कोरोना वैक्सीन को लेकर जितनी मुंह उतनी बातें हो रही है. इतना ही नहीं 2 कोरोना वैक्सीन को स्वीकृति देने के बाद राजनेताओं के बीच में भी कहासुनी शुरू हो गयी है. कोई इसे लगाना नहीं चाहता, तो कोई इसकी प्रभावकारिता, तो कोई इसके साइड इफ़ेक्ट के बारें मेंचिंतित है, ऐसे में आम इंसान के लिए येसमझना मुश्किल हो गया है कि कोरोना की वैक्सीन अगर लगाये, तो कौन सीलगाये और इसे लगाना कितना जरुरी है.हालाँकि पूरे विश्व में कोरोना संकरण के बढ़ते हुए मरीजों और अधिक मृत्यु दर को देखते हुए इन सभी वैक्सीन के निर्माण में रिसर्चर्स और साइंटिस्ट ने दिन-रात एक कर दिया है, ऐसे में इनकी गुणवत्ता के बारें में संदेह करना उचित नहीं.
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