Crochet : किसी जमाने में हर घर में क्रोशिया से बुनी तकिए के कवर, रूमाल, शोपीस और अन्य सामान आसानी से देखे जाते थे. बदलते वक्त और भागदौड़ भरी जिंदगी में घरों और बाजारों से क्रोशिया की बुनी हुई चीजें गायब सी होती चली गई थीं लेकिन इन दिनों एक बार फिर क्रोशिया से बने कपड़ों और ज्वैलरी के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ा है.
क्रोशिया एक फ्रैंच शब्द है जिस का मतलब है ‘हुक’. यानि क्रोशिया एक प्रकार की हुकदार लगभग 6 इंच लंबी सलाई का नाम है जिस से ‘लेस’ या ‘जाली’ हाथों से बुनी जाती है. इस से बुने काम को क्रोशिए का काम कहते हैं. अंगरेजी में क्रोशिया क्रोशे (crochet) कहलाता है.
लेस 3 प्रकार से बनाई जाती है- बौबिन से, क्रोशिया से और सलाइयों से. इस तरह क्रोशिया लेस बनाने के 3 प्रकारों में से एक है.
क्रोशिया से काम करने के फायदे
क्रोशिया करना एक रचनात्मक और फायदेमंद गतिविधि है जो कई तरह के मैंटल और फिजिकल बैनिफिट्स देती है. यह तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करता है, साथ ही यह ध्यान केंद्रित करने, रचनात्मकता को बढ़ावा देने और शारीरिक गतिविधियों को बेहतर बनाने में भी सहायक है.
क्रिएटिविटी को बढ़ावा देता है
क्रोशिया करने से क्रिएटिविटी को बढ़ावा मिलता है और नए और अनोखे तरीके से सोचने की क्षमता विकसित होती है. जब आप अपनी समझ से नएनए डिजाइन बनाते हैं, तो एक खुशी का भी एहसास होता है.
फिजिकल ऐक्टिविटी को बेहतर बनाता है
क्रोशिया करने से हाथों और उंगलियों की ऐक्टिविटी बढ़ती है, जो फिजिकल ऐक्टिविटी को बेहतर बनाने में मदद करती है. इस से पूरे हाथ की ऐक्सरसाइज होती है. इस से मसल्स मजबूत बनती है और हाथों की कलाई और अंगूठे में होने वाली कपल टर्नल सिंड्रोम जैसे बीमारियां जो आज बहुत कौमन है उन से राहत मिलती है.
कम्युनिटी स्प्रिट को बढ़ावा देता है
क्रोशिया एक सोशल ऐक्टिविटी है, जो लोगों को एकसाथ आने और बातचीत करने का अवसर प्रदान करती है. पहले के टाइम में भी बहुत सी महिलाएं एक ही जगह पर पार्क या फिर किसी के घर इकठ्ठा हो कर क्रोशिया करती थीं और काम के साथसाथ घंटों बातें कर अपना टाइम भी पास करती थीं.
सस्ती और पोर्टेबल
क्रोशिया करने के लिए बहुत अधिक खर्च करने की आवश्यकता नहीं होती है. यह एक पोर्टेबल गतिविधि है जिसे आप कहीं भी कर सकते हैं.
यार्न क्राफ्ट आप को खुश करता है
शौक नाटकीय रूप से आप के मूड और जीवन की प्रोडक्टिविटी को बढ़ाते हैं. शौक मजबूत रिश्ते बनाते हैं, आप को अपनी सोसाइटी में शामिल रखते हैं और एक औब्जेक्टिव फीलिंग देते हैं. साथ ही आप अपने पसंदीदा टीवी शो को देखते हुए पूरी तरह से उपयोगी चीजें बना सकते हैं.
आप के गिफ्ट की कीमत मेहनत होगी
अगर आप ने कभी किसी को हाथों से बुना हुआ या क्रोकेटेड स्कार्फ दिया है तो आप समझ जाएंगे कि हमारा क्या मतलब है. यह ऐसी चीज है जिसे हमेशा पैसे से नहीं खरीदा जा सकता और बहुत से लोग समय और मेहनत की सराहना करते हैं जो आप किसी खूबसूरत चीज को बनाने में लगाते हैं.
यार्न क्राफ्ट मोबाइल जैसी बुरी आदत को छोड़ने का एक अच्छा तरीका है
अगर आप धूम्रपान, स्मोकिंग या फेसबुकिंग छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, तो यार्न क्राफ्ट आप के लिए सब से बढ़िया टूल होगा. जब आप अपने हाथों को किसी और काम से रोकने की कोशिश कर रहे हों, तो यह आप के हाथों को व्यस्त रखेगा.
