वायरल हुआ अनुपमा की समधन का हॉट अवतार, देखें फोटोज

टीवी सीरियल ‘अनुपमा’ (Anupamaa) के सितारे इन दिनों सोशलमीडिया पर सुर्खियां बटोरते नजर आ रहे हैं. वहीं किंजल की मां यानी एक्ट्रेस तसनीम शेख (Tassanim Sheikh) की हौट फोटोज ने सोशलमीडिया पर धमाल मचा रहे हैं. दरअसल, सोशलमीडिया पर एक्ट्रेस तसनीम शेख (Tassanim Sheikh)  की बिकिनी फोटोज देखकर फैंस हैरान हो गए हैं. आइए आपको दिखाते हैं फोटोज…

हर अवतार लगता है अलग

 

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पिछले 22 साल से टीवी इंडस्ट्री में एक्टिव तसनीम शेख इन दिनों सीरियल अनुपमा में किंजल की मां राखी दवे के रोल में नजर आ रही हैं. वहीं फैंस भी उन्हें काफी पसंद करते हैं. हालांकि रियल लाइफ में वह यंग एक्ट्रेसेस को टक्कर देती नजर आती हैं. बिकिनी अवतार हो या ड्रैसे हर लुक में तस्नीम बेहद खूबसूरत लगती हैं.

 

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फैशन के मामले में स्टाइलिश हैं अनुपमा (Anupamaa) स्टार

 

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अनुपमा (Anupamaa) स्टार तसनीम शेख 40 साल की हैं. बावजूद इसके उनका फैशन हर मामले में स्टाइलिश हैं. वह कई फैशन शोज का भी हिस्सा रह चुकी हैं, जिसका अंदाजा उनके ड्रैसिंग सेंस से लगाया जा सकता है.

सूट में लगती हैं खूबसूरत

 

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इंडियन लुक में तसनीम शेख का लुक बेहद खूबसूरत लगता है. वाइट कलर के सूट हो या बेटी के साथ मैचिंग आउटफिट हर लुक में तसनीम शेख बेहद खूबसूरत लगती हैं.

 

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अनुपमा में ऐसा होता है लुक

 

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अनुपमा में किंजल की मां के रोल में तसनीम शेख के लुक की बात करें तो स्टाइलिश साड़ी और दमदार कैरेक्टर में वह फैंस का दिल जीतती हैं. उनका अंदाज फैंस को काफी पसंद आता है.

 

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उसका सच- भाग 2 : क्यों दोस्त को नहीं समझ पाया हरि

‘सुनो, भाभी से जिक्र मत करना. तुम्हें तो पता है, औरतें ही सदा हमदर्दी का पात्र बनती हैं. हर तरफ औरतों की ताड़नाओं, अत्याचारों के चर्चे होते रहते हैं. ऐसी बात नहीं कि पुरुष औरतों के अत्याचारों के शिकार नहीं होते. जबान के खंजर पड़ते रहते हैं उन पर और वे चुप्पी साधे हृदय की व्यथा लिए अंधेरों में विलीन हो जाते हैं. न ही कोई उन्हें सुनता है और न ही विश्वास करता है.’

‘धर्मवीर, चिंता मत करो, समय के साथ सब ठीक हो जाएगा. स्थिति को सुधारने की कोशिश करते रहो. चलता हूं, जल्दी मिलेंगे.’

हरि मित्तर से मिल कर धर्मवीर का मन थोड़ा हलका हुआ. घर की दहलीज पार करते ही धर्मवीर की पत्नी ने प्रश्नों की बौछार कर दी.

‘कहां गए थे? बोलते क्यों नहीं? उसी से मिलने गए होगे? शर्म नहीं आती इस उम्र में? पता नहीं क्या जादू कर दिया है उस नामुराद कलमुंही ने?’

‘देखो विमला, तुम चाहती हो तो मैं फिर बाहर चला जाता हूं. तुम्हें जो कहना है, कहो. किसी और को बीच में घसीटने की कोई आवश्यकता नहीं,’ इतना कह कर मैं अपने कमरे में चला गया.

हरि मित्तर से मिले केवल 3 दिन ही हुए थे. धर्मवीर का मन हरि से बातें करने को बेचैन था. उस ने हरि को फोन किया. वह घर पर नहीं था. धर्मवीर ने संदेश छोड़ दिया.

शाम को फोन की घंटी बजी.

‘हां, बोलो हरि?’

‘धर्म, कल क्या कर रहे हो? चलना है कहीं?’

‘कल? कल नहीं, परसों ठीक रहेगा, तुम्हारी भाभी कहीं बाहर जाने वाली है.’

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‘ठीक है, परसों जैक्सन हाइट में, वह ‘पायल’ वाला डोसे बहुत अच्छे बनाता है. वहीं मिलेंगे 12 बजे.’

डोसा खातेखाते हरि ने पूछा, ‘धर्मवीर, घर पर हालात कुछ सुधरे या नहीं?’

‘नहीं यार, क्या बताऊं. तुम्हारी भाभी को शंका का घुन लग गया है. उस की सोच अपाहिज हो गई है जो मेरे घर को बरबाद कर के ही रहेगी. निशा अपना काम करती जा रही है.’

‘लगभग 5 दशक दिए हैं इस घर और पत्नी को. शिकायत का कभी अवसर नहीं दिया. अब वही घर जेल लगता है. जहां अब सांस भी आजादी से नहीं ले सकता. अपनी इच्छानुसार वस्तु यहां से वहां नहीं टिका सकता. किसी से खुल कर बात नहीं कर सकता. जहां वर्षों की वफादारी पर विश्वास न कर के, खोखले, ओछे लोगों की बातें पत्थर की लकीर मानी जाती हैं. अब तो उन की ताड़ना के दायरे केवल हम दोनों के बीच ही नहीं रहे, बल्कि सामाजिक स्थलों में, परिचित लोगों के बीच हमें लताड़ना उन का मनोरंजन बन गया है. अब तुम्हीं बताओ, क्या साझेदारी इसे कहते हैं? क्या यही सुखी जीवन है? हरि, तुम भी तो शादीशुदा हो?’

