Top 10 Wedding Tips In Hindi: टॉप 10 वेडिंग टिप्स हिंदी में

Wedding Tips In Hindi: इन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है. सेलेब्स की वेडिंग फोटोज फैंस का दिल जीत रहे हैं. हाल ही में एक्ट्रेस कटरीना कैफ और एक्टर विक्की कौशल की वेडिंग (Katrina Kaif And Vicky Kaushal Wedding Photos) फोटोज सोशलमीडिया पर काफी वायरल हुआ था. वहीं टीवी एक्ट्रेस अंकिता लोखंडे (Ankita Lokhande Wedding) की शादी की फोटोज ने भी फैंस का दिल जीत लिया है. इसीलिए आज हम आपको वेडिंग से जुड़ी फैशन, ब्यूटी और मेकअप की तैयारियां कैसे करें. इसके लिए Top 10 Wedding Tips In Hindi के बारे में बताएंगे, जिन्हें आप ट्राय करके फैमिली और फ्रेंड्स का दिल जीत लेंगी और अपने लुक पर चार चांद लगा देंगे.

1. स्किन निखारे हेयर रिमूवल क्रीम

Wedding Tips In Hindi

आपके अनचाहे बालों को बड़े ही शानदार तरीके से साफ करती है साथ ही यह क्रीम आपकी स्किन के लिए एकदम सुरक्षित है, क्योंकि यह डर्मैटोलौजिकली और क्लीनिकली टैस्टेड है और इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि यह हर स्किन टाइप के लिए बनी है. यह सिर्फ आपके बालों को ही नहीं हटाती, बल्कि स्किनटोन को निखारती भी है.

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2. शिवांगी जोशी से लेकर मौनी रौय, इस वेडिंग सीजन में ट्राय करें ये ट्रैंडी मांगटीके

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फेस्टिव और वेडिंग सीजन की शुरआत हो चुकी है, जिसके लिए हर कोई शौपिंग और तैयारियों में जुटा हुआ है. लेडीज अपने लुक को सजाने के लिए नई और ट्रैंडी चीजें ट्राय कर रही हैं, जिसके चलते वह औप्शन तलाश कर हुई नजर आ रही हैं. वहीं ज्वैलरी की बात करें तो इन दिनों कुंदन से लेकर चोकर हर तरह की ज्वैलरी छाई हुई है. झुमका हो या मांग टीका कई तरह के औप्शन मार्केट में नए आ गए हैं. इसीलिए आज हम आपको मार्केट में ट्रैंडी मांग टीकों के क्लेक्शन के कुछ औप्शन दिखाएंगे, जिसे शिवांगी जोशी और हिना खान जैसे सितारे ट्राय कर चुके हैं. तो आइए आपको दिखाते मांग टीकों के ट्रैंडी औप्शन…

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3. आप भी वेडिंग सीजन में ट्राय कर सकती हैं नुसरत जहां के ये खूबसूरत झुमके

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नुसरत को ज्वैलरी से बहुत प्यार है, ये उनके इंस्टाग्राम अकाउंट से साफ झलकता है. इसीलिए आज हम उनके कुछ इयररिंग्स के पैटर्न के बारे में बताएंगे, जिसे आप किसी भी लुक वैस्टर्न या इंडियन के साथ ट्राय कर सकते हैं.

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4. वेडिंग सीजन के लिए परफेक्ट है छोटी सरदारनी फेम निमृत कौर के ये लुक

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कलर्स के सीरियल छोटी सरदारनी में मेहर के किरदार में नजर आने वाली एक्ट्रेस निमृत कौर अहलूवालिया फैंस के बीच काफी पौपुलर हैं. निमृत का ऑनस्क्रीन ट्रेडिशनल लुक सभी के लिए एक औप्शन के रूप में नजर आता है. सीरियल में अक्सर निमृत वेडिंग लुक में नजर आती हैं, जिसे फैंस ट्राय करना चाहते हैं. वहीं निमृत भी फैंस के लिए सोशलमीडिया पर अपने लुक को शेयर करती रहती हैं. हाल ही निमृत ने कुछ लुक शेयर किए हैं, जिसे आप वेडिंग सीजन में ट्राय कर सकता है.

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5. वेडिंग सीजन में हर किसी के लिए परफेक्ट हैं ये पौपुलर सिल्क साडियां

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महिलाएं चाहे कितनी ही आधुनिक हो जाए, फिर भी कुछ ऐसे मौके होते हैं जब सिर्फ और सिर्फ साड़ी भी अच्छी लगती है . यही कारण है कि हर त्योहार और समारोह में लड़कियां साड़ी को ही प्राथमिकता देती हैं. आइए जानते हैं भारत के प्रमुख शहरों के बारे में जहां की सिल्क की साड़ियां पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है.

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6. वेडिंग सीजन में ट्राय करें ‘चंद्रकांता’ के ये ब्राइडल लहंगे

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पौपुलर एक्ट्रेस मधुरिमा तुली इन दिनों स्टार प्लस के रियलिटी शो ‘नच बलिए 9’ में अपने एक्स बौयफ्रेंड विकास आदित्य सिंह के साथ डांस करते हुए नजर आ रही हैं, जिसमें उनकी एक्स बौयफ्रेंड के साथ तकरार लोगों को पसंद आ रही है. वहीं बात करें मधुरिमा के फैशन की तो वह हर लुक में परफेक्ट लगती हैं, चाहे वह वेस्टर्न हो या इंडियन. हाल ही में मधुरिमा वेडिंग आउटफिट में फोटोशूट कराती नजर आईं, जिसमें वे बेहद खूबसूरत नजर आ रही थीं. वेडिंग की बात करें तो यह हर महिला का खास दिन होता है, जिसके लिए वह कईं महीनों पहले तैयारी करना शुरू कर देती हैं. शादी का लहंगा और ज्वैलरी लुक इसी का हिस्सा है. वहीं अगर वो परफेक्ट न हो तो आपका लाइफ का सबसे जरूरी दिन खराब हो जाता है. इसीलिए आज हम आपको टीवी पर चंद्रकांता के रोल में नजर आने वाली एक्ट्रेस मधुरिमा तुली के कुछ ब्राइडल लुक के बारे में बताएंगे. जिसे ट्राई करके आप अपनी लाइफ के स्पेशल दिन को खास बना सकती हैं.

