इन 5 Tips से पाएं सफेद बालों से छुटकारा

आजकल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी, तनाव, प्रदूषण और अन्य समस्याओं के कारण हम अपने शरीर के ऊपर ध्यान नहीं दे पाते हैं. जिसके कारण हमे न जाने कितनी समस्याओं क सामना करना पड़ता है. जिसके कारण हम और परेशान रहते हैं. इन्ही समस्याओं में एक समस्या है असमय बालों का सफेद होना जिसके लिए हम न जानें क्या-क्या उपाय करते हैं कि इस समस्या से निजात मिल जाए.

आज का दौर फैशन का दौर है. जिसके कारण हमारे सफेद बाल होने के कारण हम असहज महसूस करते है. किसी भी पार्टी या किसी भी समारोह में जाने के लिए हमारा मन नहीं करता है क्योंकि आप नहीं चाहते है कि आपको कोई कुछ कहे आपका मजाक उड़ाए. कई लोगों के बहुत ही कम उम्र में ही बाल सफेद हो जाते हैं.

कई बार तो आपके दोस्त आपको कह देते हैं कि आप बूढें हो रहे हैं. जिसके कारण आपको बुरा लगता है. अगर आप भी इन समस्याओं से गुजर रहे है तो इन उपायों को अपनाएं. हम अपनी खबर में ऐसे उपायों के बारें में बता रहे है. जिससे आपके असमय हो रहे सफेद बालों से निजात मिल जाएगा. ये नेचुरल उपाय है जिसे करने से आपको सौ प्रतिशत फायदा मिलेगा.

1. तिल और गाजर का पेस्ट

इस पेस्ट से आप अपने बालों को काले बना सकते है. इसके लिए इन दोनों चीजों को बराबर मात्रा में लें और इसमें 1 चम्मच मेथी का पाउडर मिलाएं और फिर इसे धूप में कम से कम आधा घंटे के लिए रख दें. फिर इसे आपने बालों में लगाएं.

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2. अदरक

अदरक हमारी सेहत के साथ-साथ सौंदर्य के लिए भी काफी फायदेमंद है. ये आपको सफेद बालों से भी निजात दिला सकती है. इसके लिए अदरक और जोजोबा तेल मिलाकर सिर और बालों पर लगाएं. सप्ताह में कम से कम 2 बार लगाएं. इससे आपके बाल काले हो जाएगे.

3. तुरई

तुरई के बारें में तो जानते होंगे. इसकी सब्जी हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है. लेकिन यह आपके बालों को काला भी बना सकती है. इसके लिए इसे टुकड़ों में काटकर सूखा लें. इन्हें एक कप में डालकर उसमें नारियल तेल मिला लें और चार दिन तक रहने दें. इसके बाद तेल को काला होने तक गर्म कर लें और सप्ताह में कम से कम 3 बार बालों में लगाएं.

4. गुड़हल

ये बालों को सफेद होने से बचाने के साथ-साथ उनमें शाइनिंग भी देता है. इसके लिए इसके फूलों को एक पैन में 20 मिनट उबाल लें. इसके बाद इस पेस्ट को बालों में ठीक ढंग से लगाने के बाद साफ पानी से धो लें और फिर शैंपू कर लें.

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5. चौलाई

ये सब्जी बालों को सफेद होने से बचाती है. यह भंगुर बाल के उपचार में भी उपयोगी है. चौलाई का रस पानी में मिला लें. इसे बालों पर लगाएं और दो घंटों का तक छोड़ दें. आप इन पत्तों का पेस्ट भी लगा सकते हैं. बालों का नेचुरल कलर बनाए रखने के लिए नियमित रूप से इसका इस्तेमाल करें.

क्या पहली बार शारीरिक संबंध बनाते समय आने वाली परेशानियों के बारे में बताएं?

सवाल

मैं 18 वर्षीय युवती हूं. मैं ने सुना है कि जब भी कोई युवती किसी युवक से पहली बार शारीरिक संबंध स्थापित करती है, तो बहुत दर्द होता है. क्या यह सच है और ऐसा क्यों होता है?

जवाब

कुंआरी युवतियों के यौनांग में एक पतली सी झिल्ली होती है, जिसे कौमार्य झिल्ली कहते हैं. जब कोई युवती पहली बार संबंध बनाती है तो वह झिल्ली फट जाती है, जिस से थोड़ा सा रक्तस्राव और हलका सा दर्द होता है.

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कामुकता का राज और स्त्री की संतुष्टि को कुछ इस तरह समझिए

मेरठ का 30 वर्षीय मनोहर अपने वैवाहिक जीवन से खुश नहीं था, कारण शारीरिक अस्वस्थता उस के यौन संबंध में आड़े आ रही थी. एक वर्ष पहले ही उस की शादी हुई थी. वह पीठ और पैर के जोड़ों के दर्द की वजह से संसर्ग के समय पत्नी के साथ सुखद संबंध बनाने में असहज हो जाता था. सैक्स को ले कर उस के मन में कई तरह की भ्रांतियां थीं.

दूसरी तरफ उस की 24 वर्षीय पत्नी उसे सैक्स के मामले में कमजोर समझ रही थी, क्योंकि वह उस सुखद एहसास को महसूस नहीं कर पाती थी जिस की उस ने कल्पना की थी. उन दोनों ने अलगअलग तरीके से अपनी समस्याएं सुलझाने की कोशिश की. वे दोस्तों की सलाह पर सैक्सोलौजिस्ट के पास गए. उस ने उन से तमाम तरह की पूछताछ के बाद समुचित सलाह दी.

क्या आप जानते हैं कि सैक्स का संबंध जितना दैहिक आकर्षण, दिली तमन्ना, परिवेश और भावनात्मक प्रवाह से है, उतना ही यह विज्ञान से भी जुड़ा हुआ है. हर किसी के मन में उठने वाले कुछ सामान्य सवाल हैं कि किसी पुरुष को पहली नजर में अपने जीवनसाथी के सुंदर चेहरे के अलावा और क्या अच्छा लगता है? रिश्ते को तरोताजा और एकदूसरे के प्रति आकर्षण पैदा करने के लिए क्या तौरतरीके अपनाने चाहिए?

सैक्स जीवन को बेहतर बनाने और रिश्ते में प्यार कायम रखने के लिए क्या कुछ किया जा सकता है? रिश्ते में प्रगाढ़ता कैसे आएगी? हमें कोई बहुत अच्छा क्यों लगने लगता है? किसी की धूर्तता या दीवानगी के पीछे सैक्स की कामुकता के बदलाव का राज क्या है? खुश रहने के लिए कितना सैक्स जरूरी है? सैक्स में फ्लर्ट किस हद तक किया जाना चाहिए?