‘धर्मवीर, भाभी तो बहुत पढ़ीलिखी और समझदार हैं, फिर इतनी असुरक्षित भावनाएं क्यों?’

‘हां, सो तो है, किंतु सोच सिमट गई है. क्या फायदा ऐसी पढ़ाई का, जिस की रोशनी में जीवन का रास्ता साफसाफ नजर आने के बावजूद आदमी उस पर चल न सके. घूमफिर कर शक की आग में खुद और दूसरों को भस्म करने की ठान ले.’

‘विश्वास नहीं होता. आज तक जब भी कहीं आदर्श दंपती का संदर्भ आता है, वहां तुम दोनों का उदाहरण दिया जाता है. स्थिति नाजुक है, बहुत समझदारी से काम लेना होगा. इतने वर्षों की साधना को हाथों से फिसलने मत देना. प्यार से समझाने का प्रयत्न करो.’

‘समझाऊं? किसे समझाऊं? जो सुनने को तैयार नहीं? जिस के लिए अर्थों की सारी ऊहापोह अब बासी हो गई है. स्थिति अब यह है कि मैं मुंह तक आए शब्द निगलने लगा हूं. किस के पक्ष में हथियार डालूं? सचाई के या उस झूठ के, जो मेरे घर में अशांति पैदा कर रहे हैं? सखी निशा का तो यह हाल है, अंगूर नहीं मिले तो खट्टे हैं. निशा की उकसाने की खुराकें तुम्हारी भाभी के चित्र पर पत्थर की लकीरें बन गई हैं, जैसे परमानैंट मार्कर से लिखी हों. निशा की बातों को ले कर उन के मन और मस्तिष्क को कुंठा की धुंध घेरने लगती है. उसी धुंध में झूठ का पल्ला भारी हो जाता है और सच दब जाता है. तुम तो जानते हो, झूठ से हमें कोई हमदर्दी नहीं.’

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‘परेशान तो भाभी भी होंगी? पूछो उन से कि ऐसा उन्होंने क्या देखा, या तुम ने क्या किया? हर पल तो उन्हीं के पास बैठे रहते हो?’

‘जरूर होती होगी. कुछ देखा हो तो बताएं. कभीकभी तो अचानक उस के भीतर तूफानी तूफान करवटें ले बैठता है. तब वह जहान भर का अनापशनाप बोलने लगती है. कहीं का सिर, कहीं का धड़, मनगढ़ंत किस्से-लोग बातें करते हैं, तुम्हारी छवि खराब होती है, वगैरावगैरा. बस, मुंह खोलते ही चुभते कटाक्ष, काल्पनिक गंभीर इल्जाम मुझ पर थोपने आरंभ कर देती है. उस समय उस की बातों के गुलाब कम और कांटे अधिक मेरे दिल पर खरोंचें छोड़ जाते हैं.

‘मैं एक बार फिर चुप्पी साध लेता हूं. फिर कभी पास आ कर बैठ जाती है. कभी आधी रात को मेरे कमरे में आ कर पूछती है, आप ने बात करना क्यों छोड़ दिया? मुझे अच्छा तो नहीं लगता. पर बात भी क्या करूं, उन्हें मेरे शब्दों की अपेक्षा ही कहां है?  हजार बार कह चुका हूं, विमला, तुम्हारे सिवा कभी किसी को नहीं चाहा. मैं रिश्तों की अहमियत जानता हूं. पूरा जीवन तुम्हें दिया है. अब बचा ही क्या है मेरे पास?

‘कहती है, झूठ बोलते हो. अब तो वही है तुम्हारी सबकुछ? बदनाम कर देगी, तुम्हें? इस्तेमाल कर के छोड़ देगी तुम्हें? तुम नहीं जानते…आदमखोर है आदमखोर.

‘उस दिन मैं ने भी कह दिया, विमला, यह सबकुछ कहने की आवश्यकता नहीं. कैनवास तुम्हारे पास है. रंग तुम्हारे दिमाग में. जैसी चाहो तसवीर बना लो.

‘मैं गुस्से से बड़बड़ाता बाहर चला गया. हरि मित्तर, तुम्हीं बताओ, 70 से ऊपर आयु हो गई है. वैसे भी वर्षों से अलगअलग कमरों में बिस्तर हैं. क्या शोभा देती हैं ऐसी बातें? इस उम्र में अश्लील वाहियात तोहमतें सहता हूं. मेरी पत्नी होते हुए क्या वह नहीं जानती मेरी क्षमता? ऐसी घिनौनी बातें मुझे अंधेरी सुरंग में धकेल देती हैं.’

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‘यार, स्थिति गंभीर है. तुम दोनों कहीं छुट्टियों पर क्यों नहीं चले जाते. बच्चों के पास चले जाओ…इस वातावरण से दूर.’

‘सभी उपाय आजमा चुका हूं. मेरे साथ कहीं चलने को तैयार ही नहीं होती. जबर्दस्ती तो कर नहीं सकता. एक आत्मनिर्भर स्वतंत्र अमेरिकी भारतीय नारी है. कुछ पूछते ही बौखला सी जाती है. मेरी हर बात, हर हावभाव, मेरे हर काम में मुझे अपमानित करने के लक्षण ढूंढ़ती रहती है.

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छाता खरीदने से पहले जान लें ये 7 बातें

मानसून देश में दस्तक दे चुका है. कब कहां बारिश शुरू जाएगी हमें पता नहीं होता ऐसे में छाता बारिश से बचने के लिए हमारा प्रमुख हथियार होता है. आजकल बाजार में विभिन्न रंग और डिजाइन्स  के छाते मौजूद हैं. बारिश के अलावा धूप से बचने के लिए भी छातों का प्रयोग किया जाता है. यहां प्रस्तुत हैं छाता खरीदते समय ध्यान रखने वाले कुछ टिप्स-

-अक्सर तेज बारिश होने पर तेज हवा भी चलती है जिससे तानें मुड़ जातीं हैं और छाता उल्टा हो जाता है इसलिए छाता खरीदने से पहले तानों की मज़बूती पर अवश्य ध्यान दें.

-यदि आप कामकाजी हैं तो आप फोल्डिंग छाता खरीदें ताकि उसे आप अपने बैग में फोल्ड करके रख सकें और जरूरत पड़ने पर निकाल सकें पर इन्हें लेने से पहले दो तीन बार खोलकर अवश्य देखें.

