Children’s Day पर बच्चों के लिए बनाएं ये टेस्टी डिशेज

14 नवम्बर अर्थात हमारे प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू जी का जन्म दिवस. उन्हें बच्चे प्यार से चाचा नेहरू कहते थे इसीलिए इस दिन को हमारे देश में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. तो क्यों न इस दिन बच्चों की पसन्द का कुछ खास बनाकर उन्हें और उनके दोस्तों को स्पेशल फील कराया जाए. तो आइए आज बनाते हैं कुछ ऐसी ही आसान और घर में उपलब्ध सामान से ही बनने वाली कुछ रेसिपीज ….

-चायनीज फ्राइड राइस

कितने लोगों के लिए           6

बनने में लगने वाला समय      30 मिनट

मील टाइप                          वेज

सामग्री

पके चावल                    2 कप

बारीक कटा पत्ता गोभी     1/2 कप

बारीक कटी शिमला मिर्च     1/2 कप

बारीक कटी गाजर               1/2 कप

बारीक कटा हरा प्याज           1 कप

तेल                                      1टेबल स्पून

नमक                               स्वादानुसार

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सोया सॉस                            1/2 टीस्पून

वेनेगर                                  1/2 टीस्पून

ग्रीन चिली सॉस                     1/2 टीस्पून

रेड चिली सॉस                      1/2 टीस्पून

चिली फ्लैक्स                        1/2 टीस्पून

विधि

गर्म तेल में सभी सब्जियां और नमक डालकर तेज आंच पर पकाएं. जब सब्जियां हल्की सी नम हो जाएं तो पके चावल, सोया सॉस, चिली सॉस व वेनेगर डालकर चलाएं. 2-3 मिनट चलाकर गैस बंद कर दें. तैयार फ्राइड राइस को सर्विंग डिश में डालकर बच्चों को सर्व करें.

-पालक रैप्स

कितने लोंगों के लिए            6

बनने में लगने वाला समय     30 मिनट

मील टाइप                         वेज

सामग्री

पालक की प्यूरी                  1/2 कप

गेहूं का आटा                      1 कप

नमक                                1/4 टीस्पून

अदरक हरी मिर्च पेस्ट          1/4 टीस्पून

सामग्री(भरावन की)

मसला पनीर                      1 कप

कटी हरी मिर्च                     2

कटा हरा धनिया                 1 टीस्पून

बारीक कटा प्याज।            1

टमाटर स्लाइस                  6

गरम मसाला पाउडर         1/4 टीस्पून

चाट मसाला।                   1/2 टीस्पून

टोमेटो सॉस                      1टेबल स्पून

पुदीने की चटनी                1 टीस्पून

सेकने के लिए तेल

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विधि

आटे में पालक प्यूरी, नमक और कटी हरी मिर्च मिलाकर रोटी जैसा गूंद लें. पुदीने की चटनी और टोमेटो सॉस को छोड़कर भरावन की समस्त सामग्री को एक साथ मिलाएं. तैयार आटे से 6 परांठे सेक लें. ध्यान रखें कि यह परांठे तेज आंच पर सेकने हैं ताकि नरम रहें. इसी प्रकार सारे परांठे तैयार करें.अब परांठे पर पुदीने की चटनी लगाकर 1 चम्मच भरावन फैलायें, भरावन के ऊपर टोमेटो सॉस की परत लगाएं. अब इसे रोल करके रैप बनाएं. टिश्यू पेपर लगाकर टोमेटो सॉस के साथ सर्व करें.

-वनीला रसगुल्ले

कितने लोगों के लिए               6

बनने में लगने वाला समय        20 मिनट

मील टाइप                             वेज

सामग्री

सफेद रसगुल्ले                 6

वनीला आइसक्रीम           6 स्कूप

चॉकलेट सॉस                 1 टेबलस्पून

चॉकलेट चिप्स                 1 टीस्पून

बारीक कटे अखरोट         1 टीस्पून

विधि

आइसक्रीम को फ्रीजर में से निकालकर फ्रिज में रख दें ताकि वह हल्की सी मेल्ट हो जाये. रसगुल्लों की चाशनी निचोड़ दें. अब इन रसगुल्लों को वनीला आइसक्रीम में डाल दें. ऊपर से चॉकलेट सॉस, चॉकलेट चिप्स और कटे अखरोट डालकर सर्व करें.

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इन जगहों पर संभल कर जाएं नहीं तो..

भारत के हर कोने में प्राकृतिक सौंदर्य का खजाना है जो यात्रियों का मनमोह लेता है लेकिन यहां कि कई जगहें ऐसी हैं जहां पर जाने से पहले एक बार सोच लेना ही बेहतर है. भारत की खूबसूरती देसी-विदेशी पर्यटकों को ये जगह खूब लुभाती है और हर रोज हजारों की तादाद में विदेशी पर्यटक यहां घूमने आते हैं.

फुगताल मोनेस्ट्री, लद्दाख

इसे फुगताल गोस्पा के नाम से भी जाना जाता है. ऊंची खड़ी पहाड़ी के एक तरफ बनी हुई इस मोनेस्ट्री पर बाहरी लोगों का पहुंचना खतरे से खाली नहीं.

दमस बीच, गुजरात

गुजरात के समुद्री तट पर स्थ‍ित दमस बीच जिसे लोग डुमस बीच भी कहते हैं अपनी रहस्‍यमयी पहचान के लिए पर्यटकों के बीच चर्चा का विषय बना रहता है. यहां के स्थानीय लोगों के अनुसार इस बीच पर रूहों का बसेरा है और सूर्य अस्त होने के बाद यहां पर चीखने-चिल्लाने की आवाजें सुनाई देती हैं.

अकसई चिन, जम्‍मू-कश्‍मीर

अक्साई चिन या अक्सेचिन चीन, पाकिस्तान और भारत की सीमा पर स्थित तिब्बती पठार के उत्तरपश्चिम में स्थित एक विवादित क्षेत्र है. यह कुनलुन पर्वतों के ठीक नीचे स्थित है. किसी खूबसूरती आपको यहां जाने पर मजबूर कर देगी लेकिन क्‍या आप जानते हैं यह दुनिया की सबसे खतरनाक जगहों में से एक है.

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द्रास, लद्दाख

इसको लद्दाख का द्वार भी कहते है. यह दुनिया की दूसरी सबसे ठंडी जगह है और इसी के साथ यह आतंकवाद प्रभावित क्षेत्र भी है. यहां अगर आप आतंकियों की गोलियों से बच गए तो ठंड से बचना मुश्किल है.

