देश की पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार-2 का बहीखाता पेश करते हुए बजट की घोषणा की. बजट पेश करने के बाद सरकार ने जहां अपनी पीठ खुद थपथपाई है, वहीं विपक्षियों ने सरकार पर तंज किया है.

प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने एक ट्वीट द्वारा सरकार द्वारा पेश बजट की आलोचना में कहा, "भारी जल संकट और सूखे के बीच पिछले 4 साल के दौरान सिंचाई के बजट में 433 करोङ रूपए की कटौती के कारण किसानों का आत्महत्याओं और कर्जे में वृद्धि हुई है. बजट 2019 के जरीए किसानों को कर्ज की जाल से मुक्ति दिलाने के लिए ठोस कृषि नीति की जरूरत थी."

सरकार की आलोचना

बजट पर सरकार की आलोचना करते हुए स्वराज इंडिया के संस्थापक व चुनाव विश्लेषक योगेंद्र यादव ने तंज कसा, "न खाता न बही, जो निर्मला कहे वही सही." उन्होंने कहा, "मैं हैरान हूं कि बजट में किसानों का जिक्र नहीं, सूखे का जिक्र नहीं, बंटाईदार, ठेके पर खेती करने वालों का कोई जिक्र नहीं."

उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट को ऐतिहासिक बताया है. अपने बयान में उन्होंने कहा,"इस बजट से विकास की रफ्तार को गति मिलेगी और गांव व गरीब का कल्याण होगा."

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देश के करदाताओं का धन्यवाद- निर्मला सीतारमण

हालांकि बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने देश के करदाताओं को धन्यवाद भी दिया और कहा कि वे देश के जिम्मेदार नागरिक हैं. मगर सरकार ने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है, अलबत्ता 5 लाख तक की सालाना टैक्सेबल आमदनी वालों को टैक्स से पूरी तरह से राहत देने की घोषणा को दोहराया है.

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