Kitchen Tiles साफ करने के टिप्स

किचन को रोज पूरी तरह से साफ करना हर किसी के लिए मुश्किल होता है. ऐसे में किचन फ्लोर और किचन वाल टाइल्स पर गंदगी जमा होने लगती है और जब सफाई करने की बारी आती है तो समझ में नहीं आता कि इसे कैसे साफ करें.

जानिए, कुछ आसान उपाय जो टाइलों पर जमा गंदगी साफ करने में आप की सहायता करेंगे:

किचन फ्लोर की सफाई

  1. किचन फ्लोर पर रोज पोंछा लगाएं. पोंछे के पानी में डिटर्जैंट या कीटाणुनाशक का प्रयोग जरूर करें. यह ध्यान रखें कि जिस कपड़े से पोंछा लगा रही हैं, वह साफ हो और इस्तेमाल के बाद भी उसे अच्छी तरह धो लें.
  2. यदि आप के घर में चींटियां हों, तो पोंछे के पानी में 1 बड़ा चम्मच नमक डाल लें.
  3. यदि आप कुछ दिनों के बाद फर्श साफ कर रही हैं, तो पोंछा गरम पानी से लगाएं.
  4. पोंछा लगाने के बाद फर्श को दूसरे सूखे पोंछे से साफ करें. इस से फर्श चमक उठेगा और फर्श पर धूल भी नहीं जमेगी.
  5. यदि फर्श पर कुछ गिर जाए तो उसे तुरंत साफ करें. वहां दाग न बनने दें.

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सफाई किचन की टाइलों की

किचन की टाइलों को आप निम्न घरेलू चीजों से भी साफ कर सकती हैं:

  1. सिरका: 2 कप सिरका और 2 कप पानी को मिला कर स्प्रे बोतल में भर लें. फिर इसे टाइलों पर स्पे्र कर माइक्रो फाइबर कपड़े से साफ करें. यह कपड़ा दूसरे किसी भी कपड़े की तुलना में गंदगी को ज्यादा अच्छी तरह अवशोषित कर लेता है और इस से सतह पर खरोंचें भी नहीं पड़तीं.
  2. बेकिंग सोडा: बेकिंग सोडे का इस्तेमाल कर आप टाइलों पर लगे दागों से आसानी से छुटकारा पा सकती हैं. बेकिंग सोडा और पानी का पेस्ट बना लें और फिर उसे दागों पर लगाएं. 10-15 मिनट तक सूखने दें. फिर गीले कपड़े से साफ करें. यदि दाग फिर भी साफ न हों तो किसी पुराने टूथब्रश से रगड़ कर साफ करें.
  3. ब्लीच या अमोनिया: यदि आप को अपनी टाइलों पर कीटाणु दिखाई दें, तो ब्लीच और पानी को समान मात्रा में मिला लें. इस मिश्रण को कीटाणु वाली सतह पर गोलाकार मुद्रा में लगाएं. अब टाइलों को गरम पानी से साफ करें. इस के बाद सूखे कपड़े से साफ कर लें. याद रखें ब्लीच का इस्तेमाल करने से पहले हाथों में दस्ताने जरूर पहन लें

ध्यान रखें

  1. टाइल्स को साफ करने के लिए कभी तेजाब या अन्य हार्ड लिक्विड क्लीनर का प्रयोग न करें.
  2. यदि रोज किचन वाल टाइल्स साफ करती हैं तो पानी में थोड़ा सा डिटर्जैंट मिला कर साफ करें.
  3. टाइल्स को लोहे की जाली से रगड़ कर साफ करने की कोशिश न करें.

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Winter Special: सेहतमंद चटनियां बढ़ाएं खाने का स्वाद

चटनी अर्थात ऐसा खाद्य पदार्थ जिसे चाट कर खाया जा सके. चटनी भोजन के स्वाद को बढ़ातीं हैं, भोजन की थाली को सुंदर बनातीं हैं साथ ही भोजन को विविधता भी प्रदान करतीं हैं. चटनी क़ी सबसे बडी खासियत होती है इनका हैल्दी होना क्योंकि चटनी बनाने में बहुत कम मात्रा में तेल मसालों का प्रयोग किया जाता है साथ ही इसमें आमतौर पर हरी सब्जियों का प्रयोग किया जाता है. आज हम आपको ऐसी ही कुछ चटनियों के बारे में बता रहे हैं-

-कच्चे केले की चटनी

कितने लोगों के लिए            8

बनने में लगने वाला समय     20 मिनट

मील टाइप                          वेज

सामग्री

कच्चे केले के छिल्के            4

सरसों का तेल                   2 टेबलस्पून

राई के दाने                      1/4 टीस्पून

जीरा                               1/4 टीस्पून

हींग                                चुटकी भर

लहसुन                          4 कली

साबुत लाल मिर्च            2

नमक                            1/2 टीस्पून

नीबू का रस                   1 टीस्पून

विधि

केले के छिल्कों को छोटे टुकड़ों में काट लें. अब एक पैन में सरसों का तेल गरम करके राई, हींग, जीरा, लहसुन भूनकर लाल मिर्च, नमक  और केले के छिल्के डाल कर नरम होने तक भूनें. ठंडा होने पर नीबू का रस डालकर मिक्सी में पीस लें. एयरटाइट जार में भरकर फ्रिज में स्टोर करें यह चटनी महीने भर तक खराब नहीं होती.

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-पीनट चटनी

कितने लोंगों के लिए           6

बनने में लगने वाला समय     20 मिनट

मील टाइप                          वेज

सामग्री

मूंगफली दाना                     1 कप

हरी मिर्च                             4

अदरक                               1 इंच टुकड़ा

पोदीना पत्ता                        8-10

नारियल बुरादा                   1 टेबल स्पून

नमक                                1/2 टीस्पून

नीबू का रस                        1 टेबलस्पून

भुनी चने की दाल                 1 टीस्पून

सामग्री (बघार के लिए)

सरसों का तेल                     1/4 टीस्पून

करी पत्ता                             6

राई के दाने                          1/4 टीस्पून

साबुत लाल मिर्च                  2

विधि

मूंगफली के दानों को धीमी आंच पर भून लें और ठंडा होने पर हाथ से मसलकर छिल्के अलग कर लें. अब समस्त सामग्री को मिक्सी में एक साथ ग्राइंड कर लें. तैयार चटनी को एक बाउल में निकाल लें. लाल मिर्च को छोटे छोटे टुकड़ों में काट लें. एक पैन में तेल गरम करके बघार की समस्त सामग्री को डालें और पिसी चटनी में डाल दें.

-स्प्रिंग अनियन चटनी

कितने लोगों के लिए            6

बनने में लगने वाला समय      10 मिनट

मील टाइप                           वेज

सामग्री

कटे हरे प्याज                   2 कप

हरा धनिया                       1/2 कप

पोदीना पत्ता                      1/4 कप

अदरक                            1 छोटी गांठ

हरी मिर्च                             4

नमक                                स्वादानुसार

धनिया पाउडर                   1/2 टीस्पून

हींग                                1 चुटकी

बारीक सेव(बेसन भुजिया)   1टेबलस्पून

पानी                               2 टेबलस्पून

अमचूर पाउडर                  1 टीस्पून

जीरा                                 1/4 टीस्पून

विधि

समस्त सामग्री को मिक्सी में डालकर एक साथ पीस लें. कांच के जार में भरकर फ्रिज में रखें और किसी भी स्नैक्स के साथ प्रयोग करें.

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खाद्य पदार्थों के साइड इफैक्ट्स

एलर्जी का भले ही कोई स्थायी इलाज न हो, लेकिन जिन खानेपीने की चीजों से एलर्जी हो उन से बच कर त्वचा की एलर्जी से बचा जा सकता है.

खाद्य एलर्जी के लक्षण बच्चों और शिशुओं में बड़ी आम बात है, लेकिन ये किसी भी उम्र में दिख सकते हैं. संभव है कि जिन खाद्य पदार्थों को आप वर्षों तक बिना किसी समस्या के खाते रहे हों, अचानक ही अब उन से आप को एलर्जी हो जाए.

