‘नागिन 6’ से TV पर वापसी करेगी Kumkum Bhagya की ‘आलिया’

टीवी के पॉपुलर सीरियल्स में से एक कुमकुम भाग्य (Kumkum Bhagya) में आलिया के रोल में नजर आने वाली एक्ट्रेस शिखा सिंह (Shikha Singh) मां बनने के बाद अब टीवी की दुनिया में वापसी करने वाली है, जिसके चलते वह सुर्खियों में आ गई हैं. वहीं उनका नया शो ‘नागिन 6’ होने वाला है. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

पुलिस के रोल में दिखेंगी एक्ट्रेस

 

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कोरोना के दौरान आलिया के रोल को अलविदा कहने वाली एक्ट्रेस शिखा सिंह ने जून 2020 में एक बेटी को जन्म दिया था, जिसके बाद वह उसके पालन पोषण और बेटी के साथ वक्त बिताते हुए नजर आईं थीं. वहीं इस दौरान उन्होंने अपनी फिटनेस पर भी ध्यान दिया, जिसके बाद अब वह ‘नागिन 6’ में नजर आने वाली हैं. एक्ट्रेस सीरियल में एक सीनियर पुलिस औफिसर के रोल में नजर आएंगी, जिसके चलते वह सुर्खियों में आ गई हैं.

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रोल को लेकर कही ये बात

 

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‘नागिन 6’ में अपने रोल को लेकर एक्ट्रेस शिखा का कहना है कि “मैंने हमेशा मजबूत भूमिकाएं निभाई हैं, जिसमें एक पुलिस की भूमिका निभाना एक ही है. मैं बहुत एक्साइटेड हूं कि मेरी बेटी अलायना को जन्म देने के बाद, मुझे इस तरह के एक्शन वाला रोल निभाने का मौका मिला. शो में बहुत कुछ देखने को मिल रहा है. वहीं इसके बाद ट्विस्ट और टर्न का बहुत सारा रोमांच देखने को मिलने वाला है. शो में एक पुलिस वाली का रोल निभाना मेरे लिए दिलचस्प होना चाहिए.”

 

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बता दें, एक्ट्रेस शिखा सिंह ने कई शोज में काम किया है, जिसमें सीरियल ‘कुमकुम भाग्य’ में 6 साल तक नेगेटिव रोल में काम करने के बाद उन्हें काफी सफलता मिली. वहीं अब नागिन 6 में नजर आने के लिए उनके फैंस काफी एक्साइटेड नजर आ रहे हैं.

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Rubina संग होली मनाने के लिए Karan ने ऐसे दिया Umar- Nishant को धोखा

बिग बॉस 15 के कंटेस्टेंट  (Bigg Boss 15 Contestants) इन दिनों सुर्खियों में हैं. जहां करण कुंद्रा और तेजस्वी प्रकाश की जोड़ी फैंस के बीच छाई रहती है तो वहीं उमर रियाज से लेकर निशांत भट्ट तक अपने नए प्रोजेक्ट्स को लेकर चर्चा में रहते हैं. इसी बीच सोशलमीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें करण कुंद्रा का रुबीना दिलैक के लिए प्यार देखकर उमर रियाज और निशांत भट्ट को जलन महसूस हो रही हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

साथ दिखे बिग बौस के सितारे

हाल ही में एक एड की वीडियो सोशलमीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें बिग बॉस के पौपुलर कंट्स्टेंट्स होली मनाते हुए नजर आ रहे हैं. दरअसल, बिग बॉस फेम करण कुंद्रा (Karan Kundra), रुबीना दिलैक (Rubina Dilaik), उमर रियाज (Umar Riaz), निशांत भट्ट (Nishant Bhatt) एक एड में साथ होली खेलते हुए नजर आ रहे हैं, जिसमें रुबीना दिलैक संग होली खेलने के लिए करण कुंद्रा, उमर रियाज और निशांत भट्ट को मना करते हैं. लेकिन रुबीना संग होली खेलते देख दोनों जलन महसूस करते नजर आ रहे हैं.

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सुर्खियों में हैं करण कुंद्रा

 

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एड के अलावा काम की बात करें तो बिग बौस 15 से निकलने के बाद सभी सितारे अपने काम में लग गए हैं. जहां उमर रियाज म्यूजिक वीडियो में नजर आ रहे हैं तो वहीं करण कुंद्रा इन दिनों रियलिटी शोज का हिस्सा बन रहे हैं. वहीं अपनी गर्लफ्रेंड तेजस्वी प्रकाश संग क्वालिटी टाइम बिताते हुए नजर आते हैं, जिसे देखकर फैंस बेहद खुश नजर आ ते हैं.

बता दें, करण कुंद्रा (Karan Kundra), उमर रियाज (Umar Riaz), निशांत भट्ट (Nishant Bhatt) जहां बिग बौस 15 में नजर आए थे तो वहीं रुबीना दिलैक (Rubina Dilaik) बिग बौस 14 में बौस लेडी के नाम से पौपुलर हो गई थीं. फैंस को इन चारों का ये एड देखकर बहुत खुशी हो रही है.

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हेयर केयर से जुड़े 7 Myths जरूरी है जानना

सभी के लिए उनके हेयर केयर प्रोडक्ट और हेयर केयर रूटीन अलग होती हैं. कुछ लोग प्रोडक्ट्स और तकनीकों के साथ एक्सपेरिमेंट करना पसंद करते हैं. सभी को लंबे और घने बाल पाना पसंद है. इसके लिए कुछ महिलाएं तो अपने पुराने हेयर केयर रूटीन से ही चिपकी रहती हैं तो कुछ महिलाएं दूसरों की देखा देखी करके अपने प्रोडक्ट्स को बदल लेती हैं. हेयर केयर से कुछ ऐसी अफवाहें भी जुड़ी हैं जिनका विश्वास करना आपको महंगा पड़ सकता है. आइए जानते हैं इन अफवाहों के बारे में.

1. बालों को स्टाइल करना उन्हें डेमेज कर सकता है :

अगर आप फ्लैट आयरन, कर्लिंग वांड, हेयर क्रिंपर और ड्रायर का प्रयोग करती हैं तो उनसे मिलने वाली हीट बालों को ड्राई कर सकती हैं. हालांकि अगर इनका प्रयोग कभी कभार करती हैं और हाई तापमान में न करके नॉर्मल टेंपरेचर की सेटिंग करती हैं तो बालों को ज्यादा नुकसान नहीं होता है. साथ ही हीट प्रोटेक्टेंट प्रोडक्ट्स का भी प्रयोग जरूर करें.

2. जितनी बार बाल कटवाएंगी, वह उतने जल्दी बढ़ेंगे :

आपके बाल जड़ों से बढ़ते हैं. बालों की लंबाई कटवाने और उनके तेजी से बढ़ने के बीच कोई संबंध नहीं हैं. आपके बालों के बढ़ने को कई फैक्टर्स जैसे जेनेटिक और आपकी हेयर केयर रुटीन प्रभावित कर सकते हैं. स्प्लिट एंड और डेमेज बालों से बचने के लिए नियमित रूप से बालों को कटवाना बढ़िया रहता है.

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3. बालों को साफ रखने के लिए उन्हें हर दिन धोना जरूरी होता है :

रोजाना बालों को धोना जरूरी नहीं होता है क्योंकि ऐसा करने से बाल ड्राई हो सकते हैं. अगर आपके ऑयली बाल हैं तो स्कैल्प में सिबम इकठ्ठा होने से बचने के लिए हफ्ते में दो से तीन बार सिर धो सकती हैं. अधिक तेल के कारण बालों में खुजली होना, इंफेक्शन जैसे साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं. अगर नॉर्मल बाल हैं तो हफ्ते में एक बार धोना भी काफी होता है.

4. अगर आप बालों में कलर करती हैं तो इससे बाल समय से पहले सफेद हो जाते हैं :

बहुत सी महिलाओं का मानना होता है कि हेयर कलर जैसे प्रोडक्ट्स बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इससे स्प्लिट एंड, बालों का सफेद होना आदि समस्या देखने को मिल सकती हैं. इस समस्या से बचने का एक ही तरीका है केमिकल ट्रीमेंट ज्यादा जल्दी जल्दी न करवाना और हेयर केयर रूटीन काफी सख्त रखना.

5. उन्हीं प्रोडक्ट्स का प्रयोग करते रहें जो सारा साल आपने प्रयोग किए हैं :

स्किन की तरह ही बालों की भी अलग अलग मौसम में अलग अलग जरूरत होती हैं. सर्दियों के दौरान आपको मॉइश्चराइजिंग हेयर केयर प्रोडक्ट्स की जरूरत होती है. ऐसे ही अलग अलग मौसम में अपनी हेयर केयर जरूरतों के हिसाब से प्रोडक्ट्स को बदलते रहें.

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6. बार बार कंघी करने से बालों की गुणवत्ता अच्छा रहती है :

कंघी करने से बालों की गुणवत्ता प्रभावित नहीं होती है. कंघी करने से आपके सिर का प्राकृतिक ऑयल पूरे बालों में फेल जाता है जिससे बालों में एक शाइन एड हो जाती है. अगर आप बालों को कंघी करते समय खींचती हैं या जोर से कंघी करती हैं तो ऐसा करने से बाल टूट सकते हैं.

7. डेंड्रफ संक्रामक होता है :

बहुत सी महिलाएं उन लड़कियों या महिलाओं के प्रोडक्ट्स या कंघी आदि का प्रयोग नहीं करती हैं जिनको डेंड्रफ की समस्या होती है क्योंकि उन्हें लगता है कि ऐसा करने से उन्हें भी डेंड्रफ हो जा येगा. ऐसा गलत है क्योंकि डेंड्रफ के कारण जेनेटिक्स, हाइजीन और प्रदूषण आदि हो सकते हैं.

तो यह थी बालों की केयर से जुड़े मिथ. इन पर आंख बंद करके भरोसा न करें बल्कि सही फैक्ट्स के बारे में जरूर जाने.

शादी का लड्डू: बनी रहे मिठास

शादी की शुरुआत एकदूसरे के प्रति अथाह प्यार व भविष्य का तानाबाना बुनने से होती है. लेकिन जैसेजैसे समय बीतता जाता है, पारिवारिक जिम्मेदारियां प्राथमिकता बनने लगती हैं और प्यार धीरेधीरे अपनी जगह खोने लगता है. इस आपाधापी में पतिपत्नी यह भूल जाते हैं कि अगर आपसी रिश्ते में प्यार की ताजगी बनी रहेगी तो जिम्मेदारियों का निर्वाह भी हंसीखुशी होता रहेगा.

अपनी व्यस्त जिंदगी से कुछ पल सिर्फ एकदूसरे के लिए निकाल कर तो देखें, हर एक लमहा हमेशा के लिए यादगार बन जाएगा.

कुछ बोल प्यार के

रविवार का खुशनुमा दिन. दिल्ली के शालीमार बाग के एक होटल में कारोबारी चोपड़ाजी की शादी की सिल्वर जुबली की पार्टी चल रही थी. अकसर अपने काम में व्यस्त रहने वाले कारोबारी यहां फुरसत में एकदूसरे से गप्पें लड़ा रहे थे. तभी एक कारोबारी अपने परिचित एक कारोबारी से कहता है, ‘‘गुप्ताजी, आप की शादी को भी तो शायद 25 वर्ष होने वाले हैं. आप कब दे रहे हैं अपनी शादी की सिल्वर जुबली की पार्टी?’’

