Unlock 1.0: रेल-बस-निजी गाड़ियों से यात्रा करना हुआ आसान, जानें क्या हैं नए नियम

भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने अनलॉक एक की शुरूआत 1 जून से कर दी है. ऐसे में देश में कईं छूट के साथ अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की तैयारियां भी शुरू कर दी है. जहां अनलॉक 1 के तहत सार्वजनिक वाहन की चलाने की मंजूरी मिल गई है तो वहीं इसके साथ कुछ कड़े नियम भी लगा दिए गए हैं. आइए आपको बताते हैं कौनसे नए नियम और सुविधाएं…

1. 200 नॉन एसी ट्रेनों की हुई शुरूआत

देश में अभी श्रमिक ट्रेनों, स्पेशल ट्रेनों के अलावा आज से 200 नॉन एसी ट्रेनें चलेंगी. इनके लिए काउंटर, ऑनलाइन टिकट मिल पाएंगे. इसी के साथ कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के वक्त से कुछ देर पहले आना होगा. वहीं यात्रा के दौरान मास्क पहनना जरूरी होगा और स्टेशन पर पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा.

ये भी पढ़ें- 1 जून से बदले पुराने नियम, राशन कार्ड और एलपीजी समेत इन 6 चीजों में होगा बदलाव

2. सार्वजनिक बसों की हुई शुरूआत

देश में 1 जून से सार्वजनिक बसों की शुरुआत हो गई है, यानी राज्य परिवहन की बसें चल गई. इसके लिए पूरे राज्य में घूमना, या एक राज्य से दूसरे राज्य में जाना आसान होगा. उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों ने प्रदेश परिवहन को मंजूरी दी है. बसों में मास्क पहनना जरूरी होगा, बसों को बार-बार सैनिटाइज़ किया जाएगा. बस में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना ड्राइवर और कंडक्टर की जिम्मेदारी होगी. उत्तर प्रदेश में सोमवार सुबह आठ बजे से एक जिले से दूसरे जिले, जिले के अंदर की बस सेवा को शुरू किया गया है. दिल्ली में पहले से ही डीटीसी की बसें चालू हैं और सिर्फ 20 लोगों को बैठने की इजाजत है.

3. निजी वाहनों को भी मिली इजाजत

निजी वाहनों को लेकर अब पूरी तरह से इजाजत मिल गई है. दो पहिया वाहन पर हेल्मेट, मास्क लगाना जरूरी है. अलग-अलग राज्यों ने अभी टू व्हीलर पर एक, महिला समेत दो लोगों को बैठने की इजाजत दी है. वहीं चार पहिया वाहन में 1+2 के नियम से इजाजत दी है. यानी ड्राइवर के अलावा गाड़ी में दो लोग बैठ पाएंगे, हालांकि अगर बच्चे हैं तो उन्हें छूट मिल पाएगी. साथ ही ओला, उबर जैसी कैब और टैक्सी सर्विस में भी ये नियम लागू होगा. जबकि ड्राइवर-यात्री को मास्क पहनना जरूरी होगा और गाड़ी बार बार सैनिटाइज़ करनी होगी.

ये  भी पढ़ें- घर से कैसे काम करें, जब घर पर हैं आपके बच्चे

4. ये बौर्डर रहेंगे सील

केंद्र सरकार ने बिना किसी पास या इजाजत के किसी भी राज्य में जाने की अनुमति दे दी है, लेकिन अभी भी दिल्ली-नोएडा और दिल्ली-गाजियाबाद का बॉर्डर नहीं खुला है. यहां बढ़ते मामलों को लेकर ये फैसला लिया गया है. वहीं मुख्यमंत्री केजरीवाल ने एक हफ्ते के लिए दिल्ली के सभी बौर्डर सील करने का फैसला लिया है.

कोरोनावायरस की चपेट में आईं ‘ये रिश्ता…’ फेम मोहेना कुमारी, परिवार समेत 17 स्टाफ मेंबर हुए क्वारंटाइन

कोरोनावायरस की मार जहां आम आदमी झेल रहा है तो वहीं इसका असर सेलेब्स पर भी होने लगा है. हाल ही में एक बौलीवुड एक्टर को कोरोनावायरस हुआ था, जिसके बाद अब सीरियल ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ (Ye Rishta Kya Kehlata Hai) फेम एक्ट्रेस मोहेना कुमारी सिंह (Mohena Kumari Singh) के कोरोना पौजीटिव होने की खबर आ रही है. साथ ही उनके परिवार समरेत 17 स्टाफ मेंबर के भी कोरोनावायरस होने की बात कही जा रही है. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला….

क्वारंटीन किया गया पूरा परिवार

टीवी ऐक्ट्रेस और कोरियॉग्राफर मोहेना कुमारी सिंह (Mohena Kumari Singh) उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की बहू हैं. सतपाल महाराज भी हाल ही कोरोना पॉजिटिव पाए गए. इतना ही नहीं उनकी पत्नी अमृता रावत और अन्य स्टाफ में भी कोरोना के लक्षण पाए गए, जिसके बाद से सभी को क्वॉरंटीन कर दिया गया.

 

View this post on Instagram

 

🙏🏽 @satpalmaharajofficial

A post shared by Mohena Kumari Singh (@mohenakumari) on

ये भी पढ़ें- #lockdown: संस्कारी बहू की तरह Kitchen का सामान खरीदने निकलीं Mohena Kumari Singh

मोहेना के ससुर हुए थे बैठक में शामिल

 

View this post on Instagram

 

Happy Marriage Anniversary !!! 🦚🌸🙏🏽🌸🦚 #fatherinlaw #motherinlaw

A post shared by Mohena Kumari Singh (@mohenakumari) on

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है. वहीं एक दिन पहले उनकी पत्नी और पूर्व मंत्री अमृता रावत की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी. साथ ही सतपाल महाराज के आवास पर काम करने वाले करीब 17 लोगों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव पाई गई है. इसी दौरान यह भी कहा जा रहा है कि एक दिन पहले ही सतपाल महाराज कैबिनेट बैठक में भी शामिल हुए थे. जिला प्रशासन ने उनकी कोठी वाले क्षेत्र को भी कंटेनमेंट ज़ोन घोषित कर दिया है.

राशन की शौपिंग करने निकलीं थीं बाहर

 

View this post on Instagram

 

GROCERY SHOPPING WEAR 🤣🤣🤣🤣🤣 #thenewnormal

A post shared by Mohena Kumari Singh (@mohenakumari) on

हाल ही में मोहेना (Mohena Kumari Singh) पति सुयश रावत संग घर के राशन की शौपिंग करने के लिए बाहर निकलीं थीं, जिसकी फोटोज उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर किया था. वहीं इन फोटोज में मोहेना और उनके पति सुयश मास्क और अन्य सुरक्षा के सामान पहले नजर आई थीं.

बता दें कि मोहेना कुमारी (Mohena Kumari Singh) टीवी के पौपलर शो ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में नजर आ चुकी हैं, जिसके चलते वह सुर्खियों में रहती हैं. वहीं पिछले साल यानी अक्टूबर 2019 में सतपाल महाराज के बेटे सुयश रावत से शादी की थी, जो सुर्खियों में रही थी. वहीं बीते दिन संगीतकार वाजिद खान के निधन की वजह भी कोरोना को बताया जा रहा है और अब संगीतकार वाजिद की मां भी कोरोना पाॅजीटिब पायी गयी हैं. वाजिद की मां का इलाज मुंबई के सुराणा सेठिया अस्पताल में इलाज चल रहा है. अभी तक उन्हे उनके बेटे वाजिद की मौत का भी समाचार नही दिया गया है.