चंबल घाटी, मध्‍यप्रदेश

चंबल घाटी अपने खौफनाक इतिहास के लिए जानी जाती है क्‍योंकि एक जमाने में यहां पर डाकुओं का राज था और कहा जाता है कि अभी भी यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए सुरक्षित नहीं है.

खरदुंग ला, लद्दाख

खरदुंग ला दुनिया की सबसे ऊंची रोड है. यहां पर सीधी चमकती धूप, तेज हवा और कम ऑक्सीजन अधिकतर लोगों को यहां से जल्द ही वापस लौटने पर मजबूर कर देती हैं.

मानस नेशनल पार्क, असम

मानस नेशनल पार्क असम का एक प्रसिद्ध पार्क है. इसे यूनेस्को नेचुरल वर्ल्ड हेरिटेज साइट के साथ-साथ प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्व, बायोस्फियर रिजर्व और एलिफेंट रिजर्व घोषित किया गया है. इसकी सुंदरता में खो मत जाइएगा क्‍योंकि यहां पर बोडो उग्रवादियों का कब्‍जा है जो आपका स्‍वागत करने के लिए तैयार हैं.

निकोबार, आयलैंड

इस आयलैंड में समुद्री तट की खूबसूरती देखने के लिए पर्यटकों को प‍रमिशन की जरूरत होती है. यहां के जंगलों में आदिवासियों का कब्‍जा है इसलिए यहां जाने से पहले सारी जानकारी इकट्ठा कर लें.

फुलबानी, ओडिशा

भुवनेश्‍वर से 200 किलोमीटर दूर इस गांव का नैसर्गिक सौंदर्य आपको अपनी ओर खींचने के लिए काफी है लेकिन यहां जाना खतरे से खाली नहीं है. यहां पर भी माओवादी हर कोने पर फैले हुए हैं.

साइलेंट वैली, केरल

साइलैंट वैली राष्ट्रीय उद्यान उत्तरी केरल के पालक्काड जि‍ले के मन्नारकाड से 40 कि.मी. की दूरी पर स्थित है. पिछले कुछ समय से माओवादी हमलों के बाद इस जगह को पर्यटकों के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता है.

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बस्‍तर, छत्‍तीसगढ़

भारत का नियाग्रा फाल कहा जाने वाला चित्राकूट बस्‍मर में ही स्थित है लेकिन यहां पर फैला नक्‍सली आतंक पर्यटन के लिहाज से बहुत खतरनाक है.

तुरा, मेघालय

तुरा में फैला प्राकृतिक सौंदर्य देखते ही बनता है लेकिन यहां पर भी आतंक का खौफ फैला हुआ है.

बेरेन आयलैंड, अंडमान

अंडमान बंगाल की खाड़ी में स्थित भारत के अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह का उत्तरी भाग है. अंडमान के आंचल में मूंगे की दीवारों, साफ-स्वच्छ सागर तट, पुरानी यादों से जुड़े खंडहर और अनेक प्रकार की दुर्लभ वनस्पतियां मौजूद हैं और इसी के साथ यहां पर भारत का एक मात्र ज्‍वालामुखी भी है.

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सर्दियों में इन 10 Winter Beauty Tips से करें स्किन की देखभाल

Winter Beauty Tips in Hindi: इस आर्टिकल में हम आपके लिए लेकर आए हैं गृहशोभा की Top 10 Winter Beauty Tips in Hindi 2021. इन ब्यूटी टिप्स के साथ आप सर्दियों में अपने अपनी बेजान स्किन को और खूबसूरत बना सकते हैं.  इन Winter Beauty Tips से आप घर बैठे अपना प्रौफेशनल और होममेड टिप्स से स्किन की केयर कैसे करेंगे इस बारे में जानेंगे. अगर आपको भी है सर्दियों में खूबसूरत स्किन चाहिए तो इन टिप्स से करें Winter Beauty Care. अगर विंटर में भी लोगों की तारीफ पाना चाहते हैं तो यहां पढ़िए गृहशोभा की Winter Beauty Tips in Hindi.

1. 12 टिप्स: ऐसे करें सर्दी में पैरों की देखरेख

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हमारे भीतर की रोमांटिक भावनाओं के लिए ठंड के दिन बेहद सुहावने होते हैं और अकसर हम इस सीजन के और लंबा होने की कामना करते हैं. लेकिन सभी ठंड के दिनों में इतना अच्छा महसूस नहीं करते. खासतौर से वे लोग जिन्हें सर्दी से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं और त्वचा की ऐलर्जी आदि होती है. ठंड की रूखी और ठिठुराने वाली स्थिति खासतौर से त्वचा के लिए काफी कठोर साबित होती है. हमारे पैर भी ठंड के रूखेपन को झेलते हैं, इसलिए फटी एडि़यां, तलवों में जलन, पैरों में सूजन और खारिश जैसी दिक्कतें आम होती हैं.

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2. एक्सपर्ट्स से जानें कैसे करें सर्दी में स्किन की देखभाल

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सर्दियों का मौसम आते ही हमारी स्किन में रूखापन, खिंचाव होने लगता है और अगर इस समय स्किन की ठीक ढंग से देखभाल न की जाए तो स्किन सूख कर फटने लग जाती है. सर्दियों के मौसम से पहले हवा में ठंडक के साथ स्किन में आनेवाले रूखेपन को दूर करने के लिए क्रीमी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल और तेल मालिश बेहद फायदेमंद है. सुप्रसिद्ध कौस्मेटोलौज़िस्ट, ऐस्थिटीशियन व एल्पस कौस्मेटिक क्लीनिक की फांउडर डॉयरेक्टर भारती तनेजा के अनुसार इस मौसम में जैल बेस्ड फेस वॉश, क्रीम और मेकअप प्रोडक्ट की जगह क्रीमी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें. ये प्रोडक्ट्स स्किन पर एक सुरक्षित परत बनाकर सर्दी के दिनों में स्किन में नमी को बनाए रखते हैं.

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3. सर्दी में स्किनकेयर के नुस्खे

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मौसम बदलते ही मुलायम त्वचा भी केयर मांगती है. सर्दी के मौसम में तो स्किनकेयर एक सीरियस ब्यूटी क्राइसिस बन जाता है. ऐसे में कैसे करें स्किन की देखभाल, जानिए टिप्स.

अच्छी बारिश होने के बाद अब गरमी की तपन कुछ कम हो गई है. जल्दी ही सर्दी की ठंडक भी महसूस होने लगेगी. ठंड से बचाव के लिए आप को विशेष स्किनकेयर की जरूरत होगी. इसलिए सर्दी की शुरुआत से पहले ही अपनी त्वचा को इस के लिए तैयार कर लें.

