Hair Transplant: आज के समय में बाल झड़ना, गंजापन और कमजोर बालों की समस्या आम है. खासकर युवाओं में यह परेशानी तेजी से बढ़ रही है. इस के पीछे कई कारण हैं जैसे बढ़ता प्रदूषण, खराब लाइफस्टाइल, तनाव, नींद की कमी, हैल्दी खानपान की कमी, हेरिडिटरी और जंकफूड से प्यार. सोशल मीडिया पर परफैक्ट लुक के दबाव के चलते युवा तेजी से कौस्मैटिक ट्रीटमैंट्स की ओर आकर्षित हो रहे हैं, जिन में से एक है हेयर ट्रांसप्लांट इसे हेयर रैस्टोरेशन या हेयर रिप्लेसमैंट भी कहा जाता है.

हालांकि हेयर ट्रांसप्लांट एक सर्जिकल प्रक्रिया है जो सही तरीके और अनुभवी डाक्टर की निगरानी में कराई जाए तो असरदार साबित हो सकती है लेकिन इस में छोटी सी लापरवाही गंभीर नतीजे दे सकती है. यहां तक कि जान भी जा सकती है. हाल ही में कानपुर में 2 लोगों की मौत के मामले सामने आया, जिन्होंने हेयर ट्रांसप्लांट कराया था.

ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि इस प्रक्रिया को ले कर जागरूकता फैलाई जाए. हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप अगर गंजेपन की समस्या से जूझ रहे हैं तो उस के लिए कोई उपाय न करें. आप को भी अपनी पर्सनैलिटी को बेहतर बनाने का पूरा हक है, लेकिन जरूरी है कि आप हेयर ट्रांसप्लांट से पहले उस से संबंधित सारी जानकारी ले लें ताकि आप का ऐक्सपीरिएंस न बिगड़े.

हेयर ट्रांसप्लांट क्या है

हेयर ट्रांसप्लांट एक सर्जरी होती है, जिस में सिर के किसी भाग से बालों की जड़ें (फौलिकल्स) निकाल कर गंजी जगह या पतले बालों वाले हिस्सों में प्रत्यारोपित की जाती हैं. बालों के झड़ने और गंजेपन से जूझ रहे युवा जब बाल उगाने के सब नुसखे आजमा चुके होते हैं तब सीन में आखिरी और स्थायी विकल्प के तौर पर हेयर ट्रांसप्लांट की हीरो की तरह ऐंट्री होती है.

कितने तरह का हेयर ट्रांसप्लांट

फौलिक्युलर यूनिट ट्रांसप्लांटेशन (एफयूटी)

इस में सिर के पीछे के हिस्से में चीरा लगा कर स्किन की एक पतली पट्टी निकाली जाती है, जिस में हजारों हेयर फौलिकल्स होते हैं. उस स्किन स्ट्रिप को माइक्रोस्कोप की मदद से कई छोटेछोटे ग्राफ्ट्स (फौलिक्युलर यूनिट्स) में बांटा जाता है, जिन में 1 से 4 बालों की जड़ें होती हैं. इन स्किन ग्राफ्ट्स को जिन जगहों पर बाल कम हैं या नहीं हैं, वहां छोटेछोटे छेद कर के लगाया जाता है. बाद में स्किन को टांके लगा कर सिल दिया जाता है और कुछ हफ्तों में वहां बाल उगने लगते हैं. बहरहाल, इस में सिर के पीछे की तरफ लंबा कट ठीक होने में वक्त लगता है और व्यक्ति को टांके ठीक होने तक सोने में भी परेशानी होती है. कट का निशान भी काफी वक्त तक विजिबल रहता है.

फौलिक्युलर यूनिट ऐक्सट्रैक्शन (एफयूई)

इस के लिए सब से पहले उस हिस्से को ट्रिम किया जाता है यानी बालों की लैंथ को कम किया जाता है, जहां से बाल निकाले जाने हैं. फिर एक माइक्रो पंच टूल की मदद से बालों की जड़ों (फौलिक्युलर यूनिट्स) को निकाला जाता है. इस में सर्जिकल स्ट्रिप नहीं निकाली जाती, इसलिए कोई लंबा कट नहीं लगाया जाता. एफयूई की अच्छी बात ये भी है कि इस में बाल केवल सिर से ही नहीं बल्कि शरीर के अन्य हिस्सों जैसे दाढ़ी, छाती, पेट और प्यूबिक एरिया से भी निकाले जा सकते हैं. इस में जहां से बाल लिए जाते हैं यानी डोनर एरिया में ठीक होने का वक्त भी कम लगता है.

किन लोगों को हेयर ट्रांसप्लाट की जरूरत

वे लोग जो बाल उगाने के अन्य तरीके आजमा चुके हैं और जिन्हें कोई रिजल्ट नहीं मिल रहा हो, जिन के सिर के 50त्न के आसपास बाल झड़ चुके हों, हेयर फौल की समस्या स्थायी हो और आनुवंशिक यानी हेरिडिटरी हो, सिर के पीछे के हिस्से यानी डोनर एरिया में बाल हों और उम्र 25 साल से ज्यादा हो.

बरतें ये सावधानियां

– किसी अनुभवी और प्रमाणित हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन से ही सलाह लें.
– डाक्टर की योग्यता, अनुभव और पुराने मरीजों के रिव्यू जान लें.
– अपनी हैल्थ कंडीशन, ऐलर्जी और दवाओं की पूरी जानकारी डाक्टर को दें.
– क्लीनिक में इमरजेंसी सुविधाएं,
स्टरलाइजेशन और औक्सीजन सपोर्ट की व्यवस्था होनी चाहिए.
– ऐनेस्थीसिया देने के दौरान विशेषज्ञ मौजूद
होना चाहिए.
– सर्जरी से पहले कोई टैक्नीशियन या काउंसलर नहीं बल्कि डाक्टर ही आप का मार्गदर्शन करे.

हेयर ट्रांसप्लांट के बाद बाल कब आते हैं

3 से 4 महीने में 10-20% बाल उगते हैं.
6 महीने में 50% तक ग्रोथ होती है.
8 से 9 महीने में लगभग 80% परिणाम दिखते हैं.
12 महीने के भीतर अधिकतर मामलों में 100% ग्रोथ हो जाती है. हालांकि यह समय हर व्यक्ति के शरीर, स्किन और फौलिकल्स की क्षमता पर निर्भर करता है.

ट्रांसप्लांट के बाद सावधानी

– सर्जरी के बाद कुछ दिनों तक सीधा न सोएं, करवट ले कर और सिर को ऊंचा कर के ही लेटें. सर्जरी से पहले न तो मेंहदी लगाएं न ही हेयर डाई करें. सिर में तेल या जैल लगा कर सर्जरी के लिए न पहुंचें. सर्जरी से पहले बाल और स्कैल्प साफ और धुली हुई हो.
– अगर किसी दूसरे शहर में ट्रीटमैंट कराया है तो 2-3 दिन तक उसी शहर में रहें.
– पहली पट्टी क्लीनिक जा कर ही हटवाएं.
पहला हेयर वाश क्लीनिक में डाक्टर की निगरानी में ही कराएं.
– बालों पर ऊपर से सेलाइन स्प्रे करें, हाथ लगाने या खुजली करने से बचें.
– सीधे धूप में जाने से बचें, बाहर जाते समय सर्जरी टोपी पहनें. हैलमेट या नौर्मल कैप
10-15 दिन बाद पहनें.
– बाल धोने के लिए केवल ऊपर से शैंपू का पानी डालें, मसलें नहीं. सिर को खुला नहीं रखना है जब तक घाव भर नहीं जाते तब तक सिर को सर्जिकल कैप या कौटन के कपड़े से ढक कर ही रखें.
– ट्रांसप्लांट वाली जगह पर मक्खीमच्छर न बैठने दें.
– शराब तथा सिगरेट के सेवन से दूरी ही भली. डाक्टर ने जो ऐंटीबायोटिक आप को दी हैं उन का समय से सेवन करें. सर्जरी से 24 घंटे पहले तक डाक्टर को बताए बगैर किसी भी दवा का सेवन न करें.

हेयर ट्रांसप्लांट के साइड इफैक्ट्स

ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया आमतौर पर सुरक्षित मानी जाती है लेकिन कुछ हलके और अस्थाई साइड इफैक्ट्स हो सकते हैं:
– सिर पर सूखे घाव या पपडि़यां बनना.
– हलकी खुजली या जलन.
– सुन्नपन या सनसनाहट.
– हलका सिरदर्द या असहजता.
– सूजन या टाइटनैस की भावना.

हेयर ट्रांसप्लांट कितना खतरनाक

एक स्टडी के अनुसार हेयर ट्रांसप्लांट में 4.7% मामलों में नकारात्मक परिणाम देखे गए. हालांकि संख्या कम है लेकिन इस में रिएक्शन, इन्फैक्शन और सेप्सिस जैसे मामले भी शामिल हैं जो जानलेवा हो सकते हैं.
कानपुर की घटना इस बात का उदाहरण है कि बिना जरूरी मैडिकल जांच और सावधानी के की गई हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी जीवन के लिए खतरा बन सकती है. ऐसे में सिर्फ सस्ता औफर देख कर जल्दबाजी में कदम न उठाएं.
हेयर ट्रांसप्लांट आज के समय में एक आम कौस्मैटिक सर्जरी बन चुकी है पर इस के कौंप्लिकेशन को आम मानना ठीक नहीं है. इसलिए इसे कराने से पहले अपनी स्वास्थ्य स्थिति, प्रक्रिया की बारीकियों, डाक्टर की योग्यता और क्लीनिक की विश्वसनीयता की पूरी जांचपड़ताल करनी चाहिए. बालों की चाह में कोई जल्दबाजी या लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है. जरूरी है कि सजग रहें, सही जानकारी जुटाएं और जरूरत पड़े तो वैकल्पिक तरीकों को भी अपनाएं. बालों से बढ़ कर जिंदगी है, इसलिए फैसला सोचसमझ कर लें.

Hair Transplant

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...