इन सवालों के अलावा सब से चिंताजनक सवाल अंग के साइज और शीघ्र स्खलन की समस्या को ले कर भी होता है. इन सारे सवालों के पीछे वैज्ञानिक तथ्य छिपा है, जबकि सामान्य पुरुष उन से अनजान बने रह कर भावनात्मक स्तर पर कमजोर बन जाता है या फिर आत्मविश्वास खो बैठता है.

वैज्ञानिक शोध : संसर्ग का संघर्ष

हाल में किए गए वैज्ञानिक शोध के अनुसार, यौन सुख का चरमोत्कर्ष पुरुषों के दिमाग में तय होता है, जबकि महिलाओं के लिए सैक्स के दौरान विविध तरीके माने रखते हैं. चिकित्सा जगत के वैज्ञानिक बताते हैं कि पुरुष गलत तरीके के यौन संबंध को खुद नियंत्रित कर सकता है, जो उस की शारीरिक संरचना पर निर्भर है.

पुरुषों के लिए बेहतर यौनानंद और सहज यौन संबंध उस के यौनांग, मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी पर निर्भर करता है. पुरुषों में यदि रीढ़ की हड्डी की चोट या न्यूरोट्रांसमीटर सुखद यौन प्रक्रिया में बाधक बन सकता है, तो महिलाओं के लिए जननांग की दीवारें इस के लिए काफी हद तक जिम्मेदार होती हैं और कामोत्तेजना में बाधक बन सकती हैं.

शोध में वैज्ञानिकों ने पाया है कि एक पुरुष में संसर्ग सुख तक पहुंचने की क्षमता काफी हद तक उस के अपने शरीर की संरचना पर निर्भर है, जिस का नियंत्रण आसानी से नहीं हो पाता है. इस के लिए पुरुषों में मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और शिश्न जिम्मेदार होते हैं.

मैडिसन के इंडियाना यूनिवर्सिटी स्कूल और मायो क्सीविक स्थित वैज्ञानिकों ने सैक्सुअल और न्यूरो एनाटोमी से संबंधित संसर्ग के प्रचलित तथ्यों का अध्ययन कर विश्लेषण किया. विश्लेषण के अनुसार,

डा. सीगल बताते हैं, ‘‘पुरुष के अंग के आकार के विपरीत किसी भी स्वस्थ पुरुष में संसर्ग करने की क्षमता काफी हद तक उस के तंत्रिकातंत्र पर निर्भर है. शरीर को नियंत्रित करने वाले तंत्रिकातंत्र और सहानुभूतिक तंत्रिकातंत्र के बीच संतुलन बनाया जाना चाहिए, जो शरीर के भीतर जूझने या स्वच्छंद होने की स्थिति को नियंत्रित करता है.’’

डा. सीगल अपने शोध के आधार पर बताते हैं कि शारीरिक संबंध के दौरान संवेदना मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी द्वारा पहुंचती है और फिर इस के दूसरे छोर को संकेत मिलता है कि आगे क्या करना है. इस आधार पर वैज्ञानिकों ने पाया कि उत्तेजना 2 तथ्यों पर निर्भर है.

एक मनोवैज्ञानिक और दूसरी शारीरिक, जिस में शिश्न की उत्तेजना प्रत्यक्ष तौर पर बनती है.

इन 2 कारणों में से सामान्य मनोवैज्ञानिक तर्क की मान्यता में पूरी सचाई नहीं है. डा. सीगल का कहना है कि रीढ़ की हड्डी की चोट से शिश्न की उत्तेजना में कमी आने से संसर्ग सुख की प्राप्ति प्रभावित हो जाती है. इसी तरह से मस्तिष्क में मनोवैज्ञानिक समस्याओं में अवसाद आदि से तंत्रिका रसायन में बदलाव आने से संसर्ग और अधिक असहज या कष्टप्रद बन जाता है.

स्त्री की यौन तृप्ति

कोई युवती कितनी कामुक या सैक्स के प्रति उन्मादी हो सकती है? इस के लिए बड़ा सवाल यह है कि उसे यौन तृप्ति किस हद तक कितने समय में मिल पाती है? विश्लेषणों के अनुसार, शोधकर्ता वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि ऐसे लोगों को चिकित्सकीय सहायता मिल सकती है और वे सुखद यौन संबंध में बाधक बनने वाली बहुचर्चित भ्रांतियों से बच सकते हैं.

इस शोध में यह भी पाया गया है कि युवतियों के लिए यौन तृप्ति का अनुभव कहीं अधिक जटिल समस्या है. इस बारे में पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने माइक्रोस्कोप के जरिए युवतियों के अंग की दीवारों में होने वाले बदलावों और असंगत प्रभाव बनने वाली स्थिति का पता लगाया है.

वैज्ञानिकों ने एमआरआई स्कैन के जरिए महिला के दिमाग में संसर्ग के दौरान की  सक्रियता मालूम कर उत्तेजना की समस्या से जूझने वाले पुरुषों को सुझाव दिया है कि वे अपनी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं. उन्हें सैक्सुअल समस्याओं के निबटारे के लिए डाक्टरी सलाह लेनी चाहिए, न कि नीम हकीम की सलाह या सुनीसुनाई बातों को महत्त्व देना चाहिए. इस अध्ययन को जर्नल औफ क्लीनिकल एनाटौमी में प्रकाशित किया गया है.

महत्त्वपूर्ण है संसर्ग की शैली

डा. सीगल के अनुसार, महिलाओं के लिए संसर्ग के सिलसिले में अपनाई गई पोजिशन महत्त्वपूर्ण है. विभिन्न सैक्सुअल पोजिशंस के संदर्भ में शोधकर्ताओं द्वारा किए गए सर्वेक्षणों में भी पाया गया है कि स्त्री के यौनांग की दीवारों को विभिन्न तरीके से उत्तेजित किया जा सकता है.

आज की भागदौड़भरी जीवनशैली में मानसिक तनाव के साथसाथ शारीरिक अस्वस्थता भी सैक्स जीवन को प्रभावित कर देती है. ऐसे में कोई पुरुष चाहे तो अपनी सैक्स संबंधी समस्याओं को डाक्टरी सलाह के जरिए दूर कर सकता है.

कठिनाई यह है कि ऐसे डाक्टर कम होते हैं और जो प्रचार करते हैं वे दवाएं बेचने के इच्छुक होते हैं, सलाह देने में कम. वैसे, बड़े अस्पतालों में स्किन व वीडी रोग (वैस्कुलर डिजीज) विभाग होता है. अगर कोई युगल किसी सैक्स समस्या से जूझ रहा है तो वह इस विभाग में डाक्टर को दिखा कर सलाह ले सकता है.