ये भी पढ़ें- Periods के चलते ट्रोल हुईं Divya Agarwal तो Bollywood एक्ट्रेसेस ने उठाई आवाज

वैजाइनल ड्राईनैस और दर्द

 वैजाइनल ड्राईनैस यानी योनिमार्ग का सूखा होने की समस्या, सभी आयुवर्ग की महिलाओं में हो सकती है, लेकिन राजोनिवृति के बाद तो यह समस्या हर महिला में आम हो गई है. यह अनुमान लगाया गया है कि समस्या पोस्टमेनोपौजल महिलाओं के लगभग आधे हिस्से को प्रभावित करती है और उन में अधिकांश जो अपने लक्षणों के लिए इलाज की तलाश नहीं करते हैं, जिस में न केवल सूखापन, बल्कि संभोग के दौरान जलन और दर्द भी शामिल है.यह अन्य जीर्ण स्थितियों की तरह ही जीवन की गुणवत्ता को कम कर सकता है. रजोनिवृत्ति के अन्य लक्षणों में समय के साथ सुधर आता है मगर योनि का सूखापन बना रहता है क्योंकि यह शारीरिक परिवर्तन से उत्पन्न होता है. विशेष रूप से एट्रोफी औफ टिश्यूज, जो ऐस्ट्रोजेन के नुकसान के कारण पहले, सूखने वाले और कम लचीले हो जाते हैं.

वैजाइनल ड्राईनैस के लक्षण

– संभोग के दौरान लुब्रिकेशन न होने की वजह से दर्द की समस्या जो कि धीरेधीरे बढ़ती रहती है. योनि के आसपास की त्वचा का पतला होना इसे और अधिक आसानी से क्षतिग्रस्त कर देता है. यह क्षति अकसर सैक्स के दौरान हो सकती है, खास कर अगर लुब्रिकेशन खराब हो. यहां तक कि कोमल घर्षण से दर्द और असुविधा हो सकती है. दर्दनाक संभोग के कारण यौन इच्छा में धीरेधीरे कमी आने लगती है.

– योनि और वल्वा की स्थिति में परिवर्तन होने लगता है. योनि का अलग दिखना आम बात है क्योंकि इस के किनारे और पतले हो जाएंगे.- योनि स्राव में परिवर्तन होने लगता है. महिलाओं को धीरेधीरे अपने योनि स्राव में बदलाव देखने को मिलता है क्योंकि यह जलन के साथ अधिक बदबूदार होती है. ये लक्षण चिंताजनक हो सकते हैं लेकिन वे केवल हार्मोनल परिवर्तनों के कारण होते हैं.

ये भी पढ़ें- सेहत वाले अचार

भावनात्मक प्रभाव:

योनि का सूखापन महिलाओं को अलग महसूस करा सकता है. शरीर में परिवर्तन को स्वीकार करना मुश्किल हो सकता है और इस के कारण होने वाले दर्द और परेशानी से आत्मविश्वास और यौन आत्मविश्वास में कमी हो सकती है.कभीकभी ये लक्षण भ्रम पैदा कर सकते हैं क्योंकि वे यौन संचारित रोगों या थ्रश (छालों) के लक्षणों के समान होते हैं. जैसा कि यह एक शर्मनाक समस्या है, कई महिलाएं इसे सहन करती हैं और यह उन के साथी के साथ संबंधों पर एक बड़ा दबाव डाल सकता है, खासकर अगर महिलाएं अपने साथी को यह बताने में असमर्थ महसूस करती हैं कि उन्हें यौन गतिविधि में रुचि क्यों नहीं है.

इलाज

यदि कोई महिला इन उपरोक्त लक्षणों का अनुभव कर रही है, तो उस का डाक्टर के पास जाना ही उचित है. कुछ त्वचा संबंधित स्थितियां हैं जो समान लक्षणों का कारण हो सकती हैं, जैसे कि जननांगों पर पतली, धब्बेदार सफेद  त्वचा, जिस के कारण श्लेष्मा होता है, श्लेष्मा से झिल्ली और शरीर के अन्य क्षेत्रों में खुजली होती है.आमतौर पर, एक ही लक्षण डिसप्लासिया नामक एक पूर्ववर्ती स्थिति से उत्पन्न हो सकता है.वैजाइनल इनफैक्शन और दाद के लक्षण भी योनि में सूखापन के लक्षणों की तरह ही हो सकते हैं.एक  बार जब अन्य स्थितियों से इनकार कर दिया जाता है, तो डाक्टर योनि के सूखापन के समाधान खोजने के लिए काम कर सकते हैं. वैजाइनल मौइस्चराइजर, वैजाइनल ऐस्ट्रोजन या कोई अन्य डाक्टर बता सकते हैं.

चिकित्सक भी संभोग के दौरान एक महिला को लुब्रिकेंट का उपयोग करने की सलाह दे सकते हैं, हार्मोन थैरेपी के अन्य रूपों की पेशकश कर सकते हैं.अन्य उपचारों के अलावा स्वस्थ आहार आप के योनि के ऊतकों को हाइड्रेट करने में मदद कर सकता है, जिस तरह यह शरीर के अन्य क्षेत्रों पर शुष्क त्वचा की मदद कर सकता है.योनि के लिए नियमित लोशन की सिफारिश नहीं की जाती है, लेकिन नारियल तेल या जैतून का तेल मौइस्चराइजर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन इन सब के नियमित उपयोग से संक्रमण हो सकता है. इस के अलावा, संभावित यानि इरिटेंट से सावधान रहें, जैसे कि मूत्र असंयम के लिए पैड. ये पैड त्वचा में सूजन ला सकते हैं, क्योंकि इस में सुगंधित डिटर्जैंट हो सकते हैं.आमतौर पर, सूती अंडरवियर नियमित आधार पर पहनने के लिए सब से अच्छा विकल्प है. सुगंधित साबुन से बचें.

ये  भी पढ़ें- #lockdown: प्रैग्नेंसी से होने वाली खून की कमी को पूरा करेंगे ये घरेलू उपाय

एक मौन समस्या

वैजाइनल ड्राईनैस से संबंधित समस्याओं का सामना करने वाली महिलाओं की भारी संख्या के बावजूद, यह अभी भी एक मूक समस्या है कि बहुत सी महिलाएं अपने साथी, दोस्तों और यहां तक कि डाक्टरों से बात करने में शर्मिंदगी महसूस करती हैं. इन समस्याओं के साथ केवल एक चौथाई महिलाएं वास्तव में उपचार चाहती हैं.याद रखें, रजोनिवृत्ति के बाद की अवस्था में अपना जीवन व्यतीत करने वाली महिलाओं को यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि वे रजोनिवृत्ति से पहले जीवन की गुणवत्ता बनाए रखें. वैजाइनल ड्राईनैस को बढ़ती उम्र के अपरिहार्य भाग के रूप में इलाज करने की आवश्यकता नहीं है. इस के बारे में कुछ किया जा सकता है. महिलाओं को अपनी समस्याओं को अपने जीवन के हिस्से के रूप में छोड़ कर समाधान प्राप्त करने के लिए आना चाहिए.

-डा. संचिता दुबे

फीमेल इश्यू ऐक्सपर्ट, मदरहुड हौस्पिटल, नोएडा से मोनिका अग्रवाल की बातचीत पर आधारित.

ब्राइडल फोटोशूट में छाया इस भोजपुरी एक्ट्रेस का जलवा, बौलीवुड हसीनाओं को दे रही हैं मात

 आजकल भोजपुरी सिनेमा टीवी ही नहीं बौलीवुड इंडस्ट्री से ज्यादा छाया हुआ है. जहां भोजपुरी सिनेमा के सितारे टीवी रियलिटी शो में फैंस को एंटरटेन करने वाले भोजपुरी एक्टर्स और एक्ट्रेसेस सोशल मीडिया पर भी धूम मचा रहे हैं. हाल ही में भोजपुरी एक्ट्रेस निधि झा (Nidhi Jha) ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ब्राइडल फोटोशूट शेयर की, जो बहुत तेजी से वायरल हो रही हैं.

