स्मार्ट कुकवेयर बनाएं कुकिंग आसान

आजकल जौब के कारण घर से दूर रहने की वजह से महिला हो या पुरुष किसी के पास इतना समय नहीं होता कि वह किचन में घंटों खड़े रह कर खाना बनाए, साथ ही आज परिवार का हर सदस्य हैल्थ कौंशस हो गया है. ऐसे में जरूरत है टाइम सेव करते हुए हैल्दी डिशेज बनाने की. इस के लिए पेश है किचन कुकवेयर आइटम्स की रेंज.

इंडक्शन

देखने में आकर्षक होने के साथसाथ इस में खाना बनाना काफी आसान होता है, क्योंकि इस में किचन में ही खाना बनाने जैसे झंझटों का सामना जो नहीं करना पड़ता. जहां मन करा वहीं खाना बनाने बैठ गए. इस से समय की भी काफी बचत होती है. इंडक्शन पर इस्तेमाल होने वाले बरतन बिलकुल इंडक्शन से लगे होने के कारण जल्दी खाना पकाने में सक्षम होते हैं. इन में दाल, सब्जी, चावल आदि चीजें तो मिनटों में तैयार हो जाती हैं यानी अब मेहमानों के आने पर नो टैंशन.

ये भी पढ़ें- घर को रखें वैक्यूम क्लीन

सैंडविच टोस्टर

गैस के मुकाबले टोस्टर में सैंडविच बनाना आसान ही नहीं, बल्कि स्वाद के लिहाज से भी काफी बेहतर होता है, क्योंकि इस में ज्यादा क्रिस्पीनैस जो होती है और बारबार पलटने के झंझट से भी छुटकारा मिलता है. बच्चे हों या बड़े सभी इस में बने सैंडविच बड़े चाव से खाते हैं.

ब्लैक ऐल्यूमिनियम तवा

डोसा बनाना हो या फिर चीला, आप नौर्मल तवे पर बनाने लगीं तो ज्यादा समय लगने के साथसाथ इन के खराब होेने का भी डर बना रहता है. ऐसे में ब्लैक ऐल्यूमिनियम तवे पर ये चीजें आराम से बनाई जा सकती हैं और इस तवे पर इन्हें बनाने के लिए तेल भी न के बराबर लगता है यानी ये चीजें पूरी तरह सेहतमंद भी होंगी.

ये भी पढे़ं- टाइल्स फ्लोरिंग: खूबसूरत भी किफायती भी

बेबी कड़ाही इंडक्शन

बेबी कड़ाही इंडक्शन का आप मल्टीपर्पज यूज कर सकते हैं यानी दालसब्जी बनाने के अलावा यह तड़का लगाने, मैगी बनाने आदि के भी काम आती है और वजन में हलकी होने के कारण इसे हैंडल करना भी काफी आसान होता है, साथ ही छोटी होने के कारण आप को इसे कैरी करने में भी कोई दिक्कत नहीं होगी.

यकीन मानिए आप इन सभी कुकवेयर आइटम्स को प्रयोग कर कम समय में कुकिंग आराम से कर सकती हैं और इन में बना खाना सेहतमंद भी होगा.

रात में सुकून भरी नींद चाहिए, तो तुरंत अपनाएं ये 4 टिप्स

लेखिका- दीप्ति गुप्ता

दिनभर की थकान के बाद हर कोई सोचता है कि रात में अच्छी नींद आ जाए. लेकिन कुछ लोगों को चैन और सुकून की नींद नसीब नहीं होती. तमाम कोशिशों के बाद भी रात में घंटों बिस्तर पर करवटे बदलते रहते हैं. एक दो दिन ऐसा होना सामान्य है. लेकिन लगातार आपके साथ ये हालात बन रहे हैं, तो यह चिंता की विषय है. क्योंकि नींद की कमी आपको थका हुआ और सुस्त बना देती है. इतना ही नहीं अगले दिन आप ऊर्जा में कमी का अनुभव भी कर सकते हैं. कई रिसर्च बताती  हैं कि खराब नींद का असर आपके हार्मोन और मास्तिष्क के काम करने पर पड़ता है. तो अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जिनकी स्लीपिंग साइकिल डिस्टर्ब हो रही है या नींद की कमी के कारण लो एनर्जी जैसा फील कर रहे हैं, तो यहां कुछ तरीके हैं, जिन्हें अपनाकर आप  रात में स्वभाविक रूप से बेहतर नींद ले पाएंगे.

1. सही रूटीन बनाएं-

यदि आपको स्वभाविक रूप से नींद नहीं आती, तो इसका मतलब है कि आपका स्लीपिंग रूटीन गड़बड़ है. बता दें कि आपकी बायोलॉजिकल क्लॉक शरीर की सभी चीजों को निर्धारित करती है. इसलिए आपको सोने का एक समय फिक्स करना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि जब एक बार आप अपने शरीर को ये बता देते हैं कि आप इसे किस समय आराम करने देंगे , तो यह आपके मास्तिष्क को रिलेक्स करने और आपको सोने में मदद करने के लिए उन संकेतों को किक करना शुरू कर देता है. इसलिए अगर आपको घंटों तक बिस्तर पर लेटे रहने के बाद भी नींद न आए, तो सबसे पहले साने और जागने का समय फिक्स करें.

2. दिनभर एक्टिव रहें-

जब आप पूरे दिन एक्टिव रहते हैं, तो शरीर थक जाता है और अंत में इसे आराम की जरूरत होती है. कई लोग एक्टिव रहने के लिए व्यायाम भी करते हैं. व्यायाम करने से शरीर एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज करता है, जिससे आपको बहुत जल्दी नींद नहीं आती और आप जागे हुए रहते हैं. इसलिए वर्कआउट करते समय एक बात का ध्यान रखें कि इसे सोने के दो घण्टे के भीतर बिल्कुल न करें. यदि आप रोजाना व्यायाम नहीं करते हैं तो आप तेज चलने या एरोबिक  करने की कोशिश करें. इससे आपका सोने का समय बढ़ जाएगा और आपको गहरी नींद भी आ जाएगी.

ये भी पढ़ें- जब बच्चों के पेट में हो कीड़े की शिकायत

3. गर्म पानी से नहाएं-

शायद आप न जानते हों, लेकिन शाम ढलने के बाद सोने से कुछ घण्टे पहले आपके शरीर का प्राकृतिक तापमान कम हो जाता है और सुबह 5 बजे के करीब फिर से ज्यादा हो जाता है. इसलिए सोने से दो घ्ंाटे पहले गर्म पानी से नहाएं. ऐसा करने से आपके शरीर का तापमान बढ़ जाएगा. इसके तुंरत बाद तेजी से ठंडा होने की अवधि आपके शरीर को तुरंत आराम देती है. जब आप ऐसा करते हैं, तो शरीर के तापमान में गर्म से लेकर ठंडी तक की तेज गिरावट से नींद आने लगती है. इसलिए अगर आपको सोने में परेशानी हो रही है तो साने से 90 मिनट पहले गर्म पानी से नहाने की कोशिश करें.

4. चाय पीएं-

वैसे तो कहा जाता है कि चाय पीने से नींद उड़ जाती है, लेकिन जिन लोगों को नींद की समस्या है, डॉक्टर्स उन्हें सोने से पहले कैफीन फ्री चाय पीने की सलाह देते हैं. ऐसे में कैमोमाइल टी बढ़िया विकल्प है. यह मास्तिष्क में रिसेप्टर्स के साथ बातचीत करने के लिए जानी जाती है. इसके नियमित सेवन से आपको स्वस्थ और लगातार नींद की दिनचर्या बनाने में बहुत मदद मिलती है.

नींद आपके स्वास्थ्य में अहम भूमिका निभाती  है. अपर्याप्त नींद बच्चों और वयस्कों में मोटापे के जोखिम को बढ़ाती है. साथ ही इससे हृदय रोग और मधुमेह का खतरा भी बढ़ता है. ऐसे में यहां बताए गए टिप्स आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं.

ये भी पढ़ें- अब स्पाइनल ट्यूमर का इलाज है आसान

मेरी पत्नी ने झूठे दहेज के इल्जाम में फंसा दिया, मैं क्या करुं?

सवाल

मैं विवाहित पुरुष हूं. मेरा विवाह हुए 4 वर्ष हो गए हैं. शादी के बाद से ही पत्नी का मेरे प्रति व्यवहार क्रूरतापूर्ण था. वह बात बात पर मुझे परेशान करती थी. हर समय कोई न कोई डिमांड करती और कहती, मांग पूरी करो वरना तुम्हें व तुम्हारे परिवार को दहेज विरोधी कानून में फंसवा दूंगी. बातबात पर पुलिस स्टेशन में झूठी शिकायत कर के परेशान करना उस की दिनचर्या बनने लगी. परेशान हो कर मैं ने तलाक का केस फाइल कर दिया तो उस ने सचमुच में हमें झूठे दहेज कानून में फंसा दिया. मुझे समझ नहीं आ रहा, क्या करें, इस मुसीबत से कैसे निकलूं? सलाह दें.

जवाब

दरअसल, 498ए दहेज प्रताड़ना कानून महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाया गया था लेकिन आज यह कानून, कवच बनने के बजाय हथियार बन गया है जो कानूनी आातंक का रूप ले रहा है. आप की पत्नी की तरह अनेक पत्नियां इस कानून का दुरुपयोग पतिपत्नी के बीच के अहं, पारिवारिक विवाद, अलग रहने की इच्छा, संपत्ति में हक की चाहत आदि के लिए करती हैं. झूठे मुकदमे दर्ज करवाने के मामले अब बहुत सुनने में आ रहे हैं जो न केवल निराधार होते हैं बल्कि उन के पीछे गलत इरादे होते हैं. ऐसे मुकदमे दर्ज कराने का मकसद पैसा कमाना भी होता है. लेकिन अगर आप सही हैं तो डरे नहीं और पत्नी के खिलाफ सुबूत इकट्ठा करें. वैसे भी,

2 जुलाई, 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने दहेज से जुड़े श्वेता किरन के मामले में निर्णय सुनाते हुए कहा है कि 498ए कानून के अंतर्गत की गई शिकायत में कोई भी गिरफ्तारी तब तक नहीं हो सकती जब तक कोई 2 सुबूत या गवाह उपलब्ध न हों. ऐसा निर्णय इसलिए दिया गया ताकि असंतुष्ट व लालची पत्नियां इस कानून का दुरुपयोग न कर सकें और न ही पति को ब्लैकमेल कर सकें.

ये भी पढ़ें- सास हमारी शादीशुदा जिंदगी में रोकटोक करती हैं, मैं क्या करुं?

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

इन टिप्स से चमक उठेंगी Armpits

हर महिला के भीतर दर्पण निहारते समय नारी सौष्ठव, चिकनी मुलायम त्वचा और बालों रहित मुलायम बगलों की इच्छा बलवती हो उठती है.

कई बार तो इन छोटीछोटी बातों के कारण रिश्ता भी दरक जाता है. सामने वाला शर्म के चलते यह कह नहीं पाता कि आप के पसीने से बदबू आती है और आप हैं कि यह मानने को तैयार ही नहीं होतीं कि आप के पसीने से बदबू आती है, क्योंकि आप को स्वयं इस बात का एहसास ही नहीं होता.

नियमित साफसफाई

हमारे शरीर में पसीना निकालने वाली अनेक ग्रंथियां हैं, जो शरीर के तापमान को नियंत्रित करने का काम करती हैं. कौस्मैटिक डर्मेटोलौजिस्ट डा. अमरजीत रेखी के अनुसार, पसीने की ये ग्रंथियां शरीर के अन्य भागों के मुकाबले बगलों में कई गुना अधिक होती हैं.

चिलचिलाती गरमी, अनजाना भय, कुतुहल या ऐसी किसी अन्य स्थिति के चलते बगलों से पसीना अधिक निकलने लगता है. घबराहट से चेहरे, हथेलियों, माथे पर भी पसीना आता है, लेकिन बगलों में आने वाले पसीने में बदबू भी आती है.

ऐसे में यदि आर्मपिट्स की ढंग से साफसफाई न हो, तो पसीने में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो कई बार फंगस का भी कारण बनते हैं. आर्मपिट्स शरीर के बाकी रंग की जगह गहरी या काली दिखाई देने लगती हैं.

कोलंबिया अस्पताल की डर्मेटोलौजिस्ट डा. नवदीप के अनुसार, बहुत टाइट कपड़े पहनने से पैदा हुई नमी शरीर के इन भागों से निकलते पसीने के वाष्पीकरण में बाधक होती है, जिस से त्वचा में मौजूद बैक्टीरिया पसीने में मिल कर दुर्गंध पैदा करते हैं और बगलों की त्वचा काली होने लगती है.

ये भी पढे़ं- जब खुबसूरत चेहरे से नजर हटाना हो मुश्किल  

दुर्गंधयुक्त पसीना

टोटल हैल्थ की आहार विशेषज्ञा एवं संस्थापिका अंजलि मुखर्जी का कहना है कि आहार में विशेष पौष्टिक तत्त्वों की कमी जैसे मैग्नीशियम या जिंक की कमी से भी पसीने की गंध प्रभावित होती है. जिस प्रकार मधुमेह का रोग या कब्ज कई बार दुर्गंध का कारण भी बनती है, ठीक उसी प्रकार मांसाहारी भोजन के अत्यधिक सेवन के कारण भी पसीना दुर्गंधयुक्त हो जाता है. मांसाहारी पदार्थों में पाए जाने वाले प्रोटीन में कोलीन नामक तत्त्व प्रचुर मात्रा में होता है. यदि किसी व्यक्ति विशेष में विशेष प्रकार का ऐंजाइम मौजूद न हो और वह कोलीन मांसाहारी भोजन का अधिक सेवन करता रहे, तो ऐसे में उस के पसीने के बदबूयुक्त होने की संभावना बढ़ जाती है.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

मोटापे के कारण आर्मपिट्स में सलवटों के कारण, बारबार वैक्सिंग करना, बारबार बगलों की शेव करते रहने या हेयर रिमूवल क्रीम के कैमिकल के कारण, किसी विशेष डियोड्रैंट से, पाउडर के अत्यधिक छिड़काव, मौसम में बदलाव के कारण काफी हद तक आर्मपिट्स काली हो जाती हैं. यह लगभग सभी त्वचा रोग विशेषज्ञों का मानना है.

डाक्टर अमरजीत रेखी के अनुसार, यह कोई रोग नहीं जिस का उपचार न हो सके. निम्न छोटीछोटी बातों को ध्यान रख कर आर्मपिट्स की इस परेशानी से बचा जा सकता है:

– शरीर के हिस्से की साफसफाई का विशेष ध्यान रखें.

– स्नान करते समय लूफ का प्रयोग करें. आर्मपिट्स को उस से अच्छी तरह रगड़ कर धोएं. फिर अच्छी तरह पोंछ लें.

– अंडरआर्म्स को हमेशा किसी अच्छे नैचुरल मौइश्चराइजर से नम रखें.

– टाइट कपड़े न पहनें.

– ज्यादातर सूती कपड़े ही पहनें. पौलिएस्टर, नायलौन, सिंथैटिक कपड़े कम से कम पहनें.

– बाजार में उपलब्ध ग्लाइकोलिक या ऐजेलिक ऐसिड युक्त क्रीम का इस्तेमाल करें.

– बाहर निकलते समय पूरी बाजू के ढीलेढाले कपड़े ही पहनें.

– कौस्मैटिक सर्जरी करवाएं. किसी अच्छे डर्मेटोलौजिस्ट से ट्रीटमैंट लें.

ये भी पढे़ं- जैसी Skin वैसा Face Pack

– परमानैंट लेजर हेयर रिमूवर एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. यह पसीने की दुर्गंध और कालेपन से छुटकारा दिलवाता है. इस का कोई साइडइफैक्ट भी नहीं होता.

– केसर में त्वचा को साफ करने के गुण मौजूद रहते हैं. केसर की कुछ पत्तियां 2 चम्मच लोशन में मिक्स कर अंडरआर्म्स पर कुछ देर लगाए रखें. कुछ दिनों तक नियमित ऐसा करने पर धीरेधीरे त्वचा का कालापन दूर हो जाएगा और पसीने की बदबू से भी छुटकारा मिलेगा.

– हरे सेब को हलका सा स्टीम कर अच्छी तरह मसल लें. अब इस गूदे को अंडरआर्म्स में कुछ दिन नियमित लगाएं. कालापन धीरेधीरे दूर हो जाएगा.

– सप्ताह में 1 बार औलिव औयल की कुछ बूंदें चीनी में डाल कर उसे अंडरआर्म्स वाले एरिया में फेशियल की तरह लगा कर रगड़ें. नतीजा कुछ ही दिनों में दिखने लगेगा.

– दही का लेप करें. फिर अच्छी तरह रगड़ें और धो कर पोंछ लें.

– बगलों के कालेपन को दूर करने के लिए इमली का पेस्ट भी अच्छा नतीजा देता है.

– खीरे के रस में कुछ बूंदें नीबू का रस डाल कर काली त्वचा पर लगाएं. ध्यान रहे शेविंग या वैक्सिंग करने के पूर्व या बाद में कुछ भी सिट्रिक न लगाएं. कई बार अधिक शेव करने से फौलिक्यूलाइटिस की स्थिति बन जाती है, जिस से त्वचा पर छोटेछोटे दाने उभर आते हैं. इसलिए सिट्रिक ऐसिड से गुरेज करें. शेव या वैक्सिंग से पहले या बाद में नीबू का प्रयोग भी न करें.

– आर्मपिट्स को सुंदर बनाने के लिए सफेद चने के आटे में कुछ बूंदें नीबू का रस, थोड़ी सी हलदी डाल कर पेस्ट बना कर बगलों में लगाएं. निरंतर प्रयोग से फायदा होगा.

– शलगम का रस भी कालापन दूर करता है.

– संतरे के सूखे छिलकों को पीस कर उस पाउडर में गुलाबजल मिला कर पेस्ट बनाएं और अंडरआर्म्स में 10 मिनट लगाए रखें. धीरेधीरे संतरे में मौजूद विटामिन सी त्वचा को ब्लीच कर देगा और आर्मपिट्स नर्ममुलायम हो जाएंगी.

बगलों में दाने, फफोले, खुजली, जलन न हो, इसलिए इन नुसखों के साथ ही शरीर की साफसफाई पर भी पूरा ध्यान दें. साथ ही भोजन की पौष्टिकता का भी ध्यान रखें.

ये भी पढ़ें- बालों को स्ट्रेट करने का सही तरीका

यूपी में रविवार से मुफ्त राशन वितरण का महा अभियान

यूपी में 12 दिसम्बर से राशन वितरण के महा अभियान की शुरुआत होने जा रही है. सरकार इस अभियान के तहत 15 करोड़ से अधिक राशन कार्ड धारकों को बूस्टर डोज के रूप में दोगुना मुफ्त राशन देगी. देश में अब तक का यह सबसे बड़ा राशन वितरण अभियान है.

सरकार की योजना का सीधा लाभ अंत्योदय और पात्र घरेलू राशन कार्ड धारकों को मिलेगा. गरीबों,मजदूरों और किसानों को बड़ा सहारा देने के लिए शुरू हो रहे इस अभियान की निगरानी अफसरों के साथ ही सांसद और विधायक भी करेंगे.

12 दिसम्बर से शुरू होने जा रही राशन वितरण के महा अभियान की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. योजना के तहत अंत्योदय राशन कार्डधारकों और पात्र परिवारों को दोगुना राशन वितरित किया जाना है. अंत्योदय अन्न योजना के तहत लगभग 1,30,07,969 इकाइयां और पात्र घरेलू कार्डधारकों की 13,41,77,983 इकाइयां प्रदेश में हैं.

महामारी के दौर में शुरू हुई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना नवंबर में खत्म हो रही थी इसको देखते हुए सीएम योगी ने 3 नवंबर को अयोध्या में राज्य सरकार की ओर से होली तक मुफ्त राशन वितरण की घोषणा की थी. जिसके बाद से यूपी के पात्र कार्ड धारकों को हर महीने 10 किलो राशन मुफ्त दिया जा रहा है.