 

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बच्चों को सिखाएं खुश रहने की कला

रीमा और रमन के इकलौते बेटे 8 वर्षीय अक्षत के पास मंहगे से मंहगे खिलौनों का भंडार है पर कल से उसने अपने दोस्त बीनू के जैसी कार खरीदने की जिद लगा रखी है. उसे कुछ के समझाने के बजाए रमन ने उसे रोता देखकर अगले दिन वैसी ही कार लाकर दे दी जिससे वह उस समय तो खुश हो गया परन्तु क्या अभिभावकों द्वारा बच्चे क़ी जिद पूरी करने का ये तरीका सही है ? क्या इसके बाद उसकी इच्छाओं का अंत हो जाएगा. वास्तव में  बच्चे मिट्टी के समान होते हैं उन्हें जिस भी ढांचे में ढाल दिया जाए वे बड़ी आसानी से ढल जाते हैं. आजकल आमतौर पर परिवार में एक या दो बच्चे होते हैं और अपने इन नौनिहालों को हर अभिभावक जिंदगी की दौड़ में शिखर पर देखना चाहता है. इसके अतिरिक्त कई बार माता पिता अपने सपनों को पूरा करने के लिए भी बच्चों को मोहरा बना देते हैं. नौनिहालों को शिखर  पर पहुंचाने के लिए वे बाल्यावस्था से ही केरियर में श्रेष्ठतम करने के लिए विभिन्न विषयों की कोचिंग में भेजना प्रारम्भ कर देते हैं, स्कूल और कोचिंग के बीच में पिसते बच्चे जीवन के व्यवहारिक ज्ञान से अनभिज्ञ ही रह जाते हैं.

अक्सर वे कैरियर और एकेडेमिक्स में तो बेहतर प्रदर्शन करना सीख जाते हैं परन्तु दूसरों की भावनाओं या तकलीफों को समझना या उन पर काम करने से अछूते ही रह जाते हैं. जब कि जीवन को सफलता पूर्वक चलाने के लिए एकेडमिक्स के साथ साथ व्यवहारिक ज्ञान का होना भी अत्यंत आवश्यक है. यद्यपि 2020 में कोरोना के आगमन के बाद से कोचिंग व स्कूल के बंद होने से बच्चे घर में हैं, कोचिंग या क्लासेज भी ऑनलाइन ही हैं  भले ही बच्चे घर में हैं और उनका परिवार के साथ जुड़ाव भी बढ़ा है परन्तु उन्हें जीवन मूल्यों से परिचित कराना अत्यंत आवश्यक है. आवश्यक है कि किताबी शिक्षा के साथ साथ बच्चों को भावनाओं क़ी कोचिंग भी दी जाए. उन्हें खुश रहने और अपने व्यवहार से दूसरों को खुश करने की कला सिखाई जाए ताकि वे भविष्य में भी एक जिम्मेदार पिता, पति और नागरिक बनकर  सुखमय जीवन व्यतीत कर सकें.

-रिश्तों की महत्ता बताएं

अक्सर माता पिता बच्चों से केरियर और सफलता के बारे में तो बात करते हैं परन्तु कभी भी रिश्तों और रिश्तेदारों के बारे में बात नहीं करते. काउंसलिंग एक्सपर्ट कैथलीन ओकानर कहती हैं, ” बच्चों से उन रिश्तों पर बात करें जिन्होंने आपको खुशी दी. उन्हें बताएं कि आपने उन रिश्तों के लिए क्या कुछ नहीं किया. उन्हें जिंदगी में रिश्तों का महत्त्व बताएं ताकि भविष्य में वे उनके साथ जीना सीख सकें. उन्हें परिवार की महत्ता और उसके प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाना सिखाएं. इसके लिए आवश्यक है कि आप उन्हें अपने बाल्यावस्था की छोटी छोटी शैतानियां और बातें कहानियों के रूप में सुनाएं इससे उन्हें सुनने में मजा भी आएगा और वे उन रिश्तों से परिचित भी हो सकेंगे. पहले जहां छुट्टियों में बच्चे दादी नानी के घर जाते थे वहीं आजकल छुट्टियों में घूमने जाने का ट्रेंड हो गया है जिससे बच्चे नाते रिश्तेदारों से अपरिचित ही रह जाते हैं. वर्ष में कम से कम एक बार उन्हें परिवार के सदस्यों से अवश्य मिलवाएं ताकि वे उनसे जुड़ाव भी महसूस कर सकें.

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-रोल मॉडल बनें

बच्चे सदैव अपने माता पिता का अनुकरण करते हैं. परिस्थितियां चाहे कैसी भी हों पर  रश्मि हमेशा दीवाली मनाने अपने ससुराल ही जाती है इससे उसके बच्चे ग्रैंड पेरेंट्स और चाचा बुआ जैसे रिश्तों को तो समझ ही पाते हैं साथ साथ उनका सम्मान करना और परिवार के साथ रहना भी सीखते हैं. इस बाबत रश्मि कहती है,”आप इसे मेरा स्वार्थ भी कह सकते हैं क्योंकि आज जो बच्चे देखेंगे कल वही वे हमारे साथ करेंगे.”

इसलिए जो भी आप उनसे करवाना चाहते हैं उसे अपने जीवन में अवश्य उतारें ताकि वे आपको देखकर अपने व्यवहार में ला सकें.

-संतुष्ट रहना सिखाएं

यद्यपि कोरोना के आगमन के बाद से अभिभावकों ने बच्चों को संतुष्ट रहना सिखाया परन्तु उन्हें समझाना होगा कि जीवन में खुशी कभी पैसे से नहीं खरीदी जा सकती बल्कि खुश रहने के लिए संतुष्ट होना आवश्यक है और इच्छाओं का कभी अंत नहीं होता. इसके लिए उन्हें ऐसे लोंगों से परिचित कराएं जो उनसे कम भौतिक चीजों के साथ भी खुश रहते हैं. उन्हें छोटी छोटी बातों में खुश होना सिखायें. 90 के दशक से सकारत्मकता के मनोविज्ञान पर काम कर रहे मार्टिन सोलोमन जिंदगी के उद्देश्य पर काम कर रहे हैं वे कहते हैं बच्चों को बताएं कि सिर्फ पैसे कमाने से खुशी नहीं मिलती खुशी के लिए संतुष्ट होना जरूरी है वह भाव खुद में तलाशें जैसे किसी को पर्यावरण की रक्षा करना पसंद है तो किसी को गरीबो की मदद करना.

