Monsoon Special: स्नैक्स में खिलाएं पनीर हौट डौग

बारिश के मौसम में अगर आप टेस्टी रेसिपी ट्राय करना चाहती हैं तो पनीर हौट डौग की ये रेसिपी आपके लिए अच्छा औप्शन है. पनीर हौट डौग को आप आसानी से अपनी फैमिली के लिए कम समय में बना सकते हैं.

सामग्री

–  1 पीस हौट डौग बन

–  20 ग्राम पनीर

–  1/2 मीडियम आकार का प्याज कटा

–  1/2 शिमलामिर्च टुकड़ों में कटी

–  1 बड़ा चम्मच लहसुन कटा

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–  1 बड़ा चम्मच चिल्ली गार्लिक सौस

–  5 ग्राम मस्टर्ड सौस

–  5 ग्राम मेयोनीज

–  गार्निशिंग के लिए थोड़ी सी धनियापत्ती कटी

–  साल्ट पैपर सीजनिंग स्वादानुसार.

पनीर फिलिंग की तैयारी

एक कड़ाही में थोड़ा सा औलिव औयल डाल कर उस में लहसुन डाल कर उसे सुनहरा होने तक चलाएं. अब इस में प्याज व शिमलामिर्च डाल कर चलाते हुए उस में साल्ट पैपर सीजनिंग व चिली गार्लिक पेस्ट डाल कर मिलाएं. फिर इस में हलके से पानी का छींटा मार कर सब्जियों को पकाएं. जब सब्जियों में क्रंच आ जाए, तब इस में पनीर डाल कर चलाएं. हौट डौग फिलिंग तैयार है. अब इसे ठंडा होने दें.

विधि

हौट डौग बन को काट कर बीच में मस्टर्ड सौस लगाएं. अब इस में पनीर फिलिंग भरें. इस के बाद पनीर स्टफ्ड हौट डौग पर मेयोनीज डालें. आखिर में धनियापत्ती से गार्निश कर के टोमैटो कैचअप के साथ सर्व करें.

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Monsoon Special: मौनसून का मजा लेना है तो इन 5 जगह जाना न भूलें

अगर हम बात करे मौनसून में घूमने की तो इसका अपना अलग ही मजा है. हम तो कहेंगे की आप भी इस मानसून इससे चूकिए नहीं. बैगपैक करिये और बारिश का मजा नए अंदाज में उठाइये. हम आपको कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपके मौनसून ट्रेवल को खास बना देंगे.

1. दूधसागर

मौनसून में लोग अक्सर गोवा को औफ सीजन बोलते हैं. पर आप मौनसून में ही गोवा का लुत्फ लेने जरूर जाएं. लोगों से भरे बीचों की जगह आप बारिश की फुहारों और ठंडी हवाओं के साथ साउथ गोवा और कर्नाटक बौर्डर पर दूधसागर झरने का आनंद लें. ये वही झरना है जो फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस में भी नजर आया था. जिसके उपर रेलवे ट्रैक था. इस लोकेशन को लोगों ने बहुत सराहा था. घने जंगलों से घिरे दूधसागर को देखने के लिए जून से सितंबर के बीच काफी संख्या में लोग आते हैं. इस झरने को दूर से देखने पर पहाड़ों से दूध का सागर बहता नजर आता है.

2. लोनावला                

लोनावला के पहाड़ों और घाटियों की खूबसूरती देखने के लिए मौनसून से बेहतर कोई मौसम नहीं होता है. इसे इंडिया का स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है. मौनसून के दौरान यहां प्रकृति को बहुत पास से देखा जा सकता है. और हां अगर आप यहा जा रहे हैं तो लोनावला के टाइगर प्वाइंट पर भाजी खाना ना भूलें. यह आपके सफर को रोमांचक बना देगा.

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3. उदयपुर

पहाड़ों पर जाने का मन हो तो उदयपुर घूम आइये. मौनसून के दिनों में उदयपुर की खूबसूरती बढ़ जाती है. उदयपुर में आपको रंगीन राजस्थान की खूबसूरत झलक देखने को मिलेगी. राजस्थानी कल्चर और यहां के महल आपकी सारी थकान और परेशानी को दूर कर देंगे. ऊपर से बारिश की गिरती बूंदे आपको दीवाना बना देंगी.

4. आगरा

मानसून के मौसम को रोमांटिक मौसम भी कह सकते हैं. इस मौसम में रोमांटिक फीलिंग भी बढ़ने लगती है. तो फिर आप प्यार की निशानी कहे जाने वाले शहर आगरा घूम आइये. दिल्ली के पास सटे आगरा शहर में देश के सात अजूबों में से एक ताजमहल देख आइये. ताजमहल के अलावा भी यहां कई किले और महल हैं, जो विदेशी पर्यटकों को आगरा आने पर मजबूर करती हैं.

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5. पुडुचेरी

पुडुचेरी में वैसे तो बिन मौसम भी बरसात होती ही रहती है. लेकिन मौनसून की बारिश एक अलग ही मजा देती है. पुडुचेरी देश के टौप पर्यटन स्थल की लिस्ट में सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला स्थान है. मौनसून के मौसम में पुडुचेरी की सैर एक अनोखा और यादगार पल होगा.

कभी नहीं- भाग 1 : क्या गायत्री को समझ आई मां की असलियत

‘‘पहली नजर से जीवनभर जुड़ने के नातों पर विश्वास है तुम्हें?’’ सूखे पत्तों को पैरों के नीचे कुचलते हुए रवि ने पूछा.

कड़ककड़क कर पत्तों का टूटना देर तक विचित्र सा लगता रहा गायत्री को. बड़ीबड़ी नीली आंखें उठा कर उस ने भावी पति को देखा, ‘‘क्या तुम्हें विश्वास है?’’

गायत्री ने सोचा, उस के प्रेम में आकंठ डूब चुका युवा प्रेमी कहेगा, ‘है क्यों नहीं, तभी तो संसार की इतनी लंबीचौड़ी भीड़ में बस तुम मिलते ही इतनी अच्छी लगीं कि तुम्हारे बिना जीवन की कल्पना ही शून्य हो गई.’ चेहरे पर गुलाबी रंगत लिए वह कितना कुछ सोचती रही उत्तर की प्रतीक्षा में, परंतु जवाब न मिला.तनिक चौंकी गायत्री, चुप रवि असामान्य सा लगा उसे. सारी चुहलबाजी कहीं खो सी गई थी जैसे. हमेशा मस्त बना रहने वाला ऐसा चिंतित सा लगने लगा मानो पूरे संसार की पीड़ा उसी के मन में आ समाई हो.

उसे अपलक निहारने लगा. एकबारगी तो गायत्री शरमा गई. मन था, जो बारबार वही शब्द सुनना चाह रहा था. सोचने लगी, ‘इतनी मीठीमीठी बातों के लिए क्या रवि का तनाव उपयुक्त है? कहीं कुछ और बात तो नहीं?’ वह जानती थी रवि अपनी मां से बेहद प्यार करता है. उसी के शब्दों में, ‘उस की मां ही आज तक उस का आदर्श और सब से घनिष्ठ मित्र रही हैं. उस के उजले चरित्र के निर्माण की एकएक सीढ़ी में उस की मां का साथ रहा है.’एकाएक उस का हाथ पकड़ लिया गायत्री ने रोक कर वहीं बैठने का आग्रह किया. फिर बोली, ‘‘क्या मां अभी तक वापस नहीं आईं जो मुझ से ऐसा प्रश्न पूछ रहे हो? क्या बात है?’’

रवि उस का कहना मान वहीं सूखी घास पर बैठ गया. ऐसा लगा मानो अभी रो पड़ेगा. अपनी मां के वियोग में वह अकसर इसी तरह अवश हो जाया करता है, वह इस सत्य से अपरिचित नहीं थी.

‘‘क्या मां वापस नहीं आईं?’’ उस ने फिर पूछा.

