टैक्स बचाने के चक्कर में लोग न जानें क्या क्या करते हैं. कई लोग तो इसके लिए गैर कानूनी काम  भी कर जाते हैं. लेकिन कई ऐसे भी रास्ते हैं जिनका इस्तेमाल कर कानून के दायरे में भी रहकर टैक्स बचाया जा सकता है और भविष्य में इसका फायदा भी निश्चित रूप से होगा. दरअसल ये कुछ ऐसे प्लान हैं जिनमें निवेश करने पर टैक्स की छूट तो मिलती ही है साथ में अच्छा खासा रिटर्न भी मिल जाता है.

आज हम आपको कुछ स्कीम के बारें में बताने जा रहें हैं जो आपके टैक्स को बचाने के साथ साथ आपको कई फायदें दिला सकतीं हैं.

कर्मचारी भविष्य निधि ( ईपीएफ)

यह वेतनभोगी कर्मचारियों की लिए फंड है जिसे उन्हें भविष्य के लिए या रिटायरमेंट के बाद दिया जाता है. यह पैसा उनकी ही सैलरी से काट कर जमा किया जाता है. इसकी खास बात यह है कि ईपीएफ पर ब्याज हर साल तय किया जाता है. 2016-17 में ब्याज दर 8.65 फीसदी है.  

पीपीएफ

यह योजना पोस्ट औफिसों की ओर से चलाई जाती है. इस में जमा रकम को 15 साल के बाद ही निकाला जा सकता है. इस योजना के तहत कम से कम 500 रुपए और अधिकम 1.5 लाख रुपया जमा कर सकते हैं. इस स्कीम का फायदा यह है कि इसमें भी ब्याज रिटर्न के साथ ही मिलता है साथ ही टैक्स बचाने में भी लाभ मिलता है. पीपीएफ के निवेशकों को अभी 7.8 फीसदी ब्याज मिल रहा है. इसके तहत 80 सी के तहत आयकर में छूट मिलती है. इसके साथ ही इसमें कमाए ब्याज पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है.

फिक्स्ड डिपौजिट

एफडी में निवेश को आज कल सबसे सुरक्षित तरीका माना जाता है. इसकी खास बात यह है कि इसमें निश्चित अंतराल पर रिटर्न मिलता है और बाजार का भी असर नहीं पड़ता है. इस योजना में बैंकों की रिटर्न ब्याज दरें अलग अलग हैं. इसमें 80 सी के तहत जितनी भी एफडी उपलब्ध हैं उनमें सबसे कम लौक इन अवधि तीन साल है.

राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस)

यह स्कीम रिटायर होने के बाद पेंशन देने की योजना की तहत शुरू की गई थी. इस योजना में अगर आप 24 साल की उम्र में 2 हजार रुपए हर महीने जमा करते हैं तो 12 फीसदी रिटर्न के हिसाब से 1 करोड़ 22 लाख रुपए रिटायर होने तक जमा कर सकते हैं और इन 35 सालों में आपको सिर्फ 8.40 लाख रुपए ही जमा करने पड़े. इतना ही नहीं आप 60 फीसदी रुपया एकमुश्त भी निकाल सकते हैं. 

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) 

यह बचत योजना भारत सरकार की है. इसे डाक घरों से लिया जाता है. इसमें निवेश करने पर टैक्स की धारा 80 सी के तहत छूट मिलती है. इसे एफडी से भी ज्यादा सुरक्षित निवेश माना जाता है. एनएससी में ब्याज प्रिंसिपल के साथ मैच्युरिटी पर भी मिलता है. एनएससी पर ब्याज 8 प्रतिशत फीसदी सालाना वह भी चक्रवृद्धि ब्याज के साथ मिलता है. इसमें टीडीएस भी तहत ब्याज राशि पर नहीं काटा जाता है. 

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...