-धन का मूल्य समझाएं

आजकल परिवार का स्वरूप एक या दो बच्चों तक सीमित रह गया है. बच्चों की डिमांड उनके मुंह से निकलते ही पूरी हो जाती है इससे वे समझ ही नहीं पाते कि धन कमाने में कितना परिश्रम लगता है. उज्जैन में एक प्रतिष्ठित स्कूल के संचालक श्री वासवानी जी कहते हैं,”मेरा बेटा यदि 3 चीजों की डिमांड करता है तो उसमें से मैं एक बार में एक ही डिमांड पूरी करता हूं ऐसा नहीं है कि मैं उसकी डिमांड पूरी नहीं कर सकता परन्तु यदि इच्छा व्यक्त करते ही पूरी हो जाएगी तो उसे पैसे की वैल्यू ही समझ नहीं आएगी.” इसलिए बच्चों को बाल्यावस्था से ही पैसा बहुत मेहनत से कमाया जाता है यह समझाया जाना अत्यंत आवश्यक है.

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-कृतज्ञता सिखाएं

बच्चों को अपने आसपास के लोंगों, कामगारों के प्रति कृतज्ञ होना सिखाएं. घर के प्रेस वाले, मेड, ड्राइवर और अन्य कामगारों के उदाहरणों से ही उन्हें समझाएं कि उनका आपके जीवन में कितना महत्त्व है. कई घरों में बच्चे घर के कामगारों से बदतमीजी से बात करते हैं और अभिभावक उन्हें टोकने के बजाय हसना प्रारम्भ कर देते हैं जो सर्वथा अनुचित है क्योंकि यदि उन्हें प्रथम बार में ही टोक कर दण्डित किया जाए तो वे दोबारा गल्ती नहीं करेंगे.

-पर्यावरण के प्रति जगरूक बनाएं

अनीता अपने बच्चे के जन्मदिवस पर हर साल एक पौधा लगाती है और अपने बच्चे से ही उसकी देखभाल करने को कहती है इससे बच्चे में प्रकृति प्रेम बढ़ने के साथसाथ जिम्मेदारी का भाव भी आता है. आज समय की मांग है कि हम अपने बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाएं ताकि भविष्य में भी वे पर्यावरण को सहेजने में अपनी जिम्मेदारी निभा सकें. प्रकृति ने मानव जीवन को क्या क्या दिया है और उसे सहेजना कितना और क्यों जरूरी है यह उन्हें बचपन से ही सिखाया जाना अत्यंत आवश्यक है.

लड़कियों के बचकानेपन का लाभ

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने एक बलात्कार के अभियुक्त के प्रति नरमी बरतते हुए उसे जमानत पर रिहा कर दिया है क्योंकि अदालत के अनुसार वह लडक़ी अपनी इच्छा से नवंबर 2018 में उस के साथ मंदसौर से सूरत चली गर्ई जहां उसे एक बच्चा भी दोनों के प्रेम से हुआ.

आमतौर पर अदालतों का ऐसे मामलों में भी रुख बहुत ही संख्त होता है और 18 साल से कम की लडक़ी के साथ किसी भी तरह का यौन संबंध बलात्कार ही माना जाता है चाहे लडक़ी के  उकसाने और सहमति पर ही क्यों न यौन संबंध बने हो, कानून मानता है 18 वर्ष से पहले लडक़ी को रत्ती भर अक्ल नहीं होती और उस के बचकानेपन का लाभ उठाने का हक किसी को नहीं. जब लडक़ी भागी थी तो वह 15 साल की थी और लडक़ा 19 साल का.

अदालतों के सामने अब ये समस्या आनी शुरू होगी जब लडक़ालडक़ी स्पष्ट रूप से सहमती से संबंध बनाएंगे और बाद में मुकर जाएंगे. इस आयु में लडक़ी के पिता का खून खौल जाता है और वह ही पुलिस के दरवाजे खटखटा कर अपनी भड़ास निकालता है. इस तरह के स्पष्ट मामले में लडक़ों को दोषी ठहराना या लंबे समय तक जेल में बंद कर देना एक तरह से लडक़ीलडक़े का पूरा जीवन खराब कर देना होगा.

‘मेरी बेटी को मेरी नाक के नीचे से भगा ले गया’ वाली भावना बहुत सा रोष पैदा करती है और मातापिता अक्सर कानूनों का हवाला देकर भागे युगल को पकड़ ही नहीं लाते, पुलिस अदालत की शरण में जा कर अपने वर्षों और बड़ा पैसा खराब कर डालते हैं. अदालतें तो शिकायत होने पर लडक़े को गिरफ्तार करने का आदेश देंगी ही पर कम अदालतें ही समझती हैं कि किशोरावस्था के प्रेम परिपक्व न हों पर गहराई पूरी होती है, यह प्राकृतिक जरूरत है.

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या तो हम लोग लड़कियों को बंद तालों, बुरकों, घूंघटों, परदों में रखें या फिर उन्हें पूरी छूट दें, आगे बढऩे की, अपने सहीगलत फैसलों की, यौन स्वतंत्रता की. वे घर का संबल भी बनें अैर संस्कृति व धर्म के नाम पर अपने पर कंट्रोल भी रखें, संभव नहीं है.

मातापिता का फर्ज है कि वे विवेक से काम लें, आवेश से नहीं. लडक़ी ने बेवकूफी की है तो वे भी उस से बढ़ कर बेवकूफ बन कर लडक़ी पर दुश्चरित्र होने का ठप्पा न लगाएं. समाज तो क्या कोई और उदार युवक भी उन के इस बेकार के पब्लिसिटी वाले काम को माफ नहीं करेगा. वे लडक़ी का पूरा भविष्य भी खराब करेंगे, लडक़े का भी.

हमेशा ही किशोर मांऐ होती रही हैं और पहले जहां उन्हें कूएं में कूद जाने का या चक्ले पर बैठ जाने को बाध्य किया जाता था, आज अकेली मां का वजूद बनता जा रहा है. बेटी 18 साल से कम हो तो भी उसे बलात्कार का मामला दर्ज कराने को उकसाने से उतना ही नुकसान होगा जितना उसके प्रेमी के साथ भागने से हुआ था.

15 साल की उम्र में जो लडक़ी 3 साल युवक के साथ रही. कैसे कह सकती है कि उस के साथ जबरदस्ती हुई या उसे बहकाया गया. अदालत ने वैसे तो सही संदेश दिया है कि उन्हें अपने हाल पर छोड़ दो पर पुलिस और मातापिता इसे मानेंगे, इस में शक है.

