औयली स्किन के लिए लोशन और क्रीम के बारे में बताएं?

सवाल-

मेरी स्किन औयली है, मैं सभी तरह की सनस्क्रीन यूज कर चुकी हूं लेकिन मेरी स्किन पर उन का कोई फायदा नहीं होता. कृपया मुझे इस संबंध में सलाह दीजिए?

जवाब

गरमी के इस मौसम में सब से ज्यादा समस्या तैलीय त्वचा की ही होती है. अगर आप की स्किन भी कुछ इस तरह की है तथा आप पुराना सनस्क्रीन लगा कर परेशान हो चुकी हैं तो आप औयली त्वचा के लिए जैल या अक्वा बेस्ड एसपीएफ फौर्मुलेशन वाला सनस्क्रीन को चुन सकती हैं. यह सनस्क्रीन आप की स्किन को यूवी किरणों से बचाने का काम करेगा और आप की स्किन को लाइटवेट भी फील करवाएगा. यह आप के रोमछिद्रों को बंद नहीं करेगा और त्वचा औयली भी नहीं होगी.

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औयली (तैलीय) त्वचा वाली महिलाओं को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है. त्वचा पर मौजूद अधिक तेल चेहरे को चिपचिपा बना देता हे, जिस से चेहरे पर कीलमुंहासे होने का डर बना रहता है, लेकिन अब इस डर को घर में बनाए जाने वाले फेस पैक, जिन्हें घरेलू फेस पैक के नाम से भी जानते हैं, का इस्तेमाल कर दूर किया जा सकता है.

डा. दीपाली भारद्वाज, त्वचा रोग विशेषज्ञा बताती हैं कि तैलीय त्वचा से परेशान बहुत सी महिलाएं उन के पास आती हैं, जो विभिन्न क्रीमों व अन्य चिकित्सीय उपचार ले चुकी होती हैं, लेकिन डा. दीपाली के मुताबिक घरेलू उपचार से बेहतर कोई इलाज नहीं.

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इन 5 घरेलू उपचारों का प्रयोग कर आप औयली त्वचा की परेशानियों से छुटकारा पा सकती हैं:

1 केला, शहद और लैमन फेस पैक: केला सेहत के लिए तो फायदेमंद होता ही है, साथ ही यह त्वचा से अतिरिक्त तेल निकालने में भी मदद करता है. केले के साथ शहद और नीबू भी कमाल के गुणों से भरपूर होते हैं. आप को अपने लिए फेस पैक बनाने के लिए बस इतना करना है कि एक केले को मैश कर उस में 1 चम्मच शहद और नीबू का रस मिला कर इस मिश्रण को चेहरे पर तब तक लगाए रखना है जब तक कि यह सूख न जाए. फिर चेहरे को कुनकुने पानी से धो लें.

2 पपीता व लैमन फेस पैक: पपीता एक ऐसा फल है, जो कहीं भी आसानी से मिल जाता है. तैलीय त्वचा के लिए यह अद्भुत विकल्प है. पपीते का फेस पैक बनाने के लिए इसे अच्छी तरह मैश कर के इस में नीबू का रस मिलाएं और फिर करीब 20 मिनट तक चेहरे पर लगाए रखने के बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें.

उमस के मौसम में घूमें तमिलनाडू का यरकौड, जानिए क्या है खासियत

गरमियों में लोग ठंडी जगहों पर घूमना बहुत पसंद आता है. जिसके लिए वह भारत से बाहर दूसरे देशों में जाते हैं, लेकिन भारत में भी हिल स्टेशन्स की कमी नहीं है. जैसे तमिलनाडु के छोटे और अनगिनत नज़ारों को समेटे यरकौड, जो फैमिली वेकेशन के लिए बेहतरीन जगह है. मसालों के बगीचे से आती खुशबू और दूर-दूर तक फैले संतरे के पेड़ इस जगह को और भी खास बनाते हैं.

हरियाली से ढका है यरकौड लेक

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शहर के बीचों-बीच में यरकौड लेक को एमरल्ड लेक और बिग लेक के नाम से भी जाना जाता है. चारों ओर फैली हरियाली यरकौड की इस लेक को और ज्यादा ब्यूटीफुल बनाती है. अगर आप पहाड़ों पर घूमकर थक जाएं या फिर धूप से परेशान हो तो यहां बोटिंग का औप्शन भी है. लेक के आसपास बहुत सारी दुकानें हैं जिनमें आप यहां के ट्रैडिशनल और टेस्टी फूड को खाने के साथ ही गिफ्ट आइटम्स की भी खरीददारी कर सकते हैं.

पैगोडा प्वाइंट के बिना अधूरा है यरकौड का सफर

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अगर आप सोशल मीडिया पर कोई ऐसी फोटो पोस्ट करने की सोच रहे हैं जिससे आपके फौलोअर्स तुरंत बढ़ जाए तो पैगोड़ा प्वाइंट है बेस्ट प्लेस. यरकौड का सफर पेगोडा प्वाइंट को देखे बिना अधूरा है. यरकौड पहाड़ी के पूर्व में बसे इस प्वाइंट से पूरे शहर का नज़ारा बड़ा ही सुंदर नज़र आता है. इस जगह के ऐसे नाम के पीछे वजह यहां पत्थरों से बनी एक ऐसी संरचना है जो देखने में बिल्कुल पेगोडा लगता है.

यरकौड़ के नज़ारों जितना ही पौप्युलर है बियर केव

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नज़ारों के जितना ही पौपुलर है यरकौड की ये जगह. बियर केव बहुत ही अच्छी जगह है जहां जाकर अपना अच्छा टाइम बिता सकते हैं. एक जमाने में ये गुफा भालुओं का घर था. इतना ही नहीं ये गुफा 18वीं शताब्दी में महाराजा टीपू सुल्तान का गुप्त जगहों में शामिल थी. जिसे बाद में आम लोगों के लिए खोल दिया गया था.

लेडीज़ सीट में अग्रेजों की पत्नियां करती थीं किटी पार्टी

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ये यरकौड की ऐसी जगह है जो ब्रिटिश काल से जुड़ी हुई है और इस नाम के पीछे की कहानी भी बड़ी मज़ेदार है. दरअसल अंग्रेज शासकों की पत्नियां इस जगह का इस्तेमाल अपनी किटी पार्टीज़ के लिए किया करती थी. यहां से ढ़लते सूरज का नज़ारा बड़ा ही खूबसूरत होता है. जहां टूरिस्टों सुकून के पल बिताने आते हैं.