एक्ट्रेस निधि झा (Nidhi Jha) का ये लुक फैंस को इतना पसंद आ रहा है कि वह निधि के इस लुक को अपनी शादी में ट्राय करने के लिए तैयार हैं. आइए आपको दिखाते हैं निधि झा के ब्राइडल फोटोशूट की झलक…

महरून रंग के लहंगे में नजर आईं निधि झा

अपने लेटेस्ट ब्राइडल फोटोशूट में निधि झा महरून रंग के लहंगे में नजर आ रही हैं, जिनमें उनका ये लुक खूब जम रहा है. वहीं अपने इस ब्राइडल लुक में एक्ट्रेस निधि झा सोफे पर बैठकर कई पोज देती दिखीं, जिसमें वह किसी महारानी से कम नहीं लग रही हैं.

 

View this post on Instagram

 

“You better treat her like your queen, if you want to be treated like a king.”

A post shared by Nidhi Jha (@nidhijha05) on

नौलक्खा हार है खूबसूरत

निझि झा ब्राइडल फोटोशूट में नौ लक्खा हार पहने नजर आईं. वहीं इस हार के साथ फोटोज खिचवातीं निधि अपने इस लुक में स्वैग दिखाते नजर आईं. तो दूसरी तरफ निधि झा कुछ फोटोज में झुकी नजर से फैंस की तारीफें भी बटोरती नजर आईं.

फैंस कर रहे हैं तारीफें

 

View this post on Instagram

 

Bindass छोरी😎

A post shared by Nidhi Jha (@nidhijha05) on

निधा झा का लेटेस्ट ब्राइडल फोटोशूट देखकर उनके फैंस बस एक ही बात कह रहे हैं…’उफ्फ ये अदा…’. और अगर आप भी निधि झा(Nidhi Jha) की तरह लोगों की तारीफें बटोरना चाहती हैं तो निधि का ये महरून कलर के हैवी लहंगे को ट्राय करना ना भूलें.

 

ये  भी पढ़ें- हिना खान से लेकर देवोलिना तक Oxidized Jewellery की फैन हैं ये एक्ट्रेसेस, देखें फोटोज

बता दें, भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह की फिल्म ‘गदर’ में साल 2016 में एक्टिंग से फैंस के बीच पहचान बना चुकी एक्ट्रेस निधि झा (Nidhi Jha) इस इंडस्ट्री का एक बड़ा नाम हैं. वहीं निधि झा अक्सर सोशल मीडिया पर अपने फैशन सेंस और लुक्स के चलते चर्चा में रहती हैं.

Hyundai #WhyWeLoveTheVenue: कंफर्टेबल साइज की वजह से वेन्यू बनी सबकी पसंद

वेन्यू की साइज के बारे में हम शायद ही कभी सोचते हैं क्योंकि अंदर से इसका स्पेस काफी कंफर्टेबल है. आपको जानकार हैरानी होगी लेकिन यह फैक्ट है कि, चार मीटर से कम लंबाई में भी यह कार तंग गलियों और सड़कों के लिए परफेक्ट साइज है.

ये भी पढ़ें- Hyundai #WhyWeLoveTheVenue: Multi-Function Steering Wheel

वेन्यू संकरी सड़कों पर भी स्मूदली चलती है, साथ ही इसके साइज की वजह से यह कहीं भी पार्क की जा सकती है. इसमें लगे रियर कैमरे के हाइ डेफ़िनेशन डिस्पले से सबकुछ क्लीयर दिखाई देता है जो पार्किंग को और आसान बनाता है. वेन्यू को पसंद करने की यह वजह अपने आप में पूरी है.

Good News: महाराष्ट्र सरकार ने दी फिल्म, TV और वेब सीरीज की शूटिंग की इजाजत, जानें सारे Rules

बीस मई और बाइस मई को मुंबई के फिल्म निर्माता,कलाकार और ब्राडकास्टिंग फेडरेशन के पदाधिकारियों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर फिल्म मुख्यमंत्री के सामने कोरोना और लॉक डाउन के चलते फिल्म इंडस्ट्री को हो रहे नुकसान आदि पर विस्तार से बात की थीं. उस वक्त इन प्रतिनिधिेयो ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बताया था कि कोरोना वायरस के चलते ढाई माह के लॉक डाउन में फिल्म व टीवी इंडस्ट्री को ढाई हजार करोड़ रूपए का नुकसान हुआ है.  तथा फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े पांच लाख वर्करों को आर्थिक संकट से जूझना पड रहा है. फिल्म प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से निवेदन किया था कि फिल्म, टीवी सीरियल और वेब सीरीज की शूटिंग सुरक्षा उपायों के साथ शुरू करने की इजाजत दी जाए.

बहरहाल, रविवार, 31 मई की देर शाम महाराष्ट् के सांस्कृतिक विभाग ने ‘टू रिस्टार्ट मीडिया एंटरटेंनमेंट इंडस्ट्री इन महाराष्ट्’’नामक 16 पन्नों की गाइड लाइन्स स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर‘एस ओपी’’के साथ फिल्म,टीवी सीरियल और वेब सीरीज की शूटिंग शुरू किए जाने की इजाजत देने की अधिसूचना जारी हो गयी. शूटिंग शुरू करने के लिए हर किसी को सरकार द्वारा तय की गयी गाइड लाइन्स का पालन करना होगा. इसके अलावा कोविड 19 के सभी उपायों को अमल में लाना होगा.

ये  भी पढ़ें- Hardik Pandya ने फैंस को दी पिता बनने की खुशखबरी, 5 महीने पहले इस एक्ट्रेस संग की थी सगाई

टू रिस्टार्ट मीडिया एंटरटेंनमेंट इंडस्ट्री इन महाराष्ट्’’

जी हॉ!राज्य सरकार ने ‘टू रिस्टार्ट मीडिया एंटरटेंनमेंट इंडस्ट्री इन महाराष्ट्’’के तहत सोलह पन्नों की विस्तृत गाइडलाइन्स यानी कि ‘‘मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी)’’जारी कर फिल्म, टीवी सीरियल और वेब सीरीज की शूटिंग शुरू करने की इजाजत दी है.

shooting

इन गाइड लाइन में से कुछ इस प्रकार हैं:

1-शूटिंग के दौरान सेट पर मूल क्रू मेंबर के तेंतिस प्रतिात सदस्य ही मौजूद रहेंगें.

2-हर सेट पर एक एंबुलेंस, एक डॉक्टर और एक नर्स की उपस्थिति अनिवार्य

3-हर सदस्य के शरीर का तापमान कई बार जॉचा जाए.

4-मेकअप मैन पीपीई सूट पहनकर ही कलाकारों का मेकअप करेंगें. राज्य सरकार ने सुझाव दिया है कि संक्रमण से बचने के लिए मेकअप उपकरणों को अभिनेताओं को सौंपा जाना चाहिए.

5-बिना गहन मेडिकल जांच के स्टूडियो के अंदर किसी को भी प्रवेश करने की इजाजत नहीं होगी.

6-सभी कर्मचारियों को पहचान पत्र और अपने संगत उपकरणों पर डाउनलोड किए गए आरोग्य सेतु ऐप को शामिल करना है.

7-किसी भी गर्भवती कर्मचारी या एक कर्मचारी जिसकी पति या पत्नी उम्मीद कर रहे हैं, उन्हें सेट पर अनुमति नहीं दी जाएगी. 65 वर्ष से अधिक आयु के अभिनेताओं को सेट पर अनुमति नहीं दी जाएगी.

