बौडी को रोजाना खाने में एक निश्चित मात्रा में प्रोटीन की जरूरत होती है. इससे न केवल खाने संतुलित होता है, बल्कि क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत और नई कोशिकाओं के बनने में भी मदद मिलती है. मगर कुछ लोग रोजाना उतनी मात्रा में प्रोटीन का सेवन नहीं करते, जितना कि बौडी के लिए करना जरूरी होता है. प्रोटीन को बनाने के लिए 20 तरह के अमीनो ऐसिड जरूरी होते हैं. इन में से 8 को जरूरी अमीनो ऐसिड कहा जाता है, क्योंकि हमारा बौडी इन्हें नहीं बना सकता. लेकिन बाकी 12 अमीनो ऐसिड गैरजरूरी होते हैं, क्योंकि बौडी खुद उन का निर्माण कर सकता है.

प्रोटीन छोटे अणुओं से बने होते हैं, जिन्हें अमीनो ऐसिड कहा जाता है. ये एकदूसरे के साथ ठीक उसी तरह जुड़ जाते हैं जैसे मोतियों के जुड़ने से माला बनती है. इस तरह प्रोटीन की लंबी चेन बन जाती है. इन में से कुछ अमीनो ऐसिड बौडी में बनते हैं, जबकि शेष को हमें अपने खाने से ही प्राप्त करना होता है, जिन्हें जरूरी अमीनो ऐसिड कहा जाता है.

बौडी में 2 प्रकार के प्रोटीन होते हैं:

1. कंप्लीट यानी संपूर्ण प्रोटीन

वे प्रोटीन जिन में वे सभी अमीनो ऐसिड मौजूद हों जो नए प्रोटीन बनाने के लिए जरूरी होते हैं. जंतुओं से मिलने वाला प्रोटीन संपूर्ण प्रोटीन होता है.

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2. इनकंप्लीट यानी अपूर्ण प्रोटीन

कुछ स्रोतों से मिलने वाले प्रोटीन में सभी अमीनो ऐसिड मौजूद नहीं होते, इसलिए इन से अन्य प्रकार के नए प्रोटीन नहीं बन सकते. फलों, सब्जियों, दालों, मेवों में पाया जाने वाला प्रोटीन इसी तरह का होता है.

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