स्ट्रैस को खत्म करता है क्रोशिया
क्रोशिया करने की दोहरावदार और एक ही चीज पर फोकस करने वाली क्रिया मन को शांत करती है और चिंता और तनाव को कम करने में मदद करती है. जब हम कुछ ऐसा करते हैं जो हमें पसंद होता है, तो हमारा मस्तिष्क डोपामाइन नामक रसायन छोड़ता है, जो हमारी फीलिंग्स को प्रभावित करता है.
क्रोशिया का काम करने के लिए क्या चाहिए
क्रोशिया हुक सुई की तरह का उपकरण है जिस का उपयोग धागों को लूप करने के लिए किया जाता है. यार्न (धागा) सूती, ऊनी या रेशमी धागा इस्तेमाल किया जा सकता है. कटिंग टूल्स जैसेकि कैंची, जो धागों को काटने के लिए उपयोग होते हैं.
कैसे किया जाता है
कपड़ा बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला उपकरण एक हुक वाली सुई है, इसलिए इस कला को ‘क्रोकेट’ नाम मिला. क्रोकेट सुइयों को कभीकभी शेफर्ड हुक भी कहा जाता है और यह आमतौर पर स्टील, लकड़ी, प्लास्टिक और अतीत में हाथी दांत से भी बनाई जाती है. इस प्रक्रिया में बस सूत या धागे के लूप को आपस में जोड़ कर कपड़ा बनाया जाता है. बुनाई के विपरित जहां एक समय में कई टांके खुले रहते हैं, क्रोकेट में प्रत्येक टांका अगले टांके के शुरू होने से पहले पूरा हो जाता है.
दरअसल, क्रोशिए की लेस बनाने में 2 सलाइयों द्वारा केवल एक धागे को बुना जाता है, पर चाहे तो अन्य रंग भी ले सकते हैं. वैसे तो किसी भी रंग के धागे से लेस या क्रोशिए का काम बुना जाता है पर सर्वप्रिय तथा कलात्मक सफेद रंग ही रहा है. इस काम में धागे को सलाइयों या हुक पर लपेटते और मरोड़ी (गांठे) बनाते चलते हैं. क्रोशिए के हुक से लंबी लेस या झालर, गोल मेजपोश तथा चौकोर परदे आदि वस्तुएं बनाई जा सकती हैं. धागे के अनुसार काम भी मोटा या महीन होगा. क्रोशिए का काम रेशमी, सूती और ऊनी तीनों प्रकार के धागों से किया जाता है पर अधिकतर सूती धागा ही बरता जाता हैं.
डिजाइनों में ज्यामितिक आकार, फूलपत्तियां, पशुपक्षी और मनुष्याकृतियां बनाई जाती हैं. डिजाइन को घना बुना जाता है और आसपास के स्थान को जाली डाल कर. इस प्रकार आकृतियां बहुत स्पष्ट और उभरी दिखती हैं.
क्रोशिया का काम कैसे करें
क्रोशिया (Crochet) में हुक का इस्तेमाल कर के धागों को आपस में जोड़ा जाता है. इसे ही क्रोशिया का काम कहा जाता है. इस तकनीक का उपयोग कर के आप कई तरह की वस्तुएं जैसेकि कपड़े, खिलौने, और घर की सजावट के लिए चीजें बना सकते हैं. ऐसी कोई भी चीज बनाने के लिए आप काम करने के लिए एक धागा लें और हुक की मदद से एक लूप बनाएं.
धागे को लूप में से खींचें और फिर एक नया लूप बनाएं. इस प्रक्रिया को दोहराते हुए आप स्टिच बना सकते हैं.
विभिन्न प्रकार के स्टिच का उपयोग कर के आप विभिन्न डिजाइन बना सकते हैं, जैसेकि लेस, झालर, मेजपोश साथ में और भी बहुत कुछ.
कुछ सामान्य क्रोशिया स्टिच
सिंगल क्रोशिया (Single Crochet) : यह सब से बुनियादी स्टिच है, जो लूप में से एक धागा खींचने और फिर 2 लूप में से एक साथ खींचने से बनता है.
डबल क्रोशिया (Double Crochet) : यह एक स्टिच है जिस में लूप में से 2 धागे खींचने और फिर 3 लूप में से एकसाथ खींचने से बनता है.
ट्रिपल क्रोशिया (Triple Crochet) : यह एक स्टिच है जिस में लूप में से 3 धागे खींचने और फिर 3 लूप में से एकसाथ खींचने से बनता है.
डिजाइन बनाने में समय
कुशन कवर को बनाने में 2-3 दिन लगते हैं, तो स्वेटर बनाने में 1 हफ्ते का समय लगता है. कुछ और बनाने में लगने वाला समय आप की क्षमता और कार्य पर डिपैंड करता है.