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7. Winter Special: अपने वेडिंग डे पर सर्दी को करें बाय-बाय

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शादी के सीजन लगभग शुरू हो गये है, सर्दी के मौसम में शादी अटेंड करन मे तो काफी मजा आता है, लेकिन इन सब को लेकर दुल्हन को सबसे ज्यादा परेशानी होती है, वह है ठंड. खासतौर से तब जब शादी फंक्शन रात में हो तो समय बीतने के साथ-साथ ठंड भी बढ़ती जाती है. उस समय आप किसी से कुछ कह भी नहीं सकतीं, बस आपको उस ठंड को बर्दाश्त करना पड़ता है. लेकिन अगर आप चाहती हैं कि आपके साथ ऐसी स्थिति का सामाना न करना हो और आप अपनी शादी को पूरी तरह एन्जॉय कर पाएं तो जरूरी है कि आप अपने कपड़ों का चयन सूझ बूझ से करें साथ ही मौसम के मिजाज़ को ध्यान में रखते हुए.

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8. वेडिंग से लेकर विंटर तक परफेक्ट है एरिका के ये लुक

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स्टार प्लस के सीरियल ‘कसौटी जिंदगी के 2’ एक्ट्रेस एरिका फर्नांडिस इन दिनों अपनी को स्टार और दोस्त सोनिया अयोध्या की शादी में बिजी हैं. जहां एक तरफ वह शादी एन्जौय कर रही हैं तो वहीं अपने लुक से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल एरिका का वेडिंग लुक बेहद खूबसूरत है. आज हम एरिका के कुछ विंटर से लेकर वेडिंग तक के फैशन के बारे में बताएंगे, जो आपके लुक के लिए एकदम परफेक्ट है.

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9. विंटर वेडिंग के लिए ऐसे करें तैयारी

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सर्दियों में ब्राइड्स के लिए मेकअप करना हो सकता है बेहद ही चैलेंजिंग. क्योंकि गर्मियों में जहां दुल्हन रंगों के साथ एक्सपेरिमेंट कर सकती है वहीं सर्दियों में मेकअप कलर्स के साथ प्ले करना काफी मुश्किल हो जाता है .दरअसल विंटर्स में केवल गिने-चुने रंग ही होते हैं ,जो ट्रेंड और माहौल के हिसाब से अच्छे लगते हैं. अपने विंटर वेडिंग को यादगार बनाने के लिए अपनाये ये कुछ मेकअप टिप्स. जिनकी मदद से आप परफेक्ट ब्राइडल लुक पा सकती हैं.

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10. वेडिंग लुक में ऐसे दिखें खूबसूरत

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वेडिंग सीजन करीब है और इस दौरान लड़कियों को सब से ज्यादा चिंता अपने लुक को ले कर होती है. हर लड़की सब से अलग और बेहतरीन दिखना चाहती है. वेडिंग सीजन में औफिस पार्टी, दोस्तों के साथ पार्टी और फैमिली के साथ पार्टी का सिलसिला लगातार चलता रहता है. ऐसे में खुद को सब से स्पैशल दिखाना तो बनता है. दीवाली के समय तक हलकी ठंड की शुरुआत तो हो ही जाती है और यह सब से अच्छी बात है क्योंकि ऐसे मौसम में मेकअप स्मज नहीं होता और जल्दी सैट भी हो जाता है. चेहरे पर मेकअप का ग्लो भी जल्दी देखने को मिल जाता है. आइए, जानते हैं मेकअप आर्टिस्ट शिवानी भारद्वाज से कैसा हो वेडिंग मेकअप.

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Christmas Special: सर्दियों में गुड़ पराठा खाने के होते हैं बहुत फायदे

लेखिका- दीप्ति गुप्ता

आमतौर पर सर्दियों में कुछ ऐसा खाने की इच्छा होती है, जो गर्म हो और पौष्टिक भी. ऐसे बहुत से व्यंजन हैं, जिन्हें अगर सर्दियों में खाया जाए, तो शरीर को बहुत फायदा पहुंचाते हैं. इन्हीं में से एक है गुड़ . विशेषज्ञ भी सर्दियों में गुड़ का सेवन करने की सलाह देते हैं. दरअसल, वर्षों से सर्दियों में हमारे आहार का मुख्य हिस्सा रहा है. हम अपनी किचन में गुड़ का इस्तेमाल अलग-अलग तरीके से करते हैं. यह न केवल विभिन्न व्यंजनों में प्राकृतिक मिठास जोड़ता है, बल्कि इसके सेवन से स्वास्थ्य को कई फायदे भी होते हैं. गुड कैल्शियम, आयरन,  पोटेशिश्यम के साथ विटामिन और मिनरल्स से भरपूर है. इन सभी पोषक तत्वों का लाभ लेने के लिए गुड को अपने दैनिक आहार में शामिल करना बहुत जरूरी है. इसे अपने आहार में शामिल करने का एक तरीका है घर पर गुड़ का पराठा बनाना. विशेषज्ञ कहते हैं कि गुड़ एक सर्दियों का भोजन है, इसलिए इसका ज्यादा सेवन ठंड के मौसम में ही करना चाहिए. न केवल स्वाद में बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छा होता है.