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4. सर्दी में त्वचा मांगे मोर, इसलिए कुछ परंपरागत तरीकों को जानें

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तनाव भरी जीवनशैली एक महिला की सेहत और उस के सौंदर्य के लिए नुकसानदेह हो सकती है. आधुनिक और तेजी से दौड़ती जीवनशैली के प्रभाव को कम करने के लिए स्पा ट्रीटमैंट मनमस्तिष्क की शांति पाने और सेहतमंद बने रहने में मददगार हो सकता है. स्पा का मतलब होता है मसाज और प्राकृतिक सौंदर्य का मेल, जिस से मांसपेशियां खुलती हैं और त्वचा भीतर से दमक उठती है.

मौसम में होने वाले बदलाव भी सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं. सर्दी के महीनों में ठंडी हवाओं में नमी की कमी के कारण त्वचा रूखी होने लगती है. यह कड़ाके की सर्दी के महीनों में आम बात है, जब आप घर पर ज्यादा समय बिताती हैं. ऐसे में घर के भीतर की ऊष्मा त्वचा की प्राकृतिक नमी को सोख कर उसे रूखा बनाती है.

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5. इस सर्दी इन घरेलू उपायों से फटी एड़ियों को कहें ना

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एड़ियों का फटना सामान्य समस्या है और ये अक्सर सर्दियों में ज्यादा फटती हैं क्योंकि मौसम की खुश्की की वजह से  मॉश्चराइजर की कमी होने लगती है. इसके अलावा भी एड़ियां किसी भी मौसम में और किसी भी उम्र में फट सकती हैं.  एक ओर जहां फटी एड़ियां देखने में बुरी लगती हैं, वहीं तकलीफ बढ़ जाने पर इनमें से खून आना भी शुरू हो जाता है, जिससे पैरों में काफी दर्द होता है.

आइए जानें, इस दर्द भरी समस्या से राहत देने वाले ये तीन घरेलू उपायों के बारे में…

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6. इस सर्दी रखें अपनी त्वचा का खास खयाल

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सर्दियों का मौसम फिर से दस्तक दे रहा है और इस मौसम में जरूरी है हम अपनी त्वचा की देखभाल अच्छी तरह से करें. सर्दियों में त्वचा को चमकदार बनाए रखने के लिए विशेष देखभाल की जरूरत होती है. हम आप को कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं, जो आप की त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद हो सकते हैं:

मौइश्चराइजर का इस्तेमाल करें

सर्दियों में हमें क्रीम बेस्ड थिक मौइश्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए. इस के साथसाथ ऐसे सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें, जो त्वचा की नमी को भी बरकरार रखें.

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7. पतझड़ का मौसम और ड्राय स्किन की परेशानी

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बदलता मौसम सर्दी और गर्मी के बीच की कड़ी है. इस मौसम में तमाम पेड़ नयी कोंपलों की आस में अपने पुराने पत्ते गिरा देते हैं. इस मौसम को पतझड़ का मौसम भी कहते हैं. पतझड़ के महीने में चलने वाली तेज़ हवा जहाँ सुबह-शाम को खुशनुमा बनाती है, वहीँ ये स्किन में रूखापन भी पैदा करती है. हवाओं के कारण होंठ बार-बार ड्राय होते हैं और कभी-कभी तो उनमे गहरी दरारें भी पड़ जाती हैं जो ज़्यादा तकलीफदेय होती हैं.

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8. Winter Special: ड्राय स्किन से पाएं छुटकारा लायें नेचुरल निखार

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जैसे ही सर्दियां शुरू होती हैं वैसे ही ड्राई व रफ स्किन की समस्या भी शुरू हो जाती है. सर्दियों में स्किन की ऊपरी परत में पानी कम हो जाता है और इसलिए आप की स्किन बाहर से बहुत इरिटेट हो जाती है व बहुत ड्राई व बेजान लगने लगती है. यदि आप अपनी स्किन को हेल्दी बनाना चाहतीं हैं तो आप को अपनी डाइट भी हेल्दी रखनी होगी.

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9. गुलाबी सर्दियां और ड्राय फेस स्किन

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देखते ही देखते मौसम करवट बदलने लगा है. उमस भरी गरमी पर अब सुबह और शाम की ठंडक ने दस्तक देनी शुरू कर दी है. बदलाव का यह मौसम हमें सुकून तो देता है, पर साथ ही यह चेतावनी भी देता है कि सर्दियों में अपनी फेस स्किन की देखभाल करते रहना, वरना गुलाबी मौसम में भी फेस आप को रूखेपन का अहसास करा देगा.

घबराने की कोई बात नहीं है. अब बाजार में कई तरह की प्रसाधन सामग्री आसानी से मिल जाती है जो आप की फेस स्किन के रूखेपन को दूर कर देगी, पर अगर कोरोना के चलते आप बाजार की खाक नहीं छानना चाहती हैं तो घर पर भी कुछ चीजों के इस्तेमाल से अपने फेस की बिगड़ती स्किन को बेहतर बना सकती हैं.

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10. Winter Wedding के लिए जान लें मेकअप से जुड़ी ये जरूरी बातें

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विंटर वेडिंग में चाहे आप ब्राइडल हो या नही, लेकिन स्किन का ख्याल रखना जरूरी है. विंटर में कईं ऐसी प्रौब्लम आती है, जिनके कारण आप वेडिंग सीजन में आपकी खूबसूरत कम हो जाती है. इसीलिए आज हम आपको विंटर वेडिंग से जुड़ी जरूरी बाते बताएंगे, जिनसे आप अपनी स्किन को विंटर वेडिंग में खूबसूरत दिखा सकती हैं.

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टाइमपास

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YRKKH: अभिमन्यु करेगा अक्षरा से प्यार का ऐलान, क्या होगा आरोही का नया कदम

पौपुलर सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ (Yeh Rishta Kya Kehlata Hai) में लीप के बाद कहानी और भी दिलचस्प हो गई है. अभिमन्यु (Harshad Chopra), आरोही (Karishma Sawant) और अक्षरा (Pranali Rathod) की जिंदगी एक दूसरे से जुड़ी हुई नजर आ रही है. वहीं सीरियल में जल्द प्यार और नफरत का सिलसिला भी दिखने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

सच सामने लाएगा अभिमन्यु

 

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इसी बीच शो के नए प्रोमो ने फैंस को चौंका दिया है. दरअसल, शो के मेकर्स ने एक नया प्रोमो रिलीज किया है, जिसमें आरोही और अक्षरा सगाई के लिए तैयार होती नजर आ रही हैं. हालांकि आखिर में अक्षरा को आरोही की सगाई के बारे में पता चल जाता है. लेकिन वह किसी को कुछ नहीं बताती है. दूसरी तरफ सगाई में आरोही, अक्षरा और अभिमन्यु आमने-सामने आ जाते हैं. जहां आरोही अंगूठी पहनाने के लिए अभिमन्यु के सामने हाथ बढ़ाती है, जिस पर उसे गुस्सा आता है और दोनों परिवार के सामने कहता नजर आ रहा है कि आरोही से नहीं बल्कि अक्षरा से प्यार करता है.

