बॉलीवुड सेलेब्रेटीज की मौतों का सिलसिला जारी, कैंसर ने ली इस एक्ट्रेस की जान

साल 2020 में बॉलीवुड बहुत ही बुरे दौर से गुजर रहा है. जहाँ कोरोना संक्रमण के चलते बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में सारे काम-काज ठप पड़े हैं वहीँ बॉलीवुड से जुड़ी कई हस्तियों की मौत नें भी फिल्म इंडस्ट्री को बड़ा झटका दिया है. पहले इरफान खान (Irrfan Khan),  फिर ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) इसके बाद एक- एक कर  वाजिद खान (Wajid Khan), सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput), सरोज खान (Saroj Khan) और जगदीप (Jagdeep)जैसे सेलेब्रिटी ने इस दुनिया को इसी साल अलविदा कह दिया.

बॉलीवुड से जुड़ी मौतों की कड़ी में एक नाम और जुड़ गया है और यह नाम है एक्ट्रेस व मॉडल दिव्या चौकसे (Divvya-Chouksey) का. उन्होंने कैंसर से जूझते हुए भोपाल में अंतिम साँस ली. महज 28 साल की दिव्या (Divya Choksey) पिछले डेढ़ साल से कैंसर से जंग लड़ रही थीं.

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दिव्या चौकसे (Divvya-Chouksey) के मौत की जानकारी उनके रिश्ते की बहन सौम्या अमिश वर्मा (Soumya Amish Verma) नें अपनें फेसबुक पोस्ट ( Facebook Post) के जरिये दी है उन्होंने लिखा है “श्रधान्जली कुमारी दिव्या चौकसे मुझें बड़े दुख के साथ ये बताना पड़ रहा है की मेरी cousin divya Chouksey का cancer ( she had been suffering from cancer last 1.5 years ) की बजह से बहुत छोटी सी उम्र में आज निधन हो गया है. London से acting का course किया था वो एक बहुत अच्छी model भी थी. उन्होंने कई सारी फिल्मो में काम किया और serials में भी काम किया. singing में भी उन्होंने अपना नाम कमाया . और आज वो हमें यू छोड़ कर चली गयी. ईश्वर उन की आत्मा को शन्ति दे. R I P”

एक्टर साहिल ने इन्स्टाग्राम पर पोस्ट कर लिखा “स्टार साहिल आनंद ने अपने ऑफ़िशियल इंस्टाग्राम से बात की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, ‘दिव्या तुम अपने भैया को बहुत याद आओगी. तुम्हारा पैशन, तुम्हारे सपने,  तुम्हारा बेहतरीन व्यवहार, हमारी इंडस्ट्री को लेकर तुम्हारी सकारात्मक सोच किसी और से नहीं मिलती है. हमें मिलना था, लेकिन भगवान ने तुम्हारे लिए शायद कुछ और प्लान बना लिए थे. मुझे इस बात का भरोसा है कि तुम अब एक बेहतर जगह पर हो और शांति में. तुम हमेशा हमारी यादों और दिलों में जिंदा रहोगी.”

हालांकि दिव्या चौकसे (Divvya-Chouksey) सोशल मीडिया पर ज्यादा सक्रिय नहीं थीं फिर भी उन्होंने अपने ट्विटर एकाउंट पर पूंछा था क्या किसी को मिसेल्टो थेरेपी के बारे में  पता है? मुझे इसकी मदद चाहिए”( Does anyone knows of misseltow Therepy ? I need it help) वहीँ उन्होंने अपने अपनें आखिरी पोस्ट में हेल्प मांगी थी. उन्होंने लिखा था कि “वो डेथ बेड पर हैं”

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एक्ट्रेस दिव्या (Divya Choksey) बार फिल्म ‘है अपना दिल तो आवारा’  में नजर आई थीं.यह फिल्म  साल 2016 रिलीज हुई थी. दिव्या नें कई टीवी शोज और विज्ञापन में भी काम किया था.

हर पुरुष में एक स्त्री तत्व होता है – तरुण खन्ना 

 धारावाहिक ‘अविनाश आईपीएस’ से अभिनय कैरियर में कदम रखने वाले अभिनेता तरुण खन्ना दिल्ली के हैं. उन्हें हमेशा से अलग और भावपूर्ण अभिनय करने की इच्छा रही है, जिसमें साथ दिया परिवार वालों ने. उन्होंने टीवी शो के अलावा कई फिल्मों में भी काम किया है.  कई धारावाहिकों में उन्होंने महादेव की भूमिका निभाई है, जिसे दर्शकों ने काफी पसंद किया है. इन दिनों वे दंगल टीवी पर भी ‘ देवी आदि पराशक्ति’ में भी शिव की भूमिका निभा रहे है. लॉक डाउन के बाद धारावाहिक की शूटिंग शुरू हो चुकी है, जिसका सेट गुजरात के उमरगांव में है. कोरोना संक्रमण की वजह से ये शूट बहुत ही सावधानीपूर्वक और हायजिन तरीके से की जा रही है. उनसे बात हुई, पेश है कुछ अंश. 

सवाल-किस तरह के बदलाव आप सेट पर अभी कोरोना काल में देख रहे है?

सेट पर प्रोडक्शन हाउस हायजिन का पूरी तरह से पालन कर रहे है. सेट पर अंदर जाने से पहले गेट पर एक सेनीटाइज करने वाली मशीन इनस्टॉल की गयी है, जिसके अंदर से सबको गुजरना पड़ता है और सभी के शरीर के साथ-साथ सारे समान भी सेनीटाइज हो जाते है. इसके बाद हर व्यक्ति को एक काउंटर पर जाकर अपना टेम्परेचर चेक करवाना पड़ता है. वहां मास्क और फेस शील्ड मिलती है. इस तरह सारे गाइडलाइन्स फोलो किया जा रहे है, ताकि हर व्यक्ति सुरक्षित रहे.

