Winter Special: सेहत के लिए वरदान है बाजरा

छोटे छोटे ग्रे रंग के दानों  वाला बाजरा पोटेशियम, मैग्नीशियम, एंटी ऑक्सीडेंट, फायबर और विटामिन सी से भरपूर होता है. इसमें फायबर भरपूर मात्रा में होता है जो लंबे समय तक पेट को भरा रखने के साथ साथ पाचन तंत्र को भी दुरुस्त रखने में सहायक होता है. इसकी तासीर काफी गर्म होती है इसलिए सर्दियों में इसका सेवन अवश्य करना चाहिए. इसका सर्वाधिक उत्पादन राजस्थान में किया जाता है. बाजरे को रोटी के साथ साथ खिचड़ी, परांठा और कटलेट के स्वरूप में भी हम अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं. आज हम आपको बाजरे से बनने वाले कुछ व्यंजन बता रहे हैं जिन्हें बनाकर आप आसानी से बाजरे को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं तो आइए देखते हैं कि इन्हें कैसे बनाया जाता है-

-बाजरा दलिया

कितने लोगों के लिए          6

बनने में लगने वाला समय     30 मिनट

मील टाइप                         वेज

सामग्री

बाजरे का दलिया              1 कप

कटी गाजर                      1

कटी शिमला मिर्च             1

हरी मटर के दाने               1 कप

कटा पनीर                       1/2 कप

कटी हरी मिर्च                   3

बारीक कटा प्याज             1

बारीक कटा आलू              1

बारीक कटे टमाटर             2

नमक                              स्वादानुसार

लाल मिर्च पाउडर             1/2 टीस्पून

गरम मसाला                   1/2 टीस्पून

जीरा                             1/4 टीस्पून

नीबू का रस                     1 टीस्पून

हल्दी पाउडर                   1/4 टीस्पून

बारीक कटा हरा धनिया     1 टेबलस्पून

घी                                  1 टेबलस्पून

पानी                               3 कप

विधि

बाजरे के दलिये को भूनकर 1 कप पानी में 2 घण्टे के लिए भिगो दें. अब एक प्रेशर कुकर में घी डालकर प्याज और हरी मिर्च भून लें. जीरा व हल्दी डालकर कटे टमाटर डालकर अच्छी तरह चलाएं. जब टमाटर गल जाएं तो सभी सब्जियां, पनीर, नमक और सभी मसाले डालकर चलाएं. भीगा दलिया और बचा 2 कप पानी डालकर प्रेशर कुकर का ढक्कन बंद कर दें. एक सीटी तेज आंच पर लेकर 5 सीटी धीमी आंच पर लेकर गैस बंद कर दें. कुकर का प्रेशर निकल जाने पर नीबू का रस और धनिया डालकर चलाएं. टेस्टी और पौष्टिक दलिये को अचार और दही के साथ खाएं.

-बाजरा के पुए

कितने लोगों के लिए             6

बनने में लगने वाला समय      30 मिनट

मील टाइप                         वेज

सामग्री

बाजरे का आटा                   1 कप

गुड़                                    1/2 कप

तिल                                   1/2 कप

जायफल पाउडर                  1/4 टीस्पून

इलायची पाउडर                   1/4 टीस्पून

तलने के लिए पर्याप्त में तेल अथवा घी

विधि

गुड़ को किसकर 1/4 कप पानी में आधे घण्टे के लिए भिगो दें. बाजरे के आटे में इलायची और जायफल  पाउडर मिला लें. अब बाजरे के आटे में गुड़ का पानी मिलाकर मसल मसलकर कड़ा गूंथ लें. तैयार आटे को 6 भागों में विभाजित कर लें. हाथों को चिकना करके कटी लोई को हथेली में दबाकर चपटा कर लें. एक प्लेट में तिल को फैला दें. आटे की चपटी लोई को प्लेट में रखकर दोनों तरफ तिल चिपकाएं. अब इसे गरम तेल में डालकर मंदी आंच पर सुनहरा होने तक तलें. बटर पेपर पर निकालकर एयरटाइट जार में भरकर रखकर सप्ताह भर तक प्रयोग करें.