रवि चुप रहा.‘‘कब तक मां की गोद से ही चिपके रहोगे? अच्छीखासी नौकरी करने लगे हो. कल को किसी और शहर में स्थानांतरण हो गया तब क्या करोगे? क्या मां को भी साथसाथ घसीटते फिरोगे? तुम्हारे छोटे भाईबहन दोनों की जिम्मेदारी है उन पर. तुम क्या चाहते हो, पूरी की पूरी मां बस तुम्हारी ही हों? तुम्हारे पिता और उन दोनों का भी तो अधिकार है उन पर. रवि, क्या हो गया है तुम्हें?’’

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‘‘ऐसा लगता है, मेरा कुछ खो गया है. जी ही नहीं लगता गायत्री.  पता नहीं, मन में क्याक्या होता रहता है.’’

‘‘तो जा कर मां को ले आओ न. उन्हें भी तो पता है, तुम उन के बिना बीमार हो जाते हो. इतने दिन फिर वे क्यों रुक गईं?’’ अनायास हंस पड़ी गायत्री. धीरे से रवि का हाथ अपने हाथ में ले कर सहलाने लगी, ‘‘शादी के बाद क्या करोगे? तब मेरे हिस्से का प्यार क्या मुझे मिल पाएगा? अगर मुझे ही तुम्हारी मां से जलन होने लगी तो? हर चीज की एक सीमा होती है. अधिक मीठा भी कड़वा लगने लगता है, पता है तुम्हें?’’

रवि गायत्री की बड़ीबड़ी नीली आंखों को एकटक निहारने लगा.

‘‘मां तो वे तुम्हारी हैं ही, उन से तुम्हारा स्नेह भी स्वाभाविक ही है लेकिन वक्त के साथसाथ उस स्नेह में परिपक्वता आनी चाहिए. बच्चों की तरह मां का आंचल अभी तक पकड़े रहना अच्छा नहीं लगता. अपनेआप को बदलो.’’

‘‘मैं अब चलूं?’’ एकाएक वह उठ खड़ा हुआ और बोला, ‘‘कल मिलोगी न?’’

‘‘आज की तरह गरदन लटकाए ही मिलना है तो रहने दो. जब सचमुच मिलना चाहो, तभी मिलना वरना इस तरह मिलने का क्या अर्थ?’’ एकाएक गायत्री खीज उठी. वह कड़वा कुछ भी कहना तो नहीं चाहती थी पर व्याकुल प्रेमी की जगह उसे व्याकुल पुत्र तो नहीं चाहिए था न. हर नाते, हर रिश्ते की अपनीअपनी सीमा, अपनीअपनी मांग होती है.

‘‘नाराज क्यों हो रही हो, गायत्री? मेरी परेशानी तुम क्या समझो, अब मैं तुम्हें कैसे समझाऊं?’’

‘‘क्या समझाना है मुझे, जरा बताओ? मेरी तो समझ से भी बाहर है तुम्हारा यह बचपना. सुनो, अब तभी मिलना जब मां आ जाएं. इस तरह 2 हिस्सों में बंट कर मेरे पास मत आना.’’गायत्री ने विदा ले ली. वह सोचने लगी, ‘रवि कैसा विचित्र सा हो गया है कुछ ही दिनों में. कहां उस से मिलने को हर पल व्याकुल रहता था. उस की आंखों में खो सा जाता था.’   भविष्य के सलोने सपनों में खोए भावी पति की जगह एक नादान बालक को वह कैसे सह सकती थी भला. उस की खीज और आक्रोश स्वाभाविक ही था. 2 दिन वह जानबूझ कर रवि से बचती रही. बारबार उस का फोन आता पर किसी न किसी तरह टालती रही. चाहती थी, इतना व्याकुल हो जाए कि स्वयं उस के घर चल कर आ जाए. तीसरे दिन सुबहसुबह द्वार पर रवि की मां को देख कर गायत्री हैरान रह गई. पूरा परिवार समधिन की आवभगत में जुट गया.

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‘‘तुम से अकेले में कुछ बात करनी है,’’ उस के कमरे में आ कर धीरे से मां बोलीं तो कुछ संशय सा हुआ गायत्री को.

‘‘इतने दिन से रवि घर ही नहीं आया बेटी. मैं कल रात लौटी तो पता चला. क्या वह तुम से मिला था?’’ ‘‘जी?’’ वह अवाक् रह गई, ‘‘2 दिन पहले मिले थे. तब उदास थे आप की वजह से.’’

‘‘मेरी वजह से उसे क्या उदासी थी? अगर उसे पता चल गया कि मैं उस की सौतेली मां हूं तो इस में मेरा क्या कुसूर है. लेकिन इस से क्या फर्क पड़ता है?

‘‘वह मेरा बच्चा है. इस में संशय कैसा? मैं ने उसे अपने बच्चों से बढ़ कर समझा है. मैं उस की मां नहीं तो क्या हुआ, पाला तो मां बन कर है न?’’ ऐसा लगा, जैसे बहुत विशाल भवन भरभरा कर गिर गया हो. न जाने मां कितना कुछ कहती रहीं और रोती रहीं, सारी कथा गायत्री ने समझ ली. कांच की तरह सारी कहानी कानों में चुभने लगी. इस का मतलब है कि इसी वजह से परेशान था रवि और वह कुछ और ही समझ कर भाषणबाजी करती रही.

‘‘उसे समझा कर घर ले आ, बेटी. सूना घर उस के बिना काटने को दौड़ता है मुझे. उसे समझाना,’’ मां आंसू पोंछते हुए बोलीं.

‘‘जी,’’ रो पड़ी गायत्री स्वयं भी, सोचने लगी, कहां खोजेगी उसे अब? बेचारा बारबार बुलाता रहा. शायद इस सत्य की पीड़ा को उसे सुना कर कम करना चाहता होगा और वह अपनी ही जिद में उसे अनसुना करती रही.

मां आगे बोलीं, ‘‘मैं ने उसे जन्म नहीं दिया तो क्या मैं उस की मां नहीं हूं? 2 महीने का था तब, रातों को जागजाग कर उसे सुलाती रही हूं. कम मेहनत तो नहीं की. अब क्या वह घर ही छोड़ देगा? मैं इतनी बुरी हो गई?’’

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‘‘वे आप से बहुत प्यार करते हैं मांजी. उन्हें यह बताया ही किस ने? क्या जरूरत थी यह सच कहने की?’’

‘‘पुरानी तसवीरें सामने पड़ गईं बेटी. पिता के साथ अपनी मां की तसवीरें दिखीं तो उस ने पिता से पूछ लिया, ‘आप के साथ यह औरत कौन है?’ वे बात संभाल नहीं पाए, झट से बोल पड़े, ‘तुम्हारी मां हैं.’

‘‘बहुत रोया तब. ये बता रहे थे. बारबार यही कहता रहा, ‘आप ने बताया क्यों? यही कह देते कि आप की पहली पत्नी थी. यह क्यों कहा कि मेरी मां भी थी.’

‘‘अब जो हो गया सो हो गया बेटी, इस तरह घर क्यों छोड़ दिया उस ने? जरा सोचो, पूछो उस से?’’

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7 Tips: कहीं यह वजह इमोशनल Immaturity तो नहीं

रिश्ता कोई भी हो, जब तक उसमें इमोशनली मेच्योरिटी नहीं होगी तब तक रिश्ते का लम्बे समय तक टिक पाना मुश्किल होता है. ऐसे कई रिश्ते होते हैं, जो कुछ महीने में ही खत्म हो जाते हैं. रिश्ते में इमोशनली मेच्योरिटी काफी महत्व रखती है, जो बाद में घर बसाने के साथ प्रतिबद्धता को अच्छे से समझ सके. रिश्ते का आधार विश्वास होता है इस बारे में आपने सुना ही होगा. लेकिन रिश्ते में जो सबसे महत्वपूर्ण बात होती है, उसे हम सब अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं और वो है इमोशनली मेच्योरिटी. जो लम्बे और मजबूत रिश्ते के लिए बेहद जरूरी है. अगर आपको भी लगता है कि आपके और आपके पार्टनर के बीच में इमोशनली मेच्योरिटी नहीं है तो ये लेख आपके बहुत काम आने वाला है.