 

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अभिमन्यु और अक्षरा आए करीब

 

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अब तक आपने देखा कि जहां अभिमन्यु और अक्षरा एक दूसरे से प्यार करने लगे हैं. लेकिन आरोही भी अभिमन्यु को पसंद करती है. वहीं अभिमन्यु का परिवार आरोही का रिश्ता लेकर आया है, जिससे बेखबर अक्षरा और अभिमन्यु एक दूसरे के करीब आ रहे हैं.

 

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बता दें, अभिमन्यु यानी हर्षद चोपड़ा और अक्षरा यानी प्रणाली राठौड़ की कैमेस्ट्री फैंस को काफी पसंद आ रही है. वहीं फैंस दोनों के रोमांस का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि अपकमिंग एपिसोड में और भी कई नए ट्विस्ट आने बाकी है, जिसके चलते अभिमन्यु, अक्षरा और आरोही की जिंदगी में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा.

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Anupama करेगी अनुज का प्यार कुबूल, देखें वीडियो

सीरियल अनुपमा में इन दिनों फैमिली ड्रामा देखने को मिल रहा है. जहां एक तरफ बा, वनराज और काव्या पूरी कोशिश कर रहे हैं कि अनुज और अनुपमा को जलील करने की. वहीं अनुज, अनुपमा से अपने प्यार के लिए माफी मांगने की बात करता नजर आ रहा है. लेकिन अपकमिंग एपिसोड में अनुपमा का नया कदम शाह परिवार को हैरान करने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा सीरियल में आगे…

अनुज के साथ नई दोस्ती की शुरुआत करेगी अनुपमा

इसी बीच शो के मेकर्स ने एक नया प्रोमो रिलीज किया है, जिसमें समर के कहने पर अनुपमा, अनुज के प्यार को समझकर उसे थैंक्यू बोलेगी. दरअसल, प्रोमो अनुपमा, अनुज से मिलकर कहती है कुछ पूछना था, जिसका जवाब देते हुए अनुज कहता है कि- क्या पूछना है? वहीं अनुपमा कहती है-बोल दूं. अनुज कहता है -प्लीज. इसके बाद अनुपमा कहती हैं थैंक्यू, मुझसे इतना प्यार करने के लिए और दिल से थैंक्यू. अनुपमा की यह बात सुनकर जहां अनुज का पछतावा कम होता है तो वहीं उसकी खुशी से फूला नहीं समाता. इसी बीत अनुपमा एक बार फिर अनुज की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाती नजर आती है.

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समर के कहने पर अनुपमा करती है फैसला

अब तक आपने देखा कि अनुज कपाड़िया शाह परिवार के सामने अपने 26 साल के प्यार को कुबूल करता है. लेकिन अनुपमा इस बात को सुन लेती है और अपने घर पहुंचती है. जहां समर उसे समझाता है कि अनुज का प्यार एकतरफा है. लेकिन उसने कभी अपनी दोस्ती का गलत फायदा नहीं उठाया और हमेशा #MaAn रखा. दूसरी तरफ अपने राज को सालों बाद खोलने पर अनुज को पछतावा होता है. लेकिन जीके उसे समझाते हैं कि अनुपमा से उसे माफी मांगनी चाहिए.

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चाकलेट खाये ,खुश हो जाए

चाकलेट खाना सभी को पसंद हैं.अक्सर चाकलेट किसी को खाते हुए देख खुद का मन भी , इसे खाने को  मचल उठता हैं. अपने दांतों को खराब होने से बचाने के लिए और अपने बढ़ते वजन पर नजर रखने के कारण ,हमें अपने को रोकना होता हैं  .किन्तु डार्क चाकलेट खाने के बहुत से फायदे हैं .कोको पदार्थ से बनी चाकलेट में बहुत से पोष्टिक तत्व होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक हैं .

कोको की विशेषता

जिस कोको पेड़ से डार्क चोकलेट बनाई जाती हैं, उस पेड़ में एंटी औक्सिडेंट ,मैग्निशियम ,लोहा ,पोटेशियम ,जिंक के अलावा भी बहुत से पोषक तत्व मौजूद हैं .इसके अतिरिक्त इसमें थोड़ी सी मात्रा में कैफीन भी होती हैं .इसीलिए   चाकलेट थोड़ी सी मात्रा में खाने पर भी  ,  ये हमें भरपूर  उर्जा से भर देती  हैं  . हमारे शरीर को उर्जावान रखने के लिये हमें एंटी ओक्सीडेंट की खुराक की  जरूरत होती हैं . शोध से यह साबित हो चूका हैं कि ब्लूबेरी की तुलना में कोको में बेहतर एंटी ओक्सीडेंट हैं .

डार्क और सुगर फ्री, चाकलेट डायबिटीज के मरीजों के लिये भी फायदेमंद हैं .इसकी प्रकृति उत्तेजक होने के कारण ,ये पित्त और इन्सुलिन के स्राव को प्रभावित करती हैं .जिससे डायबिटीज के स्तर को कम करने में, सहायता मिलती हैं .

डिप्रेशन और तनाव में भी बेहद फायदेमंद हैं .हम सभी अपने स्वभाव के उतार चड़ाव से पीड़ित रहते हैं कभी मन बेहद उदास या चिडचिडा हो जाता हैं .डार्क चाकलेट ऐसी स्तिथि में अत्यंत लाभदायक हैं.इसमें मौजूद कोको पौलिफेनोल्स के सेवन से गुड कोलेस्ट्रोल में वृद्धि होती हैं.डार्क चाकलेट में मौजूद तत्व मस्तिष्क को स्वस्थ्य रखने में सहायक हैं .

लीन बार

हरियाणा के टॉपर रहे देवांश जैन ने ,२०१८ में लम्बे शोध के बाद ऐसी चाकलेट का निर्माण किया हैं कि जो वजन कम करने में सहायक हैं .इन्होंने चोको ,सिपिरुलिना ,बादाम,किशमिश और म्यूसली के सफल मिश्रण से यह चाकलेट तैयार की हैं .जिसे बाद में स्टार्ट अप  का रूप दे दिया . आज ऑनलाइन  ‘द हेल्दी ’ के जरिये पचास हजार से ज्यादा उपभोक्ता इस चाकलेट को खरीद चुके हैं .

