पैरों की खूबसूरती बढ़ाएं पायल

एक फिल्म में अभिनेता राजकुमार का डायलॉग बहुत प्रसिद्ध है, ‘’इतने हसींन पॉव जमीन पर मत रखिए मैले हो जाएंगें.’’ जब इतने हसीन पॉवों में पायल की रुनझुन सुनाई देती है तो उनकी खूबसूरती और अधिक बढ जाती है. अंग्रेजी में एंकलेट कही जाने वाली पायल महिलाओं के पैरों में चार चांद लगा देती है. नयी नवेली दुल्हन के पैरों में भारी और चौड़ी पायल सजती है तो रोज की दिनचर्या में महिलाएं हल्की फुल्की कम वजन की पायल पहनना पसंद करतीं हैं. पहले जहां केवल चांदी और सोने की पायल ही प्रचलन में होती थी वहीं वर्तमान समय में सोने चांदी के साथ साथ कुंदन, मोती, और नग की फैशनेबल डिजायन वाली पायल बाजार में हर रेंज में उपलब्ध हैं.

कैसी कैसी पायल

-पारंपरिक सोने-चांदी की पायल

सदा से ही प्रचलन में रहने वाली सोने और चांदी से बनी पायल देखने में बहुत सुंदर लगती है. छोटे छोटे घुंघरुओं से युक्त इस पायल में कई बार मीना और नग आदि का भी प्रयोग किया जाता है. सोने की पायल की अपेक्षा महिलाएं डेली रूटीन में चांदी की पायल पहनना अधिक पसंद करतीं हैं. इस प्रकार की पायल शादी ब्याह में दुल्हन के लिए अधिक प्रयोग की जाती है.

-अजमेरी पायल

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है यह राजस्थान की पारंपरिक पायल है. चांदी से बनी यह पायल आम पायलों से अधिक वजनीली और चौड़ी होती है. शहरी महिलाओं की अपेक्षा आदिवासी और जनजातीय महिलाओं में स्वयं को विवाहित प्रदर्शितत करने के लिए अजमेरी पायल को पहना जाता है.

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-टो रिंग पायल

पैर की उंगली से लेकर पंजे को कवर करती हुई एंकल में पहनी जाने वाली यह पायल प्रत्येक उम्र की महिलाओं में अत्यधिक प्रचलित है. इसमें कई लड़ियां होती हैं जो पूरे पैर को कवर कर लेतीं हैं. हल्की से हल्की और भारी से भारी वजन में यह बाजार में बड़ी ही सुगमता से उपलब्ध है. सोने चांदी के अलावा यह मोतियों और नगों में भी बनायी जाती है जिससे हर वर्ग के लिए इसे खरीदना काफी आसान होता है. शादी विवाह जैसे फंक्शन्स में इस प्रकार की पायल अधिक पहनी जातीं हैं.

-पोलकी पायल

पोल्की पायल सुनहरी धातु में ही बनायी जाती हैं. अन्य पायलों की अपेक्षा यह अधिक रंगीन और आकर्षक होती है. रंगीन होने के कारण यह प्रत्येक परिधान पर फबती है.

-कुंदन मोती पायल

सोने की रेगुलर पायल में कीमती रत्नों को सोने के अंदर जड़ा जाता है. यह घुंघरू और बिना घुंघरूवाली दोनों प्रकार की होती है. साधारण पायल की अपेक्षा यह काफी नाजुक और कीमती होती है. बारात पालकी डिजायन कुंदन की प्रमुख डिजायन है.

-आक्सीडाइज्ड पायल

रंग में काली होने के बावजूद आक्सीडाइज्ड ज्वैलरी आजकल सभी उम्र की महिलाओं को बहुत लोकप्रिय है. इन पायलों का मोर डिजायन खासा लोकप्रिय है. इसमें आगे की ओर लगी लटकन इसकी खूबसूरती को दोगुना कर देती है.

ध्यान रखने योग्य बातें

-यदि आपको पायल पहनने की आदत नहीं है तो एकदम हल्की चेन डिजायन से शुरूआत करें.

-कीमती, जड़ाउ और नगों वाली पायल को डेली रूटीन की अपेक्षा कभी कभार पहनना ही श्रेयस्कर होता है अन्यथा इनकी चमक और सौन्दर्य समाप्त हो जाता है.

-पायल खरीदते समय उसके कुंदे और डिजायन को भली भांति चेक करें ताकि पहनते समय यह आपके कपड़ों में न फंसे.

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-अन्य पायलों की अपेक्षा चांदी की पायल डेली रुटीन में पहनना उत्तम रहता है, क्योंकि यह बहुत टिकाउ और मजबूत होती है, परंतु समय समय पर इनको साफ करना अत्यंत आवश्यक होता है अन्यथा इनमें गंदगी भर जाती है जो दिखने में बहुत भद्दी लगती है इन्हें साधारण डिटर्जेंट के घोल से बड़ी ही सुगमता से साफ किया जा सकता है.

-पायल खरीदते समय पैर में पहनकर अवश्य देखें. ध्यान रखें कि यह एकदम ढीली न हो क्योंकि पहनने के कुछ समय बाद यह थोड़ी लूज हो जाती है अतः पैर में एकदम फिट पायल ही खरीदें.

-फैशनेबल पायल को प्रयोग करने के बाद पायल को सुरक्षित बाक्स में रखें. संभव हो तो अन्य ज्वैलरी से पृथक रखें.

-यदि आपकी चांदी सोने की पायल काफी समय से उपयोग में नहीं आयी है तो इसे ज्वैलर के पास ले जाकर साफ कराएं फिर प्रयोग करें. इससे आपकी पायल नई सी लगने लगेगी.

बच्चा न होना बदनसीबी नहीं

मातृत्व एक ऐसा सुख है जिस की चाह हर औरत को होती है? शादी के बाद से ही औरत इस ख्वाब को देखने लगती है. लेकिन कहते हैं न कि ख्वाब अकसर टूट जाते हैं. हां कई बार कुछ कारणों से या किसी समस्या की वजह से अगर कोई औरत मां बनाने के सुख से वंचित रह जाती है तो उस से बड़ा सदमा और दुख उस के जीवन में कुछ और नहीं होता. दुनिया मानो जैसे उस के लिए खत्म सी हो जाती है.

