Cannes Film Festival 2025 : फ्रेंच रिवेरा की हवाओं में जब रचनात्मकता की खुशबू घुलती है और लाल कालीन पर विश्व सिनेमा की धड़कनें उतरती हैं, तब समझ लीजिए कि कान्स का मौसम लौट आया है. 13 मई से 24 मई 2025 तक आयोजित हो रहे 78वें कान्स फिल्म फेस्टिवल ने एक बार फिर विश्व भर के सिनेप्रेमियों, कलाकारों और फैशन आइकन्स को एक मंच पर ला खड़ा किया है.
रेड कार्पेट पर सितारों की चमक
उद्घाटन समारोह से लेकर हर शाम की पेशियों तक, रेड कार्पेट पर सितारों की चकाचौंध देखते ही बनती है. बेला हदीद, एलेसेंड्रा एम्ब्रोसियो और इरीना शायक जैसी सुपरमौडल्स की मौजूदगी ने फेस्टिवल की खूबसूरती को चार चांद लगाए. बेला और एलेसेंड्रा ने विशेष रूप से ओपनिंग नाइट और ‘Partir un jour’ (लीव वन डे) के प्रीमियर में अपने ग्लैमरस अंदाज़ से दर्शकों का दिल जीत लिया. वहीं हेइडी क्लम और इरीना शायक का अंदाज़ भी उतना ही चर्चित रहा.
सिनेमा जगत के लीजेंड्स आएं नजर
रेड कार्पेट पर सिनेमा जगत के लीजेंड्स की झलक भी देखने को मिली—लियोनार्डो डिकैप्रियो, रौबर्ट डी नीरो, ईवा लोंगोरिया और क्वेंटिन टारनटिनो जैसे दिग्गजों की मौजूदगी ने इस फेस्टिवल को ऐतिहासिक बना दिया.
फेस्टिवल का भव्य शुभारंभ
78वें कान्स फिल्म फेस्टिवल का उद्घाटन प्रसिद्ध अमेरिकी फिल्मकार क्वेंटिन टारनटिनो ने किया. ग्रैंड थिएटर लूमिएर में आयोजित इस समारोह में उन्होंने कहा, “यह मेरा सौभाग्य है कि मैं ऐसे ऐतिहासिक आयोजन के उद्घाटन की घोषणा कर रहा हूं.”
शुभारंभ फ्रांस की युवा फिल्मकार एमिली बोनिन की फिल्म ‘Partir un jour’ से हुआ, जिसने दर्शकों को एक नई संवेदना से जोड़ा. इसके पूर्व, लियोनार्डो डिकैप्रियो ने अपने प्रिय मित्र और महान अभिनेता रॉबर्ट डी नीरो को ऑनरेरी पाल्मे डी’ओर से सम्मानित कर एक भावुक क्षण को जन्म दिया.
भारतीय प्रतिनिधित्व: पायल कपाड़िया की बड़ी छलांग
इस बार भारत के लिए भी यह फेस्टिवल विशेष रहा. प्रसिद्ध फिल्मकार पायल कपाड़िया को मुख्य जूरी में शामिल किया गया—यह सम्मान अब तक कुछ ही भारतीयों को मिला है. उनकी फिल्म “All We Imagine as Light” को पिछले वर्ष ग्रैंड प्रिक्स पुरस्कार मिला था. यह उपलब्धि न केवल पायल के लिए, बल्कि भारतीय सिनेमा की वैश्विक पहचान के लिए भी मील का पत्थर है.
प्रदर्शन और प्रयोग: तकनीक के नए रंग
टौम क्रूज़ की बहुप्रतीक्षित फिल्म-
“Mission: Impossible – The Final Reckoning” का वर्ल्ड प्रीमियर भी फेस्टिवल में दर्शकों का ध्यान खींचने में सफल रहा. निर्देशक क्रिस्टोफर मैकक्वेरी द्वारा आयोजित मास्टरक्लास ने युवा फिल्मकारों को एक प्रेरक मंच प्रदान किया.
पिछले साल शुरू हुआ इमर्सिव कंपटीशन सेक्शन इस बार और भी अधिक प्रभावी साबित हो रहा है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और वर्चुअल रियलिटी पर आधारित नौ फिल्मों का प्रदर्शन हो रहा है. साथ ही, युवा फिल्मकारों और तकनीकी विशेषज्ञों की प्रयोगात्मक परियोजनाओं की प्रदर्शनी भी उत्साहजनक रही.
केवल मनोरंजन ही नहीं, वैश्विक मुद्दों पर भी गहन संवाद-
कला, नैतिकता और समावेशिता का मंच फेस्टिवल में केवल मनोरंजन ही नहीं, बल्कि वैश्विक मुद्दों पर भी गहन संवाद हुआ. फ्रांसीसी अभिनेता लॉरेंट लाफिट ने दिवंगत अभिनेत्री एमिली डेक्वेने को श्रद्धांजलि देते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की. उन्होंने कलाकारों की नैतिक जिम्मेदारी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर विचार साझा किए.
श्रद्धांजलि और सम्मान-
गाज़ा की फोटो जर्नलिस्ट फातिमा हसौना को श्रद्धांजलि देकर उन आवाज़ों को सम्मान दिया गया, जो अक्सर खो जाती हैं. समारोह में समावेशिता, विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों की भूमिका को केंद्र में रखा गया.
78वां कान्स फिल्म फेस्टिवल एक बार फिर यह सिद्ध करता है कि सिनेमा केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि विचारों, भावनाओं और बदलाव की शक्ति है. सितारों की चमक, कहानियों की गहराई और तकनीक की नवीनता के साथ, यह फेस्टिवल विश्व सिनेमा का एक जीवंत दस्तावेज़ बन चुका है.