family story in hindi
family story in hindi
भारत में किडनी फेलियर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. अक्सर लोग डॉक्टर की सलाह लेने के बजाय सीधे मेडिकल स्टोर से सिरदर्द और पेट दर्द की दवाएं लेकर खा लेते हैं. इनसे किडनी को नुकसान पहुंचता है. आज हम उन आदतों के बारे में बता रहे हैं जो किडनी में प्रॉब्लम की वजह बन रही हैं.
1. ज्यादा नमक खाना
ज्यादा नमक खाने से किडनी खराब हो सकती हैं. नमक में मौजूद सोडियम ब्लड प्रेशर बढ़ाता है, जिससे किडनी पर बुरा असर पड़ता है.
2. ज्यादा नॉनवेज खाना
मीट में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन होता है. ज्यादा मात्रा में प्रोटीन डाइट लेने से किडनी पर मेटाबॉलिक लोड बढ़ता है, जिससे किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है.
3. बहुत ज्यादा दवाएं
छोटी-छोटी समस्या आने पर एंटीबायोटिक या ज्यादा पेनकिलर्स लेने की आदत किडनी पर बुरा असर डाल सकती है. डॉक्टर्स से पूछे बगैर ऐसी दवाएं न लें.
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4. शराब पीना
ज्यादा मात्रा में और नियमित अल्कोहल के सेवन से आपके लिवर और किडनी पर बहुत बुरा असर पड़ता है. ज्यादा कोल्ड ड्रिंक भी नुकसानदेह होती है.
5. सिगरेट या तंबाकू
सिगरेट या तंबाकू के सेवन से टॉक्सिंस जमा होने लगते हैं, जिससे किडनी डैमेज होने की समस्या हो सकती है. इससे बीपी भी बढ़ता है, जिसका असर किडनी पर पड़ता है.
6. यूरिन रोक कर रखना
यूरिन रोककर रखने पर ब्लैडर फुल हो जाता है. यूरिन रिफ्लैक्स की समस्या होने पर यूरिन ऊपर किडनी की ओर आ जाती है. इसके बैक्टीरिया के कारण किडनी इंफेक्शन हो सकता है.
7. पानी कम या ज्यादा पीना
रोज 8-10 गिलास पानी पीना जरूरी होता है. इससे कम पानी पीने पर शरीर में जमा टॉक्सिंस किडनी फंक्शन पर बुरा असर डालते हैं. ज्यादा पानी पीने पर भी किडनी पर प्रेशर बढ़ता है.
8. ओवर ईटिंग
सामान्य लोगों की तुलना में मोटे लोगों की किडनी डैमेज होने का खतरा कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है. ओवर ईटिंग से वजन तेजी से बढ़ता है, इसलिए ज्यादा खाने से बचें.
9. पूरी नींद न लेना
स्टडी की मानें तो रोज 7-8 घंटे से कम सोने वालों को हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज का खतरा ज्यादा होता है. ऐसे में किडनी डिजीज की आशंका बढ़ जाती है.
टीवी सीरियल्स से लेकर रियलिटी शोज में नजर आ चुकीं एक्ट्रेस तेजस्वी प्रकाश (Tejasswi Prakash) जल्द ही सलमान खान के रियलिटी शो ‘बिग बॉस 15’ (Bigg Boss 15) में नजर आने वाली है, जिसका हाल ही में प्रोमो रिलीज हो चुका है. प्रोमो की बात करें तो तेजस्वी की दिलकश अदाएं और लुक फैंस का दिल जीत रहे हैं. इसी के साथ फैंस बेसब्री से शो के प्रीमियर का इंतजार कर रहे हैं. इसी के चलते आज हम आपको तेजस्वी प्रकाश के हौट और ट्रैंडी लुक्स की झलक दिखाएंगे…
हौट लुक में गिराती हैं बिजलियां
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तेजस्वी प्रकाश के लुक्स सोशलमीडिया पर छाए रहते हैं. वहीं उनके हौटनेस की तारीफ करते रहते हैं. हाल ही में पार्टी ड्रैस में तेजस्वी का लुक बेहद हौट लगता है. फैंस तेजस्वी के लुक्स को बेहद पसंद कर रहे हैं.