आप के शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली आप के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले सभी संक्रमणों व अन्य खतरों से लड़ कर आप को स्वस्थ रखती है. जब आप की प्रतिरक्षा प्रणाली किसी खाद्य पदार्थ या उस में मौजूद किसी तत्त्व की पहचान किसी खतरे के रूप में कर उस के लिए सुरक्षात्मक प्रतिक्रिया करती है तो खाद्य एलर्जी प्रतिक्रिया का मामला सामने आता है.

खाद्य पदार्थों से एलर्जी

भारत में करीब 3 प्रतिशत वयस्क और 6-8 प्रतिशत बच्चे खाद्य पदार्थ यानी फूड एलर्जी के शिकार हैं. वैसे, किसी को किसी भी चीज से एलर्जी हो सकती है, लेकिन कुछ विशेष खाद्य पदार्थों जैसे गेंहू, राई, बाजरा, मछली, अंडे, मूंगफली, सोयाबीन दूध से बने उत्पाद, सूखे मेवे प्रमुख हैं. कई लोगों को बैगन, खीरा, भिंडी और पपीता से भी एलर्जी होती है.

लक्षण

– उलटी व दस्त होना. भूख न लगना.

– मुंह, गले, आंखों, त्वचा व शरीर के दूसरे हिस्सों में खुजली होना.

– पेट में दर्द और मरोड़ होना.

– रक्त का दबाव कम हो जाना.

– श्वासमार्ग अवरुद्ध हो जाना.

– दिल की धड़कनें तेज होना.

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हल्के में न लें

खाद्य एलर्जी के लक्षण हलके से ले कर गंभीर तक हो सकते हैं. सिर्फ इसलिए यह मान लेना कि शुरुआत में छोटीमोटी समस्या हुई थी तो बाद में वही खाद्य एलर्जी बड़ी समस्या खड़ी नहीं करेगी, गलत है. हो सकता है कि जिस खाद्य पदार्थ की वजह से पहली बार हलके लक्षण ही दिखें, अगली बार उस के गंभीर दुष्प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं.

एनाफाइलैक्सिस सभी एलर्जी की प्रतिक्रियाओं में सब से गंभीर है. पूरे शरीर में होने वाली एलर्जी की प्रतिक्रिया जान को जोखिम में डालने वाली होती है. यह आप के श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकती है. इस में रक्तचाप में अचानक बहुत कमी आ सकती है तथा यह आप की हृदय गति को भी प्रभावित कर सकती है. एलर्जी वाले खाद्य पदार्थों के सेवन के चंद मिनटों में ही एनाफाइलैक्सिस की स्थिति सामने आ सकती है. इस में मौके पर इपिनैफ्रिन (एंड्रेनालाइन) की सूई के जरिए तुरंत इलाज किया जाना चाहिए.

यद्यपि कोईर् भी भोजन ऐसी प्रतिक्रिया का कारक सिद्घ हो सकता है. 90 प्रतिशत ऐसी प्रतिक्रियाओं के लिए मुख्यतया 8 प्रकार के भोज्य पदार्थ जिम्मेदार माने जाते हैं जिन में अंडा, दूध, मूंगफली, मेवे, मछली, शेलफिश या सीपियां, गेहूं, सोया आदि शामिल हैं.

एलर्जी की प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप त्वचा, गैस्ट्रोइंटस्टाइनल ट्रैक्ट (पेट की नलियां व आंत), हृदय प्रणाली व श्वसन तंत्र प्रभावित हो सकते हैं. इस का असर हलके से गंभीर तक हो सकता है.

खाद्य पदार्थ पेट में पहुंचने के 2 घंटे के भीतर ज्यादातर खाद्य संबंधी लक्षण सामने आ जाते हैं, कई बार ये चंद मिनटों में दिखने लग जाते हैं. कुछ बहुत ही दुर्लभ मामलों में ऐसी प्रतिक्रियाएं 4 से 6 घंटों में होती हैं या उस से भी ज्यादा समय ले सकती हैं. देरी से होने वाली ऐसी प्रतिक्रियाएं ज्यादातर बच्चों में देखने को मिलती हैं, जिन में खाद्य एलर्जी के परिणामस्वरूप एक्जिमा जैसे लक्षण नजर आते हैं.

एक अन्य प्रकार की देरी से सामने आने वाली खाद्य एलर्जी फूड प्रोटीन-इंड्यूस्ड एंटेरोकोलाइटिस सिंड्रोम की वजह से होती है. यह पेट व आंत में होने वाली एक घातक प्रतिक्रिया है, जो सामान्यतया दूध, सोया, कुछ खास अनाज व अन्य ठोस खाद्य पदार्थों के सेवन के 2 से 6 घंटों के बाद सामने आती है. दूध छुड़ाने के क्रम में या पहली बार उपरोक्त खाद्य के संपर्क में आने के बाद अकसर छोटे शिशुओं में ऐसी एलर्जी देखने को मिलती है. इस एलर्जी की स्थिति में बारबार उलटी आती है. यह निर्जलीकरण यानी डीहाइड्रेशन का रूप ले सकती है.

एक ही समूह के विभिन्न पदार्थों के लिए एलर्जी की जांच नहीं होती. कई बार जांच के परिणाम पौजिटिव आते हैं, इन से सिर्फ इस बात का ही पता लग पाता है कि एक समूह के अलगअलग खाद्य पदार्थ किसी खास जांच के परिणाम को कैसे प्रभावित करते हैं. जांच का नैगेटिव परिणाम एजर्ली को नकारने के लिए काफी महत्त्वपूर्ण सिद्घ हो सकता है.

संभव है कि आप ने कोई ऐसी चीज न खाई हो, जिस के प्रति आप की जांच के परिणाम पौजिटिव आए हैं, लेकिन ऐसे परिणाम की वजह उस से बनी हुई या संबंधित अन्य चीज हो सकती है, जिसे आप ने किसी न किसी रूप में लिया हो. कोई खाद्य पदार्थ आप के लिए खतरनाक है या नहीं, ओरल फूड चैलेंज इस का पता लगाने का सब से बेहतरीन तरीका है.

जांच जरूर करवाएं

जितनी बार एलर्जी के लिए जिम्मेदार संभावित खाद्य पदार्थ का सेवन किया जाता है, खाद्य एलर्जी को उत्प्रेरित करने वाली प्रतिक्रिया सामने आती है. इस के लक्षण अलगअलग व्यक्तियों में भिन्न हो सकते हैं. यह भी जरूरी नहीं है कि आप में भी हर बार एकजैसे लक्षण ही दिखें. खाद्य एलर्जी का असर आप की त्वचा, श्वसन तंत्र, जठरांत्र (पेट व आंत) संबंधी मार्ग व हृदय प्रणाली पर दिख सकता है.

हालांकि किसी भी उम्र में खाद्य एलर्जी की समस्या सामने आ सकती है, लेकिन अधिकतर मामलों में बचपन में ही इस के लक्षण नजर आ जाते हैं. अगर आप खाद्य एलर्जी को ले कर आशंकित हैं तो किसी एलर्जी विशेषज्ञ के पास जाएं, जो आप के परिवार के इतिहास से अवगत होने के बाद जरूरी जांच की सलाह देंगे और परिणाम के आधार पर खाद्य एलर्जी के बारे में फैसला लेंगे.

स्किन प्रिक टैस्ट के जरिए 20 मिनट में परिणाम का पता लगाया जा सकता है. थोड़ी मात्रा में खाद्य एलर्जी (फूड एलर्जन) युक्त तरल को आप के हाथ या पीठ की त्वचा पर रखा जाता है. अब आप की त्वचा में एक छोटी व जीवाणुरहित सूई चुभोई जाती है ताकि उस तरल का त्वचा में रिसाव हो सके. दर्दरहित यह जांच आप के लिए कुछ हद तक असहज हो सकती है.

संभावित एलर्जन वाले स्थान पर, जहां पर सूई चुभोई गई थी, मच्छर के काटने जैसी सूजन विकसित होने की स्थिति में यह माना जाता है कि जांच में एलर्जी के संकेत मिले हैं.

पुष्टि के लिए अब ऐसे तरल का इस्तेमाल करते हुए स्किन प्रिक जांच की जाती है, जिसमें एलर्जन मौजूद न हो व इस स्थिति में उस स्थान पर कोई प्रतिक्रियात्मक असर नहीं दिखता है तथा दोनों स्थानों से प्राप्त परिणामों की तुलना संभव होती है.

