Pocketing relationship: आजकल रिश्तों के भी कई नाम होने लगे हैं. किसी से मिलने से ले कर उस के छोड़ने तक के लिए किसी न किसी शब्द का आविष्कार कर दिया गया है जैसे सिचुएशनशिप, बैंचिंग, ब्रैडक्रंबिंग, कफिंग और पौकेटिंग.
ऐसे कई शब्द आ गए हैं जो रिलेशनशिप की अलगअलग स्थिति को बताते हैं. इन्हीं में से एक शब्द है- पौकेटिंग. आजकल रिलेशनशिप में पौकेटिंग शब्द काफी सुनाई देने लगा है. तो पहले हम यह जान लें कि पौकेटिंग शब्द का अर्थ होता क्या है?
रिश्ते में पौकेटिंग का अर्थ
दरअसल, पौकेटिंग रिलेशनशिप में लोग अपने पार्टनर या साथी की मौजूदगी को दुनिया से छिपाते हैं यानी 2 लोग रिश्ते में होते हैं लेकिन वे अपने इस रिश्ते को दोस्तों, परिवार वालों और यहां तक कि सोशल मीडिया से भी छिपा कर रखते हैं.
लड़का या लड़की दोनों में कोई भी अपने पार्टनर के साथ ऐसा कर सकता है. पौकेटिंग रिलेशनशिप में आप का पार्टनर अकेले में तो प्रेमी या प्रेमिका की तरह पेश आता लेकिन दूसरे लोगों के सामने आते ही ऐसा बरताव करता है जैसे उसे आप के होने न होने से कोई फर्क नहीं पड़ता.
पौकेटिंग के कारण
रिश्ते में अनिश्चितता: कुछ लोग अपने रिश्ते को ले कर निश्चित नहीं होते और इसलिए वे इसे दूसरों से छिपाते हैं. वे शायद यह देखना चाहते हैं कि यह रिश्ता लंबे समय तक चलेगा या नहीं.
सामाजिक दबाव: परिवार या दोस्तों की अपेक्षाओं के कारण भी पौकेटिंग हो सकती है. उदाहरण के लिए यदि साथी का परिवार या मित्र किसी खास जाति, धर्म या सामाजिक वर्ग के व्यक्ति से रिश्ते को स्वीकार नहीं करेगा तो व्यक्ति अपने रिश्ते को छिपाने का प्रयास कर सकता है.
संगठनात्मक कारण: कुछ लोग अपने पेशेवर या सामाजिक छवि को ले कर चिंतित होते हैं और अपने निजी जीवन को पेशेवर जीवन से अलग रखना चाहते हैं, जिस से वे रिश्ते को छिपाते हैं.
पौकेटिंग का प्रभाव
रिश्ते में पौकेटिंग का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. यह व्यवहार उस व्यक्ति को भावनात्मक रूप से कमजोर और अस्वीकार्य महसूस करा सकता है जिसे छिपाया जा रहा है. लंबे समय तक इस प्रकार का व्यवहार रिश्ते में विश्वास की कमी और भावनात्मक दूरी पैदा
कर सकता है. व्यक्ति यह महसूस कर सकता है कि उस का साथी उसे पूरी तरह स्वीकार नहीं कर रहा है, जिस से तनाव और असुरक्षा का जन्म होता है.
पौकेटिंग के उपचार के तरीके
संवेदनशीलता को प्रोत्साहित करें: रिश्ते में संवेदनशीलता को प्रोत्साहित करने से आप के साथी को अपने जीवन में खुल कर बात करने और आप को शामिल करने में अधिक सहजता महसूस करने में मदद मिल सकती है.
विश्वास का निर्माण करें: पौकेटिंग के उपचार में विश्वास का निर्माण आवश्यक है. विश्वास विकसित होने में समय लगता है लेकिन लगातार प्रयास और पारदर्शिता भागीदारों के बीच बंधन को मजबूत कर सकती है.
अंतर्निहित मुद्दे को संबोधित करें: पौकेटिंग में योगदान देने वाले किसी भी अंतर्निहित मुद्दे की पहचान करें और उस का समाधान करें. इन में प्रतिबद्धता का डर, अतीत का आघात या सांस्कृतिक मतभेद शामिल हो सकते हैं.
इन मुद्दों को सम झना और इन का समाधान करना दोनों भागीदारों को आगे बढ़ने में मदद कर सकता है. धीरेधीरे अपने जीवन में अपने साथी को शामिल करने से डर कम करने और सहजता बनाने में मदद मिल सकती है.
सकारात्मक व्यवहार को सुदृढ़ करें: अपने जीवन में आप को शामिल करने के लिए अपने साथी के प्रयासों को स्वीकार कर के और उन की सराहना कर के सकारात्मक व्यवहार को सुदृढ़ करें. सकारात्मक सुदृढ़ीकरण आगे खुलेपन और एकीकरण को प्रोत्साहित कर सकता है.
व्यक्तिगत मूल्यों पर चिंतन करें: दोनों भागीदारों को अपने व्यक्तिगत मूल्यों और रिश्ते में आपसी सम्मान और समावेश के महत्त्व पर चिंतन करना चाहिए. मूल्यों को समझना रिश्ते के लिए एक मजबूत नींव बनाने में मदद कर सकता है.
रिश्ते की देखभाल का अभ्यास करें: पौकेटिंग से निबटने के दौरान दोनों पक्षों के लिए स्व देखभाल का अभ्यास करना आवश्यक है. अपनी भावनात्मक और मानसिक सेहत का ख्याल रखने से आप को चुनौतियों से निबटने और स्वस्थ दृष्टिकोण बनाए रखने में मदद मिल सकती है.
पौकेटिंग रिलेशनशिप के फायदे
यह एक ऐसा रिश्ता होता है, जिस के फायदे कम नुकसान ज्यादा होते हैं. इस रिलेशनशिप में सिर्फ एक ही फायदा है, वह यह कि यह आप के सीक्रेट्स को सब के सामने आने से बचाता है. आप चोरीछिपे एकदूसरे को डेट कर सकते हैं और दुनिया को इस की भनक तक नहीं लगने देते.
अगर आप चाहते हैं कि आप के रिश्ते के बारे में किसी को पता न चले या आप अपने पार्टनर को ले कर बहुत पजैसिव है तो आप पौकेटिंग रिलेशनशिप कर सकते हैं.
पौकेटिंग रिलेशनशिप के नुकसान
पौकेटिंग रिलेशनशिप किसी भी तरह अच्छी नहीं मानी जाती. इस तरह की रिलेशनशिप में असुरक्षा की भावना आ सकती है. ऐसी रिलेशनशिप में पार्टनर अच्छे ही होते हैं लेकिन जिंदगी अकेले होने जैसा जीते हैं. इस में भविष्य को ले कर कोई योजना नहीं होती और इस रिश्ते की नींव बहुत कमजोर होती है. यह रिश्ता कितनी दूर जाएगा, इस का अंदाजा लगाना मुश्किल होता है क्योंकि बिना भरोसे के रिश्ते का भविष्य कम ही होता है. इस में धोखा मिलने के उम्मीद कम होती है.
यदि आप का साथी आप के साथ पौकेटिंग रिश्ता रख रहा है तो आप उसे सम झाएं कि
आप पौकेटिंग रिश्ते में नहीं रह सकते हैं क्योंकि कोई भी रिश्ता बिना भरोसे और विश्वास के बिना आगे और लंबा नहीं चल सकता.
Pocketing relationship