-हैंडल को भी पकड़कर देखें कि वह आरामदायक है या नहीं ताकि अधिक समय तक पकड़ने में आपको परेशानी न हो.

-बच्चों के लिए हैंड फ्री छाते खरीदें क्योंकि ये सिर पर लग जाते हैं और इन्हें पकड़ना नहीं पड़ता.

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-बच्चों के लिए रंग बिरंगे, महिलाओं के लिये चटकीले डिजाइन वाले तो पुरुषों के लिए एक रंग के छाते उपयुक्त रहते हैं.

-बुज़ुर्गों के लिए मूठ वाले गहरे रंग और बड़े आकार के छाते खरीदें ताकि जरूरत पड़ने पर वे इसे बेंत की तरह भी प्रयोग कर सकें.

-बहुत अधिक गहरे रंग का छाता खरीदने से पूर्व दुकानदार से उसके रंग के बारे में पड़ताल अवश्य करें क्योंकि कई बार पानी से छाते का रंग निकलने लगता है जिससे कपड़े भी खराब हो सकते हैं.

यह भी रखें ध्यान

-प्रयोग करने के बाद पानी से भीगे छाते को पूरी तरह सूख जाने पर ही उसके कवर में रखें या निर्धारित स्थान पर टांगें.

-झटके के साथ या जबर्दस्ती खोलने का प्रयास न करें.

-बारिश के बाद छाते को पूरी तरह सुखाकर, साफ कपड़े से पोंछकर, तानों और हैंडल में सरसों का तेल लगाकर उसके कवर में रखें इससे आपके छाते में जंग लगने की संभावना नहीं रहेगी.

-यदि आपके छाते में कोई टूट फूट हो गयी है तो उसे ठीक करवाकर ही रखें इससे आपको अगली बारिश में कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा.

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डेल्टा वैरियंट को रोकने में यूपी रहा सफल: क्रैग केली

ऑस्ट्रे लिया के संसद सदस्यग क्रेग केली ने सूबे के मुखिया सीएम योगी आदित्ययनाथ के कोरोना प्रबंधन की तारिफ की. उन्होंलने आइवरमेक्टिन के प्रयोग साथ प्रदेश में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट डेल्टाक को नियंत्रित करने के लिए प्रदेश सरकार की नीतियों को सराहा है. सांसद क्रेग केली ने कहा कि 24 करोड़ की आबादी वाले उत्तएर प्रदेश ने आइवरमेक्टिन टैबलेट का प्रयोग कर दूसरी लहर पर अंकुश लगाया है.

केली ने ट्वीट करते हुए कहा कि भारतीय राज्ये उत्तलर प्रदेश की जनसंख्या 230 मिलियन है. इसके बावजूद कोरोना संक्रमण के नए वेरिएंट डेल्टाय पर लगाम लगाई है. यूपी में आज कोरोना के दैनिक केस 182 है जबकि यूके की जनसंख्याई 67 मिलियन है और दैनिक केस 20 हजार 479 हैं.

कोरोना वायरस से संक्रमित रोगियों के इलाज के लिए यूपी सरकार ने स्वानस्य्क् विभाग की सलाह अनुसार प्रदेश में आइवरमेक्टिन को कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रयोग किया इसके साथ ही डॉक्सी साइक्लिन को भी उपचार के लिए प्रयोग में लाया गया. बता दें कि उत्तार प्रदेश देश का पहला राज्यर था जिसने बड़े पैमाने पर रोगनिरोधी और चिकित्सीउय उपयोग में आइवरमेक्टिन का प्रयोग किया.

योगी के यूपी मॉडल की चर्चा चारो ओर

योगी के यूपी मॉडल की चर्चा चारो ओर है. कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश सरकार की नीतियों को बांबे हाईकोर्ट, सुप्रीमकोर्ट, डब्यू के एचओ ने भी सराहा है. ट्रिपल टी, मेडिकल किट वितरण समेत ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सैनिटाइजेशन का कार्य युद्धस्त र पर किया गया.

कोल्ड वॉर की खबरों के बीच ‘वनराज’ ने शेयर किया Anupamaa का ये वीडियो, साथ दिखे Rupali-Sudhanshu

बीते कुछ दिनों से अनुपमा कास्ट के बीच कोल्ड वौर की खबरों ने फैंस को परेशान कर दिया है. हालांकि सीरियल के सितार इन खबरों को नकारते नजर आए थे. दरअसल, खबरें थीं कि अनुपमा स्टार सुधांशु पांडे और रूपाली गांगुली के बीच कोल्ड वॉर चल रही है. हालांकि अब सुधांशू शर्मा ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें रुपाली गांगुली नजर आ रही हैं. आइए आपको दिखाते हैं वीडियो…

शेयर किया अनुपमा के सेट से वीडियो

 

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खबरें थीं कि सुधांशु पांडे और रूपाली गांगुली के बीच कोल्ड वौर के कारण ‘अनुपमा’ (Anupamaa) की टीम दो गुटों में बंट चुकी है. वहीं अब सुधांशु पांडे (Sudhanshu Pandey) ने सोशल मीडिया पर अनुपमा के सेट से एक ऐसा वीडियो शेयर किया है, जिससे कोल्ड वॉर की बात अफवाह नजर आ रही है. दरअसल, वीडियो में सुधांशु पांडे रूपाली गांगुली (Rupali Ganguly) के साथ-साथ पारस कलनावत (Paras Kalnawat), अल्पना बुच, निधि शाह और ‘अनुपमा’ (Anupamaa) की बाकी स्टारकास्ट मस्ती करते हुए शूटिंग करती नजर आ रही है.