उस पर अगर उसे बांझ, अपशकुनी, मनहूस और न जाने कैसेकैसे ताने सुनाने को मिलें तो उस के लिए कोई रास्ता नहीं बचता. ताने देने वालों में बहार वाले ही नहीं बल्कि उस के अपने ही घर के लोग शामिल होते हैं.

जैसे ही एक नवयुवती को विवाह के कुछ साल बाद पता चलता है कि वह मां नहीं बन सकती तो आधी तो वह वैसे ही मर जाती है बाकी रोजरोज के अपनों के ताने मार देते हैं. टीवी पर दिखाए गए एक सीरियल ‘गोदभराई’ में घर की बहू खुद बांझ न होने के बावजूद अपने पति की कमी की वजह से मां नहीं बन पाती. इसी कारण उसे पासपड़ोसियों के ताने सुनने पड़ते हैं जिस वजह से वह दुखी होती है. उस के अपने ही उसे नीचा दिखने का कोई मौका नहीं छोड़ते. गलती किसी की भी हो ताने हमेशा उसे ही सुनने पड़ते हैं.

औरतों के खिलाफ प्रचार

टीवी पर दिखाए जाने वाले सोप ओपेरा तो उन औरतों के खिलाफ प्रचार करते हैं जो मां नहीं बन पातीं और लोग इसे बड़े चाव से देखते हैं. यह मनोरंजन के लिए कहानी ही नहीं है बल्कि इस में कहीं न कहीं समाज की सचाई छिपी हुई है. वह दर्द है जिसे बहुत सारी महिलाओं को सहना पड़ता है.

अब सुनीता का ही उदाहरण ले लीजिए. इन की शादी को 4 साल हो गए और शादी के 6 महीने बाद से ही सास को अपने पोतेपोतियों को खिलने की इच्छा होने लगी और फिर देखते ही देखते 4 साल बीत गए. बीच में सुनीता ने कई टैस्ट भी करवाए जिन का नतीजा सिर्फ यह बयां करता है कि वह मां नहीं बन सकती और बस फिर शुरू हो गया आईवीएफ सैंटरों के चक्कर लगाने का. उस के गर्भाशय में ही कमजोरी है जिस से वह मां नहीं बन सकती. तानों इस सिलसिले में सिर्फ सास ही नहीं बल्कि सुनीता की ननद, देवरानी और पति भी इस में शामिल हैं.

असल में दोस्तों और सहेलियों के बीच भी ऐसी औरतें कटीकटी सी रहती हैं, क्योंकि उन की बातें तो बच्चों के बारे में ही होती हैं. परिवार और दूसरों के ताने तो फिर भी वे सह लेतीं पर पति के भी साथ न देने पर जैसे उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा हो.

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मां न बन पाने का गम तो उन्हें पहले ही था पर पति की बेरुखी ने और तोड़ कर रख दिया. बुरे समय में आखिर दोनों एकदूसरे के सुखदुख के साथी होते हैं पर किसी एक के बुरे समय में दूसरे का साथ न होना तोड़ कर रख देता है.

अनचाहा दर्द

सुनीता अपना दर्द बयां करते हुए कहती हैं कि शुरुआत में तो वे अपनी ससुराल वालों के तानों से परेशान हो कर कई ओझओं और तांत्रिकों के पास गईं जिन्होंने उन्हें कई पूजापाठ और दान करने को कहा. उन्होंने सब किया पर फिर भी उस का कोई नतीजा नहीं निकला इन सब के नाम पर उन ओझओं और तांत्रिकों ने उन के परिवार वालों से हजारों रुपए वसूले पर उस का फायदा कुछ नहीं हुआ.

फिर उन लोगों ने उन्हें श्रापित बताया और कहा कि भगवान ही नहीं चाहते कि उन्हें कोई औलाद हो. आईवीएफ सैंटरों में जो पैसा खर्च हुआ वह अलग.

फिर क्या था इन सब के बाद तो परिवार वाले उन्हें और ज्यादा ताने देने लगे और नफरत करने लगे. सास तो पति की दूसरी शादी तक करवाना चाहती थीं पर उन्हें जब पता चला कि तलाक आसान नहीं है और कहीं वे पुलिस में चली गईं तो चुप हो कर रह गईं. सब लोग उन से दूरी बनाने लगे और हर शुभ काम से भी दूरी रखी जाने लगी. फिर धीरेधीरे वे भी खुद को ही दोष देने लगीं. उन्हें लगने लगा कि वे मनहूस हैं. कई बार मन में खयाल आने लगा कि कहीं जा कर आत्महत्या कर लें.

मगर एक दिन सुनीता की मुलाकात अपनी सहेली से हुई जिस के समझने पर सुनीता का खोया आत्मविश्वास लौटने लगा. सुनीता की सहेली ने समझया कि वह खुद को मनहूस न मान कर हालात का सामना करे. अगर वह खुद को ही मनहूस समझने लगेगी तो बाहर वाले तो उसे ताने देंगे ही.

उस की सहेली ने समझया कि खुद को मनहूस समझने से कुछ नहीं होगा उलटा खुद का आत्मविश्वास कम होगा. बच्चे होने और न होने से कोई मनहूस नहीं हो जाता. तांत्रिकों को यह कैसे पता हो सकता है कि तुम श्रापित हो.

अंधविश्वास भरी बातें

बस फिर क्या था सुनीता को इस बात का एहसास हुआ की वाकई में इस में उन की कोई गलती नहीं है और न ही वे मनहूस है और न ही अपशकुनी. पहले सुनीता को इस बात का एहसास हुआ और फिर उन्होंने सोचा कि अब इस बात का एहसास वे अब अपने पति को भी करवाएंगी और फिर अपने ससुराल वालों को.

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सुनीता को तो इस का मौका मिला और उन्हें उन की सहेली का सहारा भी जो उन की जिंदगी में एक उम्मीद की किरण ले कर आया वरना शायद उन्होंने खुदकुशी कर ली होती या पूरी जिंदगी खुद को कोसतेकोसते बितातीं लेकिन आज भी कई महिलाएं ऐसी हैं जो पूरे परिवार के ताने सुनसुन कर जी रही हैं. न ससुराल और समाज में उन्हें इज्जत मिलती है और न ही पति का प्यार. फिर भी वे अपने रिश्ते निभाती हैं और उफ तक नहीं करतीं.