एलर्जी विशेषज्ञ इन जांचों के परिणामों का इस्तेमाल निदान के क्रम में करते हैं. पौजिटिव परिणाम का आना निश्चित तौर पर यह संकेत नहीं देता है कि एलर्जी की समस्या है, जबकि नैगेटिव परिणाम एलर्जी नहीं होने की पुष्टि करता है.

एक गंभीर प्रतिक्रिया की संभावना बनी रहने की वजह से किसी अनुभवी एलर्जिस्ट द्वारा उन के क्लीनिक या उस स्थान पर ओरल फूड चैलेंज कराया जाना चाहिए, जहां आपात्कालीन सुविधाएं व चिकित्सकीय उपकरण उपलब्ध हों.

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प्रबंधन व इलाज

खाद्य एलर्जी से निबटने का मुख्य तरीका उन खाद्य पदार्थों से परहेज है, जिन से समस्या होती है. खाद्य उत्पादों में मौजूद सामग्रियों की सूची को ध्यानपूर्वक पढ़ें और यह भी जानने की कोशिश करें कि आप को जिन से परहेज है, वे किसी और नाम से तो सूचीबद्घ नहीं हैं.

डब्बाबंद खाद्य पदार्थों के उत्पादकों को हमेशा ही एलर्जी के कारक (एलर्जन), इन 8 सब से आम चीजों – दूध, अंडा, गेहूं, सोया, मूंगफली, मेवे, मछली व जलीय शेलफिश (सीपियों) की पहचान कर अपने उत्पादों में उन की मौजूदगी के बारे में सरल व स्पष्ट भाषा में जानकारी देनी चाहिए. वैसी स्थिति में भी इन एलर्जन की मौजूदगी के बारे में जरूर बताया जाना चाहिए जब वे पदार्थ उत्पादों में एडिटिव (उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार या उन्हें परिरक्षित करने के लिए) या फ्लेवरिंग (स्वादिष्ठ या सुगंधित बनाने के लिए) के तौर पर इस्तेमाल किए जा रहे हों.

एलर्जन से परहेज, कहना आसान लगता है परंतु बहुत मुश्किल काम है. हालांकि सामग्रियों की सूची से इस मामले में कुछ हद तक मदद मिली है, परंतु कुछ खाद्य पदार्थ इतने आम हैं कि उन से बच पाना चुनौतीपूर्ण कार्य है.

खाद्य एलर्जी से ग्रसित बहुत लोग सोचते हैं कि क्या उन की यह स्थिति हमेशा ही बनी रहेगी. इस का कोई निश्चित जवाब नहीं है. संभव है कि दूध, अंडे, गेहूं व सोया से होने वाली एलर्जी की समस्या समय के साथसाथ खत्म हो जाए, जबकि मूंगफली, मेवे, मछली व सीपियों से होने वाली एलर्जी की समस्या पूरी जिंदगी बनी रह सकती है.

बाहर खानापीना

बाहर रैस्टोरैंट आदि में खाते वक्त अतिरिक्त सावधानी बरतें. जरूरी नहीं है कि सूची में मौजूद हर पकवान में मौजूद सभी सामग्रियों की जानकारी वेटर को हो. हालांकि यह पूरी तरह आप की संवेदनशीलता पर निर्भर करता है. हो सकता है कि आप ने रसोई या रैस्टोरैंट में प्रवेश किया और आप एलर्जी के शिकार हो गए.

एनाफाइलैक्सिस

खाद्य एलर्जी की वजह से उभरने वाले लक्षण हलके से ले कर जान को जोखिम में डालने वाले तक हो सकते हैं, किसी भी ऐसी प्रतिक्रिया की भविष्यवाणी कर पाना संभव नहीं है. हो सकता है कि जिस खाद्य पदार्थ की वजह से किसी व्यक्ति में पहली बार हलके लक्षण ही दिखें, अगली बार उस के गंभीर दुष्प्र्रभाव, एनाफाइलैक्सिस भी देखने को मिल सकते हैं.

इस दौरान अन्य समस्याओं के साथ श्वास में परेशानी व रक्तचाप में औचक गिरावट देखने को मिल सकती है. एनाफाइलैक्सिस का सब से पहला इलाज इपिनैफ्रिन  (एड्रीनालीन) है. एलर्जन के संपर्क में आने के बाद एनाफाइलैक्सिस के लक्षण दिखने में सिर्फ चंद सैकंड या मिनट का समय लगता है, पलभर में स्थिति इस कदर बिगड़ सकती है कि यह आप के लिए घातक सिद्ध हो सकती है.

नैदानिक जांच में एक बार एलर्जी की पुष्टि होने के बाद, आप के एलर्जी विशेषज्ञ आप को इपिनैफ्रिन  औटो-इंजैक्टर की सलाह देते हैं तथा इसे इस्तेमाल करने का तरीका बताते हैं. अगर आप सांस में तकलीफ, बारबार खांसी, नब्ज की गति में बदलाव, गले में जकड़न, निगलने में समस्या जैसे गंभीर लक्षण या शरीर के भिन्नभिन्न हिस्सों में चकत्ते, त्वचा पर सूजन के साथसाथ उलटी, दस्त या पेटदर्द का अनुभव करते हैं तो शीघ्र ही इपिनैफ्रिन  का इस्तेमाल करें.

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मां का दूध सर्वोत्तम

वर्ष 2013 में, अमेरिकन अकेडमी औफ पीडियाट्रिक्स ने एक अध्ययन प्रकाशित किया और पहले किए गए शोध के नतीजे का समर्थन करते हुए बताया कि जितने लंबे वक्त तक संभव हो, मां का दूध दिया जाना चाहिए. जो खाद्य एलर्जी की संभावनाओं में कमी लाता है.

कुछ देशों में लोगों के बीच इस बात की आदत सी डाल दी गई है कि 3 साल तक की उम्र तक के बच्चों के मामले में उच्च एलर्जी वाले भोज्य पदार्थों, जैसे मूंगफली, मेवे, समुद्री खाद्य पदार्थ के समावेश में अधिक से अधिक देरी की जाए.

(लेखक प्राइमस सुपर स्पैशलिटी अस्पताल, नई दिल्ली में पीडियाट्रीशियन हैं)

Wedding Season के लिए बड़े कमाल के हैं ये 5 Makeup Hacks

लेखिका- दीप्ति गुप्ता

शादी का सीजन चल रहा है. इन दिनों हर किसी को शादी में शामिल होने का बेसब्री से इंतजार रहता है. अच्छे आउटफिट और शानदार मेकअप करने का जो मौका मिल जाता है. वैसे भी शादी -पार्टी में हर लड़की खूबसूरत दिखना चाहती है और चाहती है कि उसके लुक्स में कोई कमी न रहे. इसके लिए वे महंगे से महंगा मेकअप कराती हैं. मेकअप के लिए अच्छे से अच्छा कॉस्मेटिक प्रोडक्ट तक यूज करती  हैं, ताकि वह सबसे सुंदर दिखे. हालांकि कभी-कभी जल्दबाजी में, समय की कमी या बुनियादी मेकअप प्रोडक्टस के कारण मेकअप बिगड़ जाता है और एकदम परफेक्ट दिखने का सपना लगभग अधूरा रह जाता है. ऐसे में पैसे भी बर्बाद और समय भी. तो अगर आप चाहती हैं कि आपके साथ यह स्थिति न बने, तो इस शादी के सीजन के लिए यहां कुछ मेकअप हैक्स बताए जा रहे हैं, जो आपको कुछ ही समय में सुंदर दिखने में मदद करेंगे.

1. कोल्ड कंप्रेस का इस्तेमाल करें-

शादी के फंक्शन में रातभर जागने से आंखें सूज सकती हैं. इस लुक के साथ स्वभाविक रूप से आप शादी में शामिल नहीं होना चाहेंगे. इस तरह की सूजी हुई आखों से छुटकारा पाने का सबसे आसान तरीका है कोल्ड कंप्रेस का इस्तेमाल करना. एक टॉवेल को ठंडे पानी में डुबोएं. 7-10 मिनट के लिए आपनी आंखों पर इस कपड़े को रखें. आपकी सूजी हुई आखों में बहुत फर्क दिखाई देगा. अब आप आसानी से आंखों पर मेकअप कर सकते हैं.