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सवाल- क्या इस माहौल में अभिनय करने में कोई समस्या आ रही है ?

शूटिंग से पहले मास्क पहनता हूँ. शूटिंग के दौरान उसे खोलना पड़ता है. कमरे में भी मास्क नहीं पहनता, इस तरह मेरी जिंदगी में बहुत अधिक परिवर्तन नहीं आया है. जो लोग पीपीई किट मास्क और फेस शील्ड पहनकर काम करते है. उन्हें उमरगांव की इस गर्मी में मुश्किल होती है. पूरा दिन वे इसे पहने रहते है. गर्मी लगती है, सफोकेशन होता है, फिर भी वे पहनकर ही काम करते है. 

 

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A nice surprise by some fans of my show Devi adi para shakti @realswastik @rahultewary @sktorigins @kaulritesh

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सवाल- क्या कोरोना काल में हायजिन के क्षेत्र में कुछ अच्छी बात हुई है, क्योंकि पहले अधिकतर सेट पर साफ़सफाई और हायजिन पर ध्यान नहीं दिया जाता था?

देखा जाय, तो कोरोना काल में अच्छा कुछ भी नहीं हुआ है. हायजिन पर ध्यान भी अभी बहुत कम है. लोगों को मास्क अभी पहनना जरुरी है, पर लोग अभी भी मास्क हटाकर बात करते है या फिर थूकते है, ऐसे में मास्क लगाने का कोई फायदा नहीं है, इसलिए मैंने प्रोड्यूसर से सेट पर काम करने वालों के इधर-उधर थूकने पर अधिक से अधिक जुर्माना लगाने की बात भी कही है. इसके अलावा उस व्यक्ति को उस थूक को कपड़े से नहीं, अपने हाथ से साफ़ करना पड़ेगा. इन सभी आदतों के लिए हम सभी ने कड़े नियम बनाये है. हायजिन के बारें में किसी को हमारे देश में पड़ी नहीं है. कितना भी कह लें, कोई मानने को तैयार नहीं होता, जबकि यूरोप, अमेरिका, रूस आदि देशों में हायजिन और हेल्थकेयर उच्च स्तरीय होने के बावजूद, उनकी हालत कोरोना संक्रमण से निपटने में मुश्किल  हो रही है. लोग इस बीमारी को हल्के में ले रहे है, जबकि बहुत अधिक एहतियात बरतने की जरुरत है.  

सवाल-लॉक डाउन में आपने क्या-क्या किया है?

पहले एक महीने मैंने अपनी नींद पूरी की, जो सालों से पूरा नहीं हो पा रहा था. अपने बेटे के साथ खेला. जन्म के बाद से मैं अपने कामों में व्यस्त था, उसके साथ समय नहीं बिता पाया. अभी वह 6 साल का भी हो गया. टीवी पर कई शो देखा. पहले एक डेढ़ महीने तो अच्छा लगा, लेकिन इसके बाद काम की चिंता सताने लगी. मैं खुशनसीब हूँ कि 3 महीने के बाद काम पर लौट पाया, जबकि बहुत सारे लोगों को अब काम नहीं मिल रहा है.  

सवाल- आपने कई बार मायथोलोजिकल चरित्र निभाए है, जिसमें खासकर शिव की भूमिका अधिक निभाई है, इसका प्रभाव आपके जीवन पर कैसा रहा?

मैं दिल्ली में बड़ा हुआ, मुंबई आकर मॉडलिंग शुरू की उसके बाद मैं अभिनय में आया. ये सारी चीजें पाश्चात्य संस्कृति की देन है, जिसका चलन हमारे देश में पहले नहीं था. आज अंग्रेज़ी बोलने वालों को लोग स्मार्ट समझते है. अंग्रेज चले गए, पर वे लेकर नहीं सब देकर गए है. आज हम सभी अपनी संस्कृति से दूर होते जा रहे है, ऐसे में इस तरह के शो को करने के बाद मैं फिर से अपनी संस्कृति से जुड़ा हूँ. इस तरह के शो के बाद मुझे पाकिस्तान, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, थाईलैंड, अमेरिका, रूस आदि सभी देशों से चाहने वालों के मेसेज आते है. उन्हें मेरी भूमिका बहुत अच्छी लगती है. मेरे लिए ये ख़ुशी की बात है.

 

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Mahadev playing mridang!! Wat a welcome change from my regular attire @namah_starplus_ @ved14aug

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सवाल- परिवार ने आपको आगे बढ़ने में कितना सहयोग दिया है, खासकर आपकी पत्नी स्मृति की भूमिका इस दिशा में कितनी है?

परिवार का सहयोग मुझे हमेशा से रहा है. मैं पत्नी से बहुत दूर उमरगांव में रहता हूँ और वह बेटे के साथ मुंबई में रहती है. दिन में हर एक घंटे में बातचीत होती है, इसलिए हम एक दूसरे से हमेशा जुड़े रहते है. वह भी एक्ट्रेस है और एक कॉमन फ्रेंड के थ्रू मैं उनसे मिला था. 

सवाल- लॉक डाउन की वजह से लोगों में मानसिक समस्याएं बढ़ी है, अभी भी बहुत सारे लोग घर पर बिना काम के बैठे है, उनके लिए क्या कहना चाहते है?