1. कहीं आपको भी तो नहीं होती जलन-

जब भी आपका पार्टनर किसी हॉट लड़की या लड़के से बात करता है तो आपके मन में जलन होना जायज है. लेकिन असल मायनों में जलन की भावना तब पनपती है, जब आपका पार्टनर आपसे ज्यादा दूसरों को प्राथमिकता देता है और आपसे ज्यादा अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ समय बिताता है.

2. अगर मतभेद ज्यादा है-

हर पार्टनर में लड़ाई झगड़े होने आम बात है. हर रिश्ते में कभी न कभी उतार चढ़ाव आता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप आपसी मतभेद को पनपने दें. अगर आपका पार्टनर अपनी गलती के लिए आपसे माफ़ी मांगता है तो सब कुछ भुलाकर आगे बढ़ें और गिले शिकवे भुला दें. अगर आप मतभेद रखेंगे तो इससे आपका रिश्ता बर्बाद हो जाएगा.

3. अगर नहीं मांगते माफ़ी

अगर आपको अपनी गलती का एहसास नहीं है और आप माफ़ी भी नहीं मांगना चाहतीं तो ये रिश्ते में सबसे बड़ी इमोशनली इमेच्योरिटी होती है. अगर आपको लगता है कि माफ़ी ना मांगने से रिश्ता मजबूत होगा तो आप गलत हैं. इससे रिश्ता खराब होगा.

4. अगर नहीं है पेशेंस-

रिश्ता कोई भी हो उसमें पेशेंस यानि की धैर्य बनाए रखने की भी जरूरत होती है. अपने रिश्ते की हर छोटी बात पर बेचैन होना इस बात को दर्शाता है कि, आप उस रिश्ते के लिए बिलकुल भी तैयार नहीं हैं. आप इस बात का ख्याल रखें कि जितना आप चीजों को लेकर पेशेंस रखेंगी आपका रिश्ता उतना ही अच्छा रहेगा. क्योंकि हर रिश्ते को समझने और उसे निभाने के लिए खुद को तैयार रखने में समय लगता है.

5. पार्टनर को करें बदलने की कोशिश-

अपने पार्टनर की पर्सनैलिटी को बदलना आसान नहीं है और ये मेच्योरिटी भी नहीं है. क्योंकि उनकी इसी पर्सनैलिटी की वजह से ही आप उनके साथ रिश्ते में बंधे हैं. आप बात करने का तरीका जरुर बदल सकते हैं. लेकिन उन्हें बदलने की कोशिश न करें.

6. अगर आप सेल्फिश हैं-

आप जब भी किसी से प्यार के रिश्ते में बंधते हैं जो आप अपने पार्टनर की जरूरतों को लेकर कभी कोई ओब्जेक्शन नहीं करते. लेकिन रिश्ते में अपरिपक्वता तब दिखती है जब आप उनकी जरूरतों से पहले खुद की जरूरतों को ऊपर रखते हैं. आप सेल्फिश होने से पीछे नहीं हटते. आप का रिश्ता इस मुकाम में आकर खराब हो सकता है. बेहतर होगा कि, आप अपनी जरूरतों से पहले उनके बारे में भी सोचें.

7. अगर नहीं करते भविष्य की बात-

आपका रिश्ता कैसा चल रह है, सिर्फ इतना ही काफी नहीं है. आपका रिश्ता किस तरफ जा रहा है आपको इसका अंदाजा भी होना चाहिए. जब आप ही अपने रिश्ते को लेकर गम्भीर नहीं होंगे तो आपके पार्टनर से भी गम्भीर होने की उम्मीद ना करें. ऐसे में आपको अपने भावनात्मक अपरिपक्व बिहेवियर पर कंट्रोल करने की जरूरत है.

अगर आप भी अपने रिश्ते में कुछ ऐसे संकेतों को देखते हैं तो आपके रिश्ते में बिलकुल भी इमोशनली मेच्योरिटी नहीं है. आप कोशिश करें कि इसे कम करें, क्योंकि इमोशनल मेच्योरिटी किसी भी रिश्ते का आधार होती है.

दुल्हन को शादी के जोड़े में देख रोने लगे थे ‘पांड्या स्टोर’ फेम एक्टर, पढ़ें खबर

स्टार प्लस का टीवी सीरियल ‘पांड्या स्टोर’ (Pandya Store) फैंस के दिल में जगह बना रहा है. वहीं सीरियल के सितारे भी इसके लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. इसी बीच  ‘पांड्या स्टोर’ (Pandya Store) एक्टर अक्षय खरोड़िया (Akshay Kharodia) की शादी की फोटोज सोशलमीडिया पर वायरल हो रही हैं. वहीं इस शादी से जुड़े कुछ किस्से भी फैंस को पसंद आ रहे हैं. आइए आपको दिखाते हैं एक्टर अक्षय खरोड़िया की शादी की फोटोज…

 देहरादून में हुई शादी

टीवी शो ‘पांड्या स्टोर’ (Pandya Store) में नजर आ रहे ऐक्टर अक्षय खरोड़िया (Akshay Kharodia ties knot) ने गर्लफ्रेंड दिव्या पुनेठा (Divya Punetha) से 19 जून को देहरादून में शादी की है. हालांकि कोरोना के कारण शादी में केवल 10 परिवार के लोग ही शामिल हुए. वहीं फैंस ने एक्टर को बधाई देने के लिए सोशलमीडिया पर कई फोटोज और वीडियो का कोलाज बनाकर फोटोज वायरल कर दी.

 

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दुल्हन को शादी के जोड़े में देखकर इमोशनल हुए एक्टर

 

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शादी की वायरल फोटोज के बीच एक इंटरव्यू में अक्षय खरोड़िया ने अपनी शादी के बारे में बताया कि अपने प्यार दिव्या को दुलहन के जोड़े में देखकर वह इमोशनल हो गए थे. वहीं शादी की बात करते हुए एक्टर ने बताया कि ‘शादी मेरी उम्मीदों से भी कहीं ज्यादा अच्छी तरह से हुई. मेरी और दिव्या की फैमिली ने खूब इंजॉय किया. हालांकि शादी में सिर्फ 10 ही लोग मौजूद थे, जिनमें 5 मेरी तरफ से और 5 दिव्या की तरफ से थे.

शादी के लिए किया ये काम

 

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कोरोना में शादी को लेकर अक्षय खरोड़िया ने बताया कि उन्होंने और दिव्या ने अपनी शादी में कुछ अलग और हटकर किया. दरअसल, अक्षय ने अपनी शादी के वचन खुद लिखे और एक-दूसरे से निभाने का वादा किया. वहीं शूटिंग से वक्त निकालने वाले एक्टर अक्षय ने बताया कि उन्हें शादी के लिए सिर्फ 7 दिनों की छुट्टी मिली है और शादी के तुरंत बाद ही वह अपने शो ‘पांड्या स्टोर’ की शूटिंग में बिजी हो जाएंगे. इसलिए उन्होंने अभी हनीमून का भी कोई प्लान नहीं बनाया है.

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बता दें, पांड्या स्टोर में देव के रोल में नजर आ रहे एक्टर अक्षय खरोड़िया की रील लाइफ में भी शादी हो चुकी है, जिसके चलते सीरियल में नए-नए ट्विस्ट देखने को मिल रहे हैं.

एक नन्ही परी- भाग 1 : क्यों विनीता ने दिया जज के पद से इस्तीफा

लेखिका- रेखा

विनीता कठघरे में खड़े राम नरेश को गौर से देख रही थीं पर उन्हें याद नहीं आ रहा था कि इसे कहां देखा है. साफ रंग, बाल खिचड़ी और भोले चेहरे पर उम्र की थकान थी. साथ ही, चेहरे पर उदासी की लकीरें थीं. वह उन के चैंबर में अपराधी की हैसियत से खड़ा था. वह आत्मविश्वासविहीन था. लग रहा था जैसे उसे दुनिया से कोई मतलब ही नहीं. वह जैसे अपना बचाव करना ही नहीं चाहता था. कंधे झुके थे. शरीर कमजोर था. वह एक गरीब और निरीह व्यक्ति था. लगता था जैसे बिना सुने और समझे हर गुनाह कुबूल कर रहा था. ऐसा अपराधी उन्होंने आज तक नहीं देखा था. उस की पथराई आखों में अजीब सा सूनापन था, जैसे वे निर्जीव हों.