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वर्किंग वूमन के लिए परफेक्ट है तेजस्वी का लुक
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इन दिनों गर्ल्स के सूट काफी ट्रैंडी हैं. वहीं तेजस्वी प्रकाश भी ये ट्रैंड ट्राय कर चुकी हैं, जिसमें वह बेहद स्टाइलिश और खूबसूरत लग रही थीं. ब्लू कलर के सूट को पार्टी या वेडिंग में भी ट्राय कर सकती है.
प्रिंटेड ड्रैसेस का कलेक्शन है खास
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अगर आप पार्टी या वेडिंग में ट्रैंडी लगना चाहती हैं तो तेजस्वी प्रकाश की ये ड्रेसेस कलेक्शन को ट्राय कर सकते हैं. फ्लावर प्रिंटेड ड्रैस को ट्राय करके आप वेडिंग या पार्टी में चार चांद लगा सकते हैं.
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इंडियन लुक में लगती हैं खूबसूरत
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अगर आप इंडियन लुक के औप्शन की तलाश कर रहे हैं तो तेजस्वी प्रकाश का लहंगा और साड़ी कलेक्शन बेहद खास है. प्रिंटेड साड़ी हो या लहंगा काफी खूबसूरती से तेजस्वी कैरी करती हैं, जिसे फैंस काफी पसंद करते हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि तकनीक के प्रयोग से कार्य करने में आसानी व पारदर्शिता आती है. इसके इस्तेमाल से कार्य क्षेत्र में दक्षता आती है. यह कार्य को सम्पादित करने वाले व्यक्ति को सम्मान का पात्र भी बनाती है. आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को दिया जा रहा स्मार्ट फोन उनकी कार्य पद्धति को स्मार्ट बनाएगा. इसके माध्यम से आप सब आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री शासन-प्रशासन एवं जनविश्वास जीतकर अपनी पहचान बना सकती हैं.
मुख्यमंत्री जी ने लोकभवन में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा आयोजित आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ‘स्मार्ट फोन’ एवं आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए ‘ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस’ वितरण कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे. मुख्यमंत्री जी ने अपने कर कमलांे द्वारा 20 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ‘स्मार्ट फोन’ एवं 10 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ‘ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस’ प्रदान किये. उन्होंने ‘एक संग मोबाइल एप’ लॉन्च किया. इस अवसर पर एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गयी.
इस अवसर पर प्रदेश में पोषण अभियान के अन्तर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को तकनीक से जोड़ने व उनकी कार्य सुविधा के लिए 1,23,000 ‘स्मार्ट फोन’ एवं बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए 1,87,000 ‘ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस’ वितरित किये जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सामान्य रूप से कहने के लिए यह केवल ‘स्मार्ट फोन व ‘ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस’ के वितरण का कार्यक्रम हो सकता है, लेकिन इसकी गूंज सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करने में नींव के पत्थर के रूप में है. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का संकल्प है कि पारदर्शी और ईमानदार सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तकनीक के माध्यम से शासन की योजनाओं को प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाया जाए. इसके लिए आवश्यक है कि ऐसे संसाधन उन लोगों को उपलब्ध कराए जाएं, जो शासन की योजनाओं को अन्तिम पायदान के व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों के प्रति लोगों में सम्मान व आदर का भाव बढ़ा है.
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति या संस्था की पहचान विपत्ति व आपत्ति के समय पता चलती है. जो व्यक्ति संकट आने पर भाग खड़ा हो, सहयोग न करे वह, कितना भी बड़ा, सम्पन्न व बुद्धिमान हो, अगर उसकी बुद्धिमत्ता व उसका ऐश्वर्य लोक कल्याण व समाज कल्याण के उपयोग में नहीं आ रहा है, तो उसका कोई महत्व नहीं है. संकट के समय सहयोगात्मक व लोक कल्याणकारी कार्य करने वाला ही महत्वपूर्ण होता है.