Beauty Tips: नीम फेस पैक से बनाए स्किन को साफ और बेदाग

आप यह जानते हैं कि नीम आपकी त्वचा के लिए कितना असरदार है तो चलिए हर्बल नीम मास्क के बारे में जानते हैं. मास्क अच्छी तरह काम करे इसके लिए जरूरी है कि पहले बेसिक त्वचा के रख रखाव के नियम का पालन किया जाये.

चेहरे को दिन में दो बार क्लिन्जर से साफ करें, मेकअप के साथ कभी न सोएं. अपनी त्वचा को बार बार न छुएं और चाहे कितने भी व्यस्त हों सनस्क्रीन लगाना कभी न भूलें. यहां पर आसान तरीके दिए गए हैं जिससे घर पर बने नीम मास्क को चेहरे पर लगाकर आकर्षक त्वचा पायी जा सकती है.

नीम और गुलाबजल

इस मास्क में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं जिससे चेहरे पर पड़े दाग धब्बे मिट जाते हैं.

कैसे काम करता है

मुट्ठी भर नीम के पत्तों को लेकर पाउडर बना लें. इस पाउडर में गुलाबजल मिलाकर पेस्ट बना लें. अब इसे चेहरे और गर्दन पर लगा लें. 15 मिनट बाद धो लें.

नीम, बेसन और दही

इस मास्क से कील मुहांसे कम होते हैं, दाग धब्बे मिटते हैं और चेहरे पर चमक आती है.

कैसे काम करता है

एक बड़े चम्मच बेसन में एक छोटा चम्मच नीम का पाउडर दही की मदद से मिला कर पेस्ट बना लें. चेहरे को धोने के बाद यह मास्क लगा लें. इसे 15 मिनट तक रहने दें और उसके बाद धो लें. इस मास्क को हफ्ते में दो बार लगाएं और असरदार परिणाम पाएं.

नीम, चन्दन और दूध

इस मास्क से चहरे पर निखार आता है, यह चेहरे को साफ करता है जिससे त्वचा साफ और कोमल हो जाती है.

कैसे काम करता है

एक छोटे चम्मच चन्दन पाउडर में आधा चम्मच नीम पाउडर, दूध के साथ मिलाकर पेस्ट बना लें. अब इसे चेहरे और गर्दन पर लगा लें. आधे घंटे बाद चेहरे को पानी से धो कर स्क्रब कर लें.

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नीम और शहद

इस घर पर बने मास्क से थकी हुई त्वचा में जान आती है और चेहरे पर तेल को बनने से रोकता है.

कैसे काम करता है

कुछ नीम के पत्तों को निचोड़कर पेस्ट बना लें और इसमें एक बड़ा चम्मच शहद मिला दें. अच्छे से चला लें और चेहरे और गर्दन पर लगा लें. आधे घंटे बाद धो लें. नीम और पपीता

इस मास्क में मौजूद एंटी बैक्टीरियल क्षमता चेहरे पर से धूल हटाती है और चेहरे पर चमक लाती है.

कैसे काम करता है

एक पके हुए पपीते को निचोड़कर उसका पल्प निकाल लें और इसमें एक छोटा चमच नीम का पाउडर मिला लें. इन्हें अच्छी तरह मिला लें. अब चेहरे और गर्दन पर अच्छी तरह लगा लें. आधे घंटे तक रहने दें और उसके बाद धो लें.

नीम और टमाटर

इस मास्क में बीटा कैरोटीन और लयकोपीन होता है जो त्वचा को फ्री रेडिकल से बचाता है, त्वचा को कोमल बनाता है और टेन से मुक्ति दिलाता है.

कैसे काम करता है

टमाटर को निचोड़कर उसका पल्प निकाल लें और इसमें नीम पाउडर मिला लें. इसे चहरे पर लगा लें. चेहरे पर इस मास्क को 15 मिनट तक लगा रहने दें और उसके बाद धो लें.

नीम, तुलसी और शहद

इस हर्बल मास्क से चेहरे की धूल हटती है, कील मुहांसे बनांने वाले बैक्टीरिया मरते हैं और त्वचा स्वस्थ रहती है.

कैसे काम करता है

मुट्ठी भर तुलसी और नीम के पत्तों को सूखने के लिए रख दें. सूख जाने के बाद इसका पाउडर बना लें. इस पाउडर में एक बड़ा चम्मच शहद मिला लें. इस पेस्ट को चेहरे और गर्दन पर अच्छी तरह लगा लें. इसे सूखने दें. गोल गोल स्क्रब करें और धो लें.

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नीम,दही और हल्दी

इस मास्क में जिसमें चेहरे पर ज़्यादा तेल न बनने देने की क्षमता है, इसमें लैक्टिक एसिड और हल्दी भी है जिससे चेहरे पर पड़े दाग धब्बे मिट जाएंगे और चेहरा मुलायम रहेगा.

कैसे काम करता है

एक छोटे चम्मच नीम पाउडर में एक बड़ा चम्मच दही और चुटकी भर हल्दी मिला लें. इसे चेहरे पर लगा लें. इसे सूखने दें और उसके बाद धो लें.

फैशन ट्रांसफौर्मेशन से माधुरी दीक्षित ने जीता फैंस का दिल, दिखाई लहंगा कलेक्शन की झलक

बौलीवुड एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित की खूबसूरती का हर कोई कायल है. 54 साल की उम्र में भी माधुरी बेहद खूबसूरत और फिट हैं. वहीं डांसिग रियलिटी शो में उनके नए-नए लुक्स को देखकर तारीफें करते नहीं थक रहे. इसी बीच वाइट लहंगे में माधुरी दीक्षित की लेटेस्ट फोटोज वायरल हो रही है, जिसे फैंस काफी पसंद कर रहे हैं. वहीं उनके फिटनेस को लेकर कई सवाल करते नजर आ रहे हैं. आइए आपको दिखाते हैं माधुरी दीक्षित की वायरल फोटोज…

लहंगे में बिखेरे जलवे

 

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एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित ने हाल ही में एक फोटोशूट करवाया था, जिसमें वह व्हाइट कलर के लहंगे में नजर आईं थीं. सिल्क और शिफॉन के फ्रेबिक से बना ये व्हाइट लहंगा पहने माधुरी दीक्षित बौलीवुड हसीनाओं को टक्कर देती नजर आईं.

