फिल्मों की शूटिंग शुरू करने की इजाजत के लिए FWICE ने महाराष्ट्र CM से लगाई गुहार, पढ़ें खबर

कोरोना की दूसरी लहर के चलते महाराष्ट्र में पिछले दो माह से फिल्म,टीवी सीरियल,लघु फिल्मों व वेब सीरीज की शूटिंग सहित सारे काम काज बंद हैं. इससे फिल्म इंडस्ट्री को कई हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है. डेली वेजेस वर्करों की आर्थिक हालात जरुरत से ज्यादा खराब है. पिछले माह ‘फेडरेशन आफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्पलॉइज’और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कई संगठनो ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मंुबई व उसके आसपास,जहां पर कोरोना के मामले कम आ रहे हैं,वहां पर शूटिंग शुरू करने की इजाजत देने की मांग की थी. लेकिन महाराष्ट् के मुख्यमंत्री के आश्वासन के बावजूद एक जून से छूट नही मिली,बल्कि प्रतिबंध ही लगे हुए हैं.

परणिामतः फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्पलॉइज (एफडब्लूआइसीई)  और कोआर्डिनेशन कमेटी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक बार फिर पत्र लिखकर मांग की है कि  इंटरटेनमेंट इंडस्ट्रीज का काम फिर से शुरू करने की वह अनुमति दें.   इस पत्र  में एफडब्लूआइसीई ने और कोआर्डिनेशन कमेटी  लिखा है कि कोरोना की दूसरी लहर ने इस साल भी फिल्म इंडस्ट्री को काफी नुकसान पहुंचाया है. महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते केसेज के मद्देनजर अप्रैल 2021 के बाद से टीवी सीरियलों,फिल्म, वेब सीरीज की शूटिंग पर पाबंदी लगा दी गई थी. शूटिंग बंद होने के कारण एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से जुड़े कई कलाकार के हाथ से उनका काम निकल गया,जबकि कई लोग हैदराबाद, गुजरात, राजस्थान जैसे दूसरे शहर चले गए. फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्पलॉइज (एफडब्लूआइसीई) ने सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को खत लिखकर मीडिया एंड एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को काम वापस शुरू करने,फिल्मों आदि की शूटिंग व अन्य पोस्ट प्रोडक्शन वर्क करने  की इजाजत देने का अनुरोध किया है.  इस पत्र में एफडब्लूआइसीई  के अध्यक्ष बीएन तिवारी,महासचिव अशोक दुबे, कोषाध्यक्ष गंगेश्वर लाल श्रीवास्तव, चीफ एडवाइजर अशोक पंडित और चीफ एडवाइजर शरद शेलार के हस्ताक्षर हैं.

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पत्र में एफडब्लूआइसीई ने लिखा कि उनकी तरफ से कई बार मुख्यमंत्री को इस विषय पर लिखा गया,पर मुख्यमंत्री ऑफिस ने इसका कोई जवाब नहीं दिया ना ही इसपर कोई फैसला लिया गया.  फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉयज (एफडब्लूआइसीई) ने कहा है कि लाखों कलाकार, वर्कर और टेक्नीशीयन पिछले डेढ़ साल से बेरोजगार हैं और फिल्म इंडस्ट्री ही उनका एकमात्र कमाई का जरिया है. लॉकडाउन की वजह से कई मजदूरों की जिंदगियां प्रभावघ्ति हुई है.

एफडब्लूआइसीई  ने आगे लिखा कि महाराष्ट्र में लॉकडाउन को अगले 15 दिन के लिए बढ़ाने से कलाकारों, वर्कर्स और टेक्नशीयंस को झटका लगा है और इंडस्ट्री की इकोनॉमी पर भी असर होगा. इसकी वजह से निर्माता भी प्रभावित हुए हैं जिन्होंने अपनी निर्माणाधीन फिल्मो में पैसे लगाए और लॉकडाउन के कारण वह फिल्में रुक गयी. पत्र में  एफडब्लूआइसीई के पदाधिकारियों ने समस्या बताते हुए लिखा कि उन्हें रोज कई फोन आते हैं और सभी काम दोबारा शुरू किए जाने का अनुरोध करते हैं.

एफडब्लूआइसीई की तरफ से मुख्यमंत्री  उद्धव ठाकरे से शूटिंग का काम दोबारा शुरू किए जाने की स्पेशल इजाजत मांगी गई है. इसके साथ ही एफडब्लूआइसीई ने यह आश्वासन दिया है कि वह काम के समय कोरोना से बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी सभी नियमों का पालन करेंगे.

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अल्पसंख्यक समुदाय के टीकाकरण पर उत्तर प्रदेश का जोर

कोरोना टीकाकरण को लेकर मुख्य मंत्री योगी आदित्यसनाथ की जनता से की गई अपील का असर मंगलवार को नजर आया. खासकर अल्पलसंख्यरक समुदाय के लोगों में टीकाकरण को लेकर काफी उत्सा ह नजर आया. लख्न ऊ के छोटे इमामबाड़े में बनाए गए कोविड टीकाकरण केन्द्रत पर सुबह से ही टीका लगवाने के लिए लम्बी् लाइन दिखाई दी. इसे पहले इस्लाकमिक सेंटर आफॅ इंडिया ईदगाह में वैक्सीीनेशन सेंटर बनाया गया है. इस मौके पर शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे जवाद व जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने टीकाकरण केन्द्रस पहुंच कर व्ययवस्थानओं का जायजा लिया. इस दौरान उन्हों ने लोगों को टीकाकरण के फायदे बताए .

यूपी में मंगलवार से विश्वो के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरूआत हुई है. इस पूरे अभियान के दौरान एक करोड़ से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जाएगा. उत्तर प्रदेश में 18 से 44 वर्ष की आयु के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में दो-दो और शहरी क्षेत्र में तीन-तीन विशेष टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं. बड़े जिलों में आवश्यकता के अनुसार दो केंद्र बढ़ाने की अनुमति दी गई है. वहीं 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों के लिए भी दो-दो विशेष टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं.

अल्पकसंख्यएक समुदाय में उत्साह

लखनऊ में हुसैनाबाद स्थित छोटे इमामबाड़े में कोरोना वैक्सी्नेशन के लिए बड़ा केन्द्रक बनाया गया था. सुबह से ही लोग उत्साहह के साथ टीकाकरण अभियान में शामिल हो रहे थे. इस मौके पर इमाम ए जुमा मौलाना कल्बेय जवाद ने टीकाकरण केन्द्रब पहुंच कर लोगों को टीके के फायदे बताए . उन्होंेने कहा कि कोरोना से बचाव का एक मात्र तरीका कोरोना टीका है. उन्होंोने लोगों से अपील की वह किसी भी तरह की अफवाह में न आए और अपना टीकाकरण कराए. टीकाकरण को लेकर अफवाहे फैलाने वाले मुस्लिम समुदाय के दुश्मलन है.

हुसैनाबाद निवासी शहजाद ने बताया कि सरकार ने पुराने लखनऊ में बड़ा केन्द्र बनाकर लोगों को राहत दी है. पुराने लखनऊ के लोगों को टीका लगवाने के लिए काफी दूर जाना पड़ रहा था. ऐसे में जिन लोगों के पास साधन नहीं थे, वह टीका नहीं लगवा रहे थे. सरकार छोटा इमामबाड़े में केन्द्र लगाने से लोगों को काफी राहत पहुंची है. छोटे इमामबाड़े में 18 से 44 साल के लोगों का अलग टीकाकरण किया जा रहा था जबकि 44 से ऊपर के लोगों का टीकाकरण अलग से किया जा रहा था. टीकाकरण केन्द्रं पर सेल्फीि प्वाजइंट भी बनवाया गया था. जहां पर युवाओं ने टीका लगवाने के बाद अपनी सेल्फी ली. वहीं, मौके पर मौजूद सिविल डिफेंस कर्मी लोगों के बीच सोशल डि‍स्टेंपसिंग बनाने का काम कर रहे थे.

टीकाकरण केन्द्र पर बड़े पैमाने पर मुस्लिम महिलाएं भी उपस्थित थी. जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने छोटा इमामबाड़ा स्थित टीकाकरण केन्द्र का निरीक्षण किया. उन्होंरने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से आसपास के इलाकों से टीकाकरण केन्द्रे तक लाने के लिए विशेष बसों का संचालन भी किया गया था. इसमें बिल्लौसचपुरा, अकबरीगेट आदि से बसें लोगों को टीकाकरण केन्द्रे तक ला रही थी. वहीं, सरकार ने जून महीने में एक करोड़ टीके लगाकर इस संख्या को तीन करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है.

काव्या को शादी का गिफ्ट देगी अनुपमा तो वनराज को देगी ये ताना

सीरियल ‘अनुपमा’ की कहानी इन दिनों धमाकेदार मोड़ ले रही है. जहां काव्या की शादी के सपनों पर पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है तो वहीं अनुपमा के सामने नई चुनौतियां आने वाली हैं. इसी बीच शो के मेकर्स ने दर्शकों के लिए एक नया प्रोमो रिलीज किया है, जिसमें अनुपमा, काव्या और वनराज को उनकी नई जिंदगी की शुरुआत के लिए गिफ्ट देती नजर आ रही हैं. आइए आपको बताते हैं क्या है प्रोमो में खास…

वनराज को अनुपमा मारेगी ताना

 

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अपकमिंग एपिसोड्स की झलक दिखाते हुए अनुपमा के मेकर्स ने प्रोमो रिलीज किया है, जिसमें वनराज (Sudhanshu Pandey) काव्या की मांग भरता हुआ नजर आ रहा है. वहीं इस दौरान अनुपमा दोनों को एक तोहफा भी दे रही है. दरअसल, प्रोमो में अनुपमा, काव्या (Madalsha Sharma) को शगुन के कंगन और खानदानी जेवर, जो कि स्त्री धन की निशानी है. वह काव्या को देती नजर आ रही है. हालांकि बा इस बात से नाराज दिखाई दे रही हैं. लेकिन अनुपमा किसी की नहीं सुनती. दूसरी तरफ अनुपमा, वनराज को ताना मारते हुए काव्या संग इस रिश्ते को ईमानदारी के साथ निभाने की सलाह देती नजर आ रही है.

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काव्या ने दी थी अनुपमा को धमकी

 

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बीते एपिसोड की बात करें तो वनराज, काव्या संग शादी से पहले गायब हो गया था, जिसके बाद काव्या गुस्से में अनपुमा को फोन करके उसे उसके परिवार को जेल भेजने की धमकी देते हुए नजर आती है.वहीं अनुपमा पर हाथ उठाने की भी कोशिश करती हुई दिखती है. हालांकि अनुपमा काव्या की इस हरकत का करारा जवाब देती नजर आती है.

 

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बता दें. अपकमिंग एपिसोड में अनुपमा के नए सफर की शुरुआत होगी, जिसमें वह अकेले अपने सपनों की ओर कदम बढ़ाती हुई नजर आएगी. वहीं अब देखना ये है कि उसे अपने सपनों की मंजिल मिलेगी.

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करण मेहरा के आरोपों पर वाइफ निशा रावल ने तोड़ी चुप्पी, किए ये खुलासे

ये रिश्ता क्या कहलाता है फेम करण मेहरा और निशा रावल का मामला इन दिनों सुर्खियों में हैं. निशा रावल ने करण मेहरा पर घरेलू हिंसा का केस कर दिया था तो वहीं जमानत मिलने के बाद करण मेहरा ने अपना पक्ष सामने रखते हुए निशा और उनके भाई में पर मारपीट का आरोप लगाया था. हालांकि निशा ने अब इस मामले में अपनी चुप्पी तोड़ दी है. आइए आपको बताते हैं क्या कहती हैं निशा रावल…

मीडिया के सामने बयां किया दर्द

दरअसल, एक्ट्रेस निशा रावल ने हाल ही में अपने घर के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा कि करण की आज और 14 साल पहले की इमेज में कोई बदलाव नहीं आया है. चूंकि स्क्रीन और फैंस के बीच उनकी इमेज एक आदर्श लड़के की रही है तो मैंने भी कोशिश की है कि उनकी इमेज ऐसी ही बनी रही. क्योंकि इससे उनके करियर पर असर पड़ता. वह हर बार गलती करते और कहते थे कि ऐसी गलती नहीं होगी.

 

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अब्यूज करते हैं करण मेहरा

अपने रिश्ते को लेकर निशा आगे कहती हैं कि मैंने करण से इस रिश्ते को खत्म करने के लिए कहा था, जिसके लिए वह राजी हो गए थे. इसके लिए हमने अपने अपने वकील से भी बात कर ली थी. वहीं चंडीगढ़ से आने के बाद क्वांरटीन होने के बाद सोमवार रात को हमारी बहस हुई. वह हमेशा मुझे फिजिकली, मेंटली और इमोशनली अब्यूज करते रहे हैं और अब लगता है कि मुझे स्टैंड लेना चाहिए था, जिसके बाद सोमवार रात कहा कि मुझे तुम्हारी शक्ल पसंद नहीं है मैं तुम्हारे साथ नहीं रहना चाहता. मेरे भाई पिछले चार दिनों से रिश्ते को ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने मेरी सारी ज्वैलरी ले ली. रही बात एलि‍मनी की, मैंने उनसे यही कहा कि आप पर भी भार न आए, हमारे ऊपर भार न आए.