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना की द्वितीय लहर के समय प्रदेश सरकार द्वारा निर्णय लिया गया कि प्रत्येक ग्राम व शहरी मोहल्लों में एक निगरानी समिति बनायी जाएगी. अप्रैल, 2021 में प्रदेश में निगरानी समितियां गठित की गयीं. इनके द्वारा घर-घर जाकर एक-एक व्यक्ति की पहचान कर संदिग्ध व्यक्ति को मेडिसिन किट उपलब्ध करायी गयी. इनकी सूची बनाकर अगले 24 घण्टे के अन्दर आर0आर0टी0 की टीम द्वारा जांच कराने की कार्यवाही की गयी. इस कार्य में 10 से 12 लोगों की एक टीम का गठन किया गया था, जिसमें आंगनबाड़ी, आशा वर्कर, ए0एन0एम0, ग्राम प्रधान, पार्षद, सहित ग्राम्य विकास, नगर विकास, पंचायतीराज तथा राजस्व विभाग के कर्मी शामिल थे.
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना वर्करों एवं निगरानी समितियों के सहयोग से प्रदेश में कोरोना नियंत्रित स्थिति में है. प्रदेश में कोरोना नियंत्रण एक मॉडल के रूप में सामने आया है कि किस प्रकार सामूहिक प्रयासों से एक महामारी को नियंत्रित किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं हुआ है, इसके पूर्व, राज्य सरकार इंसेफेलाइटिस के सफल नियंत्रण का मॉडल प्रस्तुत कर चुकी है. वर्ष 1977 से वर्ष 2017 तक पूर्वी उत्तर प्रदेश के 07 जनपदों सहित प्रदेश के कुल 38 जनपदों में इन्सेफेलाइटिस रोग से मौतें होती थीं. इसमें अकेले बस्ती व गोरखपुर जनपद में प्रत्येक वर्ष डेढ़ से दो हजार बच्चों की असमय मृत्यु हो जाती थी. प्रदेश सरकार द्वारा किये गये प्रयासों से पूर्वी उत्तर प्रदेश में इन्सेफेलाइटिस रोग से होने वाली 95 से 97 प्रतिशत मृत्यु को नियंत्रित किया जा चुका है.
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना महामारी को नियंत्रित करने में कोरोना वॉरियर्स, खास तौर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री, आशा, ए0एन0एम0 ने अत्यन्त सराहनीय कार्य किया है. उन्होंने कहा कि अच्छा कार्य करेंगे, तो समाज आपको सम्मान देगा. यही भूमिका आपको आगे बढ़ाएगी. कार्य करने से व्यक्ति शारीरिक रूप से मजबूत, मानसिक रूप से परिपक्व तथा आत्मविश्वास से भरपूर होता है. प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक जनपद में कुपोषित बच्चों, गर्भवती महिलाओं के लिए पोषाहार तैयार करने के लिए संयंत्र स्थापित किया जा रहा है. उसकी क्वॉलिटी की जांच की व्यवस्था की जा रही है. यह प्रदेश में मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर को कम करने व देश के औसत के समकक्ष लाने में मदद करेगा. इससे राज्य सरकार की दवा एवं अन्य खर्चाें में बचत होगी.
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पिछले दिनों पोषण माह के कार्यक्रम में मैंने कहा था कि आंगनबाड़ी या आशा वर्कर का जितना पिछला मानदेय बकाया है, उसका तत्काल भुगतान किया जाए. विभाग ने उसकी कार्यवाही प्रारम्भ की है. यह पिछला वाला था. अभी सरकार उनको और भी देने जा रही है. आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री अपनी पूरी तन्मयता से कार्य कर रही हैं.