जरा सोचिए क्या खुद को मनहूस समझना या खुद को दोष देना वह भी उस बात के लिए जिस में आप का कोई कुसूर नहीं है और न ही कोई दोष ठीक है? तांत्रिक लोग सिर्फ आप की भावनाओं का फायदा उठा कर पैसा ऐंठने के लिए श्राप या पाप जैसी अंधविश्वास भरी बातें आप के दिमाग में डालते हैं. विडंबना तो यह है कि पढ़ेलिखे लोग भी आजकल इन सब बातों में यकीन रखते हैं और घर की बहुओं को ताने देते हैं, जबकि आजकल विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है कि हर चीज का इलाज संभव है. तांत्रिकों और बाबाओं की बातों में आने के बाद के बजाय महिलाओं को अकेला बिना बच्चों के जीना सीखना होगा. फिर यह न भूलें कि वृद्धावस्था में बच्चों का भी भरोसा नहीं रहता कि वे साथ रहेंगे.

मेरे पैरों में बहुत दर्द और नसें बहुत उभरी हुई दिखाई देती हैं, मैं क्या करुं?

सवाल- 

मैं 48 वर्षीय कामकाजी महिला हूं. मेरे पैरों में बहुत दर्द रहता है. उन की नसें बहुत उभरी और सूजी हुई दिखाई देती हैं. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

ऐसा लगता है आप को वैरिकोज वेंस की समस्या है. लगातार लंबे समय तक खड़े या बैठे रहने से पैरों की नसों या शिराओं पर दबाव पड़ता है, जिस से कई बार उन में खराबी आ जाती है. मोटापे या वाल्व के खराब होने से भी यह समस्या हो जाती है. कई महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान वैरिकोज वेंस की समस्या उत्पन्न हो जाती है. नियमित रूप से ऐक्सरसाइज करें, अपना वजन कम करें, टाइट फिटिंग के कपड़े न पहनें और लगातार लंबे समय तक खड़े होने या बैठने से बचें. अगर फिर भी आराम न मिले तो डाक्टर को दिखाएं.

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आप ने अकसर अपने मित्रों, पड़ोसियों व रिश्तेदारों को पैरों में दर्द होने की शिकायत करते सुना होगा. कुछ लोगों के पैरों में दर्द चलने से शुरू हो जाता है. जब वे चलना बंद कर देते हैं तो विश्रामावस्था में पैरों से दर्द गायब हो जाता है और दोबारा चलने से फिर वही दर्द उभरता है. कभीकभी बुजुर्ग लोग अकसर पैरों में दर्द होने की शिकायत करते हैं. कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन के पैरों में दर्द चलने से कम हो जाता है पर लेटने पर दर्द की तीव्रता बढ़ जाती है. अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं या धूम्रपान, सिगरेट, बीड़ी व हुक्का के आदी हैं या फिर तंबाकू और उस से बने पदार्थों जैसे जर्दायुक्त पान मसाला, खैनी, चैनी, मैनपुरी या जाफरानी पत्ती के आदी हैं और साथ ही साथ पैरों में दर्द को ले कर परेशान हैं तो होशियार हो जाइए, वरना देरसवेर पैर गंवाने पड़ सकते हैं.

अकसर लोगों को यह भ्रम रहता है कि मधुमेह का पैरों से कोई संबंध नहीं है, मधुमेह का रोग सिर्फ हृदय से संबंधित है. उसी तरह से धूम्रपान के आदी लोग यह समझते हैं कि धूम्रपान से सिर्फ फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है और कैंसर हो सकता है. पर लोग यह नहीं जानते कि धूम्रपान के आदी व तंबाकू के व्यसनी लोगों में पैरों में गैंगरीन होने का खतरा हमेशा मंडराता रहता है. डायबिटीज का मरीज अगर धूम्रपान भी करता है या तंबाकू का सेवन करता है तो वह वही कहावत हो गई, ‘करेला वो भी नीम चढ़ा.’ मधुमेह व धूम्रपान दोनों मिल कर पैरों का सत्यानाश कर देते हैं. इसलिए, टांगों व पैरों को स्वस्थ व क्रियाशील रखने के लिए इन दोनों पर अंकुश रखना अत्यंत आवश्यक है. पैरों में दर्द क्यों

इन 5 चीजों की बाथरूम में न हो Entry

साफ-सुथरा बाथरूम आपकी हेल्थ और ब्यूटी दोनों के लिए बहुत जरूरी है. घर के साथ-साथ बाथरूम की साफ-सफाई भी बहुत जरूरी है. आपके साफ बाथरूम को देखकर आपके मेहमान भी आपकी तारीफ किए बिना नहीं रह पाएंगे और बार-बार आपके घर आएंगे. बाथरूम की सजावट के लिए आप कोई भी प्रयोग कर सकती हैं. मिक्स एंड मैच करने के लिए सबसे सुरक्षित जगह बाथरूम ही है. क्योंकि अगर कोई गड़बड़ हो भी गई तो ज्यादा टेंशन नहीं है.

पर कुछ ऐसी चीजें हैं जिन्हें हम बाथरूम में रखते हैं. ऐसी चीजों को बाथरूम में रखना खतरनाक साबित हो सकता है. ये वो चीजें जिनका खराब होने का रिस्क तो रहता ही है पर इसके साथ ही आपके स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ने की संभावनाएं भी रहती हैं.

इन चीजों को बाथरूम में रखने से बचें

1. टूथब्रश

बहुत से लोग बेसिन नहीं, बल्कि बाथरूम के अंदर ही टूथब्रश रखते हैं. पर बाथरूम में टूथब्रश नहीं रखना चाहिए. इसके दो कारण है- पहला, अगर आप अपने टूथब्रश में कवर नहीं लगाती हैं तो उन पर टॉयलेट के जीवाणुओं के आक्रमण का खतरा रहेगा. दूसरा बाथरूम की नमी के कारण बैक्टीरिया बड़ी आसानी से आपके टूथब्रश पर घर बना सकते हैं.

अपने टूथब्रश को किसी अंधेरी जगह पर रखना बेहतर है. 3-4 महीनों में टूथब्रश को बदलना न भूलें.

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2. रेजर ब्लेड

आपके घर पर भी एक से ज्यादा रेजर ब्लेड एक साथ खरीदे जाते होंगे और आप इन्हें बाथरूम में ही रखती होंगी. पर बाथरूम की नमी रेजर ब्लेड के लिए अच्छी नहीं है. ज्यादा नमी के कारण रेजर ब्लेड पर जंग भी लग सकते हैं.