8-किसी भी दर्शक को कल्पना या गैर-काल्पनिक प्रोग्रामिंग के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी.

9-प्रोडक्शन आफिस के अंदर किस तरह की व्यवस्था हो,उसको लेकर भी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.

10-कास्टिंग निर्देशकों को डिजिटल औडीशन को प्राथमिकता देनी होगी.

  1. शूटिंग पूरी तरह से बंद परिसर में होगी,जिसके दरवाजे पूरे दिन के लिए बंद किए जाएंगे.
  2. चालक दल के सदस्यों और पहनने वाले मास्क के बीच अनिवार्य छह फीट की दूरी के अलावा सभी दरवाजों और फाटकों को सुरक्षा गार्डों द्वारा दरवाजे और हैंडल के स्पर्श को कम करने के लिए तैयार किया जाएगा.
  3. कोरोनवायरस खतरे के कम होने तक विवाह,बाजार या लड़ाई जैसे बड़े विस्तृत दृश्यों के फिल्मांकन पर रोक जारी रहेगी.
  4. कलाकार सेट पर अपने कम सहायक लेकर पहुॅचे.
  5. कलाकार का लुक टेस्ट,कास्ट्यूम की फिटिंग आदि की जांच उनके घरों पर ही की जाए.
  6. सेट पर कम से कम जूनियर आर्टिस्ट कलाकार हों.
  7. जो कलाकार या फिल्म युनिट का सदस्य कोरोना वायरस वाले क्षेत्र से आए, उसे 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया जाए. उसका दिन में दो बार तापमान की जांच की जाए.

महाराष्ट् के सांस्कृतिक विभाग की इस आदेश के अनुसार फिल्म की शूटिंग शुरू करने से पहले और बाद के सभी काम सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करते हुए करना होगा. इसमें कहा गया है कि अगर किसी ने नियमों का पालन ठीक से नहीं किया,तो शूटिंग बंद करा दी जाएगी. फिल्म, टीवी सीरियल और वेब सीरीज की शूटिंग के लिए भी ‘‘कोविड 19’’ के प्रतिबंधों व उपायो का पूरी तरह से पालन करना होगा.

shooting-guidelines

शूटिंग की इजाजत कैसे व कहां से मिलेगीः

फिल्म, सीरियल व वेब सीरीज की शूटिंग शुरू करने के लिए मंुबई के निर्माताओं को ‘‘संचालक,महाराष्ट् चित्रपट रंगभूमि और सांस्कृतिक विकास महामंडल,दादा साहेब फालके चित्रनगरी, गोरेगांव’’के पास आवेदन करना होगा. मुंबई के इतर जिले के निर्माताओं को अपने जिले के जिलाधिकारी के पास आवेदन करना होगा.

ये भी पढ़ें- 42 साल की कम उम्र में पौपुलर सिंगर वाजिद खान का निधन, जानें क्या है मौत की वजह

बौलीवुड में खुशी की लहरः

17 मार्च से बंद चल रहे फिल्म उद्योग को पुनः शुरू करने के सरकार के इस कदम का बॉलीवुड में स्वागत किया गया है. टेलीविजन और वेब, भारतीय फिल्म और टेलीविजन निर्माता परिषद के अध्यक्ष जेडी मजीठिया ने इसका स्वागत करते हुए ट्वीट किया है-‘‘मैं पूरे मनोरंजन उद्योग की ओर से उद्धवजी को धन्यवाद देना चाहता हूं. हमने 22 मई को जूम के माध्यम से बैठक की थी और आज हम यहां हैं!इस प्रक्रिया को तेज किया मनोरंजन उद्योग को फिर से शुरू करने के लिए. अब यह हमारी जिम्मेदारी है और हमारी सरकार को निराश नहीं करना है.‘‘

मराठी फिल्म और टीवी निर्माता नितिन वैद्य, जो भारतीय फिल्म और टीवी प्रोड्यूसर्स काउंसिल के सदस्य भी हैं,ने सरकार के इस कदम को फिल्म उद्योग के विकास के लिए बहुत बड़ी राहत की संज्ञा दी है. नितिन वैद्य ने ट्वीट किया है- ‘‘हमें खुशी है कि सरकार के साथ हमारी बातचीत में इतनी जल्दी ऐसा फैसला आया है. यह बिजली की गति है.  सभी तकनीशियन, लेखक, कलाकार सोच रहे थे कि हमारा काम कब शुरू होगा, क्योंकि उनका जीवन इन ढाई महीनों में एक ठहराव पर आ गया था.  हमारे पास कोई भी अस्थायी तारीख नहीं है, लेकिन प्रसारणकर्ताओं के लिए यह आवश्यक है कि वह शूटिंग शुरू करने के लिए आवश्यक अनुमतियां प्राप्त करें. ‘‘

इन फिल्मों की लगी लॉटरीः

अब अधूरी पड़ी फिल्मों का काम काज शुरू करने की राह बन गयी है. ज्ञातब्य है कि वरूण धवन और सारा अली खान की  फिल्म ‘‘कुली नंबर वन’’ की शूटिंग, डबिंग और स्पेशल इफेक्टस का काम पूरा हो चुका है, मगर पोस्ट प्रोडक्शन का काम बाकी है. सलमान खान और दिशा पाटनी की फिल्म ‘‘राधे’’की पांच दिन की शूटिंग बाकी है. निर्देशक कबीर खान की फिल्म ‘‘83’’ की शूटिंग और डबिंग का काम पूरा हो चुका है. मगर फाइनल मिक्सिंग बाकी है. अक्षय कुमार और किआरा अडवाणी की फिल्म ‘‘लक्ष्मी बम’’का पोस्ट प्रोडक्शन,मिक्सिंग,स्पेशल इफेक्टस,बैक ग्राउंड म्यूजिक का काम बाकी है. फिल्म ‘‘शेरशाह’’का एक दिन का पैचअप वर्क की शूटिंग तथा पोस्ट प्रोडक्शन का काम बाकी है. संजय दत्त की फिल्म ‘‘शमशेरा’’की शूटिंग पूरी हो चुकी है. लेकिन पोस्ट प्रोडक्शन बाकी है. फिल्म ‘‘लाल सिंह चड्ढा’’की तीस प्रतिशत शूटिंग बाकी है. अक्षय कुमार की फिल्म ‘‘सूर्यवंशी’’ की शूटिंग में दस बारह दिन का पोस्ट प्रोडक्शन का काम बाकी है.

किराए में छूट पर विचारः

पिछली बार महाराष्ट् के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बैठक के दौरान फिल्म उद्योग के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के सामने फिल्मसिटी स्टूडियों के किराए में छूट देने का निवेदन किया था और मुख्यमंत्री ने इस पर विचार करने की बात कही थी.  पर अभी तक इस पर कोई फैसला नही हुआ है.

Hardik Pandya ने फैंस को दी पिता बनने की खुशखबरी, 5 महीने पहले इस एक्ट्रेस संग की थी सगाई

इंडियन क्रिकेटर हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) अक्सर फैंस के बीच सुर्खियों में रहते हैं, वहीं उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में जानने के लिए फैंस हमेशा बेताब रहते हैं. हाल ही हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) ने अपनी पर्सनल लाइफ का खुलासा करते हुए बताया है कि वह अपनी गर्लफ्रेंड नतासा स्तानकोविक (Natasa Stankovic) के साथ फैमिली प्लानिंग कर रहे हैं. वहीं वायरल फोटोज में नतासा स्तानकोविक (Natasa Stankovic) अपना बेबी बंप फ्लौंट करती नजर आ रही हैं. आइए आपको दिखाते हैं हार्दिक और नतासा की वायरल फोटोज….