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2017 में एक्साइज के क्षेत्र में हावी गिरोह को पारदर्शी कार्यपद्धति एवं नीतियों को लाकर पूरी तरह से समाप्त किया. जब भ्रष्टाचार के सभी रास्ते बन्द कर दिये जाते हैं, तो विकास अपने आप बढ़ता हुआ दिखायी देता है. प्रदेश सरकार द्वारा सर्वांगीण विकास की नींव को रखने का कार्य किया जा रहा है. प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र के भवन का निर्माण कराया जा रहा है. इन आंगनबाड़ी भवनों को बाद में प्री-प्राइमरी के रूप में बनाने पर सरकार गम्भीरता से विचार कर रही है.
इस अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए महिला कल्याण बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती स्वाती सिंह ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों ने बड़ी निष्ठा से कार्य किया. मुख्यमंत्री जी नेे वर्ष 2017 में प्रदेश की बागडोर संभालते ही, राज्य में गुड गवर्नेंस लाए. इस गुड गवर्नेंस का आधार ई-गवर्नेंस है. मुख्यमंत्री जी की मान्यता है कि जब तक आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ई-गवर्नेंस से नहीं जोड़ा जाएगा, तब तक गुड गवर्नेंस की सोच को साकार नहीं किया जा सकता. इसके दृष्टिगत आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को ‘स्मार्ट फोन’ तथा सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को ‘ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस’ प्रदान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ‘एक संग मोबाइल एप’ आंगनबाड़ी केन्द्रों को सामुदायिक भागीदारी का एक मंच प्रदान करेगा, जिसके माध्यम से कोई व्यक्ति एवं संस्था अपनी सहायता प्रदान कर सकता है.
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास श्रीमती एस0 राधा चौहान, प्रमुख सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास श्रीमती वी0 हेकाली झिमोमी, सूचना निदेशक श्री शिशिर, निदेशक राज्य पोषण मिशन श्री कपिल सिंह, निदेशक बाल विकास सुश्री सारिका मोहन सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
प्रदेश में 16 जिलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए सरकार की आकर्षक नीति की वजह से देश के कई बड़े संस्थानों ने पहल की है. इन जिलों में मेडिकल कॉलेज बनने से आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. चिकित्सा शिक्षा विभाग ने पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए पांच नवंबर तक आवेदन मांगे हैं. विभाग की ओर से http://etender.up.nic.in वेबसाइट पर टेंडर जारी कर दिया गया है. सरकार की ओर से निजी निवेशकों को कई तरह की छूट भी दी जा रही है.
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 16 जिलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए कैबिनेट की मुहर लगने के बाद हाल ही में नीति जारी की थी और तीन तरह के विकल्प उपलब्ध कराए थे. हर विकल्प के लिए नियम और शर्तें अलग हैं. निजी क्षेत्र के निवेशक अपनी जमीन या सरकारी जमीन पर भी मेडिकल कॉलेज खोल सकते हैं. खास बात यह है कि विभाग ने इन सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए जमीन पहले से चिह्नित कर आरक्षित कर ली है.
चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए कई बड़े निवेशकों ने इच्छा जाहिर की है. विभाग की ओर से नीति जारी कर दी गई है. निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से निविदा प्रक्रिया के तहत निवेशकों का चयन किया जाएगा. सीएम योगी के निर्देश पर पूरी प्रक्रिया को तीव्र गति से पूरा किया जा रहा है.
हर साल मिलेंगे 16 सौ नए डॉक्टर, 10 हजार लोगों को मिलेगी नौकरी
प्रदेश में 16 जिलों में बनने वाले मेडिकल कॉलेजों से हर साल 16 सौ नए डॉक्टर मिलेंगे. साथ ही इन मेडिकल कॉलेजों में करीब 10 हजार लोगों को नौकरी मिलेगी. इसके अलावा इन मेडिकल कॉलेजों में लोगों के उपचार के लिए करीब छह हजार नए बेड उपलब्ध होंगे. इन मेडिकल कॉलेजों में आम लोगों को भी उच्च स्तरीय सहुलियत मिलेगी.
सीएम योगी ने इन जिलों में भी मेडिकल कॉलेज खोलने का लिया है संकल्प
प्रदेश में 16 जिलों बागपत, बलिया, भदोही, चित्रकूट, हमीरपुर, हाथरस, कासगंज, महराजगंज, महोबा, मैनपुरी, मऊ, रामपुर, संभल, संतकबीरनगर, शामली और श्रावस्ती में सरकारी या निजी मेडिकल कॉलेज नहीं हैं. हालांकि इन जिलों में जिला अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी की सुविधा उपलब्ध है. इन जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं में और इजाफा करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर जिले में मेडिकल कालेज का खोलने का संकल्प लिया है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी कल 29 सितम्बर, 2021 को यहां मिशन शक्ति के अन्तर्गत ‘निर्भया-एक पहल’ कार्यक्रम का शुभारम्भ करेंगे. इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी द्वारा ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ के विशेष आवरण तथा विशेष विरूपण का विमोचन भी किया जाएगा.
‘निर्भया-एक पहल’ कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश के सभी 75 जनपदों मेें प्रति जनपद 1,000 महिलाओं का एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम तथा 03 दिवसीय कौशल क्षमता विकास प्रशिक्षण संचालित किया जाएगा. 75,000 महिलाओं को इस कार्यक्रम के माध्यम से लाभान्वित किया जाएगा.
प्रदेश के सभी 75 जनपदों में कल सम्बन्धित जनपद के ओ0डी0ओ0पी0 उत्पाद के सम्बन्ध में भारतीय डाक विभाग के सहयोग से एक विशेष कवर तथा विशेष विरूपण का अनावरण एवं विमोचन किया जाएगा. इस प्रकार, एक ही दिवस और समय पर प्रदेश में 75 विशेष आवरण जारी किए जाएंगे. यह सभी आवरण देश के विभिन्न डाक घरों में भेजे जाएंगे, जिससे प्रदेश के ओ0डी0ओ0पी0 उत्पादों को व्यापक राष्ट्रीय पहचान मिलेगी.
देश की आजादी का 75 वां वर्ष चल रहा है. हमें यह आजादी कई निःस्वार्थ भावी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान से मिली है. मगर तमाम ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ऐसे भी हैं,जिनका नाम कुछ लोगों ने इतिहास के पन्नों में दर्ज ही नही होने दिया. ऐसे ही उड़ीसा के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बक्सी जगबंधू हैं. अब ‘स्टार प्लस’’ अक्टूबर माह से प्रसारित होने वाले सीरियल ‘विद्रोही‘ में भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बक्सी जगबंधू की वीरता व महानता का चित्रण करने जा राह है. ज्ञातब्य है कि अंग्रेजों ने इनकी कहानी को इतिहास की रचना का हिस्सा नहीं बनने दिया था.
सीरियल ‘‘विद्रोही’ का निर्माण गाथा फिल्म्स, एलएलपी द्वारा बनाए जा रहे सीरियल ‘‘विद्रोही ’’ में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बक्सी जगबंधू का किरदार बहुमुखी अभिनेता शरद मल्होत्रा निभा रहे है. इसमें हेमल इंगले,सुलगना पाणिग्रही की भी अहम भूमिकाएं होंगी.
अभिनेता शरद मल्होत्रा एक दशक से अधिक समय से टेलीविजन इंडस्ट्री का हिस्सा हैं और विभिन्न सीरियलों में अपने अभिनय का जलवा विखेरते हुए हर बार प्रशंसा बटोरते रहे हैं.
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इस स्वतंत्रता सेनानी के किरदार को निभाने की चर्चा चलने पर अभिनेता शरद मल्होत्रा बताते हैं-‘‘यह एक अद्भुत किरदार है. जब किरदार में अपार संभावनाएं होती हैं, तो स्वतः ही अभिनेता का काम एक बड़ी जिम्मेदारी बन जाता है. एक अभिनेता को हमेशा अच्छे कंटेंट की भूख होती है और‘विद्रोही‘ जैसा सीरियल हर दिन नहीं बनता है. लेकिन जिस चीज ने मुझे कहानी की ओर आकर्षित किया, वह थी बक्सी जगबंधु के चरित्र की निस्वार्थता और मैं चाहता था कि देश उड़ीसा की भूमि के इस महान नायक के बारे में जाने. ऐसे सीरियल की अपनी चुनौतियाँ होती हैं, जिसे सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए कि आप केवल अपने द्वारा निभाए जा रहे किरदार को न सिर्फ स्वीकार करें, बल्कि इसे एक प्रामाणिक अनुभव देने के लिए उस अवधि की छोटी बारीकियों को भी समझना होगा. मैं इस सीरियल का हिस्सा बनकर खुद को बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं. मैं इस किरदार को पर्दे पर निभाने के लिए बहुत उत्साहित हूं क्योंकि मेरे किरदार में बहुत विविधताएं हैं. इन सबसे बढ़कर, मैं सेट पर वापसी करके और इस नए सामान्य में शूटिंग करके बहुत खुश हूं. मुझे उम्मीद है कि दर्शक और प्रशंसक मुझपर अपना प्यार और सराहना जारी रखेंगे क्योंकि मैं एक नए सफर की शुरुआत कर रहा हूं. ‘‘
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टीवी इंडस्ट्री से बीते दिनों बुरी खबर से फैंस शौक्ड हैं. इसी बीच खबर हैं कि टीवी एक्ट्रे श्वेता तिवारी (Shweta Tiwari) अस्पताल में एडमिट हो गई हैं, जिसके चलते फैंस काफी परेशान है. वहीं श्वेता के एक्स हस्बेंड अभिनव कोहली मजाक उड़ाते नजर आ रहे हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…
अस्पताल में एडमिट हुईं श्वेता
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खबरों की मानें तो खतरों के खिलाड़ी के 11वें सीजन में नजर आ चुकीं श्वेता तिवारी (Shweta Tiwari) को हाल ही कमजोरी और लो ब्लड प्रेशर की शिकायत के चलते अस्पताल (Shweta Tiwari hospitalised) में एडमिट होने पड़ा है. दरअसल, बीते कई दिनों से श्वेता तिवारी काफी बिजी चल रही थीं. वहीं उनकी टीम ने एक ऑफिशल स्टेटमेंट जारी करते हुए बताया है कि लगातार ट्रैवल, मौसम में बदलाव और पूरी तरह आराम ना कर पाने के कारण श्वेता की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में एडमिट करवाना पड़ा है. इसी बीच सेलेब्स और फैंस उनकी सेहत ठीक होने की कामना कर रहे हैं.
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एक्स हस्बैंड ने उड़ाया मजाक
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एक्ट्रेस श्वेता तिवारी के अस्पताल में एडमिट होने की खबर से उनके पूर्व पति अभिनव कोहली (Abhinav Kohli) ने एक पोस्ट शेयर करते हुए जहां जल्द ठीक होने की कामना की है तो वहीं उनके Weight Loss करने पर ताना मारा है. दरअसल, अभिनव ने अपने पोस्ट में लिखा, ‘मेरे और मेरे लड़के के आपस में मिलने और साथ रहने के हक की लड़ाई अपनी जगह है और कोर्ट में चल रही है, पर भगवान करे कि श्वेता जल्दी से तंदरुस्त हो जाए. एक्टर बेचारे आप सबके सामने सुंदर बनने के चक्कर में और आप सबका और ज्यादा प्यार पाने के लिए, जरूरत से ज्यादा बॉडी बनाते रहते हैं. कम से कम खाना खाते रहते हैं और फिर एक दिन उनका दिल थक जाता है.’ इसी बयान पर श्वेता तिवारी के फैंस गुस्से में हैं और उनके इस पोस्ट पर जमकर खरी खोटी सुनाते हुए कमेट्स कर रहे हैं.
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सीरियल अनुपमा में फैमिली ड्रामा दर्शकों का दिल जीत रहा है. वहीं टीआरपी चार्ट्स में भी यह पहले नंबर पर बना हुआ है. इसी मेकर्स सीरियल की कहानी में ऐसा मोड़ लाने वाले हैं, जिससे अनुपमा अपने परिवार से दूर होने का फैसला करने वाली है. वहीं समर इस सफर में उसका साथ देता नजर आएगा. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…
वनराज का एक बार फिर अनुपमा पर तीखा वार
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अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि वनराज और अनुज नशे में धुत हो जाएंगे और एक दूसरे के साथ होटल में चले जाएंगे. जहां पर काव्या, वनराज को अपने कमरे में ले जाएगी. वहीं अनुपमा, अनुज की हेल्प करते हुए उसे कमरे में छोड़ेगी और अपने कमरे में लौट जाएगी. दूसरी तरफ सुबह उठकर वनराज और काव्या, अनुपमा को अनुज के कमरे के बाहर देखेंगे और एक बार फिर वनराज तीखा वार करते हुए अनुपमा से कहेगा कि अगर वह दोनों यहां नहीं होते तो दोनों की रात खास होती, जिसे सुनकर अनुज और अनुपमा गुस्से से भर जाएंगे.
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समर-अनुपमा होंगे शाह हाउस से दूर
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खबरों की मानें तो जल्द ही अनुपमा एक बड़ा फैसला लेने वाली है, जिसकी वजह बा और वनराज होंगे. दरअसल, मुंबई से घर आकर काव्या-वनराज, अनुपमा के खिलाफ बातें बोलेंगे, जिसके चलते शाह परिवार में हंगामा होगा. वहीं अनुपमा ये सब देखकर फैसला करेगी कि अब वह शाह निवास में नहीं रहेगी. लेकिन समर उसका साथ देते हुए उसके साथ घर छोड़ने की बात कहेगा. हालांकि अनुपमा उसे मना करेगी. लेकिन वह नहीं मानेगा. दूसरी तरफ अनुपमा-समर को दर-दर भटकता देख अनुज उसे सहारा देगा और अपने घर पर रहने के लिए कहेगा.
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अनुज को पड़ी डांट
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अब तक आपने देखा कि अनुपमा और अनुज मुंबई में अपनी डील फाइनल करते हैं, जो कि कामयाब भी होती है. इसी के चलते दोनों पब में भी पहुंचते हैं. वहीं वनराज और काव्या भी पब में पहुंच जाते हैं, जिसे देखकर अनुपमा नाखुश होती है. हालांकि वह वनराज को इग्नोर करती नजर आती है. इसी दौरान वनराज, अनुज और अनुपमा के रिश्ते पर एक बार फिर तंज कसता है, जिसे सुनकर अनुज भड़क जाता है और दोनों के बीच हाथापाई की नौबत आ जाती है. लेकिन अनुपमा बात संभालते हुए अनुज को डांटती है और अनुज बात को सुन भी लेता है, जिससे अनुज का अनुपमा के लिए प्यार और गहरा हो जाता है.
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याद कीजिए अपने दादा या दादी को, जो आंगन में बैठे हाथ से पंखा हिलाते हुए गरमी को मात देने की कोशिश किया करते थे. उस के बाद बिजली का आविष्कार हुआ और हाथ के पंखों की जगह सीलिंग फैंस ने ले ली. इसे एक बड़ा कदम माना गया. वक्त बदला और सीलिंग फैन के साथसाथ कूलर भी गरमी से लड़ने का एक कारगर जरिया बन गए. सूरज की तपिश जब अपने चरम पर होती तो कूलर हमें राहत पहुंचाते. मगर इन के साथ भी एक समस्या रहती. कूलर की हवा अपनी ओर करने के लिए घरों में छोटेमोटे झगड़े होना आम बात थी. लेकिन अब कूलर और सीलिंग फैन भी धीरेधीरे बीते जमाने की बात होते जा रहे हैं और नए जमाने में एअरकंडीशनर गरमी से बचने और लड़ने में इनसान की मदद कर रहे हैं.
एक दौर था जब एअरकंडीशनर सिर्फ धनाढ्य वर्ग के उपभोग तक ही सीमित थे. वे लोग, जो बिजली के लंबेचौड़े बिलों का भुगतान करने में सक्षम थे, वही एसी के बारे में विचार करते थे. लेकिन बीते कुछ वर्षों में यह धारणा पूरी तरह से टूट चुकी है. आज यह अमीरी के दायरे को तोड़ता हुआ जरूरत की श्रेणी में पहुंच चुका है. आज लगभग हर घर के ड्राइंगरूम में एसी एक जरूरत बन गया है. आज हर कोई अपनी जीवनशैली को आरामदायक बनाना चाहता है और इस पर होने वाला खर्च अमीरी नहीं बल्कि जरूरत मान लिया गया है और एसी भी इसी श्रेणी में आता है. भारत में बड़े मध्यवर्गीय बाजार के कारण सभी उपभोक्ता कंपनियां अपने उत्पादों की कीमत इन्हें ध्यान में रख कर तय करती हैं.
बाजार में प्रतिस्पर्धा के बढ़ने का फायदा भी आम उपभोक्ता को मिल रहा है. कंपनियां अब सस्ती कीमत और बेहतर तकनीक के उत्पाद बेचने को मजबूर हैं, क्योंकि वे किसी भी कीमत पर इस बाजार में अपने पांव कमजोर नहीं करना चाहतीं. बाजार में विंडो एसी, स्प्लिट एसी और सेंट्रलाइज एसी जैसी तमाम किस्में मौजूद हैं और इस में हर ग्राहक वर्ग के हितों का ध्यान रखा गया है. इन में से विंडो एसी भारतीय ग्राहक वर्ग में खासतौर पर पसंद किए जाते हैं. इन्हें लगाना भी बेहद आसान है और इन की हवा भी आसपास के कमरों को ठंडा करती है. यह सब इन की शानदार क्षमता और आधुनिक तकनीक के कारण ही संभव होता है.
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बिजली के बिल में कटौती
बीते दिनों एक खबर आई थी कि मुंबई में एक आफिस में एसी की खपत कम करने के लिए अपने कर्मचारियों को टाई पहन कर आने से मना कर दिया गया था. कंपनी का तर्क था कि इस से बिजली के बिल में कटौती करने में मदद मिलेगी. एसी लेने के बाद उस की वजह से आने वाला बिजली का बिल सब से बड़ी चिंता होती है, लेकिन कुछ टिप्स अपना कर आप भी अपने बिजली के बिल में कटौती कर सकते हैं :
अपने कमरे और घर के आकार को ध्यान में रख कर ही एसी की खरीदारी करें. बेहतर होगा कि इस मामले में आप किसी जानकार की सलाह लें. याद रखें, ज्यादा बड़ा एसी यानी बिजली की ज्यादा खपत.
एसी का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा सेट कर के रखें. इस से आप को अपने बिजली के बिल में कटौती करने में मदद मिलेगी.
एसी चलाते समय यह ध्यान रखें कि कमरे के सभी दरवाजे और खिड़कियां बंद हों. इस से कमरे को ठंडा होने में कम समय लगेगा.
एसी को हर समय चलाने के बजाय थोड़े समय के लिए चलाएं और एक बार कमरा ठंडा होने के बाद एसी को बंद कर दें.