रेजर ब्लेड को एयर-टाइट डब्बे में रखें और घर के किसी ड्राई जगह पर ही रखें.

3. मेकअप प्रोडक्ट्स

आजकल लोगों को इतनी हड़बड़ी रहती है कि मेकअप प्रोडक्ट्स भी अब ड्रेसिंग टेबल की जगह बाथरूम में रखे जाने लगे हैं. अगर आप भी समय बचाने के लिए ऐसा करने लगी हैं, तो तुरंत अपने मेकअप के सामान को हटा लें. गर्मी और नमी से मेकअप के सामान बर्बाद हो जाते हैं.

मेकअप प्रोड्क्टस को अपने बेडरूम में ही रखें.

4. दवाईयां

दवाईयां कई लोगों की जिन्दगी का अहम हिस्सा हैं. पर इसे भी खाना हम कई बार भूल जाते हैं. याद रखने के लिए इसे सबसे उपयुक्त जगह पर रखते हैं. उपयुक्त जगह ढूंढते-ढूंढते अगर आपने अपनी दवाईयां बाथरूम में रख दी हैं, तो उन्हें तुरंत वहां से हटायें. दवाईयों के पैकेट पर ये बात लिखी रहती है कि उन्हें तीव्र रौशनी और नमी से दूर रखना चाहिए. बाथरूम में दवाईयां रखने से दवाईयों का असर धीरे-धीरे कम होने लगता है.

आप किचन में भी दवाईयां रख सकती हैं, अगर किचन की अल्मारी गैस स्टोव से दूर है तभी किचन में दवाईयां रखें.

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5. तौलिया

दिनभर की थकान के बाद एक रिफ्रेशिंग बाथ से आप तरोताजा महसूस करती हैं. नहाने के बाद नर्म तौलिए से खुद को सुखाना भी बड़ा सुकून देता है. पर अगर नहाने के बाद इस्तेमाल होने वाला तौलिया भी आप बाथरूम में ही रखती हैं, तो तुरंत उसकी जगह बदलें. बाथरूम में ही तौलिए को रखने से तौलिया सूख नहीं पाता और उसमें से बदबू आने लगती है.

तौलिए को अपने बेडरूम की अल्मारी में ही रखें.

तजरबा: भाग 3- कैसे जाल में फंस कर रह गई रेणु

‘‘एक रोज मैं और मेरी सहेली रैचेल रतन के कमरे में बैठे हुए आपस में बात कर रहे थे कि नींद की गोलियों में कौन से ब्रांड की गोली सब से असरदायक होती है. रतन ने कहा कि किसी भी ब्रांड की गोली खाने से पहले अगर 1-2 घूंट ह्विस्की पी लो तो गोली जबरदस्त असर करती है. मेरे पूछने पर कि उसे कैसे मालूम, रतन ने कहा कि उस ने किसी उपन्यास में पढ़ा है और रासायनिक तथ्यों को देखते हुए बात ठीक भी हो सकती है.

‘‘रैचेल ने कहा कि अनिंद्रा की बीमारी से पीडि़त लोगों के लिए तो यह नुस्खा बहुत कारगर सिद्ध हो सकता है लेकिन बगैर आजमाए तो किसी को बताना नहीं चाहिए. मुझे पता था कि रैचेल के घर में शराब का कोई परहेज नहीं है और ज्यादा थके होने पर रैचेल भी 1-2 घूंट लगा लेती है. मैं ने उस से कहा कि वह खुद पर ही यह फार्मूला आजमा के देख ले. भरपूर नींद सो लेगी तो अगले दिन तरोताजा हो जाएगी. रैचेल बोली कि ह्विस्की की तो कोई समस्या नहीं है लेकिन नींद की गोली बगैर डाक्टर के नुस्खे के नहीं मिलती, रतन अगर नुस्खा लिख दे तो वह तजरबा करने को तैयार है.

‘‘रतन ने कहा कि नुस्खे की क्या जरूरत है. रेणु की नाइट ड्यूटी आजकल आरथोपीडिक वार्ड में है, जहां आमतौर पर सब को ही गोली दे कर सुलाना पड़ता है. सो इस से कह, यह किसी मरीज के नाम पर तुम्हें भी एक गोली ला देगी. उस रात बहुत से मरीजों के लिए एक ही ब्रांड की गोली लिखी गई थी सो नर्स स्टोर से पूरी शीशी ले आई. आधी रात को सब की नजर बचा कर मैं ने वह शीशी अपने पर्स में रख ली और मौका मिलते ही रैचेल को दे दी.

‘‘अगले दिन हमारी छुट्टी थी. रात के 10 बजे के करीब रैचेल के पिता का फोन आया कि बहुत पुकारने पर भी रैचेल जब रात का खाना खाने नहीं आई तो उन्होंने उस के कमरे में जा कर देखा कि वह एकदम बेसुध पड़ी है. मैं ने उन्हें रैचेल को फौरन अस्पताल लाने को कहा और आश्वासन दिया कि मैं भी वहां पहुंच रही हूं. संयोग से रतन की उस रात नाइट ड्यूटी थी, मैं ने तुरंत उसे फोन पर सब बता कर कहा कि मुझे लगता है कि रैचेल ने तजरबा कर लिया. मैं ने उसे वार्ड से चुरा कर नींद की गोलियों की शीशी दी थी.

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‘‘रतन बोला कि वह तो उसे मालूम है. आधी शीशी नींद की गोलियां गायब होने से वार्ड में काफी शोर मचा हुआ था, जिसे सुनते ही वह समझ गया था कि यह किस का काम है. खैर, चिंता की कोई बात नहीं, उसे बता दिया है सो वह सब संभाल लेगा और उस ने संभाला भी. अस्पताल पहुंचने से पहले ही रैचेल की मौत हो चुकी थी. रतन ने मौत की वजह मैसिव हार्ट अटैक बता कर किसी और डाक्टर के आने से पहले आननफानन में पोस्टमार्टम कर बौडी रैचेल के घर वालों को दे दी.

