मुंबई की शेफ गरिमा अरोड़ा ने इस मुकाम पर पहुँचने के लिए काफी संघर्ष किये है. पहले वह एक फार्मा जौर्नलिस्ट थी, लेकिन उन्हें तरह के खाना बनाना पसंद रहा. वह अपनी कुकिंग स्किल्स बढ़ाने के लिए वर्ष 2008 में पेरिस गई. असल में गरिमा के माता-पिता चाहते थे कि वह दुनिया की बेहतरीन डिशेज बनाना सीखें. वहां उन्होंने कई जानी – मानी शेफ के साथ काम किया, जिसमे शेफ गगन आनंद, गॉर्डोन रामसे आदि है. ग्रेजुएशन के बाद करीब एक साल तक शेफ गगन आनंद के रेस्तरां में काम करने के बाद उन्होंने बैंकाक में अपनी रेस्तरां खोली और इंडियन कुइजिन को प्रधानता दी.

उन्हें वर्ष 2018 में मिचेलिन स्टार का ग्रेड मिला, यह एक रेटिंग सिस्टम है, जिसके तहत रेस्तरां की गुणवत्ता की ग्रेडिंग की जाती है. गरिमा को 26 मार्च को एशिया के 50 बेस्ट रेस्तरां की सेरेमनी में यह अवॉर्ड दिया गया. इस पुरस्कार को पाने वाली वह पहली महिला शेफ बनी, जिसे इस अवार्ड से नवाजा गया. गरिमा की मेन्यू में काफी विभिन्नता है, यही वजह है कि लोग उनतक पहुँचते है. यहाँ कस्टमर्स 10-14 कोर्स का टेस्टिंग मेन्यू चुन सकते हैं. डक डोनट और रोटी-अचार के साथ जैकफ्रूट उनके यहां काफी पसंद किया जाता है. भारतीय की गरिमा अरोड़ा का एशिया की सर्वश्रेष्ठ महिला शेफ चुनी जाना उनके लिए गर्व की बात थी. इस समय गरिमा आबुधाबी में सोनी टीवी पर मास्टर शेफ इंडिया में शूटिंग कर रही है. उनसे हुई बातचीत के अंश इस प्रकार है.

पसंद है मुझे वैरायटी

गरिमा कहती है कि टीवी पर मास्टर शेफ इंडिया का मेरा पहला सीजन है, पहली बार मैं टीवी के सामने हूँ. मेरे लिए सब कुछ नया है. बहुत रुचिपूर्ण और मोटिवेट करने वाली ये शो है. टैलेंटेड होम कुक्स को देखने का ये मौका मेरे लिए बहुत अधिक अच्छी है. इसमें भाग लेने वाले सभी शेफ अलग-अलग कम्युनिटी से आये है और कम्युनिटी पकवान को सबके साथ शेयर कर रहे है. सबमे बहुत उत्साह है और मुझे इंडियन खाने में इतनी वैरायटी और प्राइड देखने को मिलेगी, ये पता नहीं था. 15 साल बाद मैं इंडिया में कुछ कर रही हूँ और मेरे लिए ये बहुत अधिक ख़ुशी की बात है.

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