साउथ की फिल्मों से एक्टिंग करियर की शुरुआत करने वाली एक्ट्रेस तापसी पन्नू फिल्म ‘पिंक’ से चर्चा में आई. इस फिल्म ने उसकी जिंदगी बदल दी और वह नामचीन हीरोइनों की सूची में शामिल हो गयी. इसके बाद उसने कई फिल्में की, जिसमें कुछ सफल तो कुछ असफल रही, लेकिन उसने अपना काम जारी रखा. तापसी अगले साल तक 9 फिल्में साइन कर चुकी है और अपनी जर्नी से बहुत खुश है. फिल्म ‘मिशन मंगल’ के सफल होने पर वह खुश है और बातचीत की, पेश है कुछ अंश.

सवाल- सफलता अभी आपको लगातार मिल रही है, लाइफ कितनी बदली है?

अभी दर्शकों को ये समझ में आ गया है कि मैं अच्छी फिल्म का चुनाव कर सकती हूं. निर्माता निर्देशक का विश्वास बढ़ गया है और काम मिल जाता है. नौर्मल लाइफ में घरवालों को अधिक फर्क नहीं पड़ता. मैं अगर स्क्रिप्ट सुनाना भी चाहती हूं तो वे मना कर देते है.

सवाल- क्या आपको लगता है कि आपके लिए भी भूमिका लिखी जाने लगेगी?

ये बताना संभव नहीं, पर इतना जरुर है कि कोई भी कठिन भूमिका को करने का औफर मुझे मिल रहा है, क्योंकि उन्हें लगता है कि मैं किसी चुनौती को ले सकती हूं.


सवाल- महिला प्रधान फिल्मों में फिल्म की पूरी जिम्मेदारी एक्ट्रेस पर रहती है, लेकिन आपने उसमें भी काम किया, क्या इसे करते हुए कभी डर लगा?

मेरे पास कोई आप्शन नहीं था, इसलिए उसे करना पड़ा. मुझे ऐसी कोई भी फिल्म औफर नहीं हो रही थी जिसमें कई कलाकार हो. ऐसे में या तो मैं घर बैठकर सही फिल्म का इंतजार करती या किसी के छोड़ने पर उसे करने को सोचती ,जो संभव नहीं था, इसलिए मैंने अपना रास्ता खुद ही बनाया है, जो सही लगा उसे किया.

सवाल- फिल्म मिशन मंगलमें महिला वैज्ञानिकों को दिखाया गया है,जबकि रियल में महिला वैज्ञानिक कम आगे लाये जाते है, आपकी सोच इस बारें में क्या है और आपने इसे करते वक्त क्या शोध किया था?

महिलाएं हमेशा से आगे बढ़-चढ़कर अपने आपको हाई लाइट नहीं करती थी. उन्हें जो मिलता था उसमें खुश रहती थी,पर आज जमाना बदला है. आज वे आगे आकर बोलने लगी है. उनके परिवार वाले भी इसे चाहते है. मैं एक साइंस की स्टूडेंट हूं, जिसने इंजीनियरिंग की है और इस बारें में जानकारी मुझे है. इससे मुझे कोई खास परेशानी एक्टिंग में नहीं हुई. चरित्र के हाव-भाव निर्देशक के अनुसार किया है.

सवाल- आप विज्ञान की छात्रा है, क्या आपने किसी प्रकार की इन्वेंशन कभी किया?

मैं कम्प्यूटर इंजीनियर हूं और मैंने अपने स्टडी के फाइनल इयर में एक फौन्ट स्वाप नामक एप बनायी थी. जिसकी मैंने कोडिंग की थी. वह उस समय पहली एप थी और मुझे यूनिवर्सिटी का बेस्ट प्रोजेक्ट का अवार्ड मिला था.

सवाल- क्या अभी आप काम न मिलने की सीमा को पार कर चुकी है?

वह डर अभी भी है, क्योंकि मैं इंडस्ट्री की बाहर से हूं और किसी फिल्म के न चलने पर भविष्य क्या होगा, उसकी चिंता सताती है, क्योंकि मुझे पीछे से सम्भालने वाला कोई नहीं है, लेकिन ये अच्छा हुआ है कि फिल्म ‘पिंक’ के बाद से लोग मुझे देखना चाहते है.

 

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सवाल- आप पार्टी करती हुई कम, लेकिन सोशल वर्क करती हुई दिखती है, इसकी वजह क्या है?

मैं रात को जल्दी सो जाती हूं और मैंने जिस तरह की बैकग्राउंड से आई हूं और मैंने मेडिकल, रेप और मोलेस्टेशन जैसी कई घटनाएं हर क्षेत्र में करीब से देखी और सुनी है. ऐसे में मेरे कहने से अगर कुछ बदलती है, तो मैं उसमें शामिल होना पसंद करती हूं. मैं लोगों के हित में अधिक से अधिक काम करना चाहती हूं.

सवाल- इंडस्ट्री के बाहर से आने वाले कलाकार को क्या मेसेज देना चाहती है?

अगर आप कुछ समय तक यहां रहने के बाद भी मन मुताबिक काम नहीं कर पाते है तो इंडस्ट्री आपके लिए नहीं बनी है और आप इसे छोड़ कुछ और काम करें. हमेशा प्लान बी अपने साथ रखे. मेरे लिए तो हुकम का इक्का मेरा आउटसाइडर होना है, क्योंकि मुझसे दर्शक अपने आपको जोड़ सकेंगे. इसके अलावा अपनी इमेज खुद बनाए. इंडस्ट्री में कोई अधिक बुरा नहीं है, जैसा लोग बाहर से सोचते है. सकारात्मक सोच रखें.

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