-बाजरा आलू परांठा

कितने लोगों के लिए             4

बनने में लगने वाला समय      20 मिनट

मील टाइप                         वेज

सामग्री

बाजरे का आटा                 1 कप

उबले आलू                      2

उबली मटर                    1/2 कप

पालक प्यूरी                  1/2 कप

बारीक कटा प्याज          1

बारीक कटी हरी मिर्च       3

बारीक कटी हरी धनिया     1 टेबल स्पून

नमक                               स्वादानुसार

अमचूर पाउडर                1/2 टीस्पून

गर्म मसाला                   1/4 टीस्पून

सेंकने के लिए तेल         पर्याप्त मात्रा में

विधि

बाजरे के आटे में समस्त सामग्री को मिला लें. अब 1/2 कप गुनगुने पानी को धीरे धीरे आटे में मिलाते हुए आटे में मिला लें. तैयार आटे में से छोटी सी लोई लेकर तवे पर रखकर उंगलियों से चपटा करें. दोनों तरफ तेल या घी लगाकर मंदी आंच पर सुनहरा होने तक सेकें. तैयार आटे को चटनी या अचार के साथ सर्व करें.

3 बार अबौर्शन होने के बाद क्या मैं मां बन सकती हूं?

सवाल-

मेरी शादी को 5 साल हो गए हैं. इस दौरान मेरा 3 बार गर्भपात हो चुका है. क्या मैं कभी मां नहीं बन पाऊंगी?

जवाब-

बारबार गर्भपात होने का मतलब कभी भी बांझपन नहीं होता है. आप मां बन सकती हैं. गर्भपात होने के कई कारण होते हैं जैसे आनुवंशिक समस्याएं, हारमोन असंतुलन, संक्रमण, भू्रण निर्माण में विकृति और इम्युनोलौजिकल व पर्यावरणीय कारक. कारणों का पता कर के, सही जीवनशैली अपना कर और सही उपचार के द्वारा आप मां बन सकती हैं.

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जुलाई की सुबह थी. नाश्ते के दौरान प्रिंस हैरी की पत्नी, डचेस औफ़ ससेक्स मेगन मर्केल अपने डेढ़ वर्षीय पुत्र आर्ची का डायपर बदल रही थीं. तभी पेट में ऐंठन हुई और वे आर्ची को बांहों में लिए हुए ही गिर गईं. इस से उन के दूसरे बच्चे का अबौर्शन हो गया था.

39 वर्षीया पूर्व अमेरिकन ऐक्ट्रेस मेगन ने अपने इस दर्द को ‘द लूजेस, वी शेयर’ टाइटल से लेख लिखते हुए शेयर किया है. वे लिखती हैं, ”गिरते ही असहनीय दर्द के दौरान मैं समझ गई थी कि मैं ने पेट में पल रहे अपने दूसरे बच्चे को खो दिया है. कुछ समय बाद मैं हौस्पिटल में थी और जब मुझे होश आया तो प्रिंस हैरी मेरा हाथ थामे हुए थे. एक बच्चा खोने का मतलब है असहनीय दुख जिसे बहुत सी महिलाओं ने अनुभव किया है, लेकिन इस दर्द को बहुत कम ने शेयर किया है. जब मैं हौस्पिटल में लेटी हुई थी तब मेरी और मेरे पति की आंखों में आंसू थे. हौस्पिटल में सौ से अधिक महिलाएं थीं जिन में तकरीबन 20 महिलाएं अबौर्शन का दर्द सह रही थीं.‘’

अबौर्शन ऐसा शब्द है जिस का शाब्दिक अर्थ तो सब जानते हैं लेकिन इस का असली मतलब सिर्फ वही महिलाएं जानती हैं जो इसे झेल चुकी हैं. 35 साल की भारती अनचाहे अबौर्शन का दर्द अच्छी तरह समझती हैं. उन की मीठी आवाज में अपने अजन्मे बच्चे को खोने का दर्द साफ़ झलकने लगता है. वे बताती हैं, ”मैं ने अपने बच्चे का नाम भी सोच लिया था. उस की हलचल भी महसूस करने लगी थी. मन ही मन बच्चे से बातें भी करती रहती थी. शादी के 4 वर्षों बाद वह मेरी पहली प्रैग्नैंसी थी. मेरे पेट में जुड़वां बच्चे थे. मगर वे सहीसलामत इस दुनिया में नहीं आ पाए. मैं ने औफिस के काम से छुट्टी ले ली थी और अपना पूरा ध्यान रख रही थी. सब ठीक चल रहा था.