मेसेज देना मेरे लिए मुश्किल है, क्योंकि अनलॉक होने के बाद भी कई सारी पबंधियाँ है, जो सबको परेशान कर रही है. संयम रखने की बात कही जाती है. बहुत सारे लोग ऐसे है, जिनको खाने के लिए पैसे नहीं, घर का किराया नहीं भर सकते. वे करें तो करें क्या? ये कहना बहुत आसान है कि घर में रहिये, आत्मनिर्भर बनिए, लेकिन कैसे? काम नहीं करेंगे, तो घर कैसे चलेगा. पैसा कैसे मिलेगा. इसके अलावा 65 साल से अधिक उम्र के लोग 10 साल से कम के बच्चे काम नहीं कर सकते. इसका निर्णय कोई कैसे ले सकता है? हो सकता है वह अकेला बुजुर्ग व्यक्ति ही उस घर को चलने वाला हो? ऐसे में बिना काम के वह कैसे अपना जीवन निर्वाह करेगा? ये नाजायज बातें है और इसका मैं कड़े शब्दों में विरोध करता हूँ. लोगों के प्रति संवेदना रखने की आज बहुत जरुरत है.

सवाल- आप अपनी जर्नी को कैसे देखते है?

मैंने निगेटिव और पॉजिटिव भूमिकाएं निभाई है, सब कमोबेश अच्छे थे.  शिवजी, चाणक्य, ठाकुर   आदि की भूमिका मुझे पसंद है. मैंने शो सीआईडी में इंस्पेक्टर सूरज की भूमिका निभाई थी, जो मेरी सबसे बड़ी गलती थी, उसे मुझे नहीं करनी चाहिए थी. 

सवाल-क्या किसी बायोपिक करने की इच्छा है?

मेरे उम्र के हिसाब से मैं नरेंद्र मोदी और अक्षय कुमार की बायोपिक में काम करने की इच्छा रखता हूँ.

 

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Meet the Namah family @namah.starplus

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सवाल- इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में सफल कलाकार अधिकतर अकेलेपन का शिकार होते है, इसकी वजह क्या मानते है?

एक सफल कलाकार सफलता पाने के बाद परिवार से काफी दूर होने लगता है, क्योंकि वह 12 घंटे एक्टिंग करता है, जिसमें 3 से 4 घंटा ट्रेवलिंग का होता है. शो जब तक चलता रहता है, ये सिलसिला चालू रहता है. उस दौरान होली हो या दिवाली वह घरवालों से दूर रहते है. दरअसल किसी भी रिश्ते में अगर व्यक्ति सालों तक उससे दूर रहता है, तो रिश्ता अपने आप टूटने लगती है, क्योंकि आपकी अनुपस्थिति से परिवार भी आदि हो जाते है . ऐसे कई कलाकार है जो 3 से 4 साल तक घर नहीं गए. ऐसे व्यक्ति को किसी भी समस्या से अकेले ही जूझना पड़ता है. मैंने भी अपने जीवन में इसे महसूस किया है और शुरू से हमेशा अपने परिवार के टच में रहा.  

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इसके अलावा इसमें सबसे अधिक महत्व उन बच्चों की परवरिश शामिल होती है. मुंबई में कई यंग लड़के और लड़कियां है, जो बाहर से अभिनय करने के लिए आये है और काम मिलने पर पैसे भी कमाने लगे है. ऐसे कलाकार लड़के और लड़कियां आपस में काम करते हुए दोस्त बन जाते है, प्यार हो जाता है, लेकिन थोड़े समय बाद उनमें लड़ाईयां हो जाती है. फिर वे इसे छोड़ किसी दूसरे या फिर किसी तीसरे को पकड़ने लगते है. इससे उस कलाकार का नाम ख़राब हो जाता है और वह व्यक्ति अकेला हो जाता है. मैं सीनियर कलाकार की श्रेणी में आता हूँ, इसलिए नयी जेनरेशन के बच्चों को कुछ दिनों तक काम करने के बाद घर जाने की सलाह भी देता हूँ. कोई सुनता है तो कोई सुनता नहीं है. यही चलता रहता है.

सवाल- गृहशोभा के ज़रिये कोई मेसेज देना चाहते है ?

मैं बचपन से गृहशोभा पढता हूँ. पहले मेरी माँ पढ़ती थी और उनके साथ मैं भी पढता था. ऐसा कहा जाता है कि हर पुरुष में एक स्त्री तत्व भी होता है और ये स्त्री तत्व मुझे गृहशोभा से मिला है. मैं इस मैगज़ीन का बहुत बड़ा आभारी हूँ, जिसने मुझे भारतीय नारी क्या होती है उसके दर्शन करवाएं है. इसके अलावा महिलाओं की बहुत बड़ी जिम्मेदारी भविष्य निर्माण करने में होती है, जिसका वे कर रही है. इसमें वे अपने बच्चों को काले-गोरे, लड़के-लड़की में फर्क और बुरी आदतों को जितना हो सके, उससे उन्हें निकालने की कोशिश करें. 

Monsoon Special: सुबह के नाश्ते में बनाएं हेल्दी और टेस्टी ब्रेड का पोहा

सुबह का नाश्ता हमारी दिनचर्या का सबसे प्रमुख हिस्सा होता है.पर अक्सर एक ही तरह का नाश्ता खाकर लोग लोग बोर हो जाते हैं.अगर हम अपने नाश्ते में नए-नए बदलाव करते रहे तो खान पान में हमारी रूचि बनी रहेगी.

वैसे जब सुबह के नाश्ते की बात हो रही है ओ हम पोहा को कैसे भूल सकते हैं.नाश्ते में खाया जाना वाला सबसे स्वादिष्ट और आसान व्यंजन है पोहा.यह एक ऐसा नाश्ता है जो बच्चे से लेकर बड़ों तक सभी को बहुत पसंद आता है.