सर्दियों में गुड़ पराठा खाने के फायदे-

सर्दी -खांसी का इलाज करे-

गुड विटामिन और मिनरल से भरपूर होने के नाते यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए जाना जाता है. कई लोग सर्दियों के मौसम में बार-बार बीमार पड़ जाते हैं. हल्का सर्दी-जुकाम उन्हें लगा ही रहता है. ऐसा इसलिए साल के इस समय हमारी प्रतिरक्षा प्रााली काफी कमजोर हो जाती  है. ऐसे में गुड़ का सेवन आपकी इम्यूनिटी को स्ट्रंाग करने का काम  करता है और सर्दी-खांसी के इलाज में बहुत मदद करता है.

शरीर के तापमान को नियंत्रित करे-

सर्दी के मौसम में हमें ऐसे कई खाद्य पदार्थों की जरूरत होती है , जो गर्म हों और हमारे शरीर को तापमान को कंट्रोल कर सकें. इसलिए ठंडे के मौसम में खुद को गर्म रखने के लिए गुड़ के पराठे का सेवन करना एक आसान और पौष्टिक तरीका है.

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श्वसन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है-

बहुत ज्यादा प्रदूषित हवा के संपर्क में आने से हमारे रेस्पीरेटरी हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है. ऐसे में विशेषज्ञ गुड़ का पराठा खाने की सलाह देते हैं. गुड़ आपके श्वसन स्वास्थ्य के लिए एक बहुत ही शानदार घरेलू उपाय है.

विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाले-

देश में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य को जोखिम में डाल रहा है. शरीर पर प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए पराठे के रूप में गुड़ का सेवन करना एक बेहतरीन उपाय है. यह शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थों और प्रदूषकों को साफ करता है.

पौष्टिकता से भरपूर-

आमतौर पर बच्चे गुड़ का सेवन करने में ना नुकुर करते हैं. लेकिन गुड़ का इस्तेमाल करके आप उनके लिए एक स्वादिष्ट और  मीठा पराठा तयैार कर सकते हैं. यह बहुत ही पौष्टिक और बच्चों के लिए खसतौर से बहुत फायदेमंद है. जो बच्चे ठंड के दिनों में बहुत जल्दी बीमार पड़ जाते हैं, उन्हें गुड़ का पराठा खिलाना ही चाहिए.

गुड़ का पराठा कैसे बनाएं-

सामग्री-

2 कप- गेहूं का आटा

आवश्यकतानुसार- घी

आटा गूंथने के लिए पानी

3/4  कप- पिसा हुआ गुड़

1/2 चम्मच – इलायची पाउडर

कटे हुए सूखे मेवे-

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विधि-

किसी भी आम पराठे की तरह इसका भी आटा गूंथ लें. ध्यान  रखें इसके लिए आपको गर्म पानी की जरूरत पड़ेगी. इसमें घी डालें. आवश्यकतानुसार धीरे-धीरे पानी डालें और आटा गूंथना शुरू करें. आटा करीब 20 मिनट के लिए ढंककर रख लें. एक दूसरी कटोरी में पिसा हुआ गुड़ कटे हुए मेवे और इलायची पाउडर मिला लें. अच्छी तरह से मिलाएं. अब आटे से एक मोटी रोटी बेल लें और स्टफिंग के तौर पर गुड़ का मिश्रण भर दें. बेलन की मदद से पराठे को चपटा कर लें. दोनों तरफ से गोल्डन ब्राउन  होने तक पकाएं. अब आंच से उतार लें और घी डाल लें.

गुड़ काफी सेहतमंद होता है, लेकिन अगर आप पहले से ही किसी बीमारी के लिए इलाज करा रहे हैं, तो इसे लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें.

Periods होने में देरी हो रही है, क्या मुझे Thyroid की जांच करानी चाहिए?

सवाल-

26 साल की अविवाहिता हूं. मेरी लंबाई 5 फुट 3 इंच है और वजन 70 किलोग्राम. 5 माह पहले मुझे मासिकस्राव नहीं हुआ था. लेकिन अगले महीने हुआ था. उस के 10 दिन बाद मैं ने सुरक्षित यौन संबंध स्थापित किए. उस महीने मुझे पीरियड्स समय से हुआ. लेकिन अब देर से हो रहा है. इस के क्या कारण हो सकते हैं? कुछ लोगों ने बताया कि मुझे थायराइड की जांच करानी चाहिए. कृपया बताएं क्या करूं?

जवाब

अनियमित या देरी से मासिकस्राव होने के कई कारण हैं. अगर आप यौन सक्रिय हैं, तो पहली बात यह कि आप को गर्भावस्था के बारे में निश्चित करना चाहिए. इस के अलावा पैल्विक अल्ट्रासाउंड जांच होनी चाहिए ताकि अंडाशय में सिस्ट या पौलिसिस्टिक ओवरीज की जांच हो सके. ये मासिकस्राव में देरी के कारण हो सकते हैं. अधिक वजन का भी मासिकस्राव पर प्रभाव पड़ता है. आप की लंबाई के हिसाब से आप का वजन 60 किलोग्राम होना चाहिए. आप को अपने आहार नियंत्रण एवं जीवनशैली में परिवर्तन के जरीए वजन कम करना चाहिए. इस से आप के मासिकस्राव के नियमित होने में मदद मिलेगी.

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पीरियड्स के दौरान महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार इस दौरान महिलाओं को बहुत तेज दर्द का सामना करना पड़ता है. ऐसे में वो दवाइयों का सहारा लेने लगती हैं. पीरियड्स पेन में इस्तेमाल होने वाले पेन किलर्स हाई पावर वाले होते हैं. स्वास्थ पर उनका काफी बुरा असर होता है.

इस खबर में हम आपको पांच घरेलू टिप्स के बारे में बताएंगे जिनको अपना कर आप हर महीने होने वाले इस परेशानी से राहत पा सकेंगी.
तो आइए शुरू करें.

