सरकार और सोशल मीडिया प्लेटफौर्म

जब से ट्विटर और व्हाट्सएप पर सरकारी अंकुश की बात हुई हैं, लोगों का जो भी मर्जी हो बकवास इन सोशल मीडिया प्लेटफौमों से डालने की आदत पर थोड़ा ठंडा पानी पड़ गया है. हमारे यहां ऐसे भक्तों की कमी नहीं जो अपनी जातिगत श्रेष्ठता को बनाए रखने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी को आंख मूंद कर समर्थन कर रहे थे और विरोधियों के बारे में हर तरह की अनापशनाप क्रिएट करने या फौरवर्ड करने में लगे थे. अब यह आधार ठंडा पडऩे लगा है.

सरकारी अंकुश इसलिए लगा है कि अब सरकारी प्रचार की पोल खोली जाने लगी है. कोविड से मरने वालों की गिनती जिस तरह से बड़ी थी उस से भयभीत हो कर लोगों को पता लगने लगा कि मंदिर और हिंदूमुस्लिम करने में जानें जाती हैं क्योंकि सरकार की प्राथमिकताएं बदल जाती हैं. भक्त को कम बदले पर जो समझदार थे उन की पूछ बढऩे लगी है और उन्हें जवाबी गालियां मिलनी बिल्कुल मिलनी बंद हो गई हैं.

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जैसे पहले झूठ के बोलवाले ने सच को दवा दिया था वैसे ही अब का बोलबाला झूठ को दबा रहा है और सरकार को यह मंजूर नहीं. हमारे धर्म ग्रंथ और धाॢमक मान्यताएं झूठ के महलों पर खड़ी हैं. कोर्ई भी धाॢमक कहानी पढ़ लो झूठ से शुरू होती है और झूठ पर खत्म होती है और उसे ही आदर्श मानमान कर सरकार ने झूठ पर झूठ बोला जो अब टिवटर और व्हाट्सएप जम कर खंगाला जाया जा रहा है. ट्विटर ने भाजपा के संबित पाया के ट्विट्स को मैनीयूलेटड कह डाला तो सरकार अब मोहल्ले की सासों की सरदार बन कर उतर आई है और पढ़ीलिखी बहुओं का मुंह बंद करने की ठान ली है.

हमारे रीतिरिवाज तो यही हैं और यही चलेंगे की तर्ज पर सरकार भी यही संविधान है और हम ही तय करेंगे कि यह संविधान किस तरह पढ़ा जाएगा. सासें तय करेंगी कि कौन क्या पहनेगा क्योंकि संस्कृति की रक्षा तो उन्हीं के हाथों में है चाहे वे सारे मोहल्ले में सब के बारे में सच बताने के नाम पर अफवाहें फैलाती रहती हो. अब देश में एक तरफ कट्टरपंथी सासनुमा सरकार है, दूसरी तरफ बहुएं जो आजादी भी मांग रही है और तर्क भी पेश कर रही हैं और दोनों का युद्ध ट्विटर और व्हाट्सएप की गली के आधार हो रहा है. आप घूंघट वालियों के साथ हैं या जींस वालियों के साथ?

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World Tobacco Day: अब भी नही समझेंगे तंबाकू के खतरे तो कभी नहीं समझेंगे

कोई समझने वाला हो तो इशारा ही बहुत होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 28-29 मई-2021 तक दुनियाभर में 36 लाख लोग कोविड-19 से अपनी जान गंवा चुके थे.इस आंकड़े के भीतर भी एक डराने वाला आंकड़ा छिपा है.मरने वाले लोगों में से 54%से ज्यादा के फेफड़े पहले से प्रभावित थे.आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर युवाओं को विशेषकर इस डाटा से सबक सीखना चाहिए.क्योंकि तंबाकू के डरावने नतीजों को अब भी हमने गंभीरता से नहीं लिया तो समझो कभी नहीं ले पायेंगे.

साल 1984 में पहली बार विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल को मनाया गया और इसकी थीम थी, ‘तम्बाकू या स्वास्थ्य- चुनना आपको है’.तभी से सही मायनों में पता चला है कि लगभग 2000 से अधिक रसायनों से युक्त तम्बाकू व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा खतरा है.विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अनुमान के मुताबिक मौजूदा समय में दुनिया के करीब 122 करोड़ लोगों को तम्बाकू की लत लगी हुई है. इनमें से तकरीबन 100 करोड़ लोग विकासशील देशों में रहते हैं.पिछली शताब्दी के मध्य में तम्बाकू से सेहत को होने वाले खतरों के प्रति लोगों का ध्यान गया.

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तब धीरे धीरे यह समझ में आने लगा कि न सिर्फ कैंसर बल्कि श्वांस एवं हृदय सम्बंधी विकारों का भी कारण तम्बाकू ही है.डब्लूएचओ पिछले कई दशकों से लोगों को तम्बाकू सेवन के चिकित्सकीय, पर्यावरणीय, आर्थिक व सामाजिक दुष्परिणामों से सचेत कर रहा है. दुनिया में तंबाकू के दुष्प्रभावों को रोकने के लिए लगातार कई तरह की कोशिशें की जा रही हैं. मसलन- सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान पर रोक सम्बंधी कानून बनाये गये हैं, 18 साल से कम उम्र के लोगों को इसे बेंचने पर प्रतिबंध लगाया गया है.सिगरेट की डिब्बियों और तंबाकू के पाऊच में यह चेतावनी लिखवाई गयी है कि इसका सेवन हेल्त के लिए खतरनाक है.

मगर इस तमाम कवायद के बावजूद  तंबाकू के निषेध के मामले में बड़ी सफलता नहीं मिल रही. लोग इन तमाम कानूनों का कड़ाई से पालन नहीं करते.दरअसल जब कोई बुराई सामाजिक स्वीकार्यता का रूप हासिल कर लेती है, तब उससे लड़ना बहुत मुश्किल हो जाता है.एक ओर तो सरकार तंबाकू को राजस्व की प्राप्ति का एक बड़ा एवं मजबूत जरिया मानती है, दूसरी तरफ तंबाकू के कई उत्पादों जैसे गुटखा आदि पर समय समय पर रोक भी लगाती है. लेकिन इन तथाकथित रोकों में इतने चोर दरवाजे मौजूद होते हैं कि कानून के बावजूद बाजार में तंबाकू के ये उत्पाद धड़ल्ले से बिकते रहते हैं.

इसके लिए कई किस्म के मिथ भी गढ़ लिये गये हैं-मसलन एक यही कि धूम्रपान से स्ट्रेस यानी तनाव कम होता है, जबकि हकीकत यह नहीं है.आज चिकित्सा विज्ञान इस बात को भलीभांति जानता है कि किसी चीज का शरीर के आण्विक एवं कोशीय स्तर पर क्या स्वास्थ्य जनित प्रभाव पड़ता है? तंबाकू के इस्तेमाल के संबंध में पता चला है कि इससे शरीर कुछ ऐसे विषाक्त तत्वों को ग्रहण करता है, जो उसकी कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं.चीन दुनिया में तंबाकू का सबसे बड़ा उत्पादक देश है जहां लगभग 2 करोड़ ग्रामीण परिवार 210 करोड़ हेक्टेयर जमीन पर तम्बाकू पैदा करते हैं.

तंबाकू से चीन सरकार हर साल 12 फीसदी की राष्ट्रीय आय प्राप्त करती है.चीन के बाद तंबाकू उत्पादन में ब्राजील का नम्बर आता है, जहां 1,35,000 परिवार देश की 0.7 फीसदी उपजाऊ जमीन पर तंबाकू की खेती करते हैं.भारत में 96,865 रजिस्टर्ड तंबाकू उत्पादक परिवार हैं, परंतु गैर रजिस्टर्ड भी कम नहीं हैं.भारत में लगभग 0.25 प्रतिशत उपजाऊ जमीन पर तंबाकू उगाया जाता है.1947 से ही सरकार ने अधिक राजस्व के लालच में तम्बाकू के उत्पाद एवं इसके उद्योग को बढ़ावा दिया है. दूसरे देशों के मुकाबले हमारे यहां बीड़ी बनाम सिगरेट की लड़ाई भी है. यही नहीं हमारे यहां तंबाकू को चबाकर खाने की भी संस्कृति है.

सुरती, खैनी और पान में तम्बाकू को चबाकर भी हमारे यहां खाया जाता है.इसलिए फेफड़े के कैंसर के साथ साथ ही हमारे यहां मुख एवं गले के मामले भी बहुत होते हैं. इन दिनों कोरोना की घातक शिकंजेबंदी में सबसे पहले वही लोग आ रहे हैं, जिनके फेफड़े तंबाकू के इस्तेमाल से पहले ही बहुत खराब हो चुके हैं. दुनिया में हर साल औसतन 67 लाख टन तंबाकू पैदा होता है.इसमें चीन 39.6 प्रतिशत, भारत 8.3 प्रतिशत ब्राजीन 7.0 प्रतिशत एवं अमरीका 4.6 प्रतिशत तम्बाकू का उत्पादन करते हैं.

तंबाकू के इस्तेमाल से स्वास्थ का कई तरह से नुकसान होता है. तंबाकू के इस्तेमाल से हम में सूंघने की क्षमता में कमी आ जाती है. इंसान कुछ गिनीचुनी स्थूल महकों के महसूसने तक ही सीमित हो जाता है, जबकि सामान्य तौरपर कोई व्यक्ति 10,000 किस्म की गंधें महसूस कर सकता है. तंबाकू के सेवन से सांस में बदबू आती है, भूख कम लगती है, इसमें निकोटीन  ज्यादा होने के कारण यह लार भी अधिक बनाती है. इसके नियमित इस्तेमाल से दांत काले पीले हो जाते हैं.बलगम अधिक बनता है जिस कारण सुबह के वक्त तंबाकू का सेवन करने वाले लोग खखारते रहते हैं, इसे स्मोकर्स थ्रोट कहते हैं.

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कई लोग कहते हैं कि वे इसे छोड़ना चाहते हैं, लेकिन छोड़ नहीं पाते. मगर विशेषज्ञ कहते हैं कि इसे छोड़ा जा सकता है.इसके लिए कुछ इस तरह की गतिविधियों का सहारा लिया जा सकता है.मसलन- धूम्रपान की शुरुआत ही न करें, करें तो इसके आदी न बनें और इसे छोड़ना चाहें तो दृढ़संकल्प के साथ कुछ ऐसी गतिविधियों में खुद को लिप्त कर लें जो इसकी तरफ आपका ध्यान ही न दिलाए.

नियमित रूपसे ऐसी गतिविधियों में शामिल रहें जिनमें  सुबह-शाम जोगिंग,स्विमिंग,योगासन,ध्यान लगाना, डांस करना जैसी गतिविधियां शामिल हों. गायन, वादन, चित्रकारी जैसी रचनात्मक गतिविधियां भी तंबाकू की तलब को खत्म करती हैं.

5 Tips: लॉकडाउन में बच्चों की बोरियत करें दूर

वैश्विक महामारी कोरोना 2020 के जाते जाते लगा की अब 2021 में सब कुछ ठीक होगा लोगों को उम्मीद थी कि यह साल 2020 से बेहतर होगा लेकिन 2021 का मार्च आते आते महामारी की दूसरी लहर ने फिर से लोगों की कमर तोड़ दी. दुबारा से कोरोना महामारी ने सभी की ज़िंदगी को पूरी तरह से बदल दिया है. लॉकडाउन की वजह से लोगों की ज़िंदगी फिर से घर पर ही बीत रही है. चाहे वह बच्चे हो या बड़े, ना कोई ऑफिस जा पा रहा है, ना कोई स्कूल और ना ही कोई शॉपिंग सब लोग खाली हैं. इसका असर बच्चों पर ज़्यादा पड़ रहा है ना वह खेल पा रहे हैं ना दोस्तों के साथ घूमने जा रहे हैं. वहीं, हर साल मई और जून के महीने में बच्चों को समर एक्टिविटी के लिए कैंप भेजा जाता था लेकिन अब ये संभव नहीं है. बच्चे घर में रह कर बोर हो गए हैं इसलिए पेरेंट्स भी अब सोच में पड़ गए हैं कि आखिर इतने लंबे समय तक वह अपने बच्चों को कैसे एंटरटेन करें? तो चलिए आज हम आपकी थोड़ी मदद कर देते हैं कि कैसे बच्चे की बोरियत दूर की जाए. हम बताते हैं कुछ टिप्स जिसे फॉलो करके आप घर में रहकर बच्चे के साथ खूब मौज-मस्ती कर सकती हैं.

1. बच्चों के हॉबी को दे प्राथमिकता

स्कूल बंद होने से घर पर बैठे बैठे बच्चे बोर हो गए होंगे तो आप बच्चे की हर क्रिएटिविटी को बढ़ावा दें और स्वंय उसका हिस्सा बनें. अगर बच्चे को पढ़ना, खेलना, खाना आदि पसंद है तो उन्हें करने दें. ऐसा करने से बच्चे का स्ट्रेस कम होगा और उनका मूड अच्छा रहेगा. साथ ही कोशिश करें कि उन्हें हर बात पर ना डाटें. अगर आपका बच्चा डांस कर रहा है तो उन्हें ऑनलाइन डांस वीडियो देखने के लिए कहे.

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2. बच्चों के साथ योग और एक्सरसाइज करें

लॉकडाउन के कारण बच्चों को घर में बैठे हुए लगभग 1 साल से भी ज्यादा का समय हो चुका है वह स्कूल नहीं जा रहे हैं. जिसकी वजह से वह सुबह उठ नहीं पाते हैं. ऐसे में ज़रूरी है बच्चों को सुबह उठकर उनके साथ योग या एक्सरसाइज़ करें. साथ ही खूब सारी मस्ती करें और उन्हें बताएं कि योग करना सेहत के लिए कितना फायदेमंद है. कोरोना के इस दौर में एक्सरसाइज और योग करना बहुत ज़रूरी है. आप बच्चे की पसंद का कोई गाना प्ले कर सकती हैं जिससे बच्चा योग करते समय बोर नहीं होगा.

3. बच्चों के साथ नई डिश बनाएं और खिलाएं

लॉकडाउन होने से इस समय बच्चों को बाहर का खाना नहीं मिल पा रहा है और घर का खाना वह ज़्यादा शौक से नहीं खाते हैं. ऐसे में आप परेशान नहीं हो यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म से आप नई रेसिपी सीख कर घर में बच्चों के साथ मिल कर नयी नई डिश बना सकती हैं. साथ ही उन्हें ये भी बताएं कि खाना सेहत के लिए कितना ज़रूरी है.

4. बच्चों को कहानियां सुनाएं

आज के डिजिटल जमाने में बच्चों को तो जैसे कहानियों का मतलब ही नहीं पता बच्चों को कहानी सुनाए वह कहानियों को सुनकर उसे कॉपी भी करते हैं. तो कोशिश कीजिए उन्हें अच्छी-अच्छी कहानियां सुनाएं. आप उन्हें हिस्ट्रीया कोई प्रेरणादायक सुना सकती हैं या फिर ऐसी कहानी पढ़ने को कह सकती हैं. ऐसा करने से आपका बच्चा बोर नहीं होगा.

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5. डायरी लिखने को कहें

डायरी लिखना हर उम्र के लोगों को पसंद होता है तो बच्चों को डायरी लिखने को कहे क्योंकि इस वक्त बच्चे सही ढंग से नहीं पढ़ पा रहे हैं और होमवर्क को बिल्कुल भी नहीं कर रहे. डायरी लिखने का एक फायदा यह होगा कि आपके बच्चे को लिखना आ जाएगा साथ ही उसकी पढ़ने की क्षमता बनी रहेगी. डायरी लिखते समय बच्चा बोर नहीं हो इसके लिए आप उनसे फन्नी और मनोरंजक चीज़ों को लिखने को कहें.

Fashion Tips: हर ओकेजन के लिए परफेक्ट है सोनम कपूर का ये साड़ी लुक्स

बौलीवुड एक्ट्रेसेस में फैशन क्वीन का नाम लिया जाए तो सोनम कपूर का नाम फेमस है. नए-नए फैशन को आजमाने वाली सोनम अक्सर सोशल मीडिया पर अपने लुक की फोटोज शेयर करती हैं. सोनम कपूर जितना वेस्टर्न फैशन अपनाती हैं उतना ही इंडियन फैशन ट्राय करना पसंद करती हैं. आज हम सोनम के सिंपल साड़ियों के साथ ट्रेंडी ब्लाउज फैशन के बारे में बताएंगे. सोनम के ये ब्लाउज ट्रेंडी के साथ-साथ फैशनेबल हैं. तो आइए आपको बताते हैं सोनम के ट्रेंडी इंडियन लुक के बारे में…

1. प्रिंटेड साड़ी के साथ परफेक्ट है ये ब्लाउज

 

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अगर आप किसी सिंपल कौटन प्रिंटेड साडी के साथ के साथ नया ब्लाउज पैटर्न आपके लिए परफेक्ट रहेगा. सिंपल बौटम नेक के साथ फ्लफी बाजू वाला ब्लाउज आपके लुक को ट्रेंडी के साथ फेशनेबल बनाने में मदद करेगा. वहीं ज्वैलरी की बात करें तो आप पर्ल की ज्वैलरी का कौम्बिनेशन परफेक्ट रहेगा. ये आपके लुक को कम्पलीट करेगा.

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2. चेन पैटर्न वाला ब्लाउज करें ट्राय

अगर आप नये पैटर्न के ब्लाउज के शौैकीन हैं तो ये पैटर्न आपके लिए अच्छा औप्शन है. चेन वाले नेक डिजाइन के साथ फुल बाजू वाला ब्लाउज आपके लिए परफेक्ट रहेगा. वहीं इस सिंपल साड़ी के साथ ज्वैलरी की बात करें तो जंक ज्वैलरी आपके लिए परफेक्ट रहेगी.

 

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3. कौटन साड़ी के साथ ट्राय करें ये लुक

अगर आप साड़ी के साथ कुछ नया ट्राय करना चाहते हैं तो ब्राउन कौटन साड़ी के साथ श्रग ट्राय करें. वहीं ज्वैलरी की बात करें ब्लाउन साड़ी के साथ गोल्डन का कौम्बिनेशन आपके लिए परफेक्ट रहेगा.

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4. पार्टी के लिए परफेक्ट है सोनम की ये साड़ी

सोनम ने इस फोटोशूट के लिए ना सिर्फ लंहगे बल्कि साड़ी को भी पहनी. अगर आप भी फेस्टिवल में साड़ी पहनने की सोच रही हैं तो सोनम का ये साड़ी लुक बेस्ट है. अक्सर लोग ग्रीन कलर ज्यादा पहनना पसंद करते हैं. पर कुछ नया करने के लिए आप सोनम की तरह क्रीम साड़ी पहन सकती हैं. साथ ही अगर आप साड़ी को ग्रीन लुक देना चाहती हैं तो ग्रीन कलर की ज्वैलरी के साथ मैच कर सकते हैं.

5. फ्लावर प्रिंटेड साड़ी करें ट्राय

अगर आप भी फ्लावर प्रिंटेड पैटर्न के शौकीन हैं तो फ्लावर प्रिटेंड ग्रीन साड़ी आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. सिंपल प्रिंटेड साड़ी के साथ रफ्फल पैटर्न वाले बाजू वाला ब्लाउज आपकी साड़ी को फैशनेबल लुक देगा. साथ ही जंक ज्वैलरी आपकी साड़ी के परफेक्ट लुक देने में मदद करेगा.

Anupamaa: आखिरकार हो ही गई वनराज की दूसरी शादी, गुलाबी लहंगे में यूं दिखी दुल्हन काव्या

स्टार प्लस के सीरियल अनुपमा में आए दिन नए नए ट्विस्ट आ रहे हैं. जहां एक तरफ काव्या ने वनराज संग शादी की तैयारियां शुरु कर दी हैं तो वहीं किंजल की मां राखी पूरी कोशिश कर रही है कि वनराज और काव्या की शादी रुक जाए. इसी बीच सीरियल के सेट से कुछ फोटोज वायरल हो रही हैं, जिसमें वनराज और काव्या दुल्हा-दुल्हन के लुक में नजर आ रहे हैं. आइए आपको दिखाते हैं वायरल फोटोज…

वनराज संग शादी करेगी काव्या

 

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हाल ही में वनराज  (Sudhanshu Pandey) और काव्या (Madalsa Sharma) की शादी की रस्मों के बीच सोशलमीडिया पर दोनों की शादी का लुक वायरल हो रहा है, जिसमें काव्या और वनराज दुल्हा-दुल्हन के लुक में मंडप वरमाला पहने नजर आ रहे हैं. वहीं फैंस ये फोटो देखकर कयास लगा रहे हैं कि दोनों की शादी हो गई है.

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कुछ यूं था दुल्हन काव्या का अंदाज

सीरियल अनुपमा में काव्या यानी मदालसा शर्मा के ब्राइडल लुक की बात करें तो पिंक कलर कलर के शानदार लहंगे के साथ काव्या ने ग्रीन कलर की ज्वेलरी कैरी की हुई है, जिसमें वह बेहद खूबसूरत लग रही हैं. वहीं इस लुक में वह जमकर फोटोज क्लिक करवाती हुई भी नजर आ रही हैं.

सेट पर मस्ती करती नजर आईं काव्या

 

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जहां औनस्क्रीन शो में सीरियस माहौल चल रहा है को वहीं शूटिंग के दौरान मदालसा शर्मा (Madalsa Sharma) शो की टीम के साथ जमकर मस्ती करती नजर आईं. दूसरी तरफ दुल्हन के लुक में मदालसा शर्मा की तारीफें हर कोई कर रहा है, जिनमें नंदिनी यानी अनघा भोसले का नाम भी शामिल है. इसी बीच दूसरे सितारे भी अपने लुक की फोटोज क्लिक करवाते नजर आए.

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बा कहेगी ये बात

 

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आने वाले एपिसोड की बात करें तो वनराज, काव्या संग अपनी शादी को लेकर असमंजस में नजर आएगा. वहीं बा वनराज से कहेगी कि अगर वह शादी नहीं करना चाहता तो ना करें. दूसरी तरफ काव्या कहती हुई नजर आएगी कि शादी तो होकर रहेगी, जिसका जवाब देते हुए राखी कहेगी कि वो उससे भी बड़ी चालबाज है. वहीं काव्या और किंजल की मां राखी की बातें अनुपमा सुनती हुई नजर आएगी.

Saath Nibhaana Saathiya 2: अहम के साथ दोबारा लौटेंगीं पुरानी ‘गोपी’ Gia Manek! दिया ये रिएक्शन

स्टार प्लस का सीरियल साथ निभाना साथिया का पहला सीजन आज भी औडियंस के बीच पौपुलर है. सीरियल में काम कर चुके सितारों को फैंस काफी पसंद करते हैं. इसी बीच खबर है कि साथ निभाना साथिया का प्रीक्वल औडियंस का दिल जीतने के लिए वापस आ रहा है. वहीं खबरे हैं कि सीधी साधी गोपी बहू का सबसे पहले किरदार निभाने वाली जिया मानेक (Gia Manek) नजर आने वाली हैं. हालांकि अब इस खबर पर एक्ट्रेस का रिएक्शन सामने आया है. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

जिया ने कही ये बात

खबरों की मानें तो जल्द ही मेकर्स सीरियल ‘साथ निभाना साथिया’ के प्रीक्वल (Saath Nibhaana Saathiya prequel) के साथ टीवी पर दस्तक देने वाले हैं. वहीं इस प्रीक्वल के लिए जिया मानेक और मोहम्मद नाजिम को अप्रोच किया गया है, जिस पर अब जिया मानेक ने अपना रिएक्शन देते हुए कहा है कि ‘मेरे हाथ में इस समय कई प्रोजेक्ट्स हैं. अब ये मेरी किस्मत बताएगी कि मेरे हाथ कौन सा प्रोजेक्ट लगने वाला है. अगर सब ठीक रहा तो जल्द ही मैं आप सभी को खुशखबरी दूंगी.’

 

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पुरानी वीडियो हुई थी वायरल

 

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बीते दिनों लौकडाउन में गोपी बहू के अंदाज में जिया मानेक की एक वीडियो वायरल हुई थी, जिसे देखकर फैंस काफी खुश हुए थे. हालांकि वह उनके नए सीरियल के इंतजार में हमेशा रहते हैं. वहीं गोपी बहू के रोल में दोबारा नजर आने की खबर के बाद से फैंस बेहद खुश हैं और उनकी वापसी का इंतजार कर रहे हैं.

 

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बता दें, ‘साथ निभाना साथिया’ में अहम और गोपी की जोड़ी फैंस की फेवरेट हैं. वहीं सीरियल के बंद होने पर कई लोगों को अफसोस भी हुआ था. हांलाकि ‘साथ निभाना साथिया’ 2 के ऐलान के बाद फैंस अहम और गोपी के रोमांस की तरह नए सीरियल से भी उम्मीद कर रहे हैं.

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Barrister Babu: लीप के बाद बड़ी बोंदिता के रोल में नजर आएगी ‘गुड्डन’! पढ़ें खबर

कलर्स के सीरियल बैरिस्टर बाबू (Barrister Babu) की कहानी इन दिनों फैंस को काफी एंटरटेन कर रही है. वहीं आने वाले एपिसोड में दर्शकों को लीप का ट्विस्ट नजर आने वाला है. दरअसल, सीरियल ‘बैरिस्टर बाबू’ की कहानी को नया मोड़ देने के लिए मेकर्स ने लंबा लीप लेने का फैसला किया है, जिसके बाद बोंदिता की उम्र बढ़ जाएगी. वहीं इस रोल के लिए एक्ट्रेस का चुनाव भी हो गया है. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर….

ये एक्ट्रेस निभाएंगी नई बोंदिता का रोल

सीरियल ‘बैरिस्टर बाबू’ में जल्द ही औरा भटनागर की जगह नई बोंदिता नजर आने वाली हैं, जिसके लिए एक्ट्रेस का चुनाव भी हो चुका है. खबरों की मानें तो सीरियल गुड्डन तुमसे ना हो पायेगा (Guddan Tumse Na Ho Payega) में नजर आ चुकी गुड्डन यानी कनिका मान (Kanika Mann) बोंदिता का किरदार निभाते हुए नजर आने वाली हैं. वहीं कहा जा रहा है कि कनिका मान सीरियल ‘बैरिस्टर बाबू’ की शूटिंग भी शुरु कर चुकी हैं.

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कनिका की फैन फौलोंइंग है जबरदस्त


गुड्डन के रोल में फैंस का दिल जीतने वाली कनिका मान की फैन फौलोंइग काफी जबरदस्त है. सोशलमीडिया पर उनकी हर फोटो और वीडियो वायरल होती रहती है. वहीं फैंस उनके नए प्रौजेक्ट का बेसब्री से इंतजार करते रहते हैं. वहीं खबरे हैं कि कनिका मान से पहले रीम शेख, अशनूर कौर का नाम बोंदिता के रोल के लिए सामने आया था. हालांकि बात नहीं बन पाई थी.

कहानी में आएगा नया ट्विस्ट

 

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अपकमिंग एपिसोड में आप लीप के बाद का ट्विस्ट देखेंगे. हालांकि इससे पहले सीरियल की कहानी के लिए मेकर्स नई तैयारियां शुरु कर दी हैं. जहां अनिरुद्ध, बोंदिता को लंदन ले जाने का प्लान बना रहा है तो वहीं कोशिश कर रहा है कि ठाकूमां को हवेली से दूर भेज दें. अब देखना होगा कि लीप से पहले और लीप के बाद की कहानी दर्शकों को एंटरटेन करेगी.

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सरकार और कोरोना

देश भर में कोरोना के कारण एक नेगेटिव माहौल है, एक डर है, मौत से ज्यादा डर मौत से पहले की तड़पन का है, चिकित्सा सुविधाओं के अभावों का है. आमतौर पर जब डर का माहौल होता है, आशा होती है कि सरकार कुछ करेगी, खाली हाथ पर हाथ धरे बैठी नहीं रहेगी. पर यहां तो साफ दिख रहा है कि जो सरकार 2014 में जनता की उम्मीदों के बड़े डैनों वाले पंखों पर सवार हो कर आई थी वह तो गिद्ध निकली है और मौका ढूंढ़ती है कि जनता की लाशों से कैसे राजनीति की जाए, कैसे उन्हें मुनाफा जाए, डर का कैसे लाभ उठाया जाए.

आज हर घर में जो परेशानी है उस का बड़ा बोझ औरतों पर है. वैसे भी दुनिया में जब भी जंग या राजनीतिक उठापटक हुई अंतिम भुगतान औरतों ने किया है. आदमी तो शहीद होते हैं पर अपने पीछे अपने छोड़े खंडहरों को संभालने के लिए औरतों को छोड़ जाते है जो बच्चों की देखभाल, अपने शरीर की देखभाल रह जाती हैं, सोचा गया था कि औरतों को वोट का बराबर का अधिकार मिलेगा तो सरकारें औरतों के बारे में सोचेंगी पर सरकारों ने, शासकों ने, इस तरह का खेल खेला है कि आज कोरोना जैसी आपदा में भी सरकार आंसू पोंछने के लिए कहीं नहीं दिख रही.

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कोरोना के दिनों में सरकार ने अपने हाथों या अपनी सुविधाओं में कहीं कोई कमी नहीं की है. देश भर में कर उसी गति से लग रहे हैं और सरकार बारबार बड़े गर्व से कहती है कि लो उस बार फिर जीएसटी का पैसा ज्यादा है. जीएसटी का पैसा ज्यादा आने का अर्थ है लोगों ने उसी कीमत का सामान खरीदने में ज्यादा कर चुकाया क्योंकि इस देश में कुल उत्पादन तो बढ़ रहा है. यह अतिरिक्त पैसा किसने दिया? औरतों ने जिन्होंने और कटौती की.

कोविड की भय के कारण औरतों को घरों में कैद ज्यादा किया गया है. वे ज्यादा नुकसान में हैं. जो कमा कर लाती थीं वे भी और जो नहीं लाती थीं वे भी चार दिवारी में बंद हो कर रह गई हैं और न रिश्तेदारों से मिलबैठ सकती हैं न पड़ोसियों से मिल सकती है. अगर घर में किसी को कोविड हो जाए तो वे ही सब से ज्यादा बोझ ढो रही है और वह सरकार जो उन का यह जन्म व अगला जन्म या मृत्यु के बाद स्वर्ण में स्थान सुरक्षित करने के नाम पर आई थी कहीं नजर नहीं आ रही.

जब दूसरे देशों की सरकारों ने राहत के लिए लोगों के अकाउंटों में पैसा डाला है. भारत में पैट्रोल, घरेलू गैस के दाम बढ़े हैं, रोजमर्रा की चीजों पर मिलने वाली छूट कम हुई है, दवाएं मंहगी हुई हैं, आय कम हुई है और यह सब सरकार ने किया है.

यह वह सरकार है जिस ने पश्चिमी बंगाल में ताबड़तोड़ चुनावी सभाएं की जिन में प्रधानमंत्री कहते थकते नहीं रहे कि ‘जहां तक मेरी नजर जाती है वहां तक लोग ही लोग.’ दूसरों पर 4 जने इकट्ठे हो जाएं डंटे मारने वाली सरकार ने इस भारी भीड़ को बिना मास्क, गाल से गाल मिला कर बैठने की इजाजत दी जबकि देशभर में कितने ही जगह पुलिस वालों ने औरतों को भी बाजार से सामान लानेजाने के समय मास्क न पहनने पर बुरी तरह लाठियों से पीटा है जो बहुत से वीडियों में कैप्चर किया गया है.

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आमतौर पर ‘जनता’ शब्द का इस्तेमाल कर के यह मान लिया जाता है कि सरकारी आतंक को आदमी ही झेल रहे हैं पर यहां ‘जनता’ का अर्थ अब औरतें ही रह गया है जो अपनी बात केवल रटीरटाई आरती या भजन से कह सकती हैं और किसी काल्पनिक भगवान की प्रार्थना कर मर जाती हैं. सदियों से स्त्रियां और द्रोपदियां दंड झेलती रही हैं ताकि राम और युधिष्ठर के अहम की तुष्टि होती रहे. आज हमें इस का वीभत्स रूप दिखने को मिल रहा है और महान शासक अपनी छवि निखारने के लिए नए महल को बनवाने में लगे हैं मानो महल के बाहर कहीं कुछ खराब हो ही नहीं रहा.

स्वस्थ रहें, खूबसूरत रहें

हर लड़की की इच्छा होती है कि लोग उस की खूबसूरती की तारीफ करें. वह जहां से गुजरे लोगों की निगाहें उस पर टिक जाएं. मगर खूबसूरती का अर्थ केवल बाहरी सुंदरता से नहीं लगाया जा सकता. आज के समय में खूबसूरती के साथ फिटनैस अनिवार्य है. वैसे भी आप अंदर से फिट और सेहतमंद होंगी तो खूबसूरत खुदबखुद दिखने लगेंगी. आप का शरीर सुडौल और शेप में होगा तो आप पर कोई भी ड्रैस खिलेगी.

शरीर स्वस्थ होगा तो चेहरे पर खुद ही चमक आ जाएगी, बाल घने और आंखें आकर्षक लगेंगी. सुंदरता और सेहत का एकदूसरे से बहुत गहरा संबंध होता है, इसलिए याद रखें कि खुद को सुंदर बनाने व फिट रखने का फार्मूला एक ही है जो यह है :

खाएं सेहतमंद भोजन तो खिल उठे तनमन

अच्छी सेहत और सही पोषण के लिए अच्छे खानपान व संतुलित भोजन की आवश्यकता होती है. इस के लिए भारी भोजन लेने या ज्यादा खाने के बजाय सही चीजें लेनी जरूरी हैं. यदि आप ऐसा करती हैं तो हर तरह से मजबूत बनने के साथ आप की खूबसूरती भी बढ़ेगी. अपने खाने में हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, दूध, दही, सूप, जूस, दालें और दूसरी जरूरी चीजें शामिल करें. इस से त्वचा की ताजगी और शरीर की फिटनैस बनाए रखी जा सकती है. भोजन करना शरीर के पोषण के लिए जरूरी है मगर अधिक खाने की आदत सेहत व खूबसूरती को चौपट कर देती है. यह चरबी, बदसूरती तथा बीमारियों को निमंत्रण देती चली जाती है.

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जलन नहीं, प्यार रखें मन में

हर इंसान के अंदर कुछ खास गुण होते हैं. उन का सही उपयोग किया जाए तो हमें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता. इसी तरह कुदरत ने सभी को अलगअलग रंगरूप, आकार और सौंदर्य दिया है. कई बार दूसरों की खूबसूरती या सफलता देख कर हम जल उठते हैं. हमें ईर्ष्या होने लगती है. याद रखिए, ईर्ष्या करने से कुछ हासिल नहीं होता बल्कि शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इसलिए हमेशा अपने दृष्टिकोण को सकारात्मक बनाए रखें. मन में दूसरों के लिए प्यार रखें. जो आप के पास है उसे बेहतर करने का प्रयास करते रहें. इस से मन खुश रहेगा और आप का आकर्षण भी बरकरार रहेगा.

गुस्सा पास न फटके

याद रखें, क्रोध की आग दूसरों से ज्यादा खुद आप को जलाती है. किसी को देख कर मुंह बनाने, त्योरियां चढ़ाने या चीखनेचिल्लाने से चेहरे की त्वचा में खिंचाव आता है. जिस से असमय ही त्वचा  झुर्रियों की शिकार हो जाती है. आप की स्वाभाविक खूबसूरती गायब होने लगती है. सौंदर्य के साथ ही क्रोध स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालता है. इस से मानसिक तनाव पैदा होता है और नींद तक गायब हो जाती है. इन सब का असर भी आप की खूबसूरती पर पड़ता है. इसलिए स्वस्थ व सुंदर रहना है तो गुस्सा अपने पास न फटकने दें.

हर हाल में रहें खुश

हर कोई हंसता हुआ चेहरा पसंद करता है. चेहरे पर हंसीखुशी और प्रेम का भाव रखने से चेहरे की रंगत, आंखों की चमक, गालों की लालिमा और दिल की धड़कन बढ़ जाती है. बढ़ा हुआ रक्तसंचार एक सामान्य चेहरे पर भी अलग सी रौनक बिखेर देता है. इसलिए हर हाल में खुश रहने की आदत डालें. इस से आप का दिल भी तंदुरुस्त रहेगा और जीवन में नई खुशियां आने की संभावना भी बढ़ जाएगी.

बी पौजिटिव

जिंदगी में कभी भी किसी चीज को ले कर चिंता नहीं करनी चाहिए. चिंता दीमक की तरह आप को खोखला कर देती है. चिंता करने से आप अपनी सेहत और सौंदर्य दोनों को बरबाद करती हैं. कहा भी गया है, चिंता चिता से बढ़ कर है. हर किसी के जीवन में परेशानियां आती हैं. लेकिन यह आप पर निर्भर करता है कि आप उन परिस्थितियों में खुद को और हालात को कैसे संभालती हैं. हर स्थिति से लड़ें और हौसला रखें, लेकिन चिंता बिलकुल न करें. हमेशा सकारात्मक सोच रखें.

ऐक्सरसाइज

ऐक्सरसाइज कर के आप सेहत और खूबसूरती दोनों बढ़ा सकती हैं. अगर आप रोज सुबह और शाम ब्रिस्क वाक यानी तेज कदमों वाली चाल से चलती हैं तो इस का असर सीधा चेहरे के निखार पर दिखता है. जब हम तेज कदमों से चलते हैं तो दिल तेजी से काम करता है. रक्तसंचार बेहतर होता है जिस से खून शुद्ध होता है. इस से दिल को ज्यादा मात्रा में औक्सीजन मिलती है और यही प्रक्रिया त्वचा में चमक पैदा करती है.

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इसी तरह ऐक्सरसाइज के दौरान दौड़ने से दिमाग को खुश करने वाले कैमिकल्स, जैसे सेरोटोनिन और डोपामाइन का स्तर बढ़ता है. इस से चेहरे व आंखों में स्वाभाविक चमक आती है. कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता मानते हैं कि तनाव में रहने वाली महिलाओं, जो सप्ताह में 3 दिन भी 45 मिनट की ऐक्सरसाइज कर लेती हैं, में उम्र का असर कम दिखता है. जबकि तनाव में रहने वाली अन्य महिलाओं में बढ़ती उम्र के लक्षण जल्दी नजर आने लगते हैं.

रोज थोड़ी देर व्यायाम करने से सिर की त्वचा में भी खून का संचार तेज होता है. बेहतर रक्त संचार से बाल जड़ों से मजबूत और सुंदर होते हैं. ऐक्सरसाइज करने से पसीना निकलता है. पसीना आप के शरीर से गंदगी बाहर निकाल फेंकता है, जिस से त्वचा फ्रैश हो जाती है.

आत्मविश्वास

खुद पर विश्वास रखने वाला व्यक्ति सदैव प्रसन्न एवं स्वस्थ होता है. अपने आत्मविश्वास को कभी भी कम न होने दें. आत्मविश्वास से चेहरे पर सदा मुसकान और चमक बनी रहती है जिस से आप प्राकृतिक रूप से खूबसूरत लगती हैं. दुनिया की सारी चिंताएं और समस्याएं व्यक्ति के आत्मविश्वास के सामने घुटने टेकने को मजबूर हो जाती हैं.

फ्रैंड्स का साथ

दोस्तों और भाईबहनों का मस्तीभरा साथ इंसान को अंदर से खुश रखता है. और यह खुशी उस की सेहत व सुंदरता के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है. खुलेदिल से हंसना, खिलखिलाना, दिल की बातें शेयर करना और हर गम को बांट लेना यह सब इंसान अपने दोस्तों व हमउम्र वालों के साथ ही कर सकता है. इन का साथ पा कर न सिर्फ आप रिफ्रैश महसूस करती हैं बल्कि फैशन, ब्यूटी और टैक्नोलौजी के मामले में भी अपडेटेड रहती हैं.

जल्दी उठने और जल्दी सोने की आदत डालें

आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी में हम दिन के साथसाथ देररात तक व्यस्त रहते हैं. रात में देर से सोते हैं और सुबह नींद नहीं खुलती. औफिस या कालेज जाना हो तो सुबह नींद पूरी हुए बिना ही उठ कर भागते हैं. इस से हमारी नींद पूरी नहीं होती है. इस का बुरा असर हमारी सेहत पर पड़ता है. मानसिक क्षमता तो प्रभावित होती ही है, साथ ही आंखों के नीचे कालापन भी बढ़ने लगता है. चेहरे की रौनक खोने लगती है. इसलिए अगर आप स्वस्थ, चुस्तदुरुस्त और खूबसूरत रहना चाहती हैं तो सुबह बिस्तर जल्दी छोड़ें और रात में जल्दी सोएं.

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कोरोना में अकेली रह गई सहेली की कैसे और कितनी करें सहायता

आज दिव्या बहुत उदास थी. उस की सब से प्यारी सहेली नेहा के परिवार में कोविड कहर बन कर टूटा और उस के अपनों को छीन कर ले गया. पहले ससुर फिर उस की नन्ही सी बच्ची और बाद में पति भी कोरोना की भेंट चढ़ गए. पति हॉस्पिटल से ठीक हो कर आ गया था मगर अचानक आए हार्ट अटैक की वजह से वह भी चल बसा. देखते ही देखते ही उस की सब से प्यारी सहेली नेहा, जो कुछ दिन पहले तक एक खुशहाल जिंदगी जी रही थी, बिल्कुल अकेली रह गई वह बिल्कुल टूट गई थी. नेहा खुद कोविड पॉजिटिव थी. उसे सांत्वना देने के लिए उस की बूढ़ी मां भी
नहीं आ सकी. सास और देवर वगैरह थे नहीं. एक भाई था जो दूसरे शहर में रहता था और लॉकडाउन की वजह से आ नहीं सका.

नेहा के बारे में चिंता करकर के दिव्या परेशान हो रही थी. दिव्या को समझ नहीं आ रहा था कि सहेली की मदद कैसे करे. नेहा के घर में रह कर उस की देखभाल करना भी संभव नहीं था क्योंकि वह खुद परेशानी में पड़ सकती थी.
जबकि मन में डर था कि कहीं इतना बुरा वक्त झेल रही अकेली नेहा परेशान हो कर कुछ ऐसा वैसा न कर बैठे इसलिए वह किसी भी तरह नेहा की हेल्प करना चाहती थी.

तब उस ने एक उपाय निकाला और एक फुलटाइम नर्स को तैयार किया जो उस के घर में रह कर उस का ख्याल रखे और खाना बनाने के साथ साथ उसकी तीमारदारी भी करे. नर्स को उस के घर भेज कर दिव्या व्हाट्सएप्प कॉल के जरिए उसे गाइड भी करने लगी. साथ ही लगातार नेहा को हौसला देने का प्रयास करने लगी. सुबहशाम वह उसे समझाती, उसे अच्छेअच्छे वीडियो भेजती पॉजिटिव बातें सुनाती और पॉजिटिव रहने की हिम्मत बढ़ाती. दिव्या हमेशा नेहा को एहसास दिलाती कि वह उस के साथ है. वह अकेली नहीं है. इन सब प्रयासों का अच्छा नतीजा निकला और धीरेधीरे नेहा थोड़ी नार्मल होने लगी. उस ने जीने का हौसला नहीं छोड़ा और एक नई जिंदगी शुरू करने का फैसला ले लिया यह सब संभव हो पाया था केवल दिव्या के कारण दिव्या सही समय पर सही तरीके से उस का संबल बनी और उस की हिम्मत टूटने से बचा लिया.

अगर आप के साथ भी ऐसा कुछ हुआ हो और आप की अपनी प्रिय सहेली या कोई और करीबी महिला कोविड में अकेली रह गई हो तो आप उस की सहायता कुछ इस तरह और उतना ही करें ताकि आप खुद मुसीबत में न फंसे अपनेआप को बचाते हुए आप अपनों की इस तरह दूर रह कर भी सहायता कर सकती हैं.

आर्थिक मदद करें मगर सीमा के अंदर

अक्सर कोविड में बीमार पड़ने पर अस्पतालों के चक्कर लगाने में बहुत रुपए खर्च हो जाते हैं इंसान एक तरह से खाली सा हो जाता है. वैसे भी आजकल हर चीज की चोरबाजारी चल रही है. कम कीमत की चीजें भी बहुत महंगी मिल रही हैं. जीवन रक्षक वेंटिलेटर हों या ऑक्सीजन सिलिंडर, कालाबाजारी करने वाले इन्हें चौगुनी पांचगुनी कीमत में बेच रहे हैं. जब इंसान जिंदगी से लड़ रहा होता है, एकएक सांस को तरस रहा होता है तो वह कितने भी रुपए लुटा कर अपने प्रियजन को बचा लेना चाहता है. पर स्थिति और भी बुरी तब होती है जब प्रियजन भी चले जाते हैं और पैसे भी. अगर आप की सहेली के साथ ऐसा हुआ है तो आप उसे रुपएपैसों से मदद कर सकती हैं.

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मगर हमेशा याद रखें कि आप उस की इस मामले उतनी ही मदद करें जितनी सहजता से कर सकती हैं. क्योंकि कल को आप के यहाँ कोई दिक्कत आए तो आप को रुपयों की तंगी का सामना न करना पड़ जाए. सहेली को यदि समय पर आप की तरफ से थोड़ी भी सहायता मिल जाएगी तो वह उस के लिए काफी होगा. आप उसे ऑनलाइन ट्रांसफर से रुपए भेज सकती हैं या फिर उस के लिए जरूरी सामानों की ऑनलाइन शॉपिंग भी कर सकती हैं. सामान उस के घर के एड्रेस पर भिजवा सकती हैं.

उचित सलाह

आप अपनी सहेली को सही और उचित सलाह दे कर भी उस की मदद कर सकती हैं. उसे क्या करना चाहिए, कैसे और कहाँ से इंतजाम हो, जैसे सवालों के जवाब खोजने में मदद कर सकती हैं. कई बार अकेला व्यक्ति कोई फैसला नहीं ले पाता ऐसे में आप उसे ऐसी दुविधाओ से भी उबार सकती हैं. उसे सही फैसले लेने में हेल्प करें ऐसे रास्ते बताएं ताकि वह अपनी समस्याओं का समाधान कर सके. मसलन आप उसे ऑनलाइन सामान खरीदने में मदद कर सकती हैं, उस को डॉक्टर या वकील के नंबर, ऑक्सीजन सिलिंडर, वेंटिलेटर वगैरह अरैंज कराने जैसे काम अपने सोर्स की सहायता से कर कर सकती हैं. कोई बात उसे समझ नहीं आ रही हो या उसे कोई जरूरी जानकारी नहीं है तो आप उसे बताएँ. जल्दी से उस की हर तरह से सहायता करें. जानकारियां ढूंढ कर दें. उसे मानसिक सपोर्ट दें.

जॉब ओपनिंग की सूचना

यदि आप की जानकारी में आप की सहेली के लायक कोई जॉब ओपनिंग है तो उसे जरूर इन्फॉर्म करें इस से वह अपने पैरों पर खड़ी होगी और इस कठिन समय से निकलने में उस की मदद हो जाएगी. यही नहीं वह घर से बाहर निकलेगी तो उस का मन बदलेगा. दस लोगों से मिलेगी तो जीवन के एकाकीपन और निराशा से बाहर आने का मौका मिलेगा. उसे नए अवसर नजर आएंगे और जीवन को देखने का उस का नजरिया भी बदलेगा.

साथ दें

सहेली के साथ कहीं जाने की जरूरत है तो जरूर जाएं इस से उसे हौसला मिलेगा कि वह अकेली नहीं अक्सर अकेलापन नहीं बल्कि अकेलेपन की भावना इंसान को अंदर से तोड़ देती है. उसे मानसिक रूप से कमजोर बनाती है. आज भले ही कोविड के इस दौर में इंसान बाहर जाना नहीं चाहता. मगर कई बार परिस्थितियां ऐसी आ जाती हैं कि उसे निकलना ही होता है. कोविड के इस समय में कभी वैक्सीन लगवाने, कभी बैंक के कामकाज, कभी डॉक्टर को दिखाना, कभी नौकरी की तलाश में और कभी फलसब्जियां या दवाइयाँ लाने के लिए उस को निकलना पड़ सकता है.
ऐसे समय में जब परिवार साथ नहीं तो आप को उस का साथी बन कर उस का मनोबल
बढ़ाना चाहिए.

ऊंचे सपने देखने को प्रेरित करें

सहेली को ऊंचे सपने देखने को प्रेरित करें उसे टूटने न दें बल्कि ऐसे उदाहरणों से रूबरू कराएं जिस में महिलाओं ने अपने बलबूते कुछ किया हो. अपनी जिंदगी को एक मुकाम दिया हो. दूसरों के चले जाने से जिंदगी ख़त्म नहीं हो जाती. अक्सर अकेली औरत खुद को कमजोर, बेबस और बेचारा समझने लगती है. मगर यह सोच गलत है. ऐसी सोच के साथ वह अपनी जिंदगी बर्बाद कर लेती है. इस के विपरीत यदि इंसान की सोच सकारात्मक हो, वह ऐसे लोगों के बारे में सुने या जाने जिन्होंने अपने बलबूते कुछ किया हो, तो उसे भी कुछ करने की प्रेरणा मिलती है.

जीवनसाथी की तलाश

जीवनसाथी की तलाश में सहेली की मदद करें जब सहेली अकेली रह जाए और उस के लिए सोचने वाला कोई न हो तब उस के लिए आप को ही सोचना पड़ेगा. आप उसे दोबारा शादी करने को मना सकती हैं. अगर आप की नजर में उस के लायक कोई शख्स हो जो खुद अकेला हो तो आप सहेली को इस बारे में जानकारी दे सकती हैं और उन दोनों को मिलवा सकती हैं. वैसे भी आज के समय में बहुत सारे मैट्रिमोनियल साइट्स मौजूद हैं जिस पर आप अपनी सहेली का बायोडाटा क्रिएट कर उसे मदद कर सकती हैं. यही नहीं आप इस साइट में मौजूद बहुत सारे ऑप्शन में से सही व्यक्ति को चुनने में भी उस की मदद कर सकती हैं.

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घर न बुलाएं

भावनाओं में बह कर सहेली को अपने घर में रहने न बुलाएं एक तरफ तो कोविड का खतरा उस पर पति की नजरों के भटकने का खतरा भी बना रह सकता है. वैसे भी आज के समय में अतिथि रिस्की होता है. इसलिए दूर रह कर ही उस की सहायता करें. उसे अहसास दिलाएं कि आप को उस की कितनी परवाह है, उस से अपनापन जताएं मगर घर बुलाने की गलती न करें.

घर से ही बिजनेस का आइडिया दें

आजकल ऐसे बहुत से काम हैं जिन में बाहर जाने की जरुरत नहीं पड़ती साथ ही किसी खास डिग्री या वोकेशनल कोर्स की भी जरुरत नहीं. बस यदि आप के हाथ में हुनर है या कोई खासियत है तो आप घर से ही कोई बिजनेस शुरू कर सकती हैं. आप अपनी सहेली को बिज़नेस का आइडिया दें और बिज़नेस सेटअप करने में मदद करें काम बहुत तरह के हो सकते हैं मसलन बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना, टिफिन सर्विस का काम, पेंटिंग, फ्रीलांस राइटिंग, कैंडल मेकिंग, सिलाई, कढ़ाई जैसे बहुत से काम हैं जिन्हें महिलाएं घर में रह कर भी कर सकती हैं और अच्छी कमाई कर सकती हैं

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