60 और 70 के दशक में एक हीरोइन फिल्म इंडस्ट्री में तेजी से कदम जमाने की कोशिश में लगी थी, लेकिन कोई भी हीरो उसके साथ काम करना नहीं चाहता था. लेकिन वक्त का पहिया फिर ऐसा बदला कि हर हीरो इस हीरोइन के साथ काम करने किए जद्दोजहद करने लगा. ये हीरोइन थी हुस्न और खूबसूरती की मल्लिका मुमताज, जिनकी मनमोहक मुस्कान और खिलखिलाहट ने सभी को अपना दीवाना बना दिया था.
आज भी मुमताज के लाखो दीवाने हैं. ना सिर्फ उनकी खूबसूरती के चर्चे आम थे बल्कि जिस अदायगी और स्टाइल के साथ वो साड़ी पहनती थीं, लोग उसके भी कायल थे. बावजूद इसके कोई हीरो मुमताज के साथ काम नहीं करना चाहता था.
दरअसल मुमताज ने 12 साल की बेहद छोटी उम्र में ही फिल्मों में काम करना शुरु कर दिया था. कम उम्र होने की वजह से कोई भी निर्माता-निर्देशक यहां तक कि हीरो भी उन्हें लीड हीरोइन के तौर पर फिल्मों में नहीं लेना चाहता था. यही वजह रही कि मुमताज को शुरुआती दिनों में कई फिल्मों में एक साइड एक्ट्रेस का रोल करना पड़ा.
लेकिन इन साइड किरदारों में भी मुमताज को नोटिस किया गया. मुमताज को लगा कि अब उनके दिन फिरेंगे और मुख्यधारा की फिल्मों में काम मिलेगा, हीरो के साथ रोमांस करने का मौका मिला. पर हुआ उल्टा. मुमताज की जद्दोजहद जारी रही और थक-हारकर उन्हें बी-ग्रेड फिल्मों का सहारा लेना पड़ा. इस दौरान उन्होंने 16 एक्शन फिल्में कीं जिनमें उनकी जोड़ी दारा सिंह के साथ बनी. इन दोनों की जोड़ी लोगों को काफी पसंद आई और उनकी 10 फिल्में हिट रहीं. इन एक्शन फिल्मों की बदौलत मुमताज की छवि एक स्टंट हीरोइन की बन गई.
फिर आया वो दौर जब मुमताज ने ए-ग्रेड की फिल्मों का रूख किया. मुमताज ए-ग्रेड की फिल्म पाने के लिए हाथ-पैर मार रहीं थीं पर कोई भी उनके साथ काम करने के लिए तैयार नहीं था. यहां तक कि उस दौर के सुपरस्टार रहे धर्मेंद्र और शशि कपूर ने भी मुमताज के साथ काम करने से मना कर दिया. उनका तर्क था कि वो एक स्टंट हीरोइन के साथ काम नहीं करेंगे.
मतलब साफ था कि मुमताज का सुनहरा सफर अभी शुरु नहीं हुआ था और फिर मुमताज अपनी लड़ाई में जुट गईं. उन्होंने फिर ए-ग्रेड की फिल्मों में सपोर्टिंग रोल ही करने शुरु कर दिए. ‘काजल’, ‘खानदान’, ‘मेरे सनम’ और ‘पत्थर के सनम’ जैसी कई ऐसी ए-ग्रेड फिल्में रहीं जिनमें मुमताज का साइड किरदार था. आखिरकार उन्हें फिल्म ‘आराधना’ में राजेश खन्ना के साथ मुख्य हीरोइन का किरदार मिला. फिल्म हिट हुई, दोनों की जोड़ी भी ब्लॉकबस्टर साबित हुई. बस यहीं से मुमताज का सुनहरा सफरनामा शुरु हो गया.
इसके बाद राजेश खन्ना के साथ मुमताज की दो और फिल्में आईं जो सुपरहिट साबित हुईं. इन फिल्मों के बाद तो मुमताज अपने दौर की सबसे ज्यादा मेहनताना पाने वाली हीरोइन बन गईं और फिर जो सुनहरा दौर शुरु हुआ वो सभी के लिए मिसाल बन गया.
लेकिन 12 साल तक फिल्मों में काम करने के बाद मुमताज ने फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया और शादी करके 1974 में लंदन जाकर बस गईं. उनका चार्म और खूबसूरती आज भी देखने लायक है.