Puffy Eyes: 22 वर्षीय निकिता की आंखें पिछले कुछ दिनों से सूजी हुई दिखती थीं. निकिता ने कई बार मेकअप का सहारा लिया, लेकिन शाम होतेहोते आंखें फिर सूज जाती थीं. उस ने लोगों की सलाह के अनुसार घरेलू उपचार किया, लेकिन ठीक नहीं हुआ. इस के बाद उस ने नौन सर्जिकल थेरैपी का सहारा लिया और अब उसे पूरी तरह से पफी आइज से छुटकारा मिल चुका है.
असल में सूजी हुई आंखें (पेरिऔर्बिटल एडिमा) तब होता है जब आंखों के आसपास तरल पदार्थ जमा हो जाता है, जो बाद में कई बार आंखों के नीचे काले घेरे, खुजली या लालिमा भी दिखाई पड़ सकती है. इस के कई कारण हो सकते हैं :
-अधिक रोने, ऐलर्जी, ज्यादा सोडियम खाने या पर्याप्त नींद न लेने या अन्य कारणों से आंखें सूज सकती हैं.
-सूजन किसी अंतर्निहित स्थिति, जैसेकि गुलाबी आंखें या किडनी की बीमारी के कारण भी हो सकती हैं.
-कई बार ध्रूमपान से ऐलर्जी होने पर भी आंखों में सूजन आ सकती है.
-सूजन आमतौर पर समय के साथ ठीक हो जाती है, लेकिन कई उपचार और जीवनशैली में बदलाव कर के आप इस से जल्दी छुटकारा पा सकते हैं.
प्राथमिक लक्षण
सूजी हुई आंखों का मुख्य लक्षण आप की आंखों के आसपास या नीचे के ऊतकों में अस्थायी सूजन है. अमेरिकन एकेडमी औफ औप्थल्मोलौजी (एएओ) के अनुसार, आंखों के नीचे सूजन आमतौर पर उम्र बढ़ने के कारण त्वचा का ढीला पड़ना है. यह तब होता है, जब आंखों के नीचे की चरबी उम्र के साथ खिसक जाती है, जिस से त्वचा फूली हुई दिखती है.
यह एक अलग प्रकार का सूजन है, जो तरल पदार्थ के जमा होने के कारण होता है. आंखों के नीचे के इस सूजन को ढीली त्वचा, चरबी की थैली, पिगमेंटेशन (त्वचा के रंग में बदलाव) और प्राकृतिक छाया के मिश्रण के रूप में पहचाना जा सकता है. आजकल यह कम उम्र के यूथ में भी देखा जा रहा है, जिस का इलाज जरूरी है.
वजह जानें
आंसू, जमाव या सूजन के कारण
आंखों के आसपास की त्वचा में तरल पदार्थ जमा हो जाता है, क्योंकि आंखों के आसपास की त्वचा का ऊतक आप के शरीर में सब से पतला होता है, इसलिए वहां होने वाली कोई भी सूजन विशेष रूप से ध्यान देने योग्य होती है. हालांकि सूजी हुई आंखें कभी भी चिंता का कारण नहीं होती, लेकिन यह अधिक गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकती है.
कब करें चिंता
सूजी हुई आंखों को ले कर चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन अगर आप की आंखें कई दिनों तक सूजी हुई रहती हैं, तो डाक्टर की सलाह अवश्य लें ताकि समय रहते इस का इलाज हो सके. यदि आप के गुरदे मूत्र में अतिरिक्त प्रोटीन उत्सर्जित करते हैं, तो आप की आंखें सूजी हुई हो सकती हैं, जो कि गुरदे की क्षति का प्रारंभिक संकेत होता है.
और्बिटल सैल्युलाइटिस के संक्रमण की स्थिति में भी आंखों के पास की वसा और मांसपेशियों को प्रभावित कर सकता है.
यदि इस का उपचार न किया जाए तो इस से दृष्टि हानि या सैप्सिस (रक्त विषाक्तता) जैसी जटिलताएं हो सकती हैं.
सूजी हुई आंखों से छुटकारा पाने के तरीके
सूजी हुई आंखों का इलाज सूजन के कारण पर निर्भर करता है, जिसे डाक्टर पूरी जांच के बाद पता कर पाते हैं.
जीवनशैली में परिवर्तन
आप सूजी हुई आंखों की समस्या को कम करने के लिए जीवनशैली में कई बदलाव कर सकते हैं, जो निम्न हैं :
-ऐलर्जी पैदा करने वाले तत्त्वों के संपर्क में आने से बचें.
