म्युकोर मायकोसिस का समय रहते करवाएं इलाज 

कोविड की दूसरी वेव बढ़ते संक्रमण और अपनों के मृत्यु के बीच लोग म्युकोर मायकोसिस यानि ब्लैक फंगस से परेशान है. ये बीमारी पोस्ट कोविड में अधिकतर हो रही है, जिसका इलाज़ काफी महंगा होता है. म्युकोर मायकोसिस उन लोगों को अधिक होता है, जो किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है, जिसमें उनकी इम्युनिटी कमजोर हो जाती है, मसलन अनकंट्रोल्ड डायबिटीज, कैंसर के मरीज आदि. इस बारें में  पुणे के अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल के ईएनटी सर्जन डॉ. अलकेश ओसवाल कहते है कि ब्लैक फंगस रेयर बीमारी के अंतर्गत गिना जाता है, लेकिन कोविड के बाद ये बीमारी बढ़ी है. ये बीमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता के कम होने की वजह से ही फैलता है. ये बीमारी नई नहीं, बहुत पहले से चली आ रही है, पहले साल में 8 से 10 मरीज बड़े अस्पताल में इलाज के लिए आते रहे है. अब ये अचानक कोविड की दूसरी लहर के बाद बहुत बढ़ चुकी है. ये कोविड के मरीज को 10 दिनों के बाद से 40 दिनों तक कभी भी हो सकता है. ये अभी तक अनकंट्रोल्ड डायबेटिक पेशेंट में देखा गया है.

क्या है म्युकोर मायकोसिस ( ब्लैक फंगस )

असल में ये एक फंगल इन्फेक्शन है. ये फंगस आसपास के वातावरण में होता है, मसलन  मिट्टी, पेड़ पौधों, हवा , मृत जानवरों आदि में होता है और हवा के द्वारा नाक के अंदर साइनस में ये फंगस त्वचा से चिपक जाता है. अधिकतर लोगों को इसकी कोई तकलीफ महसूस नहीं होती, लेकिन कुछ लोगों को, जिनमें खासकर इम्यूनोकोम्प्रोमाइज वाले मरीज होते है. ये अधिकतर कैंसर के मरीज, जिसका कीमोथेरेपी चल रहा हो, अनकंट्रोल्ड डायबिटीज, किडनी या लंग्स ट्रांसप्लांट किया गया हो. ऐसे मरीजों की इम्युनिटी कम होती है और फंगस को फैलने का अवसर आसानी से मिल जाता है. ये ऑपरचुनिटी वाला फंगस है. इसलिए ये नाक के द्वारा साइनस से होते हुए आँख या जबड़े में पहुँच जाता है. अगर ध्यान न दिया गया हो तो ये आगे मस्तिष्क तक भी पहुँच सकता है.

लक्षण  

इस बीमारी में किसी प्रकार का लक्षण नहीं होता, ऐसे में इसे पता लगाना मुश्किल होता है. कभी- कभी ये नाक से अपने आप हट भी जाती है. कोविड महामारी एक नया इन्फेक्शन है, जिसकी वजह से व्यक्ति में इम्युनिटी कम हो जाती है और व्यक्ति इसका शिकार बन जाता है, लेकिन घबराने की बात नहीं, क्योंकि डायबिटीज के मरीज को जब कोविड इन्फेक्शन होता है, तो उसका शुगर लेवल बढ़ जाता है और उसकी इम्युनिटी कम हो जाती है, साथ ही कोविड के लिए दिए गए स्टेरॉयड के इंजेक्शन से शुगर लेवल कम हो जाता है. यहाँ शुगर को बार-बार कंट्रोल में रखना पड़ता है. यही वजह है कि अधिकतर पेशेंट अनकंट्रोल्ड शुगर लेवल वालों में ही पाया गया है. उन लोगों में ये फंगस बहुत जल्दी फैलने लगता है.

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इसके अलावा ये बीमारी अधिकतर गांवों में देखी जाती है, क्योंकि वहां लोग गन्दी जगह और मिट्टी में काम करते है, जब तक उन्हें इम्यूनोकोम्प्रोमाईज़ की शिकायत नहीं होती, ये बीमारी फ़ैल नहीं सकती.

इलाज 

इसके आगे डॉ. अलकेश कहते है कि मेरे पास जो रोगी म्युकोर मायकोसिस का आया था, उसको कोविड ठीक होने के थोड़े दिनों बाद हुआ था. कुछ रोगी ऐसे है, जिनको कोविड इन्फेक्शन शुरू होने के साथ-साथ ही म्युकर मायकोसिस शुरू हो गया था. मैंने अधिकतर मरीज कोविड से रिकवर होने के बाद देखे है. इसमें मरीज की आँखों के नीचे लाल और सूजन आ गयी थी, साथ ही उसी तरफ के नाक भी ब्लाक हो गए थे. मुझे पता लग गया था कि ये म्युकोर मायकोसिस का केस है. इलाज के लिए इसमें पहले दूरबीन से उसकी जांच की जाती है, जिसमे बायेप्सी कर इस बीमारी को कन्फर्म किया जाता है. संदेह होने पर एम्आरआई भी करवाना पड़ता है. इस मरीज का म्युकोरमायकोसिस मस्तिष्क तक पहुँच चुका था. मैंने दूरबीन की सहायता से आँखों के नीचे से फंगस को साफ़ किया, जिससे उसे बहुत आराम हुआ है.

साधारणत: म्युकोरमायकोसिस का इलाज 3 तरह से किया जाता है,

  • प्रिवेंशन यानि बीमारी हो ही नहीं, इसके लिए हाई रिस्क वाले मरीज को खोजना पड़ता है और काफी सोच विचार कर उसका इलाज किया जाता है,
  • कोविड से संक्रमित डायबिटीज के मरीज को डॉक्टर की सलाह से दवाई, स्टेरॉयड के इंजेक्शन आदि लेना पड़ता है, लेकिन डर इस बात से है कि आजकल अधिकतर लोग फ़ोन से पूछकर या व्हाटसेप पर देखकर दवाई ले लेते है, जो बहुत गलत हो रहा है. डायबिटीज वाले मरीज के शुगर लेवल को लगातार मोनिटर करना पड़ता है, मसलन डाइट, दवाइयां समय से लेना और शुगर अनकंट्रोल्ड होने पर डायबेटोलोजिस्ट की भी सहायता लेने की जरुरत पडती है.
  • ब्लैक फंगस के पेशेंट को नाक की साफ़ सफाई पर बहुत अधिक ध्यान देना पड़ता है, आजकल सभी मास्क पहन रहे है, इसके अलावा जल नेती, जो सेलाइन नेजल वाश वाटर से साफ करना है, इससे अगर फंगस नाक में पहुंचा है, तो वह साफ़ हो जाता है.

इसके अलावा इसमें इलाज दो तरीके से ही की जाती है,

सर्जरी और दवाई 

सर्जरी में जितना भाग म्युकोर मायकोसिस से सड़ गया है, उसे निकलना पड़ता है, उसे सर्जिकल डीबराइडमेंट कहते है, इसमें रोगी को बीमारी एम आर आई से देखने के बाद रोगी में बीमारी जितनी फैली हो उसे निकाला जाता है. कई बार ये फंगस केवल आँखों में ही नहीं, खून में भी आ जाता है, ऐसे में उसे कंट्रोल करने के लिए दवाई दी जाती है, जो एंटी फंगल होती है.

एंटी फंगल दवाई भी दो तरह की होती है

एम्फोटेरेसिन ( Amphotericin) और पोसाकोनजोल, ( Posaconazole)  इन दो दवाइयों से इन्फेक्शन को फैलने से रोका जाता है. रोगी डॉक्टर की निगरानी में रहते है, ताकि दवा का असर देखा जा सके. कई बार दूरबीन से देखने पर अगर बीमारी फिर से आगे फ़ैल गयी हो तो वापस सर्जरी करनी पड़ती है. कई बार रोगी को एक साथ कई सर्जरी का सामना करना पड़ता है. कभी-कभी  रोगी को बुखार आना, सांस लेने में तकलीफ होता है. म्युकोर मायकोसिस मस्तिष्क और  लंग्स का भी होता है, लेकिन सबसे कॉमन ये म्युकोर मायकोसिस 80 से 85 प्रतिशत लोगों में पाया जाता है, जिसके लक्षण बाहर से ही दिखते है. इसमें जितना जल्दी आप इलाज के लिए समय देंगे, ये जल्दी ख़त्म होगा.

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करनी पड़ती है रिकंस्ट्रक्शन 

सर्जरी के द्वारा चेहरे से निकाले गए भाग को प्लास्टिक सर्जन, रिकंस्ट्रक्शन या प्रोस्थेटिक की सहायता से ओरिजिनल बना देते है. इससे मरीज हीन भावना से ग्रस्त नहीं होता. डॉक्टर आगे कहते है कि यहाँ जो दवाई किसी की जान बचाती है, लोग उसकी कालाबाजारी करने लगते है. एम्फोटेरेसिन भी ब्लैक फंगस को कंट्रोल करने लिए दी जाती है, लेकिन अब वह बाज़ार में नहीं है. जो दवा 3 से 4 हजार में मिलती थी, वह अब 8 से 10 हज़ार हो गयी है. जिनके पास पैसे है ,वो उसे खरीद लेंगे, लकिन गरीब इंसान क्या करेगा, ये सोचने वाली बात है. एक दिन में 5 डोज लगते है ऐसे में 10 हज़ार एक दवा की कीमत होने पर रोज 50 हज़ार खर्च होंगे. इसलिए मेरा कहना है कि जरुरत की दवा की कालाबाजारी न कर उसे गरीब और जरुरतमंदों तक पहुंचाएं. पहले मैंने ब्लैक फंगस के करीब एक या दो मरीज ही सरकारी अस्पतालों में देखा था, लेकिन अब संख्या बहुत है.

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कोविड-19 महामारी में उत्तर प्रदेश सरकार श्रमिकों एवं कामगारों को देगी भरण-पोषण भत्ता

प्रदेश सरकार कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण पंजीकृत श्रमिकों, अन्य श्रमिकों, सभी पटरी व रेहड़ी दुकानदारों, रिक्शा व ई-रिक्शा चालको, नाविकों, कुली, पल्लेदारों, नाई, धोबी, मोची, हलवाई आदि रोज कमाकर खाने वालों को 1000 रुपये प्रतिमाह का भरण-पोषण भत्ता देगी.

शासन ने अभी फिलहाल 01 माह के लिए इन सभी को भरण-पोषण भत्ता दिए जाने का निर्णय लिया है. इस संबंध में मुख्य सचिव श्री राजेंद्र कुमार तिवारी ने अपर मुख्य सचिव श्रम विभाग, समस्त मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि सरकार के निर्णय के अनुपालन में समस्त पंजीकृत श्रमिकों को उनके बैंक खाते में 1000 रुपये डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित किया जाए

जिन श्रमिकों का पंजीकरण नहीं हुआ है, उन्हें भी पंजीकृत कर उनके बैंक खाते में 1000 रुपये डीबीटी के माध्यम से धनराशि अंतरित कराई जाएगी.

उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि वर्ष 2020-21 में श्रम विभाग में पंजीकृत 20.37लाख निर्माण श्रमिकों के बैंक खाते में 1000 रुपये प्रतिमाह की धनराशि हस्तांतरित करने के निर्देश दिए गए थे. इसमें से जिन श्रमिकों के बैंक खातों का डेटाबेस उपलब्ध नहीं था, उनका शीघ्र ही डेटाबेस तैयार कर सहायता राशि उपलब्ध कराई गई थी. अतः गत वर्ष की भांति इस वर्ष 2021-22 में भी पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बैंक खाते में 1000 रुपये की धनराशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की जायेगी.

राशन वितरण अभियान से मिलेगा उत्तर प्रदेश के लोगो को राशन

योगी सरकार गुरुवार को देश का सबसे बड़ा मुफ्त राशन वितरण अभियान शुरू करने जा रही है. प्रधानमंत्री गरीब कल्यामण अन्नत योजना के तहत प्रदेश के 15 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जाएगा. सरकारी राशन दुकानों से पात्रों को 3 महीने मुफ्त राशन दिया जाएगा.

हर कार्ड धारक को 3 किलो गेहूं के साथ 2 किलो चावल दिया जाएगा. कम्यु निटी किचन और फूड पैकेट के जरिये रोज हजारों गरीबों तक भोजन पहुंचा रही योगी सरकार ने देश के सबसे बड़े राशन वितरण अभियान के लिए चाक चौबंद तैयारी की है. योगी सरकार ने अपने मंत्रियों, विधायकों और अफसरों को मुफ्त राशन वितरण अभियान की निगरानी के लिए जिलों में तैनात रहने के निर्देश दिए हैं.

प्रदेश सरकार के मंत्री और विधायक अलग अलग जिलों में मौजूद रह कर राशन वितरण अभियान की शुरुआत करेंगे.
राशन वितरण की निगरानी के लिए सरकारी दुकानों पर नोडल अधिकारियों की तैनाती की गई है. पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और भ्रष्टालचार मुक्तन बनाने के लिए राशन वितरण ई पॉस मशीनों के जरिये किया जाएगा.

पात्र गृहस्थी योजना के 13,41,77,983 लोगों के साथ अंत्योनदय अन्नन योजना के 1,30,07,969 पात्रों को भी मुफ्त राशन वितरण योजना का लाभ मिलेगा. यूपी के कार्ड धारकों के अलावा पोर्टबिलिटी के आधार पर कोई भी पात्र कार्ड धारक प्रदेश की सरकारी राशन दुकानों से मुफ्त राशन प्राप्तर कर सकेगा. मई महीने का राशन वितरण गुरुवार से शुरू हो कर 31 मई तक चलेगा.

29 से 31 मई तक पोर्टबिलिटी के आधार पर पात्र लोगों को राशन वितरण किया जाएगा. कम्युहनिटी किचन और फूड पैकेट के जरिये पहले ही गरीबों तक भोजन पहुंचा रही योगी सरकार ने अब मुफ्त राशन वितरण अभियान के लिए बड़े स्तहर पर तैयारी की है. प्रदेश की लगभग 80 हजार सरकारी राशन दुकानों तक खाद्यान्नं पहुंचाने के साथ कोविड प्रोटोकाल के पालन के भी निर्देश जारी किए गए हैं.

खाद्यान्ने वितरण में सोशल डिस्टें सिंग के साथ टोकन सिस्ट म लागू किया जा रहा है, ताकि भीड़ जुटने से रोका जा सके. राज्यक सरकार ने हर राशन दुकान पर सेनिटाइर, साबुन और पानी की उपलब्धरता अनिवार्य की है. ई पास मशीनों के इस्तेपमाल से पहले सेनिटाइजेशन जरूरी होगा. एक दुकान पर एक समय में अधिकतम 5 उपभोक्ता‍ ही मौजूद रह सकेंगे.

गौरतलब है कि कोरोना की पहली लहर के दौरान भी योगी सरकार ने पात्र कार्ड धारकों को 8 महीने तक मुफ्त राशन वितरण किया था. 5 किलो खाद्यान्न प्रति यूनिट की दर से राज्यब सरकार ने सरकारी दुकानों से पिछले साल अप्रैल से नवंबर तक 60 लाख मी टन खाद्यान्न का मुफ्त वितरण किया था, जो कि देश में एक रिकार्ड है.

ड्राइविंग के लिए बेस्ट है Hyundai Creta

#Creta@HyundaiIndia के लिए शानदार सफलता के तौर पर उभर कर आई है. ये शानदार कॉम्बिनेशन है Style, Performance & Comfort का.
ये देखने में गज़ब है, सीट काफी बड़ी हैं, ड्राइविंग के लिए ये ढेरों अलग-अलग अवसर देती है, इसे हैंडल करना और इसका सस्पेंशन कमाल है तो इसका इंजन आपको रफ्तार से दोस्ती कराने की क्षमता रखता है. #RechargeWithCreta

Hyundai Creta और इसकी खूबियां

The @HyundaiIndia #Creta में खूबियों की फेहरिस्त काफी लंबी है. इसका 26.03 सेंटीमीटर का टचस्क्रीन बिना परेशानी के शानदार फीडबैक देता है. इसमें जानकारी हासिल करना बेहद आसान है और इसकी नेविगेशन हमें उन रास्तों पर भी मदद करती है जहां दूर-दूर तक कोई आबादी का निशान नहीं दिखता. #RechargeWithCreta

कोरोना से लड़ाई युवाओं के सहयोग से

सरकार के साथ कदमताल करते हुए लखनऊ शहर के युवाओं ने कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने की जिम्मेमदारी उठा ली है. इन युवाओं में पेशे से कोई एमबीए एचआर है, तो एमबीए ट्रेनर है. लॉकडाउन के दौरान जब पूरा शहर कोरोना से जूझ रहा था तो इन युवाओं ने आगे आते हुए नगर निगम के साथ खुद शहर को सेनीटाइज करने की जिम्मेयदारी उठाई. यह युवा अब तक शहर के तीन हजार से अधिक मकानों को सेनीटाइज कर चुके हैं.

गोमतीनगर निवासी एमबीए एचआर नूर आलम सिद्दीकी कहते हैं कि कोरोना से लड़ाई सिर्फ सरकार की जिम्मे दारी नहीं है. हम सभी को कोरोना से लड़ाई जीतने के लिए आगे आना होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यंनाथ पूरे प्रदेश में सेनीटाइजेशन अभियान चला रहे हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों में. सरकार के प्रयासों को देखते हुए हमारे दोस्तों ने इस लड़ाई में आगे आने का निर्णय लिया. इसके लिए हम लोगों ने शहर में सेनीटाइजेशन अभियान चलाने का निर्णय लिया. ग्रुप में शामिल करीब आधा दर्जन युवा अब तक तीन हजार से अधिक मकानों को सेनीटाइज कर चुके हैं.

यहां चला अभियान

एमबीए एचआर व एनएस साल्यूकशन में शिक्षक नूर सिद्दीकी बताते हैं सेनीटाइजेशन कार्य में वह केमिकल वाइरेक्सच 256 का इस्तेतमाल कर रहे हैं. गोमतीनगर उजरियांव से उन्होंखने सेनीटाइजेशन काम को शुरू किया .

यहां पर उनकी टीम इसमें शहनवाज, शहजाद, शादाब व आरिज ने करीब 1500 से अधिक मकानों को सेनीटाइज किया. इसके बाद उन्हों्ने कैसरबाग, भीमनगर में 1200 से अधिक मकानों व अपार्टमेंट का सेनीटाइज करने काम किया है. नूर का कहना है कि हम सभी को कोरोना से लड़ाई में सरकार का सहयोग करना चाहिए.

बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर जुटा उत्तर प्रदेश

कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए योगी सरकार ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. विशेषज्ञ तीसरी लहर में बच्चोंर के लिए खतरनाक बना रहे हैं. ऐसे में अस्पोतालों में अभी से बच्चों के इलाज से जुड़ी तैयारियां शुरू हो गई है. वहीं, आयुष विभाग ने भी कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है. आयुष विभाग अपने सभी अस्पोतालों में बच्चोंी के स्व स्य्ं श को लेकर एक हेल्प डेस्कभ बनाने जा रहा है. साथ ही आयुष कवच एप पर बच्चों की सेहत से जुड़ा एक नया फीचर भी जोड़ने जा रहा है.

तीसरी लहर की तैयारी :

मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ ने आयुष विशेषज्ञों से आयुर्वेद की पुरानी परम्पोराओं से कोरोना संक्रामित लोगों के इलाज की बात कहीं थी. इसके बाद से आयुष विभाग लगातार होमआइसोलेटेड मरीजों को आयुर्वेदिक दवाएं, काढ़ा आदि वितरित करा रहा है. अब आयुष विभाग ने अब संभावित कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी शुरू कर दी है. आयुष विभाग के प्रभारी अधिकारी डॉ अशोक कुमार दीक्षित के मुताबिक कोरोना काल में आयुष कवच मोबाइल एप लोगों में काफी लोकप्रिय हुआ है. ढ़ाई लाख से अधिक लोग इसका इस्तेोमाल कर रहे हैं.

उन्होंसने बताया कि आयुष कवच एप पर जल्दीह बच्चों़ की सेहत से जुड़ा एक फीचर जोड़ने की तैयारी चल रही है. इसमें बच्चों की सेहत का मौसम के हिसाब से कैसे ख्याजल रखें, किस तरह से बच्चोंह में रोग प्रतिरोधक क्षमताओं को बढ़ाया जाए, कौनसी घरेलू औषद्यीय के जरिए उनकी सेहत बेहतर बनाए, इसकी जानकारी लोगों को दी जाएगी.

अस्परतालों में बनेगी बच्चों के लिए हेल्पो डेस्कम

डॉ अशोक बताते हैं कि प्रदेश में आयुष विभाग के करीब 2104 चिकित्साकलय हैं. इनमें से लखनऊ, बनारस, पीलीभीत समेत अन्यक जिलों में 8 बड़े अस्पाताल है. इन सभी अस्प तालों में बच्चोंक के स्व स्य्ीत से जुड़ी एक हेल्पिडेस्कल बनाई जाएगी. जहां पर आयुष डॉक्टार लोगों को बच्चों् की सेहत और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाई जाए इसकी जानकारी देंगे. इसके अलावा यहां से बच्चोंी में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं का वितरण भी किया जाएगा. अस्प‍तालों में ओपीडी खुलने पर बच्चों का इलाज भी यहां शुरू किया जाएगा.

कार्तिक के सामने सीरत की मांग भरेगा रणवीर, सामने आया Yeh Rishta… का नया प्रोमो

स्टार प्लस के पौपुलर टीवी सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ (Yeh Rishta Kya Kehlats Hai) में करण कुंद्रा यानी रणवीर सिंह की एंट्री से सीरियल की कहानी में कई नए मोड़ आ रहे हैं. वहीं फैंस नायरा और सीरत का रोमांस देखने के लिए बेताब है. हालांकि मेकर्स द्वारा रिलीज किया गया नया प्रोमो फैंस को झटका दे रहा है. आइए आपको दिखाते हैं क्या होगी सीरियल की आगे की कहानी…

रणवीर-सीरत की होगी शादी

‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ (Yeh Rishta Kya Kehlats Hai) के प्रोमो को देखने के बाद मोहसिन खान (Mohsin Khan) और शिवांगी जोशी (Shivangi Joshi) के फैंस का गुस्सा देखने को मिल रहा है. दरअसल, प्रोमो में सीरत और रणवीर की शादी होती नजर आ रही है. वहीं कार्तिक शादी की पूरी तैयारियां करता नजर आ रहा है.  हालांकि प्रोमो को देखते ही जहां दर्शक मेकर्स को खरीखोटी सुना रहे हैं तो वहीं जल्द से जल्द करण कुंद्रा (Karan Kundrra) को सीरियल से बाहर निकालने के लिए कह रहे हैं.

 

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कार्तिक करेगा ये काम

प्रोमो की बात करें तो सीरत की शादी वाले दिन कार्तिक उसे खुद अपने हाथों से सजाता हुआ नजर आ रहा है. वहीं मंडप पर जाने से पहले जब सीरत डरेगी तो कार्तिक उसका हाथ थामकर मंडप तक ले जाएगा. वहीं कार्तिक और उसके परिवार की मौजूदगी में रणवीर सीरत की मां में सिंदूर भरता हुआ नजर आएगा.

फैंस ने दिया ये रिएक्शन

 

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जहां करण कुंद्रा की एंट्री से शुरु से ही नाखुश कार्तिक-नायरा के फैंस गुस्से में नजर आ रहे हैं. वहीं कुछ लोग कार्तिक को रणबीर कपूर बता कर सोशलमीडिया पर मीम्स शेयर करते हुए भी नजर आ रहे हैं. वहीं करण कुंद्रा की एग्जिट की मांग कर रहे हैं.

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Anupamaa: काव्या-वनराज और समर-नंदिनी की होगी सगाई तो बा के सामने खुलेगा बड़ा राज

सीरियल अनुपमा में इन दिनों कई नए ट्विस्ट देखने को मिल रहे हैं. जहां वनराज अनुपमा का तलाक हो गया है तो वहीं काव्या ने अपनी शादी की तैयारियां भी शुरु कर दी है. इसी बीच समर और नंदिनी का रिश्ता भी गहरा होता जा रहा है. लेकिन आने वाले एपिसोड में इस प्यार के रिश्ते को नजर लगने वाली है. आइए आपको बताते हैं कि क्या होगा शो में आगे…

नंदिनी समर की होगी सगाई

अब तक आपने देखा कि  अनुपमा के तलाक के बाद समर और नंदिनी उसका साथ देते हैं. इस बीच अनुपमा जहां समर-नंदिनी की सगाई करने का फैसला लेती है तो वहीं काव्या भी वनराज संग अपनी नई जिंदगी शुरु करने का फैसला लेती है, जिसके चलते वह भी वनराज संग अपनी सगाई का ऐलान करती नजर आती है.

 

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बा को पता चलेगा सच

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि सगाई के दौरान नंदिनी, अनुपमा को अपने मां ना बन पाने का सच बताएगी, जिसे सुनकर अनुपमा हैरान रह जाएगी. वहीं यह बात बा भी सुन लेगी, जिसके बाद वह समर को थप्पड़ मार कर कहेंगी कि अनुपमा ने उन्हें धोखा दिया है क्योंकि उसने नंदिनी का सच उनसे छिपाया है. हालांकि अनुपमा इस पूरे सच से बेखबर थी.

अनुपमा का बदलेगा अंदाज

 

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तलाक के बाद फैंस को नया लुक देखने को मिलने वाला है. जहां समर-नंदिनी की सगाई में अनुपमा खूबसूरत अंदाज में नजर आएगी तो वहीं कैंसर से ठीक होने के बाद अनुपमा अपनी नई जिंदगी की शुरुआत करती नजर आएगी. वहीं इस सफर में उसका साथ वनराज नहीं बल्कि डौक्टर अद्वैत देता नजर आएगा. दूसरी तरफ काव्या वनराज को अनुपमा के खिलाफ कदम-कदम पर भड़काती नजर आएगी.

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ब्लू लाइट से स्किन को खतरा

आज बढ़ता वर्क फ्रॉम होम और हमारी गैजेट्स पर बढ़ती निर्भरता के कारण हम अपना ज्यादा से ज्यादा समय फोन , लैपटोप, टीवी पर बिता रहे हैं. जिस पर भले ही आप घर बैठे ऑफिस का काम कर पा रहे हो या फिर आपकी गैजेट्स से हर दम चिपकने की आदत आपका फुल टू एंटरटेनमेंट करने का काम करती हो. लेकिन रिसर्च के अनुसार आपमें से 64 पर्सेंट लोग इस बात से अनजान हैं कि इन गैजेट्स से निकलने वाली ब्लू लाइट आपकी सेहत के साथसाथ आपकी स्किन को भी बिगाड़ने का काम करती है. इसलिए जरा संभल जाएं.

रिसर्च क्या कहता है

रिसर्च के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से निकलने वाली ब्लू लाइट स्किन सेल्स को श्रिंक करने व उन्हें पूरी तरह से डैमेज करने का काम करती है. जो आपको समय से पहले बूढ़ा बनाने का काम करता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि सिर्फ एक घंटा इस लाइट के संपर्क में आने से आपकी स्किन में ये बदलाव हो जाता है. पिगमेंटेशन की समस्या भी आपको घेर लेती है. इसलिए गैजेट्स से थोड़ी दूरी बनाकर रखना बहुत जरूरी है.

ब्लू लाइट में आपकी स्किन के अंदर तक जाने की क्षमता

रिसर्च बताती है कि यूवीए व यूवीबी किरणों के मुकाबले ब्लू लाइट स्किन के अंदर तक जाकर स्किन को बीमार कर देती है. जिससे स्किन पर रेडनेस, सूजन , डार्क स्पोट्स व स्किन पिग्मेंट हो जाती है. यहां तक कि ये हमारी नींद को भी चुराने का काम करती है. क्योंकि जब हमें रात को सोते हुए अमेज़न प्राइम, नेटफ्लिक्स, जी5 आदि पर मूवीज देखने की लत पड़ जाती है या फिर फोन देखने की तो ये हमारे स्लीप होर्मोन मेलाटोनिन के लेवल को प्रभावित करने का काम करती है. जिससे हम जब पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं , तो हमारे चेहरे की रौनक फीकी पड़नी शुरू हो जाती है. इसलिए समय पर संभलना जरूरी है.

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ब्लू लाइट कैसे स्किन को डैमेज करती है

बता दें कि अल्ट्रावायलेट किरणें कोशिकाओं के डीएनए को नुकसान पहुंचाती हैं. वहीं ब्लू लाइट ऑक्सीडेटिव तनाव के माध्यम से कोलेजन को नष्ट कर देता है. फ्लेविन नामक त्वचा में एक रसायन होता है, जो ब्लू लाइट को अवशोषित करने का काम करता है. इस अवशोषण के दौरान होने वाली प्रतिक्रिया अस्थिर फ्री रेडिकल्स पैदा करती है, जो स्किन को नुकसान पहुंचाने का काम करती है. तो जानते हैं इससे कैसे बचा जा सकता है-

– एन्टिओक्सीडैंट से दोस्ती है जरूरी

ब्लू लाइट स्किन में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को प्रेरित करने का काम करती है. इससे निबटने के लिए एन्टिओक्सीडैंट से दोस्ती है जरूरी. इसके लिए अपने स्किन केयर रूटीन वाले प्रोडक्ट्स में विटामिन सी , फेरुलिक एसिड, फ्लोरेटिक नामक तत्वों को जरूर शामिल करें. जो फ्री रेडिकल्स व पिगमेंटेशन से स्किन को बचाने का काम करते हैं. बता दें कि विटामिन सी ब्लू लाइट के खिलाफ एन्टिओक्सीडैंट प्रोटेक्शन का काम करता है, वहीं फेरुलिक एसिड में एन्टिओक्सीडेंट प्रोपर्टीज के कारण ये स्किन पिगमेंटेशन व डार्क स्पोट्स को कम करने का काम करता है. व फ्लोरेटिक नामक एन्टिओक्सीडैंट एजिंग को रोकने का काम करता है. तो हुई न दोस्ती फायदे की साबित.

– ह्यलुरोनिक एसिड सीरम

इसे ब्लू लाइट प्रोटेक्शन सीरम कहा जाए तो गलत नहीं होगा. ये हर तरह की स्किन पर सूट करने के साथसाथ स्किन को सोफ्ट व हाइड्रेट बनाने का काम करता है. और जब स्किन हाइड्रेट रहती है तो स्किन पर झुर्रियां भी जल्दी नहीं पड़ती है. ये ब्लू लाइट के कारण स्किन पर होने वाली जलन, रेडनेस व सूजन को कम करने में मददगार होता है.

– स्किन टिंट

सुपर स्किन टिंट सीरम, जिसमें ह्यलुरोनिक एसिड, निआसीनमीडे और जिंक ऑक्साइड होता है. ये स्किन में यूवी किरणों व ब्लू लाइट को अंदर जाने से रोकता है. जिससे स्किन पिगमेंट होने से बचने के साथसाथ स्किन पर एजिंग का इफेक्ट भी नहीं होता है. असल से इसमें विटामिन्स और मिनरल्स जैसी प्रोपर्टीज होने के कारण ये स्किन ब्लेमिशेस व पोर्स को छोटा करके स्किन पर रेडिएंट ग्लो बनाए रखने का काम करता है.

– सन सिल्क ड्रोप

सन सिल्क ड्रोप , जो पूरी तरह से आपकी स्किन को ब्लू लाइट से प्रोटेक्ट करके आपकी स्किन की खास केयर करेगा. क्योंकि इसमें मॉइस्चराइजिंग प्रोपर्टीज होने के साथसाथ इसमें स्किन को यूवी किरणों से बचाने की क्षमता होती है. बस इस बात का ध्यान रखना होता है कि चाहे आप बाहर न भी जाएं फिर भी मॉइस्चराइजिंग युक्त सनस्क्रीन से स्किन को कवर करके रखें.

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– ग्लो मिनरल मॉइस्चराइजर

धूलमिट्टी , प्रदूषण व सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से तो हमारी स्किन को नुकसान पहुंचता ही है, लेकिन अब ब्लू लाइट के संपर्क में अधिकांश समय आने से स्किन पर एजिंग इफेक्ट जल्दी होने के साथसाथ स्किन पर कालेधब्बे दिखाई देने लग जाते हैं , जो आपकी सुंदरता को फीका बनाने का काम कर रहे हैं. इसके लिए पेश है ग्लो मिनरल मॉइस्चराइजर. जिसमें विटामिन, एन्टिओक्सीडैंट्स, मिनरल बेस्ड सनस्क्रीन ब्लोक्स, जो ब्लू लाइट व पोलुशन से स्किन को होने वाले नुकसान की भरपाई कर स्किन को फिर से यंग व प्रोब्लम फ्री बनाने का काम करते हैं

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