‘‘अगले रोज उस ने मुझे अकेले में बताया कि उस ने मुझे बचा लिया है. रैचेल ने काफी मात्रा में नींद की गोलियां खाई थीं. पलंग के पास पड़ी नींद की गोलियों की खाली शीशी भी उस के बाप को मिल गई थी, मगर रतन के समझाने पर कि आत्महत्या का पुलिस केस बनने पर उन की बहुत बदनामी होगी, उन्होंने चुपचाप रैचेल का जल्दी से अंतिम संस्कार कर दिया. यही नहीं जच्चाबच्चा वार्ड जहां रैचेल की ड्यूटी थी, वहां भी एक नर्स ने मुझे अचानक वार्ड में आ कर हंसते हुए रैचेल को कुछ पकड़ाते हुए देखा था. रतन ने उसे भी डांट कर चुप करा दिया कि सब के सामने हंसते हुए च्युंगम दी जाती है चुराई हुई नींद की गोलियों की शीशी नहीं.

‘‘मेरे आभार प्रकट करने पर रतन ने कहा कि खाली धन्यवाद कहने से काम नहीं चलेगा. जब वह किसी परेशानी में होगा तो वह जो कहेगा मुझे उस के लिए करना पड़ेगा. हामी भरने के सिवा कोई चारा भी नहीं था. उस के बाद से मैं रतन से डरने लगी थी, हालांकि उस ने दोबारा वह विषय कभी नहीं छेड़ा.

‘‘कुछ अरसे के बाद रैचेल की गोलियां खाने की वजह भी समझ में आ गई. डा. राममूर्ति ने एक रोज बताया कि वह और रैचेल एकदूसरे से प्यार करते थे और जल्दी ही शादी करने वाले थे लेकिन उस के घर वालों ने उस की शादी कहीं और तय कर दी थी.

राममूर्ति ने रैचेल को आश्वासन दिया था कि छुट्टी मिलते ही चेन्नई जा कर अपने घर वालों को सब बता कर वह रिश्ता खत्म कर देगा, लेकिन काफी कोशिश के बाद भी उसे छुट्टी नहीं मिल रही थी और रैचेल इसे उस की टालमटोल समझ कर काफी बेचैन थी. शायद इसी वजह से उस का हार्ट फेल हो गया. यह जान कर मेरे मन से एक बोझ उतर गया कि रैचेल की जान मेरे मजाक के कारण नहीं गई. वह आत्महत्या करने का फैसला कर चुकी थी. फिर मैं तुम से शादी कर के लंदन चली गई. वापस आने पर भी रतन से कभी मुलाकात नहीं हुई.

‘‘अब अचानक इतने साल बाद उस ने मुझे ब्लैकमेल करना शुरू किया है कि रैचेल की सही पोस्टमार्टम रिपोर्ट और विसरा वगैरा उस के पास सुरक्षित है, जिस के बल पर वह मुझे कभी भी सलाखों के पीछे भेज सकता है. अपना मुंह बंद रखने की कीमत उस ने 1 लाख रुपए मांगी थी जो मैं ने चुपचाप उसे दे दी. आसानी से मिले पैसे ने उस की भूख और भी बढ़ा दी. उस ने मुझे कहा कि मैं और भी मेहनत कर के पैसे कमाऊं क्योंकि अब वह अपनी नहीं मेरी कमाई पर जीएगा…’’

‘‘जुर्म के सुबूत छिपाने वाला जुर्म करने वाले जितना ही अपराधी होता है सो रतन तुम्हें फंसाने की कोशिश में खुद भी पकड़ा जाएगा,’’ धवल ने रेणु की बात काटी.

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‘‘यह बात मैं ने रतन से कही थी तब वह बोला, ‘कह दूंगा कि तुम्हारे रूपजाल में फंस कर मेरी बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी लेकिन अब विवेक जागा है तो मैं आत्मसमर्पण करना चाहता हूं. मुझे थोड़ीबहुत सजा हो जाएगी, तुम शायद सुबूतों के अभाव में बरी भी हो जाओ लेकिन यह सोचो कि तुम्हारी कितनी बदनामी होगी, तुम्हारे नर्सिंग होम की ख्याति और पति की प्रतिष्ठा पर कितना बुरा असर पड़ेगा?’

‘‘उस की दलील में दम था, फिर भी मैं ने एक जानेमाने वकील से सलाह ली तो उन्होंने भी यही कहा कि सजा तो मुझे नहीं होने देंगे लेकिन बदनामी और उस से होने वाली हानि से नहीं बचा सकते. अब तुम ही बताओ, धवल, मैं क्या करूं?’’ रेणु ने पस्त मन से पूछा.

‘‘अब तुम्हें कुछ करने या परेशान होने की जरूरत नहीं है. जो भी करना है, अब मैं सोचसमझ कर करूंगा. फिलहाल तो चलो, आराम किया जाए,’’ धवल ने रेणु को बांहों में भर कर पलंग पर लिटा दिया.

अगले रोज धवल ऋषि से मिला.

‘‘भाभी को कह कि यह टेप रिकार्डर हरदम अपने पास रखें और जब भी रतन का फोन आए, इसे आन कर दें, ताकि वह जो भी कहे इस में रिकार्ड हो जाए,’’ ऋषि ने सब सुन कर एक छोटी सी डिबिया धवल को पकड़ाई, ‘‘फिर रतन को देने के लिए जो भी पैसा बैंक से निकाले उन नोटों के नंबर वहां दर्ज करवा दे जिन की बुनियाद पर हम पुलिसकर्मी बन कर उसे ब्लैकमेल के जुर्म में गिरफ्तार करने का नाटक कर के उसे इतना डराएंगे कि वह फिर कभी भाभी के सामने आने की हिम्मत नहीं करेगा. उस के पकड़े जाने पर उस के डाक्टर बाप की इज्जत या प्रेक्टिस की साख पर असर नहीं पड़ेगा?’’

‘‘यह तो मैं ने सोचा ही नहीं था. रेणु के तजरबे के सुझाव ने खुद रेणु को फंसा दिया था पर लगता है तुम्हारा रतन को डराने का तजरबा सफल रहेगा.’’

‘‘होना भी चाहिए, यार. भाभी अपने गलत सुझाव के लिए काफी आर्थिक और मानसिक यातना भुगत चुकी हैं.’’