लगता था वह जानबूझ कर मौत की ओर कदम बढ़ा रहा था. जज साहिबा को लग रहा था, यह इंसान इतना निरीह है कि यह किसी का कातिल नहीं हो सकता. क्या इसे किसी ने झूठे केस में फंसा दिया है या पैसों के लालच में झूठी गवाही दे रहा है? नीचे के कोर्ट से उसे फांसी की सजा सुनाई गई थी. आखिरी अपील के समय अभियुक्त के शहर का नाम देख कर उन्होंने उसे बुलवा लिया था और चैंबर में बात कर जानना चाहा था कि वह है कौन.

विनीता ने जज बनने के समय मन ही मन निर्णय किया था कि कभी किसी निर्दोष या लाचार को सजा नहीं होने देंगी. झूठी गवाही से उन्हें सख्त नफरत थी. अगर राम नरेश का व्यवहार ऐसा न होता तो शायद जज साहिबा ने उस पर ध्यान भी न दिया होता. दिनभर में न जाने कितने केस निबटाने होते हैं. ढेरों जजों, अपराधियों, गवाहों और वकीलों की भीड़ में उन का समय कटता था. पर ऐसा दयनीय कातिल नहीं देखा था. कातिलों की आंखों में दिखने वाला पश्चाताप या आक्रोश कुछ भी तो नजर नहीं आ रहा था. विनीता अतीत को टटोलने लगीं. आखिर कौन है यह? कुछ याद नहीं आ रहा था.

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विनीता शहर की जानीमानी सम्माननीय हस्ती थीं. गोरा रंग, छोटी पर सुडौल नासिका, ऊंचा कद, बड़ीबड़ी आंखें और आत्मविश्वास से भरे व्यक्तित्व वाली विनीता अपने सही और निर्भीक फैसलों के लिए जानी जाती थीं. उम्र के साथ सफेद होते बालों ने उन्हें और प्रभावशाली बना दिया था. उन की चमकदार आंखें एक नजर में ही अपराधी को पहचान जाती थीं. उन के न्यायप्रिय फैसलों की चर्चा होती रहती थी.

पुरुषों के एकछत्र कोर्ट में अपना कैरियर बनाने में उन्हें बहुत तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा था. सब से पहला युद्ध तो उन्हें अपने परिवार से लड़ना पड़ा था. विनीता के जेहन में बरसों पुरानी बातें याद आने लगीं…

घर में सभी प्यार से उसे विनी बुलाते थे. उस की वकालत करने की बात सुन कर घर में तो भूचाल आ गया. मां और बाबूजी से नाराजगी की उम्मीद थी, पर उसे अपने बड़े भाई की नाराजगी अजीब लगी. उन्हें पूरी आशा थी कि महिलाओं के हितों की बड़ीबड़ी बातें करने वाले भैया तो उस का साथ जरूर देंगे. पर उन्होंने ही सब से ज्यादा हंगामा मचाया था.

तब विनी को हैरानी हुई जब उम्र से लड़ती बूढ़ी दादी ने उस का साथ दिया. दादी उसे बड़े प्यार से ‘नन्ही परी’ बुलाती थीं. विनी रात में दादी के पास ही सोती थी. अकसर दादी कहानियां सुनाती थीं. उस रात दादी ने कहानी तो नहीं सुनाई पर गुरुमंत्र जरूर दिया. दादी ने रात के अंधेरे में विनी के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा, ‘मेरी नन्ही परी, तू शिवाजी की तरह गरम भोजन बीच थाल से खाने की कोशिश कर रही है. जब भोजन बहुत गरम हो तो किनारे से फूंकफूंक कर खाना चाहिए. तू सभी को पहले अपनी एलएलबी की पढ़ाई के लिए राजी कर, न कि अपनी वकालत के लिए. मैं कामना करती हूं, तेरी इच्छा जरूर पूरी हो.’

विनी ने लाड़ से दादी के गले में बांहें डाल दीं. फिर उस ने दादी से पूछा, ‘दादी, तुम इतनी मौडर्न कैसे हो गईं?’

दादी रोज सोते समय अपने नकली दांतों को पानी के कटोरे में रख देती थीं. तब उन के गाल बिलकुल पिचक जाते थे और चेहरा झुर्रियों से भर जाता था. विनी ने देखा दादी की झुर्रियों भरे चेहरे पर विषाद की रेखाएं उभर आईं और वे बोल पड़ीं, ‘बिटिया, औरतों के साथ बड़ा अन्याय होता है. तू उन के साथ न्याय करेगी, यह मुझे पता है. जज बन कर तेरे हाथों में परियों वाली जादू की छड़ी भी तो आ जाएगी न.’

अपनी अनपढ़ दादी की ज्ञानभरी बातें सुन कर विनी हैरान थी. दादी के दिए गुरुमंत्र पर अमल करते हुए विनी ने वकालत की पढ़ाई पूरी कर ली. तब उसे लगा, अब तो मंजिल करीब है. पर तभी न जाने कहां से एक नई मुसीबत सामने आ गई. बाबूजी के पुराने मित्र शरण काका ने आ कर खबर दी. उन के किसी रिश्तेदार का पुत्र शहर में ऊंचे पद पर तबादला हो कर आया है. क्वार्टर मिलने तक उन के पास ही रह रहा है. होनहार लड़का है. परिवार भी अच्छा है. विनी के विवाह के लिए बड़ा उपयुक्त वर है. उस ने विनी को शरण काका के घर आतेजाते देखा है. बातों से लगता है कि विनी उसे पसंद है. उस के मातापिता भी कुछ दिनों के लिए आने वाले हैं.

शरण काका रोज सुबह एक हाथ में छड़ी और दूसरे हाथ में धोती थाम कर टहलने निकलते थे. अकसर टहलना पूरा कर उस के घर आ जाते थे. सुबह की चाय के समय उन का आना विनी को हमेशा बड़ा अच्छा लगता था. वे दुनियाभर की कहानियां सुनाते. बहुत सी समझदारी की बातें समझाते. पर आज विनी को उन का आना अखर गया. पढ़ाई पूरी हुई नहीं कि शादी की बात छेड़ दी. विनी की आंखें भर आईं. तभी शरण काका ने उसे पुकारा, ‘बिटिया, मेरे साथ मेरे घर तक चल. जरा यह तिलकुट का पैकेट घर तक पहुंचा दे. हाथों में बड़ा दर्द रहता है. तेरी मां का दिया यह पैकेट उठाना भी भारी लग रहा है.’

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बरसों पहले भाईदूज के दिन मां को उदास देख कर उन्होंने बाबूजी से पूछा था. भाई न होने का गम मां को ही नहीं, बल्कि नानानानी को भी था. विनी अकसर सोचती थी कि क्या एक बेटा होना इतना जरूरी है? उस भाईदूज से ही शरण काका ने मां को मुंहबोली बहन बना लिया था. मां भी बहन के रिश्ते को निभातीं, हर तीजत्योहार में उन्हें कुछ न कुछ भेजती रहती थीं. आज का तिलकुट मकर संक्रांति का एडवांस उपहार था. अकसर काका कहते, ‘विनी की शादी में मामा का फर्ज तो मुझे ही निभाना है.’

शरण काका और काकी अपनी इकलौती काजल की शादी के बाद जब भी अकेलापन महसूस करते, तब उसे बुला लेते थे. अकसर वे अम्माबाबूजी से कहते, ‘काजल और विनी दोनों मेरी बेटियां हैं.’