हम अक्सर चूरे का पोहा बना कर खाते है,पर आज मैं आपके लिए पोहे की एक और dish लेकर आई हूं और वो है ब्रेड का पोहा. ब्रेड का पोहा बड़ी आसानी से जल्दी बनने वाला नाश्ता है. इसके लिए आपको ज्यादा कुछ इंतजाम भी नहीं करना है. ये खाना में तो स्वादिष्ट होगा ही साथ ही साथ healthy भी होगा.
मै ब्रेड के पोहे में मैदे वाली ब्रेड या वाइट ब्रेड use नहीं करूंगी क्योंकि मैदा easily डाइजेस्ट नहीं होता है.मैं इसकी जगह आटा ब्रेड या multigrain ब्रेड का use करूंगी .ये उनके लिए भी अच्छा है जो डाइटिंग पर हैं.पर अगर आपके पास ये आप्शन नहीं है तो आप मैदे वाली ब्रेड use कर सकती हैं.
तो चलिए बनाते है ब्रेड का पोहा-

हमें चाहिए-

• ब्रेड स्लाइस – 8 से 9
• प्याज -2 बारीक कटी हुई

• टमाटर-1 बारीक कटी हुई

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• उबला आलू -1
• शिमला मिर्च-1 बारीक कटी हुई
• करी पत्ता – 5 से 6
• राई -1/2 teaspoon
• जीरा 1/2 teaspoon
• नींबू -1 teaspoon
• मूंगफली के दाने-1/2 कप
• नमक – स्वादानुसार
• मिर्च 1-2
• तेल(रिफाइंड आयल) -1 tablespoon Oil
• टोमेटो सॉस -1/2 tablespoon(ऑप्शनल)
• चिल्ली सॉस -1/4 tablespoon(ऑप्शनल)
• बारीख कटा हुआ हरा धनिया-1/2 tablespoon

बनाने का तरीका-

1-सबसे पहले ब्रेड के स्लाइस को वर्गाकार टुकड़ों में काटें.अब गैस पर एक पैन में तेल(रिफाइंड ) गरम करें. जब तेल गर्म हो जाए इसें सरसों के दाने और करी पत्ते डालें. जब सरसों के दाने तड़तड़ाने लगे तब इसमें कटी हुई हरी मिर्च और कटी हुई प्याज़ डाल दे .

2-प्याज़ को हल्का लाल होने तक भूने .अब उसमे कटा हुआ टमाटर डाल दे और उसे पकने दे .जब टमाटर गल जाए तब उसमे शिमला मिर्च और उबला हुआ आलू काट कर डाल दे .आप चाहे तो आप और भी सब्जियां ऐड कर सकते हैं.अब उसको माध्यम आंच पर पका ले.जब शिमला मिर्च हलकी पक जाए , तब उसमे नमक डाल दे और अच्छे से चला दे.

3-अब ऊपर से उसमे टोमेटो सॉस और चिल्ली सॉस डाल कर उनको अच्छे से मिला ले.आप चाहे तो आप टोमेटो सॉस या चिल्ली सॉस नहीं भी डाल सकते हैं .ये बिलकुल ऑप्शनल हैं.आप चाहे तो इसकी जगह नीम्बू डाल सकते हैं.

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4-अब सॉस को अच्छे से मिला लेने के बाद उसमे कटे हुए ब्रेड के स्लाइस डाल दे.और थोड़े से पानी के छीटें लगा दे.जिससे पोहा थोडा सॉफ्ट हो जायेगा.

5-गैस को हल्का तेज़ करके पोहे को भून ले .अब ऊपर से उसमे भुने हुए मूंगफली के दाने डाल दे.और गैस को बंद कर दे.अब ऊपर से गार्निश करने के लिए बारीक कटा हुआ हरा धनिया डाल दे.इससे टेस्ट दोगुना हो जायेगा.

6-तैयार है स्वादिष्ट ब्रेड का पोहा.आप इसको चाय ,कॉफ़ी या मिल्क शेक के साथ खा सकते हैं.

 

गुस्सा क्यों आता है?

लेखिका- किरण सिंह

गुस्से में आदमी पागल हो जाता है इसलिए वह उस समय अनियंत्रित होकर कह देता है और क्या कर देता है उसे स्वयं नहीं पता होता है. हाँ गुस्सा शांत होने पर उसे अपनी गलती का एहसास जरूर होता है. किंतु कहा जाता है न कि कमान से निकला हुआ तीर और जुबान से निकली हुई बात कभी वापस नहीं आती तो ऐसी परिस्थिति में गुस्साये इन्सान के पास अफसोस के सिवा कुछ बचा भी नहीं रहता है.

लोगों को गुस्सा क्यों आता है, इसकी कई वजह हैं.

एक इंसान को कब, कैसे और किस बात से गुस्सा आता है यह उसकी उम्र, लिंग, संस्कृति, माहौल तथा परवरिश पर निर्भर करता है.

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कई बातें इंसान को गुस्सा दिला सकती हैं.

जैसे – जब उस इंसान के साथ नाइंसाफी होती है.

उसकी बेइज़्ज़ती की जाती है, या फिर उसका अधिकार छीनने की कोशिश की जाती है आदि.

ऐसी बहुत सी वजह  हैं जो इंसान को गुस्सा दिला सकती हैं.

गुस्सा आने पर  अलग-अलग व्यक्ति का अलग – अलग बर्ताव हो जाता है. कुछ लोगों की गुस्से की आग जितनी जल्दी धधकती है उतनी ही जल्दी  शांत भी हो जाती है तो कुछ लोगों के हृदय में  कई दिनों, महीनों या सालों तक  सुलगती रहती  है.

मनोवैज्ञानिक हैरी एल. मिल्ज़ का कहना है: “इंसान बचपन से ही गुस्सा करना सीखता है. वह बड़े-बुज़ुर्गों को गुस्सा करते देख उनकी नकल उतारने की कोशिश करता है.”

अगर एक बच्चे की परवरिश ऐसे माहौल में होती है, जहाँ माँ-बाप हमेशा एक-दूसरे से भिड़े रहते हैं और बात-बात पर चिल्लाते हैं, तो बच्चे को यही सीख मिल रही होती है कि मुश्‍किलों का सामना करने के लिए गुस्सा करना ज़रूरी है.

वैसे अधिकांश लोगों को भूख लगने पर तथा तनाव की स्थिति में गुस्सा आता है.  इस सम्बन्ध में वैज्ञानिकों का मत है कि  व्यक्ति के दिमाग में सिरोटोनिन हार्मोन के स्तर में होने वाला बदलाव दिमाग के उस हिस्से पर प्रभाव डालता है, जो गुस्से को नियंत्रित करता है. और यह बदलाव तब होता है जब कोई व्यक्ति भूखा या तनाव में होता है.

वैसे यदि व्यक्ति स्वयं चाहे तो गुस्से को नियंत्रित कर सकता है. इसके लिए समझना होगा कि गुस्सा आपको ही नुकसान पहुँचाता है.

गुस्से को नियंत्रित करने के उपाय :

गुस्सा आने पर सबसे पहले तो मौन साध लेना चाहिए, क्योंकि गुस्से में अक्सर मनुष्य जहर उगलने लगता है.

बचपन से ही हम अपने बड़े बुजुर्गों से सुनते आये हैं कि गुस्सा आने पर ठंडा पानी पी लेना चाहिए.

कुछ लोग कहते हैं कि उलटी गिनती गिनने से भी गुस्सा कम होता है.

बात करते वक़्त यदि गर्मागर्म बहस होने लगे तो क्षमासहित तर्क – वितर्क वहीं बन्द कर देना चाहिए .

मनपसंद गाना गाने या सुनने से भी गुस्सा कम होता है.

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कुछ अच्छा सोचें.

मनपसंद व्यंजन बनाना शुरू करें.

शापिंग करें.

इन सब से भी बात न बने तो योगा करें ,क्योंकि योग हमारे शरीर और मन की संतुलित कर , क्रोध को नियंत्रण करने में बहुत हद तक मदद करता है.

जानें क्या है रिश्ते में झूठ स्वीकार करने का सही तरीका

आजकल रिश्तों में झूठ बोलना आम बात है लेकिन हमें ऐसा झूठ नही बोलना चाहिए जो हमारे रिश्तो में दूरियां पैदा कर दे. कई बार झूठ बोलते हैं तो हमारा झूठ पकड़ा जाता है जो हमारे लिए हानिकारक होता है.इसलिए हमें किसी भी रिश्ते में कोई भी झूठ बोलने के सही समय और सही स्थिति देखनी चाहिए कि अगर हम झूठ बोलेंगे तो पकड़े जाएंगे.जब आपके झूठ से किसी को नुकसान नहीं पहुंच रहा हो तभी सही है.

1. झूठ को स्वीकार करना चाहिए

आपने अपने साथी को कोई झूठ बोला है और आपका झूठ पकड़ा जाए तो बिना कोई बहस करे आपको झूठ स्वीकार कर लेना चाहिए. उसको इस बारे में विश्वास दिलाएं कि आपने झूठ क्यों बोला था.इस से रिश्ते में अच्छे सम्बन्ध बने रहते हैं. अगर आपका साथी आप पर शक करता है तो ये आपके लिए चिंता का विषय है.

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2. धर्य रखें

अगर आपका झूठ आपका साथी पकड़ लेता है या उसको पता चल जाता है तो आप घबराएं नही धर्य रखे.और उसको जितनी बार समझाना पड़े उसको प्यार से समझाएं. उसकी देखभाल रखे जिस से उसको आप पर शक ना हो. उसको ये विश्वास दिलाएं कि आप उस झूठ को बोलने के बाद शर्मिन्दा है. अगर आप प्यार से विश्वास दिलाएंगे तो आपका रिश्ता अच्छा बना रहेगा.

3. सही बनाने की कोशिश करें

अगर आपका झूठ पकड़ा जाता है और आप झूठ को स्वीकार कर लेते हैं तब भी आपके साथी को आप पर विश्वास नही होता है. तो उस विश्वास को वापिस लाने की कोशिश करे. उस से पूछें कि उसे किस बात पर शक हुआ है और क्यों हुआ है उसका सही कारण जानने की कोशिश करें. क्योंकि विशवास वापिस पाने के लिए सही कारण जानना जरूरी है.

4. खुद के साथ अपने बयान शुरू करें

ये बात हमेशा याद रखिए कि आपकी बातों की शुरुआत ‘मैं’ से होनी चाहिए. जैसे कि ,’मैं गलत था’. ‘मैने तुम्हारे साथ गलत किया’! इस स्थिति में आपका साथी आपकी झूठ को प्यार से स्वीकार कर लेगा. अपने साथी को गलत ठहराने की गलती मत करना वरना बात बिगड़ सकती है.

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5. जब तुम झूठ बोलते हुए पकड़े जाते हो तो सच बताओ 

अगर आप अपने साथी से झूठ बोलते हुए पकड़े गए हैं तो उस झूठ को ज्यादा बड़ा ना बनाएं. अपने साथी को सच बता दे नही तो आपके रिश्ते में दूरियां पैदा हो सकती है. अपने साथी का भरोसा ना तोड़े.

दुल्हन बनीं Qubool hai फेम एक्ट्रेस सुरभि ज्योति, आप भी कर सकती हैं ट्राय

सीरियल ‘कुबूल है’ (Qubool Hai) से फैंस के दिलों पर राज करने वाली एक्ट्रेस सुरभि ज्योति (Surbhi Jyoti) इन दिनों सोशलमीडिया पर सुर्खियों में बनी हुई हैं. खबरें थीं कि सुरभि (Surbhi Jyoti) नागिन 5 (Naagin 5) का हिस्सा बनने वाली हैं, जिसके बाद उनके फैंस उनका इंतजार कर रहे हैं. हालांकि अभी तक शो की कास्ट को लेकर कोई घोषणा नही की गई है. लेकिन आज बात हम सुरभि (Surbhi Jyoti) के सीरियल की नहीं बल्कि उनके फैशन की करेंगे. सुरभि (Surbhi Jyoti) ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम में कुछ फोटोज शेयर की हैं, जिसमें वह ब्राइडल लुक में नजर आ रही हैं. उनका ये लुक लोगों को काफी पसंद आ रहा है. आज हम आपको सुरभि (Surbhi Jyoti) के ब्राइडल लुक की फोटोज आपको दिखाएंगे, जिसे आप भी अपनी शादी या वेडिंग फैशन के लिए ट्राय कर सकते हैं….

1. खूबसूरत है सुरभि का लहंगा

अक्सर शादियों में दुल्हनें महरून या लाल कलर का लहंगा पहनना पसंद करती हैं. लेकिन अब धीरे-धीरे फैशन ट्रैंड में बदलाव आ रहा है. सुरभि के ब्राइडल लहंगे की बात करें तो लाइट कलर के कौम्बिनेशन वाला लहंगा इन दिनों ज्यादा ट्रैंड में है.

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2. हैवी कढ़ाईदार है परफेक्ट

लहंगा भले ही हल्का कलर का हो लेकिन अगर उसकी हैवी कढ़ाई हो तो आपके लुक को नया फैशन मिलता है, जो आपकी खूबसूरती पर चार चांद लगा देता है.

3. डिफरेंट वाइब्रेंट कलर ज्वैलरी है परफेक्ट

अगर आप अपने लहंगे को ट्रैंडी दिखाना चाहती हैं तो लाइट कलर के लहंगे के साथ ब्राइट और वाइब्रेट कलर की ज्वैलरी ट्राय करें. इससे आपके लुक में खूबसूरती बिखेरगी.

4. सिंपल हो हेयरस्टाइल

 

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ब्राइडल लुक के लिए सबसे जरूरी होता है कि हेयरस्टाइल, जो उसके लुक पर चार चांद भी लगा सकता है और उसे बिगाड़ भी सकता है. इसीलिए जरूरी है कि आप अपने ब्राइडल लुक के लिए हेयरस्टाइल पर खासा ध्यान नही है.

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Unlock 2.0 की शुरूआत होगी कलर्स के नए शो के साथ

अनलॉक 2.0 की शुरूआत हो चुकी है और उसी के साथ-साथ कलर्स लेकर आ रहा है ना सिर्फ आपके पसंदीदा सीरियल्स के नए एपिसोड्स, बल्कि एक रोमांचक नया शो ‘इश्क़ में मरजावाँ’ आज रात 7 बजे से सिर्फ कलर्स पर.

मुंबई में स्थित ये कहानी है साज़िशों के दलदल में फंसी बेइंतहां चाहत की. जिंदगीभर अपनों के प्यार को तरस्ती रिद्धिमा, पुलिस ऑफिसर, कबीर से बेइंतहां मोहब्बत करती है. लेकिन क्या सच्चे प्यार की भी कोई कीमत हो सकती है, जो चुकाई जा सके? ऐसी कीमत मांगी है रिद्धिमा के प्यार ने. आइए आपको बताते हैं, इस शो के मुख्य किरदारों की एक खास झलक…

क्या होगा रिद्धिमा की जिंदगी में नया मोड़?

कलर्स के इस शो की कहानी में सबसे अहम किरदार रिद्धिमा नाम की लड़की का है, जो पेशे से फिज़ियोथेरेपिस्ट है और स्वभाव से बहुत ही साधारण लड़की है. किसी भी व्यक्ति पर भरोसा कर लेने वाली  रिद्धिमा कि जिंदगी में नया मोड़ आता है जब वह एक पुलिस ऑफिसर, कबीर को अपना दिल दे बैठती है.

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लाड़-प्यार में पला बढ़ा वंश

मुंबई के रईस, रायसिंघानिया परिवार का इकलौता वारिस, वंश रायसिंघानिया एक रहस्यमयी किरदार है. ब्लैक मार्केट की दुनिया का बेताज बादशाह, तेज़-तर्रार और निडर वंश हर बार कबीर की नज़रों के सामने  से निकल जाता है.

क्या है कबीर की जिंदगी का सबसे बड़ा मकसद?

बिना माता-पिता के पले बड़े, कबीर के जिंदगी में दो चीजें सबसे खास हैं, एक, उसका फर्ज़ और दूसरा, रिद्धिमा का प्यार. फिलहाल, उसके जिंदगी का एक ही मकसद है, वंश रायसिंघानिया को रंगे हाथों पकड़ना. और इसी मकसद को पूरा करने के लिए कबीर अपने प्यार को कुर्बान करने के लिए तैयार हो जाता है, रिद्धिमा को वंश का होने को कहकर.

लेकिन क्या रिद्धिमा अपने प्यार की इतनी बड़ी कीमत चुका पाएगी? क्या वंश, कबीर के इस चाल पर भरोसा कर बैठेगा? जानने के लिए देखिए, ‘इश्क़ में मरजावाँ’ आज रात 7 बजे, सिर्फ कलर्स पर.

दिल के रोगियों को कोरोना होने की संभावना ज्यादा है तो क्या मुझे भी कोरोना हो सकता है?

सवाल-

मेरा नाम विनोद है और मेरी उम्र 32 साल है. दरअसल, कुछ साल पहले मुझे हार्ट अटैक आया था लेकिन सही समय पर अस्पताल पहुंचने के कारण मेरी जान बच गई. लोग कहते हैं कि दिल के रोगियों को कोरोना होने की संभावना ज्यादा है तो क्या मुझे भी कोरोना हो सकता है? कृपया मुझे इस से बचने का उपाय बताएं?