 

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बेटे के लिए उठाई आवाज

घरेलू हिंसा के बारे में निशा कहती हैं कि यह पहली बार नहीं है कि करण ने पीटा है. एक्टर होने के कारण वह जानते हैं कि कौन से रूम में कैमरा और कहां नजर नहीं आना चाहिए. कितनी बार मेरे आंखों में काले घेरे पड़े हैं और चोंटे आई हैं, जिसका हिसाब नहीं है. मैंने उन्हें नहीं छोड़ा, क्योंकि मैं उनसे प्यार करती थी और आज भी मैं उनसे प्यार करती हूं, तभी तो उनका अफेयर होने के बावजूद मैं थप्पड़ खा रही हूं. मैं अपने बेटे काविश के लिए बुरा उदाहरण नहीं बनना चाहती इसीलिए आज यहां आई हूं. मैं अपने बेटे के लिए करण जैसा पिता नहीं चाहती. कल उसने मुझे मारा और मेरा गला दबाने की कोशिश की.

 

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पति के आरोपों का दिया जवाब

 

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करण के बाइपोलर वाले आरोप पर निशा कहती हैं, करण अपने बचाव के लिए कहेंगे ही. यह मेरे लिए शॉकिंग नहीं है. मैं अपना सिर क्यों फोडूंगी, मैं एक एक्टर हूं अपने चेहरे से मुझे प्यार है. मेरा एक बच्चा है, मैं क्यों रिस्क लूंगी. मुझे बाइपॉलर है.  लेकिन मैं पागल नहीं हूं. 2014 सितंबर में मैनें पांच महीने का बच्चा खोया था. इसी बीच हस्बैंड आपको मार रहे हैं. तो मैं डॉक्टर से जाकर मिली, मेंटल हेल्थ से अवेयरनेस बहुत जरूरी है. मैं करण की वजह से डिप्रेशन में चली गई थी.

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बच्चे की कस्टडी लेंगी निशा

 

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बेटे की कस्टडी को लेकर निशा कहती हैं कि मैं अपने बच्चे की जिम्मेदारी लूंगी. मुझे नहीं लगता कि करण काविश की कस्टडी में इंट्रेस्टेड हैं. मैंने जब पूछा कि अगर काविश तुम्हारे पास रहता है, तो क्या करोगे. उन्होंने सीधा जवाब दिया कि शूटिंग के वक्त इसे पापा-मम्मी के पास दिल्ली छोड़कर आऊंगा. आप ही बताएं, हमारी तो बच्चे की कस्टडी को लेकर कोई बहस ही नहीं हुई. वह काविश के साथ रहना चाहते ही नहीं हैं.

बता दें बीते दिन जमानत मिलने के बाद निशा और उनके भाई पर मारपीट का आरोप लगाया है, वहीं दूसरी तरफ निशा के सपोर्ट में उनके दोस्त भी खड़े हो गए हैं. अब देखना है कि करण के सपोर्ट में कौन खड़ा होता हुआ नजर आता है.

लौकडाउन- भाग 2 : जब बिछड़े प्यार को मिलवाया तपेश के दोस्त ने

लेखिका- सावित्री रानी

सभी दोस्त वापस होस्टल चले गए.

सुबह जब पीयूष की आंख खुली तो देखा कि तपेश भी वहीं बराबर वाले बैड पर सो रहा था.

‘‘अरे, तू यहां क्या कर रहा है? तु  झे तो रात भर पढ़ना था न?’’ पीयूष ने हैरानी से पूछा

‘‘अरे नहीं यार. सोना ही था, तो यहीं सो गया.’’

तभी कंपाउंडर और डाक्टर दोनों साथ में दाखिल हुए. कंपाउंडर डाक्टर से बोला, ‘‘सौरी डाक्टर साहब रात को नींद लग गई तो

हर घंटे पर बुखार चैक नहीं कर सका, लेकिन मैं ने इंजैक्शन दे दिया था.’’

डाक्टर ने पीयूष के बैड साइड से चार्ट उठाते हुए कहा, ‘‘लेकिन चार्ट में तो हर घंटे की रीडिंग है.’’

इस के साथ ही पीयूष की निगाहें तपेश की ओर घूमीं तो वह आंखें मिचका कर मुसकरा दिया.

थोड़ी देर में पीयूष की मां का फोन आया, ‘‘बेटा अब कैसी तबीयत है?’’

‘‘ठीक है मां.’’

‘‘तपेश तेरे पास ही था न?’’

‘‘हां मां, लेकिन आप को कैसे पता?’’

‘‘मैं ने ही उसे तेरा ध्यान रखने को बोला था, जब वह हमारे घर आया था. बहुत प्यारा लड़का है. आज तु  झे भी बोल रही हूं. हमेशा उस का ध्यान रखना. प्रौब्लम में उसे कभी अकेला मत छोड़ना.’’

‘‘कभी नहीं मां.’’

वक्त की रफ्तार यूनिवर्सिटी में कुछ ज्यादा ही तेज होती है. 4 साल पलक   झपकते ही बीत गये. कालेज के इन 4 सालों ने सभी दोस्तों को इंजीनियरिंग की डिगरी दे कर उन के पंखों को नई उड़ान के लिए मजबूत कर दिया था और उन्हें एक नए आकाश पर अपने नाम लिखने के लिए खुला छोड़ दिया था.

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पीयूष और रिया की खूबसूरत जोड़ी के प्यार का पौधा भी अब तक एक विशाल वृक्ष का रूप ले चुका था.

फिर हरकोई अपने कैरियर के चलते कहांकहां जा बसा, हिसाब रखना भी मुश्किल हो गया. इन की उड़ान देश के हर शहर से ले कर विदेशों तक उड़ चली थी.

धीरेधीरे सब की शादियां होने लगीं. तपेश की शादी एक मध्यवर्गीय  परिवार की पढ़ीलिखी लड़की शालू से हो गई. जाहिर है अरेंज्ड मैरिज थी, लेकिन दोनों की अच्छी निभ रही थी. 1 साल बाद शालू ने बेटे को जन्म दिया तो ऐसा लगा कि घर खुशियों से भर गया.

उधर पीयूष और रिया दोनों को भी अच्छी नौकरी मिल गई थीं. लेकिन वे दोनों अभी शादी नहीं करना चाहते थे. कुछ और दिन अपनी बैचलर लाइफ ऐंजौय करना चाहते थे. कभीकभी तपेश को लगता कि पीयूष यहां भी बाजी मार गया. जहां वह घरगृहस्थी की जिम्मेदारियां निभा रहा था वहीं पीयूष अभी भी बैचलर लाइफ की मस्ती ले रहा था.

लेकिन अपने प्यारे से बेटे को गोद में ले कर जब तपेश उसे प्यार करता तो उस के सामने दुनिया की हर नेमत छोटी लगती थी. जब उस ने अपना पहला शब्द ‘पप्पा’ बोला तो तपेश उसे गोद में उठा कर खुशी से   झूम उठा और जैसे खुद से ही बोला कि इस एक पल पर सारी मस्तियां वारी जा सकती हैं.

अगले साल बड़ी धूमधाम से पीयूष और रिया की भी शादी हो गई. शादी के कुछ दिन बाद ही पीयूष को किसी असाइनमैंट के लिए विदेश जाना पड़ा. फिर पता नहीं क्यों और कैसे, लेकिन वापस आते ही रिया ने उस के सामने तलाक की मांग रख दी.

पीयूष का प्यार आज तक उस की किसी मांग को नकार नहीं सका था लिहाजा, इस मांग को भी उस की खुशी मान कर न नहीं कर पाया. म्युचुअल कंसर्न से तलाक हो गया. यह शादी उतने दिन भी नहीं चली जितने दिन उस की तैयारियां चली थीं. गलती किस की थी या क्या थी, इन सब बातों की फैसले के बाद कोई अहमियत नहीं रह जाती. कुछ दिन बाद उड़ती सी खबर सुनी कि रिया ने उस से शादी कर ली, जिस के लिए उस ने पीयूष को छोड़ा था.

इधर तपेश की पत्नी शालू ने एक प्यारी सी बेटी को जन्म दिया. परिवार में इस इजाफे के साथ ही उन का परिवार भी पूरा हो गया और हर अरमान भी.

उधर पीयूष का तलाक हुए काफी वक्त बीत चुका था. सभी के सम  झानेबु  झाने के बाद भी फिर उस का मन किसी की ओर नहीं   झुका. रिया से टूटे हुए रिश्ते ने उस को इस कद्र तोड़ दिया कि फिर वह किसी से जुड़ ही नहीं सका.

अब तपेश को साफ दिखाई दे रहा था कि पीयूष के नंबर कहां कटे हैं. अब वह सौ नंबर वाली फिलौसफी उसे पूरी तरह कन्विनसिंग लग रही थी.

पीयूष की उम्र पैसा कमाने और दोस्तों से मिलनेमिलाने में ही बीत रही थी. उस का मिलनसार व्यवहार और गाने का शौक हर महफिल में जान डाल देता था. अपने हर दोस्त के घर उस का स्वागत प्यार से होता था. हर परिवार में उस के दिए गए तोहफे न सिर्फ यूजर मैनुअल के साथ आते, बल्कि इस इंस्ट्रक्शन के साथ भी आते कि घर में उन को कहां रखना है.

अपने कलात्मक सु  झाव और मस्तमौला अंदाज के कारण वह दोस्तों की पत्नियों के बीच भी उतना ही पौपुलर था जितना दोस्तों के बीच. दुनिया के न जाने कितने देशों में अपने काम के सिलसिले में पीयूष का जाना हुआ, लेकिन हर बार अपने नीड़ में पंछी अकेला ही लौटा.

अब 45 साल की उम्र में गुरुग्राम के एक लग्जरी अपार्टमैंट में वह अकेला रह रहा था.

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सारी रात तपेश इन्हीं यादों में डूबतातैरता रहा. तभी सूरज की एक किरण ने उस के बैडरूम की खिड़की पर दस्तक दी. शालू की आंख खुली तो वह तपेश की ओर देख कर बोली, ‘‘अरे आज तो बड़ी जल्दी उठ गए.’’

‘‘नहीं, असल में मैं सोया ही नहीं,’’ कह कर उस ने शालू को पीयूष के बारे में सब बताया.

‘‘उफ, सो सैड…’’ तो चलो फिर हम अस्पताल चलते हैं.

‘‘नहीं, तुम घर पर बच्चों के पास रुको, मैं जाता हूं.’’

तपेश तैयार हो कर वक्त से कुछ पहले ही अस्पताल पहुंच गया और आईसीयू की विंडो से पीयूष को देखता रहा. डाक्टर ने उसे बताया, बात कर के उसे पता चला कि रात को करीब 1 बजे उसे अस्पताल लाया गया था. हार्टअटैक सीवियर था, लेकिन कुदरत का शुक्र है कि समय पर सहायता मिल गई. अब स्थिति काबू में है. बाकी अपडेट्स शाम को दे पाऊंगा,’’ कह कर डाक्टर जल्दी से चला गया.

तपेश पूछता ही रह गया. अरे, लेकिन डाक्टर उसे अस्पताल लाया कौन था?

तभी उस ने देखा कि एक औरत उसी डाक्टर को आवाज लगाती हुई आई और उस  से पीयूष के बारे में पूछताछ करने लगी. तपेश हैरानी से उस की ओर देख रहा था. वह करीब 35-40 साल की खूबसूरत औरत थी, जो इंडियन तो नहीं थी. वह फ्रैंच एकसैंट में इंग्लिश बोल रही थी, उस से साफ जाहिर था कि वह किसी इंग्लिश स्पीकिंग देश से भी नहीं है.

पहनावे से तो वह काफी कुछ आजकल की मौडर्न औरतों जैसी ही लग रही थी, लेकिन नैननक्श से कुछकुछ अरबी लग रही थी. लेकिन उस की फ्रैंच एकसैंट में इंग्लिश सुन कर तपेश को लगा कि शायद वह लैबनान या ईजिप्ट से हो सकती है.

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आप भी खूबसूरत हैं

प्रतिभा उस समय 22 साल की थी और मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रही थी. उसी कॉलेज का बेहद आकर्षक लड़का अनुराग अक्सर प्रतिभा के आसपास मंडराता रहता. प्रतिभा खुद काफी साधारण शक्ल सूरत वाली सांवली सी लड़की थी जो एक औसत मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती थी. जबकि अनुराग बहुत बड़े घर का इकलौता बेटा था. अनुराग ने कई बार प्रतिभा को एहसास दिलाया कि वह उस से बेहद प्यार करता है. प्रतिभा को समझ में नहीं आता कि आखिर अनुराग जैसा हैंडसम लड़का उस की जैसी साधारण सी लड़की को क्यों पसंद करता है.

एक दिन उस ने अपनी यह शंका अनुराग के आगे जाहिर की तो वह हंसता हुआ बोला,” प्रतिभा तुम्हारी यह जो आंखें हैं न, बहुत गहराई है इन में. ऐसा लगता है जैसे बहुत कुछ छिपा हुआ है इन में. मेरा दिल करता है मैं इन आँखों में डूब जाऊं और फिर तुम्हारा यह जो लेखन है, शब्दों को इतनी सहजता से पिरोती हो, यह तुम्हारे दिल की पवित्रता और खूबसूरती को दर्शाता है. तुम्हारा व्यक्तित्व दूसरों से हट कर है. यही मुझे अपनी तरफ खींचता है. ”

प्रतिभा के लिए अनुराग के मुंह से अपने बारे में यह सब सुनना बेहद सुखद था. मगर कहीं न कहीं प्रतिभा को इस बात का डर अब भी था कि क्या सच में अनुराग के मन में उस के लिए यह प्यार हमेशा ऐसा ही बना रहेगा या कभी किसी खूबसूरत लड़की से मिल कर वह उस की तरफ आकर्षित हो जाएगा. एक हीनभावना या यों कहिए कि खुद को आकर्षक न मानने की वजह से वह पूरे दिल से अनुराग को स्वीकार नहीं कर पा रही थी और उस से दूर दूर भाग रही थी.

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इस तरह की बातें अक्सर हमारी जिंदगी में देखने को मिलती हैं जब हम अपनी ही हीनभावना में फंस कर कुछ अच्छा पाने की उम्मीद खो बैठते हैं. दरअसल बचपन से लड़कियों के मन में यह बात भर दी जाती है कि उस के लिए सुन्दर दिखना कितना जरूरी है. उस के अबोध मन को समझाया जाता है कि सुन्दर लड़कियों को ही राजकुमार मिलते हैं. बदसूरत लड़कियों को कोई पसंद नहीं करता. उन की शादी होने में भी बहुत परेशानी होती है.

36 साल की प्रिया गोस्वामी अपना बचपन याद करते हुए कहती हैं,” जब में छोटी थी तो अभी से ज्यादा सांवली थी. दुबलीपतली भी थी और नाकनक्स भी बहुत साधारण थे. मेरे विपरीत मेरी बहन दूध सी गोरी और चपल सयानी थी. दिखने में बहुत प्यारी थी. पापा उसे शहजादी पुकारा करते. हम दोनों बहनों के लिए नए कपड़े आते तो वह उन्हें पहन कर खिल जाती. पापा तारीफ़ करते और वह उछलती हुई मोहल्ले में सब को दिखाने भाग जाती जब कि मैं घर में घुसी रहती. क्योंकि कोई मेरी तारीफ नहीं करता. बड़ी होने के बाद भी मेरे अंदर हीनभावना बनी रही. मैं ने पूरा ध्यान पढ़ाई पर लगाया. खाली समय में पेंटिंग किया करती. लोग मेरी पेंटिंग की तारीफ करते. मेरी पेंटिंगें काफी महंगी कीमत में बिकने लगीं. इधर मैं ने पीसीएस भी कम्पीट कर लिया. अब घर में हर कोई मेरी तारीफ करता है. मेरे स्वभाव, काबिलियत और हुनर की हर जगह चर्चा होती है. लोगों ने मेरी आंतरिक खूबसूरती को पहचाना और अब मुझे कोई शिकायत नहीं.”

यह सच है कि हम जैसे हैं हमें खुद को उसी रूप में स्वीकार करना चाहिए. अपने मन में कोई ग्लानि या हीनभावना नहीं रखनी चाहिए. खुश और संतुष्ट रहना चाहिए. अपनी काबिलियत बढ़ानी चाहिए. आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच रखनी चाहिए. इस से चेहरे पर एक तेज और चमक आती है और आप खूबसूरत दिखती हैं. साथ ही आप को हमेशा अपनी फिटनेस का ख़याल रखना चाहिए. इस से आप का फिगर भी मेन्टेन रहेगा. मातापिता को भी हमेशा अपनी बच्ची का हौसला बढ़ाना चाहिए.

अक्सर हम यह देख कर चकित रह जाते हैं कि किसी बेमेल जोड़ी में बेहद प्यार है. दरअसल प्यार सिर्फ सूरत देख कर नहीं होता. ऐसी बहुत सी बातें हैं जो सामने वाले को अट्रैक्ट कर सकती हैं. भले ही आप को लगता है कि आप खूबसूरत नहीं या आप अट्रैक्टिव नहीं. मगर कहीं न कहीं कुछ ऐसी चीजें होती हैं जो हम खुद भी नहीं समझ पाते कि हमारे अंदर यह कितना खूबसूरत है.

खूबसूरती के मायने

खूबसूरती दो तरह की होती है. एक होती है बाहरी खूबसूरती यानी आप का रंगरूप. आप खूबसूरत कही जाएंगी यदि आप गोरी हैं, आप के लंबे काले बाल हैं, बड़ीबड़ी खूबसूरत आंखें हैं, आप का फिगर बिलकुल परफेक्ट है, आप के बोलने का अंदाज खूबसूरत है, आवाज मधुर है और इंग्लिश फ़्लूएंट है. आप की चाल में और बातचीत में आत्मविश्वास झलकता है. यह सब चीजें बाहरी रूप से किसी को भी एक नजर में आकर्षित कर सकती है. सामान्यतया लोग इस बाहरी खूबसूरती को ही वास्तविक सुंदरता समझते हैं.

मगर वास्तव में देखा जाए तो बाहरी खूबसूरती के साथसाथ एक और खूबसूरती होती है और वह है आंतरिक खूबसूरती. आप का दिल खूबसूरत हो, आप के कर्म सुंदर हो, आप की आंखों में गहराई हो, बातों में एक आकर्षण हो, आप के बोलने का लहजा भले ही बहुत खूबसूरत न हो मगर आप जो बोल रही हैं उस बात मे या उन शब्दों में एक आकर्षण होना चाहिए. आप की सोच, आप के विचार, किसी चीज को समझने की आप की शक्ति, किसी बात या किसी चीज को ले कर आप का नज़रिया, ये सब बातें किसी को आकर्षक बनाने में बहुत मायने रखती है.

आप का हुनर आप को खूबसूरत बनाता है

इसी तरह कई लोगों में कुछ खास गुण होते हैं, कुछ ऐसा हुनर होता है जो उन को खास बनाता है. जैसे कोई लेखन करता है, शब्दों के खूबसूरत जाल बुन कर नई रचनाओं को जन्म देता है, कोई खूबसूरत पेंटिंग बनाता है, किसी की आवाज बहुत मधुर होती है और वह बहुत सुरीला गाता है, कोई डांस करने में माहिर होता है, कोई अदभुत कलाकृतियां या मूर्तियां बनाने में माहिर हो सकता है. कोई हाथ के काम करने या कढ़ाईसिलाई में माहिर होता है. कुछ लोगों में आदमी को पहचानने की समझ होती है. ये खूबियां आप को खूबसूरत बनाती हैं.

स्वभाव भी बनाता है खूबसूरत

यदि आप मिलनसार हैं, दूसरों को समझती हैं, किसी से आप का झगड़ा नहीं होता, आप सब के साथ मीठी बातें बोलती हैं, मिलजुल कर रहना जानती हैं तो ये सारी खूबियां आप को दूसरों की नजरों में अट्रैक्टिव बनाती हैं. आप लोगों को तब भी आकर्षक लग सकती हैं जब वे आप के साथ कंफर्टेबल फील करते हैं. आप उन के कहने से पहले उन के मन की बात समझ लेती हैं. उन के लिए हर समय मदद को तैयार रहती हैं. बिना बोले भी दूसरों की मदद करती हैं. दूसरों की जिंदगी में खुशिया लाती हैं. चेहरे पर मुस्कान सजाती हैं. माहौल में रंग भर देती हैं. आप एक फ्रेंडली बिहेवियर रखना जानती हैं. आप उन के दुःख से दुखी और सुख से सुखी होती हैं.

अगर आप के अंदर यह क्वालिटी है कि कोई इंसान कितना भी परेशान या उदास क्यों न हो, आप उसे हंसा सकें, उस के मन में खुशी पैदा कर सकें तो यह स्वभाव आप को खूबसूरत बनाता है. अगर आप एक ईजी गोइंग लेडी हैं, कोई भी बात बहुत सोचसमझ कर कर कहती हैं, ऐसा नहीं है कि जो मन में आया बोल दिया, दूसरे को कंफर्टेबल फील करा सकती हैं , कॉम्प्लिकेटेड नहीं है, आप के अंदर सरलता है तो यह भी आप की एक बहुत बड़ी क्वालिटी है. इसे आप खुद महसूस नहीं कर सकती पर सामने वाला यह बात महसूस कर पाता है. वह आप की खूबसूरती को पहचान पाता है.

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मन की सुंदरता

इसी तरह यदि आप बड़ों को पूरा सम्मान देती हैं और सब के साथ विनम्रता से पेश आती हैं, अपने वचन की पक्की हैं, सहनशील हैं मगर कभी अन्याय नहीं सहतीं. भले ही आप इन खूबियों को महत्वपूर्ण न मानें मगर सामने वाले को आप के मन की यह सुंदरता आकर्षित कर सकती है.

यदि आप आशावादी हैं, सकारात्मक सोच रखती हैं, कैसी भी परिस्थिति आ जाए अपने चेहरे से हंसी गायब नहीं होने देती और यही हुनर दूसरों को सिखाती हैं तो आप के साथ रहने वाले व्यक्ति खुद भी पॉजिटिव एनर्जी से भर जाते है. यह आप के व्यक्तित्व की एक बहुत खास विशेषता है. आप की इस खूबी की वजह से लोग आप के प्रति आकर्षित होंगे.

इसलिए कभी यह न सोचे कि बस जो बाहरी खूबसूरती है वही महत्वपूर्ण है बल्कि अपनी आंतरिक खूबसूरती को पहचानिये. आप के स्वभाव की खूबसूरती, सहजता, आप का आत्मविश्वास और आप के अंदर की खूबियां किसी को आकर्षित करने की बहुत बड़ी वजह हो सकती हैं.

खूबसूरत दिखने के ये अजबगजब प्रयास ( बॉक्स मैटर )

कई जगह महिलाएं खूबसूरत दिखने के लिए कुछ अजीबअजीब से तरीके भी आजमाती हैं;

1. महिलाओं की लंबी गर्दन सुंदरता की निशानी

म्यांमार से भाग कर थाईलैंड बसने वाले कयान लाहवी कबीले की महिलाएं अपनी गर्दन में पीतल के मोटे छल्‍ले पहनती हैं जिस से गर्दन लंबी हो सकें. इस समाज में लंबी गर्दन होने का मतलब खूबसूरत और आकर्षक होता है. 5 साल की उम्र से लड़कियों को ये छल्ले पहना दिए जाते हैं. इस का वजन 10 किलो तक होता है. जैसेजैसे इन की उम्र बढ़ती है गर्दन के छल्‍लों की संख्या भी बढ़ने लगती है. ये औरतें थाईलैंड आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं.

2. ईरान में सर्जिकल नाक

लम्बी नाक खूबसूरती में अहम् भूमिका निभाती है मगर इस के पीछे पागल हो जाना सामान्य बात नहीं. ईरान में इसे फैशन कहा जाता है. यहां के लोग सीधी नाक के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. सीधी नाक को यहां के लोग खूबसूरत ही नहीं बल्कि समाजिक प्रतिष्ठा को बढ़ाने वाला भी मानते हैं. वहां लगभग 100 में 20 महिलाएं राइनोप्लास्टी सर्जरी कराती हैं.

3 . अफ्रीका में महिलाओं के लंबे कान

अफ्रीका में मसाई जनजाति की महिलाएं अपने कान को लंबे और सुन्दर बनाने के लिए पत्थरों से बने भारी गहने पहनना पसंद करती है.

4. न्यूजीलैंड की महिलाओं का टैटू

न्यूजीलैंड में रहने वाली माओरी जनजाति की महिलाएं पारंपरिक तौर पर पुरुषों को आकर्षित करने के लिए अपनी होठों पर और होंठ के नीचे टैटू बनवाती हैं. इस प्रथा को टामोको कहते हैं.

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अगर रिश्तों में हो जलन की भावना

आप जिसे मानते हैं, अगर वो किसी और को भी आपके जितना चाहता है. तो जलन होना स्वाभाविक है. पर अगर जलन जरुरत से ज्यादा हो जाए तो आपके रिश्ते के लिए मुसीबत बन सकता है. इसलिये अगर आप भी उनमें से है जो अपने साथी को लेकर बहुत जलन महसूस करते हैं तो इस भावना से बचने के लिए ये तरीके आजमा सकती हैं.

1. हदों का रखें ध्यान 

अगर आप दिन-रात जलन की भावना से परेशान हो रहे हैं तो आपको थोड़े ब्रेक की जरुरत है. अगर आपका साथी आपको आश्वासन देने के लिए तैयार नहीं हैं या आप इस विषय पर खुलकर बात नहीं कर सकती हैं तो बहुत ज्यादा परेशान ना करें. खुद की सीमा को तय करें कि आप किस हद तक इस भावना को झेल सकती हैं.

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2. तनाव को मैनेज करें

आपके अंदर पल रही जलन की भावना तनाव का एक कारण हो सकती है. अगर आप पहले से ही चिंतित और परेशान है तो आप इस स्थिति में और अधिक तनाव महसूस करेंगी. इसलिए बेहतर होगा कि आप खुद से ही चिंता को काबू करने की कोशिश करें. इसके लिए आप व्यायाम, पोषक आहार, योगा और ध्यान का सहारा ले सकती हैं. कभी-कभी जलन की भावना को दूर करने के लिए अपना अच्छे से ख्याल रखना भी काफी होता है.

3. सीधे बात करें

रिश्तों मे बढ़ रही जलन को रोकने के लिए जरुरी है कि आप अपने साथी से सीधे इसके बारे में बात करें. यदि आप इस बारे में बात नहीं करेंगी तो आप अपनी जलन को उन पर जाहिर करने लगेंगे जिससे स्थिति और खराब हो जाएगी. सीधे से बात करने से आप उन्हें समझा पाएंगी कि आप कैसा महसूस कर रही हैं.

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4. बात करते वक्त रखें संयम

जब आप अपने साथी से बात कर रही हैं तो अपने स्वभाव को सामान्य रखें और शांत रहकर बात करें. साथी पर जरुरत से ज्यादा दबाव ना डालें. अगर वह इस विषय पर बात करने के लिए तैयार नहीं है तो इंतजार करें. अगर आप उनके बारे में बार-बार उनके दोस्तो और साथियों से जानकारी लेते रहेंगे तो हो सकता है इस बात से आपके पार्टनर को बुरा लग जाए. इसलिये किसी भी बात को बार-बार पूछने से परहेज करें और थोड़ा संयम रखें.

दोहरे मापदंड

सावधान: कहीं आपकी सेहत न बिगाड़ दें पैक्ड फ्रूट जूस

आज कल कई घरों में देखा गया है कि नाश्‍ते के वक्‍त वह जूस के तौर पर बाजार वाला पैक्‍ड जूस ही पीना पसंद करते हैं. कभी-कभार मुंह का स्वाद बदलने के लिये इसे पीना कुछ बुरा नहीं है, लेकिन इन्हें प्राकृतिक फलों की जगह दे देना बिल्‍कुल भी सही नहीं है.

पैक्ड उत्पादों में 100 फीसदी फलों का जूस नहीं होता. इसके अलावा भी पैक्ड जूस में कई अन्य तरह की खूबियां या गुण गायब होते हैं. आइये और जानते हैं इनके बारे में.

नहीं होता फाइबर

पैक्ड जूस बनाते वक्त बहुत से फलों के जूस को उबाला जाता है, ताकि उनमें पाए जाने वाले बैक्टीरिया खत्म हो सके. इसी के साथ इसमें जरूरी विटामिन और प्राकृतिक तत्व भी खत्म हो जाते हैं. इन पैक्‍ड जूस में फाइबर या गूदा नहीं होता क्‍योंकि उसे निकाल दिया जाता है.

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मोटापा बढ़ता है

पैक्ड फ्रूट जूस में बहुत अधिक मात्रा में चीनी होती है जो कि इसे कैलोरी में ज्‍यादा बनाता है. ऐसे में वजन कम करने की सारी कोशिशें बेकार हो जाती हैं. विशेषज्ञ भी मानते हैं कि प्राकृतिक फल और सब्जियों की तुलना में पैक्ड जूस को लेने से ज्यादा वजन बढ़ता है.

आर्टिफीशियल कलर

प्राकृतिक फलों में आर्टिफीशियल रंग नहीं मिला होता लेकिन पैक्‍ट फ्रूट जूस में आर्टिफीशियल कलर का प्रयोग किया जाता है, जिससे वह देखने में फल के रंग के जूस का लगे. यह बाजारू रंग शरीर के लिये बहुत ज्‍यादा हानिकारक होते हैं क्‍योंकि जब आप इसका सेवन करेगे तो आपको अपनी जीभ पर रंग दिखेगा.

पेट की समस्याएं

कुछ फलों में सॉर्बिटॉल जैसी शुगर मौजूद होती है, जो आसानी से पचती नहीं. ऐसे में पैक्ड जूस के कारण पेट से जुड़ी समस्याएं भी सामने आ सकती हैं. नाशपाती, स्वीट चेरी और सेब सरीखे कुछ फलों में ऐसी ही शुगर मौजूद होती है. ऐसे में इन फलों के पैक्ड जूस पीने से गैस, पेट में उथल-पुथल और डायरिया की समस्या भी देखने में आती है. ऐसे जूस को पचाने में बच्चों को ज्यादा समस्या आती है.

डायबिटीज में नुकसानदेह

डायबिटीज के मरीजों को यह जूस बिल्‍कुल भी नहीं पीना चाहिये. दरअसल ये जूस रिफाइंड शुगर से बने होते हैं, जो डायबिटिक लोगों के लिए ठीक नहीं. अगर इनके लेबल पर ‘शुगर – फ्री’ भी लिखा हो, तब भी इनके सेवन से बचना चाहिए. मीठे फल और गाजर या चुकंदर जैसे हाई-शुगर वेजिटेबल्स जूस के रूप में ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा देते हैं. ये डायबिटीज और ब्लड ग्लूकोज डिसऑर्डर के लिए हानिकारक होते हैं.

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अनियमित ब्लड शुगर

पैक्ड जूस में फलों के छिलके का सत्त नहीं होता, इसलिए शरीर को प्राकृतिक फाइबर नहीं मिल पाते. साबुत फल और सब्जियों को पचाने में शरीर को जितना समय मिलता है, उससे कहीं कम समय में शरीर जूस को जज्ब कर लेता है. इसकी वजह से ब्लड शुगर का स्तर भी तुरंत बढ़ जाता है.

प्रैग्नेंट वूमन के लिए बेस्ट हैं ये 11 आउटफिट्स

प्रैगनैंट होने का मतलब यह नहीं कि आप फैशन ट्रैंड्स को फौलो करना छोड़ दें. मैटरनिटी आउटफिट के साथसाथ बाजार में ऐसे और कई आउटफिट्स हैं, जो आप को प्रैगनैंसी के दौरान भी सुपर स्टाइलिस्ट लुक दे सकते हैं. ऐसे आउटफिट्स का चुनाव करते वक्त किन बातों को ध्यान में रखना जरूरी है, बताया फैशन डिजाइनर शिल्पी सक्सेना ने:

1. शिफ्ट ड्रैस

औफिशियल मीटिंग में शिफ्ट ड्रैस क्लासी लुक देती है, इसलिए अपने वार्डरोब में शिफ्ट ड्रैस भी जरूर शामिल करें. स्टाइल के साथ कंफर्ट भी चाहती हैं, तो ए लाइन वाली शिफ्ट ड्रैस खरीदें. हौट लुक के लिए स्पैगेटी स्ट्रैप्स या स्कूप नैक वाली शिफ्ट ड्रैस पहनें.

2. जंपसूट

क्यूट लुक के लिए प्रैगनैंसी के दौरान आप जंपसूट ट्राई कर सकती हैं. इस के साथ कभी टीशर्ट तो कभी शर्ट पहन कर एक ही जंपसूट से आप 2 डिफरैंट लुक पा सकती हैं. स्लिम लुक के लिए ब्लैक जंपसूट चूज करें.

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3. मैक्सी ड्रैस

शौर्ट ट्रिप या बीच पर जाने का मन बना रही हैं, तो मैक्सी ड्रैस को अपना स्टाइल स्टेटमैंट बनाएं. सफर के लिए इस से बेहतर और आरामदायक आउटफिट और कोई नहीं. स्टाइलिस्ट लुक के लिए मैक्सी ड्रैस पर बैल्ट लगा लें.

4. रैप ड्रैस

ऐलिगैंट लुक के लिए रैप ड्रैस भी ट्राई कर सकती हैं. चूंकि यह ऐडजस्टेबल होती है, इसलिए इसे पूरे 9 महीने ही नहीं, बल्कि प्रैगनैंसी के बाद भी पहना जा सकता है. चाहें तो रैप ड्रैस के बजाय रैप टौप भी पहन सकती हैं.

5. स्टोल

अपने प्लेन आउटफिट को स्मार्ट लुक देने के लिए वार्डरोब में कलरफुल स्टोल का कलैक्शन भी जरूर रखें. स्टोल बेबी बंप को कवर करने के भी काम आता है. अगर आप टीशर्ट पहन रही हैं, तो स्टोल के बजाय स्कार्फ पहनें.

6. वन पीस ड्रैस

प्रैगनैंट होने का यह मतलब नहीं कि आप पार्टी अटैंड करना छोड़ दें. ईवनिंग पार्टी जैसे खास मौके पर वन पीस ड्रैस पहन कर आप ग्लैमरस नजर आ सकती हैं. पार्टी की जान बनना चाहती हैं, तो औफशोल्डर फ्लोर स्विपिंग वन पीस ड्रैस पहनें.

7. ट्यूनिक

अगर आप औफिस गोइंग वूमन हैं, तो अपने वार्डरोब में 2-4 ट्यूनिक को जरूर जगह दें. औफिस में फौर्मल लुक के लिए ट्यूनिक बैस्ट है. इसे आप लैगिंग और जींस दोनों के साथ पहन सकती हैं. थाइज लैंथ, ब्रेसलेट स्लीव्स और वीनैक ट्यूनिक प्योर फौर्मल लुक के लिए बैस्ट हैं.

8. मैटरनिटी जींस

प्रैगनैंसी के दौरान आप अपनी स्किनी जींस न सही, लेकिन मैटरनिटी जींस जरूर पहन सकती हैं. स्ट्रैची मैटीरियल से बनी जींस काफी कंफर्टेबल होती है. जींस के साथ फ्लेयर टौप पहन कर आप बेबी बंप को कवर कर सकती हैं.

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9. स्कर्ट

कैजुअल लुक के लिए स्कर्ट से बढि़या औप्शन और कोई नहीं. अगर आप स्टाइल के साथ कंफर्ट भी चाहती हैं, तो हाई वेस्ट स्कर्ट खरीदें, जो आप के बढ़ते बेबी बंप के साथ आसानी से ऐडजस्ट हो सके. सेमीकैजुअल लुक के लिए स्कर्ट के साथ टौप पहनें और ऊपर से श्रग या डैनिम की स्लीवलैस जैकेट पहन लें.

10. लैगिंग

अपने मैटरनिटी वार्डरोब में डिफरैंट शेड्स की 3-4 लैगिंग्स जरूर रखें. लैगिंग काफी कंफर्टेबल होती है. स्ट्रैचेबल होने के कारण इसे पहन कर आप आसानी से उठबैठ भी सकती हैं. स्मार्ट लुक के लिए लैगिंग के साथ लौंग टौप, ट्यूनिक या कुरती पहनें.

11. जौगर

प्रैगनैंसी के दौरान अपने स्वैटपैंट्स के कलैक्शन को जौगर से रिप्लेस करें. स्वैटपैंट्स

के मुकाबले इस का लुक ज्यादा खूबसूरत नजर आता है. इसे जौगिंग के दौरान ही नहीं, बल्कि औफिस में भी पहन सकती हैं. अगर आप स्पोर्टी लुक पसंद करती हैं, तो जौगर के साथ लूज टीशर्ट पहनें.

कार्डिगन

फैशनेबल लुक के लिए अपने वार्डरोब में कार्डिगन रखना न भूलें. यह कभी आउट औफ फैशन नहीं होता. इसे आप टीशर्ट या टौप के

साथ पहन सकती हैं. स्टाइलिश लुक के लिए कार्डिगन को ओपन रखें. इसे बैल्ट या बटन से कवर न करें.

कम बजट में मैटरनिटी शौपिंग

ज्यादा पैसे खर्च किए बिना फैशनेबल नजर आना चाहती हैं, तो अपने वार्डरोब का मेकओवर कुछ इस तरह करें:

– फुल साइज 8-10 टौप खरीदने के बजाय 2-3 मैटरनिटी टौप खरीद लें.

– मैटरनिटी जींस या लैगिंग दोनों में से कोई एक खरीदें.

– मैटरनिटी पैंट या फिर हाई वेस्ट स्कर्ट खरीदें. दोनों खरीदने की जरूरत नहीं.

– स्मार्ट लुक के लिए कार्डिगन या जैकेट दोनों में से कोई एक काफी है.

– वार्डरोब में 2 से ज्यादा शिफ्ट, रैप या शौर्ट ड्रैस न रखें.

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