80 और 90 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री में धमाल मचाने वाली अभिनेत्री माधुरी दीक्षित ने शादी के बाद फिल्मों से दूरी बना ली थी. उन्होंने 2006 में ‘आजा नचले’ फिल्म से बॉलीवुड में वापसी की, पर बॉक्स ऑफिस पर फिल्म खरी नहीं उतरी. हालांकि आलोचकों ने माधुरी की परफौर्मेंस की तारीफ की थी. इसके बाद उन्होंने ‘डेढ़ इश्किया’ और ‘गुलाब गैंग’ जैसी फिल्मों में काम किया, पर दर्शकों को खींचने में ये फिल्में भी नाकामयाब रहीं.

इसके बाद माधुरी अपने हुनर डांस की तरफ मुड़ीं और कई रिऐलिटी शोज की जज बनीं. वे कहती हैं, ‘‘डांस उन का पैशन है. 3 साल की उम्र में उन्होंने डांस सीखना शुरू कर दिया था.’’

कत्थक नृत्य की सारी शैलियों में निपुण माधुरी इन दिनों ऐंड टीवी पर ‘सो यू थिंक यू कैन डांस’ रिऐलिटी शो की एक बार फिर से जज बनी हैं. उन से बात करना दिलचस्प रहा.

पेश हैं, उन से हुए वार्त्तालाप के कुछ अंश:

डांस शो नए कलाकारों के लिए कितना महत्त्व रखता है?

डांस शो नए डांसरों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच देते हैं. यहां उन्हें नए डांस फॉर्म सीखने और देखने का मौका मिलता है. साथ ही गाइडेंस भी मिलती है कि वे कैसे अपनेआप को आगे बढ़ाएं, अपनी कमियों को कैसे दूर करें. अगर कोई डांस को कॅरियर बनाना चाहता है, तो उसे अपने सपनों को साकार करने का भी अवसर मिलता है, क्योंकि पूरा देश उसे देख रहा होता है.

आप रोज कितना समय डांस कर लेती हैं?

जब मैं नृत्य करती हूं तो समय सीमा में नहीं बंधती. मेरे हिसाब से जिस काम को करने में आप खुश हों, उसके लिए समय सीमा कभी नहीं होनी चाहिए. फिर भी मैं 1-2 घंटे डांस कर लेती हूं. यह मेरे लिए वर्कआउट है, जो मुझे फिट रखता है.

नृत्य से क्या शांति मिलती है?

हर व्यक्ति अपनेआप को शांत रखने के लिए अलग-अलग तरीका अपनाते हैं. कुछ इसके लिए व्यायाम करते हैं, तो कुछ दौड़ते हैं. कुछ लोग गाना सुनते हैं, तो कुछ ऐसे भी हैं जो परेशान होने पर खूब खाते हैं. डांसिंग मेरा पैशन है. यह मुझे शांत रखता है. इसे करने से मुझे सुकून मिलता है, स्वास्थ्य फिट रहता है. मुझे जिम जाने की जरूरत नहीं पड़ती.

फिल्मों में कब आने वाली हैं?

अभिनय मेरा पहला प्यार है. जब भी मुझे कोई अच्छी स्क्रिप्ट मिलेगी, तो मैं अवश्य काम करूंगी. मैं फिल्मों से दूर नहीं जा सकती.

अच्छे नृत्य के लिए व्यक्ति में क्या क्या गुण होने चाहिए?

अच्छा डांसर बनने के लिए सही ट्रेनिंग आवश्यक है. वहां आप को अपनी कमजोरी को जान कर उसे सुधारने का मौका मिलता है. भावभंगिमा का अच्छा होना भी बहुत जरूरी है, क्योंकि नृत्य में भाव के द्वारा आप बहुत सारी बातें कह जाते हैं. अंत में सही डाइट का लेना आवश्यक है ताकि आप का स्टैमिना बढ़े और आप का ऐनर्जी लैवल हमेशा ऊपर रहे.

आप अपनी दूसरी जर्नी को कैसे देखती हैं?

हर किसी का अपना एक सपना होता है. मेरा भी है. परिवार और बच्चे मेरे सपने का एक अहम हिस्सा हैं. मेरे मातापिता, सासससुर और पति सभी का सहयोग मुझे रहता है. मैं और मेरे पति एक यूनिट की तरह हैं. जब मैं व्यस्त होती हूं, तो वे घरपरिवार को संभालते हैं और जब वे बिजी होते हैं तो मैं सब संभालती हूं. मैं ऐसे परिवार की कामना हर महिला के लिए करती हूं. मेरे लिए यह मेरा एक जर्नी है, जो अलग-अलग रास्तों में विभाजित हो चुकी है, जिस में मेरा परिवार और काम दोनों शामिल हैं.

फिल्म इंडस्ट्री में पहले से कितना बदलाव देखती हैं?

इंडस्ट्री में काफी बदलाव आया है. तकनीक से ले कर शूटिंग करने का तरीका, सबकुछ बदल गया है. पहले केवल कुछ महिलाएं फिल्म मेकिंग में थीं, पर आज लड़कियां असिस्टैंट डायरेक्टर, क्रिएटिव डायरेक्टर, सिनेमैटोग्राफर आदि हर क्षेत्र में अच्छा काम कर रही हैं. इंडस्ट्री ने भी काफी ग्रो किया है.

खुश रहने का मूल मंत्र क्या है?

जो मिले उसी में संतुष्ट रहना. इस से आप आगे बढ़ सकते है.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...