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फैशन कलेक्शन देख फैंस पूछ रहे सवाल

 

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रियलिटी शोज में एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित नए-नए आउटफिट्स कैरी करते हुए नजर आती हैं. वहीं आसमानी नीले कलर के पैटर्न वाले लहंगे में जब माधुरी सामने आईं तो फैंस तारीफें करते नहीं थक रहे थे. वहीं उनका हेयर स्टाइल और इनकी लिपस्टिक का रंग माधुरी के लुक पर चार चांद लगा रहा था. साथ ही मैचिंग ज्वैलरी उनके लुक पर चार चांद लगा रही थी.

 

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लंहगे को दिया अलग लुक

 

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डिफरेंट कलर और पेटर्न वाले लहंगे को अलग लुक देने के लिए नया तरीका अपनाया. साड़ी के अंदाज में दुपट्टा कैरी करते हुए पर्पल कलर के लहंगे में माधुरी बेहद खूबसूरत लग रही हैं. इस लहंगे के साथ मैचिंग ज्वैलरी उनके लुक को और भी खूबसूरत बना रही थी.

 

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बैकलेस लुक में दिखाए जलवे

 

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एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित बीते दिनों फिशटेल स्कर्ट पहनें नजर आईं थीं, जिसके साथ बैकलेस डिजाइनर ब्लाउज उनके लुक को स्टाइलिश बना रहा था. वहीं खूबसूरत एंब्रौयडरी लुक में माधुरी दीक्षित का ट्रांसफौर्मेशन साफ देखने को मिल रहा था.

Monsoon Special: आलू की हैं शौकीन तो आज बनाएं तवा आलू मसाला

आलू से बनी सब्जी किसे पसंद नहीं होती. इसलिए आज हम आपको तवा आलू मसाला बनाने की रेसिपी बता रहे हैं. इसे बनाने में ज्यादा समय भी नहीं लगता है और न ही ज्यादा सामग्री की जरूरत होती है.

आप आसानी से इसे लंच या डिनर में बना सकती हैं. आइए जानते हैं इसे बनाने की विधि.

हमें चाहिए

तेल – जरूरत अनुसार

उबले आलू – 500 ग्राम

नमक – 1 टीस्पून

हल्दी – 1/4 टीस्पून

लाल मिर्च पाउडर – 1/2 टीस्पून

धनिया पाउडर – 1 टीस्पून

चाट मसाला पाउडर – 1/2 टीस्पून

जीरा – 1/2 टीस्पून

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प्याज – 70 ग्राम

अदरक पेस्ट – 1/2 टीस्पून

लहसुन पेस्ट – 1/2 टीस्पून

टमाटर पूरी – 180 ग्राम

गर्म मसाला पाउडर – 1/2 टीस्पून

मेथी – 1/2 टीस्पून

धनिया – गार्निशिंग के लिए

बनाने का तरीका

सबसे पहले एक कड़ाई में तेल डालकर मध्यम आंच पर गर्म करें. इसके बाद इसमें उबले हुए आलू, हल्दी, धनिया मसाला, चाट मसाला, नमक और लाल मिर्च पाउडर डालकर अच्छे से पकाएं.

जब आलू का रंग सुनहरा हो जाए तो इसे आंच से हटा लें. अब एक पैन में तेल डालकर मध्यम आंच पर गर्म होने दें. फिर इसमें जीरा, लहसुन, अदरक और प्याज डालकर फ्राई कर लें.

इसके बाद इसमें टमाटर प्यूरी डालकर 2 मिनट तक पकाएं. अब इसमें फ्राई किए हुए आलू, मेथी और गर्म मसाला डालकर कुछ मिनट तक कम आंच में पकाते रहें.

आपका तवा आलू मसाला बनकर तैयार है. इसे धनिये के साथ गार्निश कर सर्व करें.

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Family Story In Hindi: सितारों से आगे- भाग 4- कैसे विद्या की राहों में रोड़ा बना अमित

लेखिका- डा. सरस्वती अय्यर

 अवसर मिलते ही उन्होंने विजय से विद्या के साथ शादी की बात की. विजय ने धैर्यपूर्वक उन की बातें सुनीं, फिर एक गहरी सांस ले कर बड़ी ही शांति से जवाब दिया, ‘‘मां किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले अच्छी तरह से सोचविचार कर लो. मैं पहले ही गलत निर्णय ले कर पछता चुका हूं. अब तुम जैसा ठीक समझे. तुम्हारी हर बात मुझे स्वीकार है पर एक बार विद्या के मन की भी थाह ले लो. अगर उसे कोई विरोध नहीं है तो मेरी तरफ से भी समझे हां ही है.’’

बेटे की तरफ से हरी झंडी मिलते ही लक्ष्मी देवी विद्या के मातापिता से मिलीं. लक्ष्मी देवी का प्रस्ताव सुन कर उन की खुशी से आंखें भर आईं. उन की सहमति पा कर लक्ष्मी देवी का उत्साह दोगुना हो गया. अब वे देर नहीं करना चाहती थीं. शाम को विद्या के मातापिता को विद्या और वृंदा सहित घर आने का निमंत्रण दे कर वे बाजार की ओर निकल पड़ीं. टैलीफोन पर विजय को इस सहमति की सूचना देना वे न भूलीं.

मगर विजय एक बार जीवन में धोखा खा चुके थे. इस बार वे जल्दीबाजी नहीं करना चाहते थे. वे विद्या से मिल कर इस बारे में बात करना चाहते थे. कुछ भी निर्णय लेने से पहले विद्या से मिलना जरूरी था. कुछ सोच कर उन्होंने अपने सैक्रेटरी को बुलाया. उसे कुछ निर्देश दे कर वे बाहर निकले और विद्या को मोबाइल पर फोन किया, पर उस का फोन औफ था. उन्होंने विद्या के औफिस नंबर पर फोन किया तो पता चला कि आज विद्या का टूरनामैंट है. आज वे शिवाजी इंडोर स्टेडियम में हैं.