-अपने आहार में पोटेशियमयुक्त खाद्यपदार्थ शामिल करें.
-अपनी पलकें बहुत अधिक न रगड़ें.
– दिनभर खूब पानी पीएं.
-पर्याप्त नींद लें और सिर ऊंचा कर के सोएं.
-धूम्रपान से बचें.
-शराब के सेवन को सीमित करें.
-सोडियम सेवन को सीमित करें.
-सोने से पहले तरल पदार्थ का सेवन कम करें. लेकिन इस के बावजूद भी आंखों की पफीनेस कम नहीं हुई, तो लोकल या क्लीनिकल सर्जरी की आवश्यकता होती है.
इस बारे में डर्मेटोलौजिस्ट डा. सोमा सरकार कहती हैं कि आजकल के यूथ की लाइफस्टाइल बहुत खराब है. वे नींद पूरी नहीं करते और अधिक समय तक कंप्यूटर के पास बैठे रहते हैं, जिस से उन की आंखें पफी हो जाती हैं, जिस से उन्हें कई बार नौन सर्जिकल प्रोसेस या सर्जिकल प्रोसेस का सहारा लेना पड़ता है.
नौन सर्जिकल प्रोसेस
माइक्रो लिफ्ट थेरैपी : सूजी हुई आंखों के इलाज में प्रभावी होती है, क्योंकि यह सूक्ष्म विद्युत धाराओं का उपयोग कर के मांसपेशियों को टोन किया जाता है, जो लिंफेटिक ड्रैनेज को ऐक्टिव करती है और सूजन को कम करती है. यह एक गैर सर्जिकल तरीका है जो त्वचा को कसता और उठाता है.
अल्थेरैपी : आंखों के नीचे सूजन और पफीनेस को कम करने के लिए अल्थेरैपी और अन्य उपचार कई प्रमुख क्लीनिकों में उपलब्ध हैं. यह एक गैर सर्जिकल तरीका है जो त्वचा को कसने और कोलेजन उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्रित अल्ट्रासाउंड ऊर्जा का उपयोग करता है.
माइक्रोनिडलिंग
माइक्रोनिडलिंग पफी आइज के इलाज में प्रभावी प्रक्रिया है, क्योंकि यह कोलेजन उत्पादन को ऐक्टिव करती है, जिस से त्वचा की बनावट और इलैस्टिसिटी में सुधार होता है. यह सूजन को कम करने और रक्तसंचार को बेहतर बनाने में भी मदद करती है.
ये सभी नौन सर्जिकल प्रोसेस टेंपररी होते हैं, अधिक दिनों तक इस का असर नहीं रहता है, लेकिन कुछ हद तक पफीनेस कम हो सकता है, लेकिन अगर किसी को बहुत अधिक आंखों में पफीनेस होता है, तो उसे सर्जिकल प्रोसेस में जाना पड़ता है.
सर्जिकल इंटरवेनशन
ब्लेफेरोप्लास्टी (पलकों की एक सर्जरी) सूजी हुई आंखों को कम कर सकती है. एक नेत्र सर्जन आप की निचली पलक के अंदर या आप की पलकों के नीचे एक छोटा सा चीरा लगाकर अतिरिक्त त्वचा या फैट को हटा सकते हैं या उस की जगह बदल सकते हैं ताकि तरल पदार्थ जमा होने वाली जगहों को कम किया जा सके. फिर सर्जन चीरों को बंद करने के लिए छोटे टांकें लगाते हैं. इस में डाक्टर तय करते हैं कि ब्लेफेरोप्लास्टी आप के लिए सही है या नहीं.
इस के अलावा आप त्वचा संबंधी कुछ इलाज भी कर सकते हैं, मसलन सूजी हुई आंखों को कम करने के लिए कैमिकल पील्स, फिलर्स या लेजर रीसर्फेसिंग पर विचार कर सकते हैं. ये उपचार त्वचा को कसते हैं, जिस से उन जगहों के पफीनेस से छुटकारा पाने में मदद मिलती है, जहां तरल पदार्थ जमा हो सकता है.
इस प्रकार पफी आइज को हटाना मुश्किल नहीं, लेकिन जब भी इसे करवाना चाहें, तो किसी प्रशिक्षित डाक्टर की सलाह लें, ताकि आप का चेहरा आप के मनमुताबिक खूबसूरत दिखें.
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