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Imlie से आर्यन को छोड़ने के लिए कहेगा आदित्य, मिलेगा करारा जवाब

सीरियल इमली (Imlie) में जल्द ही नया अध्याय शुरु होने वाला है. जहां आर्यन, इमली के लिए आदित्य और मालिनी से बदला लेते हुए नजर आएगा. तो वहीं इमली, आदित्य को पीछे छोड़कर अपनी जिंदगी में आगे बढ़ती हुई नजर आएगी. हालांकि इससे पहले सीरियल में कई ट्विस्ट आते हुए नजर आएंगे. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

इमली ने दिया आदित्य के सवालों का जवाब

 

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अब तक आपने देखा कि आदित्य, इमली से पूछता है कि क्या वह उसके साथ 5 मिनट भी नहीं रह सकती है क्योंकि वह आर्यन से बहुत प्यार करती है. हालांकि इमली कहती है कि वह न तो आर्यन से प्यार करती है और न ही उससे नफरत करती है और अगर उसने दोबारा उसके चरित्र पर सवाल उठाया तो अच्छा नही होगा. क्योंकि वह अब किसी और का पति है. लेकिन आदित्य पूछता है कि क्या उसे जलन हो रही है कि वह किसी और का पति है, उसे सोचना चाहिए कि जब उसने इमली को आर्यन के साथ देखा तो उसे कैसा लगा. हालांकि वह पूछती है कि क्या उसने उसे आर्यन को प्रपोज करते हुए देखा, आर्यन उसे गलत तरीके से छू रहा था.

 

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मालिनी का पता चला सच

 

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इसी के साथ आदित्य, इमली से पूछता है कि उसने उसे तलाक के कागजात क्यों भेजे, जिसके जवाब में वह पूछती है कि क्या उसे लगता है कि उसने उसे तलाक के कागजात भेजे हैं. इसी बीच मालिनी दोनों को बताती है कि उसने तलाक के पेपर भेजे थे. साथ ही कहती है कि उसने गलती की, लेकिन आदित्य को एक बार उसकी बात सुननी चाहिए थी. वह आदित्य से बेहद प्यार करती है, जिसे सनकर आदित्य हैरान हो जाता है.

 

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आदित्य कहेगा ये बात

 

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अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि इमली, आदित्य से पूछेगी कि उसे कैसे समझाया जाए कि वह आर्यन से प्यार नहीं करती, जिसके चलते आदित्य उससे आर्यन को छोड़ने के लिए कहेगा और वादा करने के लिए कहेगा कि वह फिर कभी आर्यन से नहीं मिलेगी. लेकिन इमली कहेगी कि वह चाहता है कि वह अपने करियर को छोड़ दे और उसकी पत्नी के रूप में वापस आए, लेकिन वह ऐसा नहीं कर सकती और इसलिए उसे अब अपनी नई पत्नी और बच्चे के साथ रहना चाहिए, जिसे सुनकर आदित्य हैरान रह जाएगा.

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अनुज के लिए वनराज का गुस्सा आएगा सामने, क्या करेगी Anupama

सीरियल अनुपमा (Anupama) की कहानी दिन प्रतिदिन दिलचस्प होती जा रही है. जहां अनुज (Gaurav Khanna) और अनु (Rupali Ganguly) की लव स्टोरी धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है तो वहीं मालविका (Aneri Vajani) को भड़काने की कोशिश वनराज (Sudhanshu Pandey) करता नजर आ रहा है, जिसके चलते सीरियल के अपकमिंग एपिसोड में हंगामा होने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

मालविका और काव्या में हुई बहस

 

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अब तक आपने देखा कि अनुज और अनुपमा एक साथ वक्त बिताते हैं. जहां अनुज, अनु का हाथ थाम लेता है. लेकिन अनु कुछ नही कहती. वहीं जीके भी अनुपमा को रिश्ता कुबूल करने के लिए कहती है. हालांकि अनुपमा थोड़ा वक्त मांगती है ताकि मालविका और अनुज की सारी प्रौब्लम ठीक हो जाए, जिसके बाद वह अपने दिल की बात जाहिर करेगी. दूसरी तरफ, काव्या, मालविका को वनराज को गले लगाने की बात पर बहस करती नजर आती है. लेकिन मालविका उसे करारा जवाब देते हुए पति चोर कह देती है, जिसे सुनकर काव्या भड़क जाती है.

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वनराज का गुस्सा देखेगी अनुपमा

 

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अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि अनुपमा, मालविका से नए साल के सेलिब्रेशन की बात कहेगी. लेकिन वह अनु से कहेगी कि वह नया साल नहीं मनाती है और ये बात अनुज भी जानता है. वहीं इस बात से काव्या बेहद खुश होगी कि मालविका, वनराज से नए साल पर दूर रहेगी और वह वनराज का दिल फिर से नए साल पर जीत लेगी. दूसरी तरफ, वनराज बड़े उत्साह से बिजनेस प्रेजेंटेशन तैयार करेगा. लेकिन मालविका उससे कहेगी कि अनुज प्रैसेंटेशन देगा, जिसके बाद वनराज चुप हो जाएगा. हालांकि वनराज को परेशान देखकर अनु उसके गुस्से को भांप लेगी, जिसके कारण वह परेशान नजर आएगी.

 

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बता दें, नए साल के सेलिब्रेशन में कई धमाके होने वाले हैं, जिसके चलते अनुपमा की जिंदगी बदलने वाली है.

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तो शादी में नहीं हटेगी किसी की नजर

‘‘भारतीय महिलाएं बेहद सौम्य और सुंदर होती हैं, उन के नैननक्श बेहद सजीले होते हैं,’’ यह कहना था स्वीडन के मशहूर मेकअप कलाकार योसन रैमल का.

रैमल मशहूर मेकअप ऐक्सपर्ट और ओरिफ्लेम के ग्लोबल ब्यूटी डाइरैक्टर थे. वे अनेक प्रख्यात अंतर्राष्ट्रीय मौडलों के साथ काम कर चुके. उन्होंने अपनी 2011 भारत यात्रा के दौरान भारतीय दुलहन के लिए सौंदर्य के नए रुझनों को पेश किया था.

एक कार्यक्रम में रैमल ने एक मौडल क्षिप्रा मलिक का लाइव मेकओवर किया था और दुलहन के शृंगार के नए रुझन प्रस्तुत किए थे और मेकअप से संबंधित बारीकियों से अवगत कराया था. उन का मानना था कि एक बढि़या तरीके से दुलहन का शृंगार जिस में ग्लिटर हो और साथ ही मैटेलिक, हरा और भूरा रंग हो तो उस शृंगार में दुलहन बेहद सुंदर लगती है. इन के अलावा पारंपरिक लाल और सुनहरा रंग तो दुनियाभर में हमेशा छाया ही इरहता है.