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जानें क्या है हैटेरोटोपिक Pregnancy

कुछ अरसा पहले गुड़गांव स्थित पारस अस्पताल में एक दुर्लभ मामला तब सामने आया जब 32 वर्षीय पूजा हांडा को पेट में तेज दर्द और योनि से अनियमित रक्तस्राव के चलते अस्पताल लाया गया. जांच करने पर उस में हैटेरोटोपिक प्रैगनैंसी का पता चला. इस समस्या की पहचान करने में 1 माह का समय लग गया. 1 महीना पहले उस की एमटीपी कराई गई. तब वह 7 सप्ताह की गर्भवती थी. एमटीपी के पहले ही उसे पैल्विक क्षेत्र में दर्द था और सर्जरी के द्वारा गर्भपात करने के बाद भी उसे दर्द रहता था. इस स्थिति में यूटरस और फैलोपियन ट्यूब में प्रैगनैंसी एकसाथ होती है. इसलिए संभवतया इस डायग्नोसिस के बारे में नहीं सोचा जाता है.

हैटेरोटोपिक प्रैगनैंसी है क्या

हैटेरोटोपिक प्रैगनैंसी एक असामान्य अवस्था है, जिस में 2 या 3 से अधिक गर्भधारण एक ही समय पर अलगअलग स्थानों यानी गर्भाशय के भीतर और बाहर दोनों जगह हो जाते हैं. हैटेरोटोपिक प्रैगनैंसी के मामले बहुत ही कम देखने को मिलते हैं. भारत में 10 से 30 हजार गर्भवती महिलाओं में से 1 को यह समस्या होती है. अमेरिका और पश्चिमी देशों में जरूर लगभग 2% महिलाओं में यह समस्या पाई जाती है. हाल ही में हुए कई अध्ययनों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार इस प्रकार के मामले असिस्टेड रिप्रोडक्शन आईवीएफ में अधिक देखे गए हैं. आईवीएफ के दौरान हाइड्रोस्टैटिक प्रैशर उत्पन्न होता है, जिस से भू्रण को गर्भाशय में हस्तांतरित करने के दौरान खतरा और अधिक बढ़ने की आशंका बनी रहती है. पिछले कुछ वर्षों से हैटेरोटोपिक प्रैगनैंसी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, क्योंकि गर्भधारण के लिए आईवीएफ और दूसरी असिस्टेड रिप्रोडक्टिव तकनीकों का उपयोग काफी बढ़ रहा है.

बढ़ जाता है मृत्यु का खतरा

आंकड़ों के अनुसार गर्भावस्था और प्रसूति के दौरान होने वाली कुल मौतों में से 10 से 15% का कारण हैटेरोटोपिक प्रैगनैंसी है. चूंकि इस का डायग्नोसिस कठिन होता है, इसलिए इस के कारण होने वाला रक्तस्राव घातक साबित होता है.

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कारण

हाल में हुए सर्वेक्षणों के अनुसार उन महिलाओं में हैटेरोटोपिक प्रैगनैंसी होने का खतरा 35% होता है, जिन में पहले भी यह समस्या हुई हो. 31% में श्रोणि सूजन की बीमारी पहले से हो सकती है. 33% महिलाओं में जिन की पहले पुनर्निर्माण ट्यूबल सर्जरी हुई होती है उन में भी इस की आशंका बढ़ जाती है. वैसे हैटेरोटोपिक प्रैगनैंसी के अधिकांश मामले असिस्टेड रिप्रोडक्टिव तकनीकों से ही संबंधित होते हैं. इस के अलावा उन महिलाओं में भी इस की आशंका बढ़ जाती है जो तंबाकू का सेवन करती हैं.

लक्षण

पेट के निचले भाग में दर्द हैटेरोटोपिक प्रैगनैंसी का सब से सामान्य लक्षण है. योनि से रक्तस्राव और पेट की बाईं ओर दर्द होना भी इस का लक्षण है. कई महिलाओं में हैटेरोटोपिक प्रैगनैंसी के कारण आंतरिक रक्तस्राव भी होता है.

रिस्क फैक्टर्स

निम्न परिस्थितियां हैटेरोटोपिक प्रैगनैंसी के खतरे को बढ़ा देती हैं:

  1. जिन महिलाओं में पहले भी हैटेरोटोपिक प्रैगनैंसी हुई हो.
  2. संक्रमण जिस के कारण फैलोपियन ट्यूब की सामान्य अवस्था गड़बड़ा जाती है. इस के कारण फैलोपियन ट्यूब्स क्षतिग्रस्त हो जाती हैं या उन में रुकावट आ जाती है, जिस से हैटेरोटोपिक प्रैगनैंसी का खतरा बढ़ जाता है.
  3. फैलोपियन ट्यूब्स का ट्यूमर भी महिलाओं में हैटेरोटोपिक प्रैगनैंसी का खतरा बढ़ा देता है.
  4. पैल्विक क्षेत्र का संक्रमण भी इस का खतरा बढ़ा देता है.
  5. कई लोगों से शारीरिक संबंध होने के कारण भी संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है.
  6. गर्भधारण के समय में सिगरेट पीने से भी हैटेरोटोपिक प्रैगनैंसी की आशंका बढ़ जाती है.

डायग्नोसिस

हैटेरोटोपिक प्रैगनैंसी का डायग्नोसिस ब्लड हारमोन टैस्ट और पैल्विक अल्ट्रासाउंड के द्वारा किया जाता है. पैल्विक क्षेत्र में होने वाले दर्द और प्रजनन की उम्र में रक्तस्राव की कभी अनदेखी न करें. कोई भी गर्भवती चाहे वह प्राकृतिक रूप से गर्भवती हुई हो या असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टैक्नोलौजी के द्वारा, अगर वह पेट दर्द की शिकायत करती है तो जो विभिन्न डायग्नोसिस किए जाते हैं उन में हैटेरोटोपिक प्रैगनैंसी की संभावना का भी ध्यान रखना चाहिए.

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उपचार

इस का उपचार सर्जरी और दवाओं दोनों के द्वारा किया जाता है. हैटेरोटोपिक प्रैगनैंसी के लिए पारंपरिक सर्जरी के बजाय लैप्रोस्कोपी सर्जरी ही डाक्टर और मरीज की प्राथमिकता होनी चाहिए, क्योंकि इस में रक्तस्राव और दर्द कम होता है. फिर अस्पताल में भी अधिक दिनों तक नहीं रहना पड़ता. ठीक होने में भी कम समय लगता है और खर्च भी अधिक नहीं आता.

-डा. नुपुर गुप्ता

कंसलटैंट ओब्स्टिट्रिशन ऐंड गाइनोकोलौजिस्ट, पारस अस्पताल, गुड़गांव

Hina Khan से लेकर Shivangi Joshi तक, Iconic Gold Awards 2021में छाया टीवी हसीनाओं का जलवा

कोई फंक्शन हो या पार्टी टीवी हसीनाओं के लुक्स के जलवे सुर्खियों में रहते हैं. इसी बीच मुंबई में हुए आइकॉनिक गोल्ड अवार्ड्स 2021 (Iconic Gold Awards 2021) के रेड कार्पेट में भी टीवी हसीनाओं के लुक्स ने चार चांद लगा दिए. हिना खान से लेकर शिवांगी जोशी तक हर किसी का लुक्स सोशलमीडिया पर वायरल हो रहा है. आइए आपको दिखाते हैं Iconic Gold Awards 2021 में हसीनाओं के लुक्स की झलक…

हिना खान का ग्लैमरस अंदाज

 

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टीवी एक्ट्रेसेस का लुक आए दिन बदलता रहता है. वहीं संस्कारी बहू अक्षरा के रोल से दिल जीतने वाली हिना खान (Hina Khan) का लुक भी Iconic Gold Awards 2021 के रेड कार्पेट पर सुर्खियां बटोरता नजर आया ग्रीन कलर के स्टाइलिश सूट में वह बेहद खूबसूरत लग रही थीं. फैंस को उनका ये लुक काफी ट्रैंडी लगा.

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बेटी नायरा भी नहीं रही पीछे

अक्षरा की बेटी नायरा यानी शिवांगी जोशी (Shivangi Joshi) भी रेड कार्पेट पर खूबसूरत औफशोल्डर रेड कलर के गाउन में नजर आईं, जिसमें वह किसी परी से कम नहीं लग रही थीं.

नागिन का दिखा जलवा

 

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नागिन के रोल में फैंस का दिल जीत चुकीं फेमस एक्ट्रेस सुरभि चंदना भी ब्लैक ड्रेस में रेड कार्पेट पर उतरी, जिसमें उनका लुक फैंस के दिलों पर बिजलियां गिरा रहा था. सोशलमीडिया पर उनके इस लुक की काफी तारीफें हो रही हैं.

 Bigg Boss की हसीनाओं के दिखे जलवे

हाल ही में Bigg Boss OTT की विनर बनीं दिव्या अग्रवाल जहां ग्लैमर्स अंदाज में व्हाइट ड्रेस पहने नजर आईं तो वहीं शो में उनकी दोस्त रहीं एक्ट्रेस रिद्धिमा पंडित ब्लैक ड्रेस में बिजलियां गिरातीं नजर आईं. इस दौरान बिग बॉस 14 के बाद कपल बनें एजाज खान और पवित्रा पुनिया भी रेड कार्पेट पर नजर आए. इस दौरान दोनों का लुक एक दूसरे को कौम्पिलिमेंट दे रहा था.

 

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किडनैप हुई Imlie, क्या करेंगे आदित्य-मालिनी

सीरियल इमली (Imlie) में इन दिनों काफी ड्रामा देखने को मिल रहा है. जहां मालिनी (Mayuri Deshmukh) अपनी एक के बाद एक चाल से त्रिपाठी परिवार को अपनी तरफ कर रही है तो वहीं आदित्य (Gashmeer Mahajani) और इमली (Sumbul) के बीच दूरियां बढ़ रही हैं. इसी बीच खबरे हैं कि अपकमिंग एपिसोड में कुछ ऐसा होने वाला है, जिससे इमली की जान खतरे में पड़ जाएगी. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

मालिनी ने चली नई चाल


अब तक आपने देखा कि इमली के वकील को अपनी तरफ करके मालिनी अपने खिलाफ सारे सबूत मिटा देती है, जिसके चलते कोर्ट में आदित्य और इमली के खिलाफ फैसला सुनाया जाता है. वहीं घर पहुंचकर इमली, आदित्य को मालिनी का असली चेहरा दिखाने की कोशिश करती है. लेकिन आदित्य पूरे परिवार को बताता है कि मालिनी उसके बच्चे की मां बनने वाली है.

 

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इमली को लगा झटका

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि मालिनी की प्रैग्नेंसी की बात सुनकर इमली को गहरा झटका लगेगा. वहीं मालिनी पूरी कोशिश करेगी कि प्रैग्नेंसी का फायदा उठाकर वह इमली को आदित्य की जिंदगी और त्रिपाठी हाउस से बाहर निकाल सके. इसी के चलते वह कदम कदम पर इमली की बेइज्जती करेगी और उससे नौकर की तरह बरताव करेगी.

किडनैप होगी इमली

 

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इसी बीच आदित्य को अपकमिंग एपिसोड में झटका लगेगा. अनु अपने बदले इमली का सौदा करेगी और उसे किडनैप करवा देगी. दरअसल, कुछ लोग लेबर डिपार्टमेंट से त्रिपाठी हाउस में घुसेंगे. जहां पर इमली को किडनैप कर लेंगे वहीं इस बात का पता आदित्य और मालिनी को लगेगा और वह परेशान हो जाएंगे. दूसरी तरफ इमली की जान खतरे में पड़ी होगा. अब देखना होगा कि क्या आदित्य इमली की जान बचा पाएगा.

 

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सागर किनारे Anuj- Anupama का रोमांस! वनराज-काव्या भी पहुंचे मुंबई

सीरियल ‘अनुपमा’ (Anupama) इन दिनों फैंस के बीच छाया हुआ है. जहां अनुज (Gaurav Khanna) के कारण अनुपमा (Rupali Ganguly) की जिंदगी में नया बदलाव आ गया है तो वहीं वनराज (Sudhanshu Panday) का बदलता व्यवहार काव्या (Madalsa Sharma) को परेशान कर रहा है. इसी बीच अनुपमा और अनुज कपाड़िया का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह समंदर किनारे रोमांटिक गाना गाते नजर आ रहे हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर….

रोमांटिक वीडियो किया शेयर

 

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अब तक आपने देखा कि बा की नाराजगी के बावजूद अनुपमा, अनुज के साथ मुंबई के लिए रवाना होती है, जिसके कारण वनराज काफी परेशान होता है. वहीं इससे बेफिक्र अनुज कपाड़िया पूरी कोशिश करता है कि अनुपमा का ख्याल रखते हुए अपनी दोस्ती का फर्ज निभाए. इसी बीच दोनों साथ में मुंबई पहुंच गए हैं, जहां दोनों प्यार भरे पल बिताते नजर आ रहे हैं. दरअसल, अनुपमा के किरदार में नजर आने वाली रुपाली गांगुली ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह अनुज कपाड़िया यानी गौरव खन्ना के साथ नजर आ रही हैं. फैंस को यह वीडियो काफी पसंद आ रहा है.

