10 Tips: हल्के बालों की वॉल्यूम बढ़ाएं

हर कोई घने बालों की इच्छा रखता है, घने बालों को अक्सरअच्छी अपीयरेंस और अच्छी हेल्थ के साथ जोड़ कर देखा जाता है. हालांकि, विभिन्न इंटरनल और एक्सटर्नल फैक्टर्स बालों के हेल्थ को प्रभावित कर सकते हैं. बालों की वॉल्यूम आपके बालों की संख्या को दर्शाता है. इससे यह निर्धारित किया जाता है कि आप के बाल की किस्में एक-दूसरे के कितने करीब हैं. यह बदले में, यह निर्धारित करता है कि आपके बाल कितने पतले या मोटे दिखाई देते हैं. बालों का झड़ना इसके वॉल्यूम को कम कर सकता है. कुछ ऑटोइम्यून डिजीज़ और अन्य मेडिकल कंडीशंस भी बालों के झड़ने और उसकी वॉल्यूम को कम करने में योगदान देती है. इससे आपके बाल पहले से कम घने दिखाई देते हैं.

*बालों की वॉल्यूम बढ़ाने के कुछ आसान से टिप्स बता रहे हैं. डॉ. अजय राणा, डर्मेटोलॉजिस्ट और एस्थेटिक फिजिशियन संस्थापक और निदेशक, आईएलएएमईडी.

1. अपने स्कैल्प को ऑयल करें –

बेहतर ब्लड सर्कुलेशन के लिए अपने बालों के स्कैल्प को हेयर ऑइलिंग की जरूरत होती है. गर्म तेल के साथ अपने बालों और स्कैल्प की मालिश करने से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है. आप नारियल या ओलिव ऑयल से ऑइलिंग कर सकते हैं जो बालों के लिए बहुत हेल्दी होते है. अपने बालों को अच्छी तरह से मालिश करने के बाद, स्कैल्प को शैम्पू कर सकते है .

2. बालों की वॉल्यूम बढ़ाने के लिए आप वैसे किसी भी प्रकार के हेयर केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना बंद कर दें, जिनमें स्ट्रोंग केमिकल्स होते है. ज़्यादा केमिकल्स की मात्रा आपके बालों के लिए हानिकारक है और उन्हें बुरी तरह से नुकसान पहुंचा सकती है. हेल्दी और घने बालों के लिए, अपने बालों को ऐसी किसी भी प्रकार के हेयर ट्रीटमेंट्स से दूर रखें, जिनमें बालों को कलर या स्ट्रैट करने के लिए केमिकल्स का उपयोग हो. ये केमिकल्स आपके बालों को डल बनाते हैं और उन्हें जड़ों से कमजोर बनाते हैं. इससे बाल अधिक झड़ते हैं और बाल की वॉल्यूम कम हो जाती है.

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3. एलोवेरा जेल का इस्तेमाल करें – एलोवेरा जेल को हेयर ग्रोथ के लिए अच्छा माना जाता है, जो बालों की वॉल्यूम में भी सुधार करता है. एलोवेरा जेल में ऑर्गेनिक न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो आपके बालों को हेल्दी ग्रोथ के लिये मदद करते हैं. यह बालों को अच्छी मात्रा में मॉइस्चर भी प्रदान करता है.

4. हेल्दी डाइट- हमेशा हेल्दी डाइट लें, जिसमें विटामिन, मिनरल्स और आवश्यक नुट्रिएंट्स की भरपूर मात्रा हो. यह बालों की वॉल्यूम और टेक्सचर को बेहतर बनाने में मदद करते है. आप अपने डाइट में ऐसे खाने शामिल करें, जो बेहतर बालों के हेल्थ के लिए फायदेमंद हो, जिसमें विटामिन डी, विटामिन बी 3 और बी 6, आइरन, एंटीऑक्सिडेंट, फोलिक एसिड और ज़िंक भरपूर हो.

5. योग और एक्सरसाइज- बालों के झड़ने और इसके वॉल्यूम के कम होने की पीछे स्ट्रेस या तनाव की भी अहम भूमिका होती है. अतिरिक्त स्ट्रेस से बाल पतले और साथ ही साथ सफ़ेद हो सकते हैं. इसलिए स्ट्रेस को कम करने के लिए आप योग और एक्सरसाइज को अपनी डेली रूटीन में जरूर शामिल करें. यह न केवल आपको तनाव को कम करने में मदद करेगा, बल्कि स्कैल्प में ऑक्सीजन और ब्लड सर्कुलेशन को भी बढ़ावा देगा, जो बालों की वॉल्यूम बढ़ाने में मदद करता है.

6. आंवला का सेवन – आंवला बालों के लिए हेल्दी इंग्रेडिएंट्स में से एक है. आंवला विटामिन सी के सबसे स्रोतों में से एक है. आंवला पोटेशियम, सोडियम, मैंगनीज, और आयरन से भी भरपूर होता है जो बालों के हेल्थ को बढ़ावा देने में सहायक होते हैं. आंवला में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज
आपके बालों को सुंदर और मजबूत बनाते हैं. यह बालों को सफेद होने से भी रोकता है और आपके बालों की ग्रोथ को बढ़ाता है.

7. शैम्पू करने की आदतों में सुधार –  हमेशा अपने बालों को साफ रखना आवश्यक है, रोज़ाना शैम्पू करने से बालों में मौजूद नेचुरल ऑयल कम हो जाते है, जिससे यह ड्राई और ब्रिटल हो जाते हैं. इसलिए,
सप्ताह में ज्यादा से ज्यादा केवल तीन बार अपने सिर को शैम्पू करें. इसके साथ – साथ अपने बालों को गर्म पानी से धोने से बचाना भी ज़रूरी है क्योंकि इससे स्ट्रैंड कमजोर हो सकते हैं. इसके अलावा, फ्लोराइड और क्लोराइड जैसे हाई कंसंट्रेशन वाले मिनरल्स वाले हार्ड पानी का उपयोग न करें, यह बालों की वॉल्यूम को कम करता है.