सर्दियों में भी Skin के लिए जरूरी है Sunscreen, होते हैं ये 6 फायदे

लेखिका- दीप्ति गुप्ता

घर के बाहर निकलने से पहले गर्मियों में सनस्क्रीन लगाना बहुत मायने रखता है. आखिरकार गर्मी के महीनों में तेज धूप आपकी त्वचा को झुलसा जो देती है. ऐसे में सनस्क्रीन त्वचा को सनबर्न, टैनिंग और यूवी रेज से बचाता है. इसलिए गर्मियों में हमेशा 15 एसपीएफ वाला सनस्क्रीन लगाने की सलाह दी जाती है. हालांकि, सनस्क्रीन के बारे में कई तरह के भ्रम फैले हुए हैं कि घर के अंदर इनकी जरूरत नहीं होती या सर्दियों में इन्हें लगाना जरूरी नहीं होता. लेकिन ऐसा नहीं है. हर मौसम में त्वचा पर सनस्क्रीन का इस्तेमाल बेहद जरूरी है. एक गाढ़ा और क्रीमी मॉइश्चराइजर के बाद सनस्क्रीन लगाना आपके विंटर स्किनकेयर रूटीन का हिस्सा होना चाहिए. विशेषज्ञों के अनुसार, यह न केवल त्वचा को कवर करता है, बल्कि इसे स्वस्थ और जवां भी बनाए रखता है. फिर भी आप सोच रहे हैं कि ऐसा क्यों हैं, तो यहां हम आपको बताएंगे कि सर्दियों में सनस्क्रीन लगाने के क्या फायदे होते हैं.

1. नमी का स्तर बनाए रखे-

सर्दियों के दौरान कम नमी और तेज हवाओं के चलते त्वचा रूखी हो जाती है. जिससे त्वचा में दरारें, झुर्रियां और संक्रमण बढ़ जाता है. ऐसे में सनस्क्रीन का प्रयोग त्वचा की नमी के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है.

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2. सर्दियों में ओजोन लेयर सबसे पतली होती है –

सर्दी के महीनों में ओजोन लेयर बहुत पतली हो जाती है. जिसका मतलब है कि यह कम अल्ट्रावायलेट रेज को अवशोषित करती है . मतलब यह कि भले ही सर्दियों में सूरज इतना गर्म महसूस न हो, लेकिन आप वास्तव में ज्यादा तीव्रता वाली यूवी रेज के संपर्क में रहते हैं .यह रेडिएशन त्वचा को नुकसान पहुंचाती है और समय से पहले चेहरे पर बुढ़ापा, झुर्रियां और पिगमेंटेशन का कारण बनती हैं. इसलिए हाई SPF वाला सनस्क्रीन सर्दियों के दौरान लगाना बहुत अच्छा विकल्प है.

3. कैंसर का रिस्क कम करे-

सर्दियों में दिनों में यूवी किरणों का एक्सपोजर बहुत ज्यादा होता है. जिससे सनबर्न और स्पॉट का खतरा बढ़ जाता है इसलिए स्किन कैंसर की संभावना भी बढ़ सकती है. बता दें कि यूवी एक्सपोजर मेलेनोमा से जुड़ा है, जो स्किन कैंसर का सबसे घातक रूप है. सनस्क्रीन की मोटी लेयर लगाने से इन जोखिमों को काफी हद तक कम किया जा सकता है.

4. जलन दूर करे-

सर्दियों में त्वचा पर जलन और लाली की समस्या बहुत लोगों में देखी जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि इन दिनों में त्वचा पानी बनाए रखने की क्षमता खो देती है , जिससे ड्रायनेस बढ़ जाती है. ऐसे में अगर सनस्क्रीन का उपयोग न किया जाए, तो त्वचा पर जलन का अहसास होने लगता है.

5. गैजेट्स की नीली रोशनी से सुरक्षा दे-

न केवल घर के बाहर बल्कि हमारी त्वचा घर के अंदर भी हानिकारक गैजेट्स की ब्लृू लाइट के संपर्क में आती है. इसलिए चाहे धूप हो या न हो, त्वचा को ब्लू लाइट से बचाने के लिए स्किन पर सनस्क्रीन जरूर अप्लाई करना चाहिए.

