता है. तभी तो सदियों से महिलाएं लिप्स को रंगने के लिए अलगअलग तकनीक अपनाती रही हैं. क्योंकि भले ही आपने मेकअप हलका किया हो , लेकिन अगर लिप्स पर लिपस्टिक लगा ली, तो चेहरा खिल उठता है. यहीं नहीं आज अनेक ब्रैंड्स न सिर्फ लिपस्टिक को सिर्फ लिप्स को रंगने के उद्देश्य से डिज़ाइन कर रहे हैं , बल्कि लिपस्टिक्स में ऐसे इंग्रीडिएंट्स भी डाले जा रहे हैं , जिससे लिप्स की स्किन एक्सफोलिएट होने के साथ लिप्स हाइड्रेट भी रहते हैं. और ड्राई लिप्स की प्रोब्लम भी दूर हो जाती है. आज लिपस्टिक के ढेरों विकल्प उपलब्ध हैं, जिन्हें आप अपनी चोइज के हिसाब से खरीद सकती हैं. ऐसे में हम आपको टॉप 5 लिपस्टिक के ब्रैंड्स के बारे में बताते हैं , जिससे आपके लिप्स को ग्लैमर मिलने के साथसाथ प्रोटैक्शन भी मिलेगा .

1. लैक्मे  

लैक्मे, जो एक लक्ज़री ब्रैंड हैं. ये पौकेट फ्रैंडली होने के साथसाथ स्किन फ्रैंडली भी है. साथ ही लौंग लास्टिंग होने के साथसाथ आपके लिप्स को किसी भी तरह से कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है. इसमें लैक्मे एनरिच , लैक्मे अब्सोल्युट, लक्मे 9 टू 5 , लक्मे लिप पॉउट काफी रेंज हैं.  जो क्रीमी, ग्लोसी , शिमरी, मैट सभी फोर्म्स में उपलब्ध हैं. खास बात यह है कि इसमें से कुछ लिपस्टिक प्राइमर बेस्ड भी हैं , जो लिप्स को कलर करने के साथ प्रोटेक्ट करने का भी  काम करती हैं . ये आपको मार्केट में 300 रुपए से 1500 रुपए के बीच मिल जाएंगी. इसमें आपको हर शेड मिल जाएंगे. जिन्हें  आप लैक्मे स्टोर या फिर ऑनलाइन आसानी से खरीद सकती हैं.

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2. लोरियल पेरिस 

भारत में  लोरियल पेरिस का ब्यूटी प्रोडक्ट्स की दिशा में खासा नाम है. खासकर लिपस्टिक के मामले में. क्योंकि ये कस्टमर्स की डिमांड को ध्यान में रखकर प्रोडक्ट्स को मार्केट में उतारती है. प्रोडक्ट क्वालिटी के साथ किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं किया जाता. इस ब्रैंड में आपको लिपस्टिक के अधिकतर शेड्स मिल जाएंगे. ये ब्रैंड लगभग हर फोर्मेट में लिपस्टिक जैसे लिक्विड, ग्लॉसी, मैट , बुलेट्स , मेल्टी बाम  में उपलब्ध करवाता है . बस जो आपकी चोइज हो, उसके अनुसार आप लिपस्टिक के टाइप व कलर शेड को चूज़ कर सकती हैं. ये आपको मार्केट से 400 से 2000 रुपए के बीच आसानी से मिल जाएंगी.

3. नायका 

भले ही ये ब्रैंड ज्यादा पुराना नहीं है, लेकिन इस ब्रैंड ने कम समय में अपने कस्टमर्स के दिलों पर ऐसी छाप छोड़ दी है, कि ये अब लोगों का पसंदीदा ब्रैंड बनता जा रहा है. ये आपको लिपस्टिक क्रीमी मैट , मैट, अल्ट्रा मैट ,  लिप क्रेयॉन, लिप प्लैट, लिक्विड, मिनी लिपस्टिक सभी में उपलब्ध करवाता है. इस ब्रैंड की खास बात यह है कि 100 पर्सेंट क्रुएल्टी और पैरेबिन फ्री है. साथ ही ये एसेंशियल आयल व एन्टिओक्सीडैंट्स में रिच होने के कारण आपके लिप्स को सोफ्ट , हाइड्रेट रखने के कारण उनकी ड्राईनेस को दूर करने का काम करता है. इनकी लिपस्टिक्स इतनी लाइटवेट होती हैं  कि लगाने के बाद आपको एहसास भी नहीं होगा कि आपने कुछ लगाया हुआ है. ये आपको 200 – 1000 रुपए के बीच आसानी से  मिल जाएंगी.