विजय कार ले कर स्टेडियम जा पहुंचे और दर्शकों की पंक्ति में बैठ गए. इंटरस्टेट बैडमिंटन का महिला फाइनल एकल मैच चल रहा था. विद्या की सर्विस चल रही थी. कोर्ट पर आत्मविश्वास से लबरेज विद्या की चुस्तीफुरती देखने लायक थी. उस के हर शौट पर तालियां बज रही थीं.

अपनी प्रतिद्वंद्वी को सीधे सैटों में पराजित कर के जब विजेता का कप ले कर वह स्टेज से उतरी तो विद्या के समर्थकों ने उसे कंधों पर उठा लिया. विजय के लिए विद्या का यह रूप नया था. प्रभावित तो वे उस से थे ही, अब उस के प्रशंसक भी बन चुके थे. जल्दी से स्टेडियम के बाहर जा कर फूलों की दुकान से उन्होंने एक बुके लिया और विद्या को देने वे जब मेन गेट पर पहुंचे तो देखा वहां भारी भीड़ खड़ी थी.

लोग अपने प्रिय खिलाडि़यों से मिलना चाहते थे. 1-1 कर के खिलाड़ी निकल रहे थे, मगर उन में विद्या कहीं नहीं दिख रही थी. परेशान हो कर विजय ने आसपास खोजा तो देखा, दूर अपना बैग ले कर थकीहारी विद्या स्टेडियम के छोटे वाले गेट से लगभग दौड़ती हुई सी निकल रही थी.

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विजय को याद आया कल ही शाम विद्या ने उसे बताया था कि बेटी के स्कूल में पेरैंट्सटीचर मीटिंग है और आज 2 बजे उसे स्कूल जाना है. विजय का मन विद्या के लिए करुणा से भर आया. सच औरत के कितने रूप होते हैं और इन अलगअलग रूपों को जीते हुए वह अपनेआप को इस कदर व्यस्त रखती है कि वह स्वयं अपनेआप को भुला देती है. क्या उस को उस के हिस्से की खुशियां पाने का हक नहीं है? जरूर है और यह हक उस को मैं दूंगा. अब विद्या और वृंदा को मैं सहारा दूंगा. सोचतेसोचते उन की कार कब विद्या के पास पहुंची वे समझ ही न सके.

कार का दरवाजा खोल कर हाथ में गुलदस्ता ले कर वे विद्या के सामने पहुंच गए, ‘‘क्या मैं स्टेट लैवल चैंपियन विद्याजी को अपनी छोटी सी कार में लिफ्ट दे सकता हूं?’’ विद्या के हाथों में बुके देते हुए विजय मुसकराते हुए बोले.

सामने विजय को देख कर विद्या पहले तो चौंक गई, फिर उस के चेहरे पर एक शर्मीली मुसकराहट आ गई. विजय से बुके ले कर विद्या कार में बैठ गई. अब उस की थकान काफूर हो चुकी थी. कार सीधे वृंदा के स्कूल के बाहर रुकी.

विद्या सुखद आश्चर्य से भर उठी, ‘‘आप को कैसे मालूम है कि मुझे यहां आना था?’’

मुसकराते हुए विजय बोले, ‘‘अरे हम अंतर्यामी जो ठहरे. अब जाइए जल्दी से वरना मीटिंग के लिए देर हो जाएगी. मैं यहीं आप का इंतजार करता हूं. पर जरा जल्दी कीजिएगा क्योंकि मैं ने तय किया है कि आज मैं बैडमिंटन चैंपियन विद्याजी के साथ ही लंच करूंगा वरना भूखा रहूंगा.’’

विद्या हंस पड़ी, ‘‘बस 10 मिनट में आई,’’ बोल कर वह स्कूल के अंदर चली गई.

मीटिंग में 10 के बजाय 20 मिनट लग गए. मीटिंग के बाद और 3 पीरियड थे, इसलिए वृंदा को छुट्टी नहीं मिली. उसे कक्षा में छोड़ कर विद्या स्कूल के बाहर आई. देखा, कार में एक बढि़या सा किशोर कुमार का गाना बज रहा था और विजय साहब आंखें बंद कर गुनगुनाते हुए गाने का मजा ले रहे थे. विद्या कार का दरवाजा खोल कर सीट पर बैठ गई और कार का हौर्न बताया.

विजय चौंक कर उठ बैठे और पास में मुसकराती विद्या को देख कर उस की शरारत समझ गए. मंदमंद मुसकरा कर गाड़ी स्टार्ट की और सीधे होटल पहुंच कर ही गाड़ी रुकी. इतने बड़े फाइवस्टार होटल में विद्या पहली बार आई थी. अपने सादे कपड़ों की ओर जब उस का ध्यान गया तो वह संकोच से भर उठी. होटल के दरवाजे पर विद्या को सकुचाते हुए देख उस की मनोदशा को विजय समझ गए. उन्होंने विद्या का हाथ मजबूती से थामा और रेस्तरां की तरफ बढ़ गए.

भूख दोनों को ही जोर से लगी थी. खाने का और्डर दे कर वेटर को जल्दी खाना  लाने को बोल कर विजय विद्या को देख कर मुसकरा उठे. बिना कुछ बोले उसे कुछ देर देखते रहे.

उन्हें इस प्रकार देखते पा कर विद्या और भी असहज हो गई. खैर, तब तक खाना आ गया. विद्या ने राहत की सांस ली. दोनों ने शांति से बिना कुछ बोले खाना खाया.

आइसक्रीम का और्डर दे कर विजय ने विद्या से पूछा, ‘‘जानती हो मैं तुम्हें आज यहां ले कर क्यों आया हूं?’’

विद्या ने इनकार में सिर हिलाया तो विजय बोले, ‘‘तो सुनिए मैडम, आज शाम को मेरी मां हमारी शादी की तारीख पक्की करने वाली है और उस के पहले मैं तुम्हारी हां सुनना चाहता हूं,’’ विजय ने बड़े ही सीधेसादे शब्दों में बिना किसी भूमिका के कहा.