फैंस को ऐसे दी खुशखबरी

हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) और नतासा स्तानकोविक (Natasa Stankovic) ने अपनी प्रेग्नेंसी की न्यूज का ऐलान सोशल मीडिया पर करते हुए बताया है कि दो जल्दी ही मम्मी-पापा बनने वाले है. इन फोटोज में दोनों जमकर जश्न मनाते दिखाई दिए थे. इन दोनों की खुशी में पूरा देश शरीक हो गया था.

ये भी पढ़ें- बेबी बंप फ्लॉन्ट करती दिखीं ‘Kumkum Bhagya’ एक्ट्रेस Shikha Singh, Photos Viral

5 महीने पहले हुई थी सगाई

 

View this post on Instagram

 

🤍🥰 @hardikpandya93

A post shared by Nataša Stanković✨ (@natasastankovic__) on

इसी साल की शुरुआत 1 जनवरी 2020 को हार्दिक पांड्या ने सोशल मीडिया के जरिए फैंस को इस बात की जानकारी दी थी कि दोनों ने सगाई कर ली. वहीं प्रैग्नेंसी  की खबर के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि हार्दिक और नतासा ने चुपके से शादी कर ली है.

होली पर भी थी पांड्या परिवार में थी शामिल

 

View this post on Instagram

 

Sunday funday 🎉

A post shared by Nataša Stanković✨ (@natasastankovic__) on


नतासा स्तानकोविक होली के मौके पर पांड्या परिवार में शामिल हुई थीं. इस वक्त भी क्रिकेटर ने उन्हें अपने परिवार का हिस्सा बताया था. हालांकि हार्दिक पांडया और नताशा स्तानकोविक ने कभी शादी को लेकर ऐलान नहीं किया है. लेकिन हाल ही में हार्दिक पांडया ने प्रेग्नेंसी के ऐलान के साथ एक और फोटो भी सोशल मीडिया पर शेयर की है, जिसमें दोनों वरमाला पहने दिख रहे हैं. जिसके बाद से कयास लग रहे हैं कि दोनों ने चुपचाप शादी भी कर ली है.

बता दें. हार्दिक पांड्या अक्सर बौलीवुड एक्ट्रेसेस के साथ डेटिंग की खबरों के चलते सुर्खियों में बने रहते हैं. वहीं अचानक पिता बनने की खुशखबरी से हार्दिक पंड्या के फैंस उन्हें बधाई दे रहे हैं.

Priyanka Chopra ने बताया बालों की देखभाल का देसी नुस्खा, पढें खबर

इन Lockdown में कई फिल्म सेलेब्रेटीज नें खानपान, पहनावे और अपनें खूबसूरती के लिए अपनाए जाने वाले राज अपने फैन्स के लिए साझा किये हैं. इसी कड़ी में एक नया नाम और जुड़ गया है वह हैं प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) का. उन्होंने अपने इन्स्टाग्राम एकाउंट पर एक वीडियो साझा कर रूखे और डैंड्रफ वाले बालों के लिए देशी नुख्सा साझा किया और बताया की किस तरह से हम घरेलू चीजों का  उपयोग कर बालों में खूबसूरती ला सकतें हैं. उन्होंने अपने वीडियो पोस्ट के कैप्शन में लिखा है “धूल से मुक्ति वाले इस माहौल में आप घर पर इसे ट्राई कर सकते हैं. मेरी मां ने मुझे यह सिखाया था. मेरी मां को उनकी मां ने सिखाया था.”

आप फुल फैट वाली दही लें, एक चम्मच उसमें मधु मिलाएं. फिर एक अंडा फोड़कर डालें. इसे अपने बालों पर अप्लाई करें और 30 मिनट तक छोड़ दें. फिर हल्के गर्म पानी से इसे धो लें”. (few years ago I shared some DIY beauty hacks with @voguemagazine. Seems like a good time to dust these off to try during quarantine. This is a recipe for a hair treatment that my mom taught me, and her mom taught her. Full Fat Yogurt, 1 tsp honey, 1 egg. Let it sit in your hair for 30 min and rinse with warm water.)

ये भी पढ़ें- 19 दिन 19 टिप्स: फेस पर वैक्स करने से पहले जरूर जान लें ये बातें

उन्होंने अपने इस वीडियो में इस देसी नुस्खे को अजमाने के बाद आने वाले महक के बारे में भी बताया और कहा की यह “यह मेरे लिए तो बहुत अच्छा काम करता है, लेकिन इसकी गंध आपको पसंद न आये, इस लिए अपने बालों से दही महक को पूरी तरह से हटाने के लिए आपको दो बार शैंपू की जरूरत होगी. उसके बाद कंडीशनर की भी( Disclaimer: while this works wonders (for me), it doesn’t smell the best. You may need to shampoo twice to remove all the yogurt, and then condition as usual).

उनके इस वीडियो पर कई लोगों नें कमेन्ट कर सवाल भी किये एक यूजर नें इस देशी नुख्से को लेकर सवाल किया की मैम निक भैया को देती हो न टाइम –टाइम पर (Mam Nick bhaiya ko deti ho na time time par) वहीँ एक यूजर नें लिखा आप को धन्यवाद, इसकी हमें जरुरत थी. एक नें लिखा आप बहुत क्यूट हो प्रियंका जी. एक नें लिखा जंगली बिल्ली लव यू. एक यूजर नें लिखा की इस देशी नुख्से को मेरा पूरा परिवार यूज करता है.

 

View this post on Instagram

 

Healthcare professionals around the world are working everyday to ensure our safety and fighting for us on the frontlines. Their courage, commitment and sacrifices are saving innumerable lives in this global pandemic. 🙏🏽⁣ ⁣ While we cannot even imagine what’s it like to be in their shoes, over the past several weeks, @crocs has donated thousands of pairs to the heroes in these photos to ensure that they are not only comfortable in them, but safer in them too. Because of this, I’m so proud to partner with them to give 10,000 pairs to healthcare workers at @cedarssinai in Los Angeles and 10,000 more to healthcare professionals in public/government hospitals across India. 💛

A post shared by Priyanka Chopra Jonas (@priyankachopra) on

ये भी पढ़ें- 19 दिन 19 टिप्स: 200 के बजट में खरीदें ये 4 मैट लिपस्टिक

प्रियंका चोपड़ा द्वारा बालों की देखभाल को लेकर शेयर किये गए इस वीडियो 21 लाख 86 हजार बार से ज्यादा देखा जा चुका है इससे हम अंदाज लगा सकते हैं की प्रियंका के इस नुख्से को लोग कितना लाइक कर रहें हैं.

#coronavirus: लौकआउट की ओर नौरमल नहीं, कहिए न्यूनौरमल लाइफ

दुनिया ने मान लिया है कि कोरोना फिलहाल तो रहेगा. इस के ख़त्म होने का इंतजार अब कोई नहीं कर रहा. सो, तक़रीबन हर देश लौकडाउन से लौकआउट की ओर बढ़ चला है. भारत ने भी कदम बढ़ा दिया है. लौकडाउन में रहते हुए ढील पर ढील दी जा रही है.