गुप्ताजी अपने दोस्त की बात पर मुसकराते हुए कहते हैं, ‘‘दोस्त, हमारे जीवन में तो ऐसा कुछ भी नहीं हुआ, जिसे किसी पर्व की तरह मनाया जाए या फिर पार्टी दी जाए. मेरी पत्नी से कभी पूछ कर देखो तो. वह तो जैसे मेरे से उकता चुकी है. वह यही कहती मिलेगी कि मुझे अपनी जिंदगी में बहुत ही नीरस व्यक्ति मिला है, जो अपनी पत्नी को गहनेकपड़े दे कर ही अपना यानी पति का फर्ज पूरा हुआ समझता है.’’ इस बातचीत के दौरान गुप्ता जी यह बताना भूल गए कि आखिर शादी के बाद स्वयं उन्होंने अपनी पत्नी के साथ प्यार भरे मीठे पल बिताने की कितनी कोशिश की. पत्नी को सोनेचांदी के उपहार से ज्यादा पति के साथ बिताए प्यारे पल व प्यार से कहे गए दो शब्द ज्यादा प्रिय होते हैं.

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आपस में प्यार के दो मीठे बोल बोलने के लिए समय का इंतजार करते रहेंगे तो शायद यूं ही सारी उम्र बीत जाए. सुबह औफिस पहुंचने की भागमभाग के बीच कुछ पल निकाल कर पत्नी को आलिंगन करते हुए सिर्फ इतना कहना है कि आज तुम बहुत सुंदर लग रही हो. फिर तो पत्नी के चेहरे पर छाई लाली को आप सारा दिन भुला नहीं पाएंगे.

शाम को चाय की चुसकियां लेते समय पत्नी की प्यार भरी छेड़छाड़ पति की सारे दिन की थकान दूर कर देगी. ये छोटेछोटे पल नीरसता को दूर कर के जिंदगी को खुशनुमा बना देंगे.

मेड फौर ईचअदर

हाल ही में किए गए एक सर्वे के अनुसार अधिकांश विवाहित जोड़े शादी के 2-3 साल बाद ही एकदूसरे से उकताने लगते हैं. कई पति तो ऐसे भी होते हैं कि पत्नी अगर कुछ दिनों के लिए मायके चली जाए तो वे उन दिनों को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं. ऐसे पतियों को पत्नी की कमी का एहसास तब होता है जब घरेलू कामकाज खुद करने पड़ते हैं.

फिर जिन दिनों को आप स्वतंत्रता के दिन कह रहे हैं, ऐसे आजादी के दिन जब लंबे खिंचने लगते हैं तो पत्नी पर निर्भर ज्यादातर पति मन ही मन यही सोचते हैं कि पत्नी जल्दी से जल्दी घर लौट आए तो अच्छा हो. हां, यह बात अलग है कि 100 में से 1 भी पति यह मानने को तैयार नहीं होता है कि पत्नी के जाने पर उसे किसी प्रकार की कोई दिक्कत पेश आ रही थी.

उम्र के साथ बढ़ता प्यार

‘‘शादी के कुछ वर्ष बीत जाने के बाद पतिपत्नी एकदूसरे से उकताए से दिखते जरूर हैं, पर यह उकताहट मन से नहीं, ऊपरी तौर पर होती है, क्योंकि शादी के कुछ ही वर्षों के बाद पति अपनी पत्नी पर कुछ इस कदर निर्भर हो जाते हैं कि छोटीमोटी बात के लिए भी वे अपनी पत्नी के मुहताज हो जाते हैं और तब उन की ‘मेड फौर ईचअदर’ वाली स्थिति बन जाती है.

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शादी के बाद बढ़ती उम्र में प्यार का प्रभाव जानने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि शादी के बाद समय के साथ शादीशुदा जोड़ों में आपसी प्यार व लगाव कम होता जाता है, वाली बात पूरी तरह से गलत है. सचाई यह है कि शादी के बाद वर्षों तक साथ रहने और एकदूसरे के गुणों को जाननेसमझने के बाद शादी के शुरुआती दौर की तरह ही इस उम्र में भी प्यार फिर से परवान चढ़ता है और पहले के प्यार के दौर के मुकाबले यह कहीं ज्यादा गहरा होता है.

आखिरी दांव

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इन 25 बीमारियों से बचाएगी ग्रीन टी, पढ़ें खबर

ग्रीन टी अपने स्वास्थ्यवर्धक गुणों के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध होती जा रही है. ग्रीन टी के प्रयोग से विभिन्न बीमारियों पर नियंत्रण पाया जा सकता है. यहां हम बता रहे हैं कि ग्रीन टी कौनकौन सी बीमारी में किसकिस तरह सहायक होती है और उस में कौनकौन से लाभदायक तत्त्व होते हैं.

1. कैंसर

इस के अंदर पाए जाने वाले ऐंटीऔक्सीडैंट कैंसर का जोखिम को कम करने के लिए विटामिन सी के मुकाबले 25 गुणा और विटामिन बी के मुकाबले 100 गुना ज्यादा प्रभावकारी होते हैं. ये ऐंटीऔक्सीडैंट आप के शरीर के सैल्स को डैमेज होने से बचाए रखते हैं, जिस से कैंसर से बचाव होता है.

2. हृदयरोग

ग्रीन टी कोलेस्ट्रौल के स्तर को कम कर के हृदयरोगों और स्ट्रोक्स से होने वाले जोखिम को भी कम करने में सहायक है. यहां तक कि हार्टअटैक के बाद मृत पड़े हार्ट सैल्स को रिकवर कर दूसरे हार्ट सैल्स के संरक्षण में भी मदद करती है.

3. ऐंटीएजिंग

ग्रीन टी में पोलीफिनोल्स नामक ऐंटीऔक्सीडैंट होते हैं, जो फ्री रैडिकल्स से लड़ने की क्षमता रखते हैं. इस का अर्थ यह है कि ग्रीन टी बढ़ती उम्र से लड़ने में सहायक होती है और आप को ज्यादा समय तक जवां बनाए रखती है.

