REVIEW: जानें कैसी है वेब सीरीज समांतर 2

रेटिंगः तीन स्टार

निर्माताःअरूण सिंह बरन और कर्तक डी निभानवर

लेखकः सुहास शिरवलकर के उपन्यास ‘समांतर’ पर आधारित

निर्देशकः समीर विदवांस

कलाकारः स्वप्निल जोशी,तेजस्वी पंडित,साई ताम्हणकर,नितीश भारद्वाज,विक्रम गायकवाड़,जयंत सावरकर,मनोहर कोल्हाटकर,रिषिकेश पांडे,गणेश महादेव रेवाड़ेकर,अमृत गायकवाड़ व अन्य.

अवधिः 20 से 32 मिनट के दस एपीसोड,लगभग सवा चार घंटे

ओटीटी प्लेटफार्म: एम एक्स प्लेअर

भाषाएं: मराठी,हिंदी,तमिल व तेलगू

यदि आपको पहले से ही पता चल जाए कि भविष्य में क्या होने वाला है,तो आप होने वाली घटनाओं को रोकने और अपनी तकदीर को अपने सपनों जैसा बनाने की कोशिश कर सकते हैं?क्या कोई नियति को चुनौती देकर उससे जीत सकता है?इसी सवाल का जवाब ढूढ़ने के लिए निर्देशक समीर विदवंास मराठी भाषा की दिलचस्प रोमांचक वेब सीरीज ‘समांतर’ का दूसरा सीजन  लेकर आए हैं,जो कि ओटीटी प्लेटफार्म ‘एम एक्स प्लेअर’ पर एक जुलाई से स्ट्रीम हो रही है. पहले सीजन का निर्देशन समीर ने नही किया था.

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कहानीः

2020 में ‘‘एम एक्स प्लेअर’’ पर ही वेब सीरीज ‘‘सामांतर ’का पहला सीजन स्ट्रीम हुआ था. इस कहानी में एक इंसान,एक साया और इन दोनों के हाथ की लकीरों को जोड़ने का प्रयास है. कहानी के अनुसार  अपनी जिंदगी और रोज रोज की कलह से परेशान होकर शादीशुदा कुमार महाजन (स्वप्निल जोशी)  अपने मित्र की सलाह पर एक स्वामी(जयंत सावरकर)  जी के पास अपना भविष्य जानने गए थे. स्वामी जी ने अपनी विद्या के बल पर कहा था कि उसके हाथ की लकीरें तो किसी और के हाथों की लकीरे हैं,वह इंसान तीस वर्ष पहले अपनी जिंदगी जी चुका है और अब वही कुमार महाजन का भविष्य होने वाला है. स्वामी जी की सलाह पर कुमार महाजन,सुदर्शन चक्रपाणी(नितीश भारद्वाज)की तलाश में निकल पड़ते हैं. उनकी मुलाकात चक्रपाणी से होती है. चक्रपाणी उन्हे डायरी देते हुए कहता है कि इसके पन्नों में चक्रपाणी का अतीत और महाजन का भविष्य लिखा है. चक्रपाणी हिदायत देते हैं कि वह डायरी का जिक्र किसी से न करें तथा एक दिन में सिर्फ एक ही पन्ना पढ़े. यहीं से ‘समांतर’के सीजन दो की कहानी शुरू होती है.

पूरे सीरीज में तीस वर्ष पहले की सुदर्शन चक्रपाणी, उनकी पत्नी और चक्रपाणी की जिंदगी में आने वाली संुदरा(साई ताम्हणकर )की कहानी चलती है,उसी के समांतर कुमार महाजन की जिंदगी में भी वही सब घटित होता रहता है.  इन दोनों की जिंदगी एक जैसी है और शायद उनकी किस्मत भी.

कुमार महाजन(स्वप्निल जोशी)  के ससुर शरद(गणेश महादेव रेवाड़ेकर)  अपनी बेटी व कुमार महाजन की पत्नी नीमा (तेजस्वनी पंडित)को समझा रहे हैं कि कुमार को छोड़ देने में ही उसकी भलाई है. मगर डायरी मिलते ही कुमार महाजन की जिंदगी बदलती है. उसे ‘शाह एंड कंपनी’’ में डिवीजन मैनेजर की नौकरी मिल जाती है और कोल्हापुर में कंपनी की तरफ से बंगला और गाड़ी भी मिलती है. कुमार महाजन अपनी पत्नी नीमा व आठ वर्ष के बेटे संजू(अमृत गायकवाड)  के साथ कोल्हापुर पहुंचते हैं. जिंदगी खुशहाल है. वह इमानदार है. इसी के चलते ‘शाह एंड कंपनी’के पुराने ग्राहक प्रताप बावसकर (रिषिकेश देशपांडे)  से उसकी नही जमती. प्रताप बावसकर,कुमार को खरीदने के लिए नोटों से भरा बैग भेजते हैं. कुमार डायरी का पन्ना पढ़ता है,जिसमे लिख है‘‘एक औरत जिंदगी में आएगी. ’कुमार तय करता है कि वह किसी भी औरत को अपनी जिंदगी में नही आने देगा. पर रात में आफिस से देर में लौटने पर नीमा के सवालों से चिढ़ जाते हैं. गुस्से में नीमा बेटे संजू के साथ अपने पिता शरद के पास मंुबई लौट जाती है. इधर कुमार महाजन,प्रताप बावसकर के घर उनका नोटों का बैग वापस देने जाते है,वहीं पर वह देखता हैं कि प्रताप बावसकर अपनी पत्नी मीरा बावसकर(साई ताम्हणकर)संग विक्षिप्त की तरह शारीरिक संबंध बनाते हुए मीरा को प्रताड़ित कर रहे हैं. कुमार चुपचाप लौट आते हैं. मगर मीरा देख लेती है कि कुमार महाजन पैसे का बैग रख कर गए. फिर मीरा,अपनी नग्न तस्वीर कुमार महाजन के मोबाइल पर भेज देती हैं. इधर मीरा और कुमार के बीच फोन पर मीठी बातें होते होते कड़वाहट आ जाती. तो वहीं मीरा किसी न किसी बहाने कुमार के नजदीक आने के प्रयास में रहती है. कहानी में कई मोड़ आते हैं. कुमार महाजन न चाहते हुए भी मीरा के जाल में फंस जाते हैं,पुलिस पकड़ती है, अदालत में मीरा के एक बयान से अदालत कुमार को निर्दोष बताकर छोड़ देती है,मगर मीरा के बयान से नीमा आहत होती है और अपने पिता के घर जाकर आत्महत्या कर लेती है. उसके बाद कुमार महाजन,चक्रपाणी से मिलते है और कहते हैं कि अब वह अपने वर्तमान व अपने कर्म के बल पर अपनी नियति बनाएंगे,पर चक्रपाणी कहते हैं कि तेरी नियति तकदीर तय है और वही होगा,जो डायरी के अंतिम पन्नें में लिखा है. फिर कई घटनाक्रम तेजी से बदलते हैं. अंततः डायरी के अंतिम पन्ने पर लिखी हुई घटना ही घटित होती है.

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लेखन व निर्देशनः

पहले सीजन के मुकाबले दूसरा सीजन काफी कसा हुआ और दर्शकों को बांधकर रखने वाला है. शायद इसकी वजह यह है कि इसका निर्देशन अनुभवी निर्देशक समीर विदवांस ने किया है. लेकिन इस वेब सीरीज में बेवजह गंदी गालियों व अश्लील सेक्सी दृश्यों को ठॅूंसा गया है,यदि इनसे बचने का प्रयास किया जाता,तो भी यह एक बेहतरीन वेब सीरीज बन सकती थी. पर ‘एमएक्स प्लेअर’की हर वेब सीरीज में गालियां और सेक्स दृश्यों का होना अनिवार्य सा होता जा रहा है. फिल्म की गति बेहतरीन है,हर एपीसोड में रोचकता बरकरार रहती है. पर कुछ दृश्यों का दोहराव अखरता है. वहीं कुछ दृश्यों पर यकीन करना मुश्किल होता है. इसके अलावा यह वेब सीरीज कहीं न कहीं ज्योतिष और नियति तकदीर को लेकर अंधविश्वास को बढ़ावा देती है,जिसे सही नही जा सकता. क्योंकि यह वेब सीरीज इंसान के कर्म से भविष्य बदलने को दरकिनार करते हुए कहती है कि इंसान की किस्मत में जो लिखाहै,उसे वह बदल नही सकता. यह व्यावहारिक भी नहीं है. इस सीरीज की कहानी एक नास्तिक इंसान को आस्तिक बनाने का प्रयास ही है.

वेब सीरीज का क्लायमेक्स जबरदस्त है.

अभिनयः

कुमार महाजन में स्वप्निल जोशी का अभिनय शानदार है. कुमार महाजन जिस तरह से डायरी में लिखी बात को गलत साबित करने के लिए एक मानसिक लड़ाई लड़ता है,उसे बेहतर तरीके से स्वप्निल जोशी ने जीवंतता प्रदान की है. नीमा के छोटे किरदार में भी तेजस्वनी पंडित अपनी छाप छोड़ जाती हैं. संुदरा और मीरा की दोहरी भूमिका में कमाल का अभिनय किया है.  सुंदरा और मीरा दोनो का मकसद एक ही है,फिर भी दोनों में उनके आर्थिक पक्ष और जिस माहौल के है,उस अंतर को बाखूबी निभाने में साई ताम्हणकर सफल रही हैं. फिर भी सुंदरा की बनिस्बत मीरा के किरदार में साई ताम्हणकर का अभिनय ज्यादा शानदार है. सुदर्शन चक्रपाणी के किरदार को नितीश भारद्वाज ने अपने अभिनय से जीवंतता प्रदान की है,मगर उनके चेहरे की मुस्कान व हॅंसी का जो मैनेरिज्म है,वह हमें तीस वर्ष पहले सीरियल ‘महाभारत’में उनके द्वारा निभाए गए कृष्ण की मुस्कान की याद दिलाता है. अन्य कलाकार भी अपनी जगह एकदम फिट हैं.

नीम है साथ तो डरने की क्या बात

नीम का पौधा हम सबके आसपास आसानी से मिल जाता है. हम सभी नीम के अनगिनत फायदों को सुनते हुए बड़े हुए हैं. नीम अपने सौंदर्य और आरोग्य लाभों के लिए जाना जाता है, आपके पिंपल्स के इलाज से लेकर डैंड्रफ को कम करने तक, आप नीम को अपनी सुंदरता बढ़ाने के लिए अलगअलग तरीकों से इस्तेमाल कर सकते हैं.

बस इतना ही नहीं और सुनिए, इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण भी होते हैं और इसका उपयोग एयरबोर्न बैक्टीरियल रोगों और वायरस को नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है. ऐसे कई तरीके हैं जिनसे नीम आपकी सेहत और स्किन को फायदा पहुंचा सकता है, आइए उनके बारे में बात करते हैं:

एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल

नीम की पत्तियों का उपयोग फंगल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन्स का इलाज करने के लिए किया जाता है. नीम का उपयोग वार्ट्स व चिकन पॉक्स के इलाज के लिए भी किया जा सकता है. नीम पेस्ट को सीधे प्रभावित जगह पर लगाया जाता है या फिर व्यक्ति को नीम के पानी से नहलाया जाता है. यह फुट फंगल का भी उपचार कर सकता है, जो काफी लोगों में, विशेषकर एथलीटों में काफी आम है.

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इम्यूनिटी बढ़ाता है

आज जब हमें अपनी इम्यूनिटी को पहले से कहीं अधिक बढ़ाने की आवश्यकता है, नीम हमारी इम्यूनिटी बढ़ाने और हमें हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस से बचाने के लिए एक सही उपाय है. कई आयुर्वेद विशेषज्ञ नीम को रोजाना अपनी डाइट में रखने की सलाह देते हैं. अगर आपको अपने आसपास नीम का पेड़ नहीं मिल पाता है या आप अपना टाइम और ऐनर्जी बचाना चाहते हैं तो अपने शरीर को बैक्टीरिया और वायरस से छुटकारा दिलाने के लिए आप अयूर हर्बल्स तुलसीम मौइस्चराइजिंग बौडी वॉश विद नीम जैसे किसी प्राकृतिक नीम बॉडी वॉश का उपयोग कर सकते हैं. यह आपकी स्किन को पूरे दिन मॉइस्चराइज्ड रखेगा.

मजबूत और लंबे बाल

नीम बालों की क्वालिटी को मजबूत करने और बालों की हेल्दी ग्रोथ में मदद करता है. नीम के पेस्ट का उपयोग हेयर कंडीशनर के रूप में भी किया जाता है. अपने एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों के कारण नीम डैंड्रफ को रोकने का एक शानदार नुस्खा है. यह बालों की जड़ों को मजबूत बनाता है, इस प्रकार बालों की ग्रोथ भी बहुत तेजी से होती है. यह जड़ों को जरूरी पोषण और कंडीशनिंग देता है, जिससे वे मजबूत और चमकदार बनते हैं.

स्किन डिसऑर्डर्स का इलाज भी

नीम में ऐसे कई गुण हैं जिससे इसका उपयोग स्किन की समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि इसमें डिटॉक्सीफाइंग प्रॉपर्टी होती है. नीम का उपयोग एक्जिमा और दूसरे कई स्किन इन्फेक्शन्स के इलाज के लिए किया जाता है. नीम में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होता है जो मुंहासों को कम करता है. माना जाता है कि नीम स्किन के रूखेपन, स्किन की खुजली और रेडनेस को दूर करता है. यह पिंपल्स और स्किन के दाग-धब्बों को भी रोकता है.

और भी फायदे

नीम स्किन के लिए मॉइश्चराइजर के रूप में भी बेहतरीन काम करता है. अगर आप नीम बॉडी वाश का उपयोग करें तो इसमें मौजूद फैटी एसिड और विटामिन आपकी स्किन को मॉइश्चराइज्ड और सॉफ्ट रखेंगे, जिससे आपकी स्किन फ्रेश और यंग फील करेगी. नीम में विटामिन ई के गुण होते हैं जो स्किन को रिपेयर करते हैं और वातावरण में होने वाले बदलाव के प्रभाव से भी बचाते हैं.

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आमतौर पर नीम बाथ जैल, शैंपू, स्किन लोशन और टूथपेस्ट जैसे प्रोडक्ट्स में पाया जाता है, लेकिन आप कोई भी प्रोडक्ट खरीदने से पहले अच्छे से उसके बारे में जान लें और कोशिश करें कि प्राकृतिक तत्त्वों से बने उत्पाद ही इस्तेमाल करें.

किंजल ने मांगी अनुपमा से माफी तो काव्या के सपने हुए चूर, पढ़ें खबर

टीवी सीरियल ‘अनुपमा’ में इन दिनों फैमिली ड्रामा देखने को मिल रहा है. जहां काव्या एक के बाद एक नई चाल चल रही है तो वहीं अनुपमा और किंजल के बीच दूरियां देखने को मिल रही है. इसी बीच अपकमिंग एपिसोड में काव्या को झटका लगने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा आगे…

किंजल को भड़का रही है काव्या

 

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अब तक आपने देखा कि अनुपमा और किंजल की लड़ाई के बाद काव्या ने नया प्लान बना लिया है. वह किंजल को हर वक्त भड़काने में लगी हुई है. इसी के चलते किंजल गुस्से में आकर बिना कुछ खाए पीए खुद को एक कमरे में बंद कर लेती है.  हालांकि समर उसे मनाने की कोशिश करता है. लेकिन ऑफिस जाते वक्त काव्या (Madalsha Sharma) एक बार फिर से उसे भड़काना शुरु कर देती है.

 

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वनराज को सुनाएगी किंजल

 

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इसी बीच काव्या ऑफिस के बाद किंजल को रेस्टोरेंट में खाना खाने ले जाएगी, जिसके कारण उसे घर लौटने में देरी हो जाएगी. इसके कारण घरवालों के साथ किंजल बहस करती नजर आएगी. वहीं बीच में वनराज को खरी खोटी सुननी पड़ेगी.

किंजल करेगी ये काम

 

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अपकमिंग एपिसोड में किंजल को अपनी गलती का एहसास हो जाएगा. दरअसल, किंजल काव्या के प्लान को समझ जाएगी और अनुपमा से माफी मांगती नजर आएगी. वहीं ये सब देखकर काव्या का गुस्सा बढ़ जाएगा. इसी शाह परिवार में एक और बवाल देखने को मिलेगा. काव्या अपने लिए राशन का सामान मंगवाएगी. हालांकि बा उसे कहेगी कि इतना राशन क्यों मंगवाया. लेकिन काव्या कहेगी कि वह वनराज औऱ उसे बता दें कि कितना पैसा देना है राशन का वो देंगे, जिसको लेकर बा उसे गुस्से में कहेगी कि घर बांटना काफी नही है कि अब राशन भी बांटेगी.

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Barrister Babu: ट्रोलिंग के बीच बड़ी बोंदिता ने सेट पर बनाए नए दोस्त, फोटोज वायरल

कलर्स के सीरियल बैरिस्टर बाबू (Barrister Babu) की बड़ी बोंदिता यानी आंचल साहू (Anchal Sahu) इन दिनों सुर्खियों में हैं. दरअसल, औरा भटनागर यानी छोटी बोंदिता के चलते एक्ट्रेस आंचल साहू (Anchal Sahu) को ट्रोलिंग का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि अनिरुद्ध यानी प्रविष्ट उनका पूरा साथ देते हुए नजर आए थे. इसी बीच सीरियल के सेट पर बड़ी बोंदिता यानी आंचल साहू (Anchal Sahu) की कुछ फोटोज वायरल हो रही हैं, जिसमें वह बैरिस्टर बाबू की टीम के साथ बोंडिग बनाती नजर आ रही हैं. आइए आपको दिखाते हैं वायरल फोटोज…

बड़ी बोंदिता ने बनाए दोस्त

 

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बैरिस्टर बाबू की बड़ी बोंदिता यानी आंचल साहू (Anchal Sahu) ने आते ही सीरियल बैरिस्टर बाबू के सेट पर अपना जादू चलाना शुरू कर दिया है. दरअसल,सेट पर कम समय में ही आंचल साहू के नए दोस्त भी बनने गए हैं, जिनमें ये बच्चे शामिल हैं.

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बच्चों के साथ दिए पोज

 

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हाल ही में सीरियल के सेट से कुछ फोटोज वायरल हो रही हैं, जिसमें आंचल साहू (Anchal Sahu) बैरिस्टर बाबू की कास्ट में शामिल बच्चों के साथ पोज देती नजर आ रही हैं. वहीं इन फोटोज में उनकी बोंडिग भी दिख रही है.

आंचल साहू के लुक की हो रही तारीफें

 

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सीरियल के सेट से बड़ी बोंदिता का लुक भी फैंस को पसंद आ रहा है. वहीं अनिरुद्ध के साथ बड़ी बोंदिता की कैमेस्ट्री देखने के लिए फैंस बेताब नजर आ रहे हैं.

 

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बता दें, आज से यानी 1 जुलाई से बैरिस्टर बाबू में 8 साल के लंबे लीप की शुरुआत होने वाली है, जिसमें बोंदिता लंदन से पढाई करके वापस आ जाएगी. वहीं अनिरुद्ध का नफरती अंदाज भी देखने को मिलेगा. फैंस अनुरुद्ध का ये लुक देखकर तारीफों के पुल बांध रहे हैं.

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Monsoon Special: 3 तरह की ग्रेवी से सब्जी का स्वाद बढ़ाए

सब्जी का स्वाद उसकी ग्रेवी से बढ़ जाता है. भारतीयो को हर खाने में मिर्च मसाले पसंद आते है, भारतिय रसोई में सब्जी में ग्रेवी कई तरीके से बनाई जाती है. कई ऐसे पकवान होते हैं जो बिना ग्रेवी के अच्छे ही नहीं लगते, जैसे- छोले, पनीर की सब्जी, और आलू दम इत्यादि. आज हम तीन ऐसी ग्रेवी के बारे में बताने जा रहे हैं जो आप विभिन्न सब्जी रेसिपीज में ट्राई कर सकती हैं. हालांकि इस दौरान यह ध्यान रखना जरूरी है कि सब्जी में ग्रेवी किस तरह की रखनी है, यानि पतली या गाढ़ी. इस बात को ध्यान में रखते हुए अगर आप सब्जी की ग्रेवी बनाएंगी तो परिवार वाले उंगलियां चाटते हुए सब्जी के स्वाद का आनंद उठाएंगे.

काजू खसखस  की ग्रेवी

काजू और खसखस की ग्रेवी मटर मशरूम, और मटर पनीर जैसी सब्जियों में खूब पसंद की जाती है. हालांकि ग्रेवी बनाने के लिए इसे हल्का दरदरा रखें, इससे खाने का आनंद और बढ़ जाता है. ग्रेवी बनाने के लिए काजू, खसखस, अदरक, लहसुन, हरी इलायची, बड़ी इलायची, और टमाटर को एक साथ पीस लें. अब सब्जी में जीरा, साबुत लाल मिर्च, और हींग से तड़का लगाएं. अब ग्रेवी को धीमी आंच पर कुछ देर भून लें. इस ग्रेवी में सब्जी चटपटी चाहते हैं तो आखिर में थोड़ा दही मिक्स कर लें. ग्रेवी में सब्जी को जितनी देर पकाएंगी, यह उतनी ही स्वादिष्ट बनेगी. वहीं ग्रेवी में हमेशा गर्म पानी का उपयोग करें, इससे सब्जी का स्वाद बढ़ जाता है.

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सब्जी में टमाटर की ग्रेवी

टमाटर की ग्रेवी भारतीय घरों में खूब पसंद की जाती है. खासकर बच्चों को काफी पसंद आता है. सिर्फ एक टमाटर को मिक्स कर आप ग्रेवी को स्वादिष्ट बना सकती हैं. हालांकि जब आप किसी सब्जी के लिए टमाटर की ग्रेवी बना रही हैं तो उसमें थोड़ी चीनी, दही और कसूरी मेथी का उपयोग जरूर करें. ग्रेवी बनाने के लिए मसालों में लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर, गरम मसाला, और हल्दी मिक्स करें. वहीं टमाटर की ग्रेवी बना रही हैं तो सबसे आखिर में ग्रेवी को थोड़ा थिक रखने के लिए ब्रेड का पाउडर मिक्स कर दें. अब इस ग्रेवी को सब्जी में इस्तेमाल करें.