1. तले आहार से करें परहेज

पीरियड्स में आपको अपनी डाइट पर खासा ख्याल रखना होगा. इस दौरान तले, भुने खानों से दूर रहें. अपनी डाइट में हरी सब्जियों और फलों को शामिल करें. ये काफी असरदार होते हैं.

2. तेजपत्ता

तेजपत्ता से होने वाले स्वास्थ लाभ के बारे में बहुत कम लोगों को पता होता है. पीरियड्स से होने वाली परेशानियों में तेजपत्ता काफी कारगर होता है. महावारी के दर्द को दूर करने के लिए महिलाएं इसका इस्तेमाल करती हैं.

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अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

Pregnancy में हाई ब्लडप्रेशर की समस्या और समाधान

प्रैग्नेंसी महिलाओं के लिए नाजुक समय होता है. इस दौरान उन के शरीर में गर्भस्थ शिशु के विकास के कारण अनेकानेक परिवर्तन होते हैं. हलकीफुलकी असुविधा, दिक्कतें, लक्षण होना तो इस समय सामान्य माना जाता है. प्रैग्नेंसी में महिलाएं स्वस्थ रहें, प्रसव सकुशल हो तथा हृष्टपुष्ट शिशु का जन्म हो, इस के लिए विशेष देखभाल और सावधानी की जरूरत होती है. गर्भवती महिलाओं को अपनी जीवनशैली में बदलाव लाना पड़ता है. उन्हें नियमित रूप से डाक्टरी जांच करानी चाहिए ताकि प्रैग्नेंसी में होने वाली समस्याओं और रोगों का प्रारंभिक अवस्था में ही पता लगाया जा सके और उन के दुष्परिणामों से बचाव के उपाय किए जा सकें.

प्रैग्नेंसी में महिलाओं को अनेक तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इन में से हाई ब्लडप्रैशर प्रमुख है. जब प्रैग्नेंसी में सिस्टोलिक रक्तचाप 140 मि.मी. और डायस्टोलिक रक्तचाप 90 मि.मी. से ज्यादा होता है तो यह दशा हाई ब्लडप्रैशर कहलाती है. जब तक डायस्टोलिक रक्तचाप 100 मि.मी. तक रहता है, हलका हाई ब्लडप्रैशर और जब यह 110 मि.मी. से ज्यादा हो जाता है तो गंभीर हाई ब्लडप्रैशर कहलाता है.

जब महिलाओं का प्रैग्नेंसी में रक्तचाप बढ़ जाता है और प्रसव में कुछ समय बाद रक्तचाप सामान्य हो जाता है तो प्रैग्नेंसीजनित हाई ब्लडप्रैशर या प्रेगनेंसी इंड्यूस हाइपरटेंशन (पी.आई.एच.) कहलाता है.

यदि हाई ब्लडप्रैशर के साथ पैरों, हाथों में सूजन, पेशाब में प्रोटीन आती है, तो यह दशा प्री एक्लैम्पसिया कहलाती है. यदि इस दशा पर नियंत्रण नहीं रखा जाए तो इस से अनेक समस्याएं हो सकती हैं. झटके आने लगते हैं, जिसे एक्लैम्पसिया या टौक्सीमिया औफ प्रेगनेंसी कहते हैं.

पहले से हाई ब्लडप्रैशर ग्रस्त महिलाएं मरीज यदि गर्भवती हो जाती हैं तो उन का रक्तचाप बढ़ सकता है, उन में प्री एक्लैम्पसिया ग्रस्त होने की संभावना ज्यादा रहती है.

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पी.आई.एच. क्यों होता है

प्रैग्नेंसी में रक्तचाप क्यों बढ़ जाता है, इस के कारणों में वैज्ञानिकों में मतभेद है. काफी हद तक यह वंशानुगत समस्या होती है. यदि कोई महिला रोगग्रस्त हो जाती है तो भविष्य में उस की बेटियों को भी गर्भकाल में पी.आई.एच. ग्रस्त होने का भय रहता है. कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार यह समस्या शरीर में कैल्सियम की कमी होने या शरीर में रासायनिक स्राव में परिवर्तन होने से भी हो सकती है.

प्रैग्नेंसी में हाई ब्लडप्रैशर

पी.आई.एच. ग्रस्त होने पर रक्तवाहिनियां सिकुड़ जाती हैं, जिस से शरीर के अनेक ऊतक और अंग क्षतिग्रस्त होने लगते हैं, धमनियों से रक्तस्राव हो सकता है.

हलके स्तर का हाई ब्लडप्रैशर होने पर (डायस्टोलिक प्रेशर 100 से कम) महिलाओं के हाथपैरों में सूजन आ सकती है, पेशाब में एलबूमिन प्रोटीन निकलने लग सकती है. यदि इस दौरान लापरवाही रही, परहेज व उपचार नहीं कराया गया और रक्तचाप 110 मि.मी. से ज्यादा हो जाता है तो गंभीर स्थिति आ सकती है.

सिरदर्द, आंखों के सामने अंधेरा, चमक, नजर कम होना, पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द, पेशाब कम आना, फेफड़ों में सूजन आने के कारण सांस फूल सकती है, गुरदे और जिगर

क्षतिग्रस्त हो सकते हैं, रक्त में प्लेटलेट कणिकाओं की कमी के कारण रक्तस्राव हो सकता है, झटके आ सकते हैं, गर्भ में शिशु का विकास रुक सकता है, मृत्यु भी हो सकती है.

पी.आई.एच. ग्रस्त महिलाओं में हृदय की कार्यक्षमता कम हो जाने से वे मामूली रक्तस्राव बरदाश्त नहीं कर पातीं, साथ ही उन के शरीर में जल या रक्त की कमी की पूर्ति के लिए शिराओं द्वारा ग्लूकोज का घोल या रक्त चढ़ाया जाता है तो भी उन्हें गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. उन्हें ग्लूकोज या रक्त विशेष निगरानी में सावधानीपूर्वक चढ़वाना पड़ता है.