उन्होंने भौंहों को खास आकार देना और आंखों को सम्मोहक बनाने के तरीके भी बताए थे. उन्होंने बताया था कि मैटमैले और भूरे रंग के कौस्मैटिक प्रोडक्ट्स का भी अधिक इस्तेमाल ज्यादा अच्छा रहता है. पेश हैं, उन की कुछ सलाहें:

– फाउंडेशन हमेशा चिकबोंस से लगाना शुरू करें. इस के बाद इसे पूरे चेहरे पर फैलाएं.

– ब्लशर के ब्रश को चिकबोंस पर लगाने के बाद कनपटी से शुरू करते हुए ठोड़ी तक ला कर छोड़ें.

– ब्रश को कनपटी से ठोड़ी तक नंबर 3 के आकार में ला कर खत्म करें. इस से चेहरे का उचित आकार निकल कर आता है.

– दुलहन का मेकअप करते समय आंखों के मेकअप पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है.

– सब से पहले व्हाइट आईशैडो आंखों के दोनों कोनों में लगाएं. इस से आंखें स्मोकी लगती हैं.

– आधी आंखों पर व्हाइट और बाकी पर गोल्डन आईशैडो लगाएं. मेकअप अधिक समय तक टिका रहे इस के लिए उसे अच्छी तरह फैलाना जरूरी है.

– गोल्डन आईशैडो को कानों की ओर से आंखों के नीचे आधे हिस्से में लगाएं. इस के बाद व्हाइट आईशैडो को भौंहों के नीचे से शुरू करते हुए नीचे ला कर गोल्डन आईशैडो में मर्ज कर दें.

– दुलहन की ड्रैस से मैच खाता आईशैडो इस्तेमाल करें.

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– काजल पैंसिल से आंखों के अंदर ऊपर व नीचे दोनों तरफ काजल लगाएं. इस के बाद आइलाइनर लगाएं. मसकारा लगाते समय ध्यान रखें कि इसे 3 ऐंगल्स से लगाना है. इस से पलकें झपकाने पर मसकारा फैलता नहीं है.

– पलकों को 3 हिस्सों में बांट लें. मसकारा पैंसिल को पलकों के 3 भागों में 3 दिशाओं में घुमाते हुए लगाएं. सब से पहले ऊपर की पलकों में आंख के कोनों की तरफ की पलकों पर पैंसिल को घुमाएं और बाकी रची पलकों पर पैंसिल को बाहर की ओर तिरछा घुमाते हुए मसकारा लगाएं. इस के बाद यही प्रक्रिया नीचे की पलकों पर दोहराएं.

– होंठों का मेकअप करते समय ध्यान रखें कि लिपस्टिक लगाना हमेशा निचले होंठ से शुरू करें.

– होंठ के किनारे से लिपस्टिक शुरू कर के फिर ऊपर के होंठ पर लगाएं.

– लिपस्टिक अधिक समय तक टिकी रहे इस के लिए लिपस्टिक लगाने के बाद उस पर पाउडर शाइन लगा दें. लिपस्टिक लगाने से पहले होंठों पर लिप बाप लगा लें. इस से लिपस्टिक अच्छी तरह फैलती है. अंत में एक खूबसूरत बिंदी दुल्हन की खूबसूरती में चार चांद लगा देती है.

रैमल का अनुभव था कि भारतीय महिलाओं के नैननक्श बेहद सजीले होते हैं इसलिए वे चमकदार और चटकीले रंगों और ज्यादा मेकअप में बहुत सारी शैलियों का प्रयोग कर पाती हैं.

रैमल ने ये बातें बहुत पहले कही थीं पर आज भी यही प्रयोग कर के देखें और खूबसूरती पाएं.

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रिश्ते दिल से निभाएं या दिमाग से

बरखा जब शादी के बाद अपने ससुराल आई तो बेहद खुश थी. उसे अपनी ननद श्रेया के रूप में एक बेहद अच्छी सहेली जो मिल गई थी. बरखा के  इस नए घर में बस श्रेया ही एक ऐसी थी जो उस की हर बात को सुनती थी और अपने घर वालों की निजी बातें भी बरखा को बताती थी.

जब श्रेया ने बरखा को एक विवाहित पुरुष से अपने संबंधों के बारे में बताया तो बरखा ने उसे रोकना चाहा, परंतु श्रेया ने कहा, ‘‘भाभी प्यार तो प्यार है, आप के भी तो शादी से पहले कितने अफेयर थे क्या मैं ने कभी किसी के साथ यह बात शेयर की?’’

बरखा चुप लगा गई. बाद में जब बरखा के परिवार को यह पता चला कि श्रेया के अफेयर के बारे में बरखा पहले से जानती थी तो उसे खूब खरीखोटी सुनाई गई.

अनु की मम्मी सिंगल मदर हैं. वे घरबाहर सब संभालती हैं और अनु की हर जरूरत को पूरा करती हैं, परंतु अनु जैसे ही अपने हिसाब से कुछ करने की कोशिश करती है तो उस की मम्मी का लैक्चर शुरू हो जाता है, ‘‘मैं अकेली कमाने वाली हूं, पूरी जिंदगी तेरे कारण स्वाहा कर दी है, परंतु तू फिर भी मनमानी करने लगी है.’’

अनु के शब्दों में ऐसा लगता है कि मम्मी ने उसे पाल कर कोई एहसान किया है?

‘‘मुझे खुश होने या अपने हिसाब से काम करने का कोई हक नही है,’’ अनु अपनी मम्मी की जोड़तोड़ वाली आदत से परेशान हो चुकी है.

प्रिया के पति पंचाल जब मरजी होती है प्रिया को इग्नोर करने लगते हैं और जब इच्छा होती है प्रिया से लाड़ लड़ाने लगते हैं. प्रिया के कुछ कहने पर पंचाल का एक ही राग होता है कि प्रिया ये मेरा वर्कप्रैशर इस के लिए जिम्मेदार है.’’

पंचाल इतना अधिक विक्टिमप्ले करती है कि बहुत बार प्रिया खुद ही गिल्टी महसूस करने लगती है.

उधर राधा का हाल ही अलग है. वह हर घटना, हर चीज को अपने हिसाब से मैनीपुलेट करती हैं. अगर राधा का मन करता है तो वह रातदिन काम करती हैं और बेटेबहू के कहने पर बोलती हैं कि अरे काम करते रहने से मेरे हाथपैर चलते रहेंगे और अगर मन नहीं करता तो बेटेबहू को ताने देने लगतीं कि इस उम्र में भी उन्हें खटना पड़ रहा है.