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6. उम्र बढ़ने के संकेतों को रोके-

सूरज और नीली रोशनी के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण त्वचा को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान का सामना करना पड़ता है, जिस कारण चेहरे पर समय से पहले बुढ़ापा झलकने लगता है. ऐसे में सनस्क्रीन उम्र बढऩे के शुरूआती लक्षणों को कम करने में मदद करता है.

अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जो सर्दियों में त्वचा पर सनस्क्रीन लगाना जरूरी नहीं समझते , तो यहां इसे लगाने के फायदे जरूर जान लीजिए और इसे अपने विंटर स्किनकेयर रूटीन का हिस्सा बना लीजिए.

‘महाराष्ट्राची गिरीशिखरे अवार्ड’ से नवाजे गए ये सेलेब्स, पढ़ें खबर

लंबे समय तक चले आंदोलन के बाद एक मई 1960 को मराठी भाषा के आधार पर ‘महाराष् ट्’राज्य का गठन हुआ था. अब साठ वर्ष पूरे होने पर ‘‘पीपुल्स आर्ट सेंटर’ की तरफ से हर क्षेत्र से चुनी गयी चालिस मराठी भाषी हस्तियों को ‘‘महाराष्ट्रची गिरी शिखरे पुरस्कार’’से नवाजा गया.मुंबई में बांदरा स्थित रंग शारदा सभागृह में 26 दिसंबर को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सुरेश वाडेकर, उषा मंगेशकर, डॉ मीरा बोरवणकर, रोहिणी हतंगिड़ी, तेजस्विनी सावंत, भीमराव पंचाले, अशोक पतकी, अनंत कुलकर्णी,शशिकांत गरवारे,डॉ.आर के शेट्टी, माधव पवार आशा खाडिलकर सहित काफी हस्तियों को महाराष्ट्राची गिरीशिखरे अवार्ड से नवाजा.

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इन हस्तियों को अपने हाथों से ट्रॉफी देने के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सम्बोधित करते हुए कहा-‘‘मैं यहाँ सभी पुरस्कृत हस्तियों को बधाई देता हूँ.यह सभी अपने अपने क्षेत्रों के दिग्गज लोग हैं.जिन्हें भी सम्मानित किया गया न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि पूरा देश आप सभी पर गर्व महसूस करता है. समाज के कुछ लोग ऐसे होते हैं जो दूसरों के लिए उदाहरण पेश करते हैं. ऐसे ही लोगों को आज यह सम्मान दिया गया.पुरस्कार से प्रोत्साहन मिलता है.इसलिए समाज में अच्छा काम करने वालों का समय समय पर सम्मान किया जाना जरूरी होता है.  हम सब भारत माता की संतान हैं और अपने देश का नाम ऊंचा करने की दिशा में हम सबको कार्य करना चाहिए.पीपल स आर्ट सेंटर से जुड़े तमाम लोगों का मैं अभिनंदन करता हूँ.‘‘

1 मई 1960 को कोंकण, पश्चिमी महाराष्ट्र, विदर्भ और मराठवाड़ा के एक बहुभाषी राज्य मराठी भाषी लोगों के रूप में महाराष्ट्र के गठन तक लगभग डेढ़ दशक तक महाराष्ट्र का एक बहुमुखी इतिहास रहा है.इस शानदार कार्यक्रम में शास्त्रीय और लोक कलाकारों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए गए.

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क्या Asim Riaz ने Shehnaaz Gill की खुशी पर उठाए सवाल? फैंस ने किया ट्रोल तो कही ये बात

कलर्स के रियलिटी शो बिग बॉस (Bigg Boss) में हिस्सा लेने वाले कंटेस्टेंट हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. जहां सिद्धार्थ शुक्ला (Sidharth Shukla) के निधन के बाद शहनाज गिल (Shehnaaz Gill) अपनी जिंदगी में वापस लौटती नजर आ रही हैं तो वहीं असीम रियाज (Asim Riaz) अपने एक ट्वीट के चलते ट्रोलिंग का शिकार हो गए हैं. आइए आपको बताते हैं पूरा मामला…

शहनाज के लिए असीम रियाज ने किया ट्रोल

 