जवाब-

जी हां, हृदय रोगियों को कोरोना आसानी से हो सकता है लेकिन आप को इस से घबराने की आवश्यकता नहीं है. यदि आप नियमों का पालन करते हैं और स्वयं का खयाल रखते हैं तो यह बीमारी आप का कुछ नहीं बिगाड़ सकती है. इस से बचने के लिए सोशल डिस्टैंसिंग, हाथ धोना, मास्क लगाना आदि जरूरी है. दवाइयां या घर का राशन खरीदते वक्त डिस्पोजेबल दस्ताने अवश्य पहनें. इस के अलावा डाक्टर द्वारा बताई गई दवाइयों का नियमित रूप से सेवन करें. व्यक्तिगत साफसफाई और खानपान का पूरा ध्यान रखें. बाहर से आने के तुरंत बाद अपने हाथ अच्छे से धोएं. छत पर या बालकनी में कुछ देर बैठ कर धूप सेंके. कोशिश करें कि आप को घर से बाहर न जाना पड़े.

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 आम तौर पर ह्रदय रोग के लिए कोरोनरी आर्टर बीमारी प्रमुख कारण होता है. हृदय की अन्य बीमारियों में पेरिकार्डियल रोग, हृदय की मांसपेशियों से संबंधित समस्या, महाधमनी की समस्या हार्ट फेल होना, दिल की धड़कन का अनियमित होना हार्ट के वौल्व से संबंधित बीमारी जैसी कई बीमारियां हैं. इन परेशानियों से बचने के लिए जरूरी है कि आप इनके लक्षणों के बारे में जान लें. और जब भी आपको इनका आभास हो आप तुरंत डाक्टर से मशवरा लें.

आम तौर पर ह्रदय रोग के लिए कोरोनरी आर्टर बीमारी प्रमुख कारण होता है. हृदय की अन्य बीमारियों में पेरिकार्डियल रोग, हृदय की मांसपेशियों से संबंधित समस्या, महाधमनी की समस्या हार्ट फेल होना, दिल की धड़कन का अनियमित होना हार्ट के वौल्व से संबंधित बीमारी जैसी कई बीमारियां हैं. इन परेशानियों से बचने के लिए जरूरी है कि आप इनके लक्षणों के बारे में जान लें. और जब भी आपको इनका आभास हो आप तुरंत डाक्टर से मशवरा लें.

ह्रदयघात के लक्षणों में छाती में भारीपन, भुजाओं या कंधों में, गले, जबड़े, पीठ या गर्दन में दर्द होना इसके प्रमुख लक्षण हैं. इसके अलावा धड़कन का बढ़ना, सांस लेने में परेशानी, चक्कर आना, पसीना आना जैसे अन्य लक्षण भी अहम हैं.

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बेऔलाद जोड़ों की तादाद में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है क्योंकि नामर्दी के चलते मर्द अपनी पत्नी को पेट से करने में नाकाम होते हैं. वैसे, अगर गर्भनिरोधक उपाय आजमाए बगैर एक साल तक हमबिस्तरी करने पर भी जब बच्चा नहीं ठहरता है तो इसे शुक्राणुओं की समस्या के चलते नामर्दी मान लिया जाता है.

आमतौर पर इस तरह की समस्या  कमजोर शुक्राणु के चलते होती है जबकि बच्चा ठहरने के लिए शुक्राणु

की ही जरूरत पड़ती है. ऐसे मामलों में औरतों की फैलोपियन ट्यूब तक शुक्राणु पहुंच ही नहीं पाते हैं और कई कोशिशों के बावजूद औरत पेट से होने में नाकाम रहती है.

इस समस्या के लिए कई बातें जिम्मेदार होती हैं. खास वजह धूम्रपान और ज्यादा मात्रा में शराब का सेवन करना है. ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि गठीला बदन बनाने के लिए लड़के कम उम्र से ही स्टेरौयड और दूसरी दवाओं का सेवन करने लग जाते हैं. इस वजह से बाद की उम्र में उन्हें इस समस्या का सामना करना पड़ जाता है. बहुत ज्यादा कसरत और डायटिंग के लिए भूखे रहने जैसी आदतें भी इस की खास वजहें हैं.

नौजवानों में तेजी से बढ़ते तनाव और डिप्रैशन के साथसाथ प्रदूषण और गलत लाइफस्टाइल के चलते एनीमिया की समस्या भी मर्दों में नामर्दी की वजह बनती है. इनफर्टिलिटी से जुड़े सब से बुरे हालात तब पैदा होते हैं जब मर्द के वीर्य में शुक्राणु नहीं बन पाते हैं. इस को एजूस्पर्मिया कहा जाता है. तकरीबन एक फीसदी मर्द आबादी भारत में इसी समस्या से पीडि़त है.

हमारे शरीर को रोज थोड़ी मात्रा में कसरत की जरूरत होती है, भले ही वह किसी भी रूप में क्यों न हो. इस से हमारे शारीरिक विकास को बढ़ावा मिलता है.

अगर आप भी ऐसी ही किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो संपर्क करिए लखनऊ के डॉक्टर ए. के. जैन से जो पिछले 40 सालों से इन समस्याओं का इलाज कर रहे हैं.

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हालांकि कसरत के कई अच्छे पहलू भी हैं. मगर इस के कुछ बुरे पहलुओं पर भी ध्यान देने की जरूरत है जिन की तरफ कम ही लोगों का ध्यान जाता है. मसलन, औरतों का ज्यादा कसरत करना बांझपन की वजह भी बन सकता है. वैसे, कसरत करने के कुछ फायदे इस तरह से हैं:

दिल बने मजबूत : हमारे दिल की हालत सीधेतौर पर इस बात से जुड़ी होती है कि हम शारीरिक रूप से कितना काम करते हैं. जो लोग रोजाना शारीरिक रूप से ज्यादा ऐक्टिव नहीं रहते हैं, दिल से जुड़ी सब से ज्यादा बीमारियां भी उन्हीं लोगों को होती हैं खासतौर से उन लोगों के मुकाबले जो रोजाना कसरत करते हैं.