2. काजल को बिंदी की तरह इस्तेमाल करें

अगर आप किसी फंक्शन में ट्रेडिशनल लुक के साथ जा रहे हैं और अचानक से बिंदी लगाना भूल गए हैं, तो चिंता न करें. आप काजल पेंसिल का इस्तेमाल बिंदी लगाने के लिए कर सकती हैं. अपनी काजल पेंसिल से अपने माथे पर बिंदी का डिजाइन बनाएं. यह शानदार तरीका आपके ट्रेडिशनल लुक को पूरा कर देगा.

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3. रेडी टू यूज वैक्सिंग स्ट्रिप का यूज करें-

शादी समारोह के बीच हो सकता है आपको पार्लर जाने का टाइम न मिले. ऐसे में अगर आप हाथ और पैरों के बाल साफ करना चाहती हैं, तो आपके पास एक अच्छा तरीका है. चिकनी और बालों से मुक्त त्वचा पाने के लिए आप रेडी टू यूज वैक्सिंग स्ट्रिप का उपयोग कर सकती हैं. इन्हें आपको गर्म करने की जरूरत नहीं है. यह रेडी टू यूज स्ट्रिप आपका बहुत समय बचाएंगी.

4. मस्कारा लगाने के लिए चम्मच का इस्तेमाल करें-

मस्कारा लगाने में बहुत कम लोग परफेक्ट होते हैं. भले ही यह आपकी आंखों को बहुत ही प्यारा लुक देता है, लेकिन इसे सही तरीके से लगाना बड़ा मुश्किल काम है. हालांकि अपनी पलकों पर चम्मच का उपयोग करके आप इस समस्या को बहुत जल्दी हल कर सकते हैं. मस्कारा लुक पाने के लिए पलकों पर चम्मच पकड़कर मस्कारा लगाएं. जब आप इसे अपनी पलको पर लगाएंगे, तो मस्कारा वैंड के अवशेष आपकी त्वचा के बजाए चम्मच के  पिछले हिस्से पर गिरेंगे.

5. आईशैडो को लिपस्टिक की तरह इस्तेमाल करें-

लिपस्टिक लगाने से हमारे चेहरे की सुंदरता में निखार आ जाता है. यह हमारे मेकअप लुक को पूरा करने में मदद करती है. हालांकि, अगर आप लिपस्टिक लगाना भूल गए हैं, तो टेंशन न लें, बल्कि अपने आईशैडो को लिपस्टिक में बदल लीजिए. ऐसा करने के लिए सबसे पहले ध्यान रखें कि आपके होंठ साफ हों , अपने होंठों पर उंगली से पाउडर ब्लश  या आईशैडो लगाएं और इस जगह पर थपथपाएं. शिमरिंग के लिए लिप ग्लॉस या फिर लिप बाम की एक लेयर लगा सकते हैं. इससे आपका आईशैडो होठों पर काफी देर तक टिका रहेगा.

यहां बताए गए टिप्स आपको शादी के फंक्शन के लिए बहुत जल्दी तैयार होने में मदद करेंगे. इसलिए इन्हें ट्राय करें और फिर देखिए एक वेडिंग में जाने के लिए आपका लुक कितना प्यारा लगता है.

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आज का सच : कौनसा सच छिपा रहा था राम सिंह

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किसकी मां, किसका बाप: भाग 2- ससुराल में कैसे हुआ वरुण का स्वागत ?

निशा की मादक मुसकराहट और भोलेपन के कारण वरुण को उस की सचाई अच्छी लगी. हंस कर फिर से दोहराया, ‘‘मां सच ही बड़ी समझदार हैं.’’

निशा ने उठने का प्रयत्न करते हुए पूछा, ‘‘आप क्या लेंगे, चाय या कौफी?’’

वरुण ने शरारत से पूछा, ‘‘चाय या कौफी कौन बनाएगा, मां?’’

निशा मुसकराई,  ‘‘आप कहेंगे तो मैं बना दूंगी.’’

‘‘पर उस के लिए तुम्हें उठ कर जाना होगा,’’ वरुण ने कहा.

‘‘सो तो है,’’ निशा का उत्तर था.

‘‘फिर बैठी रहो,’’ वरुण ने फुसफसा कर कहा, ‘‘आज बहुत सारी बातें

करने को जी कर रहा है. चलो, कहीं चलते हैं.’’

निशा ने मुंह पर हाथ रखते हुए कहा, ‘‘ना बाबा ना, मां जाने नहीं देंगी.’’

‘‘मां से पूछ लेते हैं,’’ वरुण ने बहादुरी से कहा.

‘‘मां ने पहले ही कह दिया है कि अगर आप बाहर जाने को कहें तो सख्ती से मना कर देना,’’ निशा ने नाखूनों पर अंगूठा फिराते हुए कहा.

‘‘मां तो बहुत समझदार हैं,’’ इस बार वरुण के स्वर में व्यंग्य का अनुपात अधिक था.

‘‘सो तो है,’’ निशा ने स्वीकार किया.

‘‘कौफी हाजिर है,’’ शिवानी ट्रे में

2 कप कौफी ले कर खड़ी थी, ‘‘रुकावट के लिए खेद है.’’

प्यालों से ऊपर उठते सफेद झाग की ओर प्रशंसा से देखते हुए वरुण ने कहा, ‘‘कौफी तो लगता है तुम्हारी तरह स्वादिष्ठ और लाजवाब है.’’

शिवानी ने चट से कहा, ‘‘बिना चखे कैसे कह सकते हैं.’’

वरुण ने शरारत से कहा, ‘‘अगर तुम्हारी दीदी की अनुमति हुई तो वह भी कर  सकता हूं.’’

‘‘धत् जीजाजी,’’ कह कर शिवानी ने ट्रे मेज पर रखी और भाग गई.

‘‘आप बहुत गंदे हैं,’’ निशा ने मुसकरा कर कहा.

‘‘यह तो पहला प्रमाणपत्र है तुम्हारा. अभी तो आगे बहुत से मिलेंगे,’’ वरुण ने कौफी पीते हुए कहा.

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वरुण के जाने के बाद मांबाप का बहुत झगड़ा हुआ. मां ने दुनियादारी की दुहाई दी और पिता ने ‘जमाना बदल गया’ का तर्क पेश किया. निर्णय तो कु़छ नहीं हुआ, पर कुछ समय पहले के खुशी के वातावरण में मनहूसियत फैल गई.

पति से बदला लेने के लिए मां बेटी पर बरस पड़ी, ‘‘तुझ से किस ने कहा था कि अपने घर की सारी बातें बता दे?’’

‘‘मैं ने क्या कहा?’’ निशा ने तीव्र स्वर में पूछा. मां की बेरुखी पर वह पहले से ही दुखी थी.

‘‘क्या नहीं कहा?’’

मां ने नकल करते हुए कहा, ‘‘दहीबड़े सख्त बने थे, सो नौकरानी को दे दिए. सारे व्यंजन बाजार से आए थे. ये सब किस ने कहा?’’

‘तो मां कान लगा कर सुन रही थीं,’ निशा को कोई उत्तर नहीं सूझा तो वह रोने लगी ओर रोतेरोते अपने कमरे में चली गई.

पिता ने क्रोध में कहा, ‘‘रुला दिया न गुड्डी को? कौन सा झूठ कह रही थी? और फिर तुम्हारी तरह से झूठ बोलने में माहिर भी तो नहीं है. तुम्हारी तरह मंजने में समय तो लगेगा ही.’’

वरुण ने झिझकते हुए निशा को बाहर ले जाने की आज्ञा मांगी थी पर मां ने बड़ी होशियारी से टाल दिया.

वरुण को निराशा तो हुई ही, क्रोध भी बहुत आया. सारे रोमानी सपनों पर पानी फिर गया. उस ने अब कभी भी ससुराल न जाने का निश्चय कर लिया. सास के लिए जो श्रद्धा होनी चाहिए, वह लगभग लुप्त हो गई. एक बार शादी हो जाने दो, उस के मन में जो विचार उठ रहे थे, वे बड़े खतरनाक थे.

मुंह लटका देख कर बहन ने हंसी से ताना दिया, ‘‘मुंह ऐसे लटका है जैसे किसी गोदाम के दरवाजे पर बड़ा सा ताला. लगता है खातिर नहीं हुई. इस बार मुझे साथ ले चलना. फिर देख लूंगी सब को.’’