बिना प्याज और लहसुन की ग्रेवी

ग्रेवी के लिए कुछ चीजें बहुत जरूरी होती हैं, जैसे मसाले, प्याज, लहसुन, और टमाटर लेकिन हिन्दुस्तान के कई घरों में लोग खाने में प्याज और लहसुन का इस्तेमाल नहीं किया जाता. बिना प्याज और लहसुन के भी स्वादिष्ट रेसिपी बना सकते हैं. बिना प्याज और लहसुन के ग्रेवी बनाने के लिए नारियल का टुकड़ा, खसखस के दाने, अदरक, हरी मिर्च, मूंगफली, टमाटर और थोड़ा सा पानी मिलाकर पेस्ट बना लें. जब भी बिना प्याज और लहसुन की सब्जी बना रहे हैं तो इस पेस्ट को मिलाकर ग्रेवी बनाएं. ये ग्रेवी गाढ़ी होने के साथ-साथ टेस्टी भी बनेगी.

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सेंसिटिव स्किन के लिए ट्राय करें ये 5 इटालियन ब्यूटी सीक्रेट्स

हम अपनी स्किन का कई बार बहुत ख्याल रखते हैं लेकिन एक बेदाग और निखरा हुआ चेहरा पाना इतना भी आसान नहीं होता है खास कर तब जब आपकी स्किन बहुत ज्यादा सेंसिटिव होती है क्योंकि सेंसिटिव स्किन पर अगर हम कोई नया या गलत प्रोडक्ट प्रयोग कर लेते हैं तो उससे हमारी स्किन बहुत अधिक खराब होनी शुरू हो जाती है और जितनी मात्रा में हमें पिंपल्स की या अन्य निशान की देखने को मिलती है उन्हें देख कर यह कल्पना भी नहीं की जा सकती कि हम भी कभी अपनी त्वचा को बेदाग और निखरी हुई बना सकेंगे. लेकिन अब आपको स्किन के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. आज हम आपके लिए कुछ इटालियन स्किन सीक्रेट्स लाए हैं जो आपकी स्किन के लिए बहुत ही अधिक लाभदायक रहने वाले हैं और आपकी स्किन को साइड इफेक्ट्स भी नहीं देंगे. आइए जानते हैं.

1. ऑलिव ऑयल : ऑलिव ऑयल आपकी स्किन को न केवल अंदर से अच्छी बनाता है बल्कि बाहर से भी स्किन की गुणवत्ता को और अधिक बढ़िया बना देता है. इसके साथ ही यह आपकी स्किन को हाइड्रेट और मॉइश्चराइज रखता है. इसमें एंटी एजिंग गुण होते हैं और यह हमारी स्किन को बूढ़ा होने से बचाता है. आप ऑलिव ऑयल को अपने मॉइश्चराइजर या स्क्रब आदि में मिला कर उन्हें प्रयोग कर सकते हैं. या फिर कुछ बूंद तेल लेकर उससे अपनी स्किन की डायरेक्ट मसाज भी कर सकते हैं. इटली में ऑलिव ऑयल को गोल्ड ऑफ गॉड कहा जाता है. अगर आपकी स्किन ऑयली है तो आप इसे केवल मॉइश्चराइजर में कुछ बूंदें मिला कर ही प्रयोग करें.

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2. स्ट्राबेरी स्क्रब : क्या आप जानते हैं कि स्ट्राबेरी में संतरे से भी अधिक विटामिन सी होता है और इसमें बहुत अधिक एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो आपकी स्किन को डेमेज होने से बचाते हैं. इस स्क्रब को बनाने के लिए आपको कुछ स्ट्राबेरी लेनी होती हैं और उन्हें मैश कर लें. अब उसमें थोड़ी सी चीनी और कुछ बूंद ऑलिव ऑयल की मिला कर मिक्स कर लें. अब इस स्क्रब को अपनी स्किन पर अप्लाई करें और हल्की हल्की और गोल दिशा में मसाज करके एक्सफोलियेट करें.

3. स्ट्राबेरी एंटी इन्फ्लेमेटरी मास्क : स्ट्राबेरी के लाभ तो हम अभी ऊपर पढ़ कर ही आए हैं. इसका मास्क बनाने के लिए आपको 4 स्ट्रॉबेरी मैश कर लेनी हैं और उनमें दो चम्मच चीनी के साथ थोड़ा सा शहद मिला कर अच्छे से मिक्स करें और एक पेस्ट तैयार कर लें. शहद में एंटी बैक्टेरियल गुण होते हैं इसलिए यह पिंपल्स को ठीक करता है. अब इस मास्क को एक ब्रश की मदद से आपके पूरे चेहरे पर लगा लें और 10 से 15 मिनट के बाद इसे धो लें.

4. नींबू का रस : नींबू का रस आपके चेहरे से डार्क स्पोट्स मिटा सकता है लेकिन अगर आप इसका प्रयोग ध्यान से नहीं करेंगी तो इससे आपकी स्किन इरिटेट भी हो सकती है. इसका सही ढंग से प्रयोग करने के लिए एक बर्तन में नींबू का रस निकाल लें और उसमें एक कॉटन पैड डालें और सारा रस उसमें सोख लें और अपनी स्किन पर धीरे धीरे लगाएं. निम्बू के रस में विटामिन सी होता है जिसे एक प्राकृतिक स्किन ब्लीचर माना जाता है.

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5. दही का मास्क : इस मास्क को बनाने के लिए बिना फ्लेवर वाली दही के अंदर 2 चम्मच शहद मिला दें और अच्छे से मिक्स कर लें. दही में लैक्टिक एसिड होता है जो आपकी स्किन से प्राकृतिक रूप से सारी डेड स्किन सेल्स निकाल देता है. शहद आपकी स्किन को मॉइश्चराइज करता है. इस मास्क को अपनी स्किन पर अप्लाई करंआ और 30 मिनट के लिए लगा रहने दें और उसके बाद धो लें. इस मास्क का प्रयोग करने से आपकी स्किन हाइड्रेट और मॉइश्चराइज तो रहेगी ही साथ में आपकी स्किन में एक ताजगी आ जायेगी.

अगर इन सभी नुस्खों का आप ध्यान पूर्वक और नियमित रूप से प्रयोग करेंगी तो आपकी स्किन बहुत कम समय में ही निखरने लगेगी और उसकी गुणवत्ता भी पहले से काफी अच्छी हो जायेगी.

धोखा खाने के बाद भी लोग धोखेबाज व्यक्ति के साथ क्यों रहते हैं?

कई बार लोगों को पता होता है कि उनके पार्टनर ने उन्हें चीट किया है और वह फिर भी इस स्थिति से बाहर नहीं निकलते हैं. ऐसा माना जाता है कि अगर आप खुद को धोखा खा कर भी उसी जगह रखते हैं और आगे नहीं बढ़ते हैं तो आप खुद की कदर नहीं कर रहे हैं और खुद की कदर खुद ही घटा रहे हैं. लेकिन हर बार ऐसा नहीं होता है. इसके अलावा भी बहुत से कारण होते हैं जिनकी वजह से लोग अपने धोखेबाज पार्टनर के साथ रह लेते हैं और इसका कारण यह नहीं होता कि वह खुद की वैल्यू नहीं समझते हैं. आज हम कुछ ऐसे ही लोगों के बारे में बात करेंगे जो धोखा खा कर भी धोखेबाज के साथ रहे हैं और जिन्होंने इसके पीछे का अपना अनुभव शेयर करते हुए बताया है कि ऐसी कौन कौन सी वजहें थी जिसकी वजह से उन्हें ऐसा करना पड़ा. आइए कुछ वजहों को जानते है.

परिवार उनके रिश्ते से अधिक आवश्यक होता है

एक 37 वर्षीय महिला अपना अनुभव बताती हुई कहती हैं कि उन्हें पता चल गया था कि उसके पति उन्हें धोखा दे रहे हैं लेकिन अलग होने से पहले उनके मन में उनकी बेटी के बारे में सवाल जागा कि अगर वह अलग हो गई तो उनकी बेटी का क्या होगा. उन्हें पिता का प्यार किस प्रकार मिलेगा. उनकी बेटी अब अपनी विकास होने वाली उम्र में थी और अगर अब वह अलग हो जाती हैं तो इससे उनकी बेटी के दिमाग पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ सकता था और उनके लिए यह सब सह पाना आसान नहीं होता. इसलिए उन्हें अपने धोखेबाज पति के साथ ही रहना पड़ा.

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सामाजिक शर्मिंदगी का डर

कुछ महिलाएं इस स्थिति से बाहर इसलिए भी नहीं निकल पाती हैं क्योंकि उन्हें यह डर रहता है कि अगर वह अपने पति से अलग हो गई तो समाज उन्हें बहुत से ताने देगा. ऐसे में ही एक महिला कहती हैं कि अगर वह इस बात का खुलासा सब के आगे कर देंगी तो उनके आस पड़ोस की आंटी उस महिला को ही सारी स्थिति का जिम्मेवार ठहराएगी. उनके मुताबिक वह महिला ही होती है जो अपने पति की शारीरिक जरूरतों को पूरा नहीं कर पाती जिस कारण वह दूसरी महिला के पास जाता है. यह भी महिलाओं के लिए एक सबसे बड़ी चुनौती होती है.

प्यार के लिए लड़ना

अगर हम किसी से प्रेम करते हैं और उन्हें किसी और व्यक्ति से प्रेम हो जाता है तो हम अपने रिश्ते को बचाने के लिए अंत तक कोशिश करते रहते हैं ताकि हम उनके प्यार को दोबारा पा सकें. ऐसा ही एक केस एक पुरुष के साथ भी हुआ. उनकी पत्नी उन्हें हर रोज बताती कि वह अपने सह कर्मी के साथ कैसा महसूस करती हैं और वह उसे कितना स्पेशल फील करवाता है. इसी बीच वह अपनी पत्नी का प्यार दुबारा पाने के लिए और अधिक प्रयास करने लग जाते हैं ताकि उन्हें उनका प्यार दोबारा से मिल सके.

इमोशनल जुड़ाव

जब दो लोग एक दूसरे से प्यार करते हैं और वह एक दूसरे का सहारा बन जाते हैं तो एक दूसरे से इस प्रकार जुड़ जाते हैं कि वह किसी और के साथ अपने पार्टनर को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं. अगर वह अकेले रहने की भी सोचते हैं तो इस ख्याल से ही उनका दिल बहुत अधिक हर्ट होने लगता है. ऐसी ही एक महिला बताती हैं कि उनके पति ने किसी और को किस किया लेकिन वह चाह कर भी उन्हें नहीं छोड़ सकती क्योंकि जब उनके पिता की मृत्यु हुई तो उन्होंने उनका बहुत सपोर्ट किया था लेकिन तब से ही उनका रिश्ता खराब होने लगा था.

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कुछ लोग लोगों के मजाक से डरते हुए भी एक दूसरे के साथ रहते हैं क्योंकि उन्होंने अपने पूरे फ्रेंड सर्कल को अपने रिश्ते के बारे में बताया होता है और ब्रेक अप के बाद उनके दोस्त कहीं उनका मजाक न उड़ाने लगे इसलिए वह ऐसा नहीं करते.

कम जनसंख्या अच्छी बात है

भारत में जहां आज भी हिंदू कट्टरपंथी कुप्रचार के कारण  जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की बात कर रहे हैं कि इस से मुसलिम जनसंख्या बढ़नी रुक जाएगी, वहीं दुनिया के समर्थ देश जनसंख्या में भारी कमी के अंदेशे से मरे जा रहे हैं.

जापान में 2020 में 8,40,832 बच्चे पैदा हुए जबकि 2019 में 8,65,259 बच्चे पैदा हुए थे. 1899 के बाद से जब से जनगणना शुरू हुई है जापान में 1 साल में पैदा होने वाले बच्चों की यह गिनती सब से कम है.

यही नहीं जहां 2019 में 5,99,007 विवाह हुए थे, वहीं 2020 में 5,25,490 विवाह ही हुए. कम विवाह, कम बच्चे. 2021 में नए बच्चों की गिनती पिछले साल से 10% और कम होने की आशंका है. पहले सरकार को उम्मीद थी कि प्रति वर्ष 7,00,00 बच्चों का पैदा होना 2031 तक होगा पर यह 10 साल पहले हो गया है.

बस इतना जरूर है कि अब तलाकों की गिनती में वृद्धि रुक गई है, फिर भी 1,93,251 तलाक हुए थे.

जापान के ये आंकड़े असल में यूरोप, चीन, अमेरिका जैसे ही हैं जहां कोरोना से नहीं, ग्लोबल वार्मिंग से नहीं, औरतों की अपनी इच्छाओं के कारण बच्चों की गिनती घटती जा रही है.

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चाहे कितना ही वर्क फ्रौम हौम हो जाए, चाहे कितनी ही मैटरनिटी और पैटरनिटी लीव्स मिल जाएं, यह पक्का है कि हर बच्चा मां पर एक बो झ होता है और वह बेकार का बो झ नहीं ढोना चाहती.

सदियों से आदमी बच्चा पैदा करने के लिए औरतों को शादी कर के गुलाम सा बनाते रहे हैं और खुद मौज करते रहे हैं. सामाजिक ढांचा ऐसा बना दिया गया है कि औरतें अपना अस्तित्व बच्चों में ही देखने लगीं.

भारत में ही नहीं पश्चिमी देशों में भी धर्म ने बच्चों पर जोर दिया चाहे बाद में इन बच्चों को धर्म की रक्षा करने के लिए, मरने के लिए भेजा जाता रहा हो. धर्म ने कभी भी बच्चों की खातिर औरतों को कोई छूट न दी, न लेने दी पर बच्चे न हों तो हजार तरह की तोहमतें लगा दीं.

आज की पढ़ीलिखी औरतें इस साजिश को तोड़ कर पुरुषों के बराबर बच्चे पैदा करने का बो झ न ले कर कंसीव कर रही हैं, जहां कुछ नौकरियों में इतना वेतन व सुविधाएं मिल जाती हैं कि किसी हैल्पर को रखा जा सके. अधिकांश औरतें बच्चों के कारण दूसरे दर्जे की नौकरियों में फंस जाती हैं.

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दुनिया की फैक्टरियां और दफ्तर ऐसे जगहों पर हैं जहां पहुंचने के लिए ही घर से 2 घंटे लगते हैं. 13-14 घंटे दूर रह कर औरतें बच्चे पालने और पुरुषों के बराबर काम करने का दावा नहीं कर सकतीं. इसलिए वे न विवाह कर रही हैं, न बच्चे.

बच्चों के बिना शादी हो तो एक और आजादी रहती. जब मरजी पार्टनर बदल लो. पार्टनर न भी बदलो तो जो अच्छा लगे उस के साथ जैसा मरजी संबंध बना लो जो पुरुष हमेशा से करते आए हैं. आखिर यही वजह है कि दुनियाभर में औरतें ही वेश्याएं हैं, आदमी नहीं. आदमियों के पास अवसर है कि घर में पत्नी बच्चे भी संभाले, बिस्तर भी और वे इधरउधर मुंह मारते रहें.

कम जनसंख्या वैसे विश्व के लिए अच्छी बात है. कम लोग ज्यादा सुखी रहेंगे. प्राकृतिक बो झ भी नहीं बढ़ेगा और बेमतलब के विवाद भी नहीं होंगे.

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जापान का नंबर वन प्रीमियम रैप ब्रांड असाही केसी ब्रांड ने 2014 में भारत में कदम रखते ही भारतीय रसोई में अपनी जगह बना ली है. 2020 में असाही केसी को इकोनॉमिक्स टाइम्स ने पसंदीदा प्रीमियम किचन कुकिंग एंड फूड प्रिजर्विंग शीट्स ब्रांडके लिए उद्योग नेतृत्व पुरस्कार से सम्मानित किया. जहां इस वैश्विक महामारी के दौरान लाइफस्टाइल तकनीक ने बहुत से लोगों के जीवन को आसान बनाने में मदद की है, वहीं असाही केसी के प्रीमियम रैप, कुकिंग शीट और फ्राइंग पैन फॉयल ने रसोई में काम करने के लोगों के अनुभव को और आसान बनया है. लॉकडाउन के वक्त हम में से अधिकांश लोगों ने नए व्यंजन ट्राय की तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी थे जो बहुत ही बुनियादी परेशानियों जैसे भोजन को सुरक्षित और ताजा कैसे रखें, से जूझ रहे थे.

ये एक अत्याधुनिक रसोई उत्पाद है जिसने रसोई में काम करने वाले अनुभवी हों या शौकिया दोनों की तरीके के लोगों के लिए क्रांतिकारी बदलाव किया,  इसने न सिर्फ उनके समय की बचत की बल्कि उनके किचन के एक्सपिरिएंस को भी आसान बना दिया है. चाहे फूड की फ्रेशनैस की बात करें या फिर फूड को स्टोर करने की असाही केसी रैप हर मामले में बेतरीन साबित हुआ है.

एक बहुमुखी रसोई नायक के रूप में असाही केसी ने अपनी अलग पहचान बनाई है. खाना पकाने की कई समस्याओं के समाधान के रुप में प्रीमियम रैप ने भारत में कामकाजी जोड़ों और एकल परिवारों की रसाई में क्रांति पैदा की है जिन्हें अपने खाने को लंबे समय तक स्टोर रखने की आवश्यक्ता होती है क्योंकि उनके अपने टाइट वर्क शेडयूल के चलते कभी हफ्तेभर का खाना तैयार करना पड़ता है तो कभी वीकएंड्स पर भी उन्हें अपना बनाने की फुरसत नहीं होती. खासतौर पर अगर हम वर्तमान समय की बात करें जहां लोगों के लिए अपना वर्कलाइफ बैलेंस बनाना बहुत मुश्किल होता है. एक के बाद एक जहां लोग लगातार जूम मीटिंग में व्यस्त हैं वहां उनके स्वस्थ रहने के लिए हेल्दी और ताजा भोजन बहुत जरुरी है. ऐसे में वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए ये प्रोडक्ट वरदान साबित हो रहा है क्योंकि इसके साथ आप बाजार के अस्वस्थ खाने की बजाए अपने घर के खाने को ही लंबे समय तक रेफ्रीजरेटर में स्टोर कर सकते हैं और फिर उसी फॉयल पेपर में माइक्रोवेव में दोबारा गर्म कर सकते हैं.

एक और कारण है जिसके चलते कई लोग असाही केसी प्रीमियम रैप पर इतना भरोसा करते हैं, क्योंकि इसके अंदर पहले से ही कटर जुड़ा हुआ है. बस आपको जितनी जरुरत है उतना रैप बाहर निकालें, बॉक्स को बंद करें और फ्लैप पर अंगूठें का निशान बनाकर कटर से किनारों को काट दें. ये फ्रोज़न फूड को ताजा रखने और सूखने से बचाने के लिए भी फायदेमेंद है. कच्ची सब्जियां, फल, मांस, मुर्गी और मछली, साथ ही बनी हुई रोटी हो या गूंधा हुआ आटा, सभी को आप इस रैप के जरिए आसानी से संरक्षित कर सकते है. ये मॉइस्चर को ट्रैप करके रखता है ऑक्सीजन को उसमें गुजरने से रोकता है. जिससे खाना लंबे वक्त तक कुरकुरा और ताज़ा बना रहता है.

कमरे के तापमान पर खाना स्टोर करना हो या रेफ्रिजरेटर में खाद्य पदार्थों की पैकिंग और भंडारण की दक्षता में ये सुधार करता है. ये रिंकल फ्री प्रोडक्ट है और इसको इस्तेमाल करना आसान है क्योंकि यह पीवीडीसी (पॉलीविनाइलिडीन क्लोराइड) क्लिंग फिल्म से बना है. यह रेफ्रिजरेटर या माइक्रोवेव में किसी भी इंडियन या एथेनिक फूड को स्टोर करने या गर्म करने के लिए भी एक आदर्श प्रोडक्ट है. जापान में 60 से अधिक वर्षों से इसका इस्तेमाल किया जा रहा है, जो उनके स्थायित्व और गुणवत्ता का प्रदर्शन करता है.

इस प्रोडक्ट का आपके किचन में होना आपके लिए बचे हुए खाने को सहूलियत से स्टोर करने में मदद करता है. ये प्रीमियम रैप कच्चे और पके, दोनों तरह के भोजन को बदबू से मुक्त रखते हुए अगले दिन तक खाने के लिए भी सुरक्षित रखता है. इसके साथ ही स्टोरेज के मामले में ये एक बेहतरीन प्रोडक्ट तो है ही साथ में किचन में खाने को गिरने से बचाता है जिससे आपकी रसोई साफ रहती है. वेस्ट मैनेजमेंट के मामले में भी ये गजब का काम करता है क्योंकि एक ओर तो ये खाने की रिफ्रेशमेंट बनाए रखता है तो वहीं उसे गिरने से भी बचाता है. इसमें खाना स्टोर करने से आपका खाना बर्बाद भी कम होता है क्योंकि आप बचा हुआ खाना आराम से स्टोर करके बाद में खा सकते हैं.

औसत निकाल कर देखें तो असाही केसी के प्रोडक्ट एक महीने से ज्यादा चलते हैं और अब बिग बाजार के सभी रिटेलर्स पर मौजूद है. ले मार्चे, दिल्ली में फ़ूडहॉल, एनसीआर, मुंबई, पुणे, बैंगलोर, कोलकाता, हैदराबाद, चेन्नई और अमेज़ॅन और बिगबास्केट बाजार में ये 250 रुपये की कीमत से इसके प्रोडक्टस शुरुआत होती है.

असाही केसी प्रोडक्ट्स की बात करें तो ये भारत में प्रीमियम रैप, फ्राइंग पैन फ़ॉइल और कुकिंग शीट जापान की खाना बनाने, पकाने और स्टोर करने विधि लेकर आए हैं और ये हम प्रोडक्ट अपने क्षेत्र में बेहतरीन काम कर रहे हैं. असाही केसी रसायन और भौतिक विज्ञान में एक वैश्विक दिग्गज है. इसका कारोबार 18.5 अरब डॉलर का है.

मुक्ति का बंधन: अभ्रा क्या बंधनों से मुक्त हो पाई?

लेखक- दीपान्विता राय बनर्जी

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