8. मोर्डन ट्रीटमेंट-आप बालों की वॉल्यूम को बढ़ाने के लिए मेसोथेरेपी, लो लेवल लेज़र लाइट और पी आर पी ट्रीटमेंट्स जैसे मॉडर्न ट्रीटमेंट्स का उपयोग कर सकते हैं. जिसमें आवश्यक नुट्रिएंट्स स्कैल्प के स्किन की लेअर में इन्फ़्यूज़ और इंजेक्ट किए जाते हैं, जिससे हेयर फॉलिकल द्वारा उच्च नुट्रिएंट्स एब्सॉर्प्शन को इनेबल किया जाता है, जिससे हेयर ग्रोथ बढ़ती है. इसमें हल्के, लो लेवल के लेज़र का उपयोग हेयर फॉलिकल्स को उत्तेजित करने के लिए किया जाता है.

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9. बालों में कैफीन का उपयोग – कैफीन हेयर साईकल के ग्रोथ फेज को या एनाजेन को बढ़ाकर हेयर ग्रोथ को बढ़ाता है. इससे बालों की लंबाई और मोटाई बढ़ती है. बालों के वॉल्यूम को बढ़ाने के लिए ऐसे सीरम, हेयर मास्क और रिन्ज़ का इस्तेमाल कर सकते हैं जिनमे कैफीन इंग्रीडीयंट हो.

10. प्याज का रस- प्याज के रस का उपयोग हेयर ग्रोथ और इसकी वॉल्यूम को सुधारने में मदद कर सकता है .ताजा प्याज का रस निकालें और इसे अपने स्कैल्प पर लगाएं. इसके लिए आप ऐसे किसी भी प्रकार के सीरम, हेयर मास्क और लोशन का प्रयोग करें जिसमें प्याज के रस की मात्रा हो. पर इस तरीके से कभी कभी कुछ लोगों को एलर्जी की सम्भावना हो सकती है.

Mother’s Day Special: शाम के नाश्ते में बनाएं स्प्राउट चीज बॉल्स

अंकुरित अनाजों को पोषक तत्वों से भरपूर माना जाता है. इसलिए ये सेहत के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं. अंकुरित अनाज में विटामिन्स, मिनरल्स, आयरन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, ओमेगा 3 और फाइबर भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं इसलिए इसे अपने आहार में अवश्य शामिल करना चाहिए. गेहूं, चना, मूंग, मोठ, लोबिया आदि अनाजों को अंकुरित करके खाना स्वास्थ्यप्रद रहता है. यद्यपि इसके पौष्टिक तत्वों का भरपूर लाभ इन्हें कच्चा खाने पर ही प्राप्त होता है परन्तु आजकल के बच्चों को इस तरह के नाश्ते बहुत कम पसन्द आते हैं इसलिए आवश्यक है कि अंकुरित अनाजों को किसी न किसी रूप में उनके भोजन में शामिल किया जाए. चीज़ बच्चों को बहुत पसंद होता है इसलिए आज हम अंकुरित मूंग और चीज का एक बेहद पौष्टिक स्नैक्स बनाना बता रहे हैं जिसे बच्चे ही नहीं बड़े भी स्वाद लेकर खाएंगे.

कितने लोंगों के लिए           6

बनने में लगने वाला समय    30 मिनट

मील टाइप                         वेज

सामग्री

अंकुरित मूंग                   2 कप

बारीक कटा प्याज            1

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बारीक कटी शिमला मिर्च   1

मोटी किसी गाजर              1

मैदा                                 2 टेबलस्पून

नमक                              स्वादानुसार

हींग                                 चुटकीभर

भुना जीरा पाउडर              1/4 टीस्पून

गरम मसाला                     1/4 टीस्पून

लाल मिर्च पाउडर               1/2 टीस्पून

ब्रेड क्रम्ब्स                          3 टेबलस्पून

चीज क्यूब्स                        3

तलने के लिए तेल

विधि

अंकुरित मूंग को नमक और एक कप पानी डालकर प्रेशर कुकर में एक सीटी ले लें. ठंडा होने पर पानी छानकर मैश कर लें. अब इसमें सभी मसाले, सब्जियां और हरा धनिया भली भांति मिलाएं. चीज क्यूब्स को 6 भाग में बांट लें. मैदा को 2 टेबलस्पून पानी में घोल लें. तैयार मूंग के मिश्रण से एक छोटी सी लोई लेकर उसके बीच में आधा चीज क्यूब रखकर बॉल्स बनाएं. इसी प्रकार सारे बॉल्स तैयार करें. तैयार बॉल्स को मैदा के घोल में डुबोकर ब्रेड क्रम्ब्स में लपेंटे. अब इन्हें गरम तेल में मध्यम आंच पर सुनहरा होने तक तलकर बटर पेपर पर निकालें. स्वादिष्ट चीज बॉल्स को टोमेटो सॉस के साथ सर्व करें.

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हार्ड वर्क और कमिंटमेंट है सफलता का राज- प्रीति शिनौय

प्रीति शिनौय भारत के मशहूर लेखकों में गिनी जाती हैं. साहित्य में योगदान के लिए इन्हें ‘इंडियन औफ द ईयर’ ब्रैंड्स अकादमी अवार्ड, 2017 से सम्मानित किया गया. नई दिल्ली इंस्टिट्यूट औफ मैनेजमैंट ने इन्हें ‘ऐकैडमिया अवार्ड फौर बिजनैस ऐक्सीलैंस’ से सम्मानित किया. प्रीति ने आईआईटी, आईआईएम, इसरो, इन्फोसिस जैसे कई प्रमुख कौरपोरेट संगठनों में प्रेरक भाषण दिए. पेश हैं, उनसे किए गए कुछ सवाल-जवाब:

आपकी सफलता का राज क्या है?

मेहनत और दृढ़ निश्चय. जब मेरे लिखने की बात आती है या ऐसी किसी भी चीज की जो मेरे लिए महत्त्वपूर्ण होती है तो मैं बहुत अनुशासित रूप से कार्य करती हूं. सफलता के लिए कोई शौर्टकट नहीं होता. सफलता का रास्ता मुश्किल होता है. आप को वह सब करना पड़ता है जो कामयाबी के लिए जरूरी होता है.

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आपके अंदर ऐसी कौन सी इनर स्ट्रैंथ है, जो आप को ये सब करने को प्रेरित करती है?

मुझे लगता है कि अगर मैं लिखूंगी नहीं तो मेरे दिमाग में विस्फोट हो जाएगा. मेरे दिमाग में हर समय बहुत सारे खयाल दौड़ रहे होते हैं. मैं अपने आसपास की दुनिया को बेहतर समझने के लिए लिखती हूं. मैं 5 साल की उम्र से लिख रही हूं. लिखने से मुझे खुशी और आराम मिलता है. लेखन मेरे लिए खुद को व्यक्त करने का प्राकृतिक तरीका है. इसी को कुछ लोग ‘इनर स्ट्रैंथ’ कहते हैं.

बतौर स्त्री आगे बढ़ने के क्रम में क्या कभी असुरक्षा का एहसास हुआ?

मुझे लिखते समय अपने स्त्री होने की वजह से कभी असुरक्षा महसूस नहीं हुई और न ही सफर करते हुए या अपनी किताबों से संबंधित यात्राओं पर. मैं सफर करते हुए सावधानियां बरतती हूं. लेखन एक ऐसा व्यवसाय है जहां आप का स्त्री या पुरुष होना माने नहीं रखता. अगर आप के शब्दों में वह ताकत है कि पाठक उन्हें समझ पाएं और अपनी जिंदगी से जोड़ पाएं, उन्हें पढ़ कर उन से भावुक तौर पर जुड़ जाएं, तो कोई फर्क नहीं पड़ता आप स्त्री हैं या पुरुष.

आपका मी टाइम क्या होता है और महिलाओं को क्या सलाह देना चाहेंगी?

जब मेरे बच्चे बड़े हो रहे थे, मेरा मी टाइम था सुबह 8 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक, क्योंकि तब वे स्कूल में होते थे. उन्हें स्कूल भेज कर मैं अपने लेखन पर ध्यान देती थी. अगर आप एक भारतीय नारी हैं, तो मैं दृढ़ता से सलाह दूंगी कि अपने लिए कुछ ऐसा जरूर रखें, जिस में आप के पति, परिवार या बच्चे शामिल न हों. वह कुछ भी ऐसा हो सकता है जो आप को खुशी दे.

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महिलाओं की सबसे बड़ी ताकत क्या होती है?

यह बहुत जरूरी है कि हर महिला का खुद पर अटूट विश्वास हो, अपने लिए बोलने की क्षमता हो, मेरी किताब ‘द रूल ब्रेकर्स’ में नायिका वेदा में शुरुआत में यही कमी थी. वह एक पारंपरिक लड़की है जिस की जल्दी शादी हो जाती है. वह धीरे-धीरे अपनी ताकत ढूंढ़ती है, अपने लिए खड़ा होना सीखती है.

अपने परिवार के बारे में बताएं. घर वालों की कितनी सपोर्ट मिलती है?

जब भी मुझ से कोई यह सवाल पूछता है, मैं उन से पूछती हूं कि क्या वे यह सवाल किसी पुरुष लेखक से पूछेंगे. जहां तक मेरी बात है, मेरे परिवार में मेरे पति हैं और 2 बच्चे जो अब बड़े हो गए हैं. उन्हें मुझ पर गर्व है. अगर मैं एक सफल लेखिका न भी होती, तो भी उन्हें मुझ पर उतना ही गर्व होता.

ग्लास सीलिंग के संदर्भ में क्या कहेंगी?

मुझे नहीं पता यह ग्लास सीलिंग क्या है और कौन बनाता है. इसे तोड़ दीजिए. कांच ही तो है. सिर उठा कर खुद पर गर्व कीजिए. अजेय बनिए. किसी भी दीवार या सीलिंग को खुद को रोकने मत दीजिए.

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कोई ऐसी घटना जिसने आप की जिंदगी और सोचने का नजरिया बदल दिया?

मेरे पिता की 2006 में हुई मृत्यु. मैं उन के बहुत करीब थी. मैं ने उन्हें एक झटके में खो दिया. वे काफी स्वस्थ थे. अपनी उम्र के लोगों की तरह कोई उम्र से संबंधित परेशानी भी नहीं थी. उस दिन सुबह भी वे 5 किलोमीटर लंबी सैर पर गए थे. उस एक घटना ने मेरी सोच बदल दी. मुझ में बदलाव आ गया. मुझे यह एहसास हुआ कि जिंदगी बहुत नाजुक है. हमारा किसी चीज पर कोई बस नहीं. उस घटना ने मुझे हर पल को कैद करने की प्रेरणा दी.

अगर आप भी हैं पेइंग गेस्ट तो ऐसे सजाएं अपना घर

अक्सर लड़कों का कमरा अव्यवस्थित व गंदा रहता है. परिवार के साथ रहते समय घर की महिलाएं उनके कमरे को साफ कर देती है. परंतु, जब पढ़ाई या नौकरी की वजह से उन्हें किसी अन्य शहर में जाकर रहना पड़ता है तब उनके लिए मुश्किलें बढ जाती है.

लेकिन थोड़ी सी सूझ-भूझ से आप अपने छोटे से कमरे को घर की तरह सजा सकते हैं. यह सजावट आपके घर को आकर्षक ही नहीं बल्कि इससे आपके घर में आने वालों को भी खुशी होगी. ऐसे आप अपने दोस्तों को व अपनी प्रेमिका को अपनी रचनात्मक कला दिखा सकते हैं. बैचलरहुड में अपने घर को सजाने के कुछ सरल तरीके…

1. अपनी रुचि अनुसार अपने कमरे को सजाएं

आप अपने घर को कैसा रुप देना चाहते हैं, यह आप पर निर्भर करता है. अगर अक्सर दोस्तों का जमावड़ा आपके घर में लगा रहा है तो अपने घर को एक कूल लुक दें, अगर आप शांति प्रिय है तब अपने कमरे को एक निर्मल रुप दें.

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2. लाइटिंग

घर के मौहाल को रंगीन बनाने के लिए आप अलग-अलग रंगों की लाइटें लगा सकते हैं. इसके अलावा, कमरे को आकर्षक बनाने के लिए आप मोमबत्ती और रंग-बिरंगे दीपकों को भी रख सकते हैं.

3. कमरे की सफाई

घर की सफाई पर नियमित रुप से ध्यान दें. चादरों, तौलियों व अन्य जरुरी चीजों को हमेशा दो की मात्रा में रखें ताकि जब एक को आप धोने के लिए डाल दें तब बिछाने के लिए दूसरा जोड़ा मौजूद हो. इन चीजों का चयन हमेशा गहरे रंगों में करें क्योंकि सफेद व फीके रंग आपके घर को आकर्षक रुप प्रदान नहीं करेंगे.

4. म्यूजिक सिस्टम

एक अच्छा सा म्यूजिक सिस्टम हर अवसर पर काम आता है. इसके अलावा, जब भी आपको बोरियत महसूस हो तब मूड बदलने के लिए आप अपने पसंदीदा गानों को सुन सकते हैं.

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5. कांच के गिलास

आमतौर पर पुरुषों की पार्टियां बिना शराब के पूरी नहीं होती. अगर आप अपने घर में कांच के गिलास रखेंगे तो ये आपकी पार्टी की शान को बढ़ा सकते हैं.

6. सजावट की वस्तुएं

साफ घर अच्छा लगता है लेकिन खाली घर बोरियत फैलाता है. घर को आकर्षक बनाने के लिए कमरे में कुछ पेंटिंग व शो पीस रखें. इसके अलावा, खिड़कियों पर पर्दे डालें और अगर आप किताबों के शौकीन हैं तो घर में एक बुक शेल्फ के लिए भी स्थान बनाएं. पूरे घर को एक ही रंग के पेंट से कलर करने के बजाय अलग-अलग कलर्स यूज करें.

फेसकट के हिसाब से ऐसे चुनें हेयरस्टाइल

खूबसूरती बढ़ाने में हेयरस्टाइल की अहमियत बहुत ज्यादा होती है. हेयरस्टाइल आप के लुक को पूरी तरह बदल सकता है. मगर इस बात का खयाल भी जरूर रखें कि हर तरह का हेयरस्टाइल हर किसी पर सूट नहीं करता. जरूरी नहीं कि जो हेयरस्टाइल आप की सहेली की खूबसूरती बढ़ा रहा है उसे अपनाने पर आप की भी खूबसूरती बढ़ जाएगी उलटा वह हेयरस्टाइल आप का लुक खराब भी कर सकता है. इसलिए दूसरों की नकल कर के कभी अपने हेयरस्टाइल का चुनाव न करें वही हेयरस्टाइल अपनाएं जो आप के फेस कट यानी आप के चेहरे  की बनावट पर सूट करे और आप के व्यक्तित्व को निखारे. मेकअप ऐक्सपर्ट सिमरन खन्ना बताती हैं कि फेसकट कई तरह के होते हैं अपना हेयरस्टाइल फेस कट के अनुरूप ही तय करें.

1. लौंग फेस कट वाले ट्राय करें ये फेसकट

इस तरह के फेस कट में माथे का ऊपरी हिस्सा और ठोड़ी उठी हुई होती है, लेकिन माथे के दोनों कोनों और जौलाइन से चेहरा पतला होता है. इस तरह के चेहरे पर कभी हाइट यानी बालों में बैककौंबिंग नहीं करनी चाहिए, क्योंकि चेहरा पहले से लंबा होता है. बैककौंबिंग करने से चेहरा और लंबा दिखेगा. इस के बजाय साइड पार्टिशन कर के हलका पफ देते हुए बालों को माथे पर सैट करना चाहिए ताकि माथा कवर हो जाए. ऐसे फेस पर लटें नहीं छोड़नी चाहिए, क्योंकि इन से भी चेहरा और लंबा दिखता है. इस तरह के फेस पर ट्रैडिशनल और इंडोवैस्टर्न हेयरस्टाइल अच्छे लगते हैं. मगर बहुत हाइट वाले वैस्टर्न हेयरस्टाइल अच्छे नहीं लगते.

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2. डायमंड फेस कट

इस तरह का चेहरा देखने में भारी लगता है. चेहरे पर हेयर लाइन माथे के काफी ऊपर होती है और माथे के दोनों तरफ से जौलाइन पार्ट ठोड़ी से उठा हुआ होता है. इस तरह के चेहरे पर बालों से माथे को कवर करते हुए मिडिल पार्टिंग निकालनी चाहिए. चेहरे पर यदि आगे से कटिंग हो तो उन बालों को माथे पर कर्ल कर के सैट करें. चेहरा बहुत सुंदर दिखेगा.

3. राउंड फेस कट

राउंड फेस देखने में बड़ा और भारी लगता है. इस तरह के चेहरे को छोटा दिखाने यानी चेहरे के भारीपन को कम दिखाने के लिए कानों के ऊपर के बालों में थोड़ी सी बैककौंबिंग करें. दोनों कानों के साइड के बालों में पफ बना कर थोड़ी सी हाइट दें, जिस से चेहरा थोड़ा लंबा लगे और फेस राउंड की जगह ओवल दिखने लगे. चेहरे के दोनों तरफ बालों की पतलीपतली लटें निकालें, जो चेहरे के भारीपन को साइड से छिपा दें. इस तरह के हेयरस्टाइल से चेहरा पतला और लंबा दिखेगा.

4. ओवल फेस कट

ओवल फेस कट हर तरह से परफैक्ट माना जाता है. ओवल फेस कट पर ट्रैडिशनल, वैस्टर्न और इंडो वैस्टर्न हेयरस्टाइल अच्छे लगते हैं. अगर ओवल फेस पर माथा चौड़ा हो तो साइड पार्टिंग और पफ अच्छे लगते हैं. साइड पार्टिंग कर के माथे के चौड़ेपन को कम कर सकती हैं. इस तरह के फेस पर कर्ल्स भी बहुत अच्छे लगेंगे.

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5. स्क्वेयर फेस कट

इस तरह का चेहरा माथे से पूरी तरह चौड़ा होता है. माथे के दोनों तरफ से ले कर बालों तक भी चौड़ापन रहता है. जौलाइन भी काफी चौड़ी होती है. इस तरह के चेहरे के लिए बौक्स पार्टिंग ले कर बैक कौंबिंग करें और थोड़ी सी हाइट वर्टिकल या साइड पफ में दें. माथे को कवर करने के लिए आगे ज्यादा मात्रा में बाल छोड़ें और उन बालों से माथे को कवर करते हुए पीछे पिनअप करें. चेहरे के दोनों तरफ पतलीपतली लटें कर्ल कर के छोड़ दें. इस से चेहरा पतला दिखता है. इस तरह के फेस कट पर वैस्टर्न हेयरस्टाइल ज्यादा अच्छे लगते हैं.

6. हार्ट शेप फेस कट

इस तरह का फेस कट माथे के दोनों तरफ से बड़ा होता है और ठोड़ी के दोनों तरफ से पतला होता है. इस तरह के फेस पर बौक्स एरिया से बाल ले कर बैक कौंबिंग करें, ताकि चेहरे को थोड़ा लंबा दिखाया जा सके. कानों के ऊपर के बालों में हलकी सी बैककौंबिंग करते हुए बालों को पीछे की तरफ पिनअप कर दें. चेहरे के दोनों तरफ से पतलीपतली लटें निकाल लें ताकि माथे की चौड़ाई कम दिखे. हार्ट शेप फेस कट चेहरे पर भी आप ट्रैडिशनल और इंडोवैस्टर्न दोनों तरह के हेयरस्टाइल अपना सकती हैं.

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Mother’s Day Special: मां बनना सर्वोत्तम उपलब्धि

औरत की महत्त्वाकांक्षा ने जब उड़ान भरी तो उस ने अपने हर सपने को सच करने की काबिलीयत दुनिया को दिखा कर यह साबित कर दिया कि वह भी योग्यता में पुरुषों से कम नहीं है. कैरियर के प्रति वह इतनी सचेत हो गई कि सफलता की सीढि़यां चढ़तेचढ़ते उस मुकाम पर पहुंच गई जहां परिवार को समय दे पाना उस के लिए कठिन होने लगा. आधुनिक जीवनशैली की आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए चूंकि औरत का काम करना अनिवार्य हो गया इसलिए पुरुष भी उसे सहयोग देने के लिए आगे आया और ‘डबल इनकम, नो किड्स’ की धारणा जोर पकड़ने लगी.

अपने निजत्व की चाह व भौतिक सुखसाधनों में जुटी औरत चाहे कितनी ही आगे क्यों न निकल जाए पर कभीकभी उसे यह एहसास अवश्य होने लगता है कि मातृत्व सुख से बढ़ कर न तो कोई सुखद अनुभूति होती है, न ही सफलता. यही वजह है कि आरंभ में कैरियर के कारण मां बनने की खुशी से वंचित रहने वाली औरतें भी आज 30-35 वर्ष की आयु पार कर के भी गर्भधारण करने को तैयार हो जाती हैं. देर से ही सही, किंतु ज्यादा उम्र हो जाने के बावजूद वे प्रेगनेंसी में होने वाली दिक्कतों का सहर्ष सामना करने को तैयार हो जाती हैं. उस समय न तो कैरियर की बुलंदियां उन्हें रोक पाती हैं, न ही कोई और चाह.

प्रकृति से मिला उपहार

प्रकृति से मिला मां बनने का उपहार औरत के लिए सब से बेहतरीन उपहार है. वह इस के हर पल का न सिर्फ आनंद उठाती है वरन उसे इस खूबसूरत एहसास को अनुभूत करने का गर्व भी होता है. मातृत्व का प्रत्येक पहलू औरत को पूर्णता व आश्चर्यजनक अनुभव से भर देता है. मां बनते ही अचानक वह उस शिशु के साथ सोनेजागने, बात करने व सांस लेने लगती है. मां बनना एक ऐसा भावनात्मक अनुभव है जिसे किसी भी औरत के लिए शब्दों में व्यक्त करना असंभव होता है. यह मां ही तो होती है जिस का अपने बच्चे के साथ जुड़ाव न सिर्फ शारीरिक व मानसिक होता है वरन अलौकिक भी होता है. बच्चे के जन्म के साथ उसे जो खुशी मिलती है, वह उसे बड़ी से बड़ी कामयाबी हासिल कर के भी नहीं मिल पाती है. औरत की जिंदगी बच्चे के जन्म के साथ ही पूरी तरह बदल जाती है.

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जब अपने ही शरीर का एक अंश गोद में आ कर अपने नन्हेनन्हे हाथों से अपनी मां को छूता है और जब मां उस फूल से कोमल जादुई करिश्मे को अपने सीने से लगाती है तो उसे महसूस होता है कि उसे जिंदगी की वह हर खुशी मिल गई है जिस की उस ने कभी कल्पना भी न की थी. शिशु का जन्म जीवन में होने वाली ऐसी जादुई वास्तविकता है, जो औरत की जिंदगी की प्राथमिकताएं, सोच व सपनों को ही बदल देती है. एक शिशु को जन्म देने के बाद औरत की दुनिया उस पर ही आ कर सिमट जाती है. वजह है उन दोनों के बीच का अटूट रिश्ता.

मां बनना अगर एक नैसर्गिक प्रक्रिया है तो एक सुखद एहसास भी है. यह कुदरत की एक बहुत ही अनोखी प्रक्रिया है, जिस में सहयोग तो स्त्रीपुरुष दोनों का होता है, पर प्रसवपीड़ा और जन्म देने का सुख सिर्फ औरत के ही हिस्से में आता है. जब एक औरत अपने रक्तमांस से सींच कर, अपनी कोख में एक अंश को 9 महीने रख कर उसे जन्म देती है तो उस के लिए यह सब से गर्व की बात होती है, उस की सब से बड़ी उपलब्धि होती है.

सिमट जाती है दुनिया

शिशु की किलकारी, मुसकराहट व खिले हुए मासूम चेहरे को देख कर वह प्रसवपीड़ा को किसी बीती रात के सपने की तरह भूल जाती है. उसे सीने से लगा कर जब वह दूध पिलाती है तो गर्भधारण करने से ले कर जन्म के बीच तक झेली गई तमाम शारीरिक व मानसिक पीड़ाएं कहीं लुप्त हो जाती हैं. कहा जाता है कि शिशु जन्म के समय एक तरह से औरत का दोबारा जन्म ही होता है, लेकिन शिशु के गोद में आते ही वह अपनी तकलीफ भूल कर उस के पालनपोषण में जीजान से जुट जाती है.

औरत चाहे शिक्षित हो या अशिक्षित, गरीब हो या अमीर, किसी बहुत ही उच्च पद पर आसीन हो या आम गृहिणी, मां बनने के सुख से वंचित नहीं रहना चाहती है और इसीलिए परिस्थिति चाहे जैसी हो, वह इस अनुभूति को महसूस करना ही चाहती है. यही एकमात्र ऐसी भावना है, जो एक तरफ तो औरत को बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना करने की हिम्मत देती है तो दूसरी ओर इस के लिए वह अपनी बड़ी से बड़ी खुशी या चाह को भी दांव पर लगा सकती है. ऐसा न होता तो कैरियर के उच्च मुकाम पर पहुंची औरतें मां बनने के बाद सब कुछ छोड़ सिर्फ मां ही की भूमिका नहीं निभा रही होतीं. औरत के लिए अपने बच्चे से ज्यादा महत्त्वपूर्ण कुछ नहीं होता. इसलिए वह अपनी महत्त्वाकांक्षाओं को भी मां बनते ही सीमित कर देती है, क्योंकि उस की नजरों में मां बनना ही सर्वोत्तम उपलब्धि है.

संपूर्णता का एहसास

आज की औरत, जिस की महत्त्वाकांक्षाएं अनंत हैं, जो हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुकी है, जो कामयाबी के शिखर छू रही है, जिस की उपलब्धियां जाने कितने रूपों में देखने को मिलती हैं, वह मां बनते ही जिस ललक से भर जाती है, जिस तरह की संतुष्टि उसे होती है, वह बाकी चीजों को गौण बना देती है. मां बनने की उपलब्धि के आगे बाकी सारी चीजें उस के सामने फीकी पड़ जाती हैं. उसे एहसास होता है कि जो खुशी बच्चे की एक मुसकराहट देखने से मिल सकती है, वह किसी भी तरह के भौतिक सुख से नहीं प्राप्त हो सकती है. वह तनावमुक्त हो उस की छोटीछोटी हरकतों में खो जाती है. शिशु की आंखों में झांकते हुए उस के अंदर ऊर्जा का संचार होता है और संपूर्ण स्त्री होने की गरिमा उसे आंतरिक शक्ति प्रदान करती है. फिर रातों को जागना बोझ नहीं लगता. अपने लिए वक्त न निकाल पाना चुभता नहीं.

फोर्टिस अस्पताल, नोएडा की क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट डा. वंदना प्रकाश के अनुसार, ‘‘मातृत्व की अवधारणा सदियों पुरानी है और जब औरत काम करने के लिए बाहर नहीं निकलती थी तो उस की पहचान एक पत्नी व मां के रूप में ही हुआ करती थी, खासकर अगर वह बेटे की मां होती थी, तो उस को ज्यादा सम्मान मिलता था. आज की नई पीढ़ी में बेशक मां बनना उतना आवश्यक न रहा हो, पर एक मुकाम हासिल करने के बाद उन्हें भी बच्चे के बिना जीवन में अधूरापन महसूस होने ही लगता है और यही वजह है कि बड़ी उम्र में औरतों के मां बनने की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.

‘‘मां बनने से औरत को सामाजिक मान्यता तो मिलती ही है, साथ ही उसे ऐसी सुखानुभूति भी प्राप्त होती है, जो हर चीज से सर्वोपरि होती है. मां बनते ही ममत्व की अनुभूति उसे इतनी खुशी से भर देती है कि बाकी अन्य चीजें गौण हो जाती हैं. वह अपने बच्चे को किसी और के हाथों में सौंपने से भी कतराने लगती है और यही वजह है कि वह अपने कैरियर का जोखिम उठा कर भी बच्चे के पालनपोषण में पूरी जिंदगी लगा देती है. उस के कामकाजी होने की वजह से अगर बच्चा उपेक्षित होता है, तो वह गिल्ट फील करती है, क्योंकि उस समय बच्चे के लालनपालन से बढ़ कर उस के लिए और कुछ नहीं रह जाता. औरत चाहे कितनी ही आधुनिक क्यों न हो जाए, कितनी ही तरक्की क्यों न कर ले, मां बनने के गौरव से खुद को वंचित नहीं करना चाहती है.’’

मां होना सब से बड़ी पहचान

ऐंजेलिना जोली हो या ज्यूड ला या फिर अभिनेत्री गेनेथ पेलट्रा, जिन्हें आस्कर पाने पर भी उतनी खुशी नहीं हुई जितनी कि अपनी बेटी के पैदा होने पर. इस समय उन की प्राथमिकता उन का कैरियर नहीं, बल्कि उन की बेटी है, जिस के कारण वे अभी फिल्मों में काम नहीं कर रही हैं. ऐंजेलिना जोली का अपने बच्चे होने पर अनाथ बच्चों को गोद लेना भी किसी से छिपा नहीं है. 6 बच्चों के साथ खुश ऐंजेलिना का मानना है कि अब उन के अंदर सफल होने या नाम कमाने की वैसी इच्छा नहीं है जैसी कि पहले हुआ करती थी. उन्हें मां बनने के सुख ने न सिर्फ एक बेहतर इनसान बनने का मौका दिया है, बल्कि एक ऐसा स्वार्थी इनसान भी बना दिया है, जो सिर्फ अपने बच्चों के बारे में सोचना चाहता है.

अभिनेत्री सुष्मिता सेन पिछले दिनों दूसरी बेटी को गोद लेने के कारण चर्चा में आई थीं. उन का कहना था कि वे एक और बेटी को गोद ले कर अपने परिवार को पूर्ण करना चाहती हैं. जया बच्चन ने अपने बच्चों की खातिर उस समय अपने कैरियर को अलविदा कहा था जब वे बुलंदियों को छू रही थीं. ऐसी अनेक प्रोफेशनल महिलाएं हैं, जिन्होंने बच्चों की खातिर या तो अपने कैरियर से समझौता कर लिया या फिर वे घर से काम कर रही हैं. उन्हें लगता था कि नौकरी करते हुए वे बच्चों पर ठीक से ध्यान नहीं दे पा रही थीं. ऐसा वे सिर्फ इसीलिए कर पाईं, क्योंकि मां बन कर उन्हें जो पहचान मिली उस के सामने बाकी पहचान या तरक्की उन्हें छोटी लगने लगी थी.

मां बनना ही असली पहचान

आज की प्रोेफेशनल महिला, जो हर तरह से सक्षम है और अंतरिक्ष तक पहुंच चुकी है, पर्वतों की ऊंचीऊंची चोटियों पर सफलता के परचम लहरा चुकी है, पायलट, नेता, डाक्टर, इंजीनियर व सेना आदि क्षेत्रों में है, उस के लिए भी मां बनना सर्वोत्तम उपलब्धि है. फैशन व ग्लैमर जगत से जुड़ी औरतें, जिन्हें हर समय अपनी फिगर के प्रति कांशस रहना पड़ता है, वे भी बेशक उस चकाचौंध भरी दुनिया के सामने किसी सेक्स सिंबल या ग्लैमरस ओब्जेक्ट से ज्यादा कुछ न हों, पर उस के पीछे वे एक ऐसी मां भी होती हैं, जो बच्चे की खातिर कुछ भी त्याग करने को तत्पर रहती हैं. औरत चाहे किसी भी क्षेत्र में कामयाब क्यों न हो जाए, पर मां बनना ही उस की असली पहचान होती है. मां होने पर ही उसे समाज और परिवार से इज्जत भी मिलती है.

आज जब औरतें एक तरफ विवाह के बंधन से दूर भाग रही हैं या परिस्थितिवश ऐसा कदम नहीं उठा पातीं, तब भी एक अकेली औरत अपनी मातृत्व की चाह पूरी करने को आतुर है. सिंगल मदर की अवधारणा का हमारे देश में जोर पकड़ने का कारण यही है कि हर औरत, चाहे वह साधारण स्त्री हो या सिलेब्रिटी, मां बनने के सुख से वंचित नहीं रहना चाहती है, फिर इस के लिए उसे बच्चा ही क्यों न गोद लेना पड़े या फिर किसी और की कोख को किराए पर ले कर इसे पाना पड़े. जो औरतें शारीरिक रूप से फिट न होने या अन्य किसी कमी के चलते स्वयं मां नहीं बन पातीं, वे सेरोगेट मदर का सहारा लेती हैं. सेरोगेट मदर बनने का चलन इसी वजह से बहुत बढ़ रहा है, क्योंकि इस से एक औरत दूसरी औरत को वह खुशी देती है, जिसे वह अपनी कोख में नहीं पाल सकती. भारतीय सरकार का पद्मश्री जैसा उच्चतम सम्मान पाने के वक्त अभिनेत्री माधुरी दीक्षित ने कहा था कि उन्हें अभिनय छोड़ने का कोई अफसोस नहीं है, क्योंकि उन के दोनों बच्चे उन के लिए सब से बड़े अवार्ड हैं और उन्होंने ही उन्हें खूबसूरत होने का एहसास दिलाया है.

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स्वस्थ रहने के लिए अनिवार्य

मां बनना एक औरत के लिए सर्वोत्तम उपलब्धि और संपूर्ण होने का एहसास तो है ही, साथ ही पतिपत्नी के रिश्ते में बच्चा एक सेतु की तरह भी काम करता है. उस के जरिए मातापिता को और करीब आने का अवसर मिलता है. लेकिन यह भी सच है कि मां बनना किसी भी औरत के लिए स्वस्थ रहने के लिए भी अनिवार्य है. मां बनने से वह कई तरह की बीमारियों से भी बच जाती है और मानसिक तौर पर भी प्रसन्न रहती है. जो औरतें मां नहीं बन पातीं, वे सदा अपने अंदर एक खालीपन, एक अधूरापन महसूस करती हैं, फिर चाहे वे किसी कंपनी की सीईओ या मशहूर हस्ती ही क्यों न हों. अविवाहित औरत के यौनांगों का प्राकृतिक ढंग से इस्तेमाल न होने और गर्भाशय का प्रयोग न होने की वजह से उन्हें कैंसर होने की अधिक संभावना रहती है.

जन्म न देने की प्रक्रिया से न गुजर पाने की अवस्था में उन के शारीरिक विकास में भी बाधा पड़ती है. स्तनपान कराना अगर एक तरफ औरत के लिए सब से सुखद पल होता है, तो दूसरी ओर शिशु के स्वास्थ्य के साथसाथ उस की अपनी सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है. जन्म देने के एकदम बाद बच्चे के स्तनपान के कारण आक्सीटोसिन बारबार निकलता है, जिस की वजह से यूटरस में संकुचन होता है. यह मां को डिलीवरी के बाद होने वाले हैमरेज से बचाता है. यही नहीं, लेक्टेशन एमेनोरिया मैथेड भविष्य में प्रेगनेंसी को रोकने का सब से कारगर तरीका है. मां बनने से हारमोन का स्तर बढ़ता रहता है, जो शरीर को सुरक्षित रखता है. मां बनने से ऐड्रोमेट्रोसिस नामक बीमारी से भी बचाव होता है.

सब से बड़ी प्राथमिकता

मां की भूमिका निभाने से बेहतर और चुनौतीपूर्ण कोई और कार्य हो ही नहीं सकता है. मां बनना एकमात्र ऐसा अनुभव है जिस में एक औरत को कई तरह के शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक पड़ावों से गुजरना पड़ता है, लेकिन एक शिशु को इस दुनिया में लाने से बढ़ कर खुशी, उपलब्धि व सफलता उस के लिए और कोई हो ही नहीं सकती है और यह एकमात्र ऐसी प्राथमिकता है, जो समय के साथ बदलती नहीं वरन और सुदृढ़ होती जाती है. मां होने की पहचान के साथ ही दुनिया पहले जैसी नहीं रहती. मां बनना एक औरत की जिंदगी में होने वाला ऐसा व्यापक बदलाव होता है, जिस से उस की पूरी दुनिया ही निखर उठती है. बच्चे को जन्म देने से पहले वह एक औरत होती है, पर जब वह बच्चे को जन्म देती है या उसे गोद लेती है तो वह मां बन जाती है. मनोस्थिति और संबंधों की नई परिभाषाएं वह गढ़ने लगती है. मातृत्व के दायित्व को निभाने में उसे जो सुख मिलता है, वह उस की सफलता के तमाम शिखरों से भी कहीं ज्यादा ऊंचा होता है.             

शिशु महत्त्वपूर्ण

मातृत्व सब से महत्त्वपूर्ण घटना होने के साथसाथ औरत के जीवन का सब से अहम उत्तरदायित्व भी होता है. यह प्यार और ममता का ऐसा गलियारा होता है, जिस से हर औरत गुजरना चाहती है. अपने अंदर औरत एक अलग तरह के एहसास को महसूस करने लगती है. बाकी चीजें महत्त्वहीन होने लगती हैं और शिशु ही उस की सब से बड़ी प्राथमिकता बन जाता है.

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Hyundai Creta के साथ रखें मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल

मस्ती और सेलेब्रेट करने की जिंदगी में अलग जगह है लेकिन आपको #BeTheBetterGuy होने के नाते सबकी सुरक्षा का ध्यान देने की भी जरुरत है.
इसलिए जरुरी है सब हमेशा मास्क पहने रखें, समय-समय पर हाथ सेनेटाइज करें और #Creta का विशाल कैबिन हमें आपस में दूरी बनाए रखने में काफी मदद करता है, तो हुई न ये Win-Win सिचुएशन. #RechargeWithCreta

Hyundai Creta का साथ दोगुना हो शादी का मजा

किसी भी शादी में किसी गाड़ी के ऊपर बहुत सी जिम्मेदारियों का बोझ रहता है, और उसे हर वक्त किसी न किसी काम के लिए तैयार रहना है लेकिन इसका मतलब ये नहीं हम काम के वक्त कुछ मजे न करें, तो हमें जब भी मौका मिला हमने भी इसकी रफ्तार से सड़कों पर खूब धूल उड़ाई, मज़ाल की कभी #Creta ने हमें नाउम्मीद किया हो.
#RechargeWithCreta

रणवीर और कार्तिक का होगा एक्सीडेंट, Ye Rista… में आएगा बड़ा ट्विस्ट

टीवी सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ (Yeh Rishta Kya Kehlata Hai) में इन दिनों कार्तिक और सीरत की शादी का ट्रैक चल रहा है. वहीं रणवीर की एंट्री के बाद से सीरियल की कहानी में कई नए ट्विस्ट भी देखने को मिल रहे हैं. इस बीच खबरे हैं कि सीरियल की कहानी में एक्सीडेंट ड्रामा देखने को मिलने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

कार्तिक-रणवीर का होगा एक्सीडेंट

 

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अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि कार्तिक के घर में एक पूजा रखी जाएगी, जिसमें सीरत को आने के लिए कार्तिक कहेगा. हालांकि पूजा में आने के बाद सीरत को बड़ा झटका लगने वाला है. खबरों की मानें तो पूजा वाले दिन कार्तिक रणवीर के घर जाकर उसे समझाएगा कि उसे सीरत को लेकर गलतफहमियां हुई हैं, जिसके बाद दोनों साथ में गोयंका हाउस आएंगे. वहीं इस दौरान दोनों सड़क हादसे का शिकार हो जाएंगे.

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शिवांगी ने मनाया बर्थडे

 

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सीरियल के अपकमिंग ट्विस्ट से दूर हाल ही में शिवांगी जोशी ने अपना बर्थडे सेलिब्रेट किया, जिसमें शो के प्रोड्यूसर से लेकर कास्ट सभी नजर आए. वहीं शिवांगी जोशी भी अपने बर्थडे पर जमकर डांस करती नजर आई. वहीं दोनों की ये डांस करते हुए वीडियो सोशलमीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है.

 

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बता दें, शो की कहानी के लेटेस्ट ट्रैक की बात करें तो सीरत और कायरव की बौंडिग को देखकर रणवीर को अपने और सीरत के रिश्ते को लेकर संदेह होने लगा है.

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Anupamaa: काव्या संग समर ने किया रोमांस तो वनराज ने ऐसे लिया बदला

टीवी सीरियल ‘अनुपमा’ में इन दिनों फैमिली ड्रामा देखने को मिल रहा है. जहां वनराज और अनुपमा का तलाक हो गया है तो वहीं काव्या ने अपनी शादी की तैयारियां भी शुरु कर दिया है. इसी बीच औफस्क्रीन अनुपमा के सेट पर सेलेब्स की जमकर मस्ती देखने को मिल रही है. दरअसल, हाल ही में काव्या और समर की एक डांस वीडियो वायरल हो रही है, जिसे फैंस काफी पसंद कर रहे हैं. आइए आपको दिखाते हैं सीरियल अनुपमा की कास्ट के मजेदार वायरल वीडियो…

समर संग दिखीं काव्या

इन दिनों रूपाली गांगुली (Rupali Ganguly) और सुधांशु पांडे (Sudhanshu Pandey) स्टारर अनुपमा की शूटिंग गुजरात में हो रही है, जिसके चलते सेट पर कलाकार अपने फैंस के लिए फोटोज और वीडियो पोस्ट करते रहते हैं. इसी बीच अनुपमा के छोटे बेटे का किरदार निभाने वाले एक्टर पारस कलनावत (Paras Kalnawat) का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह अनुपमा की सौतन काव्या यानी मदालसा शर्मा (Madalsha Sharma) के साथ मस्ती करते नजर आ रहे हैं.  दरअसल, दोनों एक्टर्स ने सोशलमीडिया पर एक वीडियो पोस्ट की है, जिसमें दोनों शाहरूख खान की फिल्म ‘हैप्पी न्यू ईयर’ के रोमांटिक गाने ‘मनवा लागे’ पर डांस करते हुए नजर आ रहे हैं.

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वनराज और नंदिनी भी नही हैं पीछे

 

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जहां काव्या और समर ने वीडियो बनाया है तो भला वनराज कैसे पीछ रह जाते. वनराज यानी सुधांशु पांडे ने भी अपनी होने वाली छोटी बहू नंदिनी यानी अनघा भोसले संग एक वीडियो बनाया, जिसमें दोनों कौमेडी करते नजर आ रहे हैं. वहीं फैंस भी दोनों की इस वीडियो पर जमकर कमेंट कर रहे हैं.

बता दें, शो की कहानी में नया मोड़ आने वाला है. जहां अनुपमा अपनी जिंदगी में आगे बढ़कर बीमारी का सामना करती नजर आएगी तो वहीं काव्या अपनी शादी की तैयारियां करती दिखेगी, जिसके  चलते वह अनिरुद्ध से तलाक लेने के लिए भी तैयार हो गई है.

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