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हाल ही में सिंगर और एक्ट्रेस शहनाज गिल (Shehnaaz Gill) का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह अपने दोस्त की सगाई में डांस करती नजर आ रही थीं. वहीं कुछ फोटोज में शहनाज खुश नजर आईं थीं, जिसके बाद फैंस उनका सपोर्ट करते नजर आए थे. लेकिन सिद्धार्थ शुक्ला के दोस्त रहे असीम रियाज (Asim Riaz) के एक ट्वीट ने फैंस को हैरान कर दिया है. दरअसल, असीम ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘कुछ नाचने के वीडियो देखे. कमाल की बात है, कुछ लोग अपने खास लोगों के खोने के गम से इतना जल्दी कैसे उबर जाते हैं. क्या बात, क्या बात.’ असीम रियाज का ये ट्वीट देखकर  #sidnaaz के फैंस काफी गुस्से में नजर आ रहे हैं. वहीं सोशलमीडिया पर वह जमकर ट्रोल होते दिख रहे हैं.

 

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ब्रेकअप की एक बार फिर उड़ी खबरें

असीम रियाज के इस ट्वीट के बाद हिमांशी खुराना ने भी एक ट्वीट करके फैंस को चौंका दिया है. दरअसल, हिमांशी खुराना (Himanshi Khurana) ने लिखा, लोग आपकी पीठ में बार बार छुरा घोंपते हैं, जिसके बाद लोग दिखावा करते हैं कि केवल उनको ही दर्द हो रहा है और इसके बाद ब्लीडिंग और ब्लेम गेम जैसी चीजों की शुरुआत हो जाती है. वहीं इस ट्वीट के बाद जहां फैंस दोनों के ब्रेकअप की बात कहते नजर आ रहे हैं तो वहीं कुछ लोग कह रहे हैं कि असीम रियाज का ये ट्वीट शहनाज गिल पर नहीं बल्कि हिमांशी खुराना पर तंज था. वहीं असीम रियाज के दोस्त ने भी एक ट्वीट में कहा है कि उन्होंने असीम से इस बारे में बात की तो बताया कि ये ट्वीट शहनाज गिल को लेकर नहीं था, हालांकि फैंस असीम को लगातार को ट्रोल करते नजर आ रहे हैं.

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GHKKPM: सई होगी बेहोश तो विराट पर उठेंगे कई सवाल, सीरियल में आएगा नया ट्विस्ट

सीरियल गुम हैं किसी के प्यार में (Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin) की कहानी दिलचस्प मोड़ ले रही है. जहां सई (Ayesha Sharma) और विराट (Neil Bhatt) का रिश्ता टूटने की कगार पर है तो वहीं पाखी (Aishwarya Sharma) और सम्राट एक दूसरे को अपनाने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं. लेकिन अपकमिंग एपिसोड में सीरियल में नए ट्विस्ट एंड टर्न्स दर्शकों को एंटरटेन करने वाले हैं. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे(Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin Latest Update)…

विराट पर उठे सवाल

 

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अब तक आपने देखा कि विराट चौह्वाण परिवार को श्रुति के खिलाफ कुछ नहीं कहने की बात कहता है, जिसके चलते सई, निनाद से कहती है कि वह श्रुति के बारे में कुछ भी बुरा न कहें क्योंकि विराट उसे अपनी पत्नी का दर्जा दे चुका है. वहीं पूरा परिवार सई का साथ देते हुए विराट को परिवार का नाम बर्बाद करने की बात कहता है.

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सई करेगी फैसला

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि विराट अपने मिशन के चलते परिवार और सई को श्रुति की सच्चाई बताने से मना करेगा. वहीं पाखी ताना मारते हुए कहेगी कि हो सकता है कि विराट श्रुति को पहले से जानता हों. लेकिन उसने सभी से ये बात छिपाई हो. हालांकि विराट इस बात का जवाब देते हुए कहेगा कि वह उनकी सोच नहीं बदल सकता पर सच भी नहीं बता सकता. लेकिन विराट, सई को समझाने की कोशिश करेगा पर सई उसे पति का दर्जा खोने की बात कहेगी और अब हमेशा के लिए चौह्वाण परिवार से दूर जाने की बात कहेगी, जिसे सुनकर वह हैरान होगा. लेकिन अस्पताल से फोन आने पर वह घर से निकल जाएगा.