4. वेट लौस

शरीर से फैट बर्न कर के वजन को नियंत्रित करने में भी ग्रीन टी सहायक होती है. यह ऐक्स्ट्रा फैट को बर्न करने में भी मदद करती है और मैटाबोलिक रेट को प्राकृतिक तरीके से बढ़ाती है. यह एक दिन में शरीर से 70 कैलोरी तक बर्न करने की क्षमता रखती है.

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5. त्वचा

ग्रीन टी में पाए जाने वाले ऐंटीऔक्सीडैंट त्वचा को फ्री रैडिकल्स के हानिकारक दुष्प्रभावों से भी संरक्षित रखते हैं. त्वचा पर आई झुर्रियों और ढलती उम्र में त्वचा पर होने वाले प्रभाव इन्हीं फ्री रैडिकल्स के कारण उत्पन्न होते हैं.

6. आर्थराइटिस

ह्यूमेटायड आर्थराइटिस के जोखिम को भी ग्रीन टी कम करती है और इस के दुष्प्रभावों से बचाव करती है. यह शरीर के ऐंजाइम्स को ब्लाक कर के कार्टिलेज को संरक्षित रखती है. ये ऐंजाइम कार्टिलेज को कमजोर बना कर उन्हें नष्ट करते हैं.

7. बोंस (हड्डियां)

ग्रीन टी का फ्लूअराइड नामक तत्त्व हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होता है. यदि आप प्रतिदिन ग्रीन टी पीते हैं, तो यह आप के शरीर में हड्डियों की डैंसिटी (स्थिरता) को बरकरार रखती है.

8. कोलेस्ट्रौल

यह कोलेस्ट्रौल के स्तर को कम करने में सहायक है. यह बुरे कोलेस्ट्रौल के स्तर को कम कर के अच्छेबुरे कोलेस्ट्रौल के अनुपात को भी नियंत्रित करती है.

9. ओबेसिटी

फैट सैल्स में ग्लूकोज की बढ़ती सक्रियता को रोक कर ओबेसिटी पर भी ग्रीन टी नियंत्रण रखती है.

10. डायबिटीज

ग्रीन टी लिपिड प्रोफाइल को बेहतर बनाती है. ग्लूकोज मैटाबोलिज्म रेट में शुगर लैवल को बढ़ने से रोकता है और शरीर के मेटाबोलिक रेट को भी नियंत्रित करता है.

11. अलजाइमर

ग्रीन टी आप की मैमोरी को बढ़ाने में भी मदद करती है. हालांकि यह अलजाइमर से बचाव नहीं करती, लेकिन यह ब्रेन में मौजूद एसेटिलकोलिन नामक तत्त्व की सक्रियता को कम करने में मदद करती है. यह तत्त्व ही अलजाइमर होने के मुख्य कारण बनता है.

12. पार्किंसन

ग्रीन टी में पाए जाने वाले ऐंटीऔक्सीडैंट मस्तिष्क में होने वाले सैल डैमेज से बचाव में मदद करती है. यह डैमेज पार्किंसन होने की प्रक्रिया में मुख्य भूमिका निभाता है.

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13. लीवर डिजीज

रिसर्च से पता चलता है कि ग्रीन टी शरीर की फैटी लीवर में मौजूद हानिकारक फ्री रैडिकल्स को नष्ट कर देती है. यह लीवर फेल होने के कारणों से बचाव कर के ट्रांसप्लांट के जोखिम को भी कम करती है.

14. हाई ब्लडप्रैशर

यह हाई ब्लडप्रैशर से बचाव में मदद करती है. ग्रीन टी पी कर ब्लडप्रैशर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है. यह एंगोएटेनसिन पर दबाव बनाए रखती है, जिस से ब्लडप्रैशर पर नियंत्रण बना रहता है.

15. फूड पौइजनिंग

इस में पाया जाने वाला कैटेचिन नामक तत्त्व शरीर के उन बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है, जो फूड पौइजनिंग की वजह बनते हैं. साथ ही, यह उन टौक्ंिसस को भी नष्ट करती है, जो इन बैक्टीरिया के कारण पनपते हैं.

16. ब्लड शुगर

यों तो बढ़ती उम्र के साथ शरीर में ब्लड शुगर लैवल बढ़ने की प्रवृत्ति होती है, लेकिन ग्रीन टी में पाए जाने वाले पौलीफिनोल्स ब्लड शुगर लैवल को कम करने में मदद करते हैं.

17. इम्यूनिटी

ग्रीन टी में मौजूद पोलीफिनोल्स और फ्लेवनौइड्स शरीर के इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने में मदद करते हैं.

18. कोल्ड और फ्लू

इस में मौजूद विटामिन सी सामान्य कोल्ड और फ्लू से लड़ने में मदद और शरीर को अन्य बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है.

19. अस्थमा

ग्रीन टी मसल्स को रिलैक्स करती है, इस से अस्थमा अटैक की तीव्रता में भी कमी आती है.

20. ईयर इन्फैक्शन

ग्रीन टी कानों में होने वाले इन्फैक्शन से भी बचाव करती है. रुई के फाहे को ग्रीन टी में भिगो कर उस से संक्रमित कान की सफाई करें. यह गंदगी को भी साफ कर देगा और कीटाणु भी नहीं पनपने देगा.

21 हरपीज

ग्रीन टी हरपीज के विशेष ट्रीटमैंट टौपिकल इंटरफेरन ट्रीटमैंट के प्रभाव को और अधिक बढ़ाने में मदद करती है. इस ट्रीटमैंट से पहले यह संक्रमित हिस्से पर दबाव या प्रभाव बनाती है और उस के बाद उस क्षेत्र के आसपास की त्वचा को ड्राई छोड़ देती है, जिस से ट्रीटमैंट का असर ज्यादा होता है और ट्रीटमैंट में भी सहूलियत रहती है.

22. सांसों की दुर्गंध

ग्रीन टी कई तरह के ऐसे वायरस और बैक्टीरिया को भी खत्म करती है, जो कई तरह की डैंटल प्रौब्लम्स का कारण होते हैं. साथ ही उन बैक्टीरिया को भी पनपने से रोकती है, जो सांस में दुर्गंध पैदा करते हैं.

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23. स्ट्रैस

ग्रीन टी एंग्जाइटी और स्ट्रैस से मुक्ति में सहायक होती है. इसलिए ग्रीन टी से स्ट्रैस पर नियंत्रण पाया जा सकता है.

24. ऐलर्जी

ग्रीन टी में मौजूद ईजीसीजी किसी भी तरह की स्किन ऐलर्जी से मुक्ति में सहायक है. इसलिए यदि आप को ऐलर्जी है, तो ग्रीन टी आप के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है.

25. एचआईवी

जापान के वैज्ञानिकों ने पाया है कि ग्रीन टी शरीर के हैल्दी इम्यून सैल्स को आपस में इकट्ठा कर के एचआईवी संक्रमण को रोक सकती है.q

मुझसे कोई प्यार करता है, लेकिन मैं उससे प्यार नहीं करती, मैं क्या करुं?

सवाल

मैं एक लड़के से प्यार करती हूं. वह भी मुझे प्यार करता है. पर समस्या यह है कि मेरा चचेरा भाई भी मुझे बहुत प्यार करता है, मैं उसे नहीं चाहती. लेकिन यह बात कह कर मैं उसे दुखी भी नहीं करना चाहती हूं. फिर यदि मैं ने अपने बौयफ्रैंड से इस प्रेम संबंध को समाप्त करने की बात कही तो उसे तो दुख होगा ही, साथ ही मैं भी उस से जुदा हो कर जी नहीं पाऊंगी. मैं अजीब उलझन में हूं. किसी का भी दिल नहीं तोड़ना चाहती. कृपया मेरा मार्गदर्शन करें.

जवाब

आप को अपने चचेरे भाई को किसी मुगालते में नहीं रखना चाहिए. उस से साफ साफ कह दें कि आप दोनों भाईबहन हैं और आप का खून का रिश्ता है. आप की उस के प्रति जो चाहत है वह सिर्फ एक बहन की अपने भाई के प्रति है. यह सुन कर वह दुखी होगा, हो सकता है कि आप से नफरत भी करने लगे, पर इस के अलावा आप के पास कोई चारा भी नहीं है. प्यार के इस भ्रम को जितनी जल्दी तोड़ देंगी, तकलीफ उतनी ही कम होगी.

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एक हार्ट केयर हौस्पिटल के शुभारंभ का आमंत्रण कार्ड कोरियर से आया था. मानसी ने पढ़ कर उसे काव्य के हाथ में दे दिया. काव्य ने उसे पढना शुरू किया और अतीत में खोता चला गया…

उस ने रक्षित का दरवाजा खटखटाया. वह उस का बचपन का दोस्त था. बाद में दोनों कालेज अलगअलग होने के कारण बहुत ही मुश्किल से मिलते थे. काव्य इंजीनियरिंग कर रहा था और रक्षित डाक्टरी की पढ़ाई. आज काव्य अपने मामा के यहां शादी में अहमदाबाद आया हुआ था, तो सोचा कि अपने खास दोस्त रक्षित से मिल लूं, क्योंकि शादी का फंक्शन शाम को होना था. अभी दोपहर के 3-4 घंटे दोस्त के साथ गुजार लूं. जीभर कर मस्ती करेंगे और ढेर सारी बातें करेंगे. वह रक्षित को सरप्राइज देना चाहता था.

उस के पास रक्षित का पता था क्योंकि अभी उस ने पिछले महीने ही इसी पते पर रक्षित के बर्थडे पर गिफ्ट भेजा था. दरवाजा दो मिनट बाद खुला, उसे आश्चर्य हुआ पर उस से ज्यादा आश्चर्य रक्षित को देख कर हुआ. रक्षित की दाढ़ी बेतरतीब व बढ़ी हुई थी. आंखें धंसी हुई थीं जैसे काफी दिनों से सोया न हो. कपड़े जैसे 2-3 दिन से बदले न हों. मतलब, वह नहाया भी नहीं था. उस के शरीर से हलकीहलकी बदबू आ रही थी, फिर भी काव्य दोस्त से मिलने की खुशी में उस से लिपट गया. पर सामने से कोई खास उत्साह नहीं आया.

‘क्या बात है भाई, तबीयत तो ठीक है न,’ उसे आश्चर्य हुआ रक्षित के व्यवहार से, क्योंकि रक्षित हमेशा काव्य को देखते ही चिपक जाता था.

कमजोर को गुलाम बना दिया जाता है

रूस के व्लादिमीर पुतिन ने छोटे से देश यूक्रेन पर बुरी तरह कहर ढा दिया है और लगभग 15 लाख लोग तो अभी यूके्रन से भाग कर पड़ोसी देशों में पहुंच गए हैं, रूस की न मानने की सजा हजारों घरों को बमों से तोडक़र, परिवारों को नष्ट कर के औरतों और बच्चों को दी जा रही है और पूरा विश्व स्तब्ध है कि वह क्या करें. अमेरिका और यूरोप अपनी ओर से जो कर सकते थे वे कर रहे हैं पर एटमबमों से लैस रूस पर हमला करना एक और बड़ा जोखिम है.

यूक्रेन की मुसीबत की वजह है कि यूक्रेनियों ने एक की गुंडई को सहने से इंकार कर दिया. हजारों सालों से यह होता रहा है कि अपने बच्चों, घरवालों और अपनी जान बचाने के लिए लोग अपनी आजादी को कुरबान करते रहे हैं. इस कुरबानी का कोई लंबाचौड़ा फायदा नहीं होता क्योंकि इस के बाद कमजोर को गुलाम बना दिया जाता है और वह मरे से भी बुरी हालत में जीता है.

यूक्रेन का अंत कैसा भी हो, यूक्रेनी लड़ाकू चाहे मारे जाएं पर यूक्रेन की औरतों की कुरबानी, अपने बेटों और पतियों को लड़ते को भेजने को राजी होना और खुद अपना बसाबसाया घर छोडक़र कहीं विदेश में बस जाना असल में पूरी दुनिया को कर्जदार बना रहा है. वे औरतें असल में भीषण अधिकारों की पहली पहरेदार साबित हो रही है.

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अगर ये औरतें अपने बेटों और पतियों के सामने खड़ी हो कर उन्हें सरेंडर करने को कहतीं तो उन की जान बच जाती पर पूरी दुनिया में रूसी पैने फैलने लगते. जो यूक्रेन में हो रहा है, वही पड़ोसी भोलटोवा, एस्टोनिया, लटाविया, लिशूनिया में होता. रूसी मंसूबे तब तक नहीं रखते जब तक पश्चिमी देश एटमी युद्ध तक के लिए तैयार नहीं हो जाते. यूके्रन की औरतों ने अपनी दृढ़ता से एक संदेश दिया है कि जुल्म का हिम्मत से मुकाबला करना होता है, भीख मांग कर.

भारत में सैंकड़ों सालों से मुट्ठी भर लोग बहुसंख्यक शूद्रों और दलितों पर सदियों से भक्ति, पिछले जन्मों के कर्मों के फल के नाम पर राज करते आ रहे हैं. संविधान के बावजूद, आरक्षण के बावजूद ऊंचे घरों की औरतों और निचले घरों की औरतों में एक साथ विभाजन दिख रहा है. निचले घरों की औरतों, बेटियों को जब मर्जी रेप कर दिया जाता, वेश्याघरों में भेज दिया जाता है, कमरतोड़ मेहनत करने को मजबूर करा जाता है क्योंकि वे औरतें अपने बेटों और पतियों को यूक्रेनी औरतों की तरह अपनी जमीन, अपनी सरकार, अपने हकों के लिए लडऩे को नहीं भेजती.

जब तक यूक्रेन विशाल सोवियत संघ का हिस्सा था, मास्को ने यूक्रेन में ही एटमिक स्टेशन बना रखे थे. यहीं लक्ष्य बम जमा हो ताकि अगर कुछ हो तो यूक्रेनी ही मरें, बाकि रूस के लोग नहीं. अब यूक्रेनी जनता इस मनमानी को फिर से दोहरा देने को तैयार नहीं है. वह एक मास्को की कठपुतली को अपने राष्ट्रपति की तरह देखने को तैयार नहीं चाहे इस की कोई कीमत देनी न पड़े.

यूक्रेनी औरतें आज जो बलिदान कर रही है जिस में अपनों को खोना भी है, अपनी मेहनत से जुटाई गृहस्थी को रूसी हमलों में नष्ट होते देखना भी है, उस का फायदा आने वाली पीढिय़ों को मिलेगा. यूक्रेनी औरतों की इज्जत दुनियाभर में बढ़ जाएगी. उन्हें कष्ट भोगने की आदत होगी तो वे और कर्मठ बन जाएंगी.

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जहां भी औरतों ने यह बलिदान नहीं दिया वहां उन्हें सदियों तक गुलामी सहनी पड़ी है. मुसलिम देशों में औरतों को आज भी आजादी नहीं है क्योंकि वे उसी समय की सुरक्षा के चक्कर में अपने हकों को कुर्बान करती है, हकों के लिए कुर्बानी नहीं देती. अफगानिस्तान में औरतों ने बेटों और पतियों को लडऩे जाने दिया पर गलत हक के लिए, अपने परिवार की सुरक्षा के लिए नहीं. इसलिए तालिबानी सरकार बनते ही सब से पहला जुल्म औरतों पर शुरू हुआ. यूक्रेन की औरतों का निशाना एक विदेशी सरकार अपने लोकतांत्रिक हकों के लिए है और चाहे फिलहाल यूक्रेन पर रूसी कब्जा हो जाए, यह इलाका रूस के लिए हमेशा सिरदर्द बना रहेगा.

लड़ाई जारी है: भाग 1- सुकन्या ने कैसे जीता सबका दिल

‘बुआ, दादीं की तबियत ठीक नहीं है. वह तो एम्बुलेंस मिल गई वरना लॉक डाउन के कारण आना भी कठिन हो जाता. उन्हें मेडिकल कॉलेज में एडमिट करवा दिया है. पल्लव भी नहीं आ पा रहा है, माँ को तो आप जानती ही है, ऐसी स्थिति में नर्वस हो जाया करती हैं, यदि आप आ जायें तो….’ फोन पर परेशान सी सुकन्या ने कहा.

क्या, माँ बीमार है…पहले क्यों नहीं बताया ? शब्द निकलने को आतुर थे कि मनीषा ने अपनी शिकायत मन में दबाकर कहा …

‘ तू चिंता मत कर, मैं शीध्र से शीध्र पहुँचने का प्रयत्न करती हूँ….’

सुदेश जो आफिशियल कार्य से विदेश गये थे,  कल ही लौटे थे. उन्हें चौदह दिन का क्वारेंन्टाइन पूरा करना है. मनीषा ने उनके लिये खाना, पानी तथा फल इत्यादि कमरे के दरवाजे पर रखे स्टूल पर रख दिया तथा सुकन्या की बात उन्हें बताते हुये उनसे कहा कि वह जल्दी से जल्दी घर लौटने का प्रयत्न करेगी. आवश्यकता के समय लॉक डाउन में एक व्यक्ति तो जा ही सकता है…सोचकर उसने गाड़ी निकाली और चल पड़ी…. गाड़ी के चलने के साथ ही बिगड़ैल बच्चे की तरह मन अतीत की ओर चल पड़ा….

सुकन्या, उसकी पुत्री न होकर भी उसके दिल के बहुत करीब है. वह उसके भाई शशांक और अनुराधा भाभी की पहली संतान है. घर में बीस वर्ष पश्चात् जब बेटी ने जन्म लिया तो सिवाय माँ के सबने उसका उत्साह से स्वागत किया था. भाई की तो वह आँखों का तारा थी….नटखट और चुलबुली….अनुप्रिया भाभी के लिये वह खिलौना थी. माँ की एक ही रट थी कि उन्हें घर का वारिस चाहिये. उनकी जिद का परिणाम था कि एक वर्ष पश्चात् वारिस आ भी गया. माँ तो पल्लव के आने से अत्यंत प्रसन्न हुई. भाभी पल्लव का सारा काम करके यदि सुकन्या की ओर ध्यान देती तो माँ खीज कर कहती, ‘न जाने कैसी माँ है, जो बेटे पर ध्यान ही नहीं देती है, अरे, बेटी तो पराया धन है, ज्यादा लाड़ जतायेगी तो बाद में पछतायेगी….’

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‘ माँ इसीलिये तो इसे ज्यादा प्यार देना चाहती हूँ. बेटा तो सदा मेरे पास रहेगा…तब इसके हिस्से का प्यार भी तो वही पायेगा….’ कहकर वह मुस्करा देती और माँ खीजकर रह जाती.

कहते हैं कि खुशी की मियाद कम होती है, यही भाभी के साथ हुआ…तीस वर्ष की कमसिन उम्र में ही राजन भइया दो फूल उनकी झोली में डाल कर, एक एक्सीडेंट में चल बसे. भाभी की अच्छी भली जिंदगी बदरंग हो गई थी. कच्ची उम्र में विवाह हो जाने के कारण, भाभी की शिक्षा अधूरी रह गई थीं. मामूली नौकरी कर शहर में रहना पिताजी, उनके ससुरजी को नहीं भाया था. वैसे भी वे उन लोगों में थे जिन्हें औरतों का घर से निकलना पसंद नहीं था.

पिताजी भाभी और बच्चों को अपने साथ गाँव ले आये. यह सच है कि उन्होने भाभी को किसी तरह की कमी नहीं होने दी किन्तु माँ उन्हें सदा भाई की मृत्यु का दोषी मानतीं रहीं इसलिये उनके कोप का भाजन भाभी के साथ नन्हीं सुकन्या भी होती. यह सब पापा की अनुपस्थिति में होता…नतीजा यह हुआ कि भाभी तो चुप हो ही गई जबकि नन्हीं दस वर्षीया सुकन्या डरी-डरी अपने ही अंतःकवच में कैद होने लगी थी.

पिताजी के सामने खुश रहने का नाटक करते-करते भाभी थक गई थीं. रात के अँधेरे में मन चीत्कार कर उठता तो वह अवश बैठी चीत्कार को मन ही मन में दबाते हुए अपनी खुशी सुकन्या और पल्लव में ढूँढने का प्रयास करती. उसकी जिंदगी एक ऐसी कटी पतंग के समान बन गई थी जिसकी कोई मंजिल नहीं थी…बस दूसरों की सोच एवं सहारे जीना ही उनका आदि और अंत हो चला था. ससुराल के अलावा उनका कोई और था भी नहीं, माता पिता बचपन में चल बसे थे, जिन चाचा ने उन्हें पाला पोसा, विवाह किया, वे भी नहीं रहे थे. चाची अपने बेटों के सहारे जीवन बसर कर रही थीं. शशांक भाई की मृत्यु पर वह शोक जताने आई थीं…साथ में अपनी विवशता भी जता गईं. आज के युग में जब अपने भी पराये हो जाते हैं तो किसी अन्य से क्या आशा…!! भाभी ने स्वयं को वक्त के हाथों सौंप दिया था.

जब भी मनीषा जाती तो भाभी दिल का दर्द उसके साथ बाँटकर हल्की हो लेती थी. भाभी के लाइलाज दर्द को वह भी कैसे कम कर पाती…? माँ से इस संदर्भ में बात करती तो वह कह देतीं कि तू अपना घर देख, मुझे अपना घर देखने दे. वह पापा को सारी बातें बताकर घर में दरार नहीं डालना चाहती थी अतः चुप ही रहती.

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माँ सदा से ही डोमिनेंटिग थी. उन्हीं की इच्छा के कारण वह भी ज्यादा नहीं पढ़ पाई थी किन्तु उसका भाग्य अच्छा था जो पिता की मजबूत स्थिति के कारण उसके ससुर ने अपने आई.आई.टियन बेटे के लिए न केवल उसे चुना वरन उसकी इच्छानुसार पढ़ने की इजाजत भी दी थी. आज वह पी.एच.डी करके महिला विद्यालय में प्रोफेसर है.

पल्लव अपने पिता के समान तीक्ष्ण बुद्धि का था. वह इंजीनियर बनना चाहता था. जब वह पढ़ने बैठता तो दादी का प्यार उस पर उमड़ आता. वह स्वयं उसे अपने हाथ से खिलातीं जबकि सुकन्या को कुछ खिलाना तो दूर, जब भी वह पढ़ने बैठती, माँ कहतीं,‘ अरे, घर का काम सीख, किताबों में आँखें न फोड़, हमारे घर की लड़कियाँ नौकरी नहीं करतीं, हाँ, ससुराल वाले करवाना चाहें तो बात दूसरी है.’

एक बार मनीषा घर गई…सुकन्या सो गई थी तथा ननद भाभी अपने सुख-दुख बाँट रहीं थीं तभी सुकन्या बड़बड़ाने लगी…मुझे कोई प्यार क्यों नहीं करता…मुझे कोई प्यार नहीं करता… है भगवान मुझे पैदा ही क्यों किया…इसके साथ ही उसका पूरा शरीर पसीने से लथ-पथ हो गया था…. अस्फुट स्वर में कहे उसके शब्द मनीषा के मर्म को चोट पहुंचाने लगे. उसकी ऐसी हालत देखकर मनीषा ने अनुराधा से पूछा तो उसने कहा पिछले एक वर्ष से इसकी यही हालत है दीदी…शायद माँजी के व्यवहार ने इसे भयभीत कर दिया है. यह डरपोक और दब्बू बनती जा रही है…अब तो बात करने में हकलाने भी लगी है.

सुकन्या की हालत देखकर मनीषा ने माँ को समझाते हुये कहा, ‘ माँ तुम्हारा अपने प्रति ऐसा रवैया मैं आज तक नहीं भूली हूँ…. सुकन्या तुम्हारी पोती है तुम्हारे बेटे का अंश…. क्या तुम उसे दुख पहुँचकर अपने बेटे की स्मृतियों के साथ छल नहीं कर रही हो…? अगर भइया आज जीवित होते तो क्या वह अपनी बेटी के साथ तुम्हारा व्यवहार सह पाते ?  इस बच्ची से तुमने इसकी सारी मासूमियत छीन ली है…देखो कैसी डरी, सहमी रहती है. भाई की असामयिक मृत्यु तथा तुम्हारी प्रताड़ना से भाभी का जीवन तो बदरंग बन ही गया है, अब इस मासूम का जीवन बदरंग मत बनाओ.’

‘ तू अपनी सीख अपने पास ही रख, मुझे शिक्षा मत दे….’ तीखे स्वर में माँ ने कहा.

‘ माँ अब मैं पहले वाली मनीषा नहीं हूँ, मुझे पता है पापा को कुछ पता नहीं होगा…मैं तुम्हारी सारी बातें पापा को बता दूँगी.’

मनीषा की धमकी काम आई थी. माँ का सुकन्या के प्रति रवैया बदला था किन्तु अनु भाभी पर माँ बेटी में दरार डालने का आरोप भी लगा दिया.

मनीषा ने जाते हुए पल्लवी से कहा था, ‘बेटा, रो-रोकर जिंदगी नहीं जीई जाती…मेहनत कर…पढ़ाई में मन लगा, अच्छे नम्बर ला…. जब तू कुछ बन जायेगी तो तेरी यही दादी तुझे प्यार करेंगी. वह तुझे कमजोर करने के लिये नहीं वरन् मजबूत बनाने के लिये डाँटती हैं.’

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मनीषा ने उसके नन्हें दिल में विश्वास की नन्हीं लौ जगाई थी. वह जानती थी कि वह झूठ बोल रही है पर सुकन्या में आशा का संचार करने के लिये उसे यही उपाय समझ में आया था. सुकन्या ने उसकी बात कितनी समझी किन्तु अनुराधा कहती कि अब वह पढ़ाई में मन लगाने लगी है.

परिस्थतियों ने पल्लव को समय से पहले परिपक्व बना दिया था. पल्लव अपने पापा के समान इंजीनियर बनना चाहता था अतः दादाजी ने उसका दाखिला शहर के बोर्डिंग स्कूल में करवा दिया था. सुकन्या भी धीरे-धीरे अपने डर से निजात पाकर पढाई में मन लगाने की कोशिश करने लगी थी.

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नेशनल टीवी पर शादी करेंगे Mika Singh, प्रोमो हुआ वायरल

बॉलीवुड के पौपुलर सिंगर मीका सिंह (Mika Singh) जल्द ही नेशनल टीवी पर स्वयंवर रचाने जा रहे हैं, जिसके चलते वह सुर्खियों में छाए हुए हैं. वहीं अब शो का प्रोमो सामने आ गया है, जिसमें वह दूल्हा बनकर अपनी दुल्हन तलाशते नजर आ रहे हैं. आइए आपको दिखाते हैं ‘मीका दी वोटी’ (Mika Di Vohti) के प्रोमो की झलक…

मीका बनेंगे दूल्हा

 

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स्टार भारत के शो ‘मीका दी वोटी’ (Mika Di Vohti Promo) में मीका सिंह का स्वयंवर रचाया जाने वाला है. वहीं प्रोमो की बात करें तो वीडियो में मीका सिंह अकेलेपन से परेशान होकर घोड़ी चढ़ने की बात कहते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं प्रोमो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया है कि ‘मीका दी वोटी’ के लिए रजस्ट्रेशन भी शुरू हो चुका है, जिसकी आखिरी तारीख 8 मई यह की गई है. हालांकि शो के ऑनएयर होने की डेट अभी नहीं बताई गई है. लेकिन फैंस को शो के रिलीज होने का बेसब्री से इंतजार करते नजर आ रहे हैं.

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ये सेलेब्स कर चुके हैं टीवी पर शादी

 

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मीका सिंह पहले ऐसे स्टार नहीं हैं, जो टीवी पर शादी कर चुके हैं. इससे पहले पारस छाबड़ा, शहनाज गिल, राहुल महाजन, मल्लिका शेरावत भी टीवी पर अपना स्वयंवर रचा चुकी हैं. हालांकि जहां कुछ को अपना जीवनसाथी नहीं मिला तो वहीं कुछ शादी करने के बाद तलाक ले चुके हैं. लेकिन देखना हा कि क्या मीका सिंह इस रिश्ते को निभा पाएंगे.

बता दें, मीका सिंह बौलीवुड और पंजाबी इंडस्ट्री के जाने माने सिंगर हैं. सिंगर के कई गाने हिट साबित हुए हैं. इनमें सलमान खान के फिल्मों के गाने भी शामिल है.

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