लेकिन, हर भारतवासी के दिमाग में सवाल यह है कि क्या वह अपनी पुरानी ज़िंदगी फिर से जी पाएगा? इस का कड़वा जवाब यह है कि फिलहाल तो कोरोना के साथ जीने की आदत डाल लीजिए. न सिर्फ आदत डाल लीजिए बल्कि रोजमर्रा की ज़िंदगी में बहुत सी जरूरी चीजें जो पूरे लौकआउट के बाद बदलने जा रही हैं, उन्हें अपनाना भी अभी से सीख लीजिए क्योंकि कोरोना हम सब के साथसाथ चलेफिरेगा. कोरोना से पहले की ज़िंदगी जीने का तरीका बदलना होगा. हाथ मिलाना और गले लगना अब शायद तसवीरों में ही देखने को मिले. अभी तक कोरोना ने पैनडेमिक बन कर तबाही मचाई. अब कहा जा रहा है कि यही कोरोना एनडेमिक भी बन सकता है.

पैनडेमिक के बाद यह एनडेमिक क्या बला है, आप यह सोच रहे होंगे. दरअसल, पैनडेमिक महामारी को कहते हैं, जबकि एनडेमिक उस हालत को कहते हैं जिस में एक वायरस इंसानों के साथ घूमता रहता है. इस दौरान वह उन पर असर डालता है जिन के शरीर ने या तो उस से लड़ने की क्षमता पैदा नहीं की है या फिर उन्हें इसकी वैक्सीन नहीं लगी है. ज़ाहिर है कोरोना वायरस की वैक्सीन तो फिलहाल बनी नहीं है. ऐसे में यह इंसानों के साथ ही घूमता रहेगा.

वर्ल्ड हेल्थ और्गेनाइज़ेशन यानी डब्लूएचओ के इमरजेंसी एक्सपर्ट माइक रायन के मुताबिक, एक तो कोरोना जल्दी खत्म नहीं होगा और दूसरा यह कि वह एनडेमिक वायरस बन कर हमेशा हमारे साथ ही रहने वाला है. हो यह भी सकता है कि यह कोरोना वायरस हमारे बीच से कभी जाए ही नहीं ठीक वैसे ही जैसे एचआईवी और डेंगू जैसे वायरस आज भी हमारे बीच मौजूद हैं, जिन की वैक्सीन अभी तक नहीं बन पाई है और जिन के साथ अब हम ने जीना सीख लिया है. इसी तरह हमें कोरोना वायरस के साथ भी रहना सीखना होगा.

लौकडाउन से लौकआउट में आने पर पुरानी नौरमल लाइफ नहीं बल्कि न्यूनौरमल लाइफ होगी. पुरानी नौरमल लाइफ को तो भूल ही जाइए. यहां एक नज़र डालते हैं न्यूनौरमल लाइफ पर :

सामाजिक दूरी

तालाबंदी हटाए जाने के बाद भी 2 गज यानी 6 फुट की सामाजिक दूरी बनाए रखने का पालन करते रहना होगा. देश में लगने वाली लंबीलंबी कतारें, भीड़भरे बाज़ारों, दुकानों, मार्केट, रेस्तरां, सिनेमाहौल, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डा, शादीघर और यहां तक कि श्मशान और क़ब्रिस्तान तक में इंसान को इंसानों से दूर ही रहना पड़ेगा.

नाकमुंह ढकना और सैनिटाइज़र

मोबाइल की तरह मास्क और सैनिटाइज़र रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा होंगे. पूर्वी एशियाई देशों यानी चीन, जापान और हौंगकौंग में तो सर्दी के मौसम में इंफैक्शन फैलते ही लोग पहले से मास्क और ग्लव्ज़ का इस्तेमाल करते रहे हैं. मास्क और सैनिटाइज़र भारत में, आमतौर पर, इस्तेमाल करना आसान नहीं है. इतना ही नहीं, यह आदत अपनाना भारतीयों के लिए महंगा सौदा भी है.

डिजिटल भुगतान

वायरस के साथ रहने की वजह से ज़्यादातर खरीदफरोख्त डिजिटल ट्रांज़ैक्शन के ज़रिए ही होंगी. लोग बैंक जाने से और नकदी इस्तेमाल करने से बचेंगे क्योंकि इससे बारबार संक्रमित होने का खतरा कायम रहेगा.

घर से काम यानी वर्क फ्रौम होम

कार्यालय, कंपनियां, संस्थानों के प्रबंधन जितना मुमकिन हो सकेगा अपने कर्मचारियों से घर से ही काम करवाएंगे. आईटी कंपनियों के ज़्यादातर काम तो कर्मचारी अपनेअपने घरों से ही करेंगे. वहीं, स्टैंडफोर्ड की स्टडी बताती है कि घर से काम करने वाले कर्मचारी दफ्तर में काम करने वालों से ज़्यादा प्रोडक्टिव और क्रिएटिव होते हैं. ज़ाहिर है कंपनियों को इस नए चलन को अपनाने में ज़रा भी तकलीफ नहीं होगी.

औफिस में चेंज

हर औफिस के सभी कर्मचारी घर से काम यानी वर्क फ्रौम होम नहीं करेंगे. कुछ कर्मचारी औफिस में जा कर काम करेंगे. ऐसे कर्मचारियों की औफिस के गेट परकी थर्मल स्क्रीनिंग होगी. औफिस में हाथ धोने और आनेजाने वाले द्वार पर हैंड सैनिटाइजर की व्यवस्था होगी. कार्यस्थलों में नियमित तौर पर सैनिटाइजेशन किया जाता रहेगा. शिफ्ट बदलने के दौरान भी रखें सफाई का खास ध्यान रखना होगा.

शिक्षा संस्थानों में बदलाव

स्कूल में पढ़ाई का तरीका काफी हद तक बदला जाएगा. बच्चे एकदूसरे को छूने या हाथ मिलाने से बचेंगे. एकदूसरे के साथ खेल नहीं सकेंगे. साथ ही, बच्चों के बैठने की व्यवस्था भी सोशल डिस्टेंसिंग के हिसाब से की जाएगी और बहुत ज़्यादा मुमकिन है कि डिजिटल एजूकेशन यानी कंप्यूटर के ज़रिए पढ़ाई इतनी सामान्य और चलन में आ जाए कि बच्चे स्कूल जाना ही बंद कर दें.

आवाजाही में परिवर्तन

यातायात के तरीकों में तो बहुत सारे बदलाव अभी से देखने को मिलने लगे हैं. हाल ही में भारत सरकार ने एयर ट्रांसपोर्ट के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. मसलन, आरोग्य सेतु ऐप मोबाइल पर इंस्टौल करना ज़रूरी है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा, मास्क पहनना होगा और थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी. इस तरह के कई और नियम कानून बनाए गए हैं जो रोडवेज़, मैट्रो और रेलवे के लिए भी अपनाए जाएंगे. निजी वाहनों के लिए भी नए नियम होंगे, मसलन टूव्हीलर पर एक और फोरव्हीलर पर दो ही लोगों के बैठने की अनुमति आदि.

बदल जाएगी इंडस्ट्री

कोरोना के काल के बाद इंडस्ट्री और उस के काम करने का तरीका भी पूरी तरह से बदल जाएगा. लेबर कम हो जाएंगे. और जो होंगे भी उन्हें सोशल डिस्टेंसिग का पालन करना होगा. हर सैक्टर में कंपनियों को अपने कर्मचारियों का हेल्थ इंश्योरैंस कराना होगा. और कंपनियों में औटोमेशन बढ़ जाएगा यानी, काम इंसानों से कम कराया जाएगा जबकि मशीनों से ज़्यादा किया जाएगा.

अमेरिकी अखबार ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक महामारी कोविड-19 की वैक्सीन विकसित करने और फिर बाजार में लाए जाने के बाद भी कोरोना वायरस सालों तक यहीं रहने वाला है. यह महामारी एचआइवी, चेचक जैसे ही हमेशा रहने वाली है. वैश्विक महामारी के विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 के लंबे समय तक रहने के आसार हैं.

सो, कोरोनामय हालात में लौकडाउन के सरकारी तौर पर पूरी तरह से खत्म कर दिए जाने यानी लौकआउट होने के बाद सभी देशवासियों को छुआछूती वायरस से बचे रहने के लिए खुद को खुद के लौकडाउन में रहना होगा, ताकि सभी सुरक्षित रहें और स्वस्थ रहें.

जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद, अमेरिका में काले लोगों ने किया हिंसक प्रदर्शन

लेखक- शम्भू शरण सत्यार्थी

अमेरिका के मिनीपोलिस शहर मे एक गोरे पुलिस अधिकारी द्वारा कस्टडी में काले रंग के जॉर्ज फ्लॉयड की गला दबाकर हत्या कर दी गई. जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ अमेरिकी स्थानीय लोगों ने जॉर्ज को इंसाफ दिलाने के लिए प्रदर्शन किया और धीरे ही धीरे यह प्रदर्शन हिंसा के रूप में बदल गया.

यूं तो कहने को आज रंगवादी भेदभाव और जातीय भेदभाव के मामलों का पूर्ण रूप से खात्मा हो गया है. किंतु सच तो यह है कि आज भी इस आधुनिक विश्व में जाती एवं चमड़ी के रंगो के आधार पर सामाजिक भेदभाव जिंदा है. वर्तमान में इसका जीता जागता उदाहरण अमेरिका मे तब सामने आया जब एक गोरे ऑफिसर द्वारा काली चमड़ी के जॉर्ज फ्लॉयड का गला दबाकर हत्या कर दिया गया. इस हत्या के बाद अमेरिका के मिनीपोलिस शहर के स्थानीय लोगों द्वारा घटना के विरोध में प्रदर्शन किया गया. देखते ही देखते यह प्रदर्शन पूरे अमेरिका में फैल गया.

क्या है रंग वादी भेदभाव और जातीय भेदभाव?

जैसे भारत में लोगों की ऊंची-नीची जातियों के आधार पर भेदभाव किया जाता है, दलितों को समाज के कई अधिकारों से वर्जित किया जाता है, उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर समझा जाता है और हर जगह स्वतंत्र रूप से आने-जाने की आजादी पर समाज के 10 से 12% सवर्णों द्वारा रोक लगाया जाता है,जातिय भेदभाव कहलाता हैं. ठीक उसी प्रकार अमेरिका की जनसंख्या का 50 से 55% हिस्सा गोरी चमड़ी वाले लोगो का है तो वही 15% काली चमड़ी वाले लोगो का. इन गोरी चमड़ी वाले लोगों द्वारा इतिहास काल से ही काली चमड़ी वाले लोगो पर दबदबा बना रहा है. आज भी कई जगह अमेरिका में लोगों के गोरे- काले के आधार पर उनके साथ अच्छा या बुरा सुलूक किया जाता है. गोरे नागरिकों द्वारा काली चमड़ी वालों को हीन भाव से देखा जाता है एवं उनके साथ गुलामो के तरह व्यवहार किया जाता है. हालांकि पहले से इसकी संख्या मे काफी कमी हुई है. किंतु अमेरिका में आज भी कुछ लोगों पर यह मामले खरे साबित होते हैं.ऐसा ही एक उदाहरण तब सामने आया जब काली चमड़ी वाले जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या एक गोरे पुलिस ऑफिसर द्वारा कर दी गई. और इस घटना ने आज अमेरिका में एक हिंसक प्रदर्शन को जन्म दिया.

ये भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट के भीतर कुछ हाईकोर्टों पर वार

 

View this post on Instagram

 

#Jcole protesting in #Fayetteville. ✔️ #georgefloyd #swipe

A post shared by Media Butter – News Media Ent (@themediabutter_) on

कौन था जॉर्ज फ्लॉयड और क्या है अमेरिका में प्रोटेस्ट का कारण?

46 वर्ष का जॉर्ज फ्लॉयड एक अश्वेत(काला) अमेरिकी नागरिक था. जॉर्ज पिछले 5 वर्षों से अमेरिका के मिनेसोटा प्रांत के मिनीपोलिस शहर मे रह रहा था. एक व्यक्ति द्वारा स्थानीय पुलिस विभाग को जॉर्ज की जालसाजी की शिकायत मिली. 25 मई को जॉर्ज फ्लायद को पुलिस द्वारा कस्टडी में लिया गया. गोरे रंग के 44 वर्षीय डेरेक चाउवीन नामक पुलिस अधिकारी ने अपने घुटने से जॉर्ज का गला दबाकर हत्या कर दी. मर्डर का यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ. इस वीडियो में काले रंग का जॉर्ज एक गाड़ी के पिछले चक्के के पास मुंह के बल पड़ा मिला और वह गोरा अफसर अपने घुटने के बल से जॉर्ज के गर्दन को दबाता दिखाई दे रहा था. इस 8 मिनट में जॉर्ज गोरे अधिकारी से घुटना हटाने की गुहार करता रहा. काले रंग के जॉर्ज ने कहा, “मैं मरने वाला हूं, मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं”, “मुझे पानी दे दो”, “आई कांट ब्रेथ, आई कांट ब्रेथ” और इसी वाक्य के साथ जॉर्ज ने अपनी सांसे तोड़ दी. जॉर्ज की मृत्यु के बाद स्थानीय लोगों ने अश्वेतों पर हो रहे अपराध को अपना आधार बनाकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. धीरे धीरे इस गोरे-काले के प्रदर्शन ने पूरी अमेरिका को हिला दिया.

प्रदर्शन ने लिया हिंसक रूप, वाइट हाउस को भी करना पड़ा बंद

जैसे ही जॉर्ज की हत्या का वह क्रूर वीडियो सोशल मीडिया पर पर वायरल हुआ. मिनियापोलिस के स्थानीय लोगों ने रंगभेद को अपना आधार बनाकर गोरे ऑफिसर और घटिया सिस्टम के विरुद्ध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. देखते ही देखते यह प्रदर्शन अमेरिका के अन्य शहरो जैसेफिनिक्स, डेनवर, लास वेगास, लॉस एंजिलिस और कई अन्य शहरों में फैल गया. हजारों की संख्या में लोगों ने इसका समर्थन किया और “आई कांट ब्रेथ, मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं” के पोस्टर लगाएं. कुछ ही घंटों बाद इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया. लोगों ने पुलिस की गाड़ियां जला दी, कई संस्थानों को भी जलाया, रास्ते को जाम कर दिया, दो रेस्टोरेंट में घुसकर लोगों ने काफी तोड़फोड़ की, सरकारी संस्थाओं पर भी आघात किया गया.बृहस्पतिवार, 28 मई को, हिंसक प्रदर्शनकारियों ने मिनीपोयलिस की उस पुलिस चौकी को भी फूंक दिया जहां जॉर्ज फ्लॉयड को गिरफ्तार किया गया था. यह प्रदर्शन सड़क से अब व्हाइट हाउस के सामने जा पहुंचा. जहां लोगों ने हजारों की संख्या में नारेबाजी और तोड़फोड़ की. जिसके कारण व्हाइट हाउस को भी बंद कर दिया गया. इस हिंसक प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस द्वारा आंसू गैस और रबर की गोलियों का भी प्रयोग किया गया. किंतु यह प्रयास विफल रहा.मेयर जैकब फ्रे ने शुक्रवार 29 मई को रात 7 बजे से शहर भर में कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया. तब तक यह प्रदर्शन पूरे देशभर में फैल गया और वॉशिंगटन डीसी, अटलांटा, फिनिक्स, डेनवर और लॉस एंजिलिस समेत कुछ शहरों में इसने हिंसक रूप ले लिया. लोगों ने कर्फ्यू के बाद भी अपना प्रदर्शन जारी रखा. और कर्फ्यू लगाने का भी कोई फायदा सामने नहीं आया. लोग इस घटना को लेकर काफी उग्र हो गए थे और ट्रंप के हिंसक ट्वीट के बाद प्रदर्शन में और तेजी देखी गई.

गोरे डेरेक चांउविन को मिली सजा और पत्नी ने भी दे दी तलाक की अर्जी

प्रदर्शन के बाद जॉर्ज फ्लॉयड के हत्यारे डेरेक चांउविन पर थर्ड-डिग्री मर्डर का केस दर्ज किया गया. साथ ही अन्य गोरे पुलिस ऑफिसर जो डेरेक चांउविन के साथ थे, उनको नौकरी से सस्पेंड किया गया. असल में 1994 में अपराधी को कस्टडी के दौरान चॅक होल्ड(गला दबाना जिससे उसकी सांस रुक जाए) करने पर रोक लगा दिया गया था. किंतु इसके बावजूद भी अमेरिका के गोरे पुलिस ऑफिसर अश्वेतों पर इस पैंतरे को आज भी इस्तेमाल करते हैं. अभी इस मामले को एफबीआई को जांच करने के लिए सौंप दिया गया है.
डेरेक चांउविन की पत्नी कैली भी इस घटना से काफी चिंतित है और उन्होंने प्रदर्शन का साथ देते हुए अपने पति से तलाक की अर्जी दर्ज करवा दी. कैली की शादी के बाद अभी तक इनका कोई बच्चा नहीं है.

प्रदर्शन को रोकने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया हिंसा फैलाने वाला ट्वीट, ट्विटर ने ट्वीट को हिंसा करार देते हुए हटाया

जब इस पूरी घटना की खबर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मिली तो उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान सख्त कदम उठाने की बात कही. हालांकि प्रेस मीटिंग के बाद भी डोनाल्ड ट्रंप का मन नहीं भरा और उन्होंने ट्विटर पर मिनेसोटा के गवर्नर को ट्वीट किया कि वे जल्द ही इस प्रदर्शन को रोकने की कोशिश करेंगे. जरूरत पड़ने पर शहरों में नेशनल गार्ड की तैनाती भी की जाएगी. हालांकि उन्होंने अपनी ट्वीट में प्रदर्शनकारियों को संदेश देते हुए लिखा कि जब भी लूटिंग शुरू होती है तो वहां शूटिंग होती है. जहां डोनाल्ड ट्रंप को समझते हैं को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने का प्रयास करना चाहिए था. वही उनकी उस ट्वीट ने आग में घी डालने का काम किया. इस ट्वीट कि लोगों ने काफी निंदा की और इस ट्वीट के बाद लोगों का प्रदर्शन और तेजी से बढ़ा साथ ही साथ लोगों के बीच हिंसा भी देखने को मिली.
ट्विटर ने डोनाल्ड ट्रंप के इस ट्वीट को हिंसा करार देते हुए उनकी टाइमलाइन से हटा दिया. यह एक शक्तिशाली देश के राष्ट्रपति के लिए काफी ही निंदा की बात है.

अमेरिका में पहले भी ऐसी ही एक घटना ने ‘आई कांट ब्रेथ’ नमक आंदोलन को जन्म दिया था

43 वर्ष के एरिक गार्डनर अमेरिका के निवासी थे. एरिक को अस्थमा की बीमारी थी. जिसके कारण उन्हें बागवानी विभाग की स्थाई नौकरी छोड़नी पड़ी. हालांकि एरिक का अक्षर पुलिस से पाला पढ़ते रहता था. एरिक को 30 बार स्थानीय पुलिस द्वारा अरेस्ट किया गया था. पुलिस वालों का कहना था कि एरिक इनकम टैक्स बचाने के लिए फुटपाथ पर फुटकर सिगरेट बेचता है. हालांकि एरिक ने वर्ष 2007 में पुलिस विभाग की कंप्लेन कोर्ट में भी की. जिसमें एरिक का कहना था कि पुलिस वाले बेवजह उन्हें परेशान करते हैं. सड़क पर तलाशी के बहाने उनके गुप्तांगो में उंगली डालते हैं. 17 जुलाई 2014 को पुलिस ने एरिक को रोड पर झगड़ते देखा. जैसे ही पुलिस वाले एरिक के पास पहुंचे तो एरिक डर गया. एरिक ने पुलिस वालों से पूछा कि वह बेवजह उसे तंग करने क्यो आ जाते हैं? इस पर नाराज हो डेनियल पैंटालियो नामक अफसर ने एरिक की गर्दन अपनी बाहों में पकड़ ली, जिसे चाॅक होल्ड कहते हैं. एरिक को पहले से ही अस्थमा की बीमारी थी इसलिए एरिक करने अपनी सांसे तोड़ दी और उनकी भी हत्या हो गई.2014 कि उस घटना को आज फिर 2020 में दोहराया गया. दोनों ही घटनाओं में कुछ समानताएं थी. जो अमेरिका में छुपे रंग- भेद की भावना को पूरे देश के सामने उजागर करने के लिए पर्याप्त है.
वर्ष 2014 में एरिक एक काले चमड़ी वाले अमेरिकी नागरिक थे और आज जॉर्ज फ्लॉयड भी एक अश्वेत ही थे.
वर्ष 2014 में डेनियल पैंटालियो भी एक गोरा पुलिस अधिकारी था और आज डेरेक चांउविन भी एक गोरा पुलिस अधिकारी है. जो इस बात को दिखाता है कि गोरे रंग के अधिकारी काले रंग के नागरिकों को देखना नहीं चाहते.
हालांकि इस घटना में भी ‘आई कांट ब्रेथ’ वाक्य के साथ ही काले चमड़ी वाले जॉर्ज फ्लॉयड ने अपनी सांस रोक ली. उस समय यह वाक्य एक आंदोलन बन गया था और आज इस वाक्य ने एक हिंसक आंदोलन को अमेरिका में जन्म दे दिया. जिसमें भविष्य में रंगो के आधार पर भेदभाव को रोकने की मांग की जा रही है ताकि जॉर्ज फ्लॉयड को इंसाफ मिल सके.

ये भी पढ़ें- विश्व तंबाकू निषेध दिवस: बुरे से बुरे नतीजों के बावजूद दुनिया में रोके नहीं रुक रहा धूम्रपान

अमेरिका के इस घटना के बाद भारत को भी सीखने की जरूरत है

अमेरिका में जहां 50 से 55% गोरी चमड़ी वाले लोगों द्वारा 15% काली चमड़ी वालों पर दबाव बनाया जाता है उसके ठीक विपरीत हमारे भारत में मात्र 10 से 12% सवर्णों द्वारा शेष दलित और अन्य जाति पर हुकूमत चलाया जाता है. अमेरिका में अच्छी बात यह है की गोरी चमड़ी वाले लोग भी काले लोगों के इस आंदोलन का बढ़-चढ़कर समर्थन कर रहे हैं. इससे ना केवल भारत अपितु अन्य देशों को भी यह समझने की आवश्यकता है कि हमारा आज का समाज ऐसे भेदभाव को कोई जगह नहीं देता. हालांकि अभी भी हमारे समाज में ऐसी नीच सोच वाले कुछ लोग हैं. उन्हें जरूरत है इस आंदोलन से कुछ सीखने की. आज चाहे भारतीय सवर्णों के पास अपार पूंजी क्यों ना हो? किंतु उस पूंजी को बनाने वाले भारतीय दलित ही है. उनके तपती धूप में मेहनत के बाद ही एक सवर्ण घर की सुख सुविधाओं का लाभ उठा पाता है. इसलिए समाज में दोनों ही जाति और रंग के लोगों की आवश्यकता है.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें