कोविड-19 में मृत्यु और प्रमाणपत्र

जीवन साथी के अचानक चले जाने का गम तो हरेक को होता है और कोविड 19 के कारण लाखों मौतों ने एकदम बहुतों को बिना साथी के समझौते करने पर मजबूर कर दिया है पर उस औरत की त्रासदी का तो कोई अंत नहींं  है जिस के पति का पता ही नहीं कि वह मौत के आगोश में गया तो कब और कहां. दिल्ली की एक औरत महिला आयोग के दरवाजे खटखटा रही है कि दिल्ली पुलिस और अस्पताल बता तो दें कि उस के पति की कब कहां मृत्यु हुई या वह कहीं आज भी ङ्क्षजदा है.

अप्रैल में पुलिस के अनुसार उस के पति को सडक़ के किनारे कहीं बेहोश पड़ा पाया गया था और एक अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था. वहां से उसे दूसरे अस्पताल भेजा गया जहां कोई रिकार्ड नहीं है और अब पत्नी को नहीं मालूम कि उन का क्या हुआ. खुद कैंसर की मरीज पत्नी पति की मृत्यु के प्रमाण पत्र पाने के लिए भटक रही है.

जीवन साथी के चले जाने के बाद भी उस के हिसाबकिताब करने के लिए बहुत से प्रमाणों की जरूरत होती है. मृत्यु प्रमाण पत्र इस देश में बहुत जरूरी है. उस के बिना तो विरासत का कानून चालू ही नहीं हो सकता. धर्मभीरूओं को लगता है कि वे अगर सारे पाखंड वाले रीतिरिवाज नहीं करेंगे तो मृत को स्वर्ण नहीं मिलेगा और आत्मा भटकती रहेगी. बहुत मामलों में घरवाले जब तक मृतक का शव न देख लें, यह स्वीकार करने को तैयार ही नहीं होते कि मौत आ चुकी है.

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जैसे उत्तर प्रदेश बिहार में बहुत से लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र उन के जिंदा रहते जारी कर दिए जाते हैं और वे अपने को जिंदा होने का प्रमाण पत्र खोजते दफ्तरों के चक्कर काटते रहते हैं, वैसे ही जो मगर गया उसे खोया गया मान कर कुछ अधूरा मान लिया जाता है जो अपनेआप में एक बहुत ही दुखद स्थिति होती है.

कोविड-19 के भयंकर प्रहार के दिनों में लोगों को अपने प्रियजन का शव देखने तक का अवसर नहीं मिला था पर उन्हें प्रमाण पत्र मिल गया था इसलिए संतोष कर लिया गया. इस मामले में जीवनसाथी का अभाव, अपनी बिमारी और कागजी कारवाई सरकारी लापरवाही के कारण पूरी न होने के कारण तीहरा दुख सरकार एक बेबस औरत को दे रही है.

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पिता के अमीर दोस्त, मां के गरीब रिश्तेदार

रिश्तों की अपनी अहमियत होती है. बिना रिश्तेदारों के जिंदगी नीरस हो जाती है व अकेलापन कचोटने लगता है. जिंदगी में अनेक अवसर ऐसे आते हैं जब रिश्तों के महत्त्व का एहसास होता है.

अकसर देखने में आता है कि किशोरकिशोरियां उन रिश्तेदारों को ज्यादा अहमियत देते हैं जो आर्थिक रूप से ज्यादा संपन्न होते हैं और गरीब रिश्तेदारों की उपेक्षा करने में तनिक भी नहीं हिचकिचाते, गरीब रिश्तेदारों को अपने घर बुलाना उन्हें अच्छा नहीं लगता. वे खुद भी उन के घर जाने से कतराते हैं. भले ही बर्थडे पार्टी या शादी हो, अगर जाते भी हैं तो बेमन से.

आज के किशोरकिशोरियों में एक बात और देखने को मिलती है. वे अपने पिता के अमीर दोस्तों का दिल से स्वागत करते हैं. अपने मातापिता की बर्थडे पार्टी या मैरिज ऐनिवर्सरी में वे उन्हें खासतौर से इन्वाइट करते हैं. उन की पसंद की चीजें बनवाते हैं, लेकिन मां के गरीब रिश्तेदारों को बुलाना जरूरी नहीं समझते. यदि मां के कहने पर उन्हें बुला भी लिया, तो उन के साथ उन का बिहेवियर गैरों जैसा रहता है.

सुरेश के मम्मीपापा की मैरिज ऐनिवर्सरी थी. सुरेश और उस की बहन सुषमा एक महीना पहले ही तैयारियों में जुट गए थे. दोनों ने मिल कर मेहमानों की लिस्ट तैयार की और अपनी मम्मी को दिखाई.

लिस्ट में पिता के सभी अमीर दोस्तों का नाम शामिल था. मां को लिस्ट देख कर बड़ा आश्चर्य हुआ. वे बोलीं, ‘‘अरे, तुम दोनों ने अपने मामामामी, मौसामौसियों के नाम तो लिखे ही नहीं. केवल मुंबई वाले मौसामौसी का ही नाम तुम्हारी लिस्ट में है.’’

यह सुनते ही सुरेश का चेहरा तमतमा उठा. वह बोला, ‘‘मैं आप के गरीब रिश्तेदारों को बुला कर अपनी व पापा की नाक नहीं कटवाना चाहता. न उन के पास ढंग के कपड़े हैं न ही उन्हें पार्टी में मूव करना आता है. क्या सोचेंगे पापा के दोस्त?’’

यह सुन कर मम्मी का चेहरा उतर गया. उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि उन का बेटा ऐसा सोचता होगा. उन की मैरिज ऐनिवर्सरी मनाने की सारी खुशी काफूर हो चुकी थी.

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सुरेश के पिता ने भी सुरेश और सुषमा को बहुत समझाया कि बेटे रिश्तेदार अमीर हों या गरीब, अपने होते हैं. हमें अपने हर रिश्तेदार का सम्मान करना चाहिए.

सुरेश ने मातापिता के कहने पर मम्मी के रिश्तेदारों को इन्वाइट तो कर लिया पर मैरिज ऐनिवर्सरी वाले दिन जब वे आए तो उन से सीधे मुंह बात तक नहीं की. वह पापा के अमीर दोस्तों की आवभगत में ही लगा रहा.

सुरेश की मम्मी को उस पर गुस्सा तो बहुत आ रहा था, पर रंग में भंग न पड़ जाए, इसलिए वे शांत रहीं और स्वयं अपने भाई, भाभी और अन्य रिश्तेदारों की खातिरदारी करने लगीं.

मेहमानों के जाने के बाद सुरेश और सुषमा मम्मीपापा को मिले गिफ्ट के पैकेट खोलने लगे. उन्होंने मामामामी के गिफ्ट पैकेट खोले तो उन्हें यह देख कर बड़ा ताज्जुब हुआ. उन के दिए गिफ्ट सब से अच्छे व महंगे थे. रोहिणी वाले मामामामी ने तो महंगी घड़ी का एक सैट उपहार में दिया था और पंजाबी बाग वाली मौसीमौसा ने मम्मीपापा दोनों को एकएक सोने की अंगूठी गिफ्ट की थी, जबकि पापा के ज्यादातर अमीर दोस्तों ने सिर्फ बुके भेंट कर खानापूर्ति कर दी थी.

सुरेश व सुषमा ने अपने मम्मीपापा से माफी मांगते हुए कहा, ‘‘हमें माफ कर दीजिए. हम गलत थे. जिन्हें हम गरीब समझ कर उन का अपमान करते थे, उन का दिल कितना बड़ा है, यह आज हमें पता चला. आज हमें रिश्तों का महत्त्व समझ आ गया है.’’

ऐसी ही एक घटना मोहित के साथ घटी जब उसे गरीब रिश्तेदारों का महत्त्व समझ में आया. मोहित के पापा बिजनैस के सिलसिले में मुंबई गए हुए थे. एक दिन अचानक उस की मम्मी को सीने में दर्द उठा. मम्मी को दर्द से तड़पता देख मोहित ने पापा के दोस्त हरीश अंकल को फोन मिलाया और अस्पताल चलने को कहा तो उन्होंने साफ कह दिया, ‘‘बेटा, रात को मैं कार ड्राइव नहीं कर सकता, तुम किसी और को बुला लो.’’

मोहित ने पापा के कई दोस्तों को फोन किया, पर सभी ने कोई न कोई बहाना बना दिया. मोहित की समझ में नहीं आ रहा था कि वह अब क्या करे. अचानक उसे मम्मी के चचेरे भाई का खयाल आया जो पास में ही रहते थे. उस ने उन्हें फोन पर मम्मी का हाल बताया तो वे बोले, ‘‘बेटा, तुम परेशान मत हो, मैं तुरंत आ रहा हूं.’’

चाचाजी तुरंत मोहित के घर पहुंच गए. वे अपने पड़ोसी की कार से आए थे. वे मोहित की मम्मी को फौरन अस्पताल ले गए. डाक्टर ने कहा कि उन्हें हार्टअटैक पड़ा है. अगर अस्पताल लाने में थोड़ी और देर हो जाती तो उन्हें बचाना मुश्किल था.

यह सुनते ही मोहित की आंखों में आंसू आ गए. उसे आज रिश्तों का महत्त्व समझ में आ गया था. पिछले दिनों इन्हीं चाचाजी की बेइज्जती करने से वह नहीं चूका था.

किशोरकिशोरियों को रिश्तों के महत्त्व को समझना चाहिए. अमीरगरीब का भेदभाव भूल कर सभी रिश्तेदारों से अच्छी तरह मिलना चाहिए. उन्हें पूरा सम्मान देना चाहिए.

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रिश्तों में मिठास घोलें

रिश्ते अनमोल होते हैं. किशोरकिशोरियों को मां के गरीब रिश्तेदारों को भी इज्जत देनी चाहिए. उन के यहां अगर कोई शादी या अन्य कोई फंक्शन हो तो जरूर जाना चाहिए. ऐसा कोई भी काम नहीं करना चाहिए कि उन्हें अपनी बेइज्जती महसूस हो. चाचाचाची, मामामामी, मौसामौसी से समयसमय पर फोन पर या उन के घर जा कर हालचाल लेते रहना चाहिए, इस से रिश्तों में मिठास घुलती है और रिश्तेदार हमेशा मदद के लिए तैयार रहते हैं.

रिश्तेदारों के बच्चों से भी बनाएं संपर्क

किशोरकिशोरियों को चाहिए कि वे अपने गरीब रिश्तेदारों से न केवल संपर्क बनाए रखें बल्कि उन के बच्चों से भी दोस्त जैसा व्यवहार रखें. उन से फेसबुक, व्हाट्सऐप द्वारा जुड़े रहें. परिवार के फोटो आदि शेयर करते रहें. उन्हें कभी इस बात का एहसास न कराएं कि वे गरीब हैं. चचेरे व ममेरे भाईबहनों से भी अपने सगे भाईबहन जैसा ही व्यवहार करें. इस से उन्हें भी अच्छा लगेगा. आजकल वैसे भी एकदो भाईबहन ही होते हैं. कहींकहीं तो एक भी भाई या बहन नहीं होता. ऐसे में कजिंस को अपना सगा समझें और उन के साथ लगातार संपर्क में रहें.

छुट्टियों में रिश्तेदारों के घर जाएं

स्कूल की छुट्टियों में अपने मम्मीपापा के साथ रिश्तेदारों के घर जरूर जाएं. खासतौर से मम्मी के गरीब रिश्तेदारों के घर. जब आप उन के घर जाएंगे तो उन्हें अच्छा लगेगा. उन के बच्चों यानी अपने कजिंस के लिए कोई न कोई गिफ्ट जरूर ले जाएं. इस से आपस में प्यार बढ़ता है.

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मां का दिल महान: क्या हुआ था कामिनी के साथ

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शादी के बाद Kundli Bhagya एक्ट्रेस श्रद्धा का बदला अंदाज, रिसेप्शन से लेकर ससुराल में कुछ ऐसा है अंदाज

टीवी इंडस्ट्री में इन दिनों शादी का सिलसिला जारी हैं. जहां एक तरफ संस्कारी बहू प्रीता यानी श्रद्धा आर्या ने 16 नवंबर को नेवी ऑफिसर के साथ शादी के बंधन में बंधी तो वहीं टीवी एक्ट्रेस पूजा बनर्जी ने धूमधाम से अपनी कुणाल वर्मा संग दूसरी बार शादी रचाई. वहीं एक्ट्रेसेस के लुक सोशलमीडिया पर छा गए. इसी बीच श्रद्धा आर्या के वेडिंग लुक के अलावा रिसेप्शन और नई बहू के लुक सोशलमीडिया पर वायरल हो रहे हैं. आइए आपको दिखाते हैं शादी के बाद कैसी लग रही हैं कुंडली भाग्य की प्रीता…

रिसेप्शन में था सिंपल लुक

 

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हाल ही में शादी के बाद एक्ट्रेस श्रद्धा आर्या ने अपने वेडिंग रिसेप्शन लुक्स फैंस के साथ शेयर किए हैं, जिसमें वह पति के साथ रोमांटिक पोज देती नजर आ रही हैं. लुक की बात करें तो वह ग्रे कलर की साड़ी में बेहद खूबसूरत लग रही थीं. इस साड़ी के साथ श्रद्धा ने लाल चूड़ा और फुल स्लीव्स ब्लाउज पहना था, जो उनके नई नवेली दुल्हन लुक में चार चांद लगा रहा था.

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ससुराल में कुछ यूं था अंदाज

 

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रिसेप्शन के अलावा एक्ट्रेस श्रद्धा आर्या अपने ससुराल में भी सिंपल लुक में नजर आईं. श्रद्धा आर्या ने रेड गोल्डन कलर की बनारसी साड़ी पहनी, जिसमें उन्होंने गोल्ड की ज्वैलरी और चूड़ा पहनकर फोटोज क्लिक करवाईं. इस लुक में श्रद्धा बेहद खूबसूरत लग रही थीं. वहीं फैंस को उनका ये सिंपल अंदाज बेहद खूबसूरत लग रहा था.

शादी में जीता फैंस का दिल

 

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वेडिंग लुक की बातकरें तो महरून कलर जोड़े में श्रद्धा बेहद खूबसूरत लग रही थीं. इसके साथ मैचिंग ज्वैलरी उनके लुक को चार चांद लगा रही थी. रील लाइफ लुक से ज्यादा फैंस श्रद्धा के इस लुक की तारीफें करते नहीं थक रहे हैं.

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Winter Special: हार्ट पेशंट के लिए हानिकारक हो सकती हैं सर्दियां, जानिए दिल को स्वस्थ रखने के टिप्स

लेखिका- दीप्ति गुप्ता

सर्दियों का मौसम बड़ा ही सुहावना होता है. लेकिन दिल के मरीजों के लिए काफी चैलेंजिंग है. सर्दी वह समय है जब दिल से जुड़ी समस्या वाले लोगों को दिल का दौरा पड़ सकता है. दरअसल, तापमान में अचानक गिरावट के कारण पेराफेरल वेसेल्स सिकुड़ जाती हैं इस प्रकार हृदय पर अधिक दबाव पड़ता है. जिसके कारण हृदय में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है. नतीजतन आपके दिल को ऑक्सीजन और ब्लड पंप करने के लिए ज्यादा प्रयास करने होते हैं. ऐसे में ठंड में दिल की सेहत को मैनेज करने के लिए यहां बताए गए कुछ घरेलू टिप्स आपकी मदद कर सकते हैं.

1. ब्लड प्रेशर की निगरानी करें-

यदि आप उन लोगों में से हैं, जिन्हें ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो आपके लिए नंबरों पर नजर रखना बेहद जरूरी है. ऐसा करने से कार्डियक अटैक की संभावना काफी कम हो सकती है. इसलिए आपको डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं को समय पर लेना चाहिए.

2. शराब के सेवन से बचें-

शराब त्वचा में ब्लड वेसेल्स का विस्तार कर सकती है. यह आपके शरीर के जरूरी अंगों  से गर्मी निकालकर आपको गर्म महसूस करा सकती है. इसी तरह धूम्रपान से एथेरोस्कलेरोसिस होता है. इतना ही नहीं धूम्रपान करने वालों को भी दिल का दौरा पड़ सकता है. धूम्रपान न केवल हृदय की तरफ ऑक्सीजन के प्रवाह को कम करता है बल्कि आपकी हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर को भी बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है.

3. स्वस्थ आहार लें-

ताजे, फल और सब्जियां , बीज, मेवा, फलियां और दालों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें. दिल के रोगियों को ठंड के दिनों में गर्म सूप या गर्म भोजन का सेवन ही करना चाहिए. विशेषज्ञ मानते हैं कि नमक या चीनी से भरपूर भोजन खाने से बचना दिल को स्वस्थ रखने का बेहतर तरीका है. डॉक्टर भी दिल के रोगी को प्रोसेस्ड, जंक और ऑयली फूड्स से बचने की सलाह देते हैं.

4. सिर और हाथों को ढंकें-

डॉक्टर अक्सर दिल के मरीज को ठंड में ज्यादा समय घर से बाहर न बिताने के लिए कहते हैं. उनके अनुसार, यदि जाना भी पड़े, तो कई परतों में गर्म कपड़े पहनना चाहिए. खासतौर से अपने हाथों और सिर को पूरी तरह से ढंकें, गर्म मोजे और जूते पहनें.

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5. शरीर को ज्यादा गर्म करने से बचें-

बेशक सर्दियों में शरीर में गर्माहट जरूरी है, लेकिन इसे जरूरत से ज्यादा गर्म नहीं करना चाहिए. इससे रक्त वाहिकाएं फैल सकती हैं, जिससे हृदय की समस्या से जूझ रहे लोगों का ब्लड प्रेशर लो हो सकता है. इस वजह से हृदय की रक्त आपूर्ति कम हो जाती है और हार्ट अटैक आने की संभावना बढ़ जाती है.

6. स्वस्थ आदतों को अपनाएं-

दिल की सेहत को सर्दियों में दुरूस्त बनाए रखने के लिए एक इंडोर एक्सरसाइज प्रोग्राम शुरू करें. घर का गर्म भोजन करें और नियमित रूप से पानी पीएं. यह आपके शरीर को ऊर्जा देगा , जो आपको गर्म रखने के लिए जरूरी है.

7. ज्यादा से ज्यादा आराम करें-

अगर आप दिल के रोगी हैं और आपको ठंड के मौसम में खांसी-जुकाम रहता है, तो आप आराम करें और अच्छे से  अच्छा खाएं. इन दिनों यदि आपको ह्दय रोग के कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें.

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GHKKPM: पाखी को फैमिली प्लानिंग के लिए कहेगा सम्राट, मिलेगा ये जवाब

स्टार प्लस के सीरियल ‘गुम है किसी के प्यार में’ (Ghum Hai Kisikey Pyaar Meiin) की कहानी अब नया मोड़ लेने को तैयार हैं. जहां विराट और सई अब एक दूसरे के करीब आ रहे हैं तो वहीं पाखी की बेरुखी देख सम्राट बड़ा फैसला लेने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

विराट के करीब जाने की कोशिश करती पाखी

अब तक आपने देखा कि भवानी के फैसले के बाद विराट और सई एक दूसरे के करीब आ गए हैं. हालांकि पाखी को ये बिल्कुल पसंद आ नही रहा है. लेकिन इन सबसे दूर विराट पूरी कोशिश कर रहा है कि इस बार वह अपने रिश्ते को एक नया मौका दे सके. लेकिन पाखी एक बार फिर उसके करीब जाने की कोशिश करती नजर आ रही है.

 

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पाखी की गलती और सम्राट का वार

 

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अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि भवानी की वारिस वाली बात को जानने के बाद सम्राट, पाखी को भी फैमिली प्लानिंग की बात कहेगा और उसके करीब जाने की कोशिश करेगा. लेकिन पाखी उससे दूर हो जाएगी, जिसे देखकर सम्राट भड़क जाएगा और उसे तलाक देने का फैसला करेगा. वहीं पूरे परिवार को बताएगा कि वह अब पाखी के साथ रिश्ता नहीं रखना चाहता.

विराट के सामने आएगी नई मुसीबत

 

इसके अलावा आप देखेंगे कि विराट के बचपन का दोस्त आतंकवादी बन जाएगा, जिसे सुधारने के लिए विराट दोबारा एक मिशन पर जाएगा.

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Anupama: काव्या ने शाह हाउस किया अपने नाम, वनराज समेत पूरे परिवार को निकाला घर से बाहर

रुपाली गांगुली (Rupali Ganguly) स्टारर सीरियल ‘अनुपमा’ (Anupama) में इन दिनों फैमिली ड्रामा देखने को मिल रहा है. जहां एक तरफ बापूजी के बाद बा भी अनुपमा के साथ आ गई हैं तो वहीं वनराज भी जल्द अनुपमा का सहारा लेने वाला है, जिसका अंदाजा शो के नए प्रोमो से लगाया जा सकता है. आइए आपको दिखाते हैं क्या है नए प्रोमो में खास…

बा-वनराज के बीच हुई बहस

अब तक आपने देखा कि बापूजी के बेइज्जती करने के बाद बा उनसे घर वापस आने के लिए कहती है. लेकिन वह मना कर देते हैं. दूसरी तरफ वनराज को पूरी खबर पता लग जाती है, जिसके बाद वह बा पर भड़कता नजर आता है और उन्हें घर से निकालने का फैसला करता है. वहीं अनुपमा इस दौरान बा का साथ नजर आती है.

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काव्या का सामने आया नया रुप

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि बा को अनुपमा के साथ देखकर काव्या एक बार फिर बौखला जाएगी. वहीं वनराज भी कुछ नहीं कह पाएगा. लेकिन वनराज इन सब का जिम्मेदार काव्या को ठहराएगा. दरअसल, शो का नया प्रोमो सामने आया है, जिसमें वनराज, काव्या पर चिल्लाता नजर आ रहा है. लेकिन काव्या पलटवार करते हुए वनराज पर भड़क जाती है और प्रौपर्टी के पेपर वनराज पर फेंककर कहती है कि अब शाह हाउस पर उसका हक है और अब वह पूरे परिवार को घर से निकाल देती है.

बापूजी लौटेंगे घर

 

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दूसरी तरफ शो में आने वाले एपिसोड में आप देखेंगे कि अनुपमा, वनराज को घर का दरवाजा बंद करने से रोकेगी और हाथ दरवाजे में फंसा लेगी. लेकिन वनराज जबरदस्ती दरवाजा बंद करने की कोशिश करेगा. इसी दौरान बापूजी का शाह हाउस में एक बार फिर एंट्री होती नजर आएगी. हालांकि देखना होगा कि शाह हाउस से निकलने के बाद वनराज और बा क्या अनुज और अनुपमा की दोस्ती के लिए राजी होंगे.

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Savings Tips in Hindi: हाउसवाइफ हैं आप तो ध्यान दें…

भारत में ऐसी हाउसवाइव्स की तादाद बहुत ज्यादा है जो पूरी तरह अपने पति पर निर्भर हैं और किसी भी तरह के वित्तीय फैसलों में उनकी भागीदारी न के बराबर हैं. इसके बावजूद वह घर की मैनेजर होती हैं और उनकी जिम्मेदारी अपने घर के बजट को मैनेज करने की होती है.

पिछले कुछ सालों में महंगाई तो बढ़ी है लेकिन उस अनुपात में लोगों की सैलरी नहीं बढ़ी है. लेकिन कई बार जब घर में कोई इमर्जेंसी आती है जैसे, पति की जॉब छूट जाना या कोई हेल्थ प्रॉब्लम तो ऐसे वक्त में महिलाओं को फाइनेंशियल प्लानिंग ही काम आती है.

1. मनी फ्लो मैनेजमेंट

ज्यादातर घरों में हाउसवाइव्स केवल ग्रॉसरी की खरीदारी तक ही सीमित हो जाती हैं. लेकिन हाउसवाइव्स को इसके आगे बढ़ते हुए फाइनेंस को मैनेज करने का तरीका पता होना चाहिेए. इससे पता चलेगा कि कहां आपको ज्यादा खर्च करना है और कहां बचाना है. और यह कोई रॉकेट साइंस नहीं और न ही इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह की जरूरत है. आप इसे खुद से या अपने पति के सलाह से भी कर सकती हैं.

2. खर्च कंट्रोल करना

अब जब आप मनी फ्लो मैनेजमेंट करना जान गईं हैं तो अब बारी है खर्चों पर कंट्रोल करने की, जैसे- अगर आपके घर का बिजली का बिल 2 हजार हर महीने आता है तो आपको सोचने की जरूरत है कि कैसे आप इसे कम कर सकती हैं. अगर आप हर रोज वॉशिंग मशीन का इस्तेमाल करती हैं तो हफ्ते में 3-4 दिन ही इस्तेमाल करें. ऐसी ही कई चीजों का ध्यान रखकर आप खर्चों में कटौती कर सकती हैं.

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3. बचत, बचत और सिर्फ बचत

हमेशा पैसों की बचत के बारे में सोचें. इसके लिए सबसे पहला कदम है एक अकाउंट खोलना. इसके अलावा आप सरकार की ओर से चलाई जा रही जीवन ज्योति जैसी तमाम तरह की योजनाओं में भी अपना रजिस्ट्रेशन करवा कर फायदा उठा सकती हैं. आप चाहें तो महंगी ब्रांडेड दवाओं की जगह सस्ती जेनेरिक दवाओं का इस्तेमाल करके भी पैसे बचा सकती हैं.

4. घर बैठे कमाएं पैसे

अगर आप पढ़ी लिखी हैं इसके बावजूद घर की जिम्मेदारियों के चलते आप अपने पति की कोई मदद नहीं कर पा रही हैं तो घर बैठे पैसे कमाने की तरकीब ढूंढना शुरू कर दें. आप फ्रीलांसर की तरह काम कर सकती हैं. इसके अलावा अगर आपकी पेंटिंग, डांसिंग, टीचिंग जैसी कोई हॉबी है तो आप इसके लिए अलग से क्लास चला सकती हैं और घर में क्लास लेकर पैसे कमा सकती हैं.

5. निवेश करें

निवेश की पहली सीढ़ी है बचत. अगर आप हर महीने पैसे बचाती हैं तो आपको सोचना चाहिए कि महंगाई को काटते हुए कैसे आप अपने पैसे को बढ़ा सकती हैं. कभी भी पैसे को अकाउंट में या घर पर भी खाली पड़े नहीं देना चाहिए. उसे फिक्स या फिर रिकरिंग डिपॉसिट में निवेश करना चाहिए. अगर आपका पैसा 10 हजार से बढ़कर 11 हजार भी हो जाता है तो यह एक फायदे का सौदा है.

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बढ़ते प्रदूषण में रखें अपना ख्याल

इस बार त्योहार खुशियों के साथ अपने साथ कुछ और भी लेकर आया है. यहां बात हो रही है, वातावरण में बढ़ते प्रदूषण की. दीवाली के बाद बढ़े हुए प्रदूषण ने हर बार के सारे आंकड़े पार कर दिए हैं. त्योहार खत्म होने के कई दिनों के बाद भी इसका असर खत्म होते नहीं दिख रहा है. ऐसे में सबसे ज्यादा चिंता का विषय कुछ है तो वह है आम लोगों की सेहत.

वैदिक ग्राम के डॉक्टर पीयूष जुनेजा का कहना है कि ऐसे समय में न केवल बीमार व्यक्तियों को बल्कि सेहतमंद लोगों को भी अपना ध्यान रखने की बहुत आवश्यकता है. बाहर की हवा में पटाखों के धुएं की वजह से रासायनिक पदार्थों में अचानक से काफी बढ़ोतरी हो गयी है. ये पदार्थ हवा में मिलकर हमारे फेफड़ों तक पहुंचते हैं, जिससे कई तरह की खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं. हम कुछ छोटी-छोटी बातों को अगर ध्यान में रखें, तो इन चीजों के प्रभाव को कम कर सकते है. कुछ दिनों के लिए सुबह की सैर तथा खुली जगह पर व्यायाम ना करें, हवा के सीधे संपर्क में आने से बचें जिसके लिए बाहर निकलते वक्त अपने मुंह पर मास्क या कपड़ा बांध लें, अपने खाने में शहद, नींबू व गुड का प्रयोग करे जो एन्टीइन्फेक्शन का काम करेगा.

बदलते मौसम और बढ़ते प्रदूषण में अपने शरीर का ख्याल रखना अत्यंत ही जरूरी है. कुछ छोटे कदमों से आप घर में ही इसके खतरनाक प्रभावों को कम कर सकते हैं. एनडीएमसी की रिटायर डायरेक्टर डॉक्टर अल्का सक्ससेना कहती हैं कि इस प्रदूषित हवा से बचने के लिए काफी छोटी छोटी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. जैसे घर की साफ सफाई समय से करें, सोने से पहले भाप का सेवन करें, जिससे दिन भर की गंदगी आपके फेफड़ों से निकल जाएगी. बाहर के खाने से पूरी तरह से दूर रहें. ज्यादा से ज्यादा घर पर बनीं गर्म चीजें ही खाएं. इन सब चीजों से आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकेंगे, जो की आपको बीमारियों से दूर रखेगी.

एक कहानी ऐसी भी

अमित और उनकी पत्नी आकांक्षा मल्टिनैशनल कंपनी में काम करते हैं. दिल्ली में आने के बाद पति-पत्नी दोनों के करियर को परवाज मिली. बेटी सुगंधा के पैदा होने के बाद सब कुछ किसी परीकथा की तरह लग रहा था. एक दिन अचानक हल्की खांसी और बुखार के बाद 2 साल की सुगंधा को दमा डायगनोस हुआ. डॉक्टर ने बताया कि वह जिस इलाके में रह रहे हैं उसकी वजह से ही बच्चे को ऐसी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और अगर वह यहीं रहते रहे, तो परेशानी बिगड़ सकती है. सुयश और आकांक्षा ने दिल्ली छोड़ कर बैंगलुरु ऑफिस में ट्रांसफर का मन बना लिया है. उनका कहना है कि इस शहर ने हमें बहुत कुछ दिया है लेकिन अपनी बेटी की कीमत पर अपना करियर हमें मंजूर नहीं है.

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हवा में मौजूद हैं ये आठ विलेन

1. PM10 :  पीएम का मतलब होता है पार्टिकल मैटर. इनमें शामिल है हवा में मौजूद धूल, धुंआ, नमी, गंदगी आदि जैसे 10 माइक्रोमीटर तक के पार्टिकल. इनसे होने का वाला नुकसान ज्यादा परेशान करने वाला नहीं होता.

2. PM2.5 : 2.5 माइक्रोमीटर तक के ये पार्टिकल साइज में बड़े होने की वजह से ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं.

3. NO2 : नाइट्रोजन ऑक्साइड, यह वाहनों के धुंए में पाई जाती है.

4. SO2 : सल्फरडाई ऑक्साइड गाड़ियों और कारखानों से निकलने वाले धुंए से निकल कर फेफड़ों को काफी नुकसान पहुंचाता है.

5. CO : कार्बनमोनो ऑक्साइड, गाड़ियों से निकल कर फेफड़ों को घातक नुकसान पहुंचाता है.

6. O3 : ओजोन, दमे के मरीज और बच्चों के लिए बहुत नुकसानदेह

7. NH3 : अमोनिया, फेफड़ों और पूरे रेस्पिरेटरी सिस्टम के लिए खतरनाक

8. Pb : लेड, गाडियों से निकलने वाले धुंए के आलावा मेटल इंडस्ट्री से भी निकल कर यह लोगों की सेहत को नुकसान पहुंचाने वाला सबसे खतरनाक मेटल हैं.

इन सबको औसत 24 घंटे तक नापने के बाद एक इंडेक्स तैयार किया जाता है. हमारे आसपास की हवा को नापने के लिए देश की सरकार ने एयर क्वॉलिटी इंडेक्स नाम का एक मानक तय किया है. इसके तहत हवा को 6 कैटगिरी में बांटा गया है.

– अच्छा (0-50)

– संतोषजनक (50-100)

– हल्की प्रदूषित (101-200, फेफडों, दमा और हार्ट पेशंट्स के लिए खतरनाक)

– बुरी तरह प्रदूषित (201-300, बीमार लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है)

– बहुत बुरी तरह प्रदूषित (301-400, आम लोगों को सांस की बीमारी की शिकायत हो सकती है)

– घातक रूप से प्रदूषित (401-500, हेल्दी और बीमार दोनों ही तरह के लोगों के लिए खतरनाक)

घर का प्रदूषण

– किचन में लगे वेंटिलेशन फैन को देखें. अगर उस पर ज्यादा कालिख जम रही है तो जान जाएं कि किचन में हवा नुकसानदायक स्तर तक बढ़ चुकी है.

– एसी का फिल्टर और पीछे की तरफ की वेंट में अगर ज्यादा धूल या कालिख जमा हो रही है तो यह इस बात की ओर इशारा है कि घर बुरी हवा के निशाने पर है.

– बिजी हाईवे या सड़कों के किनारे बने मकान, कारखानों के करीब बने मकानों में स्वाभाविक तरीके से धूल और मिट्टी के साथ कार्बन पार्टिकल पहुंच जाते हैं.

क्या करें

– किचन में इलेक्ट्रॉनिक चिमनी लगवाएं

– किचन में बेहतर वेंटिलेशन रखें

– अगर घर के आसपास बिजी रोज या कारखाने हों तो खिड़की दरवाजों को हैवी ट्रैफिक के वक्त बंद रखें. इससे भले ही पूरा बचाव न हो लेकिन धूल-मिट्टी कम से कम घर में घुस पाएगी.

स्मॉग

स्मॉग शब्द स्मोक और फॉग से मिल कर बना है. मतलब यह कि जब वातावरण में मौजूद धुंआ फॉग के साथ मिल जाता है तब स्मॉग कहलाता है. जहां गर्मियों में वातावरण में पहुंचने वाला स्मोक ऊपर की ओर उठ जाता है, वहीं ठंड में ऐसा नहीं हो पाता और धुंए और धुंध का एक जहरीला मिक्चर तैयार होकर सांसों में पहुंचने लगता है. स्मॉग कई मायनों में स्मोक और फॉग दोनों से ज्यादा खतरनाक होता है.

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कैसे बचें

– बीमार हों या हेल्दी, हो सके तो स्मॉग में बाहर न निकलें. अगर निकलना ही पड़े तो मास्क लगा कर निकलें.

– सुबह के वक्त काफी स्मॉग रहता है. इसकी वजह अक्सर रात के वक्त वातावरण में जमा धुंए का न छंट पाना होता है जो सुबह की धुंध में मिल कर स्मॉग बना देता है. – सर्दियों में ऐसा अक्सर होता है इसलिए बेहतर होगा भोर (5-6 बजे) की बजाय धूप निकलने के बाद (तकरीबन 8 बजे) वॉक पर जाएं.

– सर्दियों में जहां एयर पल्यूशन ज्यादा रहता है वहीं लोग पानी भी कम पीते हैं. यह खतरनाक साबित होता है. दिन में तकरीबन 4 लीटर तक पानी पिएं. प्यास लगने का इंतजार न करें कुछ वक्त के बाद 1-2 घूंट पानी पीते रहें.

– घर से बाहर निकलते वक्त भी पानी पिएं. इससे शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई सही बनी रहेगी और वातावरण में मौजूद जहरीली गैसे अगर ब्लड तक पहुंच भी जाएंगी तो कम नुकसान पहुंचा पाएंगी.

– नाक के भीतर के बाल हवा में मौजूद बड़े डस्ट पार्टिकल्स को शरीर के भीतर जाने से रोक लेते हैं. हाईजीन के नाम पर बालों को पूरी तरह से ट्रिम न करें. अगर नाक के बाहर कोई बाल आ गया है तो उसे काट सकते हैं.

– बाहर से आने के बाद गुनगुने पानी से मुंह, आंखें और नाक साफ करें. हो सके तो भाप लें.

– अस्थमा और दिल के मरीज अपनी दवाएं वक्त पर और रेग्युलर लें. कहीं बाहर जाने पर दवा या इन्हेलर साथ ले जाएं और डोज मिस न होने दें. ऐसा होने पर अटैक पड़ने का खतरा रहता है.

– साइकल से चलने वाले लोग भी मास्क लगाएं. चूंकि वे हेल्मेट नहीं लगाते इसलिए उनके फेफड़ों तक बुरी हवा आसानी से पहुंच जाती है.

इन लक्षणों के होते ही ध्यान दें

– सांस लेने में तकलीफ होने पर या सीढ़ियां चढ़ते या मेहनत करने पर हांफने लगने पर

– सीने में दर्द या घुटन महसूस होने पर

– 2 हफ्ते से ज्यादा दिनों तक खांसी आने पर

– 1 हफ्ते तक नाक से पानी या छींके आने पर

– गले में लगातार दर्द बने रहने पर

इनको जरा बचा कर रखें

– 5 साल से कम बच्चों की इम्युनिटी काफी कमजोर होती है इसलिए उन्हें एयर पल्युशन से रिस्क ज्यादा होता है. इसलिए सर्दियों में उन्हें सुबह वॉक के लिए न ले जाएं.

– अगर बच्चे स्कूल जाते हैं अटेंडेंट्स से रिक्वेस्ट कर सकते हैं कि बच्चों को मैदान में खिलाने की बजाए इनडोर ही खिलाएं.

– धूल भरी और भारी ट्रैफिक वाली मार्केट्स में बच्चों को ले जाने से बचें.

– टू वीलर में बच्चों को लेकर न निकलें.

– बच्चों के कार में बाहर ले जाते वक्त शीशे बंद रखें और एसी चलाएं.

– बच्चों को भी थोड़ी-थोड़ी देर पर पानी पिलाते रहें जिससे शरीर हाइड्रेट रहे और इनडोर पल्युशन से होने वाला नुकसान भी कम हो.

– बच्चे जब बाहर से खेल कर आएं तो उनका भी मुंह अच्छी तरह से साफ करें.

– उम्रदराज लोगों को बिगड़ती हवा काफी परेशान कर सकती है.

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– प्रदूषण स्तर बढ़ने पर बाहर जाने से बचें.

– धूप निकलने के बाद ही घर से बाहर निकलें. धूप निकलने पर हवा में प्रदूषण स्तर नीचे आने लगता है.

– अगर किसी बीमारी की दवाएं ले रहे हैं तो लगातार लेते रहें. ऐसा न करने पर हालत खराब हो सकती है.

– सर्दी के मौसम में ज्यादा एक्सरसाइज (ब्रिस्क वॉक या जॉगिंग आदि) न करें.

– सर्दियों में अगर बाहर निकलना ही पड़े तो अच्छी क्वॉलिटी का मास्क लगा कर निकलें.

– टू व्हीलर या ऑटो में सफर की बजाय टैक्सी या कंट्रोल माहौल वाले मेट्रो या एसी बसों में ही यात्रा करें.

Winter Special: डिनर में बनाएं ये Recipes

सर्दियों का मौसम हरी पत्तेदार सब्जियों के लिए जाना जाता है क्योंकि इन दिनों पालक, बथुआ, मैथी, सोया, सरसों का साग जैसी हरी सब्जियां बहुतायत में मिलतीं हैं. पालक में आयरन, मिनरल्स, विटामिन्स और कैल्शियम आदि भरपूर मात्रा में पाया जाता है इसीलिए इसे सुपर फ़ूड भी कहा जाता है. अपने पौष्टिक तत्वों के कारण यह एनीमिया, शुगर और वजन कम करने में लाभदायक है. सलाद और जूस के रूप में प्रयोग करने के साथ साथ आप इससे स्वादिष्ट व्यंजन भी बना सकतीं हैं. आज हम आपको पालक से बनने वाले ऐसे ही दो व्यंजनों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें आप डिनर में बड़ी आसानी से बना सकते हैं.

-पालक पनीर परांठा

कितने लोगों के लिए                4

बनने में लगने वाला समय         30 मिनट

मील टाइप                              वेज

सामग्री(परांठे के लिए)

बारीक कटी पालक                 200 ग्राम

गेहूं का आटा                           1 कप

बेसन                                      1/4 कप

नमक                                   1/4 टीस्पून

अजवाइन                             1/4 टीस्पून

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सामग्री (भरावन के लिए)

किसा पनीर                            100 ग्राम किसी अदरक                          1 इंच

कटी हरी मिर्च                           4

अमचूर पाउडर                       1/4 टीस्पून

नमक                                   1/4 टीस्पून

लाल मिर्च पाउडर                   1/4 टीस्पून

बारीक कटा हरा धनिया            1 टीस्पून

सेंकने के लिए तेल             पर्याप्त मात्रा में

विधि

गेहूं के आटे में नमक, कटी पालक, बेसन, और अजवाइन मिलाकर पानी की सहायता से नरम गूंथकर आधे घण्टे के लिए ढककर रख दें. अब पनीर में  भरावन की समस्त सामग्री मिलाएं. आधे घण्टे बाद तैयार आटे को 1 टीस्पून तेल लगाकर फिर से मसलें. तैयार आटे में से बराबर की 8-10 लोई तोड़ लें. लोई को हथेली पर थोड़ा सा फैलाकर 1 चम्मच भरावन भरें…अब इसे चारों तरफ से बंद कर दें. अब इसे हल्के हाथ से बेलकर छोटा परांठा तैयार करें. तवे पर चिकनाई लगाकर दोनों तरफ से सुनहरा होने तक सेक लें. टोमेटो सॉस या हरी चटनी के साथ सर्व करें.

-पालक काजू करी

कितने लोगों के लिए              4

बनने में लगने वाला समय        30 मिनट

मील टाइप                            वेज

सामग्री

पालक                               500 ग्राम

काजू                                 10-12

दही                                   1 कप

बेसन                                  1 टेबल स्पून

बारीक कटी अदरक              1 इंच

बारीक कटी हरी मिर्च               4

टमाटर प्यूरी                         1/2 कप

जीरा                                   1/4 टीस्पून

हींग                                     1 चुटकी भर

लाल मिर्च पाउडर                  1/2 टीस्पून

धनिया पाउडर                        1 टीस्पून

गर्म मसाला                         1/2 टीस्पून

नमक                                   स्वादानुसार

तेल                                    2 टेबल स्पून

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विधि

पालक को अच्छी तरह धोकर उबलते पानी में डालें….5 मिनट में पालक नरम हो जाएगी तो गर्म पानी से निकालकर बर्फ के पानी में डालें इससे पालक का हरा रंग बरकरार रहेगा. दही में बेसन मिलाकर फेंट लें. एक पैन में तेल गरम करें और काजू को तलकर निकाल लें. जब काजू ठंडे हो जाएं तो आधे काजू को दरदरा कर लें. इसी पैन में जीरा और हींग तड़काएं. अब अदरक, हरी मिर्च और पिसा टमाटर मिलाकर भूनें, जब पेस्ट तेल छोड़ने लगे तो फेंटा हुआ दही मिलाएं. 3-4 मिनट तक धीमी आंच पर उबालकर दरदरे काजू, पालक पेस्ट और बचे मसाले मिलाकर 5 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं. ऊपर से बचे काजू से सजाकर सर्व करें.

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