 

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ये भी पढ़ें- फिल्मी स्टाइल में अनुज की मदद करेगी Anupama, देखें वीडियो

वनराज-काव्या पहुंचेंगे मुंबई

 

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अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि वनराज, अनुपमा के अकेले अनुज के साथ जाने से परेशान होगा, जिस पर काव्या सवाल करेगी कि क्या वह आज भी अनुपमा को नहीं भुला पाया है, जिसके जवाब में वनराज कहेगा कि उसे नही पता क्या हो रहा है. वहीं वनराज फैसला करेगा कि वह और काव्या भी मुंबई जाएंगे. जहां पर दोनों की मुलाकात Beach पर अनुपमा (Anupama) और अनुज से होगी. लेकिन वनराज एक बार फिर ताना मारते हुए कहेगा कि यहां पर दोनों काम करने के लिए आए हैं, जिसे सुनकर अनुपमा को गुस्सा आ जाएगा.

 

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नंदिनी पर आएगी मुसीबत

 

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जहां अनुपमा अपनी जिंदगी के खूबसूरत लम्हें जीएगी तो वहीं शाह हाउस में बड़ा हंगामा होगा. दरअसल, नंदिनी का एक्स बौयफ्रेंड समर को उसकी इंटिमेट फोटोज दिखाएगा. हालांकि समर पर इसका कोई असर नही होगा. लेकिन एक्स रोहन नंदिनी की फोटोज वायरल कर देगा. वहीं यह फोटोज बा-बापूजी को भी भेजेगा. अब देखना होगा अनुपमा की जिंदगी में कौन सी नई मुसीबत आती है.

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सरकार किसानों के जीवन में व्यापक बदलाव लाने के लिए हर सम्भव कदम उठाने के लिए तत्पर : मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के जीवन में व्यापक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए हर सम्भव कदम उठाने के लिए तत्पर है. उन्हांेने कहा कि राज्य सरकार ने गन्ना किसानों के हित में गन्ना मूल्य में वृद्धि का निर्णय लिया है. 325 रुपये प्रति कुन्तल के गन्ने का गन्ना मूल्य बढ़ाकर 350 रुपये प्रति कुन्तल, 315 रुपये प्रति कुन्तल के सामान्य गन्ने का गन्ना मूल्य 340 रुपये प्रति कुन्तल तथा अनुपयुक्त गन्ने के गन्ना मूल्य में 25 रुपये प्रति कुन्तल वृद्धि की जा रही है. गन्ना मूल्य में इस वृद्धि से प्रदेश के 45 लाख गन्ना किसानों की आय में 08 प्रतिशत की अतिरिक्त बढ़ोत्तरी होगी. उन्हांेने विश्वास व्यक्त किया कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से प्रोत्साहित होकर किसान उत्पादन क्षमता बढ़ाकर प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाएंगे.
मुख्यमंत्री जी आज यहां आयोजित किसान सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे. किसान सम्मेलन में हल भेंट कर मुख्यमंत्री जी का स्वागत किया गया.

किसान सम्मेलन में किसानों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अन्नदाता किसान कठिन परिश्रम करके अन्न पैदा करता है. अन्न जीवन चक्र का आधार है. किसान द्वारा अपने परिश्रम और पुरुषार्थ से बिना भेदभाव के सभी के लिए अन्न उत्पन्न करना पुण्य का कार्य है. इससे पूर्व, कृषि विभाग द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के पश्चात उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया. प्रदर्शनी में कृषि उत्पादक संगठनों के उत्पाद, आधुनिक कृषि यंत्रों, पराली प्रबन्धन विधियों, जैविक कृषि उत्पादों आदि को प्रदर्शित किया गया था.
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2014 मंे श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने पर देश का भाग्योदय हुआ. प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व की सरकार ने गांव, गरीब, नौजवान, महिलाओं तथा समाज के सभी तबकों के लिए कार्य किया. धरती माता की सेहत का ध्यान रखा जा सके, इस उद्देश्य से उन्होंने मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किया. कृषकों के हित और कल्याण के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री सिंचाई योजना जैसी योजनाएं संचालित की गयीं. वर्ष 2017 में वर्तमान राज्य सरकार के सत्ता में आने के बाद पहला निर्णय प्रदेश के 86 लाख लघु एवं सीमान्त किसानों का 36 हजार करोड़ रुपये का ऋण माफ करने का लिया गया.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अन्नदाता किसान के खुशहाल होने से राज्य प्रगति और समृद्धि के मार्ग पर अग्रसर होता है. इस उद्देश्य से वर्तमान राज्य सरकार ने बिचौलियों को समाप्त कर सीधे किसानों से उनके कृषि उत्पादों की खरीद के लिए अप्रैल, 2017 में प्रोक्योरमेन्ट पॉलिसी लागू की. विगत साढ़े चार वर्षाें में प्रदेश में किसानों से रिकॉर्ड मात्रा में उनके कृषि उपज की खरीद की गयी है. एम0एस0पी0 पर गेहूं खरीद के लिए पूर्ववर्ती सरकार ने 19,02,098 किसानों को 12,808 करोड़ रुपये का भुगतान किया. वर्तमान सरकार ने साढ़े चार साल के कार्यकाल में 43,75,574 किसानों को 36,405 करोड़ रुपये का भुगतान किया.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 में वर्तमान सरकार के सत्ता में आने पर पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल का वर्ष 2009-10 से लेकर वर्ष 2018-19 तक का किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान बकाया था. इससे गन्ने का रकबा सिकुड़ता जा रहा था. वर्तमान सरकार ने गन्ना किसानों के हित में बन्द चीनी मिलों का संचालन प्रारम्भ कराया. पिपराइच, मुण्डेरवा, रमाला में पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा बेची गयी चीनी मिलों के स्थान पर नये संयंत्र स्थापित कराए. साथ ही, बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान सुनिश्चित कराया. विगत साढ़े चार वर्षों में किसानों को 01 लाख 44 हजार करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया गया. 30 नवम्बर, 2021 तक गन्ना मूल्य के भुगतान एवं चीनी मिलों के संचालन के निर्देश दिए गए हैं. कोरोना कालखण्ड में जब देश और दुनिया में चीनी उद्योग प्रभावित हो रहा था, वर्तमान राज्य सरकार ने तकनीक का उपयोग करते हुए प्रदेश की सभी 119 चीनी मिलों का संचालन कराया. जब तक किसानों के खेत में गन्ना उपलब्ध था, चीनी मिलें चलायी गयीं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार ने किसानों के हित को ध्यान में रखकर नीतियां बनायीं. वर्ष 1918 में स्पैनिश फ्लू में बीमारी के साथ-साथ भूख से भी बड़ी संख्या में मौत हुई. कोरोना के समय में प्रधानमंत्री जी के देशवासियों का जीवन और जीविका बचाने के संकल्प का अनुसरण करते हुए राज्य सरकार ने कार्य किया. देश व प्रदेश में किसी भी व्यक्ति की भूख से मृत्यु नहीं हुई. कोरोना के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से देश के 80 करोड़ व प्रदेश के 15 करोड़ लोगों को अप्रैल, 2020 से लेकर नवम्बर, 2020 तथा मई, 2021 से लेकर नवम्बर, 2021 तक निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है.