अगर गहराई से सोचा जाए तो ऐसे लोग हमारे घरपरिवार में बड़ी आसानी से मिल जाएंगे. ऐसे लोग हर रिश्ते को जोड़तोड़ के साथ निभाने में यकीन करते हैं. उन्हें सामने वाले के दुखदर्द से कोई मतलब नहीं होता है. उन्हें मतलब होता है बस अपनेआप से. ऐसे लोग रिश्तों में इस तरह सेंध लगाते हैं कि धीरेधीरे वे खोखले हो जाते हैं.

‘‘मैं ही सबकुछ करता या करती हूं.’’

‘‘मेरे पास पैसे कम हैं न तभी तुम मुझ से कतराते हो.’’

‘‘लोग मेरे लिए नहीं, मेरे काम के लिए

रोते हैं.’’

‘‘तुम्हें तो मैं अपना सबकुछ मानती हूं.’’

इस तरह के कितने ही जैसे कितने ही जुमले हैं जो आप ने पहले भी सुने होंगे. इन्हें किस तरह से जोड़तोड़ कर के अपने फायदे के लिए यूज करे यह लोग अच्छी तरह से जानते हैं.

आप को ही बोलने का मौका देना:

अगर आप के इर्दगिर्द ऐसा कोई करीबी है तो सावधान हो जाएं. मैनीपुलेटर ज्यादा से ज्यादा आप को ही बोलना का मौका देते हैं क्योंकि जितना आप बोलेंगे उतने ही अपने दिल के राज खोलेंगे. वे आप की हर बात को बहुत ध्यान से सुनेंगे, आप को इतना खास महसूस करवाएंगे कि आप उन्हें अपना हितैषी समझ कर अपनी जिंदगी की कुछ ऐसी बातें भी उन से शेयर कर लेते हैं जो बाद में ही भारी पड़ सकती हैं.

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आप के बेहद करीब होना:

ऐसे व्यक्तित्व वाले लोग आप के बेहद करीब होने के लिए कुछ अपनी बेहद निजी बातें भी शेयर कर सकते हैं. वे आप को भरसक यह विश्वास दिलाने का प्रयास करेंगे कि वे आप के ऊपर कितना भरोसा करते हैं. अगर आप उन से दूरी बना कर रखना भी चाहेंगे तो भी वे ऐसे व्यवहार करेंगे जैसे आप उन के साथ बहुत अन्याय कर रहे हैं. आप के अलावा उन के लिए कोई भी व्यक्ति अधिक महत्त्वपूर्ण नही है.

विक्टिम कार्ड खेलना:

मैनीपुलेटिव लोग पहले कुछ गलत करते हैं और अगर आप उन से इस बारे में सवालजवाब करते हैं तो वे लोग ऐसा बीहेव करते हैं जैसे गलत उन्होंने नहीं आप ने उन के साथ किया हो. उन से तो जो भी हुआ अनजाने में हुआ पर आप बारबार सवालजवाब कर के उन्हें परेशान करना चाहते हैं या नीचा दिखाना चाहते हैं. अंतत: ऐसे लगने लगता है कि आप ही गलत हैं और आप ही उन की माफी के लिए गिड़गिड़ाने लगते हैं.

पैसिवअग्रैशन:

मैनीपुलेटिव व्यक्तियों की एक खास पहचान यह होती है कि वे कभी भूल कर भी सामने से अटैक नहीं करते हैं. अगर आप की कोई बात उन्हें बुरी लगती है या आप उन का कहना नहीं मानते है तो वे अपने में चले जाते हैं. आप चाह कर भी उन से बातचीत नहीं कर पाते हैं और न ही यह जान पाते है कि उन के दिमाग के अंदर क्या चल रहा है. ऐसे लोग एक अलग सी पावर गेम खेलते हैं, इस पावर गेम में वे चुप रह कर अपनी नाराजगी जाहिर करते हैं. पैसिव अग्रैशन रिश्तों के गणित के लिए ज्यादा तकलीफदेह होता है. यह चुप्पी इतना अधिक तनाव देती है कि सामने वाला इंसान खुद को ही दोषी मान कर झक जाता है.

आप तो ऐसे न थे:

अगर आप कोई काम उन के हिसाब से नहीं करते हैं या उन की बात नहीं सुनते हैं तो बारबार आप को यह एहसास दिलाया जाता है कि आप कितने बदल गए या गई हैं. यह बात इतनी बार दोहराई जाती है कि आप खुद पर ही शक करने लगते हैं. आप को लगने लगता है कि जरूर आप के अंदर ही कुछ नकारात्मक बदलाव आ गए हैं जो उन के लिए बेहद तकलीफदेह हैं.

आप के शब्द आप के खिलाफ इस्तेमाल करना:

अगर आप उन्हें किसी गलत बात पर टोकते हैं तो वे अपनी गलती मनाने के बजाय आप की कोई पुरानी बात ढूंढ़ कर ले आएंगे कि आप ने भी फलां घटना में ऐसे ही व्यवहार किया था. आप के गुस्से को भड़का कर वे खुद शांत हो जाएंगे. जब आप भड़क कर उन्हें भलाबुरा कह देंगे तो वे घडि़याली आंसू बहा कर खुद को निर्दोष साबित कर देते हैं.

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कड़वी बातों को मजाक की चाशनी में परोसना:

यह मैनीपुलेटिव लोगों का एक अनोखा गुण होता है कि कड़वी और तीखी बात कह कर वे यह बोल देते हैं, ‘‘अरे मैं तो मजाक कर रहा था या थी. तुम्हें सच लग रहा हैं तो मैं क्या करूं?’’

सामने वाले के दिल को दुखाने में उन्हें असीम आनंद आता है पर वे दिल दुखा कर भी बड़ी साफगोई से बच निकलते हैं.

ऐसे लोग दोस्त, साथी या रिश्तेदार के रूप में आप के आसपास अवश्य होंगे. जरूरत है उन की बातों या कृत्यों से खुद को दोषी न मानें. आप अपनी जगह बिलकुल सही हैं. उन के हिसाब से खुद को बदलने के उन्हें बदलने को कहें. रिश्तों को जोड़तोड़ से नहीं बल्कि समझदारी और प्यार से निभाया जाता है.

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