‘‘क्या?’’ विद्या भौकचक्की रह गई. एक पल को तो विजय की बात सुन कर विद्या को विश्वास ही नहीं हुआ. फिर बोली, ‘‘पर विजयजी ऐसा कैसे हो सकता है? आप जानते हैं न कि मैं एक बच्ची की मां हूं?’’

‘‘हां मैं जानता हूं और उस प्यारी सी बच्ची को मैं अपनाना चाहता हूं. उसे अपना नाम देना चाहता हूं. इस केअलावा मुझे इनकार करने का और कोई कारण है आप के पास?’’

विजय के इस सवाल का विद्या के पास कोई जवाब नहीं था और उन के प्रस्ताव को मना करने के लिए उस के पास कोई ठोस कारण भी नहीं था. पर सबकुछ इतना अचानक हो रहा था कि वह कुछ कह भी नहीं पा रही थी.

तभी कुछ आगे झक कर मुसकराते हुए विजय धीरे से फुसफुसाए, ‘‘तो मैं यह रिश्ता पक्का समझं?’’

विद्या ने शरमाते हुए हां में सिर हिला दिया. विजय ने अपना हाथ उस के हाथ पर रख दिया.

इस के बाद तो जैसे चट मंगनी और पट ब्याह. बड़ी ही सादगी से दोनों के परिवारजनों के सामने विवाह समारोह संपन्न हो गया और विद्या विजय की पत्नी बन कर उन के घर आ गई. सब से ज्यादा आश्चर्य तो विद्या को वृंदा के व्यवहार से हुआ. वृंदा ने बड़ी ही समझदारी का परिचय देते हुए विजय को पिता के रूप में स्वीकार कर लिया और विजय तो उस की हर इच्छा पूरी करने के लिए जैसे हर पल तैयार रहते थे. दोनों को देख कर कोई कह नहीं सकता था कि इन का रिश्ता कुछ ही दिनों पहले का है. विद्या को तो जैसे भरोसा ही नहीं हो रहा था.

सच है सितारों से आगे जहां और भी है. विजय के कहने पर उस ने 6 माह की लंबी छुट्टी ली थी. अब वह इस सुनहरे समय को अपने हाथों से नहीं निकलने देना चाहती थी. इस के हर पल, हर घड़ी को वह यादगार बना देना चाहती थी. खैर, हंसतेखेलते 5 माह निकल गए. विजय औफिस जातेजाते वृंदा को स्कूल छोड़ कर चले गए थे. सुबह के कामों को निबटा कर बालकनी में बैठ कर दैनिक अखबार पढ़ते हुए विद्या कौफी की चुसकियां ले रही थी. यह उस की रोज की दिनचर्या थी.

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ट्रिंगट्रिंग फोन की आवाज सुन कर विद्या उठी. विजय फोन पर थे. बोले कि विद्या मैं अपनी एक जरूरी फाइल घर पर भूल गया हूं. देखो अलमारी के पास की टेबल की दराज में हरे रंग की जो फाइल है, उसे निकाल कर रखो. मैं अपने एक आदमी को भेज रहा हूं, उसे दे देना. 12 बजे एक मीटिंग है. शाम को मिलते हैं. बाद में फोन करता हूं और विजय ने फोन रख दिया. विद्या ने फाइल निकाल कर सामने टेबल रख दी और अखबार में डूब गई.

कुछ देर बाद दरवाजे की घंटी बज उठी. विद्या ने उठ कर दरवाजा खोला. सामने विजय के दफ्तर से आया आदमी खड़ा था. उस ने विद्या को नमस्कार किया. विद्या ने उस के अभिवादन का जवाब देते हुए फाइल दे दी.

फाइल ले कर जातेजाते वह आदमी रुका, ‘‘मैडम आप ने मुझे पहचाना नहीं क्या?’’

‘‘नहीं,’’ कहते हुए विद्या ने उस अधेड़ से आदमी को पहचानाने की कोशिश की. अचानक उसे झटका लगा. उफ, इस आदमी की शक्ल को वह कैसे भूल सकती है? सामने अमित खड़ा था. खिचड़ी बाल, सफेद दाढ़ी, मोटा चश्मा, साधारण सी शर्ट पहने हुए यह आदमी पहले के स्मार्ट, हैंडसम, आत्मविश्वासी अमित से कितना अलग है. विद्या जैसे कहीं खो सी गई.

अमित ने आगे कहा, ‘‘विद्या मैं तो तुम्हें विजय सर की शादी के रिसैप्शन में ही पहचान गया था. पर तुम से बात करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया. मैं ने तुम्हारे साथ अच्छा नहीं किया, शायद इसलिए कुदरत ने मुझे मेरे कर्मों की सजा दी. तुम्हारे जाने के बाद परिवार में और औफिस में मेरे और शबनम के रिश्ते के बारे में सभी लोग जान गए थे. मैं चाहता था जल्दी से तुम से तलाक ले कर अपने और शबनम के रिश्ते को नाम दे दूं, पर तब तक हमारी काफी बदनामी हो चुकी थी. शबनम भी मेरे मांपिता की उस के प्रति नफरत को समझ चुकी थी. वह जानती थी कि मेरी मां उसे कभी माफ नहीं करेंगी.

‘‘इन सब से बचना ही उस ने बेहतर समझ और एक दिन किसी को बताए बिना दिल्ली हैड औफिस अपना ट्रांसफर करवा लिया और अपने पिता के साथ दिल्ली चली गई. तुम्हें कंप्रोमाइज में पैसा देना था तो जमापूंजी भी खर्च हो गई थी. शबनम उस से भी नाराज थी. मांबाबूजी ने मुझ से बात तक करना बंद कर दिया और अपनी पोती से मिलने की आस लिए दोनों एक के बाद एक इस दुनिया से चले गए.

तब से मैं अकेला ही रहता हूं. दिमागी हालत खराब हो जाने के कारण कंपनी में इंजीनियरिंग का काम ठीक से नहीं कर पाया, इस कारण मुझे औफिस से निकाल दिया गया. अब मैं विजय सर की कंपनी में क्लर्क हूं. मुझे माफ कर दो विद्या, शायद यही मेरे किए की सजा है. मैं अपने ही कर्मों का फल भुगत रहा हूं,’’ अमित लगातार बोलते जा रहा था.