देवांश का कहना हैं कि महिने भर, एक चाकलेट सुबह नाश्ते में खाये तो वजन में छह से आठ किलो तक कमी आ सकती हैं .यह मेटाबालिज्म को बढ़ाने में भी मददगार हैं .देवांश के मुताबिक उनकी चाकलेट को भारतीय खाध्य संरक्षा एवम मानक प्राधिकरण  से  मान्यता प्राप्त हैं .

चाकलेट के नुकसान

डार्क चाकलेट में कैफीन की मात्रा अधिक मात्रा में होती हैं .इसीलिए इसका सीमित मात्रा में ही उपयोग किया जाना चाहिए . इसके अत्यधिक सेवन से अनिंद्रा , डीहाईड्रेसन ,सिर चकराना ,मितली आना,वजन बढ़ना जैसे विकार उत्पन्न हो जाते  हैं .

अति किसी भी चीज़ की अच्छी नहीं होती हैं यही बात चाकलेट पर भी लागू होती हैं . प्रतिदिन एक या दो टुकड़े ही डार्क चाकलेट का सेवन करना चाहिए . सेवन के लिए आप अपने डॉक्टर्स से भी परामर्श कर सकते हैं.  हाई ब्लडप्रेशर के लोगों को इससे दिक्कत हो सकती हैं .डार्क चाकलेट का अत्यधिक सेवन आपको लती बना देता हैं . साधारण चाकलेट में  सुगर की मात्रा अत्यधिक होती हैं जो  दांतों के लिए और शरीर के लिए  नुकसानदायक होती हैं .यदि सोच विचार कर, सीमित  मात्रा में डार्क चाकलेट  का सेवन करें तो इसके गुणों से लाभ उठाया जा सकता हैं .

डार्क चाकलेट का चुनाव

चाकलेट की लिखी एक्सपायरी डेट अवश्य देखे .

ऑर्गेनिक ब्रांड और अच्छे ब्रांड की चाकलेट  का चुनाव अति उत्तम रहता हैं .

पैक में अंकित फैट ,चीनी व् फ्लेवर की मात्रा को देखे .

डार्क चाकलेट में ७० प्रतिशत तक कोकोआ की उपस्तिथि फायेदेमंद हैं . जिसमे सुगर की मात्रा कम हो .

अपने स्वाद और सेहत के हिसाब से भी आप ,डार्क चाकलेट में मौजूद कोको की मात्रा का चयन कर सकते हैं .

सुरक्षित रखे

फ्रिज़ में ६५ से ८३ डिग्री f के बीच चाकलेट सुरक्षित रहती हैं

किसी एयर टाईट कंटेनर में सम्भाल कर रखे .

चाकलेट को तेज़ लाईट ,गर्मी व् नमी से दूर रखें .

जलते अलाव: भाग 2- क्यों हिम्मत नही जुटा सका नलिन

पूरे 30 सालों तक अनगिनत हादसों ने मेरी, नैना और जरी की जिंदगी को कई दर्दीले पड़ावों तक पहुंचा दिया.

2 बच्चों के बाद मेरी बेहद अहंकारी और खर्चीली पत्नी कमर से धनुष की तरह मुड़ कर पलंग के साथ पैबस्त हो गई. नैना के पति को लकवा मार गया और वह नौकरी करने के लिए मजबूर हो गई. जरी के पति भोपाल गैस कांड के शिकार हो गए. 2 मासूम बच्चों के साथ रोजीरोटी की जुगाड़ ने उसे भी दहलीज के बाहर कदम रखने को मजबूर कर दिया.

जरी के अम्मीअब्बू जिंदा थे. हर गरमी की छुट्टियों में बच्चों के साथ अपने शहर आती तो नैना अपने दुखदर्द में, शिकवेशिकायतें करने में जरी के अलावा किसी को शामिल नहीं करती.

मेरी पत्नी धनुषवात रोग को लंबे समय तक झेल नहीं सकी. दोनों बच्चों के पालनपोषण की जिम्मेदारी नौकरी के अतिरिक्त मुझे ही संभालनी पड़ती. पूरा दिन भागदौड़, व्यस्तता में कट तो जाता मगर रात, जैसे कयामत की तरह आग बरसाती. पनीली आंखों में जरी का चेहरा तैरने लगता. उस की नरम, नाजुक हथेली का हलकाहलका दबाव अकसर अपने माथे पर महसूस करता. रोज रात आंखें बरसतीं. तकिया भिगोतीं और तीसरे पहर कहीं आंख लगती तो जरी ख्वाब में आ जाती. मैं शादी के बाद भी एक पल के लिए उसे भूला नहीं.

6 कमरों की कोठी खाने को दौड़ती थी, इसलिए नैना को अपने पास बुला लिया. बच्चे बूआ से हिलमिल गए. गोया नैना ने मेरी गृहस्थी संभाल ली.

दूसरे दिन नाश्ते की टेबल पर मैं ने नैना के हाथों में जरी का कार्ड थमा दिया था.

‘‘दादा, कब मिली थी जरी आप से? कैसी है वह?’’ नैना ने बेचैन हो कर सवालों की झड़ी लगा दी, ‘‘दादा, अभी चलिए, प्लीज उठिए न.’’ नैना की जरी के प्रति आतुरता ने मुझे भी भावविह्वल कर दिया पर मैं ऊपर से शांत बना रहा.

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‘‘पहले फोन तो कर लो,’’ मैं ने कहा.

‘‘नहीं, कोई जरूरत नहीं फोन की. क्या आप जानते नहीं कि वह 1 महीने से यहां है, फिर भी उस ने कोई खबर नहीं दी. इस का मतलब क्या है? हमेशा की तरह वह कोई न कोई जहर चुपचाप पी रही होगी.’’

नैना मुझ से भी ज्यादा जरी की खामोशी की जबान को समझती है. यह देख कर मैं उस की दोस्ती को सलाम करने लगा और जरी के घर चल दिया.

कौलबैल बजते ही जरी के छोटे बेटे ने दरवाजा खोला, नैना और मैं अंदर गए. जरी भी ड्राइंगरूम में आ गई. उदास आंखें, निस्तेज चेहरा और पतलेपतले होंठों पर जमी चुप्पी की मोटी पपड़ी. नैना ने उस के गले लगते ही शिकायत की, ‘‘यहां 1 महीने से कैसे? क्या इतनी लंबी छुट्टी मिल गई?’’