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इस कारण बढ़ी थी बात

 

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दरअसल, सुधांशु पांडे ने एक पोस्ट में बाकी सभी लोगों को टैग करके रूपाली को नजरअंदाज किया. हालांकि रूपाली गांगुली (Rupali Ganguly) ने भी एक पोस्ट शेयर करके लिखा था कि जिसे जो सोचना है सोचे…हर बात की सफाई नहीं दी जा सकती है. वहीं सुधांशू पांडे में इस मामले में बाते साफ करते हुए कहा था कि ‘ये काफी छोटी बातें हैं…और किसी को टैग ना करके किसी को अपने करियर में क्या फायदा होगा? ये बात लाजमी है कि फोटो से जुड़े लोगों को टैग किया जाता है और कई बार तो मैं सोशल मीडिया से दूसरे की ही पोस्ट उठाता हूं और कॉपी पेस्ट कर देता हूं. जब ये शो शुरु हुआ था तो मैंने और रूपाली ने साथ में कई वीडियो शेयर किए थे क्योंकि शो में हम शादीशुदा थे. लेकिन अब शो में मैंने काव्या से शादी कर ली है तो ये भी लाजमी है कि अब हम साथ में ही वीडियो डालेंगे.’

 

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बता दें, सीरियल में वनराज की शादी काव्या से हो चुकी है. हालांकि वनराज के दिल में आज भी अनुपमा के लिए हमदर्दी देखने को मिलती है, जिसके कारण फैंस भी बैचेन रहते हैं.

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एक बार फिर ट्रोल हुईं Kareena Kapoor Khan, फोटोज देख कही ये बात

बौलीवुड एक्ट्रेस करीना कपूर खान (Kareena Kapoor Khan) आए दिन सुर्खियों में छाई रहती हैं. हालांकि कई बार वह ट्रोलिंग का शिकार भी हो जाती हैं. इसी बीच एक्ट्रेस करीना कपूर (Kareena Kapoor Khan) के लेटेस्ट फोटोज के चलते ट्रोलिंग का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, हाल ही में दूसरी बार मां बनने के बाद करीना कपूर खान के फोटोज शेयर की थीं, जिसमें उनका ट्रांसफौर्मेशन देख फैंस का रिएक्शन देखने को मिल रहा है. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला…

फोटोज में दिखा ट्रांसफौर्मेशन

दूसरी बार मां बनने के बाद एक्ट्रेस करीना का वजन बढ़ गया था, जिसके कारण ट्रोलिंग का सामना करना पड़ता था. इसी बीच हाल ही में शेयर की गई फोटोज में करीना कपूर खान घर की बालकनी में योगा करती हुई नजर आईं थीं, जिसके बाद फैंस का रिएक्शन देखने को मिला था. वहीं कुछ लोगों ने उन्हें बूढ़ी भी कह दिया था.

 

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ट्रोलर्स ने कही ये बात

करीना कपूर की फोटोज पर ट्रोलर्स को एक बार फिर से अपनी भड़ास निकालने का मौका मिल गया है. एक यूजर ने फोटोज पर कॉमेंट किया है, तुम इतनी सूजी हुई क्यों दिख रही हो बेबो? ऐसा लग रहा है कि किसी ने तुम्हें कई बार मारा है. एक दूसरे यूजर ने लिखा है, बेबो अब तुम बूढ़ी हो गई हो.

बता दें, बीते दिनों करीना कपूर बहन करिश्मा की बर्थडे पार्टी में नजर आईं थीं, जिसमें उनका लुक बेहद खूबसूरत लग रहा था. हालांकि ट्रोलर्स ने उनके मोटापे को लेकर ट्रोल करना शुरु कर दिया था. हालांकि वह अपनी नई फिल्म के लिए दोबारा ट्रांसफौर्मेशन के लिए तैयार हो रही हैं. अब देखना है कि बेबो ट्रोलर्स को कैसे करारा जवाब देती हैं.

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Anupamaa: शादी के बाद हुआ काव्या और किंजल का बुरा हाल, देखें Video

स्टार प्लस के सीरियल अनुपमा में इन दिनों फैमिली ड्रामा देखने को मिल रहा है. इसी बीच किंजल और अनुपमा के बीच तनाव देखने को मिला, जिसको लेकर काव्या बेहद खुश हैं. हालांकि औफस्क्रीन किंजल यानी निधि शाह और काव्या यानी मदालसा शर्मा ने शादी के बाद हुए बुरे हाल का एक वीडियो शेयर किया है, जिसे फैंस पसंद कर रहे हैं. आइए आपको दिखाते हैं वायरल वीडियो…

शादी के बाद का बताया हाल

काव्या यानी मदालसा शर्मा अनुपमा के सेट से अपनी फोटोज और वीडियो लगातार फैन्स के साथ शेयर करती हैं. इसी बीच मदालसा शर्मा ने निधि शाह यानी किंजल के साथ मिलकर शादी के बाद होने वाले बुरे हाल के बारे में बताया है. दरअसल, वीडियो शेयर करते हुए मदालसा शर्मा ने लिखा, ‘काव्या और किंजू शादी के पहले और शादी के बाद’.

वीडियो में दिखी बौंडिग

दरअसल, वीडियो में काव्या (मदालसा) और किंजल (निधि शाह) शादी से पहले ‘मुझे साजन के घर जाना है’ गाने पर बड़ी खूबसूरती के साथ डांस करती नजर आ रही हैं. वहीं इसके तुरंत बाद दोनों किचन में घर का काम करते नजर आती हैं और रोते हुए बोलती हैं- मुझे अपने घर जाना है. मदालसा और निधि के इस वीडियो को फैंस बेहद पसंद कर रहे हैं.

सीरियल में दिख रहा है कुछ ऐसा ही ट्रैक

अनुपमा के लेटेस्ट ट्रैक की बात करें तो शादी के बाद काव्या का भी बुरा हाल देखने को मिल रहा है. वहीं इसी कारण वह किंजल को भी अनुपमा के खिलाफ भड़काती नजर आ रही है. दरअसल, किंजल को अनुपमा की तरह किचन संभालने की बात पर काव्या, किंजल और उसकी मां राखी को भ़ड़का रही है, जिसके कारण शाह परिवार में ड्रामा देखने को मिल रहा है.

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यंगिस्तान: कही आप यूज तो नहीं हो रहे है!  

लॉक डाउन का समय चल रहा है , दिल दिमाग में नए -पुराने यादों के बीच महानता को ले कर संघर्ष चल रहा है. वही इस बदलते ज़माने के साथ रिश्ते नाते, दोस्ती और प्यार में आ रहे बदलाव का भी मूल्यांकन हो रहा है. इन सबके बीच कई बातें उभर कर सामने आ रही है. गिरती मानसिकता और बढ़ता स्वार्थ यंगिस्तान के एक बड़े समूह को मानसिक पतन को ओर अग्रसर कर रहा है. अपने पास खर्च के पैसे नही होते , लेकिन अगर उनके सबसे नजदीक साथी या उनका प्यार किसी चीज की मांग करे तो वह हर कीमत पर उसे पूरा करने में लग जाते है.

अपने मोबाईल में बैलेंस नहीं होता, लेकिन उनका रिचार्ज की उन्हें चिंता होती है. घरवालो को कभी फईनेसली मदद करे ना करे, लेकिन अपने खास दोस्त और प्यार के लिए पैसा जुटा कर उन्हें देना इनके लिए कोई बड़ा काम नही है . यंगिस्तान का एक बड़ा तबका भावनाओ में डूबा हुआ,आधुनिक रिश्ते नाते और प्यार में यह समझ ही नही पा रहा है ,कि कहा किसने उनका जम कर यूज किया. तो आइये 09 विन्दु के माध्यम से समझते है कही आप को कोई यूज तो नहीं कर रहा है.

1. किसी को आर्थिक रूप से दो या तीन बार सहायता करना बुरा नहीं है और वह भी ऐसा खास को जिसे आप पसंद करते हैं, जिसके साथ आपके मजबूत रोमांटिक संबंध हैं या जिसे आप अपने लिए सबसे खास सबसे अलग मानते है.लेकिन इस तरह की सहायता की भी सीमा होती है. अगर आप सीमा को नही समझ पा रहे है, और हर मांग को अपना खास मान कर पूरा करते जा रहे है, तो यह आपके लिए भारी पड़ सकता है.

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2. सहायता किसी भी आर्थिक मदद के रूप में हो सकती है.अगर आपका साथी बार-बार और बहुत कम अंतराल में आपसे पैसों की डिमांड करता है और वह उन पैसों को वापस लौटाता भी नहीं है तो इसकी पूरी संभावना है कि वह पैसों के लिए आपको यूज कर रहा है. ऐसे में आप उसके मांग पर धीरे धीरे पैसे या सामान देना बंद कर दें, फिर देखें कि क्या वह तब भी आपके साथ है या नही ?

3. अगर आपका खास दोस्त या आपका प्यार आपसे हर बार मोबाईल बिल या रिचार्ज का बात कर आपका इमोशनल कर रही हो या कर रहा हो तो आप सावधान रहिए, हो सकता है आपका एक दो बार का मदद उसे आप पर निर्भर ना बना दे.

4. कभी कभी ऐसा भी होता है कि आप अपने उस खास के पार्टी में जाते है और जाने से पहले भी प्रेशर होता है एक महँगी गिफ्ट का ,तो उस समय आपका वह महंगा नही जरुरी लगता है लेकिन यही गिफ्ट  उसे आपके महंगे गिफ्टो कि आदत डालती है.इस तरह अगर आप इमोशन में डूबते उनके हर मांग को पूरा करते जायेगे तो आप एक साकेट दे रहे हाई कि आप खुद यूज होने के लिए तैयार है.

5. समाजशास्त्री डाँ प्रीति आरोड़ा का कहना है कि अधिकतर युवाओ कोइस बात का अहसास ही नहीं होता कि अपने फायदे और केवल टाइम पास के लिए उनका खास दोस्त, उनका पार्टनर या ब्वॉयफ्रैंड या गर्लफ्रैंड उनका यूज कर रहे होते है. सच्चाईतो यह है कि चाहे महिला हो या पुरुष, कोई भी किसी की स्वार्थपूर्ति के लिए यूज नहीं होना चाहता. लेकिन आज के युवाओ के बीच पनपी आधुनिक रिश्तो से एक दुसरे का समय पर उपयोग करने की प्रणाली बन गई है. यह अदृश्य प्रणाली हर साल ना जाने कितने युवाओ को सुनहरे रिश्ते और प्यार के बदले में धोका का जख्म दे रही है.

6. जब कोई केवल सेक्सुअल पर्पज के लिए किसी को यूज करता है तो उसमें पैसा, मौज-मस्ती और थोड़ी देर का साथ शामिल होता है. हालांकि यह बात आम है कि जब खुद के यूज होने की सच्चाई सामने आती है, तो लोग यूज करने वाले से किनारा काट लेते हैं, उससे विश्वास उठ जाता है.

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7. युवाओ को जन संचार की शिक्षा देने वाले संदीप दुबे का कहना है किअपनी आवश्यकताओं और स्वार्थ की पूर्ति के लिए साथी का मिसयूज करना कोई नई बात नहीं है. लेकिन आधुनिक दौर में यह बढ़ा है. जब यह सच्चाई जब सामने आती है तो बहुत दुख पहुंचाती है.

8. वही अपने खास प्यार के हाथो यूज होने के बाद इंजीनियरिंग छात्र सुनील कहते है कि पहले मैं इन बातो को नही मनाता था, लेकिन अब मनाता हूँ और किसी पर विश्वास करने से पहले दस दफा सोचता हूँ. जबकि 25 साल की सीमा का कहना है, कि यूज करने की बात तभी दमंग में आती है, जब हमारे रिश्तो में स्वार्थ  छिपा होता है और यूज होने के बाद किसी भी इंसान को जीवन का सबसे बड़ा दुःख होता है .

9. अगर आपको थोड़ा भी शक है कि आपको इस्तेमाल किया जा रहा है, तो आप जिस व्यक्ति के साथ रिलेशन में हैं, उसके साथ ज्यादा अलर्ट और ऑब्जव्रेट बने, साथ ही साथ उसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारियां भी एकत्र करें. अगर आप फिर भी यूज होती हैं, तो जितनी जल्दी संभव हो, उस संबंध को तोड़ दें.

उसका सच- भाग 3 : क्यों दोस्त को नहीं समझ पाया हरि

‘आजकल तो यह अपने गुप्त समाचार विभाग की बिल्लियों के बहुत गुणगान करती रहती है. वह भूल जाती है कि मैं एक लंबे काल से उस के दुखसुख का साथी, जिसे मक्कार, झूठा, बेईमान, बदमाश, चोर, निर्लज्ज घोषित कर दिया गया है. जैसेजैसे उस के कटाक्ष लंबे होते जाते हैं, मेरे दुख बढ़ते जाते हैं. रही बात बच्चों की, तुम्हीं बताओ, भारतीय अमेरिकी बहुओं के घर भला कितने दिन जा कर रहा जा सकता है?’

‘धर्मवीर, मुझे तुम्हारी चिंता होने लगी है. बस, यही कह सकता हूं कि वार्त्तालाप का रास्ता खुला रहना जरूरी है.’

‘हरि मित्तर, कोशिश तो बहुत करता हूं. पर जब परिचित लोगों के सामने मेरी धज्जियां उड़ाई जाती हैं, लांछन लगाए जाते हैं तब मैं बौखला जाता हूं. बोलता हूं तो मुसीबत, नहीं बोलता तो मुसीबत. इस उम्र में इतना तोड़ डालेगी, वजूद इतना चकनाचूर कर डालेगी, कभी सोचा न था. जब स्थिति की जटिलता बेकाबू होने लगती है, मैं उठ कर बाहर चला जाता हूं या किताबों को उथलपुथल करने लगता हूं. तब दोनों अपनेअपने कोकून में बंद रहने लगते हैं, मानो एकदूसरे को रख कर भूल गए हों. साथ ही तो रह जाता है केवल? दिन बड़ी मुश्किल से गुजरते हैं. जैसे छाती पर कोई पत्थर रखा हो और रातें, जैसे कभी न होने वाली सुबह. कामना करता हूं, इस से अच्छा तो बाहर सड़क पर किसी खूंटी पर टंगा होता. थोड़ा जीवित, थोड़ा मृत. फिर सोचता हूं कहीं दूर भाग जाऊं जहां कम से कम ये लंबे दिनरात कलेजे पर अपना वजन महसूस करते तो नहीं गुजरेंगे. पूरे घर की हवा में उदासी छितरी रहती है. तब एहसास होता है, शायद यह उदासी मेरे मरते दम तक हवा में ही ठहरी रहेगी. तू भली प्रकार से जानताहै कि मेरे भीतर एक कैदखाना है. कैसे भाग सकता हूं यथार्थ से.

‘रही बात से बात कायम रखने की? जरूरत उस की है, मात्र उस की. इन लंबेलंबे दिनों और काली रातों के अटूट मौन में आवाज बनाए रखने की गरज भी उस की है, मात्र उस की. मेरी भावनाओं को कुचल कर चीथड़ेचीथड़े कर दिए हैं उस ने. गरीब हो गया हूं भावनाओं से. सरकतेरपटते रहते हैं मेरे शब्द, बेअसर, सपाट. तुम्हारी भाभी की चेतना सुनती नहीं, मस्तिष्क सोकता नहीं.’

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हरि मित्तर ने घड़ी देखते हुए कहा, ‘धर्मवीर, बहुत देर हो गई है. मौसम भी खराब होता जा रहा है. अब चलते हैं. जल्दी ही मिलेंगे.’

धर्मवीर आज सबकुछ उगलने को तैयार था. धर्मवीर की बातें सुन कर हरि का मन भारी हो गया. उसे इस समस्या का कोई हल दिखाई नहीं दे रहा था कि वह कैसे धर्मवीर की सहायता करे.

धर्म को लगा जैसे कोई तो है, जो उसे समझता है. फोन की प्रतीक्षा करतेकरते धर्म ने 4 दिन बाद हरि को फोन किया, ‘हैलो हरि, कैसे हो?’

‘ठीक हूं, और तुम?’

कुछ ही देर में धर्म हरि के द्वार पर था.

‘धर्मवीर, आज तुम मेरे यहां आ जाओ. तुम्हारी भाभी अपने भाई के यहां गई है.’

‘चाय बनाओ, आता हूं.’

‘अंदर आओ धर्म, बैठो. आज मैं तुम्हें अपने इलैक्ट्रौनिक खिलौने दिखाता हूं. यह है मेरा आईपौड और यह ‘वी’ इस में अलगअलग खेल हैं. 4 लोग एकसाथ खेल सकते हैं. जब कुछ करने को नहीं मिलता, हम बूढ़ाबूढ़ी खेलते रहते हैं. या फिर ताश. चलो, एक गेम तुम्हारे साथ हो जाए. ध्यान भी दूसरी ओर जाएगा और समय का भी सदुपयोग हो जाएगा.’

‘नहीं यार, यह मुमकिन नहीं. मुझे समय व्यतीत करने की कोई समस्या नहीं. चलो, अगलीपिछली बातें करते हैं.’

‘धर्मवीर, अभी तक मैं यह समझ नहीं पाया कि तुम इतना कुछ अकेले क्यों सहते रहे? एक बार जिक्र तो किया होता?’

‘चाहता तो था किंतु कब एक शून्य मेरे चारों ओर भरता गया, पता ही नहीं चला. कोई ऐसा दिखाई भी नहीं दिया जिस से ऐसी व्यक्तिगत बात कर सकता, जो मेरे भयावह शून्य को समझता और मेरी बरबादी का कहानी पर विश्वास करता. 2 बार आत्महत्या का प्रयत्न भी किया. मुझे लगा, मुक्ति का रास्ता यही है. जानते हुए भी कि सब अलगअलग अपनीअपनी सूली पर चढ़ते हैं. कोई किसी के काम नहीं आता. किसी का दुख नहीं बांटता. केवल मुंह हिला देते हैं या तमाशा देखते हैं.’

‘धर्मवीर, मेरी तो सोच भी जवाब दे चुकी है. तुम किसी करीब के रिश्तेदार से बात कर के तो देखो या काउंसलिंग की मदद ले कर देखो. घर के वातावरण को सामान्य रखने का प्रयत्न करो. शायद कोई परिवर्तन आ जाए.’

‘हरि, यह भी सुन लो, एक दिन घर पर बहुत मेहमान आने वाले थे. सुबह से तुम्हारी भाभी अपने विरोधी भावों की धूपछांव में अपना कर्तव्य निभाती रही. दिन अच्छी तरह से बीता. शाम की चाय के समय किसी ने पूछ लिया कि तुम्हारी ‘उस’ सहेली का क्या हाल है?

‘‘उस’ शब्द सुनते ही मेरी पत्नी की उनींदी सी सुस्ती एकदम तन गई. उस का कभी न रुकने वाला राग शुरू हो गया. सभी मेहमानों के सामने उस ने मुझ पर अनेक लांछन लगा कर मेरे चरित्र की धज्जियां उड़ा दीं. एक ही झटके में मुझे घर छोड़ने को कहा. सामने बैठे मेरी जिह्वा तालू से चिपकने लगी. एक मौन जमने लगा. मैं चुप. सब चुप. खामोशी का एक पहाड़ और भीतर की उदासी मुझे चुभने लगी. मुझे लगा, शायद यह मौन सदा के लिए हमारे साथ बैठ जाएगा. मैं ने गहरी पीडि़त सांसें लीं. रुदन की अतिशयता से मेरा शरीर कांपने लगा. मैं पसीने से तर हो गया.

‘मेरे सीने में एक बेचैनी सी घर कर गई. अपनी खुद्दारी को इतना घायल कभी नहीं पाया. उस की बातों से ऐसा लगा, मानो अपराधबोध की छोटी सी सूई मन के अथाह सागर में डाल दी गई हो, जो तल में बैठ कर अपना काम करने लगी. उस ने भीतर से मुझे अस्थिर कर दिया. वह लगातार कहर ढाती शब्दावली का बोझ डालती रही. मैं अपने ही घर में कठघरे में खड़ा रहा जिस का प्रभाव मेरे रोजमर्रा के जीवन पर पड़ने लगा.’

‘धर्म, अगर तुम कहो तो मैं भाभी से बात कर के देखूं?’

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‘ना-ना, जब से विमला को पता लगा कि हम दोनों हर हफ्ते मिलते हैं, उस ने तुम्हें दलाल के खिताब से सुशोभित कर दिया है. अब अपनी ही नियति में अकेला निशब्द सब सहता जा रहा हूं. मेरे उसूलों की गड्डमड्ड. उस दिन मेहमानों के सामने उस की निर्लज्जता का रूप देख कर मैं सकते में आ गया. वह रूप मेरे मन पर चिपका रहा. मैं चूरचूर हो गया. उसे मेरे टुकड़े भी पसंद नहीं थे. पर टुकड़े तो उसी ने किए थे. उस ने ही मेरे उसूलों को अस्वीकारा और मुझे 2 टुकड़ों में बांट दिया. मैं सफाई के बोझ से दबा पड़ा हूं. न जाने कौन सा मेरा हिस्सा हृदय रोग के हमले के बाद मर जाने वाले हृदयकोष्ट की तरह ठंडा हो गया.’

वह हमारी आखिरी मुलाकात थी. इस के बाद मुझे उस से मिलने का अवसर ही नहीं मिला.

काश उस से मिल पाता. आज इस वक्त मैं धर्मवीर के अंत्येष्टि संस्कार पर उस के घर बैठा खुद को धिक्कार रहा हूं. वह चिल्लाता रहा. मेरा दोस्त मोमबत्ती की तरह पिघलपिघल कर अंधेरों में विलीन हो गया. रहरह कर मुझे उस के शब्द याद आ रहे थे – ‘हरि, मेरे शब्दों की उसे (विमला) अपेक्षा ही कहां थी?’ मेरे भीतर का एहसास कातर पलपल छटपटाता रहा. मैं बोल नहीं पा रहा था पर उस के कहे शब्द बारबार मस्तिष्क को झकझोर रहे थे- ‘तारतार कर देने से वस्तु ही मिट जाती है. और मैं तो टर्रटर्र टर्राता रहा, विमला तुम्हीं को चाहा है, सिर्फ तुम्हीं को. चाहो तो अग्नि परीक्षा ले लो.’

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लेजर हेयर रिमूविंग एट होम  

हेयरलेस दिखना सबको अच्छा लगता है ख़ास कर गर्मी के मौसम में शार्ट ड्रेस में तो यह जरूरी ही हो जाता है. आप चाहें शेविंग , वैक्सिंग या ट्विचिंग करा सकती हैं. पर अब घर बैठे आप खुद लेजर हेयर रिमूवर से अनचाहे बालों से छुटकारा पा सकती हैं. अगर आप लेजर हेयर रिमूविंग की शौक़ीन हैं तो आजकल अफोर्डेबल लेजर हेयर रिमूवर बाजार में उपलब्ध हैं. इस से आपको काफी समय और रुपयों की बचत भी होगी .

लेजर हेयर रिमूवर क्या हैलेजर प्रकाश किरणों से  हेयर फॉलिकल्स को जला कर नष्ट कर देते हैं जिसके चलते हेयर रिप्रोडक्शन नहीं हो पाता है . इस प्रोसेस में  एक से ज्यादा सेसन लगता है , यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपको शरीर के किस भाग के बाल हटाने हैं .

सेल्फ लेजर हेयर रिमूवर लेजर तकनीक दो तरीकों से बाल हटाता है – एक आईपीएल ( IPL ) और दूसरा  लेजर हेयर रिमूवर . दोनों एक ही सिद्धांत पर काम करते हैं – हेयर फॉलिकल्स को नष्ट करना . आमतौर पर  घर में हैंड हेल्ड आईपीएल रिमूवर से बाल हटाते हैं हालांकि इसमें  लेजर बीम नहीं होता है फिर भी इंटेंस पल्स लाइट बीम द्वारा यह टारगेट एरिया के बालों के जड़ तक पहुँच कर फॉलिकल्स को लेजर की तरह मार देता है जिसके चलते वह एरिया बहुत दिनों तक हेयरलेस रहता है . इसे चेहरे पर भी यूज कर सकती हैं पर आँखों को बचा कर.

आईपीएल हेयर रिमूवर किसके लिए सही हैआधुनिक विकसित तकनीक से निर्मित आईपीएल रिमूवर सभी तरह के बालों से छुटकारा पाने का दावा करते हैं . आमतौर पर त्वचा और बाल के रंग में  कंट्रास्ट यानि स्पष्ट अंतर रहने पर यह अच्छा परिणाम देता है , जैसे फेयर स्किन और डार्क हेयर . फिर भी लेजर हेयर रिमूविंग के पहले एक बार त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लेनी  चाहिए . डार्क स्किन में  यह उतना अच्छा काम नहीं कर सकता है क्योंकि इसे मेलेनिन और फॉलिकल्स में अंतर समझने में कठिनाई होती है , ऐसे में स्किन बर्न की संभावना है.

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आईपीएल की सीमा लेजर की तुलना में आईपीएल कम शक्तिशाली होता है इसलिए हेयर फॉलिकल्स को उतनी   ज्यादा शक्ति से नहीं मारता है जितना प्रोफेसनल लेजर रिमूवर से और इसलिए  इसका असर धीमा होता है. इसे 2 आंखों के अत्यंत निकट , होंठों के ऊपर इस्तेमाल न करें.आँखों के निकट यूज के पहले चश्मा या सनग्लास पहन कर इस्तेमाल करना बेहतर होगा. प्रेग्नेंनसी और ब्रेस्टफीडिंग में बिना डॉक्टर की सलाह के न इस्तेमाल करें. इसके अतिरिक्त बिकिनी एरिया के अंदर नाजुक अंगों पर भी आईपीएल डिवाइस नहीं करनी चाहिए. आधुनिक तकनीक से बने डिवाइस तिल या मांसों पर इस्तेमाल करने का दावा करते हैं पर डार्क एरिया के लिए यह ठीक नहीं है .

आईपीएल इस्तेमाल के पहले –  पहली बार शुरूआत शरद या सर्दी के मौसम में बेहतर है. टारगेट एरिया पर कोई पाउडर , परफ्यूम या केमिकल न हों.बाल अधिक बड़े हों तो उन्हें  3 – 4 मिली मीटर तक  ट्रिम कर लें.

कैसे इस्तेमाल करें – आईपीएल हेयर रिमूवर को इस्तेमाल करना आसान है.आईपीएल को बिजली लाइन में प्लग कर  मशीन को टारगेट एरिया के निकट लाएं.फिर उस एरिया पर अवलम्ब ( 90 डिग्री ) पर रखते हुए इसे ऑन कर आईपीएल बीम फोकस करें . यह प्रति मिनट 100 या ज्यादा शॉट्स या फ्लैशेज उत्पन्न  कर आपके बालों को मिनटों में हटा देगा. लगभग 30 मिनटों के अंदर  आप पैरों , काँख और बिकिनी लाइन के बालों से मुक्त हो सकती हैं. अपनी त्वचा और बालों के रंग  ( काले , भूरे , सुनहरे ) रूप ( मोटाई , लंबाई  ) के अनुसार दिए गए निर्देशानुसार लाइट इंटेंसिटी को एडजस्ट कर सकती हैं.  शुरू में इसे  दो  सप्ताह  के अंतराल पर फिर इस्तेमाल करना होगा. बाद में पूर्णतः  हेयरलेस त्वचा दिखने के लिए हर तीन चार महीनों पर इसे यूज करना होगा पर बाल पहले की तुलना में कम घने , पतले  और हल्के रंग के होंगे.

फायदे इसका प्रयोग आप अपने घर के कम्फर्ट जोन में अपने समयानुसार कर सकती हैं. किसी लेजर सैलून या प्रोफेसनल के यहाँ बार बार जाने की जरूरत नहीं है . यह प्रोफेसनल लेजर रिमूवल की तुलना में बहुत सस्ता है.

यह कम शक्तिशाली प्रकाश किरणों का इस्तेमाल करता है जिससे लेजर की तुलना में बहुत कम साइड इफेक्ट होने की संभावना है.

इसके लिए बार बार बैट्री बदलने या रिचार्ज की आवश्यकता नहीं है. आमतौर पर निर्माता  इस  डिवाइस  की लाइफ 10 + वर्षों तक बताते हैं.

शेविंग , वैक्सिंग और ट्वीचिंग  की अपेक्षा यह ज्यादा सुविधाजनक है और इसमें दर्द लगभग नहीं होता है.

आईपीएल मुंहासे , बर्थ मार्क , फाइन लाइन्स आदि के  कुछ हल्के दाग – धब्बे भी हटा सकता है .

साइड इफेक्ट्स – 

इस्तेमाल के दौरान हल्का दर्द महसूस होना. ऐसे में आइस पैक या नंबिंग क्रीम से आराम मिलेगा.

टारगेट एरिया के त्वचा का  हल्का रेड या पिंक होना या फूलना. यह दो तीन दिनों में स्वतः ठीक हो जाता है.

विरले ही बहुत ज्यादा लाइट के चलते  मामूली स्किन बर्न हो सकता है .

कभी  स्किन पिग्मेंट मेलेनिन को हानि होने से धब्बा  हो सकता है.

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विशेष कोई चाहे कितना भी दावा करे लेजर  से भी परमानेंट हेयरलेस होना सम्भव नहीं है.कुछ महीनों के बाद इसे फिर रिपीट करना होगा.लेजर  आईपीएल  से बेहतर है पर यह बहुत महंगा है.

लेजर हेयर रिमूवल कॉस्टसाधरतया प्रोफेसनल से  लेजर हेयर रिमूविंग का कॉस्ट इन बातों पर निर्भर करता है – शहर या मेट्रो ,शरीर के  किस भाग का बाल हटाना या टारगेट एरिया , त्वचा और बालों का रंग , कितने सिटिंग्स लगेंगे और  लेजर विधि का  चुनाव. आमतौर पर प्रोफेसनल द्वारा फुलबॉडी लेजर रिमूविंग का कॉस्ट करीब  दो लाख रुपये होता है.

उदाहरण – काँख के बाल के लिए 2000 से 4000 , हाथ 7000 से 14500 , पैर 11000 से 21000 तक हो सकता है – शहर या मेट्रो के अनुसार.

आईपीएल का कॉस्ट मीडियम लेवल आईपीएल करीब 5500 रुपये में मिल जाता है. इसका मूल्य नंबर ऑफ़ शॉट्स या फ्लैशेज और अन्य फीचर्स पर भी निर्भर करता है.

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