4. मैक 

कोस्मेटिक लेने की बात हो और मैक ब्रैंड का ध्यान न आए , ऐसा हो ही नहीं सकता. क्योंकि ये ब्रैंड है ही इतना विश्वसनीय.  डर्माटोलॉजिस्ट टेस्टेड होने के साथ इस ब्रैंड की लिपस्टिक्स आपके लिप्स को पूरे दिन मॉइस्चरिजे रखने का काम करती हैं . इसलिए अगर आप लिप्स की ड्राईनेस की समस्या से परेशान हैं और लिप्स को खूबसूरत भी दिखाना चाहती हैं तो आप इसे जरूर टाई करें. ये आपको साटिन , फ्रोस्ट , लस्टर , मैट, रेट्रो मैट , लिक्विड फोर्म सब में मिल जाएंगी. साथ ही ये बजट फ्रैंडली भी हैं , क्योंकि ये लंबे समय तक स्टे रहने के साथसाथ लंबे समय तक चलती जो हैं.

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5. बोडी शौप 

इसके प्रोडक्ट्स अपने काम के कारण नाम कमा रहे हैं. फिर चाहे इस ब्रैंड्स की लिपस्टिक की बात हो या फिर अन्य ब्यूटी प्रोडक्ट्स की, काफी डिमांड में रहते हैं. इसकी लिपस्टिक में  मैट लिपस्टिक, ग्लोसी लिपस्टिक, लिक्विड फॉर्म,  ग्लोसेस , लिप स्टैन आदि उपलब्ध हैं. ये पूरी तरह से क्रुएल्टी फ्री व नेचुरल हैं , जिससे लिप्स को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. तो फिर अपने लिप्स को खूबसूरत बनाने के लिए इन्हें टाई करना न भूलें.

फूलों से दें पूरे घर को नैचुरल लुक

घर के माहौल को साफ सुथरा, ताजगी भरा बनाए रखने के लिए फूलों को बतौर साज-सज्जा मे इस्तेमाल करने का चलन दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है. आप  घर को एग्जॉटिक, एलीगेट व नैचुरल लुक देने के लिए एनथूरियम, बर्डस ऑफ पैराडाइज, ओरियन्टल लिलि जैसे फूलों से सजा  सकते है , ये फुले आपके बजट मे भी फिट बैठते है  और घर को भी खूबसूरत लुक देते है .

एनथूरियमज् देखने मे बहुत ही खूबसूरत फूल जो हथेलियों के आकार व हार्ट शेप के पत्ते जैसा होता है. इस फूल की लाइफ करीब 20 से 30 दिन की होती है जो रेड, पिंक और व्हाइट रंग मे आता है. पत्तेदार लुक और रंग बिरंगा होने से यह घर के साथ-साथ मन को भी शांति का अहसास देते है . इसकी कीमत 25 रुपये से लेकर 50 रुपये प्रति फूल होती है. बर्डस ऑफ पैराडाइजज् इसे क्रेन फ्लावर से भी जाना जाता है जो देखने मे लंबे पक्षी की तरह होता है. इसे एग्जॉटिक फ्लावर मे शुमार किया जाता है. हरे पत्तों के बीच हार्ट शेप के रेड, पिंक व व्हाइट फूल लगे होते है. इसे किसी लंबे वास मे रखे या फिर बालकनी मे एक साथ ढेरों लगाकर अच्छे से अरेज करे.

 

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WORKSHOPS POSTPONED❗️ As the BC government announced the latest COVID-19 regulations yesterday to ban all gatherings until Nov 23, we’re very bummed to decide to postpone all the workshops in the next two weeks to December. We’re still planning for the next step and will keep everyone posted once the new workshop dates are out. If you have any questions or concerns, feel free to give us a shout🙂 At the same time, let’s check out this beautiful dried centrepiece made by a student. This mix of orange, brown and creamy tones really brings out the warm yet uplifting autumn vibes! – #floraldesign#floralart#floralarrangement#flowers#flowersofinstagram#flowerstagram#flowerporn#flowerarrangement#floweroftheday#flowerlovers#flowermagic#flowerpower#florist#vancouver#vancouverbc#burnaby#flowerdecor#flowerdecoration#driedflower#driedflowers#driedflorals#autumnflowers#fallflowers

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यदि आप इसे अपने बेडरूम या सोफे के पास टेबल पर रखेगी तो लगेगा जैसे टेबल लप रखा हो जिसमे से नारंगी, पीला व लाल रोशनी की किरण आपके कमरे मे बिखर रही हो. इसे घर मे सजाने के अलावा किसी को बुके गिफ्ट भी कर सकती है. एक फूल की कीमत 40 से 90 रुपये होती है. काल्ला लिली और ओरियंटल लिलीज् खूबसूरत काल्ला लिली जितनी नैचुरल दिखती है, उतनी ही सॉफ्ट, ग्रेसफुल होती है. यह वास फ्लावर के लिए बढ़िया ऑप्शन है. यह काफी डेलिकेट होती है जो किसी भी फूल वाले के पास मिल जाएगा.