विद्या जैसे सपने से जागी, सामने सिर झकाए खड़े विजय को उपेक्षा से देखते हुए पूरे आत्मविश्वास से कहा, ‘‘आप गड़े मुरदे उखाड़ना बंद कीजिए. अब मैं पुरानी विद्या नहीं, आपकी कंपनी के मैनेजर विजय कुमार की पत्नी हूं और याद रखिए यह आप से मेरी आखिरी मुलाकात है. मैं नहीं चाहती भूल कर भी आप की जबां पर अब कभी भी मेरा नाम आए और उस के बाद आप मेरे घर आने की जुर्रत भी न करें. यही आप के लिए और आप की नौकरी के लिए अच्छा रहेगा,’’ और विद्या ने उस के सामने ही दरवाजा जोर से बंद कर दिया.

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नहीं, अब बहुत हो गया. अब वह कमजोर नहीं पड़ेगी. विजय की दी हुई इस दूसरी जिंदगी के बीच अपने अतीत की काली परछाईं को कभी नहीं आने देगी.

विद्या का चेहरा दृढ़ निश्चय से चमक रहा था और क्यों न हो ऐसा? अब उस के सारे दुख और तकलीफें छंट चुकी थीं और सुनहरी धूप उस के स्वागत में बांहें पसारे तैयार खड़ी थी.

नीतू कपूर ने मनाया 63वां बर्थडे, रणबीर-आलिया संग पहुंचा पूरा परिवार

बौलीवुड एक्ट्रेस नीतू कपूर ने बीती रात अपनी फैमिली संग 63वां बर्थडे सेलिब्रेट किया. इस दौरान उनका पूरा साथ नजर आया. वहीं फोटोज सोशलमीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं. आइए आपको दिखाते हैं  एक्ट्रेस नीतू कपूर के बर्थडे पार्टी की इनसाइड फोटोज की झलक…

परिवार संग सेलिब्रेट किया बर्थडे

 

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एक्ट्रेस नीतू कपूर ने अपने 63वें बर्थडे को अपनी फैमिली संग सेलिब्रट किया. इस दौरान करीना कपूर से लेकर रणधीर कपूर तक पूरा परिवार शामिल होता नजर आया. वहीं इन सभी ने साथ में मिलकर बर्थडे सेलिब्रेशन को खूब एन्जॉय भी किया.

हसीनाओं का चला पार्टी में जादू

 

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नीतू कपूर के बर्थडे सेलिब्रेशन में कपूर खानदान की हसीनाओं का जादू देखने को मिला. जन्मदिन के मौके पर करीना कपूर, करिश्मा कपूर, रिद्धिमा कपूर ने सेलिब्रेशन में खूब रंग जमाया, जिसका अंदाजा वायरल फोटोज से लगाया जा सकता है. वहीं नीतू कपूर भी गर्ल गैंग के साथ पार्टी एन्जौय करती दिखीं.

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रणबीर कपूर ने मां को दिया सरप्राइज

एक्टर रणबीर कपूर ने मां नीतू कपूर की बर्थडे के मौके पर खास सरप्राइज दिया. वहीं इस पार्टी में जमकर मस्ती करते नजर आए, जिसकी फोटोज सोशलमीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं. वहीं एक्ट्रेस करिश्मा और रिद्धिमा कपूर की बेटी भी इस पार्टी में जमकर मस्ती करते नजर आए.

आलिया की मां और बहन भी आईं नजर

 

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नीतू कपूर के बर्थडे सेलिब्रेशन के मौके पर कपूर खानदान के अलावा आलिया भट्ट भी अपनी मां सोनी राजदान और बहन शाहीन भट्ट के साथ नजर आईं. वहीं रणबीर कपूर भी पूरी पार्टी का गर्लफ्रेंड संग लुत्फ उठाते नजर आए.

बता दें, एक्ट्रेस नीतू सिंह आज यानी 8 जुलाई को अपना 63वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं. महज 6 साल की उम्र में चाइल्ड एक्ट्रेस के तौर पर एक्टिंग करियर की शुरुआत करने वाली नीतू सिंह कई हिट फिल्मों का हिस्सा रह चुकी हैं. वहीं बीते साल उन्होंने अपने पति और एक्टर ऋषि कपूर को भी खोया था, जिसके बाद वह अपनी फैमिली के साथ टाइम बिताती हुई नजर आती हैं.

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बा और काव्या के बीच बढ़ेंगी नजदीकियां तो किंजल करेगी घर छोड़ने का फैसला

स्टार प्लस के सीरियल ‘अनुपमा’ (Anupamaa) में आए दिन नए- नए ट्विस्ट फैंस को एंटरटेन कर रहे हैं. वहीं मेकर्स अपकमिंग एपिसोड में औडियंस के लिए कई धमाकेदार ट्विस्ट लाने वाले हैं, जिनसे अनुपमा की जिंदगी में हलचल मच जाएगी. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

वनराज और अनुपमा पर भड़की काव्या

 

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खबरों की मानें तो अपकमिंग एपिसोड्स में अनुपमा की जिंदगी में नए मोड़ आएंगे, जिसके चलते पूरा शाह परिवार ही बिखरता हुआ नजर आएगा. दरअसल, अपकमिंग एपिसोड में काव्या की नौकरी चले जाने से वह अपनी पूरी भड़ास वनराज पर निकालती हुई नजर आएगी. वहीं इसके चलते वह शाह हाउस में ड्रामा करती नजर आएगी. वहीं इस दौरान वह अनुपमा को भी अपना निशाना बनाती नजर आएगी और उसे भला बुरा कहती दिखेगी.


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काव्या और बा आएंगे करीब

 

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दूसरी तरफ काव्या से नफरत करने वाली बा के भी अपकमिंग एपिसोड में तेवर बदले हुए नजर आएंगे. दरअसल, हाल ही में वायरल हुई फोटोज में काव्या, बा की गोद में सर रखते हुए नजर आ रही हैं, जिसे देखकर फैंस कयास लगा रहे हैं कि जल्द बा भी काव्या के साथ मिल जाएगी और वह अनुपमा के खिलाफ बा को भड़काती नजर आएगी.

