अकसर बालों को ले कर तरहतरह के मिथक सुनने को मिलते हैं जैसेकि शैंपू बदलने से बाल स्वस्थ रहते हैं, सफेद बाल तोड़ने पर वहां के और भी बाल सफेद हो जाते हैं आदि. जबकि हकीकत कुछ और ही होती है. आइए जानते हैं कि बालों को ले कर और क्याक्या मिथक हैं और उन की हकीकत क्या है :

मिथक : बालों की नियमित कटाई से वे जल्दी बढ़ते हैं.

सच्चाई : विशेषज्ञों का मानना है कि बाल प्रति महीने 1/2 इंच बढ़ते हैं, फिर चाहे आप बालों को कटवाएं या नहीं. बाल गरमी के मौसम में ज्यादा बढ़ते हैं. इन का कटवाने से कोई लेनादेना नहीं. विशेषज्ञ हर 6 से 8 हफ्तों में बाल काटने की सलाह देते हैं ताकि उन्हें दोमुंहा होने से बचाया जा सके.

मिथक : अच्छे बाल पाने के लिए अच्छे तरीके से शैंपू करना जरूरी है.

सच्चाई : सही तरह से शैंपू करना बालों के लिए जरूरी है, जबकि बहुत ज्यादा शैंपू करने से बालों की नमी चली जाती है, जिस से वे रूखे हो जाते हैं.

मिथक : शैंपू बदलने से बाल स्वस्थ रहते हैं.

सच्चाई : आप चाहें तो तरहतरह के शैंपू इस्तेमाल कर सकती हैं जैसे रूसी को रोकने या घनेपन के लिए, पर यह काम पहले वाला शैंपू भी करता है जब आप उस का नियमित प्रयोग करती हैं.

मिथक : एक सफेद बाल तोड़ने से वहां के और बाल भी सफेद हो जाते हैं.

सच्चाई : यह आधारहीन मिथक है. हां, सफेद बाल तोड़ना बुरी आदत जरूर है. बाल तोड़ने से उन की जड़ों को नुकसान पहुंचता है. ऐलर्जी भी हो सकती है. इस से बाल कमजोर हो जाते हैं और दोबारा नहीं उगते. अत: बालों को स्वस्थ रखने के लिए उन से सौम्य तरीके से व्यवहार करें.

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