ओरियन्टल लिली भी बेहद खूबसूरत होते है और इनके शेडस टेक्सचर व गरेस इतने अच्छे होते है कि बिना लिए आपका दिल नहीं मानेगा. सबसे फेमस ओरियन्टल लिली ‘स्टार गेजर’ है जिसकी पंखुड़ियां स्टार की तरह दिखती है. इसकी कीमत 45 से 85 रुपये और काल्ला लिली की 25 से 50 रुपये होती है. स्टार गेजर की पंखुड़ियां गुलाबी व किनारा सफेद रंग का होता है. ये सभी फूल लाइट व डार्क पिंक, पर्पल, व्हाइट कलर्स मे आते है. इसे डाइनिंग व सेट्रल टेबल पर रख अपने मेहमानों का दिल खुश कर सकती है. हेलिकोनियाज् रंगज्बिरंगा हेलिकोनिया को लिविंग रूम के किसी कोने मे रख कर देखे. ऐसा लगेगा जैसे लंबी माला टंगा हुई है. इसे लॉबस्टर क्लॉ, वाइल्ड प्लांटेन या फॉल्स बर्ड ऑफ पैराडाइज भी कहा जाता है. केकड़ों मे आगे की ओर दो लंबेज्लंबे क्लॉ होते है, ये इसी तरह दिखते है.

मल्टी कलर और भिन्नज्भिन्न आकार वाले इस फूल से घर मे आकर्षक फ्लावर अरेजमेट कर सकती है. खासकर पार्टी, फंक्शन आदि के दिनों मे. वैसे फूल तो बड़े नाजुक व हल्के होते है पर हेलोकोनिया ऐसा नहीं. यह थोड़ा हेवी होता है. इसकी कीमत 65 से लेकर 90 रुपये तक होती है. एमैरिलिसज् यह फूल कुछ हद तक ओरियन्टल लिली की तरह दिखता है. इसे रोमांटिक फ्लावर के तौर पर भी माना जाता है, इसलिए अपने बेडरूम मे इसे सजाकर अपने रूठे साथी को खुश कर सकती है. यह लाल रंग के चेरी शेड, पिंक, नारंगी, सफेद और नारंगी व सफेद के कॉम्बिनेशन मे आता है. इसकी कीमत 15 से 25 रुपये होती है. इसमे नीचे पतली सी हरी डंडी और ऊपर की ओर फूल लगा होता है.

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स्किन को ग्लोइंग बनाने के लिए ट्राय करें 200 से कम की कीमत के ये फेसवौश

औयली स्किन हो या ड्राई स्किन फेसवौश की जरूरत हर किसी को पड़ती है. आजकल के पौल्यूशन में फेस न धोयें तो यह स्किन को नुकसान पहुंचाता है और अगर किसी नौर्मल साबुन से फेस धोएं तो यह स्किन को डैमेज भी कर सकता है. इसलिए फेस के लिए फेसवौश जरूरी है. पर मार्केट में कई तरह के फेसवौश आ गए हैं, जो स्किन के लिए तो अच्छे होते हैं, लेकिन महंगे होते हैं. आज हम आपको कुछ सस्ते और अच्छे फेसवौश के बारे में बताएंगे जिसे आप मार्केट या औनलाइन खरीद सकते हैं.

1. हिमालया मौइस्चराइजिंग एलोवेरा फेसवौश

एंजाइम, पौलीसेकेराइड और पोषक तत्वों से भरपूर, यह फेसवौश स्किन को इफेक्टिव रूप से साफ, पोषण और मौइस्चराइज करने का काम करता है. मार्केट में 200 मि.ली. का हिमालय मौइस्चराइजिंग एलोवेरा फेस वौश आपको 128 रूपए में मिल जाएगा.

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2. लोटस हर्बल्स टीट्री फेसवौश

औयली स्किन के लिए ये फेसवौश इफेक्टिव होता है. साथ ही अगर आपको पिंपल्स की प्रौब्लम है तो ये फेसवौश आपके लिए परफेक्ट होगा. लोटस का ये फेसवौश आप 120 ग्राम 149 रूपए में आसानी से दुकानों में मिल जाएगा.

3. न्यूट्रोगेना डीप क्लीन फोमिंग क्लींजर फेसवौश

न्यूट्रोगेना फोमिंग फेस वाश आपकी स्किन के कलर और सौफ्टनेस को बरकरार रखने में मदद करता है. साथ ही ये स्किन में मौजूद डेड सेल्स को खत्म करने का भी काम करता है. ये फेसवौश आपको 40 ग्राम 133 रूपए में आसानी से दुकानों में मिल जाएगा.

इन 10 होममेड ब्लीच से पाएं पार्लर जैसा निखार

4. KHADI मेथी फेसवौश

आयुर्वेदिक फेसवौश के इस्तेमाल से आपकी स्किन सुंदर के साथ-साथ ग्लोइंग के लिए बेस्ट है. मार्केट में ये आपको 210 ग्राम 140 रूपए में मिल जाएगा.

#corona के कहर के बीच बड़ी राहत: किसी भी ATM से निकाल सकते हैं पैसा, सरकार ने बढ़ाई ITR-GST रिटर्न की तारीख

जिस समय देश कोरोना वायरस के खतरे से जूझ रहा है ऐसे में सरकार ने सभी टैक्स संबंधी मसलों के अनुपालन के लिए समय 31 मार्च से बढ़ाकर जून अंत तक कर आयकर रिटर्न भरने वालों को राहत प्रदान की है.

वित्त  मंत्री निर्मला सीतारमण ने एलान किया है जो लोग वित्त वर्ष 2018-19 के लिए यदि इनकम टैक्स रिटर्न नहीं फाइल कर पाए हैं तो घबराए नहीं. वे 30 जून 2020 तक इनकम टैक्स रिटर्न भर सकते हैं.

साथ ही उन्होंने यह भी कहा जो लोग किसी कारण देरी से अपना आइटीआर फाइल कर पाएंगे, उनके लिए ब्याज की दर 18 फ़ीसदी से घटाकर 9 फ़ीसदी कर दी गई है. अगर किसी व्यक्ति ने फाइनेंशियल ईयर 2018-19 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR) नहीं किया तो अब 10,000 रुपए के लेट फीस के साथ 30 जून 2020 तक फाइल कर सकते हैं.


मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी ऐलान किया है कि सबका  साथ सब का विश्वास स्कीम को भी 30 जून 2020 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इस आखिरी तारीख तक 10 फीसदी का अतिरिक्त चार्ज भी नहीं देना होगा. जब कि पहले 31 मार्च 2020 इस अतिरिक्त चार्ज  तक ही छूट थी.

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वो सभी संभाग जो कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय के अंतर्गत आते हैं उन कंपनियों को  30 जून 2020 तक बोर्ड मीटिंग से राहत का एलान किया गया है .

देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही कह दिया था कि हमारी सरकार वर्तमान देश की दिक्कतों को देखते हुए बहुत से उपायों पर विचार कर रही है.जीएसटी और सेंट्रल एक्साइज से लेकर बैंकों तक के लिए कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं की जाने वाली हैं. उन्होंने अब से 2 घंटे पहले इन घोषणाओं को लेकर ट्वीट भी किया था और यह भी जानकारी दी थी कि वह इस विषय में मीडिया वालों से भी बात करेंगे और उसी ट्वीट के जरिए उन्होंने महत्वपूर्ण ऐलान के संकेत भी दिए थे. उनके संकेतों से साफ पता चल रहा था कि सरकार आर्थिक पैकेज को लेकर और साथ में कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए कुछ कदम लेने वाली है.

उनकी घोषणा के अंतर्गत यह भी कहा गया है कि देर से पैसा जमा करने वालों की ब्याज दर को भी 12 फ़ीसदी से घटाकर 9 फ़ीसदी कर दिया गया है. टैक्स संबंधी सभी मसलों पर विचार करते हुए समय सीमा 31 मार्च से बढ़ाकर जून के अंत तक कर दी गई है और आधार पैन लिंक की सीमा बढ़ाकर भी 30 जून कर दी गई है. इन सभी घोषणाओं के पीछे एक उद्देश्य छोटे और मध्यम व्यापारियों को राहत देना भी है.वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करते हुए आज उन्होंने यह कुछ जरूरी बड़े ऐलान किए हैं अपने देश की इकोनॉमी में से जुड़े हुए हैं.

कुछ इस तरह समझे

1) अब  फाइनेंशयल ईयर18-19 के लिए रिटर्न की डेडलाइन बढ़कर 30 जून 2020 हुई

(2)  30 जून तक लेट पेमेंट का इंटरेस्ट रेट  12 फीसदी से घटाकर 9 फीसदी हुआ

(3)  टीडीएस की फाइल करने की भी डेट 30 जून 2020 हो गई है और उसकी भी इंटरेस्ट रेट 18 फ़ीसदी से घटाकर 9 फ़ीसदी कर दी गई है.

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(4)   असेसमेंट ईयर 2019-20 और फाइनेंशियल ईयर2018-19 इनकम टैक्स रिटर्न भरने की लास्ट डेट जोकि 31 अगस्त थी और किसी कारणवश यदि व्यक्ति उसे तय तिथि पर जमा नहीं कर पाया तो 5000 की लेट फीस जुर्माने के साथ 31 दिसंबर 2019 थी .अब यही डेट 1 जनवरी 2020 से 31 मार्च 2020 कर दी गई है रिटर्न के लिए 10,000 जुर्माने के साथ.

शिक्षा अधिकार कानून के बाद भी आखिर स्कूल क्यों नहीं जा रहीं 40% किशोरियां?

शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) को लागू हुए दस वर्ष हो गये हैं. लेकिन आज भी 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग की लगभग 40 प्रतिशत किशोर लड़कियां स्कूल नहीं जा रही हैं.जबकि गरीब परिवारों की 30 प्रतिशत लड़कियों ने तो कभी क्लास रूम में क़दम रखा ही नहीं है.ऐसा विश्व बैंक व यूनिसेफ़ के सहयोग से तैयार की गई राइट टू एजुकेशन फोरम और सेंटर फॉर बजट पालिसी स्टडीज की रिपोर्ट से उजागर हुआ है.अत: यह प्रश्न महत्वपूर्ण हो जाता है कि जब संविधान के अनुच्छेद 21ए के तहत आरटीई कानून में 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए आवश्यक रूप से शिक्षा प्राप्त करने का प्रावधान है तो फिर 30 प्रतिशत गरीब लड़कियों ने कभी स्कूल का रुख क्यों नहीं किया है ? साथ ही यह भी कि 40 प्रतिशत किशोर लड़कियां स्कूल में क्यों नहीं हैं?

यह प्रश्न इसलिए भी प्रासंगिक हो जाता है क्योंकि सत्ता संभालने के बाद से ही वर्तमान केंद्र सरकार का नारा ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का रहा है. बेटी कितनी बच रही हैं.फ़िलहाल बहस इस पर नहीं है; यहां सवाल यह है कि बेटियां पढ़ क्यों नहीं रही हैं? दरअसल, इसकी प्रमुख वजह यह है कि शिक्षा को अधिकार तो बना दिया गया लेकिन पूरे देश में आरटीई का पालन मात्र 12.7 प्रतिशत ही हुआ है, जोकि निश्चितरूप से चिंताजनक है.आरटीई का  पालन हो भी तो कैसे हो जब शिक्षा पर सरकारी खर्च निरंतर कम होता जा रहा है.भारत सरकार के बजट दस्तावेजों से मालूम होता है कि 2014 से शिक्षा पर कुल खर्च निरंतर कम किया जाता रहा है.

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साल 2014-15 के बजट में कुल सरकारी खर्च का मात्र 4.14 प्रतिशत शिक्षा पर व्यय किया गया और इसके बाद इसमें इस प्रकार कटौती की गई – 3.75 प्रतिशत (2015-16), 3.65 प्रतिशत (2016-17), 2017-18 में यह पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ा बढ़कर 3.74 प्रतिशत हुआ, लेकिन फिर 2018-19 में गिरकर 3.4 प्रतिशत रह गया और 2019-20 में भी इतना ही यानी 3.4 प्रतिशत था.अगर इस अवधि के दौरान जीडीपी के हिसाब से कुल शिक्षा खर्च देखें तो हम अपनी जीडीपी का एक प्रतिशत भी शिक्षा पर खर्च नहीं करते हैं.साल  2014-15 में जीडीपी का मात्र 0.53 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च किया गया, जो 2015-16 व 2016-17 में गिरकर क्रमश: 0.5 प्रतिशत व 0.47 प्रतिशत रह गया.2017-18 में यह 0.48 प्रतिशत था, 2018-19 में 0.44 प्रतिशत और 2019-20 में 0.45 प्रतिशत.

बहरहाल,उक्त रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शिक्षा व सशक्तिकरण इंडेक्स का सीधा संबंध प्रति-बच्चा खर्च से है. देश के हर राज्य में यह अलग अलग है. केरल में शत-प्रतिशत साक्षरता संभवत: इसी कारण से है कि वह इस इंडेक्स में टॉप करते हुए प्रति वर्ष प्रति बच्चा 11,574 रूपये खर्च करता है, जबकि इस संदर्भ में देश के 17 बड़े राज्यों में उत्तर प्रदेश व बिहार क्रमश: 16वें व 17वें स्थान पर हैं. बिहार प्रति वर्ष प्रति बच्चा सबसे कम पैसा खर्च करता है, मात्र 2869 रूपये.यह रिपोर्ट इंटरनेशनल डे ऑफ़ एजुकेशन और नेशनल गर्ल चाइल्ड डे (24 जनवरी) को जारी की गयी.

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि वहनीय विकास लक्ष्यों का उद्देश्य सभी महिलाओं व लड़कियों के लिए लिंग समता और सशक्तिकरण है, लेकिन भारत में लाखों बच्चे ‘आउट ऑफ़ स्कूल’ हैं, जिनमें बड़ा हिस्सा लड़कियों का है.इस तथ्य पर चिंता व्यक्त करते हुए कि लड़कों की तुलना में लड़कियां दो गुणा कमज़ोर स्थिति में हैं कम से कम चार वर्ष की स्कूलिंग प्राप्त करने के संदर्भ में,रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की 30 प्रतिशत लड़कियों ने अपने जीवन में कभी क्लास रूम के भीतर कदम नहीं रखा है.भारत में महिलाओं का साक्षरता दर 65 प्रतिशत है.

आरटीई फोरम के राष्ट्रीय संयोजक अम्बरीश राय के अनुसार, भारत में 60 मिलियन से अधिक बच्चों में शिक्षा का अभाव है और इसकी बड़ी वजह स्कूली शिक्षा के लिए अपर्याप्त फंडिंग है.जिससे आरटीई कानून के तहत जो लाभ मिलने चाहिए वह नहीं मिल पा रहे हैं. जबकि आरटीई कानून प्रारम्भिक शिक्षा के सार्वभौमिकीकरण का महत्वपूर्ण माध्यम है.राय कहते हैं, “देश में जो बालिका शिक्षा की स्थिति है वह गंभीर चिंता का विषय है.” इस रिपोर्ट के अनुसार, अनेक अध्ययनों से ज्ञात हुआ है कि शिक्षा में जन निवेश और बाल विकास व सशक्तिकरण में गहरा संबंध है.रिपोर्ट का कहना है कि स्कूलिंग का प्रत्येक अतिरिक्त वर्ष, आय में 8 से 10 प्रतिशत का इज़ाफा कर देता है (महिलाओं के लिए अधिक वृद्धि होती है), जिसका अर्थ यह है कि शिक्षा न केवल अर्थव्यवस्था के विकास में सहायक होती है बल्कि गरीबी दूर करने में भी मदद करती है|.

रिपोर्ट में जिन 17 राज्यों का उल्लेख किया गया है, उनमें से 11 – केरल (0.98), हिमाचल प्रदेश (0.82), तमिलनाडु (0.74), कर्नाटक (0.7), तेलंगाना (0.62, चार वर्ष का डाटा), महाराष्ट्र (0.61), ओडिशा (0.55), आंध्रप्रदेश (0.53. चार वर्ष का डाटा), गुजरात (0.53), असम (0.51) व छतीसगढ़ (0.5) – का ईईआई (शिक्षा व सशक्तिकरण इंडेक्स) 2012 व 2018-19 के बीच 0.5 या उससे अधिक रहा, उन्होंने प्रति वर्ष प्रति बच्चा 6000 रूपये से अधिक खर्च किया. दरअसल, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में जो शिक्षा लक्ष्य रखे गये हैं,उनकी पूर्ति के लिए आवश्यक अधिक जन खर्च की भरपाई अकेले राज्य नहीं कर सकते हैं.शिक्षा शुल्क पर अत्याधिक निर्भरता भी चिंता का विषय है.

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रिपोर्ट में कहा गया है, “शुल्क सरकारी फंडिंग का आपात व परिवर्तनशील स्रोत है,जिसका उद्देश्य कर राजस्व/बजटीय समर्थन के खर्च स्रोतों को सहयोग करना होता है. जब 2015 से शिक्षा खर्च के लिए बजटीय समर्थन में कमी आने लगी तो कुल शिक्षा खर्च का 70 प्रतिशत शुल्क से फण्ड किया जाने लगा. इसका अर्थ यह है कि आपात शुल्क फंडिंग का नियमित मार्ग बन गया है.”

काश हमजोलियों की फिक्र होती

इस बार बजट निर्मला सीतारमण ने पेश किया था पर उनके साड़ी पहनने का लाभ साड़ी पहनने वालियों को कतई नहीं हुआ. महिला वित्त मंत्री का यह पहला बजट औरतों के लिए तोहफे में कुछ नहीं लाया. ऐसा नहीं कि औरतों को सरकारी बजटों से कुछ लेनादेना नहीं होता. असल में घरेलू आमदनी पर सारा कब्जा औरतों का ही होता है और वे ही जानती हैं कि पैसा कब हाथ में आता है और कब चला जाता है.

निर्मला सीतारमण के पास ऐसे कई मौके थे जिन से वे औरतों को विशेष राहत दे सकती थीं. वे उच्च शिक्षा लड़कों के लिए नहीं तो लड़कियों के लिए सस्ती कर सकती थीं. उलटे यूजीसी को ढांचा बदलने का प्रस्ताव दे दिया गया, जिस से शिक्षा और महंगी हो सकती है. वे औरतों व लड़कियों के होस्टलों के निर्माण को प्रोत्साहन दे सकती थीं, जिस से लड़कियां घर से बाहर जाने की हिम्मत जुटा सकतीं और औरतें अकेले होने पर भी सिर पर छत पा सकतीं. वे औरतों के लिए रेल, हवाईजहाज व बस सेवाओं में छूट दे सकती थीं जैसा अरविंद केजरीवाल दिल्ली मैट्रो में करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि औरतें घरों की जेलों से निकल सकें.

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वे मंदिरों और आश्रमों पर टैक्स लगा सकती थीं ताकि ऐसी जगहें ही कम हो जातीं जहां औरतों को गुमराह किया जाता है, उन्हें पुरुष सेवा के उपदेश दे कर उन का ब्रेनवाश किया जाता है. वे औरतों के अकेले पर्यटन को प्रोत्साहन दे सकती थीं ताकि बजाय तीर्थस्थलों में एडि़यां और नाक घिसने के, वे देश के कोनेकोने से परिचित हो सकतीं. औरतों को तलाक के मामले में तुरंत न्याय चाहिए. इसलिए कम से कम घरेलू विवाद 3-4 माह में तय हो जाएं इतनी पारिवारिक अदालतें बनाने का प्रबंध किया जा सकता था. औरतों के लिए विशेष पुलिस फोर्स का गठन किया जा सकता था ताकि औरतें अपनी शिकायतें आसानी से दर्ज करा सकतीं. निर्मला सीतारमण का सारा बजट बड़े उद्योगों पर केंद्रित है और कहीं से नहीं लगता कि यह महिला नेता महिलाओं की कोई आशा हैं. जब वे रक्षा मंत्री थीं तो भी उन्होंने सिवा भाजपा की रक्षा करने के औरतों की सुरक्षा या सैनिकों की औरतों की समुचित देखभाल के कतई फैसले नहीं लिए. उज्ज्वला स्कीम कुछ ज्यादा को दे कर या व्यवसाय चलाने वालियों को 1 लाख का कर्ज देने का कागजी वादा किया है जिस से खूब मेजें थपथपाई गईं पर साल के आखिर तक कुछ न होगा.

भाजपा नेताओं की चहेती स्मृति ईरानी के मंत्रालय को अतिरिक्त पैसा भी दिया है पर यह तो मंत्री और बाबुओं पर खर्च हो जाएगा. सीतारमण, बाजार की औरतों को क्या मिलेगा इस में से?

निर्मला सीतारमण भी साड़ी पहनने के बावजूद एक पुरुषवादी समाज का बहीखाता संभालने में लगी हैं. उन्हें अपने आकाओं की फिक्र है, अपनी हमजोलियों की नहीं.

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बजट 2019 : सरकार ने सराहा, विपक्ष ने नकारा

देश की पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार-2 का बहीखाता पेश करते हुए बजट की घोषणा की. बजट पेश करने के बाद सरकार ने जहां अपनी पीठ खुद थपथपाई है, वहीं विपक्षियों ने सरकार पर तंज किया है.