 

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किंजल करेगी ये फैसला

 

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बीते दिनों अनुपमा के खिलाफ किंजल के दिल में जो कड़वाहट आई थी उसका असर अपकमिंग एपिसोड में देखने को मिलने वाला है. दरअसल, किंजल की मां राखी आइडिया देगी कि वो ससुराल वालों से दूर रहकर किसी दूसरे घर में रहे. वहीं जब इस बात का पता अनुपमा को पता चलेगा तो उसका दिल टूट जाएगा. हालांकि किंजल अपने फैसले पर अड़ी नजर आएगी.

 

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बता दें, जल्द ही अनुपमा में नई एंट्री होने वाली है, जिसके चलते मेकर्स ऐसे एक्टर की तलाश कर रहे है. जो अनुपमा के दोस्त का रोल निभाए. हालांकि इसके लिए कई बड़े एक्टर्स को भी अप्रोच किया जा चुका है, जिनमें राम कपूर (Ram Kapoor) से लेकर अशसद वारसी जैसे कलाकार शामिल हैं.

Family Story In Hindi: सितारों से आगे- भाग 3- कैसे विद्या की राहों में रोड़ा बना अमित

लेखिका- डा. सरस्वती अय्यर

 मगर विद्या सोई नहीं थी. अमित के तिरस्कारपूर्ण व्यवहार और अपमान से उस का दिल रो रहा था. पर वह समझ चुकी थी कि अब कुछ नहीं होने वाला है, उसे जल्दी कोई निर्णय लेना ही होगा. जो आदमी अपनी पत्नी के प्यार और समर्पण को नहीं समझ पाया, उस के मन में अपने अनदेखेअनजन्मे बच्चे के लिए मोह कहां से जागेगा, ऐसे निर्मोही के साथ जीवन बिताने का क्या मतलब? विद्या ने एक पल की भी देर न की. उस ने अपने पिता को फोन किया. उन्हें सारी स्थिति समझई और तुरंत वहां आ कर उसे ले जाने को कहा. मां और पिताजी के आने तक वह अपना सामान पैक चुकी थी.

अचानक समधीसमधन को आया देख कर विद्या के सासससुर घबरा गए. तभी सामने से बड़े ही बेफिक्र अंदाज में अमित ने कमरे में प्रवेश किया. सब को देख कर वह सकपका कर वहीं खड़ा हो गया. विद्या खुद को काबू में न रख सकी. अमित के सामने जा कर उसे एक थप्पड़ जड़ दिया.

इस से पहले कि वह कुछ समझता विद्या के पिता ने कड़े शब्दों में अपने समधी से कहा, ‘‘गलती सिर्फ आप के बेटे की ही नहीं है, अपने बेटे की सारी करतूतें जानते हुए भी आप ने मेरी लड़की से उस की शादी करवाई. अब भी मैं आप को एक मौका देता हूं. अगर आप का बेटा अपनी भूल मान कर एक हफ्ते में मेरी बेटी को लेने आता है तो ठीक है वरना 10 दिनों में तलाक का नोटिस आप को मिल जाएंगा और मुआवजे की मांग की लिस्ट,’’ और वे विद्या का सूटकेस ले कर बाहर निकल गए.

विद्या ने मां का हाथ पकड़ कर घर से निकलते समय पलट कर देखा, सासससुर सिर झकाए खड़े थे. पर अमित के चेहरे पर पछतावे का कोई चिंह्न नहीं था, जबकि राहत के भाव स्पष्ट नजर आ रहे थे.

विद्या बुरी तरह टूट चुकी थी, पर मन में कहीं भीतर एक आशा छिपी हुईर् थी, शायद कभी अमित को अपनी गलती का एहसास हो और अपनी पत्नी के पास वह लौट आए. पर यह आस की डोर भी उस दिन टूट गई, जब अमित की और से ही तलाक के कागजात डाक से आए. विद्या की रहीसही आशा भी खत्म हो गई. उस के सारे सपने चूरचूर हो चुके थे.

विद्या रातदिन सोचती पर समझ नहीं पाती थी. ऐसा कैसे हो गया और इस सब में उस की क्या गलती थी? उस के पिता ने उस के औफिस में लंबी छुट्टी की अर्जी भेज दी थी. मांपिताजी और दोनों बहनें उस को बहलाने का हरसंभव प्रयास करतीं, पर विद्या एकदम गुमसुम सी हो चुकी थी. 9वें महीने एक सुंदर सी बिटिया के जन्म होने के बाद भी विद्या खुश न हो सकी. फिर उस के दिल में एक आस जागी. शायद अमित बच्ची को देखने आएं और उस का सलोना मुखड़ा देख कर उन का मन बदल जाए. मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.

विद्या ने औफिस जौइन कर लिया. घर में उस की बहनें उस की बच्ची वृंदा का खयाल रखतीं और वह अपनेआप को औफिस के कामों में उलझए रखती. रात को वृंदा को हंसताखेलता देख कर अपने गम को भूलने का प्रयास करती, जो प्राय: निष्फल ही रहता था. तलाक के बाद कंप्रोमाइज में कुछ पैसा भी मिल गया. औफिस में सहकर्मियों के जोर देने पर एक बार फिर उस ने बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया. बस अब सुबह औफिस, दोपहर को टूरनामैंट और रात को वृंदा के साथ खेलना, उस का होमवर्क कराना आदि. वह अब पूरी तरह व्यस्त हो चली थी.

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मुंबईर् की तेज रफ्तार और भीड़भाड़ की जिंदगी में उसे पलभर का अवकाश नहीं मिलता था. वृंदा अब 12 साल की हो गई थी. विद्या की बहनें विवाह कर के ससुराल जा चुकी थीं. अब विद्या ही अपने वृद्ध मातापिता का सहारा थी और वे दोनों ही विद्या का. बहरहाल, वृंदा जरूर सब की लाड़ली थी और विद्या की तो जिंदगी ही जैसे वृंदा पर शुरू होती थी और उसी पर ही खत्म होती थी. ऐसे ही 3-4 साल गुजर गए.

उस दिन विद्या रोज की भांति शाम को 7 बजे दफ्तर से घर लौट रही थी. अगस्त का महीना था. मुंबई की बारिश अपने पूरे शबाब पर थी. ऐसे में तो स्टेशन से घर तक का सफर भी आसान नहीं था. दूरदूर तक कोई औटो नहीं दिख रहा था. बसें खचाखच भरी हुई थी. विद्या छाता खोल कर ठाणे स्टेशन से पैदल ही घर के लिए निकल पड़ी. अचानक बिजली कड़की और विद्या के मुंह से चीख सी निकल गई.

