Old Fashion: फैशन की असली खूबसूरती यही है कि यह बारबार बदलता है और हर बार कुछ नया ले कर आता है. लेकिन आजकल का सब से बड़ा ट्रेंड है पुराने को नए रूप में पहनना. अलमारी में रखे पुराने फैब्रिक और प्रिंट अब आउटडेटेड नहीं माने जाते, बल्कि इन्हें नए कट्स और स्टाइल्स के साथ पहनना आज की स्मार्ट चौइस है.

पुराने प्रिंट का नया अंदाज

आप को पता होना चाहिए कि ब्लौक प्रिंट, पोलका डौट्स या फ्लोरल प्रिंट आदि सदाबहार डिजाइन हैं. फर्क बस इतना है कि इन्हें पहले पारंपरिक रूप में पहना जाता था, लेकिन आज इन्हीं से बन रहे हैं मौडर्न ड्रैसेज, जैसे क्रौप टौप और स्कर्ट.

श्रग और जैकेट्स

वनपीस ड्रैस : यानी प्रिंट वही है, लेकिन कटिंग और स्टाइलिंग बिलकुल नया.

पारंपरिक फैब्रिक, वैस्टर्न टच

भारत के पारंपरिक फैब्रिक जैसे खादी, सिल्क, कौटन और लिनेन कभी पुराने नहीं होते. फर्क सिर्फ इन के यूज का है.

खादी से बना ओवरसाइज कोट

सिल्क से डिजाइनर स्कर्ट, कौटन से स्टाइलिश जंपसूट सब पुराने फैब्रिक को भी एकदम मौडर्न और ग्लैमरस बना देते हैं.

साड़ी और दुपट्टे से नया फैशन

हर घर में पुरानी साड़ियां और दुपट्टे पड़े रहते हैं. इन्हें फेंकने की बजाय अगर आप थोड़ी क्रिएटिविटी दिखाएं तो साड़ी से बन सकता है स्टाइलिश गाउन या इंडो वैस्टर्न ड्रैस.

दुपट्टे से तैयार हो सकती है ट्रेंडी स्कर्ट या कुरता ड्रैस, पुराने चुनरी से बन सकता है श्रग या केप स्टाइल जैकेट. इस से न केवल नया फैशन तैयार होता है, बल्कि उस में इमोशंस  की खूबसूरती भी जुड़ी रहती है.

ऐक्सैसरीज का कमाल

कपड़ों को नया लुक देने के लिए ऐक्सैसरीज सब से आसान तरीका है. एक बेल्ट से ढीली ड्रैस को फिगर फिटिंग लुक दें. मौडर्न ज्वैलरी के साथ पारंपरिक फैब्रिक और प्रिंट और भी आकर्षक लगता है.

स्टाइलिश बैग और फुटवियर पुराने डिजाइन को भी ट्रेंडी बना देते हैं.

सस्टेनेबल फैशन समय की जरूरत

आज जब पूरी दुनिया में सस्टेनेबल फैशन की बात हो रही है, तो पुराना फैब्रिक इस्तेमाल करना एक समझदारी भरा कदम है. इस से पर्यावरण को नुकसान नहीं होता.

नए कपड़े बनाने में लगने वाला खर्च और संसाधन बचते हैं. आप अपनी वार्डरोब में यूनिक और पर्सनलाइज्ड स्टाइल जोड़ पाते हैं.

अपनी पहचान खुद बनाएं

फैशन का असली मतलब सिर्फ नया पहनना नहीं, बल्कि खुद की पहचान को स्टाइल में पेश करना है. जब आप पुराने फैब्रिक और प्रिंट से नए कपड़े बनवाते हैं, तो यह आप की क्रिएटिविटी, पर्सनैलिटी और स्मार्ट चौइस दोनों को दिखाता है.

पुराना फैब्रिक और प्रिंट कभी आउटडेटेड नहीं होता. फर्क सिर्फ इतना है कि आप उसे किस तरह पहनते और स्टाइल करते हैं. इसलिए अब पुराने कपड़ों को बेकार समझ कर अलमारी में न रखें, बल्कि उन्हें नया रूप दे कर अपने फैशन में शामिल करें. यही है आज का असली ट्रेंड- ओल्ड इज गोल्ड विद मौडर्न टच.

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