अच्छी नींद आना : यह साबित हो चुका है कि जो लोग रोजाना कसरत करते हैं, उन्हें रात को नींद भी अच्छी आती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कसरत करने की वजह से हमारे शरीर की सरकेडियन रिदम मजबूत होती है जो दिन में आप को ऐक्टिव बनाए रखने में मदद करती है और जिस की वजह से रात में आप को अच्छी नींद आती है.

शारीरिक ताकत में बढ़ोतरी : हम में से कई लोगों के मन में कसरत को ले कर कई तरह की गलतफहमियां होती हैं, जैसे कसरत हमारे शरीर की सारी ताकत को सोख लेती है और फिर आप पूरे दिन कुछ नहीं कर पाते हैं. मगर असल में होता इस का बिलकुल उलटा है. इस की वजह से आप दिनभर ऐक्टिव रहते हैं, क्योंकि कसरत करने के दौरान हमारे शरीर से कुछ खास तरह के हार्मोंस रिलीज होते हैं, जो हमें दिनभर ऐक्टिव बनाए रखने में मदद करते हैं.

आत्मविश्वास को मिले बढ़ावा : नियमित रूप से कसरत कर के अपने शरीर को उस परफैक्ट शेप में ला सकते हैं जो आप हमेशा से चाहते हैं. इस से आप के आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी होती है.

रोजाना कसरत करने के कई सारे फायदे हैं इसलिए फिजिकल ऐक्टिविटी को नजरअंदाज करने का तो मतलब ही नहीं बनता, लेकिन बहुत ज्यादा कसरत करने का हमारे शरीर पर बुरा असर भी पड़ सकता है खासतौर से आप की फर्टिलिटी कम होती है, फिर चाहे वह कोई औरत हो या मर्द.

ऐसा कहा जाता है कि बहुत ज्यादा अच्छाई भी बुरी साबित हो सकती है. अकसर औरतों में एक खास तरह के हालात पैदा हो जाते हैं जिन्हें एमेनोरिया कहते हैं. ऐसी हालत तब पैदा होती है, जब एक सामान्य औरत को लगातार 3 महीने से ज्यादा वक्त तक सही तरीके से माहवारी नहीं हो पाती है.

कई औरतों में ऐसी हालत इस वजह से पैदा होती है क्योंकि वे शरीर को नियमित रूप से ताकत देने के लिए जरूरी कैलोरी देने वाली चीजों का सेवन किए बिना ही जिम में नियमित रूप से किसी खास तरह की कसरत के 3 से 4 सैशन करती हैं.

शरीर में कैलोरी की कमी का सीधा असर न केवल फर्टिलिटी पर पड़ता है, बल्कि औरतों की सेक्स इच्छा पर भी बुरा असर पड़ता है. साथ ही मोटापा भी इस में एक अहम रोल निभाता है क्योंकि ज्यादातर मोटी औरतें वजन घटाने के लिए कई बार काफी मुश्किल कसरतें भी करती हैं. इस वजह से भी उन की फर्टिलिटी पर बुरा असर पड़ता है.

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इनफर्टिलिटी की समस्या से जूझ रहे जोड़े शारीरिक और मानसिक तनाव की हालत में पहुंच जाते हैं. अकसर देखा गया है कि ऐसे मामलों में या तो शुक्राणु की मात्रा कम होती है या स्पर्म की ऐक्टिविटी बहुत कम रहती है. लिहाजा ऐसे शुक्राणु औरत के अंडाणु को गर्भाधान करने में नाकाम रहते हैं.

वैसे अब इनफर्टिलिटी से नजात पाने के लिए कई उपयोगी इलाज मुहैया हैं. ओलिगोस्पर्मिया में स्पर्म की तादाद बहुत कम पाई जाती है और एजूस्पर्मिया में तो वीर्य के नमूने में स्पर्म होता ही नहीं है. एजूस्पर्मिया में मर्द के स्खलित वीर्य से स्पर्म नहीं निकलता है जिसे जीरो स्पर्म काउंट कहा जाता है. इस का पता वीर्य की जांच के बाद ही लग पाता है.

कुछ मामलों में जांच के दौरान तो स्पर्म नजर आता है लेकिन कुछ रुकावट होने के चलते वीर्य के जरीए यह स्खलित नहीं हो पाता है. स्पर्म न पनपने की एक और वजह है वैरिकोसिल. इस का इलाज सर्जरी से ही मुमकिन है.

कुछ समय पहले तक पिता बनने के लिए या तो दाता के स्पर्म का इस्तेमाल करना पड़ता था या किसी बच्चे को गोद लेना पड़ता था, लेकिन अब चिकित्सा विज्ञान में स्टेम सैल्स टैक्नोलौजी की तरक्की ने लैबोरेटरी में स्पर्म बनाना मुमकिन कर दिया है.

लैबोरेटरी में  मरीज के स्टेम सैल्स का इस्तेमाल करते हुए स्पर्म को बनाया जाता है, फिर इसे विट्रो फर्टिलाइजेशन तरीके से औरत पार्टनर के अंडाशय में डाल कर अंडाणु में फर्टिलाइज किया जाता है. इस तरीके से वह औरत पेट से हो सकती है.

लखनऊ के डॉक्टर ए. के. जैन, पिछले 40 सालों से इन सभी समस्याओं का इलाज कर रहे हैं. तो आप भी पाइए अपनी सभी  सेक्स समस्या का बेहतर इलाज अंतर्राष्ट्रीय ख्याति एवं मान्यता प्राप्त डॉ. जैन द्वारा. 

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