घर पर सेलिब्रेट करना चाहते हैं Valentines Day, तो इस तरह सजाएं अपना बेडरूम

मनोवैज्ञानिक डा. दिनेश एवं सैक्सोलौजिस्ट डा. कुंदरा के मुताबिक दांपत्य जीवन में प्यार के रंग भरने में बैडरूम की अहम भूमिका होती है. ज्यादातर आराम के लिए पतिपत्नी बैडरूम को ही चुनते हैं. इसलिए बीचबीच में बैडरूम में थोड़ा सा परिवर्तन कर रोमांटिक जीवन को लंबे समय तक बरकरार रख सकते हैं.

दीवारों पर कलर:

बैडरूम में दीवारों के रंग का भी अपना अलग महत्त्व होता है. मुहब्बत के रंग को गाढ़ा करने के लिए अपनी दीवारों पर हलके गुलाबी रंग, आसमानी हलके हरे रंगों का प्रयोग करें, क्योंकि रंग भी अपनी भाषा बोलते हैं. रोमांस में प्यार का भाव जगाते हैं रंग.

लुभावनी तसवीरें लगाएं:

बैडरूम में अच्छी और रोमांटिक तसवीर लगाएं. बीभत्स, ऊर्जाहीन, शेर, दौड़ते घोड़े आदि की तसवीरें न लगाएं. बर्ड, हंस, गुलाब के फूलों की तसवीरें लगाएं. इस तरह की तसवीरें आप के जीवन को रोमांस और मुहब्बत से भर देंगी.

लाइट:

रोमांस जगाने के लिए रोशनी की अहम भूमिका होती है. बैडरूम में गुलाबी हलके आसमानी रंग की लाइट का प्रयोग करें. लाइट बैडरूम में डायरैक्ट नहीं, बल्कि इनडायरैक्ट पड़नी चाहिए. लैंपशेड, कौर्नर लाइट का भी प्रयोग किया जा सकता है. इस से बैडरूम में मादकता और मुहब्बत का समावेश होता है. कमरे में जितनी कम लाइट होती है, एकदूसरे के प्रति आकर्षण उतना ही गहरा होता है.

खुशबू:

मुहब्बत और रोमांस को बरकरार रखने के लिए कई तरह की खुशबुओं का प्रयोग किया जा सकता है. लैवेंडर, मोगरा, चंदन आदि की खुशबू से पतिपत्नी का मूड बन जाता है. कमरे में गुलदस्ते रखें. रोमांस बढ़ाने के लिए अरोमा कैंडल जलाएं. खुशबू इनसान के अंदर कई तरह के भाव पैदा करती है. कैंडल की लाइट न केवल बैडरूम को सौंदर्य प्रदान करती है, बल्कि एकदूसरे को रोमांस के लिए भी उकसाती है.

बिस्तर:

मन और मूड को बनाने में बिस्तर का बहुत बड़ा योगदान होता है. गद्दे चुभने वाले न हों, बैड की आवाज आप को डिस्टर्ब न करे. बैडशीट का रंग और कोमलता दोनों मुहब्बत को, रोमांस को भड़काने वाले होने चाहिए.

डिस्टर्बैंस न हो:

बैडरूम के बाहर कोई ऐसी बेल न लगाएं जो आप को बारबार डिस्टर्ब करे. अलार्म क्लौक, मोबाइल, सिंगिंग खिलौने आदि दूर रखें. बैडरूम को ऐसा बनाएं ताकि आप अपने पार्टनर को कंफर्टेबल फील करा सकें.

फ्रूट्स:

अंगूर, केला, स्ट्राबैरी, सेब, चीकू आदि की खुशबू मादक होती है. ऐसे में अगर आप ऐसे फ्रूट्स रखते हैं, खाते हैं तो इस का असर आप के रोमांस पर भी पड़ता है.

बैडरूम को सुसज्जित रखें:

रोमांस, मुहब्बत के लिए पार्क, बगीचा, समुद्री किनारा, खुला आसमान आदि प्रेमियों को आकर्षित करते हैं. अत: बैडरूम को वैसा ही लुक देने की कोशिश करें. परदे ऐसे लगवाएं जिन से आसमान नजर आए. हलके रंग के परदे ही लगाएं. हलकी रोशनी ही कमरे में आए ताकि आप का मूड ज्यादा से ज्यादा रोमांटिक बने.

बैडरूम को रोमांटिक लुक दें:

अपने बैडरूम में आर्टिफिशियल फाउंटेन, बड़े पेड़ या चित्र लगाएं. बैड, सोफा, अलमारी आदि की जगह बदलती रहें ताकि आप के पार्टनर को रूम पुराना न लगे. मुहब्बत, रोमांस का बैडरूम से मजबूत रिश्ता होता है, जो जीवन में नयापन लाते रहते हैं.

Valentine’s Day 2024: प्रेम कहानियां पढ़ना है पसंद, तो वैलेंटाइन डे पर पढ़ें Top 10 Love Stories

Top 10 Love Stories in Hindi: हर कपल के लिए वैलेंटाइन डे काफी खास होता है. प्रेमी जोड़े को इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है. इस खास मौके पर हम आपके लिए लेकर आए हैं गृहशोभा की Top 10 Love Stories in Hindi 2024. इन कहानियों में प्यार और रिश्तों से जुड़ी कई दिलचस्प कहानियां हैं जो आपके दिल को छू लेगी और जिससे आपको प्यार का नया मतलब जानने को मिलेगा.

Top 10 Love Stories in Hindi : टॉप 10 प्रेम कहानियां हिंदी में

1. Valentine’s Day 2024: फैसला- आभा के प्यार से अविरल ने क्यों मोड़ा मुंह

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अविरल टैक्सी से उतर कर तेज कदमों से चलता हुआ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन में दाखिल हुआ. सुबह के 7.35 बज चुके थे. वह प्लेटफार्म नं. 1 पर खड़ी शताब्दी एक्सप्रेस के एसी चेयरकार के अपने डब्बे में घुस गया और अपनी सीट पर बैठ गया. उस की बीच के रास्ते के साथ वाली सीट थी. उसे कल शाम को ही सूचना मिली कि आज पंजाब सरकार के अधिकारियों के साथ चंडीगढ़ में मीटिंग है, इसलिए उसे सुबहसुबह चंडीगढ़ के लिए रवाना होना पड़ा. शाम को ही उस ने आभा को फोन करने का विचार किया. उस के घर में बेकार का बवाल न खड़ा हो जाए, यह सोच कर उस ने इस विचार को त्याग दिया

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2. Valentine’s Day 2024: घर-मुनिया की अंबर से हुई मुलाकात

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समाज में बौद्धिक स्तर पर कुछ वर्षों से लगातार यह प्रश्न उठ रहा है कि पतिपत्नी में अलगाव, घरों का टूटना, समाज में इतना क्यों बढ़ता जा रहा है? इस के लिए कौन जिम्मेदार है स्त्री या पुरुष? जो भी हो, टूटे हुए परिवार और तलाकशुदा स्त्रीपुरुष  न तो समाज के लिए हितकारी हैं, न ही सम्मानजनक. साथ ही आने वाली पीढ़ी पर? भी इस का कुप्रभाव पड़ता है. मातापिता के दिए संस्कार ही बच्चों को जीवन भर सदाचार से बांधे रखते हैं पर ऐसे टूटे घरों में उन को कौन से संस्कार मिलेंगे और कौन सी अच्छी शिक्षा?

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3. Valentine’s Day 2024: साथी- कौन था प्रिया का साथी?

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प्रिया मोबाइल पर कुछ देख रही थी. उस की नजरें झुकी हुई थीं और मैं एकटक उसे निहार रहा था. कॉटन की साधारण सलवार कुर्ती और ढीली बंधी चोटी में भी प्रिया बेहद खूबसूरत लग रही थी. गले में पतली सी चेन, माथे पर छोटी काली बिंदी और हाथों में पतलेपतले 2 कंगन. बस इतना ही श्रृंगार किया था उस ने. मगर उस की वास्तविक खूबसूरती उस के होठों की मुस्कान और चेहरे पर झलक रहे आत्मविश्वास की चमक में थी. वैसे लग रहा था कि वह विवाहिता है. उस की मांग में सिंदूर की हल्की सी लाली नजर आ रही थी.

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4. Valentine’s Day 2024: कायर- क्यों श्रेया ने श्रवण को छोड़ राजीव से विवाह कर लिया?

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श्रेया के आगे खड़ी महिला जैसे ही अपना बोर्डिंग पास ले कर मुड़ी श्रेया चौंक पड़ी. बोली, ‘‘अरे तन्वी तू…तो तू भी दिल्ली जा रही है… मैं अभी बोर्डिंग पास ले कर आती हूं.’’ उन की बातें सुन कर काउंटर पर खड़ी लड़की मुसकराई, ‘‘आप दोनों को साथ की सीटें दे दी हैं. हैव ए नाइस टाइम.’’ धन्यवाद कह श्रेया इंतजार करती तन्वी के पास आई. ‘‘चल आराम से बैठ कर बातें करते हैं,’’ तन्वी ने कहा. हौल में बहुत भीड़ थी. कहींकहीं एक कुरसी खाली थी. उन दोनों को असहाय से एकसाथ 2 खाली कुरसियां ढूंढ़ते देख कर खाली कुरसी के बराबर बैठा एक भद्र पुरुष उठ खड़ा हुआ. बोला, ‘‘बैठिए.’’

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5. Valentine’s Day 2024: अपनी खातिर- तीन किरदारों की अजब प्रेम की गजब कहानी

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जिस शादी समारोह में मैं अपने पति के साथ शामिल होने आई, उस में शिखा भी मौजूद थी. उस का कुछ दूरी से मेरी तरफ नफरत व गुस्से से भरी नजरों से देखना मेरे मन में किसी तरह की बेचैनी या अपराधबोध का भाव पैदा करने में असफल रहा था. शिखा मेरी कालेज की अच्छी सहेलियों में से एक है. करीब 4 महीने पहले मैं ने मुंबई को विदा कह कर दिल्ली में जब नया जौब शुरू किया, तो शिखा से मुलाकातों का सिलसिला फिर से शुरू हो गया था.

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6. Valentine’s Day 2024: धड़कनें तेरी मेरी- क्या अपना प्यार वापस पा सकी पाखी?

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‘दिलक्या करे जब किसी से किसी को प्यार हो जाए…’ एफएम पर यह गाना बज रहा था और पाखी सोच रही थी कि ऐसे गाने आज भी फिट बैठते हैं. लेकिन इस गाने की नायिका का नाम जूली न हो कर पाखी होता, तो और सटीक लगता. रोमांटिक तबीयत वाली व शेरोशायरी की शौकीन पाखी को जब प्यार हुआ तो जनून बन कर सिर पर चढ़ गया. उस ने कसम खा ली और इरादा पक्का कर लिया गड़बड़ी फैलाने, चांदनी की शादी को चौपट करने और उस के सपनों पर पानी फेरने का. लेकिन यह नहीं सोचा था उस ने कि उस की योजना का अंत हौस्पिटल के इमरजैंसी वार्ड में होगा. पर इतना वह अवश्य मानती है कि जो कुछ हुआ वह अच्छा हुआ. इस से बेहतर की उम्मीद भी वह क्या करती?

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7. Valentine’s Day 2024: तीन शब्द- क्या परम कह पाया वो तीन शब्द

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परम आज फिर से कैंटीन की खिड़की के पास बैठा यूनिवर्सिटी कैंपस को निहार रहा था. कैंटीन की गहमागहमी के बीच वह बिलकुल अकेला था. यों तो वह निर्विकार नजर आ रहा था पर उस के मस्तिष्क में विगत घटनाक्रम चलचित्र की तरह आजा रहे थे. दिल्ली यूनिवर्सिटी के नौर्थ कैंपस की चहलपहल कैंपस वातावरण में नया उत्साह पैदा कर रही थी. हवा में हलकी ठंडक से शरीर में सिहरन सी दौड़ रही थी. दोस्तों के संग कैंटीन के बाहर खड़े हो कर आनेजाने वाले छात्रों को देख कर परम सोचने लगा कि टाइमपास का इस से अच्छा तरीका और क्या हो सकता है.

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8.Valentine’s Day 2024: अनोखी- प्रख्यात से मिलकर कैसा था निष्ठा का हाल

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पत्तियोंके  झुरमुट में फिर सरसराहट हुई. प्रख्यात ने सिर घुमा कर फिर देखने की कोशिश की. लग रहा था कोई उसे छिप कर देख रहा है. तभी पीछे शर्ट में कुछ चुभा. उस का हाथ  झट पीछे चला गया. जंगली घास की वह गेहूं जैसी बाली कैसे उसकी टीशर्ट में ऊपर पहुंच गई. उस ने निकाल कर एक ओर फेंक तो दी पर फिर सोचने लगा कि यह आई कहां से? इस तरह का कोई पौधा भी यहां नहीं दिख रहा. फिर उस ने सरसरी निगाह चारों ओर डाली.

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9. Valentine’s Day 2024: ऐसा प्यार कहां: क्या थी पवन और गीता के प्यार की कहानी

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पवन जमीन पर अपने दोनों हाथों को सिर पर रखे हुए ऊकड़ू बैठा था. वह अचरज भरी निगाहों से देखता कि कैसे जयपुर की तेज रफ्तार में सभी अपनी राह पर सरपट भागे जा रहे थे.अचानक एक गरीब लड़का, जो भीख मांग रहा था, एक गाड़ी के धक्के से गिर गया. मगर उस की तरफ मुड़ कर देखने की जहमत किसी ने नहीं उठाई. थोड़ी देर तक तो उस लड़के ने इधरउधर देखा कि कोई उस की मदद करने आएगा और सहारा दे कर उठाएगा, मगर जब कोई मदद न मिली तो वह खुद ही उठ खड़ा हुआ और आगे बढ़ गया.

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10. Valentine’s Day 2024:प्यार का रंग- राशि के बौयफ्रैंड ने क्यों गिरगिट की तरह बदला रंग

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जब राशि की आंखें खुलीं तो उस ने खुद को अस्पताल के बैड पर पाया. उसे शरीर में कमजोरी महसूस हो रही थी. इसलिए उस ने फिर आंखें मूंद लीं. जब उस ने अपने दिमाग पर जोर डाला तो उसे याद आया कि उस ने तो नींद की गोलियां खा कर अपनी जीवनलीला समाप्त करने की कोशिश की थी, लेकिन वह बच कैसे गई. तभी किसी की पदचाप से उस की तंद्रा भंग हुई. उस के सामने डाक्टर रंजना खड़ी थीं.

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इस Valentine आप भी करें अपना हाल-ए- दिल बयां, पार्टनर और क्रश को भेजें दिल छूने वाली शायरी

Valentine’s Day 2024 Wishes: प्यार का महीना फरवरी हर कपल के लिए बेहद खास होता है. लव बर्ड्स के लिए वैलेंटाइन वीक किसी त्योहार से कम नहीं है. इसकी शुरुआत रोज डे होती है और हफ्ते के अंतिम दिन यानी 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाया जाता है. इस दिन लोग अपने क्रश, पार्टनर, बॉयफ्रेड, गर्लफ्रेंड से इजहार-ए-मोहब्बत करते हैं. इस खास मौके पर आप भी अपने दिल का हाल बयां करना चाहते हैं, तो ये शायरी, कोट्स आपके बहुत काम आ सकते हैं.

1. अरमान कितने भी हो,
आरज़ू तुम ही हो,
गुस्सा कितना भी हो,
प्यार तुम ही हो.
हैप्पी वैलेंटाइन डे 2024

2. वैलेंटाइन डे की शुभकामनाएं!
आपके साथ हर दिन वैलेंटाइन डे जैसा लगता है.
कितना प्यार है इस दिल में तेरे लिए
अगर बयां कर दिया तो तू नहीं
ये दुनिया मेरी दिवानी हो जायेगी!
Happy Valentine’s Day

3. चेहरे पर तेरे सिर्फ मेरा ही नूर होगा
उसके बाद फिर तू न कभी मुझसे दूर होगा
जरा सोच के तो देख क्या ख़ुशी मिलेगी,
जिस पल तेरी मांग में मेरे नाम का सिंदूर होगा.
Happy Valentine’s Day

4. होंठों से प्यार के फ़साने नहीं आते
साहिल पे समंदर के मोती नहीं आते
ले लो अभी ज़िंदगी में दोस्ती का मज़ा
फिर लौट के हम जैसे दीवाने नहीं आते
Happy Valentine’s Day 2024

5. आपके आने से जिंदगी कितनी खूबसूरत है,
दिल में बसी है जो वो आपकी ही सूरत है।
दूर जाना नहीं हमसे कभी भूलकर भी,
हमें हर कदम पर सिर्फ आपकी जरूरत है।
हैप्पी वैलेंटाइन डे 2024

6. मेरी जिंदगी के सबसे महत्वपूर्ण इंसान को हैप्पी वैलेंटाइन डे!
Happy valentine day 2024

7. कुछ सोचूं तो तेरा ही ख्याल आता है
कुछ बोलूं तो तेरा नाम आता है
कब तक मैं छुपाऊँ अपने दिल की बात
तेरी हर एक अदा पे हमें प्यार आता है
हैप्पी वैलेंटाइन डे डियर

8. अरमान कितने भी हो,आरजू तुम ही हो
गुस्सा कितना भी हो, प्यार तुम ही हो
ख्वाब कोई भी हो, उस में तुम ही हो
हैप्पी वैलेंटाइन डे डियर

9. मेरी बस एक तमन्ना थी जो हसरत बन गई
कभी तुमसे दोस्ती थी, अब मोहब्बत बन गई
कुछ इस तरह शामिल हुए तुम जिन्दगी में
कि सिर्फ तुझे ही सोचते रहना मेरी आदत बन गई
हैप्पी वैलेंटाइन डे

10. सूरज की रोशनी के बिना कोई फूल नहीं खिल सकता और इंसान बिना प्यार के नहीं रह सकता.
हैप्पी वैलेंटाइन डे

शर्लिन दत्त से लेकर अंजलि फोगाट तक, इन सितारों ने प्यार को ऐसे किया परिभाषित

Valentine’s Day 2024: फरवरी प्यार का महीना है. इस महीने का इंतजार सालभर प्यार करने वाले प्रेमी जोड़े को रहता है. इस समय अगर किसी को पसंद करते हैं और उन्हें दिल की बात कहना चाहते हों या प्यार के इजहार के लिए किसी खास मौके की तलाश में हो या अपने साथी के साथ कुछ प्यार भरे लम्हें बिताने के लिए मौके के इंतजार में हों, फरवरी का महीना बेहद उपयुक्त होता है. इस महीने आप दोस्ती के रिश्ते को एक पड़ाव आगे बढ़ा सकते हैं. अपने साथी के साथ रिश्ते को अधिक गहरा बना सकते हैं. कपल्स के जीवन में निरसता आ गई हो तो उसी उत्सुकता को दोबारा ला सकते हैं, क्योंकि फरवरी में वैलेंटाइन डे मनाया जाता है. प्यार करने वालों के लिए ‘वैलेंटाइन डे’ एक उत्सव की तरह होता है. यही वजह है कि सेलेब्रिटीज भी इस दिन को खास बनाने में कोई कसर छोड़ना नहीं चाहते, क्या है उनकी प्लानिंग आइये जानते हैं.

शर्लिन दत्त

वेब सीरीज ‘हनी ट्रैप स्क्वाड’ में काम कर चुकी अभिनेत्री शर्लिन दत्त कहती है कि फ़रवरी का महीना प्यार बरसाने वाला महीना है और इसका मेरे इमोशन के साथ गहरा सम्बन्ध है. प्यार मेरे लिए भावनात्मक जुड़ाव की एक चित्रपट है, जिसमे एक दूसरे को समझना, रेस्पेक्ट और एक दूसरे के दुःख – सुख में साथ देना आदि के रंग भरे हुए है. मेरे जीवन में अभी कोई स्पेशल मुझे नहीं मिला है, लेकिन मैं इस दिन को अर्थपूर्ण तरीके से बिताना चाहती हूँ. मैं अपने पेरेंट्स के साथ इसे सेलिब्रेट करने वाली हूँ, क्योंकि उन दोनों ने मुझे बिना कंडीशन के प्यार और अब तक हर समय साथ दिया है. परिवार के साथ प्यार के बोन्डिंग को बनाए रखना भी मेरे लिए सही वैलेंटाइन डे को मनाना है. शादी से पहले प्यार का अर्थ, प्यार रूपी बीज को प्लांट करना है, जहाँ भावनाओं और जुड़ाव को धीरे – धीरे पनपने देना पड़ता है, ताकि शादी के बाद सारी चुनौतियों का सामना करते हुए आगे बढ़ने में कोई समस्या न हो. साथ ही प्यार की गहराई भी बढती जाएं.

अरुण मंडोला

टीवी एक्टर अरुण मंडोला कहते है कि वैलेंटाइन डे मेरे लिए बहुत स्पेशल है, प्यार में एक अलग तरीके की महक होती है. सिंगल हो या मिंगल हर व्यक्ति को वैलेंटाइन डे मनाना चाहिए. ये विश्व में किसी त्यौहार से कम नहीं, लेकिन आज के यूथ प्यार और सेक्स के बीच के अंतर को समझने में कंफ्यूज हो रहे है. उन्हें प्यार को सेक्स और सेक्स को ही प्यार समझ में आता है. मैं किसी भी चीज के विरूद्ध नहीं हूँ, लेकिन लोगों का खुद की इच्छाओं पर कंट्रोल करने में कमी का आना जरुरी है. मैं ऐसे कई लोगों से मिल चुका हूँ, वे अपने पार्टनर को अपनी आत्मा से प्यार करते है. मेरे लिए मेरे पेरेंट्स इसका सबसे बड़ा उदहारण है, जिनका प्यार रियल लव है. सच्चे प्यार में एक दूसरे से बिना उम्मीद के पूरा जीवन, उस व्यक्ति के साथ बिताया जा सकता है. सुनने में भले ही ये बनावटी लगे , पर सेक्स की इच्छा प्यार में शुरूआती दौर में होता है, बाद में सभी एक अच्छा जीवनसाथी चाहते है, जो जीवन के किसी भी उतार – चढ़ाव में साथ हो. उसके साथ प्यार की दो मीठी – मीठी बातें शेयर की जा सकें.

निवेदिता बसु

क्रिएटिव डायरेक्टर निवेदिता बसु कहती है कि प्यार मेरे लिए एक दूसरे की समझदारी और कम्पेटिबिलिटी होने को कहा जाएगा. खास कर शादी के कुछ सालों बाद प्यार में कुछ कमी आ जाती है, लेकिन दोस्ती, समझदारी और कम्पेटिबिलिटी कभी नहीं मरती. ये मेरे लिए काफी जरुरी है, इसलिए जब से हमने डेटिंग शुरू किया था, मैंने कभी भी एक वैलेंटाइन डे को हो प्रमुख नहीं माना, बल्कि मेरे लिए हर दिन प्यार भरा होना चाहिए. वैलेंटाइन डे आज की यूथ के लिए अधिक माइने रखती है. मेरे हिसाब से शादी से पहले शुरुआती प्यार में एक दूसरे के प्रति आकर्षण, सेक्सुअल टेंशन और पैशन होता है, जबकि शादी के बाद इतनी सारी दूसरी जिम्मेदारियां होती है कि प्यार पीछे रह जाता है. मेरे हिसाब से एक दूसरे के प्रति प्यार , समझदारी और सम्मान को हमेशा बनाए रखने की जरुरत है, ताकि प्यार की मधुरता हमेशा आपके जीवन में बनी रहे. इस बार मेरे बच्चे वैलेंटाइन डे को बहुत अच्छी तरह से मना रहे और मैं बहुत खुश हूँ.

अंजलि फोगाट  

डिज़ाइनर अंजलि फोगाट का वैलेंटाइन डे को मनाने का अंदाज काफी अलग है, वह कहती है कि प्यार केवल अपने पार्टनर के साथ होना ही जरुरी नहीं होता, प्यार हर व्यक्ति के साथ हो सकता है, जो आपसे जुड़ा हो, मसलन बेटे – बेटी, मेरे डॉग, परिवार या फिर मेरा काम सभी से मुझे बेहद प्यार है. प्यार के बोन्डिंग को केवल एक दिन मनाना काफी नहीं होता, बल्कि हर दिन उनके साथ रहना उनकी खुशियों में शामिल होना होता है. जिसे हम प्यार करते है उनकी ख़ुशी को देखकर खुश होना भी एक सेलिब्रेशन होता है. मेरे हिसाब से वैलेंटाइन डे एक एक्स्ट्रा दिन खुशियों को मनाने का है और इसे मैं केवल पति के साथ ही नहीं, पूरे परिवार के साथ मनाने वाली हूँ. प्यार में शादी करना एक अच्छी बात होती है, क्योंकि शादी की लड्डू ऐसी है, जिसे ‘खाए तो पछताएं और न खाए तो भी पछतायें’. इसलिए इसे खाकर, अनुभव को पा लेना ही बेहतर होता है.

वकार शेख

चंद्रकांता फेम अभिनेता वकार शेख कहते है कि फ़रवरी को प्यार का महिना कहा जाता है और इस महीने में वैलेंटाइन डे भी आता है. मेरे हिसाब से प्यार को दिखावे की जरुरत नहीं, इसका एहसास ही काफी होता है. इसे जितना शेयर किया जाएगा उतना ही बढ़ता है. प्यार पर पूरी दुनिया ही टिकी है और ये हर व्यक्ति के दिल में  होना चाहिए. प्यार हर काम को आसान बनाता है, प्यार की कोई परिभाषा नहीं हो सकती, क्योंकि ये भावनाओं का एहसास मात्र है. वैलेंटाइन डे को मनाने के लिए पत्नी या गर्लफ्रेंड की जरुरत नहीं, जिस किसी ने भी आपके जीवन को सुंदर बनाने के लिए स्पर्श किया हो, फिर चाहे वह आपकी पत्नी, बच्चे, परिवार या दोस्त सभी के साथ आप खुशियाँ बाँट सकते है. मेरे हिसाब से प्यार एक साधारण शब्द है, इसे जितना शेयर करेंगे, उतना ही यह बढेगा, जिससे आप खुश रह सकते है. लव हमेशा बिना शर्तों के होना चाहिए. मेरे वैलेंटाइन मेरी पत्नी और मेरे बच्चे है. जिनके साथ मैं कार्ड्स, फ्लावर्स, फॅमिली डिनर और कुछ नया एक्स्प्लोर कर उस शाम को स्पेशल बनाने की कोशिश करने वाला हूँ. समय और उम्र के साथ – साथ प्यार की परिभाषा बदलती रहती है. मेरा अनुभव प्यार के साथ कुछ अलग ही है. (हँसते हुए ) देखा जाय तो ‘प्यार का पहला अक्षर ही अधूरा होता है’, इसलिए लोग जो प्यार चाहते है वह उन्हें कई बार नहीं मिल पाता. मुझे दर्शकों, परिवार औए दोस्तों का प्यार बहुत मिला है और इससे मेरी जिंदगी खुशनुमा बन चुकी है. आगे भी इच्छा यही है कि मैं अपने प्यार और हुनर से सभी को खुश करता रहूं, ताकि हमारे रिश्ते और अधिक मजबूत बनें.

Valentine’s Day 2024: अधूरे प्यार का अर्धसत्य

कालेज का पहला दिन था. मैं काफी नर्वस थी. अपनी क्लास ढूंढ़ रही थी. तभी मेरी मुलाकात एक लड़के से हुई. उस को देखते ही मुझे कुछ अपनेपन का एहसास हुआ. कहते हैं न, लव एट फर्स्ट साइट. बिलकुल वैसा ही था वह एहसास. उस ने पूछा, ‘‘कालेज में नई हो क्या?’’ मैं ने कहा, ‘‘हां, मैं अपनी क्लास ढूंढ़ रही हूं.’’

फिर वह मुझे क्लासरूम तक छोड़ कर आया. बातोंबातों में पता लगा हम दोनों सेम स्ट्रीम के स्टूडैंट हैं. बस, वह मुझे से सीनियर है. क्लासरूम तक जाते हुए उस ने इस कालेज के बारे में न जाने कितनी बातें बिना रुके बता दी थीं. मैं उसे सुनती जा रही थी और वह बोलता जा रहा था.

इस तरह अकसर हमारी मुलाकात कालेज कैंपस में होने लगी. कभी किताब के बहाने, तो कभी नोट्स के बहाने. उस के माथे पर बिखरे हुए बाल, उस की मुसकराहट मुझे आकर्षित करती थी. वह जो कहता, मैं मान लेती. देखते ही देखते 2 साल गुजर गए. मगर न मैं ने कभी अपनी फीलिंग्स उस से शेयर कीं और न ही उस ने मुझेसे. उस का फाइनल ईयर था. जैसेजैसे समय नजदीक आता जा रहा था, मेरी घबराहट बढ़ती जा रही थी. यह सोच कर मेरा मन दुखी रहता था कि वह अब इस कालेज से चला जाएगा. मैं हमेशा बेचैन रहती थी. एक दिन उस ने मुझे  कौफी शौप में बुलाया और कहा, ‘‘अब शायद हमारी मुलाकात न हो. मैं आगे की पढ़ाई के लिए बेंगलुरु जा रहा हूं.’’

यह सुन कर मैं एक पल के लिए उस की आंखों में देखती रही. मुझे  लगा शायद अब वह अपने दिल की बात कहेगा. फिर उस ने कहा, ‘‘तुम दिल की बहुत अच्छी हो. तुम हमेशा मेरी अच्छी दोस्त बन कर रहना.’’

मैं ने उस की बात का कोई जवाब नहीं दिया. बस, इतना ही पूछा, ‘‘तुम तो खुश हो न, बेंगलुरु जाने की बात से?’’

वह बोला, ‘‘हां, मैं बहुत खुश हूं. मेरी गर्लफ्रैंड भी वहीं रहती है.’’

पिछले 2 सालों में उस ने कभी अपनी गर्लफ्रैंड के बारे में नहीं बताया था. मैं उस से कुछ नहीं कहना चाहती थी. अब उस के सामने अपने प्यार का इजहार भी नहीं करना चाहती थी. और उसे रोते हुए विदा भी नहीं करना चाहती थी. वह चला गया और मेरा प्यार हमेशा के लिए अधूरा रह गया.

वह जो उस के साथ गुजरा, वह वक्त, वह लम्हा अब भी मेरी सांसों में जिंदा है. अब उस की ही खुमारी में आने वाला वक्त भी गुजर ही जाएगा. वह जो गुजर गया वह बेशकीमती था, उसे संभाल कर कहीं रख सकें, ऐसा कोई कोना नहीं मिला.

कुछ गुजरा वक्त, कुछ उस की यादें, कुछ उस के फीके पड़ते निशान, कुछ उस की खींची हुई लकीरें जो अभी फीकी नहीं पड़ी हैं. कुछ उन से जुड़ा, कुछ अलग होता हुआ सा, कुछ पीछे छूटता हुआ सा, कुछ उसे फिर से पा लेने की ख्वाहिश, कुछ उसे फिर से लौटा लाने की चाह, कुछ उसे रोक लेने की कोशिश, कुछ उसे एक बार फिर से महसूस करने की ख्वाहिश. कुछ है, कहीं है, जाने कहां खोया, कब खोया, कैसे खोया पर फिर उसे ढूंढ़ लाने और बांध कर रख लेने की ख्वाहिशें.

Valentine’s Day 2024: तरकीब- पति की पूर्व प्रेमिका ने कैसे की नेहा की मदद

हमने अपनी शादी की पहली सालगिरह की पार्टी का आयोजन बैंक्वेटहौल में किया था. ब्यूटीपार्लर से बनसंवर कर जब मैं वहां राजीव के सामने पहुंची, तो उन्होंने मेरी प्रशंसा करते हुए सीटी बजा दी.

‘‘थैंक यू, डार्लिंग. तुम भी किसी फिल्म स्टार से कम नहीं दिख रहे हो,’’ मेरे मुंह से अपनी तारीफ सुन उन का चेहरा भी खुशी से खिल उठा. धीरेधीरे मित्र और रिश्तेदार पार्टी में पहुंचने लगे. राजीव और मैं पूरे उत्साह से उन की आवभगत में लग गए. हमारी आंखें जब भी आपस में टकरातीं, तो वे खुश हो कर मुसकराते जिस से मेरे दिल में अजीब सी गुदगुदी पैदा हो जाती. फिर मेरे मायके वाले आ पहुंचे. भैयाभाभी और मम्मीपापा ने मुझे गले लगा कर शुभकामनाएं दीं. जब राकेश जीजाजी ने मुझे गले लगा कर मुबारकबाद दी, तो मेरे देखते ही देखते राजीव के माथे पर बल पड़ गए. लेकिन अब जीजाजी ने मुड़ कर राजीव को मुबारकबाद दी, तो वे उन से गले लग कर मिले. उस वक्त उन के मधुर व्यवहार को देख कर कोई नहीं कह सकता था कि वे मन ही मन जीजाजी से चिढ़े हुए थे.

‘‘मैं तुम्हारी पत्नी हूं, इस बात का मुझे गर्व है,’’ मैं ने अचानक राजीव का हाथ पकड़ कर प्यार से दबाया और फिर उन के होंठों पर उभरी प्यारी सी मुसकान देखने के बाद अन्य मेहमानों की आवभगत में व्यस्त हो गई. मैं ने जब राजीव से शादी के लिए हां की थी, तब उन के व्यवहार से उन की ईर्ष्यालू प्रवृत्ति को दर्शाने वाला कोई संकेत मेरी पकड़ में नहीं आया था. अपने मौसेरे भाई की शादी में मेरा परिचय राजीव से हुआ था. वे नवीन भैया के खास दोस्त थे. उस शादी में मुझ पर लाइन मारने वाले लड़कों की कमी नहीं थी, पर राजीव ने मेरा दिल जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी थी. हम बरात के साथ खूब नाचतेगाते गए थे. राजीव को ज्यादा अच्छा नाचना नहीं आता था, लेकिन मेरे इर्दगिर्द वे ही सब से ज्यादा जोशीले अंदाज में थिरकते नजर आए थे. मेरी नजरों में चढ़ने के लिए उन्होंने मुझे और मेरी सहेलियों को सारे स्नैक्स भागभाग कर चखाए. वे हर फोटो में मेरे साथ या पीछे खड़े नजर आते. उन के दोस्तों और मेरी सहेलियों ने उन की बहुत टांगखिंचाई की, पर उन्होंने मेरे इर्दगिर्द मंडराना नहीं छोड़ा था. मैं ने उन्हें उस रात ज्यादा लिफ्ट तो नहीं दी, पर यह भी सच है कि उन के लिए मेरे दिल में प्यार का छोटा सा अंकुर फूट जरूर आया था. बाद में उन्होंने मेरे औफिस के चक्कर लगाने शुरू किए. मुझे और मेरी 2 सहेलियों को 3 बार कौफी पिलाने के बाद उन्हें मेरे साथ अकेले में घूमने का मौका मिला था.

कुछ दिनों के बाद वे मेरे सारे दोस्तों से परिचित हो गए. उन के बीच राजीव की लोकप्रियता देखते ही बनती थी. उन जैसा मिलनसार और हंसमुख प्रेमी पा जाने के लिए वे सभी मुझे बहुत खुशहाल मानते थे. पहली बार वे मेरे घर नवीन भैया के साथ आए और अगली बार अपने मम्मीडैडी के साथ. उन दोनों ने उसी दिन मुझे अपने घर की बहू बनाने की इच्छा प्रकट कर दी. मेरी राय जानने के बाद पापा ने भी अगले दिन उन्हें हां कह दी. अपनी शादी की सालगिरह की पार्टी में हम ने डांस करने के शौकीनों के लिए डीजे का इंतजाम किया था. राजीव के कुछ दोस्तों ने सब से पहले हम दोनों को डांस फ्लोर पर खड़ा कर दिया और फिर तालियां व सीटियां बजाबजा कर हमारा उत्साह बढ़ाने लगे. मैं ने पूरा साल काफी मेहनत की थी, पर राजीव को ढंग से नाचना नहीं सिखा पाई. लेकिन वे शरमाने वालों में से नहीं थे. उन के नाचने के जोशीले स्टाइल को देख कर कई मेहमानों के पेट में हंसतेहंसते बल पड़ गए.

डांस फ्लोर पर कुछ और जोड़े आ गए तो मैं ने राजीव से पूछा, ‘‘क्या हम अब मेहमानों की देखभाल करने चलें?’’

‘‘यस, स्वीटहार्ट,’’ उन्होंने मेरा हाथ थामा और डांस फ्लोर से उतर कर मेहमानों की तरफ चल पड़े.

उन्होंने मेरा हाथ बड़ी देर तक नहीं छोड़ा. इस बात से कुछ लोगों ने शायद यह अंदाजा लगाया होगा कि हम जरूरत से ज्यादा बन रहे हैं, लेकिन असली कारण मैं ही समझ रही थी. राजीव नहीं चाहते थे कि मैं किसी और के साथ डांस करूं. इसीलिए वे मुझे अपने साथ लिए मेहमानों के बीच घूम रहे थे. फिर वही हुआ जो वे नहीं चाहते थे. मैं ने अपने कालेज के कुछ दोस्तों को भी आमंत्रित किया था. वे सब मस्त हो कर डांस कर रहे थे और मौका मिलते ही मेरा हाथ पकड़ कर मुझे भी डांस फ्लोर पर खींच लिया. उन के साथ नाचते हुए मुझे इस बात का एहसास था कि राजीव इस वक्त मन ही मन किलस रहे होंगे.

मुश्किल से 5 मिनट भी नहीं गुजरे और राजीव डांस फ्लोर पर पहुंच गए. मेरे दोस्तों का हौसला बढ़ाते हुए उन्होंने मुंह में उंगली डाल कर जब सीटियां बजानी शुरू कीं, तो माहौल और ज्यादा मस्त हो उठा. जब गाना बदला, तो वे मेरा हाथ पकड़ कर फ्लोर से उतर आए. फिर मेरे कान के पास मुंह ला कर नाराजगी प्रकट करते हुए कहा, ‘‘अब तुम कालेज स्टूडैंट नहीं हो, नेहा. एक शादीशुदा स्त्री को सलीके से व्यवहार करना आना चाहिए. तुम ढील दोगी, तो इन्हीं दोस्तों में से कोई बदतमीज तुम्हारे साथ चीप हरकत करने की जुर्रत कर बैठेगा.’’

‘‘तुम मेरी कितनी चिंता करते हो. आई लव यू, डार्लिंग,’’ उन की आंखों में मैं ने प्यार से झांका, तो वे संतुष्ट भाव से मुसकरा उठे. शादी के कुछ हफ्तों बाद से ही मुझे उन के ईर्ष्यालू स्वभाव की झलक दिखने लगी थी. जब भी हमउम्र युवकों के साथ हंसबोल कर हम घर लौटते, तो वे जरूर मुझ से झगड़ा करते.

‘‘मैं तुम्हारे या अपने दोस्तों से सिर्फ मनोरंजन की खातिर हंसतीबोलती हूं… किसी के साथ चक्कर चलाने की मेरी कोई मंशा नहीं है, क्योंकि न मैं चरित्रहीन हूं और न ही तुम से असंतुष्ट. फिर तुम क्यों इस बात को ले कर मुझ से बारबार झगड़ते हो?’’ शुरू में उन्हें बड़े प्यार से समझाने की कोशिश करती थी. ऐसा नहीं कि मेरी बात उन की समझ में नहीं आती थी. वे बड़ी जल्दी सहज हो कर मुझ से हंसनेबोलने लगते, पर अगला मौका मिलते ही वे फिर मेरे पीछे पड़ने से नहीं चूकते थे. राजीव का मेरे चरित्र पर शक करना मुझे धीरेधीरे ज्यादा खलने लगा. इस कारण हमारे बीच हर पार्टी से लौटने के बाद बहस और झगड़ा होता. मैं पहले की तरह उन का लैक्चर आराम से नहीं सुनती थी, इस कारण वे मुझ से ज्यादा देर तक नाराज रहते थे. मुझे मनाने का काम वे जल्दी नहीं करते और मैं भी पहले की तरह आसानी से सहज नहीं हो पाती थी. कई बार ऐसा भी हुआ कि किलस कर मैं ने कुछ पार्टियों में किसी भी आदमी से बात नहीं की. मुझे यों चुपचुप देखना भी राजीव को पसंद नहीं आता और तब उन से अलग तरह का लैक्चर मुझे सुनने को मिलता.

‘‘तुम्हें साथ ले कर कहीं जाना सिरदर्दी बनता जा रहा है, नेहा, यों मुंह फुला कर घूमना था, तो यहां आई ही क्यों?’’ मेरे चुप रहने पर भी वे गुस्सा होते. मेरा समझाना, नाराज हो कर झगड़ना या चुप रहना उन में बदलाव नहीं ला सका था. मैं इस समस्या को हल करने का कोई और तरीका सोच पाती उस से पहले ही जीजाजी वाली घटना घट गई. यह हमारी शादी होने के करीब 8 महीने बाद की घटना है. उन दिनों मैं सप्ताह भर के लिए मायके रहने आई हुई थी. मेरे लौटने वाले दिन दीदी और जीजाजी मिलने आ गए. मुझे वापस ले जाने को राजीव उस शाम को आने वाले थे. शाम के समय दीदी, जीजाजी और मैं गपशप करते हुए छत पर टहल रहे थे. कुछ देर बाद दीदी मां के साथ रसोई में काम कराने नीचे चली गईं.

राजीव के पहुंचने का हमें पता नहीं चला था. जब वे अचानक छत पर पहुंचे, उस वक्त मैं जीजाजी की किसी बात पर बड़ी जोर से हंस रही थी.

‘‘कौन सा चुटकुला सुनाया है तुम्हारे जीजाजी ने, मुझे भी बताओ,’’ राजीव मुसकराते हुए हमारे पास आ गए.

‘‘अरे, हम वैसे ही हंस रहे थे. क्या हालचाल हैं तुम्हारे? नेहा से दूर हो कर हफ्ते भर में ही दुबले हो गए तुम तो,’’ जीजाजी के इस मजाक पर सब से जोर से राजीव ने ही ठहाका लगाया था. कुछ देर बाद जीजाजी हमें अकेला छोड़ कर नीचे चले गए. मैं ने भावुक अंदाज में उन का हाथ पकड़ कर चूमना चाहा, तो उन्होंने झटके से अपना हाथ छुड़ाया और गुस्से से बोले, ‘‘कोई जरूरत नहीं है मेरे साथ प्यार का नाटक करने की.’’

‘‘यह क्या कह रहे हो?’’ उन की खराब सोच को उसी क्षण पकड़ लेने के कारण मुझे भी गुस्सा आ गया.

‘‘मैं ठीक ही कह रहा हूं. अरे, तुम उन औरतों में से हो, जिन्हें फ्लर्ट करना ही करना है. फिर मैं तुम्हारे प्यार पर कैसे विश्वास करूं?’’

‘‘बेकार की बातें सोचसोच कर तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है,’’ चिढ़ और फिर गुस्से का शिकार हो मैं नीचे जाने को मुड़ गई.

तब उन्होंने अचानक मेरे बाल पकड़ लिए. मैं ने उन्हें छुड़ाने की कोशिश की, पर उन की पकड़ ढीली नहीं हुई. तेज पीड़ा के कारण मेरी आंखों में आंसू छलक आए. ‘‘मेरी बात पूरी होने से पहले भागने की कोशिश की, तो मुझ से बुरा कोई न होगा,’’ मेरे बालों को जोर से एक झटका देने के बाद ही उन्होंने अपनी पकड़ ढीली की थी. उन की इस जानवर जैसी हरकत के बाद मैं ने उस रात उन के साथ ससुराल लौटने से इनकार कर दिया. किसी के समझाने का मुझ पर कोई असर नहीं हुआ था. राजीव की मुझे मनाने की कोशिशें भी बेकार गई थीं. अब तक उन के गलत व्यवहार को मैं सब से छिपाती आई थी, पर उस बार मैं ने सब को उन के शक्की स्वभाव से परिचित करा दिया.

‘‘नेहा, अभी ज्यादा दुखी और परेशान है, राजीव. तुम कुछ दिन बाद इसे वापस ले जाना,’’ मां ने उन्हें ऐसा कुछ समझा कर विदा कर दिया था. मेरी नाराजगी वक्त के साथ कम नहीं हुई थी. जब भी बाल पकड़ने से हुए अपमान की पीड़ा याद आती, मेरा मन राजीव के प्रति अजीब सी नफरत से भर उठता था. तब एक शाम मुझ से मिलने कविता आई. बातों ही बातों में बोली, ‘‘कभी राजीव और मैं शादी करने के इच्छुक थे, नेहा. मुझे तुम दोनों के रिश्ते के बीच दरार पड़ने की खबर मिली, तो मैं यहां आने से खुद को रोक नहीं पाई. इस मामले में मैं तुम्हारी हैल्प कर सकती हूं, नेहा.’’ वह मेरे दुख में दुखी नजर आ रही थी. मुझे उस की यह बात मेरे मन को प्रभावित कर गई. अत: पूछा, ‘‘कैसे?’’ उस शाम वह मेरे पास 2 घंटे रुकी और विदाई के वक्त तक सचमुच ही मुझे मेरी समस्या का समाधान नजर आ गया था.

राजीव की भूतपूर्व प्रेमिका को उस के पति अरुण के साथ अपनी शादी की पहली वर्षगांठ की पार्टी में मैं ने आमंत्रित किया था. राजीव को इस का पता नहीं था. इसीलिए उस रात उन दोनों को अचानक सामने देख कर वे हैरान रह गए थे. वे अरुण के कभी अच्छे दोस्त हुआ करते थे. शुरू में वे कुछ बेचैन से दिखे, पर जल्द ही उन्होंने खुद को संभाल लिया.

‘‘तुम दोनों की मुलाकात कैसे हुई?’’ राजीव ने कविता से अपनी उत्सुकता शांत करने के लिए पूछा.

‘‘तुम ने तो कभी हमें मिलाया नहीं, तो एक दिन मैं नेहा से उस के मम्मीपापा के घर मिलने खुद ही पहुंच गई थी. मेरी मौसी का घर इन की कालोनी में ही है,’’ कविता ने कुछ सच और कुछ झूठ मिला कर जवाब दिया. ‘‘यह तो हमें शादी में बुलाना भी भूल गया था. अब नेहा ने तुम्हें सरप्राइज देने को हमें पार्टी में बुला लिया है, इस बात के लिए अब उस से झगड़ा मत करना, यार,’’ अरुण ने मजाक किया.

‘‘नेहा मेरे दिल की रानी भी है और मेरी बौस भी. यह जो चाहे कर सकती है,’’ राजीव ने बड़े रोमांटिक अंदाज में मेरा हाथ चूम कर मुझे भी मन ही मन चौंका दिया.

‘‘नेहा ने बताया कि तुम बड़ा अच्छा डांस करना सीख गए हो. क्या यह सच है?’’ कविता के द्वारा राजीव से पूछे गए इस सवाल का जवाब मैं ने हंसते हुए दिया, ‘‘अरे, तुम राजीव के साथ डांस कर के अपने सवाल का जवाब पा लो न.’’

‘‘गुड आइडिया.’’ कविता ने राजीव को सोचने का मौका नहीं दिया और उन का हाथ पकड़ कर डांस फ्लोर की तरफ बढ़ गई.

‘‘तुम अब खुश हो न राजीव के साथ?’’ उन के कुछ दूर जाने के बाद अरुण ने बड़े शिष्ट लहजे में मुझ से सवाल किया.

‘‘बहुत,’’ मैं ने सचाई बयान की.

‘‘राजीव दिल का बहुत अच्छा है.’’

‘‘इसीलिए उन के स्वभाव की वह कमी अब मुझे बिलकुल परेशान नहीं करती है.’’

‘‘गुड.’’

‘‘मैं कविता की और तुम्हारी आजीवन आभारी रहूंगी.’’

‘‘हमारी शुभकामनाएं हमेशा तुम्हारे साथ हैं,’’ मेरा कंधा प्यार से दबाने के बाद अरुण स्नैक्स की ट्रौली की तरफ बढ़ गए. मुझे कविता के साथ हुई पहली मुलाकात के अवसर पर हमारे बीच जो वार्तालाप हुआ था, उस के कुछ अंश याद आए कविता ने भावुक हो कर अपनी आपबीती मुझे सुनाई, ‘‘नेहा, मेरे पति अरुण, राजीव और मैं अच्छे दोस्त थे. अचानक मुझे अरुण की नजरों में अपने लिए प्यार के भाव नजर आने लगे, तो मैं ने उस की तरफ कुछ ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया था.’’

‘‘लेकिन तुम तो खुद को राजीव की प्रेमिका बता रही हो,’’ मैं उलझन में पड़ गई.

‘‘हां, प्रेमिका तो मैं राजीव की ही बनी थी. उसे यह बात हजम नहीं हुई कि मेरा रुझान अरुण की तरफ ज्यादा होता जा रहा है. तब उस ने मेरा दिल जीतने का अभियान युद्ध स्तर पर छेड़ा और मैं धोखा खा गई.’’ ‘‘मैं ने अरुण के बजाय राजीव को अपना दिल दे दिया, पर यह मेरी भारी भूल साबित हुई. प्रेमी का दर्जा पाते ही राजीव ने मेरे ऊपर बंदिशें लगानी शुरू कर दीं. वह नहीं चाहता था कि मैं किसी भी ऐसे युवक के साथ हंसूंबोलूं जो किसी भी बात में उस से बेहतर हो.’’

‘‘राजीव मेरा प्रेमी बन गया, तो अरुण ने मेरे प्रति अपनी कोमल भावनाओं को नियंत्रित कर लिया. फिर भी राजीव चाहता था कि मैं तो उस से बोलना बहुत कम कर दूं, पर वह खुद उस का पहले की तरह दोस्त बना रहे.

‘‘बिना कारण मैं अरुण से बोलचाल बंद कर देती तो अपनी नजरों में ही गिर जाती. मैं ने हर तरह से राजीव को समझाने की कोशिश की, पर बात नहीं बनी.

‘‘फिर एक दिन हमारे बीच भयंकर झगड़ा हुआ. उस ने मुझे बहुत अपशब्द कहे. मैं उस से इतनी ज्यादा खफा हुई कि उस झगड़े का अंत हमारे प्रेम संबंध के टूट जाने के साथ हुआ.’’ ‘‘जैसा तुम्हारे साथ घटा, बिलकुल वैसा ही मेरे साथ हो रहा है. मैं भी उन के बेवजह के शक्की व्यवहार से बुरी तरह तंग आ चुकी हूं,’’ मेरी आंखों में आंसू छलक आए.

‘‘राजीव में बस यही एक बहुत बड़ी कमी है. वैसे वह दिल का बहुत अच्छा है न?’’

‘‘हां, पर…’’

‘‘अब मैं तुम्हें इस समस्या से निबटने का रास्ता दिखाती हूं. तुम मेरी बात ध्यान से सुनो…’’ उस शाम मुझे राजीव के शक्की व्यवहार के कारण हमारे बीच आएदिन होने वाले झगड़ों से निबटने की कारगर तरकीब समझ आ गई थी. ‘‘राजीव तुम्हें कमजोर चरित्र की नहीं मानता है, नेहा. उसे तो इस बात की फिक्र रहती है कि कोई आकर्षक पुरुष तुम्हें उस से वैसे ही न छीन ले, जैसे उस ने मुझे अरुण से छीना था,’’ कविता से मिली इस समझ ने मेरी समस्या का समाधान कर दिया. कविता से हुई पहली मुलाकात के अगले दिन मैं खुद ही पापा के साथ राजीव के पास लौट आई. मुझे अचानक सामने देख कर उन की आंखें खुशी से चमक उठीं. अब राजीव जब भी किसी आदमी के साथ मेरे हंसनेबोलने पर एतराज प्रकट करते हैं, तो मैं न नाराज होती हूं, न रूठती हूं और न ही उन्हें समझाने की कोशिश करती हूं. अब मैं फौरन कुछ वैसा ही करती हूं, जैसा मैं ने शादी की सालगिरह का केक काटने के समय किया. केक कटने के बाद मेरे कालेज के 2 दोस्तों ने कुछ ज्यादा ही उत्साह का प्रदर्शन करते हुए मुझे अपने हाथों से केक आधा खिलाया और आधा मेरे गाल पर रगड़ दिया. मौका मिलते ही मैं नाराज नजर आ रहे राजीव के पास पहुंची और उन के कान के पास मुंह ले जा कर मादक स्वर में बोली, ‘‘इस केक को मेरे गाल पर मेरा कोई दोस्त भी लगा सकता है, पर आज रात को इस गाल पर लगे केक की मिठास चखने का अधिकार सिर्फ तुम्हारा है.’’

रात के उस दृश्य की कल्पना करते ही उन की सारी नाराजगी दूर हो गई. उन्हें कुछ गलत बोलने का मौका मैं ने फिर नहीं दिया था. अप्रत्यक्ष रूप से उन्हें अपने प्यार व वफा का विश्वास दिला कर मैं ने उन के और अपने मन की सुखशांति को नष्ट करने वाली बहस से एक बार फिर बचा लिया था.

Valentine’s Day 2024: आखिर क्यों मनाया जाता है वैलेंटाइन डे, किसने प्यार की खातिर दी थी जान

Valentine’s Day 2024: हर साल 14 फरवरी को दुनियाभर में प्यार का त्योहार वैलेंटाइन डे मनाया जाता है, कपल हाथ में गुलाब लिए एकदूसरे के आगोश में खोए रहते हैं, साथ जीनेमरने की कसमें खाते हैं, पर क्या आप जानते हैं कि यह त्योहार इसी दिन क्यों मनाया जाता है और किस ने अपनी जान दे कर इस दिन को ऐतिहासिक बना दिया था?
दरअसल, यह सब जानने से पहले हमें रोम शहर के उस दौर में (270 ईसवी) जाना होगा, जब वहां पर क्लाडियस गोथिक्स द्वितीय नाम के राजा का राज था और उन का मानना था कि मर्दों को प्यार और शादी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इस से उन की अक्ल और ताकत दोनों खत्म हो जाती है, इसलिए वे अपने सैनिकों की शादी कराने के खिलाफ थे. यहां तक कि उन्होंने सैनिकों की शादी पर ही रोक लगा दी थी.
उस समय रोम में वैलेंटाइन नाम के एक संत थे, जो राजा के इस फैसले के खिलाफ थे. उन्होंने सैनिकों को समझाया कि वे शादी कर लें. कई सैनिकों ने उन की बात को मान कर शादी भी कर ली थी. यह बात राजा को पसंद नहीं आई और वे संत वैलेंटाइन को अपना दुश्मन समझने लगे.
ऐसा कहा जाता है कि एक बार राजा ने संत वैलेंटाइन को अपने पास बुलाया और उन्हें अपना ईसाई धर्म छोड़ कर रोमन धर्म अपनाने के लिए कहा. संत वैलेंटाइन ने इस बात से न केवल इनकार कर दिया, बल्कि उन्होंने राजा को ही अपना धर्म बदलने की सलाह दे डाली. यह सुन कर राजा को काफी गुस्सा आया और उन्होंने संत को ही मारने का आदेश दे दिया.
यह कहा जाता है कि राजा क्लाडियस गोथियस द्वितीय ने जिस दिन संत वैलेंटाइन को मरवाया था, उस दिन 14 फरवरी थी. ऐसा माना जाता है कि उन के मरने के बाद से ही वैलेंटाइन डे 14 फरवरी को मनाया जाने लगा था. साल 496 में पहली बार वैलेंटाइन डे मनाया गया था.
अब से आप जब भी वैलेंटाइन डे पर अपने साथी के साथ खुशियां मना रहे हों, तो संत वैलेंटाइन को भी याद कर लेना.

Valentine’s Day 2024: इश्क वाले लव में ऐसे जोड़ें स्पार्क की लाइट, रिलेशनशिप होगा मजबूत

Valentine’s Day 2024: समीर का अकसर उसके आसपास के पुरुष वर्ग मजाक उड़ाते हुए मिल जाते हैं. लेकिन अपनी सोसाइटी की महिलाओं के बीच में वो अक्सर चर्चाओं में रहता है. जैसे कि,” देखो दोनों मिया बीवी में कितना प्यार है, वीकेंड पर अक्सर घूमने जाते हैं या देखो वह अपनी पत्नी का कितना हाथ बंटाता है.”…आदि आदि.

लेकिन इसमें हरज ही क्या है? असल में पार्टनर के साथ आपका रिलेशनशिप कितना मजबूत और खूबसूरत है, यह इस बात पर निर्भर है कि आप आपस में कितने भावनात्मक रूप से जुड़े हैं. दो लोगों के रिश्ते में एक दूसरे के प्रति प्यार और अपनापन उस पुल की तरह काम करता है जो आपको आपस में जोड़ता है. अगर आपको महसूस हो रहा है कि आपका यह रिश्ता कहीं कमजोर हो रहा है या इसमें स्पार्क खत्म हो रहा है तो आपकी कुछ आसान सी कोशिशें आपके रिश्ते को फिर से प्यार से भर सकती हैं.

साथ में बिताएं क्वालिटी टाइम

रिलेशनशिप को मजबूत बनाने के लिए यह बहुत जरूरी है कि आप अपने पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं. एक दूसरे के साथ रोमांटिक छुट्टियों पर जाना, डिनर डेट प्लान करना, सुबह की ताजा हवा में वॉक करना, शाम को चाय की चुस्की के साथ दिनभर की बातें शेयर करना, आपको अपने पार्टनर के करीब लाएगा. इससे आपका पार्टनर से मजबूत बाॅन्ड बनेगा.

प्यार है तो जताएं भी

माना कि आप अपने पार्टनर से बहुत प्यार करते हैं, लेकिन इसे जताना भी जरूरी है. अपनी कुछ कोशिशों से आप आसानी से यह कर सकते हैं. सुबह गुड मॉर्निंग के साथ ‘आई लव यू’ बोलना, ऑफिस जाने से पहले पार्टनर को गले लगाना, ऑफिस से लौटकर पार्टनर को किस करना आदि आपके प्यार को जताता है. टीवी देखते हुए हाथों में हाथ डालकर बैठना, कंधे पर सिर रखकर मूवी देखना आपको अपनेपन का एहसास दिलाता है. रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए यह प्यार भरा स्पर्श बहुत काम का साबित होगा.

एक-दूसरे को समझना है जरूरी

पार्टनरशिप सिर्फ प्यार जताने का नाम नहीं है, इसमें आपसी सहयोग करना भी जरूरी है. एक-दूसरे के सपनों को समझना और उन्हें पूरा करने के लिए अपने पार्टनर की मदद करना, आपका समर्पण दिखाता है. मुसीबत में आप अपने पार्टनर का पूरा सहयोग करें, इससे आपके पार्टनर के दिल में आपके लिए इज्जत और प्यार दोनों ही बढ़ेगा.

रिश्ते में बनाए रखें रोमांस

अक्सर कपल्स का रिश्ता समय के साथ-साथ बोरिंग होने लगता है. काम और घर चलाने की जद्दोजहद के बीच अक्सर रोमांस हाशिए पर हो जाता है. लेकिन आप ऐसी गलती न करें. तनाव के बावजूद आप रिश्ते में रोमांस बनाएं रखें. इससे आपका रिश्ता खूबसूरत बनेगा. अपने पार्टनर को कुछ सरप्राइज दें, उन्हें गिफ्ट दें, आउटिंग प्लान करें. इन सबसे आप अपने रिश्ते में गर्मजोशी बनाए रख सकते हैं.

तारीफ में न करें कंजूसी

तारीफ हर किसी को अच्छी लगती है. रिश्ते में यह और भी महत्वपूर्ण हो जाती है.
‘आज तुमने खाना बहुत अच्छा बनाया’, ‘आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो’, ‘आपने मेरी बहुत मदद की’, ‘तुम हमेशा मेरा साथ देते हो’, ये कुछ ऐसी बातें हैं, जिन्हें बोलकर न सिर्फ आप अपने पार्टनर का दिन अच्छा बना सकते हैं, बल्कि अपने प्यार को भी एक्सप्रेस कर सकते हैं.

आलोचना नहीं, सुझाव दें

बात-बात पर अगर आप अपने पार्टनर की आलोचना करते हैं तो ऐसा करने से बचें. अगर आप अपने पार्टनर की किसी बात से सहमत नहीं हैं तो आप एकदम से प्रतिक्रिया देने की जगह, उन्हें सुझाव दें. अपने पार्टनर की बातों और सुझावों को लेकर हमेशा नरमी बनाएं रखें. उन्हें समझने की कोशिश करें. आपका यह धैर्य आपको पार्टनर के करीब लगाए.

Valentine’s Day 2024: वैलेंटाइन वीक में गुलाब स्क्रब से अपने होठों को बनाएं सॉफ्ट और पिंक

वैलेंटाइन वीक चल रहा है और मोहब्बत के इस वीक में गुलाबों का महत्व बढ़ना लाजमी है. इस समय हवाओं में प्यार और गुलाब दोनों की खुशबू महक रही है. ऐसे में आपकी ब्यूटी को बढ़ाने के लिए अगर आप रोज स्क्रब का उपयोग करेंगे तो जाहिर है आपको शानदार रिजल्ट मिलेंगे. अगर आप भी चाहती हैं कि आपके होंठ भी गुलाब की पंखुड़ियों जैसे गुलाबी, कोमल और चिकने हो जाएं तो गुलाब स्क्रब आपके लिए बेस्ट है. यह आपके होठों को बखूबी एक्सफोलिएट और माॅइस्चराइज करता है. खास बात ये है कि इसे घर पर मिनटों में तैयार किया जा सकता है. तो चलिए जान लेते हैं इस आसान से स्क्रब को बनाने की विधि.

सामग्री

गुलाब की सूखी पंखुड़ियां – 1 टेबलस्पून
दानेदार चीनी – 1 टेबलस्पून
नारियल या बादाम का तेल – 1 टेबलस्पून
शहद – 1 टीस्पून

नोट: अगर आप होठों को एक्सफोलिएट करना चाहती हैं तो चीनी की जगह ब्राउन शुगर का उपयोग भी किया जा सकता है. वहीं नारियल या बादाम के तेल की जगह आप ऑलिव ऑयल या जोजोबा ऑयल भी उपयोग कर सकते हैं.

ऐसे बनाएं गुलाब स्क्रब

सबसे पहले आप गुलाब की सूखी पंखुड़ियों को अच्छे से ग्राइंड करके इसका बारीक पाउडर बना लें. आप चाहें तो बाजार से भी गुलाब का पाउडर खरीद सकती हैं. अब इन पंखुड़ियों को एक बाउल में डालें और उसमें दानेदार चीनी, नारियल या बादाम का तेल और शहद मिलाएं. शहद से आपके होठ मॉइश्चराइज रहेंगे. पूरी सामग्री को अच्छे से मिलाएं. इसे तब तक मिलाएं जब तक चीनी इसमें मिल जाए. तैयार है आपका रोज लिप स्क्रब.

ऐसे करें इसे अप्लाई

इस स्क्रब को यूज करना काफी आसान है. सबसे पहले आप अपनी जरूरत के अनुसार स्क्रब को अंगुलियों में लें और होठों पर इसे हल्के हाथ से स्क्रब करें. स्क्रब हमेशा सर्कुलर मोशन में करें. इससे आपके होठों की डैड स्किन हट जाएगी. करीब 1 से 2 मिनट स्क्रब करने के बाद आप लिप्स को गुनगुने पानी से वॉश कर लें. इससे आपके होठ एक्सफोलिएट होंगे. अब मुलायम टॉवल से होठों को थपथपाकर सुखाएं. अपनी पसंद का कोई भी मॉइस्चराइजर अप्लाई करें. बचे हुए स्क्रब को आप किसी भी एयरटाइट कंटेनर में रखें. यह कई हफ्तों तक खराब नहीं होता. वीक में दो बार आप इस स्क्रब को यूज कर सकती हैं.

गुलाब इसलिए है होठों के लिए फायदेमंद

गुलाब की पंखुड़ियां विटामिन ए और सी से भरपूर होती हैं. यह होठों को मुलायम और चमकदार बनाती हैं. गुलाब में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो होठों को नुकसान से बचाते हैं और उन्हें स्वस्थ रखते हैं. गुलाब में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो होठों की सूजन और जलन को कम करते हैं. गुलाब में प्राकृतिक तेल होते हैं जो होठों को मॉइस्चराइज करते हैं और उन्हें रूखे और फटे होने से बचाते हैं.

Valentine’s Day 2024: फैसला- आभा के प्यार से अविरल ने क्यों मोड़ा मुंह

लेखक- डा. कृष्णकांत

अविरल टैक्सी से उतर कर तेज कदमों से चलता हुआ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन में दाखिल हुआ. सुबह के 7.35 बज चुके थे. वह प्लेटफार्म नं. 1 पर खड़ी शताब्दी एक्सप्रेस के एसी चेयरकार के अपने डब्बे में घुस गया और अपनी सीट पर बैठ गया. उस की बीच के रास्ते के साथ वाली सीट थी.

उसे कल शाम को ही सूचना मिली कि आज पंजाब सरकार के अधिकारियों के साथ चंडीगढ़ में मीटिंग है, इसलिए उसे सुबहसुबह चंडीगढ़ के लिए रवाना होना पड़ा. शाम को ही उस ने आभा को फोन करने का विचार किया. उस के घर में बेकार का बवाल न खड़ा हो जाए, यह सोच कर उस ने इस विचार को त्याग दिया.

‘आप का शताब्दी एक्सप्रेस पर जो दिल्ली से पानीपत, कुरुक्षेत्र, अंबाला, चंडीगढ़ होते हुए कालका जा रही है, स्वागत है…’ उद्घोषणा हुई.

उसी समय चाय और बिस्कुट की सेवा शुरू हो गई. चाय पीने के बाद अविरल ने आंखें बंद कर लीं. आंखें बंद करते ही उस के सामने आभा का मुसकराता हुआ चेहरा आ गया. वह आभा के बारे में सोचने लगा, जब उस ने आभा को पहली बार देखा था.

आभा से उस की पहली मुलाकात 6 माह पहले अचानक एक पार्टी में हुई थी. उन दिनों उस की पत्नी सुधा बीमार थी. चूंकि यह उस के बौस राहुल साहब की लड़की की शादी की पार्टी थी, इसलिए उसे जाना पड़ा था. आभा भी अकेली आई थी.

बाद में मालूम हुआ कि उस के पति को पार्टियों से नफरत है. आभा एक कंपनी में निदेशक थी. चूंकि उस की कंपनी के राहुल साहब की कंपनी के साथ व्यावसायिक संबंध थे, इसलिए उसे भी औपचारिकतावश आना पड़ा था.

‘‘आप अकेली हैं?’’ अविरल ने आभा के पास जा कर पूछा.

‘‘अब नहीं हूं. आप जो आ गए हैं.’’ आभा ने मुसकरा कर कहा.

कुछ ही देर में वे ऐसे घुलमिल गए, जैसे बरसों से एकदूसरे को जानते हों. पार्टी के बाद अविरल उसे घर छोड़ने गया. विदा लेते समय आभा ने धीरे से उस का हाथ दबा कर कहा, ‘‘शुक्रिया, मैं आशा करती हूं कि यह हमारी आखिरी मुलाकात नहीं होगी.’’

उस रात अविरल के जेहन में आभा छाई रही. ‘मैं आशा करती हूं कि यह हमारी आखिरी मुलाकात नहीं होगी’ उस का यह वाक्य उस के मन में बारबार कौंधता रहा.

एक सप्ताह बाद वह उसे अपने आफिस के गलियारे में मिल गई. पूछने पर बताया कि वह किसी मीटिंग में आई थी. दोपहर के खाने का समय हो रहा था. अविरल ने उसे खाने का आमंत्रण दिया तो वह तुरंत तैयार हो गई.

अविरल को लगा कि आभा उस की ओर आकर्षित है. उस की बातों से आभास हुआ कि पति की अधिक उम्र होने के कारण वह अपने पारिवारिक जीवन से असंतुष्ट है. वे दोनों अकसर आफिस के बाहर मिलने लगे.

एक दिन शाम को लोदी गार्डन में बैठेबैठे आभा ने अविरल के कंधे पर सिर रख दिया और आंखें बंद कर लीं. अविरल ने उस के अधरों पर अपने अधर रख दिए. वह उस से लिपट गई.

‘‘तुम मुझे धोखा तो नहीं दोगे, मेरा साथ दोगे न?’’

‘‘जरूर,’’ अविरल ने कहा.

‘अब हम पानीपत रेलवे स्टेशन पहुंच रहे हैं. यह स्थान इतिहास में 3 लड़ाइयों के लिए प्रसिद्ध है…’ उद्घोषणा हुई.

अविरल ने आंखें खोल कर घड़ी में देखा.

9 बज चुके थे. यानी गाड़ी 15 मिनट विलंब से चल रही है. उस ने आभा को फोन किया.

‘‘क्या कर रही हो?’’

‘‘अभीअभी आफिस आई हूं.’’

‘‘मैं इस समय शताब्दी से चंडीगढ़ जा रहा हूं. तुम्हारी याद आ रही है.’’

‘‘अचानक चंडीगढ़ कैसे?’’

‘‘पंजाब सरकार के अधिकारियों के साथ मीटिंग अचानक तय हुई. मैं आज देर रात तक लौटूंगा. इसलिए आज के बजाय कल शाम को मिलते हैं.’’

‘‘मैं ने कल रात सपने में देखा कि हम शादी के बाद गोवा जा रहे हैं. मैं इस सपने को साकार करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हूं. और तुम?’’

‘‘मैं भी,’’ अविरल ने कहा.

‘‘मैं शाम को 6.00 बजे बात करूंगी. अभी मीटिंग में जाना है. मैं तुम्हें बहुत प्यार करती हूं,’’ कह कर आभा ने फोन काट दिया.

अविरल ने मुसकरा कर अपना सैल फोन बंद किया.

उसे अचानक लगा कि किसी ने धक्का दिया है. उस ने मुड़ कर देखा कि एक वृद्ध सज्जन और एक महिला बहुत ही धीरेधीरे चल कर रास्ते के दूसरी ओर वाली 2 सीटों पर बैठ गए. उसे वृद्ध का मुंह टेढ़ा सा लगा. ध्यान से देखा तो पाया कि उन्हें एक ओर का पक्षाघात है.

‘‘माफ कीजिएगा,’’ महिला ने अविरल से कहा.

‘‘कोई बात नहीं.’’

‘‘तुम बेकार के लिए यह सब कर रही हो. कुछ नहीं होने वाला,’’ वृद्ध ने महिला से कहा.

‘‘मैं आप की जीवनसंगिनी हूं. मरते दम तक आशा नहीं छोड़ूंगी. सुना है कि साधु बाबा में बड़ी शक्ति है. बाबा बस, 2 दिनों के लिए अंबाला आ रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि आप जरूर ठीक हो जाएंगे,’’ महिला ने अपने पति के मुंह को आराम से पोंछते हुए कहा.

‘अच्छा तो ये पतिपत्नी हैं. किसी साधु बाबा से पक्षाघात का इलाज कराने जा रहे हैं. इस 21वीं सदी में भी ये लोग इन बातों को मानते हैं. हैं न बेवकूफ,’ अविरल ने सोचा.

इसी समय ट्रेन पानीपत से चल पड़ी.

अविरल का सैल फोन बज उठा. अविरल ने फोन उठाया. अक्षय का फोन था, जो उस का सेके्रटरी था.

‘‘हैलो सर, मैं अक्षय बोल रहा हूं.’’

‘‘बोलो अक्षय.’’

‘‘सर, मेरी पत्नी की तबीयत बहुत खराब हो गई है. मैं एक सप्ताह नहीं आऊंगा. डाक्टरों ने जवाब दे दिया है. कहते हैं कि कैंसर पूरे शरीर में फैल गया है.’’

‘‘अक्षय, तुम्हारे घर में यदि कोई देखभाल करने वाला है तो बेकार में छुट्टियां बरबाद मत करो.’’

‘‘सर, ऐसे में उस का साथ नहीं दूंगा तो कब दूंगा?’’

‘‘ठीक है,’’ अविरल ने अक्षय से बहस करने के बजाय कहा और फोन काट दिया. ‘ये लोग कभी व्यावहारिक नहीं होंगे,’ उस ने सोचा.

इसी समय जलपान सेवा प्रारंभ हो गई. अविरल ने देखा कि महिला पति को अपने हाथ से खिला रही है. शायद उस के शरीर का दायां भाग पक्षाघात से ग्रस्त था.

अविरल का सैल फोन फिर बज उठा.

‘‘हैलो पापा, मैं निशा बोल रही हूं. हमारी आज से ही दशहरे की एक हफ्ते की छुट्टियां हैं. स्कूल बच्चों को नैनीताल ले जाने का प्रोग्राम बना रहा है, लेकिन मैं नहीं जा रही.’’

‘‘क्यों बेटा? तुम्हें जरूर जाना चाहिए.’’

‘‘नहीं पापा, मैं छुट्टियों में मम्मी के साथ समय बिताना चाहती हूं. मम्मी आप से बात करना चाहती हैं.’’

‘‘हैलो, मैं सुधा बोल रही हूं. सुबह आप मुझ से बिना बताए चले गए. मुझ से नाराज हैं क्या?’’

‘‘नहीं, ऐसी कोई बात नहीं. तुम सो रही थीं. तुम्हें जगाना उचित नहीं समझा.’’

‘‘मैं ने देखा है कि आप कई दिनों से चुपचाप रहते हैं. ठीक से बात भी नहीं करते. यदि कोई गलती हो गई हो तो मुझे माफ कर दीजिए,’’ सुधा सुबकसुबक कर रोने लगी.

अविरल ने फोन काट दिया और आंखें बंद कर लीं. उस ने निश्चय किया कि तलाक के बाद भी वह सुधा और निशा की पूरी मदद करेगा. उन की सारी जरूरतें पूरी करेगा. आखिर उन का तो कोई दोष नहीं है.

‘अब हम कुरुक्षेत्र रेलवे स्टेशन पहुंच रहे हैं…’ उद्घोषणा हुई. अविरल ने घड़ी में देखा. 10 बज चुके थे.

‘‘यानी ट्रेन 30 मिनट विलंब से चल रही है,’’ उस ने सोचा.

उस ने बगल में देखा. वृद्ध सज्जन आंखें बंद किए सो रहे थे. उस की नजरें महिला से मिलीं. वह थोड़ा सा मुसकरा दीं.

‘‘इन को कब से ऐसा है?’’

‘‘2 साल पहले एकाएक इन्हें पक्षाघात हो गया. कई जगह इलाज कराया, परंतु कुछ नहीं हुआ. सुना है कि अंबाला में कोई चमत्कारी बाबा आ रहे हैं.’’

‘‘आप मानती हैं यह सब?’’ अविरल के मुंह से निकल गया.

‘‘जब उम्मीद के सारे रास्ते बंद हो जाते हैं, तब कुछ भी मानने को मन करता है. मैं ने हिम्मत नहीं हारी है. अंत तक साथ दूंगी और कोशिश करती रहूंगी.’’

ट्रिन, ट्रिन, ट्रिन…

‘‘हैलो,’’ अविरल ने कहा.

‘‘हैलो, यार मैं कुमार बोल रहा हूं.’’

कुमार अविरल का साथी था, जो हैड आफिस में था.

‘‘बोलो कुमार, कैसा चल रहा है?’’

‘‘यार, तेरे लिए खुशखबरी है. बताता हूं पर पहले पार्टी का वादा कर.’’

‘‘जरूर, यार.’’

‘‘तेरा प्रमोशन हो गया है. बौस ने अभी फाइल पर हस्ताक्षर किए हैं.’’

‘‘तेरी पार्टी पक्की. मैं कल आफिस आ रहा हूं. फिर पार्टी का प्रोग्राम बनाते हैं.’’

कुमार ने फोन काट दिया.

अविरल के मन में आया कि आभा को फोन कर के बताए. परंतु वह तो मीटिंग में व्यस्त होगी. शाम तक इंतजार करने की सोची.

‘अब हम अंबाला रेलवे स्टेशन पहुंच रहे हैं…’ उद्घोषणा हुई.

वृद्ध सज्जन और महिला उठ कर धीरेधीरे पीछे जाने लगे. महिला ने एक ओर से अपने पति को संभाला हुआ था. बीच में वृद्ध सज्जन थोड़ा सा लड़खड़ाए, परंतु महिला ने उन्हें जोर से पकड़ कर संभाल लिया. वह धीरे से स्टेशन पर उतर गए और ट्रेन चल पड़ी.

अविरल ने आंखें बंद कर लीं और सोने की कोशिश करने लगा. अचानक उसे लगा कि उस ने वृद्ध सज्जन का स्थान ले लिया है. वह पक्षाघात से ग्रस्त है. गिर रहा है, लड़खड़ा रहा है, परंतु उस के बगल में कोई संभालने वाला नहीं था.

‘आभा कहां है?’ उस ने सोचा.

‘आभा तो अपने वर्तमान पति को इसलिए छोड़ना चाहती है, क्योंकि उस की उम्र ज्यादा है. फिर वह उस के अपंग होने पर उस का साथ क्यों देगी,’ उस ने सोचा.

‘सुधा तो है न?’

‘सुधा को तो वह तलाक दे चुका है. वह यहां उस का साथ देने के लिए कैसे हो सकती है?’

अविरल को पसीना आ गया. उस ने आंखें खोलीं.

‘अच्छा हुआ कि यह सपना था,’ उस ने सोचा.

‘अब हम चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पहुंच रहे हैं. यह स्थान राक गार्डन के लिए विश्व में प्रसिद्ध है…’ उद्घोषणा हुई.

अविरल अपना बैग ले कर उतर गया. कंपनी के अतिथिगृह में जा कर वह तैयार हुआ और मीटिंग के लिए रवाना हो गया.

दिन भर मीटिंग में व्यस्त रहने के बावजूद वह अनमना सा रहा. उस की आंखों के सामने बारबार एक ही दृश्य आता ‘महिला अपने पक्षाघातग्रस्त वृद्ध पति को संभाल रही है.’

‘मैं ने हिम्मत नहीं हारी है. अंत तक साथ दूंगी और कोशिश करती रहूंगी,’ महिला का स्वर था.

‘सर, मैं ऐसे में साथ नहीं दूंगा तो कब दूंगा,’ अक्षय का स्वर भी गूंज उठा.

‘क्या आभा उस का कठिनाइयों में साथ देगी?’ वह सोचता रहा.

वह मीटिंग खत्म कर के शाम को 5.30 बजे चंडीगढ़ स्टेशन पहुंच गया, जिस से वह शाम को 6.00 बजे वाली शताब्दी एक्सप्रेस से दिल्ली जा सके.

यदि कभी आप शाम को चंडीगढ़ स्टेशन जाएं, तो पाएंगे कि पूरा स्टेशन चिडि़यों की आवाज से गूंज रहा है. प्लेटफार्म की भीतरी छत पर लगी लोहे की जालियों में चिडि़यां रैन बसेरा करती हैं. यह इस स्टेशन की विशेषता है.

अविरल कुछ देर तक चिडि़यों की आवाज सुनता रहा. उसे लगा कि दिन चाहे कहीं भी बीते, शाम को हर पक्षी लौट कर अपने घर आता है. यहां ये अपना दुखसुख बांट कर कितने खुश हैं. उसे अपने प्रश्न का उत्तर खुदबखुद मिल गया. उस ने आभा को फोन किया.

‘‘मैं तुम्हें फोन करने ही वाली थी.’’

‘‘मैं ने तुम्हें यह कहने के लिए फोन किया है कि मैं अपनी पत्नी और बच्ची को किसी भी हालत में नहीं छोड़ पाऊंगा.’’

‘‘तो क्या तुम्हारा प्यार झूठा था?’’ आभा के स्वर में गंभीरता थी.

‘‘शायद वह एक सपना था, जो टूट गया.’’

‘‘क्या यह तुम्हारा आखिरी फैसला है?’’ आभा ने पूछा.

‘‘हां, मैं तुम्हें दोस्त होने के नाते सलाह दूंगा कि तुम किसी मृगतृष्णा में मत पड़ो और अपना बना बनाया घर बरबाद मत करो.’’

‘‘मुझे तुम्हारी सलाह की जरूरत नहीं है,’’ कह कर आभा ने फोन काट दिया.

अविरल ने सुधा को फोन किया.

‘‘हैलो,’’ सुधा के स्वर में उदासी थी.

‘‘सुनो सुधा, एक खुशखबरी है. मेरा प्रमोशन होने वाला है. निशा की एक सप्ताह की छुट्टियां हैं. तुम और निशा कल शताब्दी से चंडीगढ़ आ जाओ. हम हफ्ता भर साथ बिताएंगे फिर शिमला वगैरह चलेंगे.’’

‘‘सच?’’ सुधा के स्वर में आश्चर्य एवं खुशी थी.

‘‘हां, मैं अपने आफिस फोन कर के छुट्टी ले रहा हूं. कल मैं तुम्हें स्टेशन पर मिलूंगा. तुम से एक बात बहुत दिनों से नहीं कही मैं तुम से बहुत प्यार करता हूं.’’

अविरल अपनेआप को बहुत हलका महसूस कर रहा था. ठीक चहचहाती हुई चिडि़यों की तरह. वह थोड़ी देर तक और चिडि़यों की चहचहाहट सुनता रहा फिर वह अपना टिकट रद्द करा के अतिथि गृह के लिए रवाना हो गया. अगले दिन उसे भी अपने परिवार से मिलना था.

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