मां ने हंस कर पूछा, ‘‘सब ठीक है न?’’

पिता को अच्छा नहीं लगा, ‘‘कोई गड़बड़ हो तो बता दो. रिश्ता अभी भी टूट सकता है.’’ बात इतनी गंभीर हो जाएगी, वरुण ने सोचा न था. मुसकरा कर कहा, ‘‘कुछ नहीं. मैं तो नाटक कर रहा था.’’ जब वरुण ने 3 सप्ताह तक कोई बात नहीं की तो निशा को चिंता होने लगी और मां के दिल में भी अशांति ने जन्म लिया. निशा ने बहन को उकसाया. शिवानी ने मां से कहा और फिर मां ने पति से कहा कि वरुण को फोन करें और बाइज्जत निमंत्रण दें. फोन पर ससुर का स्वर सुनते ही वरुण की 3 सप्ताह की भड़ास काफूर हो गई और बड़े उत्साह से वहां पहुंच गया. इस का लाभ यह हुआ कि जब वरुण ने निशा को बाहर ले जाने का प्रस्ताव रखा तो कोई आपत्ति किसी ने नहीं उठाई. थोड़ाबहुत खा कर बेसब्री से बाहर निकल पड़ा. निशा साथ थी तो मन कर रहा था कि दुनियाभर उसे देखे और जले.

‘‘किस हौल में चलना है?’’ वरुण ने पूछा.

‘‘तो क्या आप ने टिकट नहीं खरीदे हैं?’’ निशा ने आश्चर्य से पूछा.

‘‘कैसे खरीदता?’’ वरुण ने कटुता से कहा, ‘‘कहीं पिछली बार की तरह फिर मां मेरा टिकट काट देतीं?’’

मीठी हंसी बिखेरती हुई निशा बोली, ‘‘तो अभी तक नाराज हो? क्या इसीलिए इतने दिनों तक आप ने फोन नहीं किया? और न ही कोई संदेश?’’

‘‘हां, जी तो कर रहा था कि आज भी न आऊं,’’ वरुण मुसकराया.

‘‘तो फिर क्यों आ गए?’’ निशा ने सरलता से पूछा.

‘‘कशिश, मैडम, कशिश,’’ वरुण ने गहरी सांस ले कर कहा, ‘‘शुद्ध, शतप्रतिशत शुद्ध कशिश.’’

‘‘ओह,’’ निशा ने आंखें मटका कर पूछा, ‘‘तो क्या कशिश का भी कोई अनुपात होता है?’’

‘‘होता है,’’ वरुण ने दिल पर हाथ रख कर कहा, ‘‘शादी के बाद पूरी तफसील के साथ बताऊंगा. अभी तो यह बताओ, कौन सी फिल्म देखनी है?’’

‘‘जिस में भी टिकट मिल जाए.’’ निशा ने उत्तर दिया.

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‘‘अब दिल्ली में इतने सारे सिनेमाघर हैं, कहांकहां देखेंगे?’’ वरुण ने पूछा, ‘‘क्या अंगरेजी सिनेमा देखती हो?’’

‘‘कभीकभी,’’ निशा ने कहा, ‘‘वैसे मुझे शौक नहीं है.’’

‘‘अंगरेजी फिल्म के टिकट तो जरूर मिल जाएंगे,’’ वरुण ने उत्साह से पूछा, ‘‘तुम ने ‘बेसिक इंस्ंिटक्ट’ और ‘इन्डीसैंट प्रपोजल’ देखी है?’’

‘‘नहीं,’’ निशा ने सिहर कर कहा, ‘‘ये तो नाम से ही गंदी फिल्में लगती

हैं. क्या आप ऐसी फिल्में देखना पसंद करते हैं?’’

‘‘अरे, जैसा नाम वैसी फिल्में नहीं हैं,’’ वरुण ने निराशा से कहा, ‘‘देखोगी तो अच्छी लगेंगी.’’

‘‘ना बाबा ना,’’ निशा ने मुंह पर हाथ रखते हुए कहा, ‘‘मां को पता लग गया तो खा जाएंगी.’’

चिढ़ कर वरुण ने कहा, ‘‘तुम्हारी मां तो मुझे नरभक्षी लगती हैं. क्या तुम्हें थोड़ाथोड़ा रोज खाती हैं? कैसी मां हैं तुम्हारी?’’ निशा को मां की बुराई अच्छी नहीं लगी, पर इस पर लड़ाई करना भी ठीक नहीं था. आखिर मां का नाम भी तो उसी ने ले लिया था.

‘‘मां बहुत अच्छी हैं,’’ निशा ने गंभीरता से कहा, ‘‘सही मार्गदर्शन करती हैं. मेरी मां तो एक संपूर्ण स्कूल हैं.’’

व्यग्ंय से वरुण ने कहा, ‘‘वह तो सामने आ रहा है. वैसे हम फिल्म की बात कर रहे थे.’’

निशा ने सोच कर कहा, ‘‘चलो ‘बेबीज डे आउट’ देखते हैं. सुना है बहुत अच्छी है. उस डायरैक्टर की मैं ने ‘होम अलोन’ देखी थी, बहुत मजेदार थी.’’

वरुण समझ गया कि अंगरेजी फिल्मों के बारे में निशा से टक्कर नहीं ले सकेगा. वैसे अच्छा भी लगा. कुछ गर्व भी हुआ. पत्नी अच्छी अंगरेजी बोलती हो, अंगरेजी सिनेमा भी देखती हो और पाश्चात्य संगीत में रुचि रखती हो तो पति का स्तर बढ़़ जाता है.

‘‘चलो छोड़ो फिल्मविल्म,’’ वरुण ने कहा, ‘‘थोड़ा घूमते हैं और फिर बैठेंगे किसी रेस्तरां में. क्या कहती हो?’’

‘‘जैसी आप की मरजी,’’ निशा ने मासूमियत से कहा, ‘‘मां ने कहा था कि धूप में ज्यादा मत घूमना.’’

‘‘रंग काला पड़ जाएगा,’’ वरुण ने चिढ़ कर कहा, ‘‘मां की सारी हिदायतें क्या टेप में भर ली हैं?’’

निशा हंस पड़ी, ‘‘ऐसा ही समझ लो.’’

‘‘तो अगली बार मां को साथ मत लाना. शादी तुम से कर रहा हूं, तुम्हारी मां से नहीं,’’ वरुण ने क्रोध से कहा. निशा को अच्छा नहीं लगा लेकिन अपने ऊपर नियंत्रण कर के बोली,‘‘आप को मेरी मां के लिए ऐसा नहीं कहना चाहिए. आखिर वे आप की सास हैं. मां के बराबर हैं.’’ वरुण को भी एहसास हुआ कि शायद उस के स्वर में कुछ अधिक तीखापन था. बोला, ‘‘मुझे खेद है. क्षमा कर दो.’  निशा की मुसकराहट में क्षमा छिपी थी. यही इस का उत्तर था. अपराधभावना से ग्रस्त वरुण ने सोचा कोई निदान करना चाहिए. अगर निशा को कोई भेंट दे तो वह खुश हो जाएगी. भुने चनों की पुडि़या हाथों में ले कर घूमते हुए वरुण एक दुकान के सामने रुक गया. बड़ा सुंदर सलवारसूट एक डमी मौडल, आतेजाते सब का ध्यान आकर्षित कर रही थी.

‘‘यह सूट तुम्हारे ऊपर बहुत अच्छा लगेगा,’’ वरुण ने पूछा, ‘‘क्या खयाल है?’’

‘‘खयाल तो अच्छा है,’’ निशा की आंखोें में चमक आई पर लुप्त हो गई,  ‘‘पर…’’

‘‘पर क्या?’’ वरुण ने आश्चर्य में पूछा और शौर्य प्रदर्शन करते हुए कहा, ‘‘दाम की तरफ मत देखो.’’

निशा ने अब देखा. मूल्य था 1,750 रुपए.

‘‘दाम तो ज्यादा है ही,’’ निशा ने झिझकते हुए कहा, ‘‘पर इस का गला ठीक नहीं है.’’

अब वरुण ने देखा, कुरते का गला आगे से नीचे कटा हुआ था.

‘‘तो क्या हुआ,’’ वरुण ने बहादुरी से कहा, ‘‘मेरी पसंद है, तुम मेरे लिए पहनोगी.’’

‘‘नहीं,’’ निशा ने दृढ़ता से कहा, ‘‘मां पहनने नहीं देंगी. इस मामले में बहुत सख्त हैं.’’

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किसकी मां, किसका बाप: भाग 1- ससुराल में कैसे हुआ वरुण का स्वागत ?

मां बाप अकसर इस कहावत ‘आ बैल मुझे मार’ के शिकार हो जाते हैं. पहले तो मुसीबत को बड़े जोश से निमंत्रण देते हैं और फिर परेशान हो कर सिर पटकते हैं. दूरदर्शिता तो दूरदर्शन पर भी नहीं दिखाई देती जो एक आम आदमी के जीवन का अहम हिस्सा बन गई है. अब निशा और वरुण की सगाई तो दोनों के मांबापों ने जल्दबाजी में न केवल कर दी बल्कि अच्छी तरह से ढोल बजा कर की. सारे रिश्तेदारों और महल्ले वालों को मालूम है, यहां तक कि पान वाले और बनिए को भी, जिस के यहां से घर का सामान आता है, मालूम है. नौकरानी रोज अपनी मांगें बढ़ाती जाती है. एक नहीं, 3 साडि़यां, वेतन दोगुना और नेग अलग. जानते हुए भी सब लोग पूछते रहते हैं कि शादी कब हो रही है? शादी के सिवा सब विषयों पर पूर्णविराम लग गया है. मुश्किल यह है कि शादी होने में अभी  7 महीने बाकी हैं. 1-2 महीने तो यों ही गुजर जाते हैं, पर 7 महीने? परिवार वाले तो जब कभी इकट्ठा बैठते हैं, खोखली योजनाओं पर बहस कर लेते हैं. वैसे, होगा तो वही जो होना है, पर 7 महीने का विकराल अंतराल 7 साल सा लगता है. सगाई के साथ ही शादी क्यों न कर दी?

चलिए परिवार वालों को छोडि़ए. किसी ने निशा और वरुण के बारे में भी सोचा है? रोज मिलें और प्रेमवाटिका में विचरण करें तो मुश्किल और कई दिनों तक न मिलें तो विरह के मारे बुरा हाल. सब से बड़ी मुश्किल तो इन लोगों की है. जब सगाई हो जाए और मिलने न दें तो यह परिवार का सरासर अन्याय ही कहा जाएगा. दूसरी ओर मिलने की गति और अवधि दिन पर दिन बढ़ती जाए तो मांबाप का चिंतित होना स्वाभाविक है. विशेषकर लड़की के मांबाप का. बुरा जमाना है, पैर फिसलते देर नहीं लगती. कोई ऊंचनीच हो गई तो जगहंसाई तो होगी ही, मुंह दिखाने योग्य भी न रहेंगे. कहीं रिश्ता तोड़ने की नौबत आ गई तो लड़की तो बस गई काम से. दूसरा कौन पकड़ेगा हाथ?

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सगाई के कुछ दिन बाद ही ससुराल से वरुण के लिए दोपहर के भोजन का निमंत्रण आ गया. सासससुर को तो दामाद की खातिरदारी करने का चाव था ही, निशा के बदन में भी वरुण का नाम सुनते ही गुदगुदी होने लगी. वह बारबार घड़ी को देखती. मरी 1 घंटे में भी 1 मिनट ही आगे खिसकती है. वरुण की हालत भी कम खराब नहीं थी. ससुराल जाने लायक कोई कपड़ा समझ में नहीं आ रहा था. अगर सगाई में मिले कपड़े पहनेगा तो सब यही समझेंगे कि बेचारे के पास अपने कोई कपड़े नहीं हैं. अगर अपने पुराने कपड़े पहनेगा तो लगेगा कि जनाब की हालत खस्ता है. अपनी जींस और चैक वाली लालनीली कमीज में लगता तो स्मार्ट है, पर इन कपड़ों में उस का फोटो खिंच चुका है और इस फोटो की एक कौपी ससुराल में बतौर इश्तिहार के पहले ही भेजी जा चुकी है. जहां तक वरुण का अनुमान है, यह फोटो ससुराल के ड्राइंगरूम में बहुत सारे चांद लगा रही है.

हठ कर के मां के गुल्लक में से रुपए निकाले और कुछ अपने जोड़े. बहन की शरारतभरी हंसी से चिढ़ा तो, पर उसे डांट कर चुप कर दिया और नई जींस, कमीज, टौप की जैकेट व गला कसने के लिए एक बहुरंगा स्कार्फ ले आया. काला चश्मा तो उस के पास था. जब आईने में देखा तो आंखों में चमक आ गई. सामने वरुण नहीं, दिलीप कुमार, देव आनंद, आमिर खान, शाहरुख और सैफ अली खान, सब मिला कर एक अनूठा व्यक्तित्व वाला जवां मर्द खड़ा था.

जब चलने लगा तो मां ने कहा, ‘‘बेटा, जल्दी आ जाना. ससुराल में ज्यादा देर बैठने से इज्जत कम हो जाती है. अपना सम्मान अपने हाथ में है.’’

पिता ने चुटकी ली, ‘‘मेरा उदाहरण ले सपूत. जानता है न मेरा सम्मान कितना करते हैं तेरे मामा लोग?’’

यह मां के लिए बड़ा दुखदायी विषय था. जब से मामियां आई हैं कोई उसे बुलाता तक नहीं है और अब तो यह बात जूते की तरह घिस गई है. शरारती बहन बोली तो कुछ नहीं, बस, सुगंधित परफ्यूम पेश कर दिया. परफ्यूम का नाम था ‘फेटल अट्रैक्शन’ यानी घातक आकर्षण. चुलबुली इतनी है कि गंभीर से गंभीर चेहरा भी खिल जाए. वरुण ने पहले तो घूर कर देखा और फिर मुसकरा कर प्यार से चपत मारने के लिए हाथ उठाया. बहन भाग कर मां के पल्लू में छिप गई. मां की ढाल के आगे सारी तलवारें कुंद हो जाती हैं. सब हंस पड़े, वरुण भी. लगता था कि सब दरवाजे से चिपके खड़े थे. वरुण ने घंटी के बटन पर उंगली रखी ही थी कि दरवाजा अलीबाबा के ‘खुल जा सिमसिम’ की तरह चर्रचूं करता हुआ खुल गया. सब के चेहरे इतने नजदीक कि नाक से नाक भिड़ जाती अगर वरुण चौंक कर पीछे न हट जाता.

‘‘नमस्कार जीजाजी,’’ एक सामूहिक स्वर जिस में 2 साले और 1 साली की आवाजें शामिल थी. एक साला उधार का था. छुट्टियों में गुलछर्रे उड़ाने के लिए चाची ने भेज दिया था.

‘‘आप लोगों ने तो मुझे डरा ही दिया,’’ वरुण ने झेंपते हुए कहा.

‘‘यह तो सिर्फ नमूना है जीजाजी,’’ शिवानी ने आंखें मिचकाते हुए कहा, ‘‘आगेआगे देखिए होता है क्या.’’

‘‘आगे क्या होगा?’’ वरुण ने पूछा.

‘‘आप दीदी से डर जाएंगे,’’ शिवानी ने उत्तर दिया.

‘‘भला क्यों?’’ वरुण ने आश्चर्य से पूछा.

‘‘जब से आप से रूबरू हुई हैं, उन के 2 सींग निकल आए हैं,’’ शिवानी ने निहायत गंभीरता से कहा, ‘‘आंखें फूल कर बजरबट्टू हो गई हैं, कान हाथी के से बड़े हो कर फड़फड़ा रहे हैं और नाक कंधारी अनार की तरह फूल गई है. दांत…’’

वरुण वापस मुड़ा, मानो जा रहा हो.

‘‘अरेअरे, कहां जा रहे हैं?’’ शिवानी ने पूछा.

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‘‘लगता है मैं गलती से किसी अजायबघर आ गया हूं,’’ वरुण ने गंभीरता से कहा, ‘‘क्या गोपालदासजी घर छोड़ कर चले गए हैं?’’