‘‘मैं ने वीआरएस ले लिया है,’’ चट्टान से व्यक्तित्व की कमजोर आवाज गूंजी.

‘‘व्हाट? वीआरएस लेने की क्या जरूरत पड़ गई?’’ नैना ने जरी का हाथ अपने हाथों में ले कर उतावलेपन से पूछा.

जरी हमेशा की तरह सूनी दीवार को घूरने लगी.

‘‘बच्चों की जिम्मेदारी अभी पूरी कहां हुई है. ऐसी कौन सी मजबूरी थी जरी जो तुम जैसी दूरदर्शिता और समझदार ने ऐसा बचकाना फैसला ले लिया?’’ नैना के सब्र का बांध टूटने लगा था.

‘‘यह मेरा फैसला नहीं था? मेरी मजबूरी थी,’’ जरी की भर्राई आवाज का शूल मेरे कलेजे में धंस गया. मैं पत्थर की तरह बैठा, सन्न सा उसे अपलक देखता रहा. उस की दर्दीली आवाज का एकएक शब्द मुझ पर हथौड़े की चोट करता रहा.

1 साल पहले जरी का प्रमोशन उत्तर प्रदेश के ऐसे शहर में हो गया, जो अपनी मिट्टी को सांप्रदायिकता के खून की होली से रंगता रहा और देश के धर्मनिरपेक्ष संविधान को कलंकित करता रहा. जरी उस शहर की बलिदानी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से बहुत प्रभावित थी लेकिन रैस्टहाउस में कुछ दिन बिताने के बाद जब अपने लिए मकान तलाशने निकली तो लोग उस के चुंबकीय व्यवहार से प्रभावित हो कर किराया और अन्य औपचारिकताएं तय कर लेते. लेकिन जैसे ही उन्हें उस के धर्म का पता चलता, वे कोई न कोई बहाना बना कर टाल जाते. पूरे 1 महीने की कोशिश के बावजूद किराए का मकान नहीं मिला.

स्टाफ मैंबर कोरी हमदर्दी जताते हुए व्यंग्य से पूछते, ‘मिल गया मकान मैडम?’

‘जी नहीं,’ जरी का संक्षिप्त जवाब उसे खुद को बुरी तरह आहत कर देता.

‘मुसलिम इलाके में क्यों नहीं ट्राइ करतीं?’

‘ऐक्चुअली वह काफी दूर है. बच्चों का काफी वक्त आनेजाने में ही बरबाद हो जाएगा.’

‘यह क्यों नहीं कहतीं मैडम कि मुसलमान बस्ती की गंदगी और परदेदारी की पाबंदी को आप खुद ही नहीं झेल पाएंगी,’ मिसेज खुराना ठहाका लगाते हुए व्यंग्य करतीं. हिंदू बहुसंख्यक स्टाफ, अल्पसंख्यक एक अदद महिला कर्मचारी पर, कभी लंच टाइम में, कभी कैंटीन में कोई न कोई कठोर उपहास भरा जुमला उछाल कर आहत करने का अवसर हाथ से न जाने देता.

वतन के लिए शहीद होने वाले मंगल पांडे जैसे जांबाज सिपाही का साथ सिर्फ हिंदुओं ने ही नहीं, मुसलमानों ने भी दिया था. तब कहीं तिरंगा शान से लालकिले पर लहराया था. लेकिन आज कौमपरस्ती की तंगदिली ने उस शहर के गलीकूचों में नफरत की आग जला कर देश के इतिहास को रक्तरंजित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. सांप्रदायिक दंगों में कितने बेगुनाहों के घर जले, कितने बेकुसूरों को नाहक मौत के घाट उतारा गया, कितनी बेवाएं, कितने यतीमों की चीखें शहर का कलेजाहिलाती रहीं. इस का हिसाब तो खुद उस शहर की जमीन, हवाओं और आसमान के पास भी नहीं है. नफरत की आग में नाहक वे लोग भी झुलसने लगे जो रोजीरोटी की आस में मजबूरन उस शहर के बाश्ंिदे बने थे.

जरी की परेशानी देख कर जल्द ही रिटायर्ड होने वाली महिला प्राचार्या ने अपने क्वार्टर में शेयरिंग में रहने की लिखित इजाजत दे कर अपनी सहृदयता दिखाई.

जरी ने साइलैंट वर्कर के रूप में प्राचार्या के दिल में जल्द ही जगह बना ली. उन्होंने जरी को ऐडमिशन इंचार्ज बना दिया. इस बदलाव ने स्टाफ में आग में घी का काम किया. प्राचार्या के विरोधियों को उन की आलोचना करने का एक शिगूफा मिल गया.

जरी की कर्मठता और अनुशासन ने आर्ट्स 11वीं, 12वीं के बिगड़े बच्चों को आपराधिक और उद्दंड जीवनशैली त्याग कर शिक्षा के प्रति समर्पित एवं अनुशासित जीवन जीने और महत्त्वाकांक्षी विद्यार्थी बनने की प्रेरणा दी. विद्यालय में होने वाले नित नए अर्थपूर्ण बदलावों ने, अकर्मण्य शिक्षकों के मन में, जरी के प्रति ईर्ष्या और द्वेष की भावना भर दी.

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विद्यालय का बदलता रूप और विद्यार्थियों के मन में उपजी शिक्षा व पुस्तकप्रेम की भावना को जगा कर भविष्य की आशाओं के नए अंकुर प्रस्फुटित करने में जरी कामयाब रही.

प्राचार्या की रिटायरमैंट पार्टी में शामिल नए प्राचार्य के कानों में जरी को प्राचार्या का दायां हाथ बताने वाले स्तुतिभरे वाक्य पड़े तो उस के प्रति उपजी सहज उत्सुकता ने स्टाफ के कुछ धूर्त एवं मक्कार शिक्षकों को अपनी कुंठा की भड़ास निकालने का मौका दे दिया. 2 दिन में ही प्राचार्य ने जरी की पर्सनल फाइल का एकएक शब्द बांच लिया. 28 साल के सेवाकाल में प्राथमिक शिक्षिका के 2 प्रमोशन, इन सर्विस कोर्स की रिसोर्स पर्सन, पिछले स्कूलों में 10 सालों से ऐडमिशन इंचार्ज, ऐक्टिव, पजेसिव, रिसोर्सफुल, प्रोगैसिव शब्द, प्राचार्य की आंखों के कैनवास पर छप कर खटकने लगे. ‘तमाम मुसलमान, एक तरफ देश की जडे़ं खोद रहे हैं अपनी असामाजिक और गैरकानूनी गतिविधियों से, दूसरी तरफ अपनी ईमानदारी और कर्मठता का ढोल पीट कर खुद को देशभक्त साबित करने का ढोंग करते हैं,’ रात को अंगूरी के नशे के झोंक में प्राचार्य के मुंह से निकले इन शब्दों ने जरी के विरोधियों को उस के खिलाफ जहर उगलने के सारे मौके अता कर दिए.

चौथे दिन ही प्राचार्य क्वार्टर छोड़ने और उस के पद से नीचे का क्वार्टर का एलौटमैंट लेटर चपरासी ने जरी को थमा दिया. जरी ने कोई प्रतिरोध नहीं किया.

शांत, कर्मठ जरी का कोई भी कमजोर पहलू प्राचार्य के हाथ नहीं लगा तो इंस्पैक्शन के बहाने अकसर उस की कक्षा में आ कर बैठने लगे. बच्चों को अलगअलग बुला कर ‘जरी के टीचिंग मैथड से सैटिस्फाइड हैं या नहीं?’ लिखित में जवाब मांगने लगे.

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गलती: क्या हुआ था कविता के साथ

लेखक- विनय कुमार पाठक

साढ़े 5 लाख रुपए कोई छोटी रकम नहीं होती. साढ़े 5 लाख तो क्या, उस के पास अभी साढ़े 5 हजार रुपए भी नहीं हैं और उसे धमकी मिली है साढ़े 5 लाख रुपए देने की. नहीं देने पर उस की तसवीर को उजागर करने की धमकी दी गई है.

उस ने अपने मोबाइल फोन में ह्वाट्सऐप पर उस तसवीर को देखा. उस के नंगे बदन पर उस का मकान मालिक सवार हो कर बेशर्मों की तरह सामने देख रहा था. साथ में धमकी भी दी गई थी कि इस तरह की अनेक तसवीरें और वीडियो हैं उस के पास. इज्जत प्यारी है तो रकम दे दो.

यह ह्वाट्सऐप मैसेज आया था उस की मकान मालकिन सारंगा के फोन से. एक औरत हो कर दूसरी औरत को वह कैसे इस तरह परेशान कर सकती है? अभी तक तो कविता यही जानती थी कि उस की मकान मालकिन सारंगा को इस बारे में कुछ भी नहीं पता. बस, मकान मालिक घनश्याम और उस के बीच ही यह बात है. या फिर यह भी हो सकता है कि सारंगा के फोन से घनश्याम ने ही ह्वाट्सऐप पर मैसेज भेजा हो.

कविता अपने 3 साल के बच्चे को गोद में उठा कर मकान मालकिन से मिलने चल दी. वह अपने मकान मालिक के ही घर के अहाते में एक कोने में बने 2 छोटे कमरों के मकान में रहती थी.

मकान मालकिन बरामदे में ही मिल गईं.

‘‘दीदी, यह क्या है?’’ कविता ने पूछा.

‘‘तुम्हें नहीं पता? 2 साल से मजे मार रही हो और अब अनजान बन रही हो,’’ मकान मालकिन बोलीं.

‘‘लेकिन, मैं ने क्या किया है? घनश्यामजी ने ही तो मेरे साथ जोरजबरदस्ती की है.’’

‘‘मुझे कहानी नहीं सुननी. साढ़े 5 लाख रुपए दे दो, मैं सारी तसवीरें हटा दूंगी.’’

‘‘दीदी, आप एक औरत हो कर…’’

‘‘फालतू बातें करने का वक्त नहीं है मेरे पास. मैं 2 दिन की मुहलत दे रही हूं.’’

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‘‘लेकिन, मेरे पास इतने पैसे कहां से…’’

‘‘बस, अब तू जा. 2 दिन बाद ही अपना मुंह दिखाना… अगर मुंह दिखाने के काबिल रहेगी तब.’’

कविता परेशान सी अपने कमरे में वापस आ गई. उस के दिमाग में पिछले 2 साल की घटनाएं किसी फिल्म की तरह कौंधने लगीं…

कविता 2 साल पहले गांव से ठाणे आई थी. उस का पति रामप्रसाद ठेले पर छोटामोटा सामान बेचता था. घनश्याम के घर में उसे किराए पर 2 छोटेछोटे कमरों का मकान मिल गया था. वहीं वह अपने 6 महीने के बच्चे और पति के साथ रहने लगी थी.

सबकुछ सही चल रहा था. एक दिन जब रामप्रसाद ठेला ले कर सामान बेचने चला गया था तो घनश्याम उस के घर में आया था. थोड़ी देर इधरउधर की बातें करने के बाद उस ने कविता को अपने आगोश में भरने की कोशिश की थी.

जब कविता ने विरोध किया तो घनश्याम ने अपनी जेब से पिस्तौल निकाल कर उस के 6 महीने के बच्चे के सिर पर तान दी थी और कहा था, ‘बोल क्या चाहती है? बच्चे की मौत? और इस के बाद तेरे पति की बारी आएगी.’

कोई चारा न देख रोतीसुबकती कविता घनश्याम की बात मानती रही थी. यह सिलसिला 2 साल तक चलता रहा था. मौका देख कर घनश्याम उस के पास चला आता था. 1-2 बार कविता ने घर बंद कर चुपचाप अंदर ही पड़े रहने की कोशिश की थी, पर कब तक वह घर में बंद रहती. ऊपर से घनश्याम ने उस की बेहूदा तसवीर भी खींच ली थी जिन्हें वह सभी को दिखाने की धमकी देता रहता था.

इन हालात से बचने के लिए कविता ने कई बार अपने पति को घर बदलने के लिए कहा भी था पर रामप्रसाद उसे यह कह कर चुप कर देता था कि ठाणे जैसे शहर में इतना सस्ता और महफूज मकान कहां मिलेगा? वह सबकुछ कहना चाहती थी पर कह नहीं पाती थी.

पर आज की धमकी के बाद चुप रहना मुमकिन नहीं था. कविता की समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे. इतने पैसे जुटाना उस के बस में नहीं था. यह ठीक है कि रामप्रसाद ने मेहनत कर काफी पैसे कमा लिए हैं, पर इस लालची की मांग वे कब तक पूरी करते रहेंगे. फिर पैसे तो रामप्रसाद के खाते में हैं. वह एक दुकान लेने के जुगाड़ में है. जब रामप्रसाद को यह बात मालूम होगी तो वह उसे ही कुसूरवार ठहराएगा.

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रामप्रसाद रोजाना दोपहर 2 बजे ठेला ले कर वापस आ जाता था और खाना खा कर एक घंटा सोता था. मुन्ने के साथ खेलता, फिर दोबारा 4 बजे ठेला ले कर निकलता और रात 9 बजे के बाद लौटता था.