पी.आई.एच. के मरीजों में प्लेटलेट रक्त कणिकाओं की कमी के कारण तथा रक्त में थक्का बनाने वाले अवयव कम हो जाने से शरीर में आंतरिक रक्तस्राव हो सकता है, जिस से विभिन्न अंग फेल हो सकते हैं.

रक्तवाहनियों के सिकुड़ने से गुरदे, जिगर क्षतिग्रस्त हो सकते हैं और कार्य करना बंद कर सकते हैं.

हाई ब्लडप्रैशर का उपचार

गर्भकाल में ब्लडप्रेशर बढ़ जाना गंभीर समस्या की निशानी है. यदि समय पर उपचार नहीं किया गया, तो अनेक गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, मां और शिशु की मृत्यु भी हो सकती है. परहेज, उपचार से काफी कुछ बचाव संभव है. प्रैग्नेंसी में पी.आई.एच. ग्रस्त हो जाने पर ध्येय होता है कि पर्याप्त परहेज, उपचार कर रक्तचाप को सामान्य बनाए रखा जाए. इस के दुष्प्रभावों से गर्भवती महिला का बचाव किया जाए. यदि संभव हो तो गर्भ पूरे समय तक ले जाया जाए. इस दौरान गर्भवती और गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य पर बराबर निगरानी होनी चाहिए. हालात बेकाबू और गंभीर होने से पहले ही जरूरत पड़ने पर प्रसव कराना पड़ सकता है.

यदि गर्भवती महिलाएं पी.आई.एच. ग्रस्त हैं तो इन को बाईं करवट लेट कर आराम करना चाहिए.

यदि सिस्टोलिक प्रेशर 160 मि.मी. या डायस्टोलिक रक्तचाप 100 मि.मी. से ज्यादा है तो इन को रक्तचाप कम करने वाली दवाओं का नियमित सेवन अवश्य करना चाहिए. दवाएं इस दौरान बहुत सावधानीपूर्वक दी जानी चाहिए. कुछ दवाएं जैसे पेशाब ज्यादा होने वाली दवाओं के सेवन के घातक प्रभाव हो सकते हैं.

गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य की निगरानी रखने के लिए उन का हर 3 सप्ताह पर अल्ट्रासाउंड तथा मां के रक्त की जांचें करानी चाहिए.

पी.आई.एच. ग्रस्त महिला का जब तक रक्तचाप सामान्य न हो जाए, उस का हर दिन वजन लेना चाहिए, हर दूसरे दिन पेशाब में प्रोटीन की जांच तथा हर 4 घंटे पर रक्तचाप की माप होनी चाहिए.

गर्भवती को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, कैल्सियम का सेवन करना चाहिए.

पी.आई.एच. ग्रस्त महिलाओं को भोजन में जल और नमक से परहेज की जरूरत नहीं होती है.

मरीजों को पर्याप्त आराम करना चाहिए. यदि कोई समस्या है तो हास्पिटल में दाखिल कर जांचें और उपचार कराएं.

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प्रैग्नेंसीजनित हाई ब्लडप्रैशर से बचाव

हर गर्भवती महिला की नियमित अंतराल पर रक्तचाप तथा पेशाब में प्रोटीन की जांच जरूरी है, जिस से रोग का जल्दी से जल्दी उपचार शुरू हो सके.

यदि जांच से गर्भवती महिला हाई ब्लडप्रैशर ग्रस्त पाई जाती है और वह गर्भधारण करना चाहती है तो पहले दवाओं, परहेज द्वारा रक्तचाप को सामान्य स्तर पर लाएं तथा खतरों की जानकारी से आगाह हो कर ही गर्भवती होने की कोशिश करें.

यदि वंशानुगत या अन्य कारणों से महिलाओं में पी.आई.एच. ग्रस्त होने का भय है तो उन्हें रोग से बचाव के उपाय करने चाहिए. उन पर विशेष निगरानी की जरूरत होती है.

रोजाना 2 ग्राम कैल्सियम की गोलियों का सेवन करना चाहिए.

आधुनिक शोधों से ज्ञात हुआ है कि पी.आई.एच ग्रस्त या इस की संभावना होने पर अगर महिलाएं गर्भकाल में 13वें से 26वें सप्ताह के मध्य 60 मि.ग्रा. एस्प्रिन की गोली का नियमित सेवन करती हैं, तो उन के पी.आई.एच. ग्रस्त होने की संभावना कम हो जाती है तथा इस के कारण होने वाली समस्याओं से बचाव होता है. इन समस्याओं से बचाव के लिए वे 3 ग्राम मैग्नीशियम ग्लूकोनेट का रोजाना सेवन भी कर सकती हैं. हाई ब्लडप्रैशर या पी.आई.एच. के कारण प्रैग्नेंसी में मां और गर्भस्थ शिशु में अनेक गंभीर और घातक समस्याएं हो सकती हैं. अत: हर गर्भवती महिला की नियमित अंतराल पर रक्तचाप की नाप और पेशाब की जांच आवश्यक है, जिस से रोग का निदान, रोग की शुरुआत में हो सके तथा उचित परहेज, सावधानियों तथा उपचार द्वारा गंभीर समस्याओं से बचाव हो सके.

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Anupama-Anuj की जिंदगी में हुई मालविका की एंट्री, वनराज ने बनाया नया प्लान

स्टार प्लस के सीरियल अनुपमा (Anupama) में जल्द ही नए ट्विस्ट एंड टर्न्स देखने को मिलने वाले हैं. सीरियल की बात करें तो अनुपमा (Rupali Ganguly) ने अनुज (Gaurav Khanna) को जहां अपनी जिंदगी में लाने का मन बना लिया है तो वहीं वनराज (Sudhanshu Pandey) का नया प्लान काव्या को बैचेन कर रहा है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

अनुपमा को है डर

अब तक आपने देखा कि अनुपमा, अनुज के घर में उसकी देखभाल के लिए रहने का फैसला करती है, जिसके चलते अनुज बेहद खुश होता है. वहीं अनुपमा उसे बताने की कोशिश करती है कि वह अपने और अनुज के रिश्ते को एक मौका देना चाहती है, लेकिन उसे डर है कि वह एक पुरानी अनुपमा न बन जाए. हालांकि बापूजी, अनुपमा को समझाते हैं कि हर कोई किसी पर निर्भर होता है. लेकिन एक लिमिट तक.

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अनुज कहेगा ये बात

 

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अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि अनुज, अनुपमा के घर में रहने से बेहद खुश होगा. इसी बीच वह एक अखबार में मालविका की खबर देखकर परेशान हो जाएगा. दरअसल, अखबार में छपा होगा कि मालविका अहमदाबाद में है, जिसे पढ़कर अनुज हैरान रह जाएगा और मालविका को फोन करेगा और मिलने की बात कहेगा. साथ ही वह मालविका से कहेगा कि वह उससे कितना प्यार करता है, जिसे सुनकर अनुपमा का दिल टूट जाएगा. हालांकि अनुज, अनुपमा को नहीं देखेगा. वहीं मालविका उसे मिलने के लिए बुलाएगी.

मालविका की होगी एंट्री

 

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इसके अलावा आप देखेंगे कि वनराज काला सूट पहनकर काव्या को ताना मारते हुए कहेगा कि बा कहती हैं कि वह सूट में सुंदर दिखता है, इसीलिए वह काला टीका लगाती हैं. वहीं अगर कोई महिला उस पर फिदा हो जाए तो क्या होगा. वनराज की ये बात सुनकर काव्या गुस्से में नजर आएगी. दूसरी तरफ वनराज, अनुपमा से एक रेस्तरां में मिलेगा. जहां अनुपमा कहेगी कि वह अलग दिख रहा है. लेकिन वनराज कहेगा कि आज खास दिन है. इसीलिए वह अलग दिख रहा है. दूसरी तरफ जहां मालविका की एंट्री होती नजर आएगी तो वहीं मालविका से मिलने के लिए अनुज बेकरार नजर आएगा.

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रौयल अंदाज में Ankita Lokhande ने पति विक्की जैन संग लिए फेरे, फोटोज वायरल

सोशलमीडिया पर इन दिनों पवित्र रिश्ता एक्ट्रेस अंकिता लोखंडे (Ankita Lokhande) छाई हुई हैं. जहां हाल ही में अंकिता और उनके बौयफ्रेंड विक्की जैन (Vicky Jain) की सगीत और सगाई सेरेमनी की वीडियो वायरल हो रही थी तो वहीं अब उनकी शाही शादी की फोटोज वायरल हो रही हैं. आइए आपको दिखाते हैं अंकिता लोखंडे और विक्की जैन की रौयल वेडिंग (Ankita Lokhande-Vicky Jain Royal wedding)की झलक…

रौयल लुक में मारी एंट्री

 

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दरअसल, बीते दिन अंकिता लोखंडे ने मुंबई के फाइव स्टार होटल में ब्वॉयफ्रेंड विक्की जैन (Vicky Jain) संग शादी की है. वहीं इस सेलिब्रेशन में पवित्र रिश्ता की टीम समेत कई सितारे मौजूद नजर आएं. रौयल दुल्हन की तरह अंकिता लोखंडे ने शादी के मंडप में एंट्री मारकर सभी को हैरान कर दिया है.

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लुक था खास

 

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अंकिता लोखंडे के लुक की बात करें तो वह पिंक या रेड नहीं बल्किन गोल्डन कलर के हैवी लहंगे में नजर आईं. वहीं विक्की जैन भी इसी लुक के कौम्बिनेशन को कैरी करते नजर आए. वहीं मंडप में एंट्री के समय घूंघट ओढ़े अंकिता की फैन्स तारीफें करते नहीं थक रहे हैं, जिसके चलते सोशलमीडिया पर काफी वीडियो और फोटोज वायरल हो रही हैं.

 

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सेलेब्स ने की शिरकत

 

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बात करें शादी में मौजूद गेस्ट की तो पवित्र रिश्ता की टीम जहां अंकिता का साथ देती नजर आई तो वहीं शो के लीड एक्टर शाहीर शेख इस शादी में नजर नहीं आए. हालांकि पवित्र पुनिया और एजाज खान ने शादी में शामिल होकर चार चांद लगा दिए. वहीं संगीत सेरेमनी में एक्ट्रेस कंगना रनौत ने आकर सभी को चौंका दिया.

बता दें, हाल ही में खबरें हैं कि अंकिता लोखंडे और विक्की जैन का वेडिंग रिसेप्शन कैंसल हो गया है. हालांकि इसकी वजह मुंबई में बढ़ते कोरोना के मामलों को बताया जा रहा है, जिसके बाद देखना होगा कि कैसा होगा अंकिता लोखंडे और विक्की जैन का वेडिंग रिसेप्शन.

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नन्हे मुन्नों के कपड़ों का रखरखाव

मातापिता जब अपनी नन्ही सी जान को अस्पताल से घर ला रहे होते हैं तो उन की खुशियों की कोई सीमा नहीं होती. बच्चे के आने से पहले ही खूबसूरत रंगबिरंगे क्यूट कपड़ों से घर भरा होता है. मगर इन की खरीदारी और धुलाई करते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि कपड़ों के साथ जुड़ी होती है बच्चे की सेहत और सुरक्षा.

कपड़े खरीदते समय सावधानियां

फैब्रिक: बच्चे के लिए हमेशा मुलायम और आरामदायक कपड़े खरीदें, जिन्हें धोना आसान हो. फैब्रिक ऐसा हो जिस से बच्चे की त्वचा को कोई नुकसान न पहुंचे. बच्चों के लिए कौटन के कपड़े सब से अच्छे रहते हैं. लेकिन ध्यान रहे कि कौटन के कपड़े धुलने के बाद थोड़े सिकुड़ जाते हैं.

साइज: बच्चों के कपड़े 3 माह के अंतराल के आते हैं. ये 0-3 माह, 3-6 माह, 6-9 माह और 9-12 माह के होते हैं. बच्चों को ओवर साइज कपड़े न पहनाएं. ऐसे कपड़े गरदन और सिर पर चढ़ सकते हैं, जिस से दम घुटने का खतरा हो सकता है.

सुरक्षा: बीएल कपूर सुपर स्पैश्यलिटी हौस्पिटल के कंसल्टैंट न्यूनेटोलौजी, डा. कुमार अंकुर कहते हैं कि छोटे बच्चों के लिए हमेशा सिंपल कपड़े खरीदने चाहिए. फैंसी और डैकोरेटिव कपड़े खरीदने से बचें. ऐसे कपड़े खरीदें जिन में बटन, रिबन और डोरियां न हों. बच्चे बटन निगल सकते हैं, जिस से उन का गला चोक हो सकता है. ऐसे कपड़े भी न खरीदें जिन में खींचने वाली डोरियां हों. वे किसी चीज में फंस कर खिंच सकती हैं और बच्चे का गला घुट सकता है.

आराम: ऐसे कपड़े खरीदें जो आसानी से खुल जाएं ताकि कपड़े चेंज कराते वक्त दिक्कत न हो. सामने से खुलने वाले और ढीली आस्तीन के कपड़े अच्छे रहते हैं. ऐसे फैब्रिक के कपड़े लें जो स्ट्रैच हो जाएं ताकि उन्हें पहनाना और उतारना आसान हो, ऐसे कपड़े न खरीदें जिन में जिप लगी हो.

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कपड़े धोने के टिप्स

डा. कुमार अंकुर कहते हैं कि बच्चों की त्वचा संवेदनशील होती है, इसलिए सामान्य डिटर्जैंट का इस्तेमाल न करें. रंगीन और खुशबू वाले डिटर्जैंट तो बिलकुल भी न लगाएं. बेहतर होगा ऊनी कपड़े धोने वाले माइल्ड डिटर्जैंट का इस्तेमाल करें. छोटे बच्चों के कपड़ों को पानी से अच्छी तरह खंगालें ताकि डिटर्जैंट पूरी तरह निकल जाए. अगर बच्चे की त्वचा अधिक संवेदनशील है तो विशेषरूप से छोटे बच्चों के कपड़ों के लिए मिलने वाले डिटर्जैंट का ही इस्तेमाल करें.

बच्चों के कपड़े छोटे और मुलायम होते  हैं, इसलिए उन्हें वाशिंग मशीन के बजाय हाथ  से धोएं तो ज्यादा अच्छा रहता है. अगर आप मशीन में धो रही हैं तो ड्रायर में न सुखाएं. खुले स्थान पर ताजी हवा और सूर्य की रोशनी में सुखाएं. अगर आप फैब्रिक सौफ्टनर का इस्तेमाल करना चाहती हैं तो बेबी स्पैसिफिक सौफ्टनर का प्रयोग करें.

कपड़े धोने के अन्य टिप्स

आइए, जानते हैं कि बच्चों के कपड़ों की साफसफाई किस तरह करें कि उन्हें त्वचा या अन्य किसी तरह का रोग न हो:

  1. कपड़े पर लगे लेबल को ध्यान से पढ़ें. बच्चे के डौलिकेट बेबी क्लोथ्स पर लिखे निर्देशों के हिसाब से चलें.
  2. ज्यादातर कपड़े ज्यादा तापमान से खराब हो जाते हैं. इसलिए कपड़े धोते समय ज्यादा गरम पानी का इस्तेमाल न करें. कुनकुने या ठंडे पानी से ही धोएं.
  3. बच्चों के कपड़ों को रंग, फैब्रिक और दागदब्बों के आधार पर 2-3 हिस्सों में बांट लें. एक तरह के कपड़ों को एकसाथ धोएं. इस से धोने में सुविधा होगी और कपड़े भी सुरक्षित रहेंगे.
  4. बच्चे के कपड़ों में यदि दागधब्बे लग गए हैं तो उन पर बेबी फ्रैंडली माइल्ड डिटर्जैंट लगा कर हलके से रगड़ें, इस से दाग हलके हो जाएंगे. बाद में सामान्य तरीके से धो लें.
  5. डौक्स ऐप की डा. गौरी कुलकर्णी कहती हैं कि जब बच्चे के लिए नए कपड़े खरीदें तो उन्हें पहनाने से पहले धो लें. इस से कपड़े बनाते वक्त काम में लिए गए रसायन शिशु को हानि नहीं पहुंचा पाएंगे. यही नहीं, कपड़ों पर यदि किसी तरह की गंदगी या धूलमिट्टी लगी होगी तो वह भी धुल जाएगी. सिर्फ कपड़े ही नहीं,  केट, चादर, बिस्तर आदि जो शिशु की त्वचा के सीधे संपर्क में आते हैं, प्रयोग से पहले धो लें. ऐसा न करने पर संभव है कि बच्चे की कोमल त्वचा पर खुजली या रैशेज की समस्या पैदा हो जाए.
  6. बच्चे के कपड़ों को कीटाणुओं से मुक्त रखने के लिए कुछ महिलाएं उन्हें ऐंटीसैप्टिक सौल्यूशन में भिगोती हैं. यह उचित नहीं. इस से बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है.
  7. कपड़ों को फर्श पर रख कर रगड़ने के बजाय हाथ या रबड़ शीट अथवा मशीन के ढक्कन पर रख कर साफ करें.
  8. बच्चों के कपड़ों को घर के दूसरे सदस्यों के कपड़ों से अलग धोएं. अकसर बड़ों के कपड़ों में गंदगी ज्यादा होती है. सभी कपड़े साथ धोने पर उन के कीटाणु बच्चों के कपड़ों में आ सकते हैं.
  9. कपड़े सूख जाएं तो उन्हें प्रैस कर लें ताकि रहेसहे कीटाणु भी मर जाएं.
  10. कपड़ों को तह लगा कर कवर में या कौटन के कपड़े में लपेट कर रखें.

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जानें क्या है बच्चों में होने वाला Hyperactivity Disorder

ध्यानाभाव एवं अतिसक्रियता विकार (अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर) एक मानसिक विकार और दीर्घकालिक स्थिति है जो लाखों बच्चों को प्रभावित करती है और अक्सर यह स्थिति व्यक्ति के वयस्क होने तक बनी रह सकती है. एडीएचडी के साथ जुड़ी प्रमुख समस्याओं मे ध्यानाभाव (ध्यान की कमी), आवेगी व्यवहार, असावधानी और अतिसक्रियता शामिल हैं. अक्सर इससे पीड़ित बच्चे हीन भावना, अपने बिगड़े संबंधों और विद्यालय में खराब प्रदर्शन जैसी समस्याओं से जूझते रहते हैं. माना जाता है कि ध्यानाभाव एवं अतिसक्रियता विकार अनुवांशिक रूप से व्यक्ति मे आता है. जिस घर-परिवार में तनाव का माहौल रहता है और जहां पढ़ाई पर अधिक जोर देने की प्रवृत्ति रहती है वहां यह समस्या अधिक होती है. रिसर्च के अनुसार, भारत में लगभग 1.6% से 12.2% तक बच्चों में एडीएचडी की समस्या पाई जाती है.

आईएमए के अध्यक्ष डा. के.के. अग्रवाल ने कहा कि एडीएचडी वाले बच्चे बेहद सक्रिय होते हैं और इस रोग से पीड़ित ज्यादातर बच्चों में व्यवहार की समस्या (बिहेवियरल प्राब्लम्स) देखने को मिलती है. इसलिए उनकी देखभाल करना और उन्हें कुछ सिखाना बेहद मुश्किल हो जाता है. यदि इस कंडीशन को शुरू में ही काबू न किया जाए तो यह बाद में समस्याएं पैदा कर सकती हैं.

एडीएचडी की समस्या ज्यादातर प्री-स्कूल या केजी तक के बच्चों में होती है. कुछ बच्चों में किशोरावस्था की शुरुआत में भी स्थिति खराब हो सकती है. यह व्यस्कों में भी हो सकता है. हालांकि एडीएचडी का स्थायी उपचार नहीं है, फिर भी उपचार से इसके लक्षणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है. एडीएचडी का उपचार मनोवैज्ञानिक परामर्श, दवायें, एजुकेशन या ट्रेनिंग से भी किया जा सकता है.

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एडीएचडी के लक्षणों को तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है- ध्यान न देना, जरूरत से अधिक सक्रियता और असंतोष.

एडीएचडी वाले बच्चों को इस तरह संभालें

यदि ऐसा दिखे कि बच्चा आपा खो रहा है, तो उस पर ध्यान दें और उसे किसी अन्य एक्टिविटी में बिजी कर दें.

दोस्तों को घर बुलाएं. इससे बच्चे को लोगों से मिलने-जुलने में आसानी होगी, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि बच्चा स्वयं पर से नियंत्रण न खोएं.

अपने बच्चे को अच्छी नींद लेने दें.

शिक्षा, सपोर्ट और क्रिएटिविटी (रचनात्मकता) से एडीएचडी से पीड़ि‍त बच्चों को संभालने में मदद मिलती है. एडीएचडी से पीड़ि‍त बच्चों की बुद्धि या क्षमता का सही से पता नहीं चल पाता, ऐसे में बच्चे की शक्तियों का पता लगाना चाहिए और बेहतर परिणामों के लिए उनकी क्षमताओं पर ध्यान देंना भी आवश्यक है.

आप उन्हे समय देकर और उनकी हर चीज टाइम टेबल के हिसाब से करके सम्हलने में उनकी मदद कर सकती है.

अच्छे काम पर तारीफ करने से या इनाम देने से भी बच्चे के व्यवहार को पाजिटिव किया जा सकता है.

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Christmas Special: घर पर ही बनाएं प्लेन पैनकेक

प्लेन पैनकेक एक कॉन्टिनेंटल ब्रेकफास्ट रेसिपी है. आप चाहें तो इसे जन्मदिन के मौके पर या गेट-टू-गेदर के दौरान बना सकती हैं. अच्छी बात यह है कि इसे बनाना बहुत आसान है.

प्लेन पैनकेक बनाने में लगने वाला समय: 20 मिनट

तैयारी में लगने वाला समय: 10 मिनट

मात्रा: 3 लोगों के लिए

सामग्री:

– 100 ग्राम आटा

– 250 मिली लीटर दूध

– एक अंडा

– 3 चम्मट रिफाइंड

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बनाने की विधि:

– सबसे पहले दूध में अंडे को फोड़कर अच्छी तरह फेंट लें.

– धीरे-धीरे इसमें आटा मिलाएं और लगातार चलाते रहें. इसे लगातार मिलाते रहना जरूरी है, वरना गुठलियां पड़ जाएंगी.

– एक नॉन स्टिक तवे में रिफाइंड डालकर, मध्यम आंच पर गर्म होने दें. अब तैयार बैटर को इस पर पलट दें. ध्यान रखें तवे पर कोई गैप न छूट जाए.

– इसे तब तक पकने दें जब तक कि तवे पर डाला गया बैटर गोल्डन न हो जाए.

– इसके बाद पांच मिनट तक इसे और पांच मिनट पकाएं. आप चाहें तो इसे चॉकलेट सिरप या जैम के साथ सर्व कर सकती हैं.

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