मां ने पीछे से हंसते हुए आवाज लगाई, ‘‘अरे, अब अंदर आने भी दोगे या बाहर से ही भगा दोगे? आओ बेटे, ये लोग तो बड़े शरारती हैं. बुरा मत मानना. टीवी देखदेख कर सब बिगड़ गए हैं.’’ सब ने सिर झुका कर सलाम किया और वरुण के लिए रास्ता बनाया. बैठते ही सास ने फ्रिज में से शीतल पेय की बोतल निकाल कर पेश कर दी. निशा कमरे के अंदर से परदे की दरार में से झांक रही थी और वरुण की रूपरेखा दिल में उतार रही थी. बड़ा बांका लग रहा था.

इतने में शिवानी पास आ कर फुसफुसाई, ‘‘बड़े स्मार्ट लग रहे हैं जीजाजी, बिलकुल चार्ली चैपलिन की तरह. पूछ तो सही, कपड़े जामा मसजिद की कौन सी दुकान से लाए हैं?’’

‘‘चल हट,’’ निशा ने झिड़क कर कहा, ‘‘तू ही पूछ ले.’’

फिर निशा ने भी अधिक शरमाने में भलाई नहीं समझी. उस का जी भी तो वरुण के पास बैठने को मचल रहा था. मां तो समझती ही नहीं, पर फिर भी…

जब धीरेधीरे खुली खिड़की से आती खुशबूदार हवा की तरह उस ने कमरे में प्रवेश किया तो वरुण की आंखें मानो उस पर चिपक गईं. फालसई रंग का सलवारकुरता उस पर अच्छा खिल रहा था. सांवला रंग फीका पड़ गया था और वरुण को वह आशा के विपरीत अधिक साफसुथरी नजर आ रही थी. अलग अकेले में बात करने को मन करने लगा. शिवानी ने उठते हुए वरुण के पास निशा के लिए जगह बना दी.

सास मुंह बना कर अंदर रसोई में चली गईं. ससुर 1-2 औपचारिक बातें करने के बाद अपने कमरे में चले गए. शिवानी मां की मदद करने के लिए रसोई में गई और दोनों साले बाजार से कुछ लाने को भेज दिए गए.

इस तरह मैदान खाली कर दिया गया.

निशा शरमा कर नीचे देख रही थी. वरुण उस के चेहरे पर आंखें गड़ाए था. यही तो है न वह.

वरुण ने गहरी सांस ले कर आहिस्ते से कहा, ‘‘बहुत सुंदर लग रही हो.’’

निशा ने मुसकरा कर मासूमियत से कहा, ‘‘हां, मां भी यही कहती हैं.’’

वरुण शरारत से हंसा, ‘‘ओह, तो मां का प्रमाणपत्र पहले ही मिल चुका है. यह अधिकार तो मेरा था.’’

निशा भी हंसी, ‘‘आप ने तो कुछ खाया ही नहीं. लीजिए, रसमलाई खाइए.’’

‘‘तुम ने बनाई है?’’ वरुण ने पूछा.

‘‘नहीं,’’ निशा ने कहा, ‘‘बाजार से मंगाई है. बहुत मशहूर दुकान की है.’’

‘‘तुम ने क्या बनाया है?’’ वरुण ने हंस कर कहा, ‘‘वही खिलाओ.’’

‘‘कुछ नहीं,’’ निशा ने सादगी से कहा, ‘‘मां ने कुछ बनाने नहीं दिया.’’

‘‘क्यों?’’ वरुण ने आश्चर्य से पूछा.

‘‘मां ने कहा कि अगर अच्छा नहीं बना तो,’’ निशा ने मुसकरा कर कहा, ‘‘और आप को भी अच्छा नहीं लगा तो आप हमेशा वही याद रखेंगे.’’

‘‘मां तो बहुत समझदार हैं,’’ वरुण के स्वर में हलका सा व्यंग्य था, ‘‘पर उस दिन तो तुम ने हम लोगों का मन जीत लिया था.’’

‘‘दरअसल उस दिन अधिक व्यंजन तो मां ने ही बनाए थे. मैं ने तो उन की मदद की थी,’’ निशा की हंसी में रबड़ी की खुशबू थी.

‘‘पर कुछ तो बनाया होगा?’’ वरुण ने अपना प्रश्न दोहराया.

‘‘दहीबड़े बनाए थे,’’ निशा ने संकोच से कहा, ‘‘पर वे इतने सख्त थे कि मां ने नौकरानी को दे दिए.’’

आगे पढ़ें- वरुण के जाने के बाद मांबाप का बहुत झगड़ा हुआ….

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REVIEW: जानें कैसी है Ayushman Khurana की फिल्म Chandigarh Kare Aashiqui

रेटिंगः साढ़े तीन स्टार

निर्माताः टीसीरीज

निर्देशकः अभिषेक कपूर

लेखकः सुपार्तिक सेन व तुशार परांजपे

कलाकारः आयुष्मान खुराना, वाणी कपूर,कंवलजीत सिंह,अंजन श्रीवास्तव,गौतम शर्मा,गौरव शर्मा,तान्या ओबेरॉय,गिरीश धमीजा व अन्य

अवधिः एक घंटा 57 मिनट

आयुष्मान खुराना लगातार लीक से हटकर उन विषयों पर आधारित फिल्मों में अभिनय करते जा रहे हैं,जिन विषयों या मुद्दों पर लोग बातचीत करने से परहेज करते हैं. अब वह ट्रांस ओमन सेक्स आपरेशन करवाकर पुरूष से स्त्री बन रहे हैं,उन्हें इंसान समझने व उन्हे सम्मान देने की बात करने वाली फिल्म ‘‘चंडीगढ़ करे आशिकी’’ में नजर आ रहे हैं,जो कि दस दिसंबर से देश के सिनेमाघरों में रिलीज हुई है.

कहानीः

कहानी के केंद्र में चंडीगढ़ में जिम के मालिक,बॉडी बिल्डर, फिटनेस प्रेमी तथा अपने शहर का गबरू जवान का खिताब जीतने के लिए हर वर्ष प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले मनविंदर मंुजाल उर्फ मनु ( आयुष्मान खुराना ) के इर्द गिर्द घूमती है. मनु को शादी व्याह व लड़कियों में कोई रूचि नही है. मनु हर वर्ष प्रतियोगिता हारते रहते हैं. तो वहीं उनके अथक प्रयासों के बावजूद उनका जिम घाटे में ही रहता है. एक दिन मनु अपने जिम में बतौर जुम्बा नृत्य प्रशिक्षक मानवी ब्रार ( वाणी कपूर ) को शामिल करते हैं.  फिर सब कुछ बदल जाता है. जिम फायदे में पहुंच जाता है. मानवी खूबसूरत और आकर्षक लड़की है. लेकिन मानवी का अपना अतीत है. मानवी ब्रार कभी लड़का थी. पर उसे अपने अंदर स्त्रीत्व के ही भाव व लक्षणों का अहसास होता था. अपने आपको एक पूर्ण इंसान बनाने के लिए वह अपना ‘सेक्स चेंज आपरेशन’ करवाकर खूबसूरत लड़की मानवी बन जाती है. अब उसे एक स्त्री होने पर गर्व है. जबकि समाज और उसके परिवार के लोग उसे बहिस्कृत कर देते हैं. इसी वजह से वह अंबाला छोड़कर चंडीगढ़ आ जाती है और मनु के जिम में जुम्बा नृत्य प्रशिक्षक बन जाती है.

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इधर मनु और मानवी के बीच रोमांस शुरू हो जाता है. मनु की बहने,पिता व दादा सोचते हैं कि अब जल्द ही मनु व मानवी की शादी हो सकती है. उधर  मनु और मानवी के बीच सेक्स शारीरिक संबंध बनते हैं और वह इसे काफी इंज्वॉय करता है. एक दिन मानवी हिम्मत जुटाकर अपने अतीत के बारे में मनु को बता देती है. मानवी कभी लड़का थी,यह जानकर मनु को खुद से ही घृणा हो जाती है. मनु के सिर से मानवी के प्यार का भूत उतर जाता है. वह मानवी से संबंध खत्म कर लेता है. फिर कई घटनाक्रम तेजी से बदलते हैं. मानवी को उसके परिवार के सदस्यों के साथ साथ मनु व मनु के परिवार के सदस्य भी स्वीकार कर लेते हैं.