प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने एक ट्वीट द्वारा सरकार द्वारा पेश बजट की आलोचना में कहा, “भारी जल संकट और सूखे के बीच पिछले 4 साल के दौरान सिंचाई के बजट में 433 करोङ रूपए की कटौती के कारण किसानों का आत्महत्याओं और कर्जे में वृद्धि हुई है. बजट 2019 के जरीए किसानों को कर्ज की जाल से मुक्ति दिलाने के लिए ठोस कृषि नीति की जरूरत थी.”

सरकार की आलोचना

बजट पर सरकार की आलोचना करते हुए स्वराज इंडिया के संस्थापक व चुनाव विश्लेषक योगेंद्र यादव ने तंज कसा, “न खाता न बही, जो निर्मला कहे वही सही.” उन्होंने कहा, “मैं हैरान हूं कि बजट में किसानों का जिक्र नहीं, सूखे का जिक्र नहीं, बंटाईदार, ठेके पर खेती करने वालों का कोई जिक्र नहीं.”

उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट को ऐतिहासिक बताया है. अपने बयान में उन्होंने कहा,”इस बजट से विकास की रफ्तार को गति मिलेगी और गांव व गरीब का कल्याण होगा.”

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देश के करदाताओं का धन्यवाद- निर्मला सीतारमण

हालांकि बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने देश के करदाताओं को धन्यवाद भी दिया और कहा कि वे देश के जिम्मेदार नागरिक हैं. मगर सरकार ने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है, अलबत्ता 5 लाख तक की सालाना टैक्सेबल आमदनी वालों को टैक्स से पूरी तरह से राहत देने की घोषणा को दोहराया है.

वित्त मंत्री ने बताया कि प्रत्यक्ष कर संग्रह 78% बढ़ा है. 2013-14 में कर संग्रह 6.38 लाख करोड़ रुपए था जो 2018 में बढ़ कर 11.37 लाख करोड़ रुपए हुआ है.

2 करोड़ रूपए तक की आय वालों के टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है लेकिन सरकार ने देश के विकास में भागीदार निभाने के लिए अमीरों के टैक्स पर 3% और 5 करोड़ रूपए से अधिक की आय पर 7% की वृद्धि की है.

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जानिए बजट की खास बातें

  • 5 लाख रूपए तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.
  • 2-5 करोड़ की आय वालों पर 3% अतिरिक्त कर लगेगा.
  • 5 करोड़ से अधिक आय पर 7% अतिरिक्त टैक्स लगेगा.
  • 2 करोड़ तक की आय पर टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
  • खाते से 1 साल में 1 करोड़ से ज्यादा निकासी पर 2% टीडीएस लगेगा.
  • पैन कार्ड की जगह आधार कार्ड से भी भरा जा सकेगा आयकर.
  • सरकारी बैंकों को 70 हजार करोड़ रुपए मिलेंगे. सरकारी बैंकों की संख्या घटा कर 8 की जाएगी.
  • सरकार हाउसिंग बैंक के रैगुलेशन को नैशनल हाउसिंग बैंक से हटा कर रिजर्व बैंक को देगी. इन का नया रैगुलेटर रिजर्व बैंक होगा.
  • सरकार ने ऐलान किया कि लोन देने वाली कंपनियों को अब सीधा आरबीआई कंट्रोल करेगी.
  • सरकार 1 से 20 रुपए के नए सिक्के जारी करेगी.
  • इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर 12% की जगह 5% जीएसटी.
  • स्टार्टअप के जुटाए फंड पर इनकम टैक्स जांच नहीं करेगा.
  • अब 400 करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाली कंपनियों को 25% फीसदी कारपोरेट टैक्स देना होगा.
  • 45 लाख तक का घर खरीदने पर 1.5 लाख की छूट.
  • हाउसिंग लोन पर 3.5 लाख रूपए तक ब्याज में छूट.
  • एअर इंडिया को बेचने की प्रक्रिया एक बार फिर होगी शुरू.
  • युवाओं को महात्मा गांधी के मूल्यों से अवगत कराने के लिए ‘गांधीपीडिया’ बनेगा.
  • बुनियादी सुविधाओं के लिए 100 लाख करोड़ का निवेश होगा.
  • सोने और बहुमूल्य धातुओं पर उत्पाद शुल्क 10 से बढ़ा कर 12.5% कर दिया गया है.
  • पेट्रोल और डीजल पर 1-1 रुपए का अतिरिक्त सेस वसूला जाएगा.
  • बीमा क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआई.
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