शरण काका भी अजीब हैं. लोग बेटी के नाम से घबराते हैं और काका का दिल ऐसा है कि दूसरे की बेटी को भी अपना मानते हैं.

काजल दीदी की शादी के समय विनी अपनी परीक्षा में व्यस्त थी. काकी उस के परीक्षा विभाग को रोज कोसती रहतीं. हलदी की रस्म के एक दिन पहले तक उस की परीक्षा थी. काकी कहती रहती थीं, ‘विनी को फुरसत होती तो मेरा सारा काम संभाल लेती. ये कालेज वाले परीक्षा लेले कर लड़की की जान ले लेंगे,’ शांत और मृदुभाषी विनी उन की लाड़ली थी.’

आखिरी पेपर दे कर विनी जल्दीजल्दी काजल दीदी के पास जा पहुंची. उसे देखते काकी की तो जैसे जान में जान आ गई. काजल के सभी कामों की जिम्मेदारी उसे सौंप कर काकी को बड़ी राहत महसूस हो रही थी. उन्होंने विनी के घर फोन कर ऐलान कर दिया कि विनी अब काजल की विदाई के बाद ही घर वापस जाएगी.

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और वे जुदा हो गए

माइक्रोसौफ्ट के कोफाउंडर और दुनिया की सब से अमीर शख्सियतों में शुमार बिल गेट्स ने हाल ही में अपनी पत्नी मेलिंडा गेट्स से अलग होने का फैसला ले कर सब को अचरज में डाल दिया. अपनी शादी के करीब 27 सालों के बाद अलग होने के फैसले की जानकारी ट्विटर पर देते हुए उन्होंने एक बयान जारी किया.

उन्होंने लिखा, ‘‘काफी सोचनेसम झने और अपने रिश्ते पर काम करने के बाद हम ने अपनी शादी को खत्म करने का फैसला लिया है. हम नया जीवन शुरू करने जा रहे हैं इसलिए लोगों से हमारे परिवार के लिए स्पेस और प्राइवेसी बनाए रखने की उम्मीद है.’’

जीवन के करीब 3 दशक साथ निभाने के बाद कपल द्वारा लिए गए इस फैसले ने कई लोगों को चौंका दिया है. बिल और मेलिंडा को हमेशा एक सौलिड कपल के रूप में देखा जाता था. उन की शादीशुदा जिंदगी से कितने ही जोड़े प्रेरणा लिया करते थे. उन की खूबसूरत शादीशुदा जिंदगी के सफर में ऐसा मोड़ भी आएगा यह कल्पना किसी ने भी नहीं की थी.

नंबर वन का खिताब

28 अक्तूबर, 1955 में सिएटल में जन्मे बिल गेट्स का पूरा नाम विलियम हेनरी गेट्स है. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान पौल जी. एलन के साथ दोस्ती हुई और दोनों के विचारों ने ‘माइक्रोसौफ्ट’ को जन्म दिया. 1990 के दशक में ‘माइक्रोसौफ्ट’ ने दुनियाभर में पीसी इंडस्ट्री में नंबर वन का खिताब हासिल किया.

1987 में काम के सिलसिले में बिल गेट्स और मेलिंडा पहली बार मिले. उस वक्त मेलिंडा के बहुत से बौयफ्रैंड थे. एक दिन अचानक ही मजाक में बिल ने मिरांडा को ‘आई लव यू’ कह दिया. धीरेधीरे नजदीकियां बढ़ती गई. आखिर 1994 में दोनों ने शादी कर ली. उस वक्त बिल 38 साल के थे और मेलिंडा की उम्र 29 साल की. उन के 3 बच्चे हुए. 1996 में बेटी जेनिफर, 1999 में बेटा रोरी और 2002 में बेटी फोएब का जन्म हुआ. बेटे को जन्म देने के 9 साल बाद मेलिंडा ने माइक्रोसौफ्ट में काम करना बंद कर दिया था.

प्रोफैशनल और मैरिड लाइफ के साथसाथ बिल गेट्स और मेलिंडा ने समाज के लिए भी बहुत कुछ किया. लोगों के स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास में अपना योगदान देने के लिए 1994 में दोनों ने मिल कर ‘बिल ऐंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन’ की स्थापना की. जून, 2008 में गेट्स माइक्रोसौफ्ट से अलग हो गए और पूरा वक्त इस फाउंडेशन को देने लगे. कोरोनाकाल में भी उन्होंने समाज के लिए काफी कुछ किया.

सबसे अमीर शख्स

बिल गेट्स पूर्व में दुनिया के सब से अमीर शख्स रह चुके हैं और उन की संपत्ति 124 अरब डौलर यानी करीब 10.87 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक होने का अनुमान है. डेढ़ एकड़ के उन के बंगले में 7 बैडरूम, जिम, स्विमिंग पूल, थिएटर आदि हैं.

कुछ महीने पहले जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार बिल गेट्स की हर सैकंड की कमाई  12 हजार, 54 रुपए है यानी 1 दिन की कमाई 102 करोड़ रुपए है. इस के अनुसार अगर वे रोज साढ़े 6 करोड़ रुपए खर्च करें तो पूरे रुपए खर्च करने में उन्हें 218 साल लग जाएंगे.

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फिलहाल मेलिंडा की दौलत तलाक के बाद 2 अरब डौलर से ज्यादा बढ़ गई है. मेलिंडा गेट्स अभी तक बिल गेट्स के साथ कंबाइंड नैटवर्थ में अरबपति थीं, लेकिन अब अकेले उन के पास 2 अरब डौलर से ज्यादा की संपत्ति है. बिल गेट्स द्वारा क्रिएट की गई कंपनी ‘कैस्केड इन्वैस्टमैंट’ ने मैक्सिको की सब से बड़ी कंपनियों में से 2 में, शेयरों को मैलिंडा को ट्रांसफर किया है.

हालांकि अब तक दोनों ने स्पष्ट तौर पर तलाक की वजहों को उजागर नहीं किया है. मगर खबरों के मुताबिक बिल गेट्स की ऐक्स गर्लफ्रैंड उन की पत्नी मेलिंडा के साथ तलाक की मुख्य वजह बताई जा रही है. ऐसा माना जा रहा है कि बिल गेट्स ने अपनी ऐक्स गर्लफ्रैंड की वजह से मेलिंडा से रिश्ता तोड़ा है.

कब आया सुर्खियों में

बिल गेट्स ने ऐक्स गर्लफ्रैंड एन विनब्लैड को ले कर काफी पहले ही मेलिंडा से एक सम झौता किया था, जिस के मुताबिक उन्हें हर साल अपनी ऐक्स गर्लफ्रैंड एन विनब्लैड के साथ एक वीकैंड मनाने की मंजूरी मिली हुई थी. यही नहीं मेलिंडा से शादी करने से पहले बिल गेट्स ने दोनों से इस की इजाजत ली थी.

इस का जिक्र बिल गेट्स ने 1997 में  टाइम मैगजीन को दिए एक इंटरव्यू में किया था. अलगअलग शहर में रहने की वजह से बिल  और विनब्लैड की मुलाकात वर्चुअल हुआ  करती थी. वे दोनों वर्चुअल डेट भी अरैंज किया करते थे.

कुछ ऐसा ही एक और हाई प्रोफाइल तलाक हाल ही में सुर्खियों में आया था. जनवरी, 2019 में अमेजन के संस्थापक, सीईओ और दुनिया के सब से धनी व्यक्ति जेफ बेजोस और उन की पत्नी मैकेंजी बेजोस ने भी शादी के 25 साल बाद तलाक ले लिया था. कपल ने ट्विटर पर इस की जानकारी दी थी.

54 साल के जेफ बेजोस और उन की पत्नी ने ट्विटर पर लिखा था, ‘‘हम अपने जीवन में होने वाले बदलाव के बारे में लोगों को बताना चाहते हैं. हमारा परिवार और हमारे घनिष्ठ मित्र जानते हैं, एक लंबे ट्रायल के बाद हम ने तलाक का फैसला लिया है. हालांकि हम अपनी जिंदगी में दोस्त बने रहेंगे. हम ने शानदार जिंदगी जी और हम अपने उज्ज्वल भविष्य को ले कर आशान्वित हैं. आगे भी हम एक परिवार और दोस्त की तरह रहेंगे.’’