लेखन व निर्देशनः

निर्देशक अभिषेक कपूर ने मानवीय पहलुओं का चित्रण करने के साथ ही हल्के फुल्के ह्यूमरस परिस्थितियों को भी खूबसूरती से गढ़ा है. उन्होने हार्ड हीटिंग विषय को बड़ी गंभीरता,संजीदगी व परिपक्वता के साथ पेश किया है. फिल्म की शुरूआत काफी हल्की फुल्की है. इंटरवल तक फिल्म बड़े ही खुशनुमा माहौल में आगे बढ़ती है,मगर इंटरवल के बाद फिल्म गंभीर हो जाती है. लेखकद्वय ने बड़ी खूबसूरती से इस बात को रेखांकित है कि हर इंसान अपनी जिंदगी को अपने अंदाज में जीने के लिए स्वतंत्र है. हर इंसान   यह तय करने के लिए स्वतंत्र है कि वह कौन है और क्या रहना चाहता है. फिल्म इस बात को साफ तौर पर कहती है कि बच्चे मां बाप की जागीर नही होते. फिल्म के अधिकांश संवाद पंजाबी भाषा में हैं. फिल्म में सेक्स से ही बात शुरू और सेक्स पर ही खत्म होती है. फिल्म में कई सेक्स व संभोग दृश्य हैं,जिन्हे देखकर इसे साफ्ट पॉर्न फिल्म भी कह सकते हैं. इस फिल्म को देखने के बाद कुछ लोग संेसर बोर्ड पर सवाल उठा सकते हैं कि सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को ‘ए’ प्रमाणपत्र देने की बजाय क्या सोचकर ‘यूए’ प्रमाणपत्र दिया है. इतना ही नही कुछ लोगों को बहनों द्वारा सेक्स को लेकर अपने भाई के साथ की गयी बातचीत भी पसंद नही आने वाली है.

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अभिनयः

मनविंदर मुंजाल उर्फ मनु के किरदार को आयुष्मान खुराना ने अपने अभिनय से जीवंत किया है. उन्होने खुद को ‘चंडीगढ़ ब्वॉय’के रूप में बदला है. मानवी ब्रार के किरदार में वाणी कपूर ने अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ अभिनय किया है. फिल्म में वाणी कपूर और आयुष्मान खुराना की केमिस्ट्री लाजवाब है. अन्य कलाकार ठीकठाक हैं.

TMKOC: Jethalal की बेटी बनेगी दुल्हनिया, दयाबेन भी होंगी शामिल!

तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो दर्शकों के बीच छाया रहता है. वहीं इसके किरदार का नाम फैंस के जबान पर रहता है, जिसके चलते फैंस उनसे जुड़ी खबरें जानने के लिए बेताब रहते हैं. इसी बीच खबरे हैं कि जेठालाल यानी दिलीप जोशी की बेटी नियति की शादी होने वाली है, जिसके चलते सोशलमीडिया पर फोटोज वायरल हो गई हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

बेटी की शादी का किया बड़ा आयोजन

दरअसल, खबरों की मानें तो दिलीप जोशी की बेटी नियती की शादी मुंबई के फेमस ताज होटल में 11 दिसंबर को होने वाली है. जिसके चलते दिलीप जोशी तैयारियों में जुटे हुए नजर आ रहे हैं. वहीं दिलीप जोशी ने शादी का न्योता अपने शो की पूरी टीम को दे दिया है. वहीं इसमें दयाबेन के रोल में नजर आ चुकी दिशा वकानी और शो के प्रौड्यूसर असित मोदी का भी नाम शामिल है. हालांकि कहा जा रहा है कि दिशा वकानी शादी में शामिल नहीं होंगे. लेकिन वह दिलीप और उनकी बेटी से घर पर जाकर मिलेंगी.

 

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मेहंदी में जमकर नाचे जेठालाल

 

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दूसरी तरफ सोशलमीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही हैं, जिसमें दिलीप जोशी ढोल बजाते हुए डांस करते नजर आ रहे हैं. वहीं इसमें उनका साथ दोस्त देते नजर आ रहे हैं. हालांकि इस वीडियो में दिलीप जोशी की खुशी देखने लायक है.

जेठालाल के रोल से जीत रहे फैंस का दिल

 

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बात करें दिलीप जोशी कई बौलीवुड फिल्मों में काम कर चुके हैं. लेकिन फैंस उन्हें जेठालाल के रुप में जानना पसंद करते हैं. वहीं उनकी दयाबेन यानी दिशा वकानी के साथ कैमेस्ट्री को लेकर सभी कायल हैं. इसी के चलते सोशलमीडिया पर अक्सर उनके किरदार जेठालाल से जुड़े हुए मीम्स वायरल होते रहते हैं.

 

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शादी के बंधन में बंधे Katrina Kaif और Vicky Kaushal, Royal Wedding की फोटोज हुई वायरल

हिंदी सिनेमा की अभिनेत्री कैटरिना कैफ और अभिनेता विक्की कौशल 9 दिसम्बर 2021 को राजस्थान के सवाई माधोपुर स्थित सिक्स सेंसस बरवाड़ा फोर्ट में परिणय सूत्र में बंध गए. ये एक रॉयल थीम में की गई शादी है, जिसमें कैटरिना डोली में और विक्की सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर शादी के मंडप पहुंचे. खबरों की मानें तो,कपल दो रीति-रिवाज के अनुसार एक साथ अपने जीवन की शुरुआत करने जा रहे है.

शांत, हंसमुख विक्की और कैट एक दूसरे को दो साल से डेट कर रहे थे, लेकिन इसकी भनक कभी नहीं लगी. कई बार मिडिया को इसकी भनक लगी और इसकी सच्चाई जानने की कोशिश करने पर भी दोनों ने इस राज को दबाये रखा और हंसकर टाल दिया. दोनों के नजदीकियां लॉकडाउन के दौरान बढ़ी और दोनों बॉलीवुड की विवाहित कपल की श्रेणी में शामिल हो चुके है.

 

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एक इंटरव्यू में विकी कौशल ने कहा था कि जब उन्हें कोई प्यार करने वाला सच्चा साथी मिलेगा, तभी वह डेट और शादी करेगा. कैटरिना कैफ से भी उनकी शादी के बारें में पूछे जाने पर उसने जोर से हँसते हुए कहा था कि अभी मैं शादी तक सिंगल हूँ और जब शादी करुँगी, सबको सूचित भी करुँगी, इसलिए सभी प्रशंसक को इंतजार करना पड़ेगा. बात सही थी अभिनेत्री ने बहुत ही धूमधाम से शाही अंदाज में शादी की. कैटरिना कैफ की शादी की ऑउटफिट फेमस सेलेब्रिटी डिजाइनर सब्यसाची ने किया है.

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दोनों परिवारों के सदस्यों और करीबी दोस्तों के साथ मेहंदी औरसंगीत खास बनाने के लिए नेहा कक्कड़, हार्डी संधू, रोहनप्रीत आदि भी शामिल हुए. सूत्रों की माने तो इस शादी में 120 मेहमान शामिल हुए, जिसमे अधिकतर सेलेब्रिटी ही रहे,सभी ने पति-पत्नी को दिल से आशीर्वाद दिया. कैटरीना कैफ ने पारंपरिक उत्तर भारतीय दुल्हन की तरह नजर आई उन्होंने अपनी शादी के लिए पिंक कलर का खूबसूरत लहंगा पहना था, जिसमें शानदार एंब्रॉयडरी की गई थी, इसके साथ कैटरीना कैफ के बालों में गजरा सजा हुआ था, उन्होंने अपने लहंगे को चूड़ा, नथ, मांग टीका समेत पूरे सोलह श्रृंगार के साथ विवाह किया.

 

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कैटरीना कैफ और विक्की कौशल शादी के बाद दोनों फिल्मों के सेट पर वापस लौटेंगे. प्रोजेक्ट्स पूरे करने के बाद कैटरीना कैफ और विक्की कौशल मालदीव्स हनीमून मनाने जाएंगे. हनीमून के बाद कैटरीना कैफ और विक्की कौशल फिर से अपने प्रोफेशनल लाइफ में बिजी हो जाएंगे.

कैटरीना जहाँ हिंदी फिल्म जगत की पॉपुलर एक्ट्रेस की श्रेणी में जानी जाती है. वहीं व‍िक्‍की कौशल इंडस्‍ट्री के उभरते नाम है, उन्होंने मसान, उरी व शहीद उधम स‍िंह जैसी फ‍िल्‍मों से खुद को सिद्ध किया है.

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