सई होगी बेहोश

इसके अलावा आप देखेंगे कि सई गुस्से में अपने कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर देगी. वहीं सम्राट सई का दरवाजा खटखटाएगा, लेकिन वह बेहोश हो जाएगी, जिसके कारण पूरा परिवार परेशान हो जाएगा. वहीं सम्राट विराट को फोन करेगा. लेकिन विराट, सम्राट की कॉल देखकर परेशान हो जाएगा कि सब ठीक है या नहीं? इस बीच खबरों की मानें तो सीरियल में जल्द ही लीप देखने को मिलने वाला है, जिसके चलते सई और विराट जहां एक दूसरे से दूर होंगे तो वहीं श्रुति और उसका बच्चा चौह्वाण परिवार में एंट्री लेगा.

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महिलाएं भारत में असुरक्षित

अमेरिकी सरकार ने हाल ही में एक चेतावनी जारी की है कि अमेरिकी नागरिक भारत जाते समय यह ध्यान रखें कि वहां बलात्कार बहुत होते हैं. यह बहुत ही गंभीर बात है कि महान हिंदू सांस्कृतिक राष्ट्र बनने की राह पर चलने वाला देश दुनिया में बलात्कार का केंद्र माना जाए और यह चेतावनी भारत जैसे थोड़े से ही देशों में दी गई है.

भारत के अपने नैशनल क्राइम रिकौर्ड ब्यूरो के अनुसार 2020 में 28 हजार ?बलात्कार के मामले दर्ज किए गए थे. बलात्कार के मामलों में ज्यादातर में लड़कियां खुद ही रेप छिपा जाती हैं और जहां मातापिता को पता चल भी जाए तो वे भी मुंह पर जिप लगा लेते हैं.

भारत में रेप पौराणिक युग से चला आ रहा है और कभी कोई देवता बलात्कारी को दंड देने के लिए अवतरित हुआ, ऐसा नहीं लगता. यहां तो बलात्कार के शक की शिकार को भी दोषी माना जाता है. वह अहिल्या या सीता की तरह दोषी मान ली जाती है और फिर या तो वह पत्थर बन जाती है या फिर उसे घर निकाला दे दिया जाता है.

यह आश्चर्य की बात है कि भारत के भगवा गैंग किसी को भी जय श्रीराम बोलने को मजबूर कर सकते हैं, कहीं भी मांस की बिक्री बंद करा सकते हैं, किसी भी सड़क या किसी की निजी संपत्ति पर मंदिर बना सकते हैं, किसी मसजिद को तोड़ सकते हैं पर बलात्कारी को नहीं पकड़ सकते.

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हाल ही में एक बालगृह में रह रही लड़की ने आरोप लगाया कि 16 वर्ष की आयु में उस का 400 लोगों ने रेप किया था, जिन में कई पुलिस वाले भी थे. क्या भगवाई प्रचारक इन अपराधियों को अपने सुधार करने वाले प्रवचनों से नहीं रोक सकते?

क्या इन अपराधों को रोकने के लिए हर नुक्कड़ पर खाकी वरदी वाले बैठाए जाएं, जबकि हर नुक्कड़ एक तिलकधारी सीताराम का दुपट्टा ओढ़े बैठा है जो दान तो ले रहा है पर क्या आदर्श व्यवहार लागू नहीं कर सकता?

अमेरिकी सरकार की नजर में नेपाल भारत से ज्यादा सुरक्षित है, बंगलादेश, अफ्रीका का मलावी देश ज्यादा सुरक्षित है. अमेरिकी चेतावनी ने अपने नागरिकों को भारत में धार्मिक हिंसा के प्रति भी आगाह किया है कि धर्म परिवर्तन का बहाना बना कर किसी भी विद्यर्मी विदेशी को भारत में निशाना बनाया जा सकता है.

रेप के मामलों में चेतावनी ने सख्त शब्दों में कहा है कि अमेरिकी नागरिकों को इस अपराध को झेलना पड़ सकता है चाहे उन्होंने सही ढंग के कपड़े ही क्यों न पहन रखे हों. अगर अमेरिकी महिला अश्वेत है तो उस के साथ भारत में कुछ ज्यादा ही बुरा व्यवहार रिपोर्ट किया गया है.

अपराध दुनिया में हर जगह होते हैं पर भारत में जितने मंदिर हैं और जितने प्रवचन हो रहे हैं और जितना ज्ञान यहां व्हाट्सऐप और फेसबुक पर बांटा जा रहा है उस से तो हर हिंदू भारतीय विशुद्ध आचरण वाला बन जाना चाहिए था. जो पूजापाठ, ईश्वर भक्ति, चढ़ावा, तीर्थयात्राएं, दानपुण्य भारत में होता है शायद कहीं और नहीं और फिर भी औरतें सुरक्षित न हों यह आखिर कैसे संभव है?

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यह चेतावनी सिर्फ अमेरिकी नागरिकों के लिए ही नहीं है. भारत में शाम ढलते ही भारतीय औरतें घरों में घुस जाती हैं क्योंकि धर्मशास्त्र सुनने के बाद भी सड़कों पर अपराधियों का जाल बिछा रहता है. आखिर क्यों? अगर धर्म सत्य के मार्ग पर चलाने वाला है तो भारत के लोगों को दुनिया के सब से सभ्य इंसान होना चाहिए, अगर धर्म परिवार प्रेम सिखाता है तो भारत में तो पारिवारिक विवाद शून्य के बराबर होने चाहिए. अगर धर्म हर पाप का लेखाजोखा रखने वाला है तो यहां कोई पापी होना ही नहीं चाहिए. मगर यहां तो कुछ और ही हो रहा है. इस का दोष सरकार को दें, पुलिस को दें या इन के ऊपर की शक्ति धर्म के ठेकेदारों को?

आधुनिक बीवी

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ओवरी में बारबार सिस्ट बनना क्या कैंसर होने का रिस्क होता है?

सवाल-

मेरी ओवरी में बारबार सिस्ट  बन जाता है. इस का क्या कारण है और क्या इस से कैंसर का भी रिस्क हो सकता है?

जवाब- 

ओवरी में सिस्ट कई कारणों से बन सकता है. मेनोपौज इस का सब से प्रमुख कारण है. इस के अलावा पौलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, ऐंडोमैट्रियोसिस, हारमोन असंतुलन, क्रोनिक पेल्विक इनफ्लैमेशन, ट्यूमर भी इस के कारण हो सकते हैं. सामान्य सिस्ट जिन का आकार 4 सैंटीमीटर से कम होता है, ज्यादातर अपनेआप खत्म हो जाते हैं. बड़े और जटिल सिस्टों को उपचार की जरूरत पड़ती है. वैसे तो ओवेरियन सिस्ट कैंसर रहित होते हैं, लेकिन कई मामलों में ये कैंसरयुक्त भी हो सकते हैं, विशेषकर उम्र बढ़ने के साथ. मेनोपौज के बाद जिन महिलाओं में ओवेरियन सिस्ट बनते हैं उन में ओवेरियन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.

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ओवेरियन सिस्ट महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है. यह हर महीने मासिकचक्र के दौरान हो सकती है, जिस के बारे में महिलाओं को जानकारी नहीं होती. कई बार यह सिस्ट अपनेआप ठीक हो जाती है, लेकिन अगर समय के साथ इस का आकार बढ़ता है, तो इस का इलाज करवा लेना जरूरी हो जाता है. मुंबई के ‘वर्ल्ड औफ वूमन’ की स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञा डा. बंदिता सिन्हा के अनुसार कुछ सिस्ट निम्न हैं:

सिंपल फौलिक्युलर सिस्ट: यह नौर्मल सिस्ट है और हर महिला में होती है. यह ओवुलेशन की प्रक्रिया में होती है. यह एग फौर्मेशन में बनती है. यह नैचुरल होती है और इस से नुकसान नहीं होता. अगर यह 4 सैंटीमीटर से अधिक बड़ी हो जाती है, तो यह दवा से गला कर निकाल दी जाती है, क्योंकि सिस्ट बड़ी होने के बाद कई बार दर्द होता है और यह पीरियड को भी अनियमित कर सकती है, मगर प्रैगनैंसी में समस्या नहीं होती.

पौलिसिस्टिक ओवरी सिस्ट: इस में कई सिस्ट होती हैं, जिस से नियमित ओवुलेशन नहीं होता. इस में ओवरी काम नहीं करती. हारमोनल असंतुलन की वजह से एग नहीं बनते और बच्चा होना मुश्किल हो जाता है. इस सिस्ट को ठीक तरह से ट्रीट करना जरूरी होता है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- ओवेरियन सिस्ट न करें नजरअंदाज

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