‘‘आज खाना नहीं बनाया क्या?’’ रामप्रसाद की आवाज सुन कर कविता चौंक पड़ी. वह कुछ देर रामप्रसाद को उदास आंखों से देखती रही, फिर फफक कर रो पड़ी.

‘‘क्या हुआ? कोई बुरी खबर मिली है क्या? घर पर तो सब ठीक हैं न?’’ रामप्रसाद ने पूछा.

जवाब में कविता ने ह्वाट्सऐप पर आई तसवीर को दिखा दिया और सारी बात बता दी.

‘‘तुम ने मुझे बताया क्यों नहीं?’’ रामप्रसाद ने पूछा.

कविता हैरान थी कि रामप्रसाद गुस्सा न कर हमदर्दी की बातें कर रहा है. इस बात से उसे काफी राहत भी मिली. उस ने सारी बातें रामप्रसाद को बताईं कि किस तरह घनश्याम ने मुन्ने के सिर पर रिवौल्वर सटा दिया था और उसे भी मारने की बात कर रहा था.

रामप्रसाद कुछ देर सोचता रहा, फिर बोला, ‘‘इस में तुम्हारी गलती सिर्फ इतनी ही है कि तुम ने पहले ही दिन मुझे यह बात नहीं बताई. खैर, बेटे और पति की जान बचाने के लिए तुम ने ऐसा किया, पर इन की मांग के आगे झुकने का मतलब है जिंदगीभर इन की गुलामी करना. मैं अभी थाने में रिपोर्ट लिखवाता हूं.’’

रामप्रसाद उसी वक्त थाने जा कर रिपोर्ट लिखा आया. जैसे ही घनश्याम और उस की पत्नी को इस की भनक लगी वे घर बंद कर फरार हो गए.

कविता ने रात में रामप्रसाद से कहा, ‘‘मुझे माफ कर दो. मुझ से बहुत बड़ी गलती हो गई.’’

‘‘माफी की कोई बात ही नहीं है. तुम ने जो कुछ किया अपने बच्चे और पति की जान बचाने के लिए किया. गलती बस यही कर दी तुम ने कि सही समय पर मुझे नहीं बताया. अगर पहले ही दिन मुझे बता दिया होता तो 2 साल तक तुम्हें यह दर्द न सहना पड़ता.’’

कविता को बड़ा फख्र हुआ अपने पति पर जो इन हालात में भी इतने सुलझे तरीके से बरताव कर रहा था. साथ ही उसे अपनी गलती का अफसोस भी हुआ कि पहले ही दिन उस ने यह बात अपने पति को क्यों नहीं बता दी. उस ने बेफिक्र हो कर अपने पति के सीने पर सिर रख दिया.

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Winter Special: सर्दियों में पानी पीना न करें कम

हमारा शरीर जिन तत्वों से बना है, उसमें जल मुख्य घटक है. अगर शरीर में जल की मात्रा कम हो जाए, तो जीवन खतरे में पड़ जाता है.  इससे यह बात बिल्‍कुल साफ है कि पानी पीना हमारे लिए कितना जरूरी है.

गर्मियों में प्यास अधिक लगती है तो लोग पानी भी खूब पीते हैं मगर सर्दियों में यह मात्रा कम हो जाती है. इसकी एक वजह यह है कि हमें इन दिनों प्यास नहीं लगती, जिसके कारण लोग पर्याप्‍त पानी नही पीते हैं. इस वजह से कई गंभीर समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है.

शरीर में पानी की कमी डिहाइड्रेशन, हाई ब्लड प्रेशर और इंफेक्शन जैसी बीमारियों को जन्म देती है. पानी की कमी से पाचन क्रिया भी प्रभावित होती है जिस कारण सिरदर्द और थकान की शिकायत होती है. कई लोग बुखार में मरीज को पानी नहीं देते. जबकि बुखार और डायरिया में शरीर को पानी की ज्यादा जरूरत पड़ती है.  डायरिया में शरीर में पानी की कमी के कारण मरीज की हालत खराब हो सकती है. इसलिए थोड़ी-थोड़ी देर में उसे पानी देते रहना चाहिए. बुखार में शरीर का तापमान सही रखने के लिए पानी की जरूरत ज्यादा होती है.

महिलाओं के लिए है जरूरी

महिलाओं को अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए.  स्त्रियों में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की समस्या होती है.  इसी वजह उनके शरीर को पानी की अधिक जरूरत होती है. जो महिलाएं प्रेगनेंट हैं या स्तनपान कराती हैं उनके शरीर को पानी की ज्यादा जरूरत होती है. ऐसे में उन्हें ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए. कोई भी इंसान खाने के बिना कई दिनों तक रह सकता हैं, पर शरीर को पानी रोज चाहिए. शरीर के मेटाबोलिज्म, डाइजेशन और एबजॉरव्शन के लिए पानी की बेहत जरूरत होती हैं. शरीर के यूरिया, सोडियम और पोटेशियम जैसे विषैले पदार्थ को बाहर करने और तापमान सही रखने के लिए पानी की जरूरत पड़ती है.

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खूबसूरती के लिए 

त्वचा की खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए पानी ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पिएं.  पानी की कमी त्वचा को रूखा बनाती है.  रूखी त्वचा पर झुर्रियां भी जल्द पड़ती हैं.  इसलिए त्वचा में नमी के लिए पानी पीएं ताकि त्वचा चमकदार और जवां बनी रहे.  शरीर में पानी की कमी मोटापा भी बढ़ाता है.  पर्याप्त पानी पीने से वजन भी नियंत्रित रहता है.  आप चाहें तो डाइट से भी शरीर में पानी की कमी को पूरा कर सकते हैं.  खाने में खीरा, तरबूज, खरबूज और दूसरे फल शामिल कर पानी की पूर्ति कर सकते हैं.  सर्दियों के मौसम में कई तरह की हरी सब्जियां मिलती हैं जिससे शरीर को पानी मिलता है.

इस वजह से भी पीएं पानी

पानी पीना इस इस बात पर भी निर्भर करता हैं कि आपकी दिनचर्या कैसी है.  अगर आप ज्यादा शारीरिक मेहनत करते हैं तो आपके शरीर को ज्यादा पानी की जरूरत है.  जो लोग एक्‍सरसाइज करते हैं उन्‍हें भी भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए.  पसीना, यूरिन अैर मेटाबोलिज्म फंक्शन के कारण शरीर में पानी की कमी होती है. इसलिए पानी ज्यादा से ज्यादा पीना जरूरी है.

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