केंद्र ने भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को मार्च 2022 तक बढ़ा दिया है. इतना ही नहीं यूपी सरकार राशन कार्ड धारकों को महीने में दो बार गेहूं और चावल मुफ्त दे रही है. राशन दुकानों से दाल, खाद्य तेल और नमक भी मुफ्त दिया जा रहा है. बता दें कि प्रदेश सरकार ने कोरोना काल में भी गरीबों और बेसहारा लोगों की मदद की. 80 हजार कोटेदारों के माध्यम से राशन वितरण अभियान को हर गरीब तक पहुंचाने का बड़ा काम किया है.

आधुनिक बीवी: भाग 3- क्या धर्मपाल की तलाश खत्म हो पाई

लेखक- प्रमोद कुमार शर्मा

लगभग 1 साल तक पाल को कहीं नौकरी न मिली. सुषमा ने एक दुकान में काम करना शुरू कर दिया था. पाल को कुछ पैसे ‘स्टेट’ से सहायता के रूप में मिलते थे. सो, उन दोनों के खर्च के लिए काफी थे. परंतु उन पर जो पुराने बिल चढ़े हुए थे, उन का भुगतान बहुत ही मुश्किल था. जब 4 महीने तक पाल ने कार की किस्त न दी तो बैंक ने कार ले ली. पाल बहुत ही निरुत्साहित सा हो गया था. मैं इधर कंपनी के काम से बाहर रहने लगा था. कभी महीने में 1-2 बार ही उस से बातें हो पाती थीं.

पिछली बार जब उस से फोन पर बातें हुईं तो उस ने बताया कि अरुण भी अब उन के पास ही रहने लगा है. खाना वगैरा तो वह बाहर ही खाता है, रात में केवल सोने के लिए आता है. किराए का आधा पैसा देता है. इसलिए कुछ राहत मिली है. उन के पास 2 शयनकक्ष थे, सो परेशानी की कोई बात नहीं थी.

अरुण पढ़ने में बहुत तेज था. उस ने डेढ़ वर्ष में ही एमएस कर ली. यूनिवर्सिटी की तरफ से ही उसे एक कंपनी में जूनियर इंजीनियर की नौकरी मिल गई. अब वह कहीं और जा कर रहने लगा.

एक बार शनिवार को हम खरीदारी करने गए तो हमें सुषमा और अरुण साथसाथ नजर आए. हम ने जब उन्हें पुकारा तो वे ऐसे हड़बड़ाए जैसे कि कोई चोरी करते पकड़े गए हों.

‘‘रेणु, तुम आजकल हमारे घर नहीं आतीं?’’ सुषमा ने बनावटी गुस्से से कहा.

‘‘ये आजकल औफिस के काम से बाहर बहुत जाते हैं. जब शनिवार, रविवार की छुट्टी होती है तो बहुत थक जाते हैं,’’ रेणु ने उत्तर दिया.

हम चूंकि खरीदारी कर चुके थे, इसलिए रेणु ने कहा, ‘‘सुषमा, मैं तुम्हें फोन करूंगी और फिर मिलने का प्रोग्राम बनाएंगे.’’

हम वापस घर आ गए. कोई विशेष काम था नहीं, सो रेणु ने कहा, ‘‘चलो, आज सुषमा के घर बिना सूचना दिए ही चलते हैं.’’

शाम हो चली थी और हम पाल के यहां जा पहुंचे. घंटी बजाई तो पाल ने ही दरवाजा खोला. अंदर कहीं जब सुषमा नजर न आई तो रेणु ने पूछा, ‘‘सुषमा अभी तक नहीं आई?’’

पाल बोला, ‘‘भाभीजी, वह शनिवार व रविवार को देर तक काम करती है.’’ पाल के मुख से यह सुन कर बड़ा अजीब सा लगा. मैं ने रेणु को आंख से कुछ भी न बोलने का इशारा किया.

ये भी पढ़ें- जातपात : क्या नाराज परिवार को मना पाई निर्मला

पाल ने हमें बैठने को कहा और चाय बनाने चला गया. इतने में ही फोन आया तो पाल ने उठाया. उस के बात करने से पता चला कि वह सुषमा का ही फोन है. उस ने उस से मुश्किल से 1 मिनट बात की होगी. हमें चाय देते हुए बोला, ‘‘सुषमा का ही फोन था. उसे अभी आने में 2 घंटे और लगेंगे.’’ पाल ने हम से बहुत कहा कि हम खाने के लिए रुकें, पर हम ने मना कर दिया.

रास्ते में रेणु ने कहा, ‘‘यह माजरा क्या है?’’

मैं ने कहा, ‘‘दूसरों के मामलों में हमें दखल नहीं देना चाहिए.’’

रेणु इस बार बहुत गुस्से में बोली, ‘‘पाल तुम्हारा गहरा दोस्त है, अपनी आंखों से आज तुम ने सबकुछ देखा है. उस का घर, परिवार बरबाद हुआ जा रहा है और तुम कह रहे हो कि हमें दूसरों के मामलों में दखल नहीं देना चाहिए. कैसे दोस्त हो तुम?’’

रेणु की बात में दम था. मैं ने जब उस से पूछा कि हमें क्या करना चाहिए तो इस का उत्तर उस के पास भी नहीं था. वह बोली, ‘‘जो कुछ भी हो, हमें पाल से बात करनी चाहिए.’’

‘‘हां, पर कैसे?’’

मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि पाल से कैसे बात करूं? कोई प्रत्यक्ष प्रमाण भी नहीं था कि उस से सुषमा और अरुण के नाजायज संबंध बताऊं. मैं ने रेणु से कहना चाहा कि जो हम ने देखा है, वह गलत भी तो हो सकता है, पर हिम्मत न हुई. रेणु उस समय गुस्से में थी.

लगभग 1 सप्ताह यों ही बीत गया. अगले शनिवार को 10-11 बजे पाल का फोन आया कि हम खरीदारी करने जाएं तो उसे भी साथ लेते जाएं.

मैं ने उस से 3-4 बजे तैयार रहने को कह दिया. हम उसे ले कर सुपर मार्केट गए तथा पूरे सप्ताह का राशन खरीदा. पाल ने भी अपना सामान खरीदा.

‘‘जहां सुषमा काम करती है, वहां चलते हैं. मुझे वहां से कुछ सामान खरीदना है,’’ रेणु ने कहा.

हम वहां गए. जिस काउंटर पर सुषमा काम करती थी, वह वहां नहीं थी. पाल ने उस के बौस से जा कर पूछा तो पता चला कि सुषमा तो पिछले 2 महीने से शनिवार व रविवार को काम करने ही नहीं आ रही है. पाल को यह जान कर बड़ा धक्का लगा. वह बोला, ‘‘यदि वह यहां काम करने नहीं आती है तो फिर कहां अपना मुंह काला करवाने जाती है?’’

मैं ने पाल को धैर्य बंधाते हुए कहा, ‘‘हो सकता है, उस ने कहीं और पार्टटाइम नौकरी ढूंढ़ ली हो.’’

‘‘पर मुझे तो बताना चाहिए था.’’

मैं ने उसे समझाया कि उसे घर जा कर सुषमा से प्यार से बात करनी चाहिए. हम ने उसे उस के फ्लैट पर छोड़ा.

वापसी में कार में बैठते ही रेणु मुझ पर बिफर पड़ी, ‘‘कैसे दोस्त हो तुम. सबकुछ पता होते हुए भी चुप क्यों रहे?’’

मैं ने उस से केवल इतना ही कहा, ‘‘आज की रात इन दोनों पर बड़ी भारी पड़ेगी.’’

अगले दिन सुबह 10 बजे के आसपास मैं ने पाल को फोन किया. मैं ने पूछा, ‘‘तुम ने रात सुषमा से बात की?’’

वह बोला, ‘‘हां, वह मुझे छोड़ कर चली गई है.’’

‘‘कहां?’’ मैं ने हैरानी से पूछा तो वह बोला, ‘‘अपने नए खसम के पास और कहां?’’

‘‘पाल, जरा शांत हो कर बताओ,’’ मैं ने कहा तो वह बोला, ‘‘मैं शांति से ही बात कर रहा हूं. उस ने मुझे तलाक देने का फैसला कर लिया है. वह अरुण के साथ नई शादी रचाएगी.’’

‘‘यह तुम क्या कह रहे हो?’’

‘‘मैं बिलकुल वही कह रहा हूं जो उस ने रात में मुझ से कहा था,’’ पाल बोलता ही रहा, ‘‘जब रात को 10 बजे वह घर आई और मैं ने उस से पूछा कि यह सब क्या हो रहा है तो उस ने बड़े सहज स्वर में कह दिया कि वह मुझ जैसे बेकार व निकम्मे आदमी के साथ नहीं रह सकती.’’

ये भी पढ़ें- माहौल: क्या 10 साल बाद सुलझी सुमन की आत्महत्या की गुत्थी

पाल बोला, ‘‘मैं ने उसे फोन किया था, पर वह बात करने को ही तैयार नहीं. अरुण ने भी साफ शब्दों में कह दिया कि अब मेरे और सुषमा के बीच में बात करने के लिए कुछ भी शेष नहीं बचा है, और मैं उस के यहां फोन न करूं.’’

पाल बहुत टूटा सा लग रहा था. मुझे उस की हालत पर बहुत दुख हो रहा था, पर मैं कुछ भी नहीं कह पा रहा था.

दोपहर में भोजन के समय मैं ने उसे फोन किया, ‘‘यदि तुम्हें कुछ पैसों की जरूरत हो तो मांगने में संकोच न करना.’’

शाम को मैं उसे फिर अपने घर ले आया तथा एक हजार डौलर का चैक दे दिया.

एक दिन अरुण व सुषमा दोनों पाल की अनुपस्थिति में उस के फ्लैट में आए तथा फर्नीचर वगैरा सब उठवा कर ले गए. पाल के पास अब कुछ नहीं बचा था.

3-4 सप्ताह बाद पाल के पास सुषमा के वकील से तलाक के कागज आए और उस ने बिना किसी शर्त के उन पर हस्ताक्षर कर के भेज दिए. चूंकि तलाक दोनों को स्वीकार था, इसलिए कोर्ट से बिना देरी के उन का तलाक स्वीकार हो गया. यह सब इतना जल्दी घटित हुआ कि विश्वास ही नहीं हुआ.

अभी 1 सप्ताह ही बीता था कि एक दिन पाल का मेरे पास औफिस में फोन आया, ‘‘दिनेश, मुझे कल तुम्हारी कार चाहिए.’’

‘‘क्यों?’’

‘‘मेरा कल सुबह एक कंपनी में 9 बजे इंटरव्यू है. यदि मैं समय पर नहीं पहुंचा तो नौकरी हाथ से निकल जाएगी.’’

‘‘ठीक है. तुम सुबह मुझे औफिस छोड़ जाना और मेरी कार ले जाना,’’ मैं ने उस से यह कह फोन बंद कर दिया.

अगले दिन वह मुझे औफिस छोड़ कर मेरी कार ले गया तथा शाम को जब आया तो बोला, ‘‘यार, तुम लोगों की मदद से नौकरी मिल गई.’’

मैं ने उसे बहुतबहुत बधाई दी. 1 महीने तक मैं उसे हर सुबह उस के नए औफिस में छोड़ आता. जैसे ही उसे पहली तनख्वाह मिली, उस ने एक कार खरीद ली और धीरेधीरे सामान्य सा होने लगा. वह अब अकसर शाम को हमारे यहां आने लगा. रात 9-10 बजे तक बैठता, खाना खाता और अपने घर लौट जाता.

6 महीने ऐसे ही गुजर गए. पाल की आर्थिक स्थिति सुधरने लगी. जिस कंपनी में वह काम करता था, उस के मालिक कंपनी की एक शाखा भारत में खोलने की सोच रहे थे. उन्होंने पाल को 1 महीने के लिए दिल्ली जाने को कहा तो वह वहां चला गया.

लगभग 1 महीने बाद जब वह वापस आया तो मुझे फोन किया कि उस ने फिर से शादी कर ली है और उस की पत्नी उस के साथ ही आई है. उस ने अगले शनिवार को हमें घर आने को कहा.

‘‘भाईसाहब, थोड़ी और पकौड़ी लीजिए. आप ने तो कुछ खाया ही नहीं. मैं ने स्वयं बनाई हैं. क्या अच्छी नहीं बनीं?’’ पाल की पत्नी ऊषा ने जब मुझ से यह कहा तो मैं अचानक उस दुखद स्मृति से चौंका, जो पाल की पुरानी विवाहित जिंदगी से जुड़ी थी और मैं उसी में खोया हुआ था.

‘‘नहींनहीं, बहुत अच्छी बनी हैं,’’ मैं ने कहा तो पाल ऊषा से बोला, ‘‘दिनेश को यदि पकौडि़यों के साथ बियर मिल जाती तो यह और भी खाता.’’

‘‘यह सब इस घर में नहीं होगा. यह घर मेरे प्यार का प्रेरणा स्थल है. ऐसे स्थान पर मादक द्रव्य नहीं लाए जाते,’’ ऊषा ने तपाक से कहा तो पाल कुछ न बोला.

थोड़ी देर में फोन की घंटी बजी. पाल ने रिसीवर उठाया, ‘‘हां, मैं धर्मपाल बोल रहा हूं,’’ उस के बाद उस ने फोन पर कुछ बातें कीं. जब हमारे पास आया तो रेणु बोली, ‘‘आप का नाम फिर से धर्मपाल हो गया क्या?’’

‘‘हां, भाभीजी, ऊषा को यही पसंद है.’’

खाना खा कर जब हम घर चले तो कार में बैठते ही रेणु ने कहा, ‘‘अब मुझे तुम्हारे मित्र के बारे में कोई चिंता नहीं है. ऊषा उसे आदमी बना कर ही छोड़ेगी.’’

मैं ने कहा, ‘‘जैसे तुम ने मुझे बना दिया.’’

वह कुछ न बोली तो मैं ने कहा, ‘‘चलो, अब कल देर तक सोएंगे.’’

‘‘तुम कभी नहीं बदलोगे,’’ कहते हुए वह मुसकरा पड़ी.

ये भी पढ़ें- ठूंठ से लिपटी बेल : रूपा को किसका मिला साथ

बहन का सुहाग: भाग 1- क्या रिया अपनी बहन का घर बर्बाद कर पाई

लेखकनीरज कुमार मिश्रा

आनंद रंजन अर्बन बैंक में क्लर्क थे. उन की आमदनी ठीकठाक ही थी. घर में सुघड़ पत्नी के अलावा 2 बेटियां और 1 बेटा बस इतना सा ही परिवार था आनंद रंजन का.

गांव में अम्मांबाबूजी बड़े भाई के साथ रहते थे, इसलिए उन की तरफ की जिम्मेदारियों से आनंद मुक्त थे, हां… पर गांव में हर महीने पैसे जरूर भेज दिया करते थे.

वैसे तो आनंद रंजन का किसी के साथ कोई मनमुटाव नहीं था. सब के साथ उन का मृदु स्वभाव उन्हें लोगों के बीच लोकप्रिय बनाए रखता था, चाहे बैंक का काम हो या सामाजिक काम, सब में आगे बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया करते थे वे. साथ ही साथ अपने परिवार को आनंद रंजन पूरा समय भी देते थे. जहां हमारे देश में एक लड़के को ही वंश चलाने के लिए जरूरी माना जाता है और लड़कियों के बजाय लोग लड़कों को वरीयता देते हैं, वहीं आनंद की दोनों बेटियां, बड़ी बेटी निहारिका और छोटी बेटी रिया उन की आंखों का तारा थीं. बड़ी बेटी सीधीसादी और छोटी बेटी रिया थोड़ी चंचल थी.

आनंद रंजन बेटे और बेटियों दोनों को समान रूप से ही प्यार करते थे और यही वजह है कि जब बड़ी बेटी को इंटरमीडिएट की पढ़ाई के बाद आगे की पढ़ाई के लिए लखनऊ जाने की बात आई, तो आनंद रंजन सहर्ष ही बेटी को लखनऊ भेजने के लिए मान गए थे और लखनऊ विश्वविद्यालय में एडमिशन के लिए खुद वे अपनी बेटी निहारिका के साथ कई बार लखनऊ आएगए.

ये भी पढ़ें- बबूल का माली: क्यों उस लड़के को देख चुप थी मालकिन

निहारिका को लखनऊ विश्वविद्यालय में एडमिशन मिल गया था और उस के रहने का इंतजाम भी आनंद रंजन ने एक पेइंग गेस्ट के तौर पर करा दिया था.

एक छोटे से कसबे से आई निहारिका एक बड़े शहर में आ कर पढ़ाई कर रही थी. एक नए माहौल, एक नए शहर ने उस की आंखों में और भी उत्साह भर दिया था.

यूनिवर्सिटी में आटोरिकशा ले कर पढ़ने जाना और वहां से आ कर रूममेट्स के साथ में मिलनाजुलना, निहारिका के मन में एक नया आत्मविश्वास जगा रहा था.

वैसे तो यूनिवर्सिटी में रैगिंग पर पूरी तरह से बैन लगा हुआ था, पर फिर भी सीनियर छात्र नए छात्रछात्राओं से चुहलबाजी करने से बाज नहीं आते थे.

‘‘ऐ… हां… तुम… इधर आओ…‘‘ अपनी क्लास के बाहर निकल कर जाते हुए निहारिका के कानों में एक भारी आवाज पड़ी.

एक बार तो निहारिका ने कुछ ध्यान नहीं दिया, पर दोबारा वही आवाज उसे ही टारगेट कर के आई तो निहारिका पलटी. उस ने देखा कि क्लास के बाहर बरामदे में 5-6 लड़कों का एक ग्रुप खड़ा हुआ था. उस में खड़ा एक दाढ़ी वाला लड़का उंगली से निहारिका को पास आने का इशारा कर रहा था.

यह देख निहारिका ऊपर से नीचे तक कांप उठी थी. उस ने यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने से पहले विद्यार्थियों की रैगिंग के बारे में खूब सुन रखा था.

‘तो क्या ये लोग मेरी रैगिंग लेंगे…? क्या कहेंगे मुझ से ये…? मैं क्या कह पाऊंगी इन से…?‘ मन में इसी तरह की बातें सोचते हुए निहारिका उन लड़कों के पास जा पहुंची.

‘‘क्या नाम है तुम्हारा?”

‘‘ज… ज… जी… निहारिका.‘‘

‘‘हां, तो… इधर निहारो ना… इधर… उधर कहां ताक रही हो… जरा हम भी तो जानें कि इस बार कैसेकैसे चेहरे आए हैं बीए प्रथम वर्ष में,‘‘ दाढ़ी वाला लड़का बोला.

हलक तक सूख गया था निहारिका का. उन लड़कों की चुभती नजरें निहारिका के पूरे बदन पर घूम रही थीं. अपनी किताबों को अपने सीने से और कस कर चिपटा लिया था निहारिका ने.

‘‘अरे, तनिक ऊपर भी देखो न, नीचेनीचे ही नजरें गड़ाए रहोगे, तो गरदन में दर्द हो जाएगा,‘‘ उस ग्रुप में से दूसरा लड़का बोला.

निहारिका पत्थर हो गई थी. उसे समझ नहीं आ रहा था कि इन लड़कों को क्या जवाब दे. निश्चित रूप से इन लड़कों को पढ़ाई से कोई लेनादेना नहीं था. ये तो शोहदे थे जो नई लड़कियों को छेड़ने का काम करते थे.

‘‘अरे क्या बात है… क्यों छेड़ रहे हो… इस अकेली लड़की को भैया,‘‘ एक आवाज ने उन लड़कों को डिस्टर्ब किया और वे सारे लड़के वास्तव में डिस्टर्ब तो हो ही गए थे, क्योंकि राजवीर सिंह अपने दोस्तों के साथ वहां पहुंचा था और उस अकेली लड़की की रैगिंग होता देख उसे बचाने की नीयत से वहां आया था.

‘‘और तुम… जा सकती हो  यहां से… कोई तुम्हें परेशान नहीं करेगा,’’ राजवीर की कड़क आवाज निहारिका के कानों से टकराई थी.

निहारिका ने सिर घुमा कर देखा तो एक लड़का, जिस की आंखें इस समय उन लड़कों को घूर रही थीं, निहारिका तुरंत ही वहां से लंबे कदमों से चल दी थी. जातेजाते उस के कान में उस लड़के की आवाज पड़ी थी, जो उन शोहदों से कह रहा था, ‘‘खबरदार, किसी फ्रेशर को छेड़ा तो ठीक नहीं होगा… ये कल्चर हमारे लिए सही नहीं है.‘‘

निहारिका मन ही मन उस अचानक से मदद के लिए आए लड़के का धन्यवाद कर रही थी और यह भी सोच रही थी कि कितनी मूर्ख है वह, जो उस लड़के को थैंक्स भी नहीं कह पाई… चलो, कोई बात नहीं, दोबारा मिलने पर जरूर कह देगी.

ये भी पढ़ें- सुहानी गुड़िया: सलोनी से क्यों मांगी उसने माफी

उस को थैंक्स कहने का मौका अगले ही दिन मिल गया, जब निहारिका क्लास खत्म कर के निकल रही थी. तब वही आवाज उस के कानों से टकराई, ‘‘अरे मैडम, आज किसी ने आप को छेड़ा तो नहीं ना.‘‘

देखा तो कल मदद करने वाला लड़का ही अपने दोनों हाथों को नमस्ते की शक्ल में जोड़ कर खड़ा हुआ था और निहारिका की आंखों में देख कर मुसकराए जा रहा था.

‘‘ज… जी, नहीं… पर कल जो आप ने मेरी मदद की, उस का बहुत शुक्रिया.‘‘

‘‘शुक्रिया की कोई बात नहीं… आगे से अगर आप को कोई भी मदद चाहिए हो तो आप मुझे तुरंत ही याद कर सकती हैं… ये मेरा कार्ड है… इस पर मेरा फोन नंबर भी है,‘‘ एक सुनहरा कार्ड आगे बढाते हुए उस लड़के ने कहा.

कार्ड पर नजर डालते हुए निहारिका ने देखा, ‘राजवीर सिंह, बीए तृतीय वर्ष.’

राजवीर एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखता था और उस ने एडमिशन तो विश्वविद्यालय में ले रखा था, पर उस का उद्देश्य प्रदेश की राजनीति तक पहुंचने का था और इसीलिए पढ़ाई के साथ ही उस ने छात्रसंघ के अध्यक्ष पद के लिए तैयारी शुरू कर दी थी.

निहारिका इतना तो समझ गई थी कि पढ़ाई संबंधी कामों में यह लड़का भले काम न आए, पर विश्वविद्यालय में एक पहचान बनाने के लिए इस का साथ अगर मिल जाए तो कोई बुराई  भी नहीं है.

तय समय पर विश्वविद्यालय में चुनाव हुए, जिस में राजवीर सिंह की भारी मतों से जीत हुई और अब वह कैंपस में जम कर नेतागीरी करने लगा.

पर, राजवीर सिंह के अंदर नेता के साथसाथ एक युवा का दिल भी धड़कता था और उस युवा दिल को निहारिका पहली ही नजर में अच्छी लग गई थी. निहारिका जैसी सीधीसादी और प्रतिभाशाली लड़की जैसी ही जीवनसंगिनी की कल्पना की थी राजवीर ने.

और इसीलिए वह मौका देखते ही निहारिका के आगेपीछे डोलता रहता. अब निहारिका को आटोरिकशा की जरूरत नहीं पड़ती. वह खुद ही अपनी फौर्चूनर गाड़ी निहारिका के पास खड़ी कर उसे घर तक छोड़ने का आग्रह करता और निहारिका उस का विनम्र आग्रह टाल नहीं पाती.

आगे पढ़ें- राजवीर सिंह ने खुद ही निहारिका के…

ये भी पढ़ें- सुख की पहचान: कैसे छूटी सतीश की शराब पीने की आदत?

GHKKPM: शादी के बाद Neil ने मनाया वाइफ का बर्थडे तो Aishwarya ऐसे किया Thank You

स्टार प्लस के सीरियल गुम है किसी के प्यार में के लीड एक्टर्स नील भट्ट और ऐश्वर्या शर्मा हाल ही में शादी के बाद सेट पर पहुंचे जहां दोनों का शानदार वेलकम हुआ. वहीं अब नील भट्ट ने अपनी वाइफ के लिए बर्थडे सेलिब्रेशन रखा था, जिसकी फोटोज सोशलमीडिया पर वायरल हो रही हैं. आइए आपको दिखाते हैं ऐश्वर्या शर्मा का बर्थडे सेलिब्रेशन…

ससुराल में मनाया बर्थडे

पाखी यानी ऐश्वर्या शर्मा ने शादी के बाद अपने ससुराल में पहला बर्थडे मनाया. वहीं पति नील ने इसके लिए खास तैयारियां की थीं, जिसका अंदाजा हाल ही में शेयर की गई फोटोज से लगाया जा सकता है. इसके अलावा ऐश्वर्या शर्मा ने अपने दोस्तों संग बर्थडे सेलिब्रेट किया, जिसकी फोटोज और वीडियो उन्होंने अपने फैंस के लिए शेयर किया. इसी के चलते फैंस सोशलमीडिया पर ऐश्वर्या को बर्थडे विश करते नजर आ रहे हैं.

aish

ये भी पढ़ें- Anupama के कारण खतरे में पड़ेगी अनुज की जान, देखें वीडियो

लिप लौक की फोटोज की शेयर

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Aishwarya Sharma Bhatt (@aisharma812)

इसके अलावा ऐश्वर्या शर्मा ने अपने बर्थडे की कुछ फोटोज शेयर की, जिसमें वह पति नील भट्ट को किस करती नजर आ रही हैं. इन फोटोज के साथ कैप्शन में ऐश्वर्या शर्मा ने लिखा, मेरा आखिरी जन्मदिन 8 दिसंबर 2020, जो कि सीक्रेट और बहुत खास था क्योंकि हमने अपने रिश्ते के बारे में किसी को नहीं बताया था. लेकिन अब ये बर्थडे सीक्रेट नहीं है, जिसके कारण यह मेरे लिए और भी खास हो गया है, आपने मुझे सरप्राइज किया है, वह खास है और मैं बेहद खुश हूं.. मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं पति, जिसे कहते हुए मुझे बहुत गर्व हो रहा है. वहीं इसके साथ हार्ट इमोजी शेयर की है.

बता दें, हाल ही में विराट मिशन से वापस लौट आया है, जिसके बाद पाखी के भड़काने पर सई को विराट पर शक हो रहा है. हालांकि विराट कोशिश कर रहा है कि श्रुति की बात सई को बता सके.

ये भी पढ़ें- GHKKPM: शादी के बाद सेट पर लौटे ‘विराट-पाखी’, नई जोड़ी को मिला शानदार वेलकम

The Gopi Diaries: मिलिए गोपी से जो आपके बच्चों को ले जाएगा क्रिएटिविटी की दुनिया में

छोटे बच्चे जितने मासूम होते हैं उनका दिमाग उतना ही तेज और सीखने के लिए उत्सुक होता है, तभी तो वो हर छोटी से छोटी चीज को बड़ी बारीकी से देखते हैं और वैसा ही करने की कोशिश करते हैं. फिर चाहे मां को देखकर रसोई में काम करने की कोशिश करना या पापा की तरह न्यूज पेपर पढ़ना.

हालांकि, ये सिर्फ शुरुआत होती है लेकिन यही वो वक्त होता है जब आपको समझ आता है कि आपका बच्चा पढ़ने के लिए तैयार है. लेकिन ये काम अगर बोरिंग तरीके से होगा तो बच्चों को बिल्कुल मजा नहीं आएगा. इसलिए तो HarperCollins India लाया अपने नन्हें पाठकों और उनके पैरेंट्स के लिए The Gopi Diaries.

The Gopi Diaries किताबों की एक ऐसी सीरीज है जो छोटे बच्चों के विकास में अहम भूमिका निभाती है और उन्हें क्रिएटिविटी की एक नई दुनिया में ले जाती है.

फिर चाहे वो अल्फाबेट्स सीखना हो या नंबर्स या पैटर्न्स, Gopi Diaries में हर चीज को बेहद दिलचस्प तरीके से बताया गया है ताकि आपका बच्चा बिना बोर हुए हर मूलभूत चीजें सीख सके.

कौन है गोपी

आपको जानकर हैरानी होगी कि गोपी एक रियल कैरेक्टर है जो सुधा मूर्ति की जिंदगी का अहम हिस्सा है. सुधा मूर्ति इन्फोसिस फाउंडेशन के संस्थापक एन. आर. नारायणमूर्ति की पत्नी और प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता हैं. इसके साथ ही वो एक फेमस राइटर भी हैं.

sudha murthy

गोपी उनका ही पालतू पपी है जिससे वो बेहद प्यार करती हैं तभी तो उन्होंने गोपी को अपनी किताबों का हिस्सा बनाया है और गोपी के जरिए दुनिया को कुछ नई चीजें सिखाने की कोशिश की है. जिससे लोगों ने सराहा और अपना प्यार दिया.

बच्चों का प्यारा है गोपी

ये बात तो हर कोई जानता है कि बच्चों को पेट्स से कितना लगाव होता है खासकर डॉग्स और पपीज से. ये पालतू छोटे बच्चों के पहले साथी और भरोसेमंद दोस्त होते हैं. तभी तो अगर पढ़ाई के शुरुआती दौर में गोपी जैसा कोई साथी किताबों के जरिए उन्हें नई चीजें सिखाएगा तो वो ज्यादा चाव से और मन लगाकर सीख सकेंगे.

गोपी और उसकी किताबों के बारे में ज्यादा जानने के लिए यहां क्लिक करें…  

HarperCollins के बारे में ज्यादा जानने के लिए ये भी पढ़ें….

HarperCollins के साथ दीजिए अपने बच्चों को एक खास तोहफा

HarperCollins के सब्सक्रिप्शन प्रोगाम संग अपने बच्चे को रखें एक कदम आगे

Anupama के कारण खतरे में पड़ेगी अनुज की जान, देखें वीडियो

सीरियल अनुपमा (Anupama) में अपकमिंग एपिसोड दिलचस्प होने वाले हैं. जहां एक तरफ अनुज (Gaurav Khanna) की लाइफ में नए शख्स की एंट्री होने वाली है तो वहीं काव्या (Madalsa Sharma) और वनराज (Sudhanshu Pandey) के रिश्ते बिगड़ते हुए नजर आने वाले हैं. आइए आपको बताते हैं क्या होगा सीरियल में आगे (Anupama Serial Update) …

काव्या के साथ आया शाह परिवार

 

View this post on Instagram

 

A post shared by anupamaa (@anupamaa_love_)

अब तक आपने देखा कि वनराज के तलाक की खबर से काव्या पूरी तरह टूटी नजर आ रही है. वहीं वनराज अपनी बात पर अड़ा हुआ नजर आ रहा है. लेकिन अनुपमा के कहने पर बा बापूजी समेत पूरा परिवार काव्या के साथ खड़ा नजर आ रहा है, जिसके चलते काव्या को परिवार की अहमियत समझ आ रही है. वहीं अनुपमा और अनुज की दोस्ती और भी ज्यादा पक्की होती नजर आ रही है.

ये भी पढ़ें- GHKKPM: शादी के बाद सेट पर लौटे ‘विराट-पाखी’, नई जोड़ी को मिला शानदार वेलकम

अनुपमा से अनुज ने किया प्यार का इजहार

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि मीटिंग के लिए निकलते वक्त अनुज का बड़ा एक्सीडेंट हो जाता है. हालांकि वह बच जाता है. इसी के चलते वह हर कदम पर अपने सपनों को जीनें की ठानता है और अनु के पास पहुंचता है, जिसके बाद वह अनुपमा से I love You कहता है. वहीं अनुज की बात सुनकर अनुपमा हैरान रह जाती है. हालांकि अनुज, अनुपमा को बताता है कि वह आज एक दुर्घटना से बाल-बाल बच गया, जिसके कारण उसने महसूस किया कि मौत कभी भी आ सकती है, इसलिए वह उसकी आँखों में देखकर अपने प्यार का इजहार करना चाहता है.

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Annu (@anupamaa.fanpage)

खतरे में पड़ेगी अनुज की जान


इसके अलावा आप देखेंगे कि मीटिंग के लिए जाते समय गुंडे अनुज और अनुपमा पर हमला कर देंगे. हालांकि अनुज गुंड़ों से सब कुछ लेने की विनती करेगा और अनुपमा को हाथ न लगाने के लिए कहेगा. लेकिन गुंडे अनुपमा के गहने छीनने की कोशिश करेंगे, जिसे देखकर अनुज गुस्से में गुंडों पर हमला करेगा. हालांकि एक गुंड़ा अनुज के सिर पर वार करेगा, जिससे वह बेहोश हो जाएगा. वहीं अनुपमा (Rupali Ganguly) उसे अस्पताल ले जाएगी जहां डॉक्टर कहेगा कि अगर वह सुबह तक होश में नहीं आया तो कोमा में जा सकता है.

ये भी पढ़ें- Bigg Boss 15: अभिजीत और राखी सावंत की हुई लड़ाई, हसबैंड रितेश को बताया ‘भाडे़ का पति’

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें