Basic Skills: ऑफिस से घर आने के बाद सोनाली देखती है कि उसका पति सुमित, जो वर्क फ्रॉम होम करता है, अपने खाने की प्लेट को बेसिन में रखा हुआ है, धोया नहीं और पूरा बेसिन बर्तनों से भरा पड़ा है. सोनाली को गुस्सा आया और उसने अपने पति से अपना प्लेट और बर्तन धोकर रखने की सलाह दी, क्योंकि वह पूरे दिन ऑफिस में काम करने के बाद घर आकर पूरा काम नहीं कर सकती, उसे भी घर का काम करना पड़ेगा.

इस पर दोनों में बहस हो गई. सोनाली ने सुमित को बताया कि उसके परिवार में हर कोई भाई हो या पिता, अपना प्लेट खाने के बाद खुद धोकर सही जगह पर रखते है. यही उसने बचपन से देखा है और सुमित के लिए भी यही नियम यहाँ लागू है. पहले तो सुमित को बुरा लगा, लेकिन अंत में बात की गहराई को समझकर अगले दिन से अपना प्लेट और यूज किये हुए बर्तनों को धोकर रखना शुरू कर दिया. इसे देखकर उनके 6 साल का बेटा रोहित भी अपनी प्लेट धोकर सही जगह पर रखने लगा.

हालांकि सुमित ने भी बचपन से ही पिता को घर के कई काम करते हुए देखा है, क्योंकि उसकी माँ
वर्किंग रही, लेकिन ये स्किल इतना जरूरी है, समझ नहीं पाया था, क्योंकि सुमित अकेला बेटा होने की वजह से कोई भी उसे किसी काम के लिए कहता नहीं था. परिवार में सब अपना काम खुद करने पर कोई भी काम किसी के लिए समस्या नहीं होती.

आपको याद होगा कि वर्ष 2001 मैं आई फिल्म ‘आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया’ भी एक ऐसी ही फिल्म रही, जिसमें गोविंदा को जूही चावला के साथ घर के सभी काम करना बहुत पसंद था, क्योंकि वह मानता था कि इससे पति – पत्नी में प्यार बढ़ता है. इसे देखकर उसके तीनों पड़ोसी उसे जोरू का गुलाम कहते थे, लेकिन इससे गोविंदा को कोई फर्क नहीं पड़ता था. हालांकि ये एक कॉमेडी फिल्म थी, लेकिन इसका संदेश स्पष्ट था कि हर किसी को किचन और घर के काम के स्किल होने जरूरी है.

स्किल की कमी

आज के यूथ अपना काम खुद करने की स्किल का विकास न होने की वजह उनका परिवार है, जो इस काम के महत्व को उन्हे नहीं समझाते. मनोवैज्ञानिक राशिदा कपाड़िया कहती है कि अपनी प्लेट खुद धोने की आदत विकसित करना एक सरल और प्रभावी तरीका है, जिससे व्यक्ति की आत्म-निर्भरता और जिम्मेदारी की भावना बढ़ती हैं. इसके लिए, आपको बस कुछ बेसिक स्टेप्स का पालन करना होता है और इसे नियमित रूप से अपनी रूटीन में शामिल कर लेना होता है.

अपना काम खुद करने की आदतों का विकास परिवार के सभी पुरुषों को करना जरूरी है, जिसमें पिता द्वारा किये गए काम को बेटा जल्दी सीख जाता है. एक लड़का आज की तारीख में अधिक से अधिक 22 साल तक अपने पेरेंट्स के साथ रहता है, इसके बाद उसे अधिकतर पढ़ाई या जॉब के लिए बाहर जाना पड़ता है, ऐसे में अगर उसके पास ये स्किल नहीं है, तो उसे कई समस्याओं का सामना आगे चलकर करना पड़ सकता है.

सिखाए स्किल्स

ऐसा देखा जा रहा है कि अधिकतर पेरेंट्स के आजकल एक या दो बच्चे होते है और पेरेंट्स जरूरत से अधिक उनपर अपना ध्यान देते रहते है, ऐसे में बच्चों को कभी समझ में ही नहीं आता है कि उम्र के बढ़ने के साथ – साथ किन – किन स्किल्स को अडाप्ट करना है और पेरेंट्स भी लाड़ – प्यार से उन्हे कुछ बताते नहीं. विदेश में रहने वाला एक बच्चा डेढ़ साल से खाना खुद खा लेता है, जबकि यहाँ 10 साल के लड़के को भी पेरेंट्स हाथ से खिलाते रहते है, ऐसे में उसे किसी भी स्किल्स के विकास का महत्व समझ नहीं आता.

जन्म से शुरू होती है स्किल डेवलपमेंट की प्रोसेस

राशिदा आगे कहती है कि बच्चे की स्किल्स सीखने की प्रक्रियाँ जन्म से ही शुरू हो जाती है, ऐसे में उन्हे छोटे – छोटे काम शुरू से बताते रहना चाहिए. जैसे कि खुद खाना, खाने के बाद प्लेट को जगह पर रखना, उसे धोकर, पोंछकर जगह पर रखने को भी बता देना आवश्यक होता है और ये एक बेटा अपने पिता से ही जल्दी सीखता है.

करें प्लेट धोने की स्किल का विकास

प्लेट धोने की स्किल यानि जिसे बर्तन धोने का कौशल भी कहा जाता है, एक व्यावहारिक जीवन कौशल है. इसमें प्लेटों को प्रभावी ढंग से साफ करने के लिए सही तकनीक और प्रक्रियाओं का उपयोग करना शामिल है.

प्लेट धोने की स्किल निम्न है:

• बर्तन धोने के ग्लव्स खरीद लें, लिक्विड सोप अच्छी क्वालिटी की खरीदें, ताकि बर्तन की सफाई अच्छी तरह से हो सकें, सोप में कंजूसी न करें.
• बर्तनों को धोने से पहले, उन्हें पानी से धोकर उन पर लगी गंदगी को हटा दें.
• साबुन और पानी का उपयोग करके, प्लेटों को अच्छी तरह से रगड़कर साफ करें.

• साफ पानी से प्लेटों को अच्छी तरह से धो डालें, ताकि उन पर साबुन के कोई निशान न रहे.
• प्लेटों को हवा में सुखाएँ या तौलिये से पोंछकर सुखा लें.
• साफ और सूखे प्लेटों को व्यवस्थित रूप से रखें.
• ध्यान रखें कि थोड़े बर्तन या प्लेट होने पर ही उसे धोते जाएँ, ताकि एक साथ अधिक बर्तन सिंक में जमा न हो जाय.
• किचन की सिंक में बदबू न हो, इसके लिए बर्तन धोने के बाद सिंक की सफाई अच्छे से करें.
• सिंक पर लाइट पंखा हो, ताकि व्यक्ति को प्लेट साफ करने में परेशानी न हो.
• परिवार के सभी व्यक्ति को अपनी प्लेटे खुद धोने की आदत होने जरूरी है, प्लेटों और बर्तनों को धोकर सही जगह पर रखने की आदत सभी अपनाए.

इसके अलावा ये स्किल न केवल प्लेटों को साफ करने में मदद करता है, बल्कि हाथ-आँख समन्वय पर ध्यान और जिम्मेदारी की भावना जैसे स्किल को भी विकसित करता है. इस काम में अभ्यास और धैर्य की आवश्यकता होती है. इस प्रकार डेली रूटीन में प्लेट धोने की स्किल को शामिल करने से, भले ही डिशवॉशर उपलब्ध हो, यूथ को मूल्यवान सबक और स्किल मिल जाता हैं, जो उन्हे आगे चलकर इन कामों को करने में समस्या नहीं होती. Basic Skills

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