मुख्यमंत्री जी ने प्रदेशवासियों को निःशुल्क खाद्यान्न एवं वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य ने अब तक 10 करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन की खुराक उपलब्ध कराने में सफलता प्राप्त की है. इससे प्रदेश में कोरोना का संक्रमण समाप्त प्राय हो गया है. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के सम्बन्ध में सावधानी व सतर्कता बरतने के साथ ही जीवन और जीविका को बचाने के लिए प्रभावी प्रयास जारी रहेंगे. राज्य सरकार ने पराली जलाने के सम्बन्ध में किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस ले लिए हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में देश व प्रदेशवासियों का जीवन एवं जीविका बचाने के साथ ही किसानों के हित में लगातार कदम उठाए गए. किसान को 24 जिन्स के लिए लागत का डेढ़ गुना दाम दिलाने की घोषणा प्रधानमंत्री जी ने की. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की गयी कृषि उपज की खरीद की धनराशि का भुगतान किसान के खाते में किया गया. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से बिना भेदभाव के सभी किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है. प्रदेश में 02 करोड़ 54 लाख किसान इससे लाभान्वित हो रहे हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसानों को सिंचाई के बेहतर साधन सुलभ कराने के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं. किसानों को सोलर पम्प तथा खेत-तालाब योजना के तहत लाभान्वित किया गया है. वर्षों से लम्बित बाणसागर परियोजना को पूर्ण कराकर प्रारम्भ कराया गया. अर्जुन सागर परियोजना बनकर लगभग तैयार हो चुकी है. अगले महीने इसे प्रधानमंत्री जी से राष्ट्र को समर्पित कराने के प्रयास किए जा रहे हैं. सरयू नहर परियोजना लगभग पूरी हो गयी है. इसके अलावा पहाड़ी बांध, जमरार बांध, रसिन बांध सहित विभिन्न परियोजनाओं को पूर्ण कराया गया है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि तराई एवं विन्ध्य क्षेत्र में अक्सर किसानों और जंगली जानवरों के मध्य संघर्ष हो जाता है. राज्य सरकार ने इसे आपदा घोषित करते हुए वन्य जीवों के हमले में मृत व्यक्ति के आश्रितों को 04 लाख रुपये अथवा कृषक बीमा योजना के तहत 05 लाख रुपये की धनराशि देने की व्यवस्था भी की. किसानों के बिजली बिल के सम्बन्ध में ब्याज माफ करते हुए एकमुश्त समाधान योजना के माध्यम से शीघ्र ही एक ठोस योजना लागू की जाएगी. प्रधानमंत्री जी ने सब्सिडी की दर बढ़ाकर डी0ए0पी0 और यूरिया की कीमतों में वृद्धि नहीं होने दी. किसानों को समय पर उर्वरक तथा विद्युत की सुचारु आपूर्ति सुनिश्चित की गयी.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को सुदृढ़ किया है. वर्तमान में खेत में किसान की मोटर सुरक्षित है, उसे कोई ले नहीं जा सकता. विगत साढ़े चार वर्षों में प्रदेश में कोई दंगा नहीं हुआ है. अवैध स्लॉटर हाउस बंद करा दिए गए हैं. राज्य सरकार द्वारा निराश्रित गोआश्रय स्थलों का संचालन कराया जा रहा है. यह व्यवस्था भी की गयी है कि कोई भी इच्छुक किसान निराश्रित गोवंश में से 04 गोवंश का पालन-पोषण करने के लिए अपने पास रख सकता है. इसके लिए उसे 900 रुपये प्रति गोवंश प्रति माह प्रदान किए जाने की व्यवस्था की गयी है. कुपोषित महिला अथवा कुपोषित बच्चों के लिए दूध की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु उनकी इच्छा पर एक निराश्रित गोवंश दिए जाने की व्यवस्था की गयी है. इस गोवंश के रख-रखाव के लिए उन्हें 900 रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जाने की भी व्यवस्था है.

सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार ने लगातार देश और समाज की उन्नति व समृद्धि तथा सभी वर्गों के उत्थान के लिए कार्य किया है. वर्तमान राज्य सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट में किसानों के ऋण माफ करने का निर्णय लिया. बड़ी मात्रा में किसानों से उनकी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय की गयी. प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को दिए जा रहे प्रभावी प्रोत्साहन से वर्तमान में राज्य गेहूं, गन्ना, आलू, सब्जी, फलों आदि के उत्पादन में देश में नम्बर एक है. किसानों को खाद, बीज, पानी की समय पर उपलब्धता से प्रदेश खाद्यान्न उत्पादन में देश में सबसे ऊपर है.
गन्ना विकास मंत्री श्री सुरेश राणा ने अपने सम्बोधन में कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने चीनी मिलों को बेचा और बंद किया.

मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में वर्तमान सरकार ने बंद चीनी मिलों का संचालन कराया. गन्ना किसानों के हित में कोरोना काल में भी जरूरी सतर्कता बरतते हुए सभी 119 चीनी मिलों का संचालन कराया गया. 18 से अधिक चीनी मिलों की पेराई क्षमता में वृद्धि की गयी. मुख्यमंत्री जी ने पूर्ववर्ती सरकारों के दौरान बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान कराया. विगत साढ़े चार वर्षों में 01 लाख 44 हजार करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया गया है. खाण्डसारी उद्योगों को लाइसेंस देने से पेराई क्षमता में बड़े पैमाने पर वृद्धि हुई है.

किसान सम्मेलन को पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं सांसद श्री राधा मोहन सिंह, सांसद श्री राजकुमार चाहर, विधान परिषद सदस्य श्री स्वतंत्र देव सिंह ने भी सम्बोधित किया.
इस अवसर पर महिला कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह, उद्यान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीराम चौहान, कृषि राज्य मंत्री श्री लाखन सिंह राजपूत सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में कृषक समुदाय उपस्थित था.
सम्मेलन में अतिथियों का स्वागत श्री कामेश्वर सिंह ने किया. कार्यक्रम का संचालन श्री घनश्याम पटेल द्वारा किया गया. मंचासीन अतिथियों का स्वागत श्री सुधीर सिंह, श्री रामबाबू द्विवेदी एवं श्री सतेन्दर तुगाना ने किया.

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