तभी उस के पास एक कार आ कर रुकी. कार के शीशे को नीचे कर के एक सभ्य से दिखने वाले व्यक्ति ने उसे पुकारा, ‘‘आइए मैं आप को आप के घर छोड़ देता हूं. घबराइए नहीं, मैं आप की बिल्डिंग में ही ग्राउंड फ्लोर पर रहता हूं और आप के पिताजी मुझे अच्छी तरह से पहचानते हैं.’’

विद्या ने गौर से उस अनजान युवक को देखा. हालांकि मन में ?िझक तो थी पर और कोईर् चारा भी नहीं था. मन मसोस कर अपना छाता बंद कर के विद्या कार के पिछले दरवाजे को खोल कर बैठ गई. रास्ते में दोनों की कोई बात नहीं हुई. बिल्डिंग आने पर युवक को धन्यवाद दे कर वृंदा कार से उतर गई. युवक ने मुसकरा करा कहा कि इस में धन्यवाद की कोई बात नहीं, आप का पड़ोसी होने के नाते यह तो मेरा फर्ज था. वैसे मेरा नाम विजय है, अच्छा नमस्ते.

घर पहुंच कर विद्या ने चैन की सांस ली. वृंदा अपने होमवर्क में और नानानानी अपना प्रिय सीरियल देखने में व्यस्त थे. चाय बना कर पिताजी को देते हुए विद्या ने उन्हें विजय के बारे में बताया.

पिताजी खुश हो गए, ‘‘अच्छा विजय. भई वह तो बहुत अच्छा लड़का है. अभी कल ही तो उस की मां गांव से आई हैं. मैं ने उसे इस रविवार को मां को खाने पर ले कर आने को कहा है.’’

विद्या कुछ कहती उस के पहले ही वृंदा की आवाज आई, ‘‘मां मेरी प्रोजैक्ट बनाने में मदद करो न,’’ और बात आईगई हो गई.

अगले दिन शनिवार की छुट्टी थी. विद्या पिताजी की दवाइयां लेने मैडिकल शौप गई. देखा वहां विजय अपनी माताजी के साथ दवाइयां ले रहे थे. विद्या ने उन्हें नमस्कार किया और दोनों में बातचीत शुरू हो गई. बातों ही बातों में विजय ने उस को बताया कि वे बहुत परेशान हैं क्योंकि माताजी को वायरल फीवर है और विजय को औफिस के जरूरी काम से दिल्ली जाना है.

विद्या ने विजय को दिलासा दिया कि आप चिंता मत करिए कल से मेरी 3 दिनों की छुट्टी है. मैं माताजी का खयाल रखूंगी. आप निश्चिंत हो कर जाइए. सुन कर विजय प्रसन्न हो गए. कहा कि थैंक्यू विद्याजी. मांजी के चेहरे पर भी राहत के भाव आ गए. विद्या उन्हें नमस्ते कर के घर आ गई.

विजय के दौरे पर जाने के बाद विद्या उन की माताजी को अपने घर ले आई. समय पर दवाइयां, भोजन और आराम पा कर उन का बुखार उतर गया. वे एक भद्र और मिलनसार महिला थीं. बहुत जल्दी वे घर के लोगों से हिलमिल गईं विशेषकर वृंदा तो अपनी चुलबुली बातों से उन की आंखों का तारा बन गई.

3 दिन बहुत जल्दी बीत गए और जब विजय दौरे से आए तो अपनी मां को स्वस्थ और हंसतेमुसकराते देख कर कृतज्ञता से उन्होंने हाथ जोड़ दिए और मांजी ने वृंदा को सीने से लगा कर उसे ढेरों आशीर्वाद दे कर विदा ली. इन तीन दिनों में विजय की मां लक्ष्मी देवी, विद्या की मां से उस की पूरी कहानी सुन चुकी थीं.

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इधर विजय की जिंदगी भी खुशियों से भरी नहीं थी. आईआईटी मुंबई से इंजीनियरिंग कर के उन्होंने लंदन की बड़ी फर्म जौइन की थी. कुछ दिनों तक वहां काम करते हुए औफिस की ही एक अंगरेज सहकर्मी जूलिया उन्हें बेहद भा गई और उन्होंने उस के समक्ष विवाह का प्रस्ताव भी रख दिया. जूलिया भी उन्हें पसंद करने लगी थी. उस ने तुरंत हां कह दी. मां ने बेमन से ही सही सहमति दे दी थी.

दोनों ने खुशीखुशी शादी की. थोड़े दिन तो सबकुछ ठीक रहा पर फिर दोनों के बीच के मतभेद उभर कर सामने आने लगे. जूलिया एक आजाद खयाल लड़की थी. परिवार, बच्चे जैसी बातों में उस की कोई रुचि नहीं थी. वह खाओपिओ और मौज करो सिद्धांत की हिमायती थी. विजय ने जूलिया को बहुत समझया पर जूलिया घर के बंधन में रहना स्वीकार नहीं कर पाई. अंत में विजय से तलाक  ले कर अपने ही देश के राबर्ट के साथ रहने चली गई.

विजय इस पूरे वाकेआ के दौरान बेहद टूट गए थे. इधर मुंबई में पिताजी के जाने के बाद मां भी अकेली हो गई थीं. आखिरकार मां के समझने पर लंदन छोड़ कर एक प्राइवेट फर्म में प्रोडक्शन मैनेजर बन कर विजय मुंबई आ गए. बीते दिनों की कड़वी यादों को भुलाने के लिए उन्होंने अपनेआप को काम में पूरी तरह डुबो दिया और इस कोशिश में कुछ हद तक वे संभल भी गए थे.

विद्या की जिंदगी और उस की हिम्मत व आत्मविश्वास को देख कर विजय की मां बेहद प्रभावित हुईं और फिर उस की सादगी और अपनत्व का परिचय तो उन्हें 3 दिनों में मिल ही चुका था. वृंदा से भी वे पूरी तरह से घुलमिल गई थीं. एक बार फिर उन की आंखों में अपने बेटे की शादी का सपना सजने लगा.

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