मैकेंजी बेजोस अमेजन की पहली कर्मचारी थी. जेफ और मैकेंजी की मुलाकात डी.ई शो  में हुई थी. यह मुलाकात अमेजन की स्थापना  से पहले हुई थी. शादी के अगले साल यानी  1994 में जेफ बेजोस ने अमेजन की शुरुआत  की. अमेजन के पहले कौंट्रैक्ट के लिए मैकेंजी ने ही डील की थी.

गैराज से शुरू हुई अमेजन आज दुनिया की टौप 3 कंपनियों में शामिल है. जून, 2018 में जेफ बेजोस के दुनिया के सब से धनी व्यक्ति बनने की खबर आई थी. उस समय उन की संपत्ति 141.9 अरब डौलर थी.

तलाक की वजह

जेफ बेजोस पूर्व टीवी ऐंकर लौरेन सांचेज  के साथ रिश्ते में थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक लौरेन को लिखा गया उन का एक खत इस तलाक की वजह थी, जिस में जेफ ने लिखा था कि मैं तुम  को महसूस करना चाहता हूं, मैं तुम्हें अपनी धड़कन बनाना चाहता हूं. मैं तुम से प्यार करता हूं… इसी के बाद मैकेंजी और बेजोस अलग  हो गए.

बाद में जेफ बेजोस ने पत्नी से सब  से महंगा तलाक लिया. मैकेंजी को 2.52 लाख करोड़ के शेयर मिले. इस प्रक्रिया के पूरा होने  के बाद मैकेंजी विश्व की चौथी सब से  अमीर महिला बन गई. मैकेंजी ने फिर से  विवाह कर लिया और वह अमेजन में  4% हिस्सेदारी (करीब 36 अरब डौलर से अधिक) मिलने के बाद समाजसेवा पर ध्यान केंद्रित कर रही है.

शादी के इतने सालों बाद क्यों होता है तलाक

सोचने वाली बात है कि जो पत्नी 2-3 साल पहले तक बिल गेट्स की पूरी दुनिया थी उसे ही अब खुद से अलग करने का फैसला कितना कठिन रहा होगा. मेलिंडा के लिए भी इतने रईस, हुनरमंद और ख्यातिलब्ध जीवनसाथी जिस के साथ ढाई दशक से ज्यादा समय गुजारा, जीवन की खुशियां और जिम्मेदारियां आपस में बांटीं, उसी से जीवन के आधे रास्ते में अलग हो जाने का फैसला लेना क्या सहज रहा होगा?

वैसे भी शादी के सालों बाद प्रौढ़ावस्था या वृद्धावस्था में तलाक होना ज्यादा दुखद है. शादी के 2-3 साल के अंदर तलाक की बात सम झ आती है. 2 लोग जब आपस में तालमेल नहीं बैठा पाते तो वे अलग होने का फैसला ले लेते हैं. मगर शादी के 25-30 साल बाद तलाक का मतलब है उन के बीच तालमेल अच्छी तरह बैठ चुका था.

इतने सालों में तो इंसान 2 शरीर एक प्राण बन जाते हैं. एकदूसरे की आदत कुछ इस तरह हो जाती है जैसे दिल का सांसों से रिश्ता. आखिर फिर इस उम्र में तलाक होने की क्या वजह हो सकती है?

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दरअसल, व्यक्ति के जीवन में कुछ चीजें सब से ज्यादा अहमियत रखती हैं और वे हैं- पैसा, वफा और सुकून. शादी के कई साल बाद तलाक होने की वजह पैसों की किचकिच तो कतई नहीं हो सकती, क्योंकि जब दुनिया के सब से रईस इंसान और दुनिया के चौथे सब से दौलतमंद इंसान को शादी के 2-3 दशक बाद तलाक की त्रासदी से गुजरना पड़ा तो फिर पैसों का फलसफा तो सिरे से खारिज होता है.

बात तलाक तक पहुंची

जहां तक बात वफा की है तो यह काफी महत्त्वपूर्ण है. बहुत से मामलों में पाया गया है कि शादी के कई साल बाद भी यदि जीवनसाथी को यह पता चलता है कि उस के पति या पत्नी के जीवन में कोई और आ गया है या पहले से मौजूद है तो वह इस बात को स्वीकार नहीं कर पाता. आपसी  झगड़े और मतभेद बढ़ते जाते हैं और फिर बात तलाक तक पहुंच जाती है.

कई दफा इंसान सिर्फ इस वजह से अपने जीवनसाथी से अलग होने का फैसला ले लेता है, क्योंकि उसे वह अहमियत नहीं मिलती जिस की वह अपेक्षा करता है. दरअसल, जब आप सालों किसी के हमदर्द और हमसफर का दायित्व निभाते आ रहे हैं तो आप की अपेक्षाएं बढ़ जाती हैं. आप के बीच कोई परदा नहीं रह जाता.

आप हर काम एकदूसरे की सलाह ले कर ही करना चाहते हैं. मगर जब आप को महसूस होता है कि आप का जीवनसाथी आप को बताए बगैर ही अपने जीवन से जुड़े कई महत्त्वपूर्ण फैसले ले रहा है या बहुत सी बातें आप से छिपा रहा है तो आप का विश्वास और सुकून दोनों ही खो जाते हैं. अंत में आप तलाक का फैसला ले लेते हैं ताकि खोया हुआ सुकून वापस मिल पाए.

कई बार जीवनसाथी से मिलने वाला छोटा सा आंसू सैलाब बन जाता है. कभी बेवफाई का दर्द तो कभी इतने सालों में भी न पहचान पाने की कसक दिल का सुकून छीन लेती है.

करीब आधी जिंदगी साथ बिताने के बाद हमसफर से उम्मीदें भी अधिक हो जाती हैं. पतिपत्नी का रिश्ता वैसे भी बहुत नाजुक होता है. एकदूसरे के लिए परवाह करने वाले और एकदूसरे पर जान देने को तैयार रहने वाले पतिपत्नी कभीकभी छोटा सा धोखा या छोटा सा अपमान भी नहीं सह पाते और अलग हो जाते हैं.

दर्द देता है तलाक

जब कोई जोड़ा अलग होता है तो लोग इस की वजह जानने में ज्यादा रुचि लेते हैं. लेकिन इस से गुजरने वाले जोड़े को कैसा लगता है इसे कोई नहीं सम झ पाता. सिर्फ इमोशनल ही नहीं, बल्कि तलाक फिजिकली भी लोगों को तोड़ देता है. फैसला लेने की शुरुआत से ले कर इस के अंत तक इतनी चीजें होती हैं कि व्यक्ति खुद को ड्रेन आउट महसूस करता है.

वकील, कोर्ट सैशन, परिवार और ऐक्स के साथ इस मुद्दे पर लगातार चर्चा, चीजों का बंटवारा, कस्टडी बैटल और इस सब के बीच उस साथी को ही अपने अपोजिट खड़ा पाना जो कभी हर स्थिति में आप के साथ खड़ा रहता था. इस सब से ऊपर जीवनसाथी से अलग होने का दुख तो होता ही है. ये तमाम बातें इंसान को गहरी भावनात्मक पीड़ा पहुंचाती हैं.

  बौलीवुड के महंगे तलाक

बौलीवुड में ये कुछ तलाक न सिर्फ चर्चा में रहे, बल्कि महंगे तलाक भी कहलाए:

रितिक रोशन-सुजैन खान

अभिनेता रितिक रोशन और सुजैन खान के अलग होने की खबरों से हरकोई हैरान था. दोनों की शादी 2000 में हुई थी. दोनों के ही अफेयर की खबरें आईं, लेकिन अंत तक कुछ साफ नहीं हो पाया कि दोनों ने तलाक क्यों लिया. सुजैन खान ने ऐलिमनी के रूप में रितिक से 400 करोड़ रुपए मांगे थे. बाद में रितिक ने सुजैन को करीब 380 करोड़ रुपए दिए थे.

सैफ अली खान-अमृता सिंह

अभिनेता सैफ अली खान और अमृता सिंह का तलाक बौलीवुड के सब से महंगे तलाकों में से एक था. दोनों ने 1991 में शादी की थी. उम्र में अमृता सैफ से लगभग 13 साल बड़ी हैं. शादी के लगभग 13 साल बाद दोनों अलग हो गए. सैफ ने अमृता को काफी जायदाद दी थी.

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मलाइका-अरबाज

ऐसा ही कुछ प्यार और दोस्ती भरा रिश्ता कई और सैलिब्रिटीज कपल्स का भी है, जो तलाक के बाद भी एकदूसरे से जुड़े हुए हैं. उदाहरण के लिए मलाइका और अरबाज साथ में अपने बेटे के साथ काफी समय बिताते हैं. इस के अलावा सभी पार्टियों में भी साथ दिखते हैं. तलाक के बाद भी इन के रिश्ते पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ा. इसी तरह आमिर खान और रीना भी साथ में समय बिताते हुए देखे जा सकते हैं. फरहान अख्तर और अधुना भंबानी 16 साल की शादी के बाद एकदूसरे से अलग हुए थे. दोनों आज भी एकदूसरे की इज्जत करते हैं और कभी एकदूसरे के बारे में बुरा बोलते नहीं सुने गए.

तलाक के बाद जरूरी नहीं कि रिश्ता खत्म हो अकसर ऐसा देखा जाता है कि तलाक के बाद लोग अपने पूर्व जीवनसाथी पर कई तरह के इलजाम लगाते हैं. यहां तक कि सैलिब्रिटीज भी जानेअनजाने अपने ऐक्स के विरुद्ध काफी बयानबाजी कर जाते हैं. वे इस बात को भूल जाते हैं कि उन्होंने जिन के साथ जिंदगी के बहुत सारे खूबसूरत पल शेयर किए हैं उन्हीं को नीचा दिखा रहे हैं. लेकिन रितिक और सुजैन के साथ ऐसा बिलकुल नहीं हुआ था. उन्होंने तलाक तो ले लिया, मगर एक बात जो नहीं बदली वह थी दोनों में दोस्ती और एकदूसरे को सम्मान देने की आदत.

पिछले साल यानी 2020 में लौकडाउन के दौरान सुजैन बच्चों के साथ रितिक के घर रहने चली गई थी. दरअसल, यह फैसला सुजैन को बच्चों के कारण लेना पड़ा था. दोनों के पास बच्चों की जौइंट कस्टडी है. ऐसे में बच्चों को लौकडाउन में मिलाना दोनों के लिए मुश्किल होता. रितिक ने इस के लिए सुजैन को रिक्वैस्ट की थी कि वह बच्चों से इतना दूर नहीं रह सकते हैं. ऐसे में सुजैन रितिक की भावनाओं का सम्मान करते हुए बेटों के साथ उन के घर रहने चली गई.

21 जून को होगी डिजिटल प्रतियोगिताएं

कोरोना के कारण इस बार सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस  पर डिजिटल माध्यम से कार्यक्रम किए जाएंगे. उत्तर प्रदेश में  इस बार योग दिवस को लेकर जोर-शोर से तैयारी अपने अंतिम चरणों में हैं. ‘योग के साथ रहें, घर पर रहें’ ये योग दिवस की थीम घर पर रहने का संदेश देती नजर आ रही है. इस बार डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मनाए जाने वाले दिवस में ‘योगी संग योगा’ को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. सभी दफ्तर, संस्थान और आमजन ‘आयुष कवच एप’ से जुड़कर योग करेंगे. इस दौरान विभिन्न माध्यमों से प्रसारण भी किया जाएगा, जिसे देखकर लोग घर से भी योग कर सकेंगे. इसके साथ प्रतियोगिताओं के जरिए चयनित प्रतिभागी को पुरस्कृत भी किया जाएगा.

यूपी में हर उम्र के लोगों को योग से जोड़ने की पहल

योगी सरकार ने डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों को योग से जोड़ने की पूरी तैयारी की है. जिसमें हर आयु वर्ग को जोड़ने की नायाब पहल की है. इसके लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा. आयुष कवच एप से 20 लाख से अधिक लोगों को जोड़ा गया है. इसके अलावा 185 योग वेलनेस सेंटर पर 11 मई से ऑनलाइन ट्रेनिंग भी शुरू कर दी गई थी.

विभिन्न प्रतियोगिताओं का होगा आयोजन

सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग दिवस चैलेंज के तहत ‘योग वीडियो प्रतियोगिता’, ‘योग कला प्रतियोगिता’ तथा ‘योग क्विज प्रतियोगिता’ का आयोजन किया जाएगा. ‘योग वीडियो प्रतियोगिता’ के तहत राज्य व जिला स्तर पर प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे. प्रतियोगिता के तहत महिला, पुरुष और योग पेशेवर की तीन पुरस्कार श्रेणियां होंगी. प्रत्येक श्रेणी में पांच वर्ष से 18 वर्ष के बच्चे, 18 वर्ष से 40 वर्ष के युवा, 40 वर्ष से 60 वर्ष के वयस्क और 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक सम्मिलित हो सकेंगे. प्रतियोगिता के तहत राज्य स्तर पर हर श्रेणी के प्रत्येक वर्ग में कम से कम 500 तथा जिला स्तर पर 50 प्रतिभागियों का पंजीकरण कराया जाना आवश्यक है.

भारतीय संस्कृति, विरासत पर आधारित होगी प्रतियोगिता

‘योग कला प्रतियोगिता’ के तहत योग तथा भारतीय सांस्कृतिक विरासत पर एक पेंटिंग, पोस्टर या स्केच बनाकर ऑनलाइन जमा करना होगा. सर्वश्रेष्ठ रचनात्मक कला को नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.  चयनित कला कृति को सार्वजनिक पोर्टल पर प्रकाशित किया जाएगा. ‘योग क्विज प्रतियोगिता’ 21 जून को ऑनलाइन आयोजित की जाएगी. प्रतिभागियों को 50 वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर देने के लिए 30 मिनट का समय दिया जाएगा. सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को प्रशस्ति-पत्र एवं नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. प्रतियोगिता योग, पर्यावरण एवं वर्तमान परिवेश में रोगों के उपचार में घरेलू औषधियों के उपयोग पर आधारित होगी.

भूल जाएं कि सरकार आंसू पोंछेगी

देशभर में कोरोना के कारण एक नैगेटिव माहौल है, एक डर है.  मौत से ज्यादा डर मौत से पहले की तड़पन का है, चिकित्सा सुविधाओं के अभावों का है. आमतौर पर जब डर का माहौल होता है, आशा होती है कि सरकार कुछ करेगी, खाली हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठी रहेगी. मगर यहां तो साफ दिख रहा है कि जो सरकार 2014 में जनता की उम्मीदों के बड़े पंखों पर सवार हो कर आई थी वह तो गिद्ध निकली है और मौका ढूंढ़ती है कि जनता की लाशों से कैसे राजनीति की जाए, कैसे उन्हें भुनाया जाए, डर का कैसे लाभ उठाया जाए.

आज हर घर में जो परेशानी है उस का बड़ा बो झ औरतों पर है. वैसे भी दुनिया में जब भी जंग या राजनीतिक उठापटक हुई अंतिम भुगतान औरतों ने किया है. आदमी तो शहीद होते हैं पर अपने पीछे अपने छोड़े खंडहरों को संभालने के लिए औरतों को छोड़ जाते हैं, जो बच्चों की देखभाल और अपने शरीर की अकेले देखभाल के लिए रह जाती हैं.

सोचा गया था कि औरतों को वोट का बराबर का अधिकार मिलेगा तो सरकारें औरतों के बारे में सोचेंगी पर सरकारों ने, शासकों ने, इस तरह का खेल खेला है कि आज कोरोना जैसी आपदा में भी सरकार आंसू पोंछने के लिए कहीं नहीं दिख रही.

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कोरोना के दिनों में सरकार ने अपने हकों या अपनी सुविधाओं में कहीं कोई कमी नहीं की है. देशभर में टैक्स उसी गति से लग रहे हैं और सरकार बारबार बड़े गर्व से कहती है कि लो इस बार फिर जीएसटी का पैसा ज्यादा आया है.

जीएसटी का पैसा ज्यादा आने का अर्थ है लोगों ने उसी कीमत का सामान खरीदने में ज्यादा कर चुकाया, क्योंकि इस देश में कुल उत्पादन तो बढ़ नहीं रहा है. यह अतिरिक्त पैसा किस ने दिया? औरतों ने जिन्होंने और कटौती की.

कोविड के भय के कारण औरतों को घरों में कैद ज्यादा किया गया है. वे ज्यादा नुकसान में हैं जो कमा कर लाती थीं. वे भी जो नहीं लाती थीं. वे भी चारदीवारी में बंद हो कर रह गई हैं और न रिश्तेदारों से मिलबैठ सकती हैं न पड़ोसिनों से.

अगर घर में किसी को कोविड-19 हो जाए तो औरतें ही सब से ज्यादा बो झ ढो रही हैं और वह सरकार जो उन का यह जन्म व अगला सुधारने या मृत्यु के बाद स्वर्ग में स्थान सुरक्षित करने के नाम पर आई थी कहीं नजर नहीं आ रही.

जब दूसरे देशों की सरकारों ने राहत के लिए लोगों के अकाउंटों में पैसा डाला, भारत में पैट्रोल, घरेलू गैस के दाम बढ़े हैं, रोजमर्रा की चीजों पर मिलने वाली छूट कम हुई है, दवाएं महंगी हुई हैं, आय कम हुई है और ये सब सरकार ने किया है.

यह वह सरकार है, जिस ने पश्चिम बंगाल में ताबड़तोड़ चुनावी सभाएं कीं, जिन में प्रधानमंत्री कहते थकते नहीं थे कि जहां तक मेरी नजर जाती है वहां तक लोग ही लोग हैं.

दूसरी जगहों पर 4 जने इकट्ठे हो जाने पर डंडे मारने वाली सरकार ने इस भारी भीड़ को बिना मास्क, गाल से गाल मिला कर बैठने की इजाजत दी जबकि देशभर में कितनी ही जगह पुलिस वालों ने औरतों को भी बाजार से सामान लानेलेजाने के समय मास्क न पहनने पर बुरी तरह लाठियों से पीटा है जो बहुत से वीडियों में कैप्चर किया गया.

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आमतौर पर ‘जनता’ शब्द का इस्तेमाल कर के यह मान लिया जाता है कि सरकारी आतंक को आदमी ही  झेल रहे हैं पर यहां ‘जनता’ का अर्थ अब औरतें ही रह गया है जो अपनी बात केवल रटीरटाई आरती या भजन से कह सकती हैं और किसी काल्पनिक भगवान की प्रार्थना करकर मर जाती हैं.

सदियों से सीताएं और द्रौपदियां दंड  झेलती रही हैं ताकि राम और युधिष्ठिर के अहम की तुष्टि होती रहे. आज हमें इस का बीभत्स रूप दिखने को मिल रहा है और महान शासक अपनी छवि निखारने के लिए नए महल को बनवाने में लगे हैं मानों महल के बाहर कहीं कुछ खराब हो ही नहीं रहा.

5 TIPS: सोच समझकर खरीदें गहनें

गहने पहनना किसे पसंद नहीं होता. गहनों को पहनने में जितना मजा आता है उससे ज्यादा कुछ लोगों को उनकी खरीददारी करने का शौक होता है. लेकिन गहने पहनना और खरीदना ही काफी नहीं होता. इसके लिए आपको गहनों की परख, समझदारी, और सूझ-बूझ की भी जरूरत होती है. अक्सर हम में से कई लोगों के साथ ऐसा होता है कि जब भी हम किसी ज्वेलरी शॉप में जाते हैं, तो ऐसे कई तरह के गहने होते हैं जिनकी खूबसूरती हमारी आँखों को आपनी ओर आकर्षित कर ही लेती है. और हम उसे खरीद लेते हैं. लेकिन ये कितना समझदारी का काम है? क्या गहनों की खरीददारी के लिए इतनी जानकारी काफी है? तो हमारा जवाब होगा नहीं.

1. जानिए आपका स्टाइल- गहनों को खरीदते समय आपको बस यूँ ही खरीददारी नहीं करनी, आपको अपने स्टाइल के बारे में भी पता होना चाहिए. आपको पता होना चाहिए कि आपको आखिर चाहिए क्या. अगर आप ट्रेडिशनल गहनें खरीदना चाहती हैं या आज कल के ट्रेंडी फंकी गहनें. आपको ज्वेलरी शॉप में घुसते समय ही अपने दिमाग में इस बात को क्लियर कर लेना है. वहीं अगर आपको कोई रत्न पसंद है तो आप उस रत्न के बारे में जान लें, ताकि आप दुकानदार से बात कर सकें. अगर आपने किसी भी तरह की शैली का चुनाव पहले कर लिया तो आपके लिए गहनों का चुनाव भी आसान हो जाएगा.

2. अपना बजट करें तय- आपको गहनें अपने लिए लेने हों या किसी को गिफ्ट देना हो. आप सबसे पहले अपना बजट तय करें. क्योंकि आपने खरीददारी करते समय अगर अपने बजट की लाइन ड्रा कर ली तो आपके लिए ही आसानी होगी. लेकिन हां आपके लिए विकल्प थोड़े कम हो सकते हैं. लेकिन आपकी जेब पर गहरा असर नहीं पड़ेगा.

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3. गहनों के बारे में नॉलेज जरूरी- आपको जिस चीज की खरीदारी करनी है, उसके बारे में सिर्फ थोड़ी सी जानकारी काफी नहीं है. आपको समय के साथ और अन्य चीजों के लिए भी खुद को अपग्रेड करने की जरूरत है. किसी भी तरह की खरीददारी करने से पहले उसके बारे में नॉलेज प्राप्त करना और पढ़ना सबसे अच्छा विकल्प है. आप जब भी गहनों की खरीददारी करते हैं तो आपको कैरेट के बारे में पता होना चाहिए. अगर किसी दुकानदार को ये पता चल गया कि आपको कोई नॉलेज है ही नहीं, तो वो आपको आसानी से ठग भी सकता है.

4. हमेशा अच्छी दुकान से करें शॉपिंग- अगर आप कीमती गहनों की खरीददारी करने वाले हैं, तो हमेशा अच्छे, प्रतिष्ठित और विश्वसनीय दुकानदार से ही खरीददारी करें. क्योंकि अच्छी दुकानें हमेशा हीरे, सोने या अन्य जवाहारात खरीदने से वो आपको प्रमाण भी देंगे.

5. होलमार्क वाले खरीदें गहनें- गहनें खरीदते समय भले ही दुकानदार कितना ही विश्वसनीय क्यों ना हो, वो कितना ही खुद को खरा क्यों ना बताता हो, लेकिन समझदारी हमेशा आपको ही दिखानी होगी. आपको गहनें खरीदते समय उसमें होल्मार्किंग हो इसका ध्यान रखना होगा. क्योंकि असली सोने के गहनों में कैरेट की संख्या का एक होल्मार्किंग इशारा होता है. इसका मतलब यही होता है कि सोना खरा है और आप इस पर विश्वास कर सकते हैं. सबसे बड़ी बात भविष्य में आप जब भी उस जेवर को बेचेंगे तो आपको पूरी कीमत मिलेगी.

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अब जब आपको गहने खरीदने जाना हो तो हमारी बताई हुई इन बातों का ख्याल जरुर रखें. इससे आपकी समझदारी झलकेगी और आपको दुकानदार ठगेगा भी नहीं.

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