विश्वभर में जनवरी में जिम और फिटनैस सैंटर में सदस्यों की वृद्धि देखने को मिलती है. ‘हैल्दी खाना और वेट कम करना’ नए साल का सब से लोकप्रिय संकल्प होता है. मगर फरवरी के अंत तक यह उत्साह अकसर ठंडा पड़ चुका होता है और जिम व फिटनैस केंद्रों का बिजनैस पहले जैसा हो जाता है. कुछ के पास समय की कमी होती चली जाती है, कुछ को जब मनचाहा परिणाम नहीं मिलता है, तो उन का उत्साह धीरेधीरे कम होता चला जाता है.

ऐसे में अपने दृष्टिकोण और फिटनैस प्लान में कुछ बदलाव ला कर आप पूरा साल फ्रैश और फिट रह सकते हैं.

कैसे रहें फिट

फिटनैस ट्रेनर गौरव गुप्ता सलाह देते हैं कि वेट उठाने से पीछे न हटें. कई लोग दौड़ना या ट्रेडमिल पर चलना फिटनैस समझ लेते हैं. ऐसे ब्रिक्स और जौगिंग को काफी समझ लिया जाता है. वेट ट्रेनिंग से आप का मैटाबोलिक रेट बढ़ता है, जिस से आप का शरीर आराम करते हुए भी फैट बर्न करता है.

जुंबा स्पैशलिस्ट और मास्टर ट्रेनर सविता पाल कहती हैं कि आप का शरीर समय के अनुसार बदलता रहता है, आप की ऐक्सरसाइज के स्ट्रैस के अनुसार एडजस्ट और मजबूत होता रहता है. कभीकभी बौडीवेट बूटकैंप में जाएं. यदि आप के पास समय की कमी है तो छोटेछोटे वर्कआउट करें.

होलिस्टिक लिविंग कौन्सैप्ट की डाक्टर दीपा का कहना है कि कहीं भी 10 से 30 मिनट हाई इन्टैंसिटी का वर्कआउट कर लें. इस से कम समय में ज्यादा कैलोरी बर्न होगी और वर्कआउट के बाद कुछ घंटों के लिए मैटाबोलिक रेट भी बढ़ेगा.

यूट्यूब पर फिटनैस ब्लौग और फूड चैनल के रनवीर कहते हैं कि अपने शैड्यूल में ऐक्सरसाइज रूटीन का समय तय कर लें और इस से हटें नहीं. कोई भी समय जो आप को सूट करता हो, तय कर लें और इसे जरूरी काम समझें, इग्नोर न करें.

सविता पाल सलाह देती हैं, ‘‘एक फिटनैस साथी ढूंढ़ लेना चाहिए. उस से आप को प्रेरणा मिलती रहेगी. जब आप को लगेगा कि आप काफी ऐक्सरसाइज कर चुकी हैं, तब वही साथी आप को एक सैट और करने के लिए आगे बढ़ा सकता है. यह जरा सा और ही आप को साफसाफ फर्क दिखा देगा. आप स्वयं को ज्यादा स्ट्रौंग महसूस करेंगी.’’

खुद को करें मोटीवेट

एडिडास की मुंबई कैप्टेन के अनुसार थोड़ी सी प्रेरणा से ही बहुत उत्साह मिलता है. खिलाडि़यों की जीवनियां पढ़ें.

पाल भी कहती हैं कि आप सोशल मीडिया पर फिटनैस के वीडियो देख फिटनैस के अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए बहुत प्रेरणा प्राप्त कर सकती हैं.

लेलिस्टिक न्यूट्रिशन के ल्यूक का कहना है कि यदि आप को सुबह उठते ही चाय की जरूरत हो तो अपने स्लीप पैटर्न और रूटीन पर भी ध्यान दें. आप का शरीर सोते हुए कई अवस्थाओं से गुजरता है जैसे सैलग्रोथ, डिटौक्सिफिकेशन, सैल्युलर रिपेयर, हीलिंग और रिजूविनेशन. ज्यादातर स्वस्थ वयस्कों को हर रात 7 से 9 घंटे की नींद की जरूरत होती है. यदि आप को सोने में परेशानी है, तो फोन या लैपटौप से रात को दूर रहें. अलकोहल, कैफीन या मीठी वस्तुएं सोने से 2 घंटे पहले न लें.

कम पानी पीने से थकान महसूस हो सकती है. अत: खूब पानी पीएं.

ल्यूक कहते हैं कि हर पोषक तत्त्व कई मैटाबोलिक प्रोसैस से जुड़ा होता है. 1% भी कम होता है, तो ऐनर्जी पर प्रभाव डालता है. विटामिन डी, बी12, के, आयरन, मैग्नीशियम, सिलेनियम, पोटैशियम और क्यू10 की अकसर अनदेखी की जाती है पर इन की कमी मांसपेशियों की थकान और मानसिक दबाव का कारण बन सकती है.

आप के खाने में मौजूद पोषक तत्त्वों को ग्रहण करने के लिए मैटाबोलिज्म बढ़ाने के लिए प्रोटीन आवश्यक है. इसे अपने आहार में जरूर लें.

चीनी, मैदे से बनी वस्तुओं से मैटाबोलिक रेट कम हो सकता है, इसलिए केक, बिस्कुट, पेस्ट्री से दूर रहें.

फिटनैस ट्रेनर सनी पाल का कहना है कि आजकल लोग शारीरिक रूप से सुविधापूर्ण जीवन बिता रहे हैं. प्रतिदिन 10 हजार कदम जरूर चलें. इस से 150 कैलोरी बर्न होगी, चलने का कोई मौका न छोड़ें. कार कुछ दूर पार्क करें ताकि आप का पैदल चलना हो जाए. औफिस ब्रेक में भी चलने की कोशिश करें. सीढि़यां चढ़ें, हर 5 कदम में एक कैलोरी बर्न होती है. अकसर सीडि़यों के एक पैटर्न में

14 स्टैप होते हैं, तो हमेशा लिफ्ट की जगह सीडि़यां चढ़ें. यदि रूटीन वर्कआउट से बोर हो रही हैं, तो जिन्हें डांस करना अच्छा लगता है, वे जुंबा जौइन कर लें. ट्रैनिंग या हाइकिंग जैसी ऐक्टिविटीज वर्कआउट के साथसाथ सोशल अफेयर भी हो सकती हैं.

फिट रहने के लिए थोड़ी सी मेहनत कर के देखें, आप को अच्छा लगेगा. फिर कहा भी तो जाता है कि स्वस्थ तन में स्वस्थ मन का निवास होता है तो आज से ही शुरुआत करें और स्वस्थ रहें.

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