जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है हमारे जीवन में बहुत सी चीजें बदलती हैं. हमारी सोच बदलती है और हम जब तक जिंदा होते हैं, ये सोच तब तक बदलती रहती है. इसके साथ-साथ हमारे शरीर में भी बदलाव होते रहते हैं. एक महिला का शरीर, प्यूबर्टी से मेनोपॉज के दौर से गुजरता है, कई बार यह धीरे-धीरे होता है और कई बार अचानक ही.

डॉ.मनीषा रंजन, सीनियर कंसल्टेंट, प्रसूति एवं स्त्रीरोग विशेषज्ञ, मदरहुड हॉस्पिटल, नोएडा का कहना है कि-

कई बार ऐसा होता है जब एक महिला का शरीर लगातार बदल रहा होता है. एक महिला का शरीर बदलते और कम होते हॉर्मोन, गर्भावस्था, प्रसव और प्राकृतिक उम्र बढ़ने की प्रक्रिया का सामना करता है- और ये ऐसे बदलाव हैं जो केवल महिलाएं अनुभव करती हैं. यह प्यूबर्टी या यौवन से शुरू होता है और मेनोपॉज तक जारी रहता है, कुछ के लिये यह सूक्ष्म और कुछ के लिये यह जीवनभर चलने वाली प्रक्रिया होती है.

प्यूबर्टी

लड़कियां 8 से 13 साल की उम्र में प्यूबर्टी के दौर में पहुंच जाती हैं. विकसित होना शरीर के लिये एक पीड़ादायक प्रक्रिया हो सकती है. लड़कियों के बाल मोटे होने लगते हैं और ‘ब्रेस्ट बड’ विकसित होते हैं. इसके कुछ समय बाद ही उनकी माहवारी शुरू हो जाती है. यह ऐसा दौर होता है, जिसे हम एक्‍ने और हमारे पहले क्रश के रूप में याद कर सकते हैं. दरसअल, यह महिला बनने की दिशा में शुरू होने वाला एक खूबसूरत सफर होता है.

प्यूबर्टी कब खत्म होती है

प्यूबर्टी शुरू होने के बाद से चार साल तक स्तन पूर्ण रूप से बढ़ते हैं. कुछ लड़कियों में अपर लिप्स पर बालों का उगना सामान्य बात होती है. टीनएज का गुस्सा और सोचने का बदलता